Rechercher dans ce blog

Friday, June 30, 2023

80...100 य 120 Kmph! जस सडक वस रफतर गड नकलन स पहल जरर पढ ल य खबर - Aaj Tak

Speed Limit On Indian Roads: जब आप अपनी कार या बाइक से घर से निकलते हैं तो उस वक्त आप यही सोच रहे होते हैं कि जितनी जल्दी हो सके मंजिल तक पहुंचा जाए. इस चक्कर में ज्यादातर लोग सेफ्टी को दरकिनार कर वाहन की रफ्तार भी बढ़ा देते हैं. लेकिन इस जल्दबाजी और लापरवाही के चलते लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ जाता है. 
कई बार एक्सीडेंट के रूप में तो कई बार भारी चालान की सूरत में. 

'स्पीड थ्रील्स बट किल्स' आपने एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर यह लाइन लिखी हुई जरूर देखी होगी. ये पक्तियां आपको कार के एक्सलेटर पर दिए जाने वाले दबाव को कम करने की याद दिलाती हैं, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित हो सके. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को लेकर भी कुछ मानक और नियम तय किए गए हैं, जो कि अलग-अलग तरह की सड़कों और वाहनों के अनुसार भिन्न है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर आपको भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है. तो घर से गाड़ी निकालने से पहले इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है- हम यहां पर ग्रॉफिक्स के जरिए अलग-अलग सेग्मेंट के वाहनों के अनुसार विभिन्न तरह के सड़कों पर वाहनों की तय रफ्तार के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और मालवाहक इत्यादि सभी शामिल हैं-  

चालक सहित अधिकतम 9 सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

सड़कों पर वाहन की रफ्तार के लिए नियम: 

सरकार देश में अलग-अलग सड़कों के लिए वाहनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रही है. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "सरकार वाहनों की गति सीमा के लिए नए नियमों को लागू करने तैयारी कर रही है क्योंकि भारत का नया राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेज गति को संभालने में सक्षम है."

हालांकि सरकार ने 6 अप्रैल, 2018 को देश के विभिन्न श्रेणियों की सड़कों पर किलोमीटर प्रति घंटे में मोटर वाहनों की अधिकतम गति तय करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी. उस वक्त सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने के नए नियमों के बारे में बताया था.

चालक सहित 10 या उससे ज्यादा सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

एक्सप्रेसवे: (एक्सेस कंट्रोल के साथ)

देश के एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मोटर वाहन जिनमें ड्राइवर की सीट के अलावा अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. ऐसे वाहनों को M1 श्रेणी में रखा गया है. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

मालवाहक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले N कैटेगरी के वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. इसके अलावा जिन एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल की अनुमति है वहां पर दोपहिया वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. हालांकि दिल्ली-मुंबई जैसे एक्सप्रेसवे पर दोपहिया, क्वाड्रिसाइकिल और तीन पहिया वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है. 

दोपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

4-लेन और उससे ज्यादा वाले हाइवे: (मीडियन स्ट्रिप्स/डिवाइडर वाली सड़कें)

आप अपनी कार (M1 श्रेणी के वाहन) को 4-लेन और उससे अधिक लेन वाले राजमार्गों पर मध्य पट्टियों और डिवाइडर वाले विभाजित कैरिजवे पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से चला सकते हैं. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उन्हें अधिकतम 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलाने का नियम है.

N कैटेगरी यानी कि मालवाहकों के लिए स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है. इसके अलावा दोपहिया के लिए 80Kmph, क्वॉड्रिसाइकिल के लिए 60Kmph और तिपहिया वाहनों के लिए अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है. 

तिपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

नगर निगम सीमा के भीतर की सड़क:

नगर निगम सीमा के भीतर आने वाली सड़कों के लिए अलग नियम तय किए गए हैं. ऐसी सड़कों पर M1 श्रेणी के वाहन यानी जिसमें अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 70 Kmph तय की गई है. वहीं M2 और M3 श्रेणी जिनमें ड्राइवर के अलावा 9 या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है.

क्वाड्रिसाइकिल वाहनों के लिए स्पीड लिमिट

इसके अलावा N कैटेगरी में आने वाले मालवाहक और दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 60 Kmph, वही क्वाड्रिसाइकिल और तिपहिया मोटर वाहन जैसे ऑटो इत्यादि के लिए मैक्सिमम स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसके अलावा अन्य सभी सड़कों पर भी वही स्पीड लिमिट लागू होती है, जो कि नगर निगम वाली सड़कों के लिए तय किए गए हैं. 

क्या होता है क्वाड्रिसाइकिल:
 

छोटे वाहनों की एक नई श्रेणी - क्वाड्रिसाइकिल, को भारत सरकार और विशेष रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2018 में नए व्हीकल कैटेगरी के तौर पर अप्रूव किया था. एक क्वाड्रिसाइकिल 3.6 मीटर से अधिक लंबी नहीं हो सकती, इसका इंजन 800cc से छोटा होना चाहिए और इसका वजन 475 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए. वर्तमान में, भारत में केवल कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां ही क्वाड्रिसाइकिल बनाती हैं. सरकार द्वारा 2018 में वाहन पेश करने की अनुमति देने के बाद, बजाज ऑटो लिमिटेड इस सेगमेंट के तहत 'Bajaj Qute' को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने वाला पहला ब्रांड था.

मालवाहक के लिए तय स्पीड

क्या एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहन चला सकते हैं?  

वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र कोडल प्रावधानों के चलते एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं है. देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) को हाल ही में शुरू किया गया है. यहां पर बाइक और स्कूटर समेत दोपहिया वाहन नहीं चला सकते हैं. वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश निषिद्ध है.

चूकिं एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार ज्यादा रहती है ऐसे में दोपहिया वाहनों को उसी स्पीड में चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. वहीं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. 

Adblock test (Why?)


80...100 या 120 Kmph! जैसी सड़क वैसी रफ्तार, गाड़ी निकालने से पहले जरूर पढ़ लें ये ख़बर - Aaj Tak
Read More

Thursday, June 29, 2023

Haryana News एफआईआर दर स दरज हन क आधर बनकर मआवज क दव खरज करन गलत- हई करट.. - दनक जगरण (Dainik Jagran)

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि मोटर वाहन हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति की विधवा का मुआवजे का दावा केवल एफआईआर में देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। मुआवजे के दावे की जांच सिविल कार्यवाही है और संभावनाओं पर आधारित सबूत ही विवादित तथ्यों के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जा सकते हैं।

Adblock test (Why?)


Haryana News एफआईआर देरी से दर्ज होने को आधार बनाकर मुआवजे का दावा खारिज करना गलत- हाई कोर्ट.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

Wednesday, June 28, 2023

80...100 य 120 Kmph! जस सडक वस रफतर गड नकलन स पहल जरर पढ ल य खबर - Aaj Tak

Speed Limit On Indian Roads: जब आप अपनी कार या बाइक से घर से निकलते हैं तो उस वक्त आप यही सोच रहे होते हैं कि जितनी जल्दी हो सके मंजिल तक पहुंचा जाए. इस चक्कर में ज्यादातर लोग सेफ्टी को दरकिनार कर वाहन की रफ्तार भी बढ़ा देते हैं. लेकिन इस जल्दबाजी और लापरवाही के चलते लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ जाता है. 
कई बार एक्सीडेंट के रूप में तो कई बार भारी चालान की सूरत में. 

'स्पीड थ्रील्स बट किल्स' आपने एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर यह लाइन लिखी हुई जरूर देखी होगी. ये पक्तियां आपको कार के एक्सलेटर पर दिए जाने वाले दबाव को कम करने की याद दिलाती हैं, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित हो सके. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को लेकर भी कुछ मानक और नियम तय किए गए हैं, जो कि अलग-अलग तरह की सड़कों और वाहनों के अनुसार भिन्न है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर आपको भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है. तो घर से गाड़ी निकालने से पहले इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है- हम यहां पर ग्रॉफिक्स के जरिए अलग-अलग सेग्मेंट के वाहनों के अनुसार विभिन्न तरह के सड़कों पर वाहनों की तय रफ्तार के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और मालवाहक इत्यादि सभी शामिल हैं-  

चालक सहित अधिकतम 9 सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

सड़कों पर वाहन की रफ्तार के लिए नियम: 

सरकार देश में अलग-अलग सड़कों के लिए वाहनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रही है. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "सरकार वाहनों की गति सीमा के लिए नए नियमों को लागू करने तैयारी कर रही है क्योंकि भारत का नया राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेज गति को संभालने में सक्षम है."

हालांकि सरकार ने 6 अप्रैल, 2018 को देश के विभिन्न श्रेणियों की सड़कों पर किलोमीटर प्रति घंटे में मोटर वाहनों की अधिकतम गति तय करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी. उस वक्त सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने के नए नियमों के बारे में बताया था.

चालक सहित 10 या उससे ज्यादा सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

एक्सप्रेसवे: (एक्सेस कंट्रोल के साथ)

देश के एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मोटर वाहन जिनमें ड्राइवर की सीट के अलावा अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. ऐसे वाहनों को M1 श्रेणी में रखा गया है. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

मालवाहक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले N कैटेगरी के वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. इसके अलावा जिन एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल की अनुमति है वहां पर दोपहिया वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. हालांकि दिल्ली-मुंबई जैसे एक्सप्रेसवे पर दोपहिया, क्वाड्रिसाइकिल और तीन पहिया वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है. 

दोपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

4-लेन और उससे ज्यादा वाले हाइवे: (मीडियन स्ट्रिप्स/डिवाइडर वाली सड़कें)

आप अपनी कार (M1 श्रेणी के वाहन) को 4-लेन और उससे अधिक लेन वाले राजमार्गों पर मध्य पट्टियों और डिवाइडर वाले विभाजित कैरिजवे पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से चला सकते हैं. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उन्हें अधिकतम 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलाने का नियम है.

N कैटेगरी यानी कि मालवाहकों के लिए स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है. इसके अलावा दोपहिया के लिए 80Kmph, क्वॉड्रिसाइकिल के लिए 60Kmph और तिपहिया वाहनों के लिए अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है. 

तिपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

नगर निगम सीमा के भीतर की सड़क:

नगर निगम सीमा के भीतर आने वाली सड़कों के लिए अलग नियम तय किए गए हैं. ऐसी सड़कों पर M1 श्रेणी के वाहन यानी जिसमें अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 70 Kmph तय की गई है. वहीं M2 और M3 श्रेणी जिनमें ड्राइवर के अलावा 9 या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है.

क्वाड्रिसाइकिल वाहनों के लिए स्पीड लिमिट

इसके अलावा N कैटेगरी में आने वाले मालवाहक और दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 60 Kmph, वही क्वाड्रिसाइकिल और तिपहिया मोटर वाहन जैसे ऑटो इत्यादि के लिए मैक्सिमम स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसके अलावा अन्य सभी सड़कों पर भी वही स्पीड लिमिट लागू होती है, जो कि नगर निगम वाली सड़कों के लिए तय किए गए हैं. 

क्या होता है क्वाड्रिसाइकिल:
 

छोटे वाहनों की एक नई श्रेणी - क्वाड्रिसाइकिल, को भारत सरकार और विशेष रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2018 में नए व्हीकल कैटेगरी के तौर पर अप्रूव किया था. एक क्वाड्रिसाइकिल 3.6 मीटर से अधिक लंबी नहीं हो सकती, इसका इंजन 800cc से छोटा होना चाहिए और इसका वजन 475 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए. वर्तमान में, भारत में केवल कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां ही क्वाड्रिसाइकिल बनाती हैं. सरकार द्वारा 2018 में वाहन पेश करने की अनुमति देने के बाद, बजाज ऑटो लिमिटेड इस सेगमेंट के तहत 'Bajaj Qute' को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने वाला पहला ब्रांड था.

मालवाहक के लिए तय स्पीड

क्या एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहन चला सकते हैं?  

वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र कोडल प्रावधानों के चलते एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं है. देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) को हाल ही में शुरू किया गया है. यहां पर बाइक और स्कूटर समेत दोपहिया वाहन नहीं चला सकते हैं. वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश निषिद्ध है.

चूकिं एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार ज्यादा रहती है ऐसे में दोपहिया वाहनों को उसी स्पीड में चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. वहीं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. 

Adblock test (Why?)


80...100 या 120 Kmph! जैसी सड़क वैसी रफ्तार, गाड़ी निकालने से पहले जरूर पढ़ लें ये ख़बर - Aaj Tak
Read More

Tuesday, June 27, 2023

Challan: कई पलस वल कर बइक सकटर क चब छन त ऐस द जवब! जन ल अपन अधकर - Zee News Hindi

Traffic Rules: यातायात पुलिस के ऊपर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है. यातायात पुलिस सुनिश्चित करती है कि सड़क पर सभी यातायात नियमों का पालन हो. हालांकि, कई बार पुलिसकर्मी और सड़क पर मोटर वाहन लेकर चल रहे यात्रियों के बीच गलतफहमी हो जाती है, जिसके कारण तनाव जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में कई बार पुलिसकर्मी मोटर वाहन की चाबी छीन लेते हैं. लेकिन, क्या यह सही है और वह ऐसा कर सकते हैं. चलिए, इसस जुड़े नियम के बारे में आपको बताते हैं.


लाइव टीवी

Adblock test (Why?)


Challan: कोई पुलिस वाला कार, बाइक, स्कूटर की चाबी छीने तो ऐसे दें जवाब! जान लें अपने अधिकार - Zee News Hindi
Read More

Friday, June 23, 2023

Himachal: हईकरट न मटर वहन दरघटन क ममल क नपटन क लए जर कए जरर दश-नरदश यह पढ - अमर उजल

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सार्वजनिक स्थान पर सड़क दुर्घटना के संबंध में सूचना प्राप्त करने पर संबंधित एसएचओ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 159 के अनुसार कदम उठाएं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच अधिकारी दावा अधिकरण को 48 घंटे के भीतर प्राथमिकी जमा करवाए। पंजीकरण अधिकारी पंजीकरण को सत्यापित करने के लिए बाध्य है। उसे वाहन का, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की फिटनेस, परमिट और अन्य सहायक मुद्दे और समन्वय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को जिम्मेवार ठहराया गया है।

सभी दस्तावेज स्थानीय भाषा में या अंग्रेजी में दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी को पीड़ित, ड्राइवर, मालिक, बीमा कंपनियों और अन्य हितधारकों को दुर्घटना के बारे में जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम और नियम में जांच अधिकारी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उसकी समय सीमा के भीतर नियमों के तहत कार्य करने की जिम्मेवारी है। पुलिस की ओर से दावा प्राधिकरण के समक्ष प्राथमिकी जमा करवाने पर प्राधिकरण को नियमों के तहत मामला निपटाने के आदेश दिए गए हैं। दावा न्यायाधिकरणों को आदेश दिए गए हैं कि सबसे पहले बीमा कंपनी के नामित अधिकारी और आश्रितों के बीच उचित मुआवजा देने के इरादे से समझौता दर्ज किया जाए। यदि दावेदार इस समझौते से सहमत नहीं है तो उस स्थिति में नियमाें में मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए।

Adblock test (Why?)


Himachal: हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश, यहां पढ़ें - अमर उजाला
Read More

दवदर क 163A मटर वहन अधनयम क तहत दरघटन करन वल वहन क लपरवह सथपत करन क आवशयकत... - Live Law Hindi

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य परिवहन निगम (WBSTC) को 2007 में WBSTC बस से सड़क दुर्घटना में मारी गई एक नाबालिग लड़की के परिवार को 2 लाख का मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया।

पीड़ितों के माता-पिता ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के एक आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें केवल 15,000 रुपये का मुआवजा दिया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि धारा 163ए की एक सख्त व्याख्या की आवश्यकता थी और ऐसे मामलों में आपत्तिजनक वाहन की लापरवाही महत्वहीन होगी, हालांकि, ट्रिब्यूनल ने लापरवाही के पहलू पर फैसला किया।

यह भी तर्क दिया गया था कि 20 के गुणक के साथ नाबालिग-पीड़ित के मामले में प्रति वर्ष 30,000/- रुपये की अनुमानित आय को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, मृतक के व्यक्तिगत और रहने वाले खर्चों के लिए कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।

ट्रिब्यूनल के आदेश को दरकिनार करते हुए, और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163ए के तहत मुआवजे की राशि की पुनर्गणना करते हुए, जो मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में मुआवजे के निर्धारण से संबंधित है, ज‌स्टिस बिवास पटनायक की खंडपीठ ने कहा,

"पूर्वोक्त प्रावधानों को केवल पढ़ने पर, यह प्रकट होता है कि, अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक कार्यवाही में, दावेदार को यह दलील देने या स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि मृत्यु या स्थायी विकलांगता जिसके संबंध में दावा किया गया है, वाहन के मालिक या संबंधित वाहन या किसी अन्य व्यक्ति के किसी गलत कार्य या उपेक्षा या चूक के कारण था। हालांकि, आक्षेपित निर्णय से यह पाया गया कि विद्वान ट्रिब्यूनल ने इस मुद्दे को तैयार किया है कि क्या पीड़ित की मृत्यु मोटर दुर्घटना में दुर्घटना करने वाले वाहन के चालक के उतावलेपन और लापरवाही के कारण हुई थी और चालक की लापरवाही को लेकर इस तरह के मुद्दे को तय करने के लिए आगे बढ़ा है। चालक की लापरवाही के पहलू के संबंध में विद्वान न्यायाधिकरण का निष्कर्ष अधिनियम की धारा 163ए के तहत परिकल्पित प्रावधानों के अनुरूप नहीं है और इसलिए, दुर्घटना में चालक की लापरवाही के संबंध में विद्वान न्यायाधिकरण का ऐसा निष्कर्ष अधिनियम की धारा 163ए के तहत कार्यवाही रद्द करने के लिए उत्तरदायी है।"

नाबालिग पीड़िता की आय के निर्धारण के संबंध में, खंडपीठ ने कहा कि अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक आवेदन में मुआवजे का निर्धारण मोटर वाहन अधिनियम की दूसरी अनुसूची के संरचित सूत्र के आधार पर किया जाना चाहिए। अधिनियम की दूसरी अनुसूची गैर-कमाऊ व्यक्तियों के मामले में प्रति वर्ष 15,000/- रुपये की अनुमानित आय प्रदान करती है। कोर्ट ने कहा कि 15 साल से कम उम्र के सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए गुणक 20 होगा।

कटौती के पहलू पर, बेंच ने दीपल गिरीशभाई सोनी बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया कि अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक आवेदन में मुआवजे का निर्धारण अधिनियम की दूसरी अनुसूची के संरचित सूत्र के आधार पर किया जाना चाहिए। दूसरी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए व्यक्तिगत और रहने वाले खर्चों के लिए अनुमानित आय के 1/3 की कटौती को ध्यान में रखा जाना है।

न्यायालय ने तदनुसार मुआवजा अवॉर्ड में संशोधन किया।

केस टाइटल: श्री संतोष साहा और अन्य बनाम प्रबंध निदेशक, कलकत्ता राज्य परिवहन निगम FMA 3357 Of 2015

साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (Cal) 158

जजमेंट पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

Adblock test (Why?)


