
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि मोटर वाहन हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति की विधवा का मुआवजे का दावा केवल एफआईआर में देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। मुआवजे के दावे की जांच सिविल कार्यवाही है और संभावनाओं पर आधारित सबूत ही विवादित तथ्यों के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जा सकते हैं।
Haryana News एफआईआर देरी से दर्ज होने को आधार बनाकर मुआवजे का दावा खारिज करना गलत- हाई कोर्ट.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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