मोटर वाहन अधिनियम| एमएसीटी 6 महीने के बाद दायर दावा याचिकाओं को ... - Live Law Hindi
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि पंद्रह साल से पुराने नौ लाख सरकारी वाहनों के एक अप्रैल के बाद सड़क पर चलाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इनके स्थान पर नए वाहन लगाए जाएंगे. ये वाहन केंद्रीय और राज्य सरकारों, परिवहन निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में लगे हुए हैं.
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हाल में जारी अधिसूचना के अनुसार, पंद्रह साल पुराने केंद्र और राज्य सरकार के सभी वाहनों का पंजीकरण एक अप्रैल से रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें कबाड़ कर दिया जाएगा. इनमें परिवहन निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में लगे वाहन शामिल हैं. पंजीकृत वाहन कबाड़ इकाई द्वारा ऐसे वाहनों को उनके पंजीकरण के दिन से 15 साल बाद मोटर वाहन (वाहनों के पंजीकरण और क्रियान्वयन कबाड़ इकाई) नियम, 2021 के अंतर्गत निष्क्रिय किया जाएगा.
उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार एथनॉल, मेथनॉल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठा रही है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, ”हमने अब 15 साल से ज्यादा पुराने नौ लाख से अधिक वाहनों को कबाड़ में बदलने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही प्रदूषण कर रहीं बसों और कारों के सड़क परिचालन पर रोक लगाकर उनके स्थान पर नए वाहनों को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.” उन्होंने कहा, ”इससे वायु प्रदूषण काफी हद तक कम होगा.”
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हाल में जारी अधिसूचना के अनुसार, पंद्रह साल पुराने केंद्र और राज्य सरकार के सभी वाहनों का पंजीकरण एक अप्रैल से रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें कबाड़ कर दिया जाएगा. इनमें परिवहन निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में लगे वाहन शामिल हैं.
अधिसूचना के अनुसार, यह नियम देश की रक्षा के लिए अभियान में, कानून व्यवस्था लागू करने और आंतरिक सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष उद्देश्य के वाहनों (बख्तरबंद और अन्य विशेष वाहन) पर लागू नहीं होगा. इसमें कहा गया है, ” पंजीकृत वाहन कबाड़ इकाई द्वारा ऐसे वाहनों को उनके पंजीकरण के दिन से 15 साल बाद मोटर वाहन (वाहनों के पंजीकरण और क्रियान्वयन कबाड़ इकाई) नियम, 2021 के अंतर्गत निष्क्रिय किया जाएगा.” (भाषा)
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Published Date: January 30, 2023 4:13 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों, निकायाें, परिवहन निगम, विभाग, स्वायत्त संस्थाओं के 5500 वाहन 01 अप्रैल से कबाड़ बन जाएंगे। इन वाहनों की आरसी का नवीनीकरण नहीं होगा। केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके दायरे में आने वाले वाहनों की जगह नए वाहन खरीदने या किराए पर वाहन लेने के लिए सरकार को 300 से 550 करोड़ खर्च करने पड़ेंगे।
दिसंबर माह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्क्रैप पॉलिसी के तहत मोटर यान अधिनियम में संशोधन का ड्राफ्ट जारी करते हुए सभी राज्यों से सुझाव मांगे थे। उत्तराखंड ने जो सुझाव दिया था, उसमें बताया था कि 5500 वाहनों के कबाड़ में जाने के बजाए अगर उन्हें नीलाम किया जाए तो अपेक्षाकृत कम 11 करोड़ का नुकसान होगा।
वहीं दस लाख प्रति वाहन के हिसाब से देखें तो नए वाहन खरीदने को राज्य को 550 करोड़ की आवश्यकता होगी। इस बीच परिवहन मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है जो कि एक अप्रैल 2023 से प्रभावी हो जाएगी।
Bibha Sharma
Updated Wed, 18th Jan 2023 10:00 AM IST
उत्तर प्रदेश से एक चौकाने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, एक वायरल वीडिओ के आधार पर लखनऊ पुलिस चलती दुपहिया वाहन पर रोमांस करने वाले जोड़े को ढूंढ रही है। घटना हजरतगंज इलाके की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, बाइक के पीछे चल रहे एक वाहन से लिया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो वायरल होते ही पुलिस फुटेज की जांच में जुट गई है।