दावेदार को 163A मोटर वाहन अधिनियम के तहत दुर्घटना करने वाले वाहन की लापरवाही स्थापित करने की आवश्यकता... - Live Law Hindi
Read More

Jhajjar-Bahadurgarh News: जच अभयन म 161 वहन क चलन - अमर उजल

संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़ Updated Sat, 24 Jun 2023 12:58 AM IST

झज्जर। सड़क दुर्घटनाओ में होने वाली जान व माल की हानि को रोकने के उद्देश्य से लेन ड्राइविंग तथा ओवरस्पीड ड्राइविंग बारे वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए जिला पुलिस द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया है। अभियान के तहत झज्जर पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा ओवरस्पीड ड्राइविंग व लेन ड्राइविंग के नियमों का उल्लंघन करने पर जिला भर में मुख्य मार्गो पर निर्धारित किए गए अलग-अलग स्थानों पर चैकिंग के दौरान भारी वाहनों पर विशेष निगाह रखते हुए लेन के नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर 161 वाहनों के चालान किए गए।मोटर वाहन अधिनियम के तहत 11 वाहनों के चालान किए गए। इसी प्रकार से लेन ड्राइविंग से संबंधित 150 वाहन चालकों के चालान मोटर वाहन अधिनियम के तहत किए गए। सड़क सुरक्षा व सुरक्षित सफर के लिए झज्जर पुलिस द्वारा चलाया जा रहा जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा।
यातायात समन्वय झज्जर सत्य प्रकाश ने बताया कि झज्जर पुलिस द्वारा भारी वाहनों के संबंध में लेन ड्राइविंग तथा ओवरस्पीड ड्राइविंग बारे विशेष चैकिंग अभियान चलाया गया। संवाद

Adblock test (Why?)


Jhajjar-Bahadurgarh News: जांच अभियान में 161 वाहनों के चालान - अमर उजाला
Read More

Wednesday, June 21, 2023

Uttarakhand News: पहड क वहन क मलग रहत वह खलग छट ऑटमटड फटनस सटशन - अमर उजल

मीटिंग ( प्रतीकात्मक) - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

अगले साल अक्तूबर से वाहनों की फिटनेस जांच के लिए ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन (एटीएस) शुरू होने जा रहा है। इसके लिए पहाड़ के जिलों के वाहनों को मैदानी जिलों में आने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन विभाग पर्वतीय जिलों में हर आरटीओ, एआरटीओ कार्यालय के क्षेत्र में छोटे एटीएस बनाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारी माल वाहनों और भारी यात्री वाहनों के लिए ऑटोमेटेड फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य की थी। मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के लिए यह तिथि एक जून 2024 तय की गई थी। इस बीच उत्तराखंड में देहरादून के डोईवाला और रुद्रपुर में एटीएस बनकर तैयार हो गए थे। बाद में मंत्रालय ने इसमें संशोधन कर दिया था।

बड़ी संख्या में हो सकती वाहनों की फिटनेस जांच
भारी माल वाहनों, यात्री मोटर वाहनों, मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) की फिटनेस जांच एटीएस से एक अक्तूबर 2024 से अनिवार्य होगी। ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ती है क्योंकि एक साथ बड़ी संख्या में वाहनों की फिटनेस जांच हो सकती है।

उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां इतर हैं। लिहाजा, परिवहन विभाग ने तय किया है कि पर्वतीय जिलों में कम जमीन पर छोटे एटीएस बनाए जाएंगे। इससे इन जिलों के वाहन स्वामियों को वाहनों की जांच के लिए मैदानी जिलों में आने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन विभाग हर संभाग के उप संभागीय क्षेत्रों में ये छोटे एटीएस बनाएगा।

Adblock test (Why?)


Uttarakhand News: पहाड़ के वाहनों को मिलेगी राहत, वहीं खुलेंगे छोटे ऑटोमेटेड फिटनेस स्टेशन - अमर उजाला
Read More

Himachal: हईकरट न मटर वहन दरघटन क ममल क नपटन क लए जर कए जरर दश-नरदश यह पढ - अमर उजल

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सार्वजनिक स्थान पर सड़क दुर्घटना के संबंध में सूचना प्राप्त करने पर संबंधित एसएचओ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 159 के अनुसार कदम उठाएं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच अधिकारी दावा अधिकरण को 48 घंटे के भीतर प्राथमिकी जमा करवाए। पंजीकरण अधिकारी पंजीकरण को सत्यापित करने के लिए बाध्य है। उसे वाहन का, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की फिटनेस, परमिट और अन्य सहायक मुद्दे और समन्वय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को जिम्मेवार ठहराया गया है।

सभी दस्तावेज स्थानीय भाषा में या अंग्रेजी में दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी को पीड़ित, ड्राइवर, मालिक, बीमा कंपनियों और अन्य हितधारकों को दुर्घटना के बारे में जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम और नियम में जांच अधिकारी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उसकी समय सीमा के भीतर नियमों के तहत कार्य करने की जिम्मेवारी है। पुलिस की ओर से दावा प्राधिकरण के समक्ष प्राथमिकी जमा करवाने पर प्राधिकरण को नियमों के तहत मामला निपटाने के आदेश दिए गए हैं। दावा न्यायाधिकरणों को आदेश दिए गए हैं कि सबसे पहले बीमा कंपनी के नामित अधिकारी और आश्रितों के बीच उचित मुआवजा देने के इरादे से समझौता दर्ज किया जाए। यदि दावेदार इस समझौते से सहमत नहीं है तो उस स्थिति में नियमाें में मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए।

Adblock test (Why?)


Himachal: हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश, यहां पढ़ें - अमर उजाला
Read More

CNG Taxi: दलल म सएनज टकस क लइफलइन बढ अब परमट क वधत हग 15 सल - अमर उजल

Taxi Cab - फोटो : For Reference Only

विस्तार

दिल्ली के हजारों टैक्सी मालिकों को एक बड़ी राहत देते हुए परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है कि सीएनजी या अन्य स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली और कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट रखने वाली सभी टैक्सियों की परमिट की वैधता अब बढ़ाकर 15 साल तक कर दी जाएगी। हालांकि, यह एक्सटेंशन मोटर वाहन अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR), 1989 और दिल्ली मोटर वाहन नियम (DMVR), 1993 में निर्धारित अन्य सभी निर्धारित शर्तों की पूर्ति के अधीन है।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि इस कदम से उन हजारों टैक्सी चालकों को मदद मिलेगी जो अपने सीएनजी वाहनों को अब कुल 15 वर्षों तक चला पाएंगे।

उन्होंने कहा, "यह शहर में टैक्सी मालिकों और ऑपरेटरों के कल्याण और सुविधा को सुनिश्चित करते हुए परिवहन के स्वच्छ और हरित तरीके प्रदान करने की दिशा में एक पहल है।"

Adblock test (Why?)


CNG Taxi: दिल्ली में सीएनजी टैक्सी की लाइफलाइन बढ़ी, अब परमिट की वैधता होगी 15 साल - अमर उजाला
Read More

Tuesday, June 20, 2023

पलस न गलत लन म चलन वल वहन चलक क चलन कट कय जगरक - Dainik Bhaskar

कैथल4 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने व यातायात हादसों से बचाने के लिए गलत लेन में वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाकर पुलिस ने चालकों को जागरूक किया। इस दौरान पुलिस ने लाइन चेंज के 74 चालान काटे।

पुलिस प्रवक्ता प्रदीप नैन ने बताया कि एसपी अभिषेक जोरवाल द्वारा सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने, वाहनों के सुचारू-रूप से आवागमन के लिए वाहन चालकों को जागरूक कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए थे।

मोटर वाहन अधिनियम के तहत निर्धारित गति सीमा व बाएं लेन में न चलकर नियमों की उल्लंघना करने पर सोमवार को लाइन चेंज के 74 चालान किए। प्रवक्ता ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने वाहन चालकों को जागरूक किया कि वाहनों के सुचारू-रूप से आवागमन के लिए ये अनिवार्य है कि हम मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित गति सीमा व बाएं लेन में चले, रॉन्ग साइड में वाहन न चलाएं जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।

Adblock test (Why?)


पुलिस ने गलत लेन में चलने वाले वाहन चालकों के चालान काट किया जागरूक - Dainik Bhaskar
Read More

CNG पर चलन वल टकस क लकर कजरवल सरकर क बढ फसल परमट क वधत 15 सल बढई - परभत खबर - Prabhat Khabar

टैक्सी मालिकों को इन शर्तों का करना होगा पालन

परमिट की वैधता सरकार ने भले ही बढ़ा दी है, लेकिन इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988, केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989, और दिल्ली मोटर वाहन नियम (डीएमवीआर), 1993 में निर्धारित अन्य सभी शर्तें पूरी करनी होंगी.

Adblock test (Why?)


CNG पर चलने वाली टैक्सी को लेकर केजरीवाल सरकार का बढ़ा फैसला, परमिट की वैधता 15 साल बढ़ाई - प्रभात खबर - Prabhat Khabar
Read More

Sunday, June 18, 2023

अलमड: शरब पकर वहन चलन पर मटर सइकल चलक गरफतर मटर सइकल सज - Khabribox

 2,749 total views,  2,749 views today

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। रामचंद्र राजगुरु, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा द्वारा जनपद के समस्त थाना/चौकी प्रभारियों,  निरीक्षक/उ0नि0 यातायात व इण्टर सेप्टर प्रभारी को सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु शराब पीकर वाहन चलाने, ओवरलोडिंग/ओवरसवारी, ओवर स्पीड/रैश ड्राइविंग करने एवं रेट्रो साइलेंसर का प्रयोग कर स्टंट बाजी करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कड़ी चालानी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।

उचित कार्रवाई करते हुए मोटर साइकिल को किया सीज

बीते कल दिनांक- 17.06.2023 को चौखुटिया पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान मोटर साइकिल   संख्या-UK-04AJ-8639 के चालक कैलाश चंद्र जोशी, निवासी ग्राम दुधलिया महर, थाना चौखुटिया, जिला अल्मोड़ा को शराब के नशे में वाहन चलाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर वाहन मोटर साइकिल को सीज किया गया।

यातायात नियमों के उल्लंघन, जुर्माना आदि की जानकारी देकर किया जा रहा है जागरूक

अल्मोड़ा पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग अभियान के दौरान चालानी कार्यवाही के साथ-साथ वाहन चालकों को यातायात नियमों के उल्लंघन पर मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कानूनी प्रावधानों, जुर्माना आदि की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है।

Adblock test (Why?)


अल्मोड़ा: शराब पीकर वाहन चलाने पर मोटर साइकिल चालक गिरफ्तार, मोटर साइकिल सीज - Khabribox
Read More

Saturday, June 17, 2023

Traffic Challan Rules: शरब पकर गड चलन वल ह जओ सवधन भर चलन क सथ ह सकत ह - ABP नयज

Drink And Drive Challan: पिछले कुछ वर्षों में भारत में ट्रैफिक नियमों को काफी कड़ा कर दिया गया है. साथ ही इन नियमों का सख्ती से पालन कराए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों का चालान भी काटा जाता है. लेकिन एक ऐसा भी नियम है, जिसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है. जी हां! हम बात कर रहे हैं ड्रिंक एंड ड्राइव यानि नशे में गाड़ी चलाने पर चालान की. इस स्थिति के लिए नियम बहुत सख्त नियम हैं, लेकिन, बहुत से लोग फिर भी इस नियम का खुलेआम उल्लंघन करते हैं. यह बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, जिससे जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिए कभी भी नशे की हालात में गाड़ी न चलाएं.  

क्या होती है सजा

यदि आप नशे में ड्राइव करते हैं तो यह आदत तुरंत छोड़ दें, क्योंकि यदि ऐसे मामले में आपको पहले भी कभी जुर्माना भरना पड़ा है, तो दोबारा पकड़े जाने पर आपको 15,000 रुपये का भारी चालान और साथ ही 2 साल की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है, जबकि पहली बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये के चालान और/या 6 महीने की सजा का नियम है.  

इस कारण से भी कटता है चालान

यदि आप बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो मोटर वाहन एक्ट के अनुसार आपको 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है, साथ ही अपने वाहन का बीमा जरूर करा के रखें, नहीं तो 2,000 रुपये के चालान के साथ 3 महीने की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है और कम्यूनिटी सर्विस भी देनी पड़ सकती है.

न तोड़े सिग्नल

इनके अतिरिक्त सिग्नल जंप करने पर आपको 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का चालान भरना पड़ सकता है. साथ ही कोई भी दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने पर 1,000 रुपये और बिना सीट बेल्ट के गाड़ी  चलाने पर 1,000 रुपये का चालान काटा जा सकता है.

यह भी पढ़ें :- लंबे समय तक पार्क कर रहे हैं कार, तो जरूर करें ये काम, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI

Adblock test (Why?)


Traffic Challan Rules: शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों हो जाओ सावधान, भारी चालान के साथ हो सकती है - ABP न्यूज़
Read More

Traffic Challan Rules: शरब पकर गड चलन वल ह जओ सवधन भर चलन क सथ ह सकत ह - ABP नयज

Drink And Drive Challan: पिछले कुछ वर्षों में भारत में ट्रैफिक नियमों को काफी कड़ा कर दिया गया है. साथ ही इन नियमों का सख्ती से पालन कराए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों का चालान भी काटा जाता है. लेकिन एक ऐसा भी नियम है, जिसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है. जी हां! हम बात कर रहे हैं ड्रिंक एंड ड्राइव यानि नशे में गाड़ी चलाने पर चालान की. इस स्थिति के लिए नियम बहुत सख्त नियम हैं, लेकिन, बहुत से लोग फिर भी इस नियम का खुलेआम उल्लंघन करते हैं. यह बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, जिससे जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिए कभी भी नशे की हालात में गाड़ी न चलाएं.  

क्या होती है सजा

यदि आप नशे में ड्राइव करते हैं तो यह आदत तुरंत छोड़ दें, क्योंकि यदि ऐसे मामले में आपको पहले भी कभी जुर्माना भरना पड़ा है, तो दोबारा पकड़े जाने पर आपको 15,000 रुपये का भारी चालान और साथ ही 2 साल की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है, जबकि पहली बार पकड़े जाने पर 10,000 रुपये के चालान और/या 6 महीने की सजा का नियम है.  

इस कारण से भी कटता है चालान

यदि आप बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो मोटर वाहन एक्ट के अनुसार आपको 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है, साथ ही अपने वाहन का बीमा जरूर करा के रखें, नहीं तो 2,000 रुपये के चालान के साथ 3 महीने की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है और कम्यूनिटी सर्विस भी देनी पड़ सकती है.

न तोड़े सिग्नल

इनके अतिरिक्त सिग्नल जंप करने पर आपको 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का चालान भरना पड़ सकता है. साथ ही कोई भी दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनने पर 1,000 रुपये और बिना सीट बेल्ट के गाड़ी  चलाने पर 1,000 रुपये का चालान काटा जा सकता है.

यह भी पढ़ें :- लंबे समय तक पार्क कर रहे हैं कार, तो जरूर करें ये काम, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI

Adblock test (Why?)


Traffic Challan Rules: शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों हो जाओ सावधान, भारी चालान के साथ हो सकती है - ABP न्यूज़
Read More

अब यह परक नह ह सकग वहकल - Divya Himachal

गांधी चौक से एसडीएम कार्यालय और होटल एमफोरयू तक नो पार्किंग जोन घोषित

स्टाफ रिपोर्टर-घुमारवीं
घुमारवीं नगर परिषद के तहत जाम की समस्या को दूर करने के लिए जिला दंडाधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने भारतीय मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 115 से 117 के अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचना जारी कर बताया कि गांधी चौक से उप मंडलाधिकारी कार्यालय घुमारवीं और गांधी चौक से होटल एमफोरयू तक के क्षेत्र को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है। आदेशानुसार डाकघर कार्यालय और अबदानीघाट के बीच गाडिय़ां खड़ी करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-103 पर विभिन्न स्थानों जैसे चार मध्यम मोटर वाहन डाकघर के सामने, सात मध्यम मोटर वाहन जामा मस्जिद को जाने वाले रास्ते के दूसरी तरफ और साथ ही मध्यम मोटर वाहनों को नजदीक लिंक रोड़ से हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के स्टोर पर किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 16 मध्यम मोटर वाहनों को बिट्टू गेस्ट हॉउस की दूसरी तरफ, 17 मध्यम मोटर वाहनों को अंबेडकर भवन से एचआईएमएस आईटीआई के सामने, 16 मध्यम मोटर वाहनों को लोक निर्माण विभाग के स्टोर के पीछे तथा तीन मध्यम मोटर वाहनों को पीटर इंग्लैंड की दुकान के सामने वाहन को पार्किंग जोन घोषित किया है। इसके अतिरिक्त तीन मध्यम मोटर वाहनों को हिमाचल प्रदेश स्टेट कॉपरेटिव बैंक के सामने तथा तीन मध्यम मोटर वाहनों को इसके दूसरी तरफ गाड़ी खड़ी करने पार्किंग होगी।

एक मध्यम मोटर वाहन समार्ट प्वाइंट के सामने, 19 मध्यम मोटर वाहनों को हिम सर्वोदय स्कूल के सामने, पांच मध्यम मोटर वाहनों को सेटलमेंट पटवार कार्यालय के सामने और 38 दोपहिया वाहनों को खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सामने पार्किंग जोन घोषित किया है। चार मध्यम मोटर वाहनों को जसबीर की दुकान, 20 मध्यम मोटर वाहनों को अश्वनी की दुकान से पथ ब्रिज, सात मध्यम मोटर वाहनों को मेडिसन लैब के सामने, 11 मध्यम मोटर वाहनों को लहर पेंटर दूकान की दूसरी तरफ तथा 83 दोपहिया वाहनों को यूको बैंक के सामने व 83 दोपहिया वाहनों को दूसरी तरफ राष्ट्रीय राज मार्ग 103 की तरफ पार्किंग जोन घोषित किया है। अधिसूचना के अनुसार 20 मध्यम मोटर वाहनों को महिंद्रा एजेंसी के सामने तथा 91 दोपहिया वाहनों को पिज्जा दुकान से बड़ौदा बैंक के सामने और 75 दोपहिया वाहनों को महाजन हार्डवेयर दुकान से दकड़ी चौक के आगे पार्किंग जोन घोषित किया है। इसी प्रकार 11 मध्यम मोटर वाहनों को जगन पैलेस से दकड़ी चौक पर राष्ट्रीय राजमार्ग सडक़ की अन्य जगह पर पार्किंग जोन घोषित किया है। इस अधिसूचना पर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर 30 दिनों के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं, ताकि व्यवस्था बनी रहे। फिलहाल अधिसूचना जारी कर दी गई है।

Adblock test (Why?)