तलाश के लिए पुलिस की दो टीमों को लगाया गया है
लखनऊ मध्य क्षेत्र में पुलिस उपायुक्त अपर्णा रजत कौशिक ने पुष्टि की है कि, वीडियो लखनऊ का है और हजरतगंज क्षेत्र में लिया गया था। दंपति की तलाश के लिए पुलिस की दो टीमों को लगाया गया है। पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए आसपास के कैमरों से सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस ने कहा कि दंपति के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम और अश्लीलता फैलाने के आरोप में भी कार्रवाई की जाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, युगल का व्यवहार न केवल शालीनता और सामाजिक व्यवहार की सीमाओं को पार करता है, बल्कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी अपराध है।
दिल्ली हाईकोर्ट - फोटो : एएनआई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि अभिभावकों को नाबालिग बच्चों को मोटर वाहन चलाने की अनुमति देना न केवल अपने बच्चों के बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं। अदालत ने यह टिप्पणी कार के पंजीकृत मालिक के खिलाफ एक बीमा कंपनी को वसूली के अधिकार देने को चुनौती देने वाली अपील को खारिज करते हुए की। कार मालिक के नाबालिग बेटे से कार दुर्घटना में 2013 में एक 42 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि 42 वर्षीय व्यक्ति ने केवल इसलिए अपनी जान गंवाई क्योंकि नाबालिग के पिता ने यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए कि उसका वाहन केवल वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति ही चलाए। अदालत ने कहा, वह अपीलकर्ता के इस तरह के कृत्य को माफ नहीं कर सकती है और बीमा कंपनी पर दायित्व तय नहीं कर सकती है, जब यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता ने खुद बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया था।
नवंबर 2021 में रोहिणी में एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने कुमार की पत्नी और बेटी के पक्ष में 16,32,700 रुपये का मुआवजा दिया। ट्रिब्यूनल ने आदेश में यह भी कहा कि बीमा कंपनी को कानून के अनुसार उचित कार्रवाई में पंजीकृत मालिक से राशि वसूलने का अधिकार होगा। यह माना गया कि कार मालिक ने अपने नाबालिग बेटे को वाहन चलाने की अनुमति देकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया।
अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि चूंकि वाहन उसके नाबालिग बेटे द्वारा उसकी जानकारी और अनुमति के बिना चलाया गया था इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि उसने जानबूझकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय वह अपने कार्यालय में था और उनके नाबालिग बेटे ने उनके दराज से कार की चाबी ले ली थी जो अनजाने में प्रासंगिक समय पर बंद नहीं थी।
नवंबर 2021 में रोहिणी में एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने कुमार की पत्नी और बेटी के पक्ष में 16,32,700 रुपये का मुआवजा दिया। ट्रिब्यूनल ने आदेश में यह भी कहा कि बीमा कंपनी को कानून के अनुसार उचित कार्रवाई में पंजीकृत मालिक से राशि वसूलने का अधिकार होगा। यह माना गया कि कार मालिक ने अपने नाबालिग बेटे को वाहन चलाने की अनुमति देकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया।अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि चूंकि वाहन उसके नाबालिग बेटे द्वारा उसकी जानकारी और अनुमति के बिना चलाया गया था इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि उसने जानबूझकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय वह अपने कार्यालय में था और उनके नाबालिग बेटे ने उनके दराज से कार की चाबी ले ली थी जो अनजाने में प्रासंगिक समय पर बंद नहीं थी।
एमएसीटी द्वारा पारित निर्णय का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि उसके नाबालिग बेटे ने उसकी अनुमति के बिना कार ली थी, यह अपीलकर्ता कार के पंजीकृत मालिक द्वारा संबंधित पुलिस प्राधिकरण या किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष नहीं उठाई गई थी।