अब यहां पार्क नहीं हो सकेंगे व्हीकल - Divya Himachal
Read More

Motor Vehicle Insurance: बड़ खशखबर! बहत ससत हआ मटर वहन बम अब परमयम पर चकन हग इतन रपए | News... - Newstrack

Motor Vehicle Insurance: IRDAI ने हर वाहन धारक के लिए थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा अनिवार्य किया हुआ है। इस बीमा के तहत अगर का वाहन लड़ जाता है और इससे वाहन या फिर किसी अन्य को नुकसान होता है तो उसकी मुआवजा की रकम बीमा कंपनी चुकाता करती है।

Motor Vehicle Insurance: अगर आपके पास किसी भी प्रकार का वाहन है तो आपके लिए राहत वाली खबर है। महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वाहन मालिकों को राहत देते हुए थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा सस्ता किया है। सरकार ने जिन वाहनों का थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा सस्ता किया है, उसमें तिपहिया और ई-रिक्शा वाहन शामिल है, जबकि अन्य वाहनों के थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। इसको लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है।

जानिए प्रीमियम की नई दरें

सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ऑटो-रिक्शा के लिए प्रस्तावित मूल प्रीमियम में 6.8 फीसदी की कटौती करते हुए 2,371 रुपये तय की है। इससे पहले यह 2,539 रुपये पर थी। प्रत्येक यात्री के लिए प्रीमियम मौजूदा 1,214 रुपये के मुकाबले 1,134 रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो लगभग 6% की कमी है।

ई-रिक्शान मालिकों को देना होगा प्रीमियम

ई-रिक्शा के मामले में प्रस्तावित मूल प्रीमियम 1,648 रुपये की वर्तमान दर की तुलना में 1,539 रुपये है।  प्रत्येक यात्री के लिए 789 रुपये की वर्तमान दर के मुकाबले 737 रुपये का प्रीमियम प्रस्तावित किया गया है।

आपको बता दें कि वाणिज्यिक यात्री वाहनों के मामले में तीसरे पक्ष के प्रीमियम की मूल दर दुर्घटना में प्रभावित होने वाले वाहन के बाहर किसी के मुआवजे के दायित्व को कवर करती है। यात्रियों को प्रभावित करने वाली दुर्घटना के मामले में प्रति लाइसेंस प्राप्त यात्री के लिए प्रीमियम देयता को कवर करता है।

उद्योग से जुड़े का कहना

इस पर उद्योग से जुड़े कुछ लोगों ने कहा कि सरकार द्वारा तिपहिया और ई-रिक्शा को छोड़कर सभी श्रेणियों के लिए तीसरे पक्ष के बीमा के लिए प्रीमियम में संशोधन नहीं करने के पीछे एक मुख्य कारण यह है कि वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि के साथ इनमें दुर्घटनाएं में आई कमी है।

कार का प्रीमियम

मसौदा अधिसूचना में प्रस्तावित दरों में लोकप्रिय और आर्थिक कारों के लिए तीसरे पक्ष का प्रीमियम 2,094 रुपये और एसयूवी के लिए यह 7,897 रुपये पर अपरिवर्तित है।

क्या होता है तृतीय पक्ष बीमा

प्रत्येक पंजीकृत वाहन के लिए तृतीय पक्ष बीमा अनिवार्य है। लोगों के पास व्यापक बीमा पॉलिसी लेने का विकल्प होता है, जो तृतीय पक्ष देयता और स्वयं की क्षति दोनों को कवर करती है। IRDAI ने हर वाहन धारक के लिए थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा अनिवार्य किया हुआ है। इस बीमा के तहत अगर का वाहन लड़ जाता है और इससे वाहन या फिर किसी अन्य को नुकसान होता है तो उसकी मुआवजा की रकम बीमा कंपनी चुकाता करती है।

Adblock test (Why?)


Motor Vehicle Insurance: बड़ी खुशखबरी! बहुत सस्ता हुआ मोटर वाहन बीमा, अब प्रीमियम पर चुकानें होंगे इतने रुपए | News... - Newstrack
Read More

Friday, June 16, 2023

Gwalior News : वहन चर स 10 मटर सइकल बरमद तसकर स तन अवध ... - MP Breaking News

Adblock test (Why?)


Gwalior News : वाहन चोर से 10 मोटर साइकिल बरामद, तस्कर से तीन अवैध ... - MP Breaking News
Read More

आजद क अमत महतसव अभयन क तहत मटर वहन सशधन अधनयम क बर म बतय - Dainik Bhaskar

यमुनानगर19 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत कांफ्रेंस हॉल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2022 पर कार्यशाला हुई। इसमें मुख्य वक्ता एडवोकेट वीरेन्द्र पाल सिंह सिद्धू रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव गुनीत अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी पीड़ितों को मुआवजा मिले।

सभी स्टेक होल्डर व पीड़ित को नए मोटर वाहन संशोधित अधिनियम की जानकारी मिल सके। वीरेंद्र पाल सिंह सिद्धू ने भी संशोधित अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया। अनुसंधान अधिकारी किसी भी एक्सीडेंट के 48 घंटों के अंदर अपनी पहली एक्सीडेंट रिपोर्ट जमा करवाएं तथा डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट डी ए आर 90 दिनों में जमा करवाएं। कार्यशाला में इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर तथा लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिकारी मौजूद रहे।

Adblock test (Why?)


आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के बारे में बताया - Dainik Bhaskar
Read More

Gwalior News : वहन चर स 10 मटर सइकल बरमद तसकर स तन अवध ... - MP Breaking News

Adblock test (Why?)


Gwalior News : वाहन चोर से 10 मोटर साइकिल बरामद, तस्कर से तीन अवैध ... - MP Breaking News
Read More

Thursday, June 15, 2023

आजद क अमत महतसव अभयन क तहत मटर वहन सशधन अधनयम क बर म बतय - Dainik Bhaskar

यमुनानगरएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत कांफ्रेंस हॉल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2022 पर कार्यशाला हुई। इसमें मुख्य वक्ता एडवोकेट वीरेन्द्र पाल सिंह सिद्धू रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव गुनीत अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी पीड़ितों को मुआवजा मिले।

सभी स्टेक होल्डर व पीड़ित को नए मोटर वाहन संशोधित अधिनियम की जानकारी मिल सके। वीरेंद्र पाल सिंह सिद्धू ने भी संशोधित अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया। अनुसंधान अधिकारी किसी भी एक्सीडेंट के 48 घंटों के अंदर अपनी पहली एक्सीडेंट रिपोर्ट जमा करवाएं तथा डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट डी ए आर 90 दिनों में जमा करवाएं। कार्यशाला में इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर तथा लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिकारी मौजूद रहे।

Adblock test (Why?)


आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के बारे में बताया - Dainik Bhaskar
Read More

नशनल परमट फल फर भ सडक पर दड रह 200 कमरश - Lagatar Hindi

Ranchi :  नेशनल परमिट फेल होने के बावजूद कॉमर्शियल वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं. परिवहन विभाग ने इन 200  कॉमर्शियल वाहनों को चिन्हित किया है और उसके मालिकों को नोटिस भेजा है. जारी नोटिस में कहा गया है कि नेशनल परमिट फेल होने के बाद बिना रिन्यूअल करवाये आप वाहनों का परिचालन कर रहे हैं.  इनमें से कई वाहन ऐसे भी हैं, जिनके नेशनल परमिट साल 2018 में ही फेल हो चुके हैं. ऐसे में वाहन मालिकों को सात दिनों के अंदर परमिट रिन्युअल कराने का समय दिया गया है. वाहन मालिकों को हिदायत दी गयी है कि बिना परमिट वाहन परिचालित करते हुए पकड़े जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत उनपर कार्रवाई की जायेगी. (पढ़ें, चतरा के लावालौंग में झाड़ी से नाबालिग लड़की का शव बरामद)

वाहन मालिकों को एक हफ्ते का दिया गया समय

आरटीए के सेक्रेटरी श्याम नारायण ने बताया कि जिन कमर्शियल वाहनों की परमिट फेल है, उन्हें नोटिस भेजा गया है. अगर वाहन मालिक सही समय पर परमिट रिन्यूअल नहीं कराते हैं तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. श्याम नारायण ने बताया कि जिन वाहनों का परमिट फेल है, उसका चालान काटा जा रहा है. साथ ही उन्हें वार्निंग देकर छोड़ा जा रहा है. हिदायत देने के बाद भी वाहन मालिक वाहनों के परमिट को रिन्यूअल नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनका आग्रह है कि जल्द से जल्द अपनी गाड़ी का परमिट रिन्यूअल करा लें.

इसे भी पढ़ें : लातेहार: विद्यालय निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को नहीं मिल रही न्यूनतम मजदूरी

Adblock test (Why?)


नेशनल परमिट फेल, फिर भी सड़क पर दौड़ रहे 200 कॉमर्शि - Lagatar Hindi
Read More

Tuesday, June 13, 2023

लग रही है मोटर वाहन ट्रिब्यूनल की विशेष लोक अदालत - Tarun Mitra

बरेली। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के आदेश अनुसार तथा मोटर वाहन ट्रिब्यूनल के जिला जज श्री मयंक चौहान के दिशा निर्देशन में 08 जुलाई, 2023 दिन शनिवार को मोटर वाहन ट्रिब्यूनल की विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। अपर जिला जज सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण निर्दोष कुमार ने बताया कि दिनांक 08 जुलाई को मोटर वाहन ट्रिब्यूनल के संबंध में एक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समस्त जनता से अपील करते हुए कहा है कि विशेष लोक अदालत के माध्यम से अपने वादों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर अधिक से अधिक संख्या में कराएं। विधि छात्रों के समर इंटर्नशिप कार्यक्रम में विधि छात्रों ने बरेली जनपद न्यायालय, तहसील सदर, थाना कोतवाली, कलेक्ट्रेट परिसर, बाल संप्रेक्षण गृह में प्रशिक्षण प्राप्त किया। विधि छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान पैरा लीगल वालंटियर शुभम राय, रजत कुमार, साधना कुमारी, सपना, सुशील कुमार, सतपाल सिंह द्वारा विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपर जिला जज निर्दोष कुमार ने बताया कि 20 जून, 2023 तक विधि छात्रों का समर इंटर्नशिप कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ आदेशानुसार चल रहा है, जिसमें छात्रों के आठ ग्रुप 08 सरकारी संस्थानों में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।


 

Adblock test (Why?)


लग रही है मोटर वाहन ट्रिब्यूनल की विशेष लोक अदालत - Tarun Mitra
Read More

मोटर दुर्घटना मामलों की विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर ... - Karnal Breaking News

करनाल/कीर्ति कथूरिया : मोटर वाहन दुर्घटना नियमों के संबंध में जानकारी देने के लिए जांच अधिकारियों, बीमा कंपनियों के नोडल अधिकारियों और अन्य हितधारकों के लिए एडीआर सैंटर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ताकि मोटर दुर्घटना दावा मामलों के प्रावधानों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके और समय पर समाधान के विशिष्ट प्रयास किए जा सकें।

इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जसबीर ने बताया कि गोहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश स्टेट रोड मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर पुलिस द्वारा प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन दुर्घटना के तुरंत बाद और विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट की जांच करने और मुआवजे की मात्रा के रूप में निर्णय लेने के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट बीमा कंपनी को प्रस्तुत करें।

उन्होंने बताया कि उक्त मामले में, न्यायालय ने दिल्ली मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियम, 2008 और मोटर वाहन की धारा 158(6) के प्रभावी कार्यान्वयन के प्रश्न पर विचार किया। अधिनियम (पूर्व 2019 संशोधन) ने स्टेशन हाउस अधिकारियों को दुर्घटना के 30 दिनों के भीतर एमएसीटी को (दुर्घटना सूचना रिपोर्ट) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और कहा कि रिपोर्ट को जांच के उद्देश्य से एमएसीटी द्वारा दावा याचिका के रूप में माना जाएगा। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के 48 घंटों के भीतर जांच अधिकारी द्वारा दावा अधिकरण को दुर्घटना के तथ्य की अनिवार्य सूचना और यदि उस समय तक बीमा कंपनी के बारे में जानकारी उपलब्ध है, तो संबंधित बीमा कंपनी को ईमेल द्वारा सूचित करना; सूचना प्राप्त होने पर तुरंत प्रत्येक मामले के लिए बीमा कंपनी द्वारा नामित अधिकारी की नियुक्ति; जांच अधिकारी द्वारा दुर्घटना के साथ-साथ मुआवजे की गणना (फोटो, उम्र का प्रमाण, मृतक की आय का प्रमाण आदि) से संबंधित साक्ष्य का संग्रह; दुर्घटना के 30 दिनों के भीतर दावा अधिकरण के समक्ष जांच अधिकारी द्वारा दायर की जाने वाली विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) और संबंधित बीमा कंपनी को उसकी एक प्रति; कानूनी सेवा प्राधिकरण को प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों के साथ विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट की प्रति; उन मामलों में समय बढ़ाने के लिए किए गए आवेदन पर दावा अधिकरण का विवेक जहां जांच अधिकारी अपने नियंत्रण से बाहर के कारणों से 30 दिनों के भीतर जांच पूरी करने में असमर्थ है; विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट के साथ दावा अधिकरण के समक्ष ड्राइवर, मालिक, दावेदार और चश्मदीद गवाहों की पेशी; अनुरोध प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर पुलिस और दावा न्यायाधिकरण को दिल्ली मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण नियम, 2008 के फॉर्म डी में संबंधित पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करना; दावा अधिकरण द्वारा विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट की जांच कि क्या विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट हर तरह से पूर्ण है या नहीं; मोटर वाहन अधिनियम (पूर्व 2019 संशोधन) की धारा 166(4) के तहत दावा याचिका के रूप में जांच अधिकारी द्वारा दायर विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट का उपचार; दावा न्यायाधिकरण द्वारा बीमा कंपनी को डीएआर की जांच करने और मुआवजे की मात्रा के बारे में निर्णय लेने के लिए 30 दिनों का समय देना; . नामित अधिकारी द्वारा उचित आदेश के साथ मुआवजे का आकलन जो दावेदारों के लिए एक कानूनी प्रस्ताव का गठन करेगा और यदि ऐसा प्रस्ताव दावेदार को स्वीकार्य है, तो दावा अधिकरण को 30 दिनों के अतिरिक्त समय के साथ एक सहमति पुरस्कार पारित करना होगा।

राशि जमा करने के लिए बीमा कंपनी; . बीमा कंपनी द्वारा किए गए प्रस्ताव का जवाब देने के लिए दावेदार को दावा न्यायाधिकरण द्वारा 30 दिनों से अधिक की समय अवधि नहीं दी जानी चाहिए; दावा अधिकरण द्वारा धारा 168 और 169 (पूर्व 2019 संशोधन) के तहत जांच का संचालन और बीमा कंपनी द्वारा दिए गए दावेदार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को अस्वीकार करने के मामले में 30 दिनों के भीतर अधिनिर्णय पारित करना; . मृतक पीड़ितों के कानूनी प्रतिनिधियों को देय मुआवजे की गणना क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा माननीय द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार की जाएगी।

श्री गुरविंदर पाल सिंह, अधिवक्ता जिला बार एसोसिएशन, करनाल ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुए उन्हें बताया कि यदि दावेदार मोटर वाहन संशोधन अधिनियम की धारा 164 या 166 के तहत सहारा लेते हैं, जैसा भी मामला हो, तो उन्हें नोडल अधिकारी / में शामिल होने के लिए निर्देशित किया जाता है। बीमा कंपनी के मनोनीत अधिकारी को दावा याचिका में प्रतिवादी के रूप में दुर्घटना के स्थान के उचित पक्ष के रूप में जहां पुलिस स्टेशन द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। वे अधिकारी मोटर वाहन संशोधन अधिनियम की धारा 149 के तहत लिए गए उपाय को निर्दिष्ट करते हुए दावा अधिकरण को सुविधा प्रदान कर सकते हैं।

मोटर वाहन संशोधन नियमावली, 2022 के नियम 30 के शासनादेश के अनुपालन हेतु यह निर्देशित किया जाता है कि बीमा कम्पनी द्वारा दायित्व पर विवाद करने पर दावा अधिकरण स्थानीय आयुक्त के माध्यम से साक्ष्य दर्ज करेगा तथा ऐसे स्थानीय आयुक्त का शुल्क एवं व्यय देय होगा। बीमा कंपनी द्वारा वहन किया गया।
यदि मृतक के दावेदार(कों) या कानूनी प्रतिनिधि(यों) ने अलग-अलग उच्च न्यायालयों के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग दावा याचिका(ओं) दायर की है, उक्त स्थिति में, दावेदार(ओं) द्वारा दायर की गई पहली दावा याचिका/ कानूनी प्रतिनिधि (प्रतिनिधियों) को उक्त दावा अधिकरण द्वारा रखा जाएगा और बाद की दावा याचिका (याचिकाओं) को दावा अधिकरण को स्थानांतरित कर दिया जाएगा जहां पहली दावा याचिका दायर की गई थी और लंबित थी।

यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में दायर अन्य दावा याचिकाओं के हस्तांतरण की मांग करने वाले दावेदारों को इस न्यायालय के समक्ष आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।

सीजेएम एवं सचिव ने भी पुलिस विभाग के जांच अधिकारियों और बीमा कंपनियों के नोडल अधिकारियों और अन्य हितधारकों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रभावित पक्षों की शिकायतों का निपटारा बिना किसी परेशानी के किया जा सके।

Adblock test (Why?)


मोटर दुर्घटना मामलों की विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर ... - Karnal Breaking News
Read More

Monday, June 12, 2023

दिल्ली में ओला, उबर, रैपिडो बाइक टैक्सी पर रोक, SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला - Aaj Tak

सुप्रीम कोर्ट ने रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों को झटका देते हुए दिल्ली में बाइक टैक्सी सेवा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए इस संबंध में पॉलिसी बनने तक यह रोक लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए पॉलिसी आने तक कैब एग्रीगेटर कंपनियों को बाइक सर्विस की इजाजत दे दी थी.

दिल्ली सरकार ने फरवरी 2023 में ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बिना वैध लाइसेंस के बाइक टैक्सी के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार से सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि कोई अधिसूचना किसी एक्ट पर कैसे हावी हो सकती है?

बाइक टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी उबर के वकील नीरज किशन कौल ने दलील दी कि हर राज्य सरकार को इस संबंध में नीति बनाने की शक्ति का प्रावधान संविधान में है. लेकिन दिल्ली सरकार ने इसके बावजूद कोई गाइडलाइन या नीति बनाई ही नहीं है जबकि मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66 में साफ लिखा है कि बिना वैध लाइसेंस के किसी भी व्यवसायिक वाहन के मालिक को वाहन नहीं दिया जा सकता.

कौल ने दलील दी कि बिना नीति के अचानक बाइक टैक्सी बंद कर देने से दिल्ली एनसीआर में 35000 से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि 31 जुलाई तक छूट दी जाए क्योंकि वही बाइक इनकी आजीविका का एकमात्र साधन है. इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रभावित और असंतुष्ट पक्षकारों को कोर्ट में आने तो दीजिए.

इससे पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बाइक टैक्सी कंपनियों को राहत देते हुए दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से इन एग्रीगेटर को लेकर जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाई थी. दरअसल हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक इस संबंध में पॉलिसी नहीं बन जाती, तब तक रैपिडो और दूसरे एग्रीगेटर कंपनियों पर किसी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं हो. इस वजह से दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी.

वहीं, बाइक टैक्‍सी एग्रीगेटर्स की मांग थी कि इस संबंध में पॉलिसी बनने तक उन्हें ऑपरेट करने दिया जाए. बता दें कि फरवरी 2023 में दिल्ली परिवहन विभाग ने अपनी बाइक टैक्सी सेवाओं को तुरंत प्रभावी रूप से बैन करने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक दिल्ली सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत आवश्यक नियमों को अधिसूचित नहीं करती है, तब तक दो बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स और उसके सवारों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

Adblock test (Why?)


दिल्ली में ओला, उबर, रैपिडो बाइक टैक्सी पर रोक, SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला - Aaj Tak
Read More

Drink & Drive Challan: गर्मी के बहाने गाड़ी में मत करना ये गलती, नहीं तो बड़ा पछताओगे! - ABP न्यूज़

Motor Vehicle ACT 2019: गर्मी का मौसम ऊपर से वीकेंड, ऐसे में काफी लोग जो ड्रिंक करते हैं, अपनी कार को 'कार और बार' में बदलने का प्लान बना लेते हैं. जबकि ऐसा करना न केवल किसी बड़ी दुर्घटना का करण बन सकता है, बल्कि इसके चलते पकड़े जाने पर तगड़ा जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं. इसके बारे में हम आगे विस्तार से बताने जा रहे हैं.

पहली बार ड्रिंक एंड ड्राइव पर 10,000 का चालान

अगर आप दोस्तों के साथ वीकेंड पर पार्टी कर रहे हैं और गाड़ी चलते हुए पुलिस आपको पकड़ लेती है. जांच के समय ड्राइव कर रहा व्यक्ति भी नशे की हालत में पाया जाता है और ऐसा करते हुए पहली बार हुआ है, तो पुलिस 10,000 रुपये तक का चालान या छह महीने की जेल या दोनों की सजा दे सकती है. हालांकि पहले यह चालान 2,000 रुपये का देना पड़ता था. लेकिन ड्रिंक एंड ड्राइव के बढ़ते हुए आंकड़ों की वजह से सरकार को यह सख्त कदम उठाना पड़ा. ताकि इस तरह की घटनाओं में कमी लायी जा सके.

दूसरी बार ड्रिंक एंड ड्राइव पर 15,000 रुपये का चालान

अगर आप इससे पहले भी ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में चालान (या सजा) तब भर चुके है और आप दूसरी बार ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं. तब आपको 15,000 रुपये तक का चालान या दो साल की सजा या दोनों भी दी जा सकती है. जोकि आपके लिए कतई समझदारी भरा फैसला नहीं हो सकता.

इस नियम के तहत की जा सकती है कार्रवाही

इस तगड़े चालान का प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा 185 के तहत किया जा सकता है. यानि की टू/फोर व्हीलर चला रहे किसी भी व्यक्ति को जांच के दौरान नशे की हालत में पाया जाता है. जिससे उसे खुद व् उसके साथ अन्य लोग जो आगे या पीछे चल रहे हैं, के साथ दुर्घटना होने की संभावना पैदा करता है. जोकि कानूनन गलत है.

यह भी पढ़ें- Car Care Tips: ये गर्मी आपकी कार को बना देगी कबाड़ा, बचाना है तो बस ये काम कर लीजिये!

Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI

Adblock test (Why?)


Drink & Drive Challan: गर्मी के बहाने गाड़ी में मत करना ये गलती, नहीं तो बड़ा पछताओगे! - ABP न्यूज़
Read More

Sunday, June 11, 2023

नशे में टल्ली होकर चलाते हैं कर तो हो जाएं सावधान! भरना पड़ सकता है जुर्माना हो सकती है जेल - thebegusarai.in

drink drive

गर्मी के मौसम में काफी लोग ड्रिंक करके कार को ड्राइव करते हैं. यहां तक कि कई लोग अपनी कार को कार से बार बना लेते हैं. जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकता है. इसके अलावा पकड़े जाने पर तगड़ा जमाना भी भरना पड़ता है. क्या ऐसा करना चाहिए? इसके बारे में हम आगे इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं.

पहली बार पकड़े गए तो 10,000 रुपए का जुर्माना

आजकल के युवा अपने दोस्तों के साथ जब भी वीकेंड की छुट्टी मनाने के लिए निकलते हैं. तो खासकर पार्टी जरूर करते हैं और पार्टी में वो ड्रिंक भी कर लेते हैं ऐसे में अगर पुलिस उन्हें पकड़ती है और जांच के दौरान ड्राइव कर रहा व्यक्ति अगर नशे की हालत में पाया जाता है. तो उसे पहली बार 10,000 रुपए तक का जुर्माना और 6 महीने की सजा सुनाई जाते हैं. हालांकि पहले चालान ₹2000 तक ही था लेकिन ड्रिंक एंड ड्राइव के बढ़ते मामले को देखते हुए, सरकार ने इसे बढ़ाने का फैसला लिया.

दूसरी बार पकड़े जाने पर 15,000 तक का जुर्माना

बता दे कि अगर आप इससे पहले भी ड्रिंक एंड ड्राइव के केस में फर्स्ट चुके हैं और चालान भर चुके हैं. तो दूसरी बार पकड़े जाने पर आपको 15,000 तक का जुर्माने के साथ साथ 2 साल की सजा हो सकती है. अगर आप ऐसा कुछ करते हैं तो यह आपकी बेवकूफी होगी.

नियम क्या कहता है? ये जरूर जानें

ट्रैफिक पुलिस इस तरह चालान का प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा 135 के तहत करती है. इस धारा के अंतर्गत किसी भी फोर व्हीलर और टू व्हीलर चला रहे व्यक्ति के साथ-साथ उसके पीछे बैठे साथियों को जांच के दौरान नशे की हालत में पाए जाने पर यह धारा लगाई जा सकती है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि अगर आप कार चला रहे हैं तो आप ड्रिंक करके ना चलाएं. जिससे आप चालान के साथ-साथ दुर्घटना से भी बचें.

Adblock test (Why?)


नशे में टल्ली होकर चलाते हैं कर तो हो जाएं सावधान! भरना पड़ सकता है जुर्माना हो सकती है जेल - thebegusarai.in
Read More

Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला

Accident in Yamunotri Highway Motorcycle fell into a ditch Death Gujrat passengers vehicle overturned in tehri

गुजरात के यात्रियों का वाहन का पलटा - फोटो : amar ujala

विस्तार

यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट के निकट एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। मोटर साइकिल सवार राना चट्टी से बडकोट की तरफ आ रहे थे। तभी वह हादसे का शिकार हो गए। वहीं दूसरी तरफ टिहरी में गुजरात के यात्रियों का वाहन सड़क पर पलट गया। 

रविवार सुबह यमुनोत्री हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त मोटर साइकिल सवार कुनसाला निवासी कुलदीप सिंह राणा की बडकोट में उपचार के दौरान मौत हो गई। जबकि दूसरा राना गांव निवासी सोहन सिंह चौहान की हालत गंभीर होने के कारण प्रथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया है। डा पवन रावत ने सोहन सिंह चौहान की हालत को गंभीर बताया। देहरादून ले जाते समय नौगांव डामटा के बीच सोहन की भी मौत हो गई। 

चारधाम यात्रा पर निकले थे गुजरात के तीर्थयात्री
दूसरी तरफ घनसाली से 30 किमी पहले केमुण्डा खाल मंदिर के पास घनसाली की और एक वाहन टेम्पो ट्रेवर्लस सड़क पर पलट गया है। चौकी चमियाला थाना घनसाली द्वारा राहत वचाव कार्य किया गया। चौटिल चार  यात्रियों को रेस्क्यू  कर उपचार के लिए नजदीकी चिकित्सालय भिजवाया गया। 

ये भी पढ़ें...Uttarakhand: बाघ ही नहीं गुलदार भी बड़े पैमाने पर ले रहे लोगों की जान, सीएम से मिलेगा शिकारियों का पैनल


वाहन में गुजरात के कुल नौ तीर्थयात्री सवार थे। जो चारधाम यात्रा के लिए उत्तरकाशी से केदारनाथ के लिए निकले थे। तभी अचानक वाहन का ब्रेक फेल हो गया। जिससे वाहन स़ड़क पर पलट गया था। सभी नौ यात्रियों में से तीन घायलों का बेलेश्वर में प्राथमिक उपचार किया गया है। जबकि एक व्यक्ति के सीने में चोट है जिसे बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया जा रहा है।

Adblock test (Why?)


Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला
Read More

Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला

Accident in Yamunotri Highway Motorcycle fell into a ditch Death Gujrat passengers vehicle overturned in tehri

गुजरात के यात्रियों का वाहन का पलटा - फोटो : amar ujala

विस्तार

यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट के निकट एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। मोटर साइकिल सवार राना चट्टी से बडकोट की तरफ आ रहे थे। तभी वह हादसे का शिकार हो गए। वहीं दूसरी तरफ टिहरी में गुजरात के यात्रियों का वाहन सड़क पर पलट गया। 

रविवार सुबह यमुनोत्री हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त मोटर साइकिल सवार कुनसाला निवासी कुलदीप सिंह राणा की बडकोट में उपचार के दौरान मौत हो गई। जबकि दूसरा राना गांव निवासी सोहन सिंह चौहान की हालत गंभीर होने के कारण प्रथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया है। डा पवन रावत ने सोहन सिंह चौहान की हालत को गंभीर बताया। देहरादून ले जाते समय नौगांव डामटा के बीच सोहन की भी मौत हो गई। 

चारधाम यात्रा पर निकले थे गुजरात के तीर्थयात्री
दूसरी तरफ घनसाली से 30 किमी पहले केमुण्डा खाल मंदिर के पास घनसाली की और एक वाहन टेम्पो ट्रेवर्लस सड़क पर पलट गया है। चौकी चमियाला थाना घनसाली द्वारा राहत वचाव कार्य किया गया। चौटिल चार  यात्रियों को रेस्क्यू  कर उपचार के लिए नजदीकी चिकित्सालय भिजवाया गया। 

ये भी पढ़ें...Uttarakhand: बाघ ही नहीं गुलदार भी बड़े पैमाने पर ले रहे लोगों की जान, सीएम से मिलेगा शिकारियों का पैनल


वाहन में गुजरात के कुल नौ तीर्थयात्री सवार थे। जो चारधाम यात्रा के लिए उत्तरकाशी से केदारनाथ के लिए निकले थे। तभी अचानक वाहन का ब्रेक फेल हो गया। जिससे वाहन स़ड़क पर पलट गया था। सभी नौ यात्रियों में से तीन घायलों का बेलेश्वर में प्राथमिक उपचार किया गया है। जबकि एक व्यक्ति के सीने में चोट है जिसे बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया जा रहा है।

Adblock test (Why?)


Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला
Read More

Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला

Accident in Yamunotri Highway Motorcycle fell into a ditch Death Gujrat passengers vehicle overturned in tehri

गुजरात के यात्रियों का वाहन का पलटा - फोटो : amar ujala

विस्तार

यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट के निकट एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। मोटर साइकिल सवार राना चट्टी से बडकोट की तरफ आ रहे थे। तभी वह हादसे का शिकार हो गए। वहीं दूसरी तरफ टिहरी में गुजरात के यात्रियों का वाहन सड़क पर पलट गया। 

रविवार सुबह यमुनोत्री हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त मोटर साइकिल सवार कुनसाला निवासी कुलदीप सिंह राणा की बडकोट में उपचार के दौरान मौत हो गई। जबकि दूसरा राना गांव निवासी सोहन सिंह चौहान की हालत गंभीर होने के कारण प्रथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया है। डा पवन रावत ने सोहन सिंह चौहान की हालत को गंभीर बताया। देहरादून ले जाते समय नौगांव डामटा के बीच सोहन की भी मौत हो गई। 

चारधाम यात्रा पर निकले थे गुजरात के तीर्थयात्री
दूसरी तरफ घनसाली से 30 किमी पहले केमुण्डा खाल मंदिर के पास घनसाली की और एक वाहन टेम्पो ट्रेवर्लस सड़क पर पलट गया है। चौकी चमियाला थाना घनसाली द्वारा राहत वचाव कार्य किया गया। चौटिल चार  यात्रियों को रेस्क्यू  कर उपचार के लिए नजदीकी चिकित्सालय भिजवाया गया। 

ये भी पढ़ें...Uttarakhand: बाघ ही नहीं गुलदार भी बड़े पैमाने पर ले रहे लोगों की जान, सीएम से मिलेगा शिकारियों का पैनल


वाहन में गुजरात के कुल नौ तीर्थयात्री सवार थे। जो चारधाम यात्रा के लिए उत्तरकाशी से केदारनाथ के लिए निकले थे। तभी अचानक वाहन का ब्रेक फेल हो गया। जिससे वाहन स़ड़क पर पलट गया था। सभी नौ यात्रियों में से तीन घायलों का बेलेश्वर में प्राथमिक उपचार किया गया है। जबकि एक व्यक्ति के सीने में चोट है जिसे बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया जा रहा है।

Adblock test (Why?)


Uttarakhand: यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी मोटर साइकिल, दो की मौत, टिहरी में सड़क पर पलटा यात्रियों का वाहन - अमर उजाला
Read More

Saturday, June 10, 2023

Highcourt: लाइसेंस फर्जी साबित करने को RTI से मिली सूचना काफी नहीं, बीमा कंपनी को दिए मुआवजा देने के आदेश - अमर उजाला

Punjab-Haryana High Court says that driver's license cannot be considered fake on basis of RTI

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट - फोटो : File Photo

विस्तार

मोटर वाहन हादसे के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि केवल आरटीआई से प्राप्त सूचना के आधार पर वाहन चालक के लाइसेंस को फर्जी नहीं माना जा सकता। मोटर वाहन क्लेम ट्रिब्यूनल रोपड़ का फैसला खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी को वाहन मालिक के साथ मिल कर पीड़ित को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

याचिका दाखिल करते हुए मोटर वाहन मालिक रोपड़ के अमनदीप सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि मोटर वाहन क्लेम ट्रिब्यूनल रोपड़ ने वाहन हादसे में हाथ गंवाने वाले कारपेंटर कर्मजीत सिंह को मुआवजे के रूप में 6.84 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। शिकायत के अनुसार कर्मजीत सिंह अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था। इस दौरान याची अपनी बाइक पर लापरवाही से आया और शिकायतकर्ता की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे के कारण कर्मजीत व उसके पिता गिर गए और बुरी तरह से घायल हो गए।

यह भी पढ़ें : Punjab Cabinet: दस साल की सर्विस पूरी कर चुके 14239 टीचर होंगे रेगुलर, 19-20 जून को होगा विस का विशेष सत्र

इलाज के दौरान कर्मजीत सिंह की बाजू काटनी पड़ी थी। बीमा कंपनी ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त सूचना से पता चला है कि याची का लाइसेंस फर्जी है और ऐसे में बीमा कंपनी को मुआवजा देने के लिए आदेश नहीं दिया जा सकता। ट्रिब्यूनल ने याची का लाइसेंस फर्जी माना और बीमा कंपनी को मुआवजा देने की बाध्यता से मुक्त कर दिया। याची को राशि का पीड़ित को भुगतान करने का आदेश दिया।


याची ने कहा कि बीमा कंपनी यह कह कर पीड़ित को मुआवजा देने से इन्कार कर रही थी कि याची का लाइसेंस फर्जी था। बीमा कंपनी ने आरटीआई के माध्यम ने नागालैंड के तूनेसांग डीटीओ कार्यालय से याची के लाइसेंस के बारे में जानकारी मांगी थी। आरटीआई जवाब के आधार पर याची के लाइसेंस को फर्जी बताया गया। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता के लाइसेंस को फर्जी साबित करने में बीमा कंपनी नाकाम रही। केवल आरटीआई की सूचना कोर्ट के समक्ष रखी गई है जो लाइसेंस फर्जी साबित करने को काफी नहीं है। इसके समर्थन में डीटीओ कार्यालय के किसी कर्मचारी की गवाही मौजूद नहीं है। ऐसे में बीमा कंपनी पीड़ित को मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। ऐसे में कंपनी को याचिकाकर्ता के साथ मिल कर पीड़ित को मुआवजा राशि जारी करने का आदेश दिया है।

Adblock test (Why?)


Highcourt: लाइसेंस फर्जी साबित करने को RTI से मिली सूचना काफी नहीं, बीमा कंपनी को दिए मुआवजा देने के आदेश - अमर उजाला
Read More

Friday, June 9, 2023

जज ने स्कूली पाठ्यक्रम में आईपीसी, एविडेंस एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट को शामिल करने का सुझाव दिया - Janta Se Rishta

Adblock test (Why?)


जज ने स्कूली पाठ्यक्रम में आईपीसी, एविडेंस एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट को शामिल करने का सुझाव दिया - Janta Se Rishta
Read More

Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...