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाले उपकरण विनिमार्ताओं के शीर्ष संगठन टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने विभिन्न राज्यों में इस उत्पाद की खरीद को लेकर ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बनाये जाने का विरोध किया है। उसका कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे कुछ ही कंपनियों को लाभ होगा तथा साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा।
संगठन का कहना है कि वास्तव में ग्राहकों को निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाली किसी भी कंपनी से वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाला उपकरण (वीएलटीडी) खरीदने की छूट होनी चाहिए। संगठन ने इस बारे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों को प्रतिवेदन भी दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया, ई-रिक्शा तथा तिपहिया और वैसे वाहन जिन्हें परमिट की जरूरत नहीं है, को छोड़कर सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिये एआईएस 140 ( वाहन उद्योग मानक) मानक वाले वाहन ‘ट्रैकिंग’ उपकरण और ‘पैनिक बटन’ लगाने को अनिवार्य किया है।
टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ताई) ने सोमवार को बयान में कहा कि सरकार ने वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिये मानक-एआईएस 140 बनाये हैं। नियमों के अनुसार, इन मानकों को पूरा करने वाले उपकरण और उससे जुड़े सामान बनाने वाली कंपनियों से उत्पाद खरीदने की छूट संबंधित वाहन मालिकों को मिलनी चाहिए। लेकिन राज्य इसमें नई शर्त जोड़ते हुए कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बना रहे हैं।
उसका कहना है कि कंपनियों को पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे मुख्य रूप से कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों को फायदा होगा और साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ग्राहकों को भी प्रतिस्पर्धा के अभाव में अधिक मूल्य चुकाने के लिये विवश होना पड़ेगा।
ताई के अध्यक्ष अमोनचित सूर्या किरण ने कहा, ‘‘यह कदम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 (सीएमवीआर) के प्रावधान 125-एच के तहत राज्य के वाहन मालिकों को पसंद के अनुसार कंपनी से उत्पाद खरीदने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वाहन मालिकों को एआईएस-140 मानकों वाले उत्पाद चुनने की स्वतंत्रता होगी। ऐसे में पैनल बनाने की व्यवस्था को तत्काल खत्म करने की जरूरत है।’’
मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) में करीब 100 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ताई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वाहनों में वीएलटीडी लगाने के लिये अधिसूचना 2016 में जारी की थी, लेकिन अभी भी कई राज्यों में यह व्यवस्था काम नहीं कर रही है। ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा के लिये सभी राज्यों में वाणिज्यिक वाहनों में वीएलटीडी लगाने के काम में तेजी लायी जानी चाहिए।
भाषा
रमण अजय
अजय
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाले उपकरण विनिमार्ताओं के शीर्ष संगठन टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने विभिन्न राज्यों में इस उत्पाद की खरीद को लेकर ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बनाये जाने का विरोध किया है। उसका कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे कुछ ही कंपनियों को लाभ होगा तथा साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा।
संगठन का कहना है कि वास्तव में ग्राहकों को निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाली किसी भी कंपनी से वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाला उपकरण (वीएलटीडी) खरीदने की छूट होनी चाहिए। संगठन ने इस बारे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों को प्रतिवेदन भी दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया, ई-रिक्शा तथा तिपहिया और वैसे वाहन जिन्हें परमिट की जरूरत नहीं है, को छोड़कर सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिये एआईएस 140 ( वाहन उद्योग मानक) मानक वाले वाहन ‘ट्रैकिंग’ उपकरण और ‘पैनिक बटन’ लगाने को अनिवार्य किया है।
टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ताई) ने सोमवार को बयान में कहा कि सरकार ने वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिये मानक-एआईएस 140 बनाये हैं। नियमों के अनुसार, इन मानकों को पूरा करने वाले उपकरण और उससे जुड़े सामान बनाने वाली कंपनियों से उत्पाद खरीदने की छूट संबंधित वाहन मालिकों को मिलनी चाहिए। लेकिन राज्य इसमें नई शर्त जोड़ते हुए कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बना रहे हैं।
उसका कहना है कि कंपनियों को पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे मुख्य रूप से कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों को फायदा होगा और साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ग्राहकों को भी प्रतिस्पर्धा के अभाव में अधिक मूल्य चुकाने के लिये विवश होना पड़ेगा।
ताई के अध्यक्ष अमोनचित सूर्या किरण ने कहा, ‘‘यह कदम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 (सीएमवीआर) के प्रावधान 125-एच के तहत राज्य के वाहन मालिकों को पसंद के अनुसार कंपनी से उत्पाद खरीदने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वाहन मालिकों को एआईएस-140 मानकों वाले उत्पाद चुनने की स्वतंत्रता होगी। ऐसे में पैनल बनाने की व्यवस्था को तत्काल खत्म करने की जरूरत है।’’
मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) में करीब 100 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ताई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वाहनों में वीएलटीडी लगाने के लिये अधिसूचना 2016 में जारी की थी, लेकिन अभी भी कई राज्यों में यह व्यवस्था काम नहीं कर रही है। ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा के लिये सभी राज्यों में वाणिज्यिक वाहनों में वीएलटीडी लगाने के काम में तेजी लायी जानी चाहिए।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
डूंगरपुर7 घंटे पहले
आदिवासाें के गढ़ डूंगरपुर जिले में वाहनाें काे लेकर अब ट्रेंड बदलता जा रहा है। लाेग अब डीजल, पेट्राेल के वाहनाें से दूरी बनाते हुए ई-व्हीकल ज्यादा खरीद रहे हैं। पिछले दाे साल के अांकडे़ देखें ताे 12 गुना बढ़ाेत्तरी हुई है। वर्ष 2020 में जहां जिले में कुल ई-व्हीकल 28 थे वहीं 2021 में 39 ई-व्हीकल रजिस्टर्ड किए गए। जबकि 2022 में ताे 279 का पंजीयन कराया गया। सबसे ज्यादा दाेपहिया 270 खरीदे गए। वर्तमान में जिले में देखें ताे कुल ई-व्हीकल की संख्या 346 पहुंच गई है।
इनमें 4 कार, 7 कार्ट, 19 रिक्सा और 316 दाेपहिया वाहन है। एक तरह से पिछडे इलाकाें में शामिल आदिवासियाें के गढ़ डूंगरपुर जिले में ई-व्हीकलाें की संख्या में अचानक बढ़ाेत्तरी हाेने से यहां के लाेगाें ने प्रर्यावरण सुरक्षा में जहां अपनी जागरुकता दिखाई है वहीं डीजल-पेट्राेल के भारी खर्च से बचने के लिए समझदारी। क्याेंकि ई-व्हीकल से वायु प्रदूषण शून्य हाेता है और डीजल-पेट्राेल का खर्च ताे बिल्कुल नहीं।
डूंगरपुर जिले में ई-व्हीकलाें की बढ़ती संख़्या काे देखते हुए जल्द ही इनके चार्जिंग स्टेशन लगाने पर ई-व्हीकल कंपनियों के स्तर पर विचार चल रहा है। उदयपुर में कई कंपनियां चार्जिंग स्टेशन लगा रही है, डूंगरपुर में भी ई-वाहनाें की वर्तमान संख्या व आगामी सालाें में कितनी बढ़ने की संभावना है आदि काे लेकर डाटा एनालिसिस चल रहा है। इन स्टेशनाें पर ई-व्हीकलधारियाें काे केन्द्र सरकार की स्वीकृत दराें पर वाहन चार्जिंग की सुविधा मिलेगी।
ई-व्हीकल खरीद के लिए जागरूक कर रहे, निर्देश मिलते ही अनुदान जारी करेंगे: आरटीओ
डूंगरपुर आरटीओ एनएल शाह का कहना है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में 1 सितंबर 2022 काे ई-व्हीकल पाॅलिसी लागू कर दी है। इसमें जहां ईवी की खरीद करने पर माेटर वाहन टैक्स नहीं देना पड रहा है वहीं खरीददार काे भी सब्सिडी दी जा ही है। ज्यादा संख्या में लाेग ई-व्हीकल खरीदें, इसके लिए जागरुकता की जा रही है। अभी तक खरीदे गए ई-व्हीकलाें काे विभाग से अनुदान मिलते ही राशि जारी की जाएगी। आज के महंगाई के दाैर में ई-व्हीकल सबसे अच्छा है। वायु प्रदूषण शून्य और डीजल-पेट्राेल का खर्चा भी नहीं। जब वाहनाें की संख्या बढ़ेगी ताे इसके चार्जिंग स्टेशन भी अाएंगी। उदयपुर में कई ई-व्हीकल कंपनियां चार्जिंग स्टेशन लगा रही है। डूंगरपुर में भी लगाने का सर्वे चल रहा है।
ई-व्हीकल इसलिए जरूरी...
लगातार बढ़ रहा है हवा में प्रदूषण, डूंगरपुर का एक्यूआई लेवल-60, उदयपुर का खतरनाक स्तर 350 पर देश के महानगराें में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पडाैसी जिला उदयपुर में एक्यूआई लेवल कई बार 350 पर पहुंच चुका है, जाे विशेषज्ञाें के अनुसार खतरनाक स्तर है। एक्यूआई जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही खराब होगी। अगर एक्यूआई 0 से 50 के बीच रहे तो इसे अच्छी श्रेणी में रखा जाता है। 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। जयपुर, दिल्ली बेहद खराब श्रेणी में आ चुके हैं। हालांकि डूंगरपुर का एक्युआई लेवल अभी 50-60 के बीच है। यानी डूंगरपुर में फ्यूल वाहनाें व अन्य कारणाें से वायु प्रदूषण शुरू हाे चुका है। इस पर अभी से राेक लगाना जरुरी हाे गया है। इसलिए सरकार ई-व्हीकल की खरीद पर जाेर दे रही है, और यह हमारे लिए भी अच्छा है।
राजस्थान में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू, वाहन खरीद पर 20 हजार रुपए तक सब्सिडी
1 सितंबर 2022 काे राजस्थान सरकार ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी लागू कर दी है। इसमें ईवी पर मोटर वाहन टैक्स भी नहीं देना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए प्रपोज्ड वन टाइम कॉन्ट्रिब्यूशन और एसजीएसटी रिफिलिंग के लिए 40 करोड़ रुपए के एडिशनल बजट प्रोविजन मंजूर किया गया है। परिवहन विभाग के मुताबिक इस पॉलिसी से डीजल-पेट्रोल के वाहनों से होने वाले पॉल्यूशन में कमी आएगी। प्रदेश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 5 से 10 हजार रुपए, थ्री-व्हीलर पर 10 से 20 हजार रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी। लाइट मोटर व्हीकल- फोर-व्हीलर पर 50 हजार रुपए, बस पर 2 लाख रुपए तक सब्सिडी मिलेगी। सीएम गहलोत ने साल 2019-20 के बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति लाने की घोषणा की थी।
शहडोल, (एजेंसी/वार्ता): मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के केशवाही पुलिस चौकी के तहत बलबहरा तिराहे के पास एक मोटर साइकिल को एक बड़े वाहन ने कुचल दिया, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौत हो गयी और तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कल रात्रि हुयी इस घटना में राजपाल पाव और एम एन पाव की मौके पर मौत हो गयी, जबकि तीसरा मोटर साइकिल सवार मुकुटधारी पाव गंभीर घायल हो गया ,जिसे पुलिस ने शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया है। बताया जा रहा है कि मोटर साइकिल सवार तीन व्यक्ति शराब के नशे में वाहन चला रहे थे
और किसी वाहन से भिड़ गए। मृतक राजपाल और एमएन पाव आपस में साले-जीजा हैं। आज दोनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौप कर अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है।
-(एजेंसी/वार्ता)
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धार, 15 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आज कहा कि कांग्रेस ने देश और मध्यप्रदेश में लंबे समय तक राज किया, लेकिन उन्होंने देश, प्रदेश के विकास और गरीबों का जीवन बदलने के लिए कोई विचार नहीं किया।
see more..एसोसिएशन ने पिछले साल सितंबर में मॉडल डीलर एग्रीमेंट (एमडीए) लॉन्च किया था। जिसका मकसद वाहन निर्माताओं और उनके डीलरों के बीच पारंपरिक रूप से चले आ रहे "एकतरफा समझौता" और उनके अनुबंध को ज्यादा संतुलित बनाना है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने एक बयान में कहा, "नौ ओईएम ने आधुनिक डीलर समझौते के बारे में व्यक्तिगत रूप से सुना है, और हमें यह रिपोर्ट करते हुए खुशी हो रही है कि उनमें से हर एक ने बहुत सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया दी है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि FADA द्वारा दो साल की कड़ी मेहनत के बाद, एमजी मोटर (इंडिया) द्वारा एमडीए को स्वीकार और अनुमोदित किया गया है, और इस सफर के सफल समापन की शुरुआत को चिह्नित करते हैं।"
जब फोर्ड ने 2021 में भारत से बाहर निकलने का फैसला किया, तो कुछ डीलरों ने दावा किया कि घोषणा से ठीक एक महीने पहले कंपनी ने नए शोरूम खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (आशय पत्र) जारी किए थे।
एसोसिएशन ने पिछले साल सितंबर में मॉडल डीलर एग्रीमेंट (एमडीए) लॉन्च किया था। जिसका मकसद वाहन निर्माताओं और उनके डीलरों के बीच पारंपरिक रूप से चले आ रहे "एकतरफा समझौता" और उनके अनुबंध को ज्यादा संतुलित बनाना है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने एक बयान में कहा, "नौ ओईएम ने आधुनिक डीलर समझौते के बारे में व्यक्तिगत रूप से सुना है, और हमें यह रिपोर्ट करते हुए खुशी हो रही है कि उनमें से हर एक ने बहुत सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया दी है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि FADA द्वारा दो साल की कड़ी मेहनत के बाद, एमजी मोटर (इंडिया) द्वारा एमडीए को स्वीकार और अनुमोदित किया गया है, और इस सफर के सफल समापन की शुरुआत को चिह्नित करते हैं।"
जब फोर्ड ने 2021 में भारत से बाहर निकलने का फैसला किया, तो कुछ डीलरों ने दावा किया कि घोषणा से ठीक एक महीने पहले कंपनी ने नए शोरूम खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (आशय पत्र) जारी किए थे।
Publish Date: | Fri, 13 Jan 2023 05:20 PM (IST)
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की माैत हो गई है। जानकारी के अनुसार बेमेतरा से कवर्धा आ रहे मोटर साइकिल सवार को अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी। जिससे व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पिपरिया थाना क्षेत्र के ग्राम इंदौरी पेट्रोल पंप के पास की है। बताया जा रहा है कि इस हादसे का बड़ा कारण है कि गुरुवार को कवर्धा में चक्काजाम के बाद हाईवे में अचानक से ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया था, इस कारण एक साथ सैकड़ों वाहन हाईवे में चल रही थी। इन्हीं में एक वाहन के चपेट में आने से व्यक्ति की मौत हुई है।
जिला अस्पताल के पुलिस सहायता केन्द्र से मिली जानकारी अनुसार पिपरिया थाना क्षेत्र के ग्राम इंदौरी पेट्रोल पंप के पास यह हादसा हुआ है। बेमेतरा की ओर से कवर्धा आ रहे रमेश कुमार सेन पिता लखन लाल सेन निवासी ग्राम सिरवाबांधा जिला व थाना बेमेतरा अपने मोटर साइकिल में थे। तभी कोई अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी। इस हादसे में रमेश के सिर पर गंभीर चोट आई। यह हादसा करीब गुरुवार शाम 6.30 से 7 बजे के बीच की है। इसके बाद रमेश को जिला अस्पताल में लाया गया। तब तक उसकी मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के पुलिस सहायता केन्द्र ने पिपरिया थाना में जानकारी दे दी है। पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया है। वहीं शुक्रवार की सुबह मृतक का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजन को सौंप दिया गया है।
चक्काजाम के कारण सड़क में भीड़ रहीं
गौरतलब है कि गुरुवार को कवर्धा से रायपुर हाईवे स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई थी। मौत के बाद स्वजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हंगामा इतना बढ़ा कि दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। इसके चलते हाईवे की दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतारे लग गई थी। शाम के समय चक्काजाम खुला तो हाईवे पर एकाएक ट्रैफिक का दबाव बन गया था। हाईवे में भीड़ बढ गई थी। इसी दौरान ही ग्राम इंदौरी पेट्रोल पंप के पास यह हादसा हो गया। मौके पर राहगिरों ने डायल 112 व पुलिस विभाग को जानकारी दी। डायल 112 के माध्यम से घायल को जिला अस्पताल लाया गया था।
पेट्रोल पंप के आसपास सबसे ज्यादा हादसे
जिले मे सड़क हादसे थमने का नाम ही नही ले रहे हैं। इसके बावजूद वाहन चालकों की रफ्तार भी कम नही हो रही है। इसमें ज्यादातर दुर्घटना तेज रफ्तार, नशा और हेलमेट न पहन कर वाहन चलाने के ही कारण सामने आ रहा है। वहीं एक पहलु ये भी है कि ज्यादातर हादसे पेट्रोल पंप के आसपास हो रहे है। ग्राम इंदौरी पेट्रोल पंप के पास कई हादसे हो चुके है। इसके अलावा बीते दिनों कवर्धा से पोंड़ी हाईवे स्थित एक पेट्रोल पंप के पास भी हादसा हुआ था। जिसमें पुलिस चौकी पोंड़ी क्षेत्र के ग्राम प्रभाटोला के दो युवकों की मौके पर मौत हो गई थी।
सड़क सुरक्षा सप्ताह में ही हादसे
कबीरधाम जिले में वर्तमान समय में 33वां राष्ट्रीय यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह 2023 का आयोजन 11 जनवरी से 17 जनवरी तक किया जा रहा है। इस बीच भी हादसे हो रहे हैं। यातायात सुरक्षा व्यवस्था एक गंभीर विषय बनता जा रहा है, जिसका विशेष ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 22 वर्ष से सड़क सुरक्षा सप्ताह के रूप में एक आयोजन किया जा रहा है। जो पूरे देश में एक साथ मनाया जाता है जिसका उद्देश्य केवल वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाकर वाहन चालकों को यातायात नियम के विषय में जानकारी प्रदान कर जागरूक करना है। वाहन दुर्घटनाओं के आंकड़े प्रतिवर्ष बढ़ रहे हैं, जो अत्यंत भयावह है, देश में लगभग डेढ़ लाख लोग प्रतिवर्ष वाहन दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं।
जिले में बीते तीन वर्ष के हादसे संबंधित फैक्ट फाइल -
- कबीरधाम जिले में ही वर्ष 2020 में कुल 285 वाहन दुर्घटनाएं के प्रकरण दर्ज हुए हैं जिसमें 309 लोग घायल हुए थे तथा 96 लोगो की मृत्यु हो गई थी।
- वर्ष 2021 में 309 प्रकरण दर्ज हुए थे, जिसमें 366 घायल एवं 111 की मृत्यु हुई थी।
- वर्ष 2022 में 332 प्रकरण दर्ज हुए थे जिसमें 496 घायल हुए थे, तथा 129 की मृत्यु हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2023 अंतर्गत 13 जनवरी की स्थिति में अब तक 5 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो चुके है।
कबीरधाम जिले के चिन्हांकित ब्लैक और ग्रे स्पाट
– ब्लैक स्पाट –
कबीरधाम जिले में दुल्लापुर से रानीसागर तक, पालीगुड़ा तिराहा, और गंडई चैक से फोंक नदी पुल के आगे तक को के रुप मे चिन्हित किया गया है।
– ग्रे स्पाट –
इसी तरह मिनीमाता चैक से भोरमदेव तिराहा तक, जोराताल मंडी के पहले से जोराताल तिराहा तक, रामकृष्ण पब्लिक स्कूल के सामने से सिंघनपुरी पेट्रोल पंप तक, सांईमंदिर से राजनांदगांव तिराहा तक, धनगांव चैक और पनेका चैक को ग्रे स्पाट के रुप मे चिन्हित किया गया है।
Posted By: Vinita Sinha
भारत में अपने 25 शानदार वर्षों के संचालन के दौरान, टोयोटा ग्राहकों की मोबिलिटी संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। ग्राहकों की संतुष्टि पर अपने मजबूत फोकस के साथ, कंपनी ने 20 लाख से ज्यादा टोयोटा ग्राहकों के परिवारों का विश्वास जीता है। ऑटो एक्सपो में अलग-अलग जोन में टोयोटा ने इन चीजों को डिस्पले किया हैं:
नागौर2 घंटे पहले
जिले में वर्ष 2022 में हुए सड़क हादसे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आया कि जिले में दुपहिया वाहनों से कुल 415 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें कुल 244 लोगों की मौत हो गई। घायल होने वालों की संख्या 317 है। दरअसल, पुलिस द्वारा इन हादसों के आंकड़ों को लेकर किए गए विश्लेषण में सामने आया है कि दुपहिया वाहन से एक ही साल में मरने वाले 244 लोगांे में से 240 ऐसे व्यक्ति थे, जो बिना हेलमेट पहने थे।
जो जिले में सम्पूर्ण वर्ष 2022 में सभी वाहनों से हुई सड़क दुर्घटना में मृतक 446 का 54.70 प्रतिशत है, जो केवल दुपहिया वाहनों से सड़क दुर्घटना में मारे गए हैं। इसी बीच पुलिस अधीक्षक ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही करने को लेकर आदेश जारी किए हैं।
एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि नागौर में वर्ष 2022 में जनवरी से दिसंबर तक थानों ने केवल 639 दुपहिया वाहन चालकों के विरूद्ध बिना हेलमेट चालान की कार्यवाही की है, जो खेदजनक है। एसपी ने वर्ष 2023 माह जनवरी से मार्च तक जिले में अभियान चलाकर बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध अधिक से अधिक कार्यवाही के आदेश दिए हैं। सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष नागौर में सुबह प्रतिवेदन के साथ भिजवाने को कहा है।
32वां सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 17 जनवरी तक होगा आयोजित
प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग की ओर से डीडवाना में बुधवार को सड़क सुरक्षा के प्रति आमजन में जागरूकता व सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से 32वां सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ किया। डीडवाना के परिवहन अधिकारी नरेश बसवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ राजकीय बांगड़ उच्च माध्यमिक विद्यालय डीडवाना से किया। 32वां राष्ट्रीय सडक सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुबह साढ़े 10 बजे सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए विद्यार्थियों की ओर से रैली निकाली गई। रैली में विद्यार्थियों ने तख्तियों पर लिखे गए सड़क सुरक्षा संबंधी स्लोगन के माध्यम से आमजन में जागरूकता का संदेश दिया। इस दौरान समस्त राजकीय विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं, हितधारक विभागों को सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा के मूल मंत्र का पालन करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल नेहरा, पुलिस उपाधीक्षक गोमा राम चौधरी, परिवहन निरीक्षक भंवरलाल चौधरी, प्रधानाचार्य श्रवण राम मंडा मौजूद रहे।
डेह में सड़क सुरक्षा सप्ताह में बालिकाओं ने ली शपथ
डेह| कस्बे के राजकीय उच्च बालिका विद्यालय में सड़क सुरक्षा सप्ताह भारत में प्रतिवर्ष लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते है। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए देश में प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। देश में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारण अमूल्य मानव संपदा की हानि होती है।
बासनी| सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत बुधवार को राजकीय उमावि में यातायात नियमों की जानकारी देकर शपथ दिलाई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवशंकर व्यास ने कहा कि इस अवसर पर व्याख्याता मुन्नाराम चोटिया ने कहा कि वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग ना करें। उन्होंने अपील की है कि छोटे बच्चों को बाइक ना चलाने दे। इससे दुर्घटना हो सकती है। इस अवसर पर व्याख्याता मूलचंद डांगी, फरजाना बानो, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद युसूफ, असगर अली आदि मौजूद थे।
देश की प्रमुख वाहन प्रदर्शनी (ऑटो एक्सपो) का आयोजन करीब तीन साल बाद किया जा रहा है. ऑटो एक्सपो 2023, 11 जनवरी से शुरू होगा. कोविड महामारी की वजह से वाहनों के इस द्विवार्षिक मेले का आयोजन 2022 में टल गया था. हालांकि, इस बार कुछ प्रमुख वाहन कंपनियां ‘ऑटो एक्सपो’ (Auto Expo) में भाग नहीं ले रही हैं. इन कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, स्कोडा, फॉक्सवैगन और निसान के साथ लग्जरी वाहन कंपनियां मर्सिडीज-बेंज, BMW और ऑडी शामिल हैं.
ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले ऑटो एक्सपो 2023 में मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स, किआ इंडिया, टोयोटा किर्लोस्कर और एमजी मोटर इंडिया जैसी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. वाहन प्रदर्शनी में भाग लेने वाली अन्य कंपनियों में अशोक लेलैंड, वोल्वो आयशर कमर्शियल वेहिकल्स, जेबीएम ऑटो, एसएमएल इसुजु, कमिंस, कीवे और सन मोबिलिटी शामिल हैं. इस बार ऑटो एक्सपो 75 नए उत्पादों के लॉन्च और अनवीलिंग के साथ 5 ग्लोबल लॉन्च का गवाह बनेगा. ऑटो एक्सपो का यह एडिशन 11 और 12 जनवरी को ‘प्रेस डेज’ के साथ शुरू होगा. 13 से 18 जनवरी तक यह एक्सपो आम लोगों के लिए खुलेगा.
इसके अलावा हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर कंपनी जैसे प्रमुख दोपहिया विनिर्माताओं की मौजूदगी एथनॉल पवेलियन में उनके ‘फ्लेक्स फ्यूल’ प्रोटोटाइप वाहनों के प्रदर्शन तक सीमित रहेगी. EV की बात करें तो पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट में BYD India, Vayve Mobility, Pravaig Dynamics हिस्सा ले रही हैं. वहीं इलेक्ट्रिक टूव्हीलर व थ्रीव्हीलर सेगमेंट में Greaves Cotton, Tork Motors, Wardwizard Innovations, Motovolt Mobility और LML अपने प्रॉडक्ट डिस्प्ले करेंगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के एक अधिकारी का कहना है कि 2020 के पिछले एडिशन की तुलना में इस बार उद्योग प्रतिभागियों की संख्या अधिक होगी. मोटर शो में 46 वाहन विनिर्माताओं के साथ उद्योग के करीब 80 हितधारक भाग ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ते रुझान के बीच इस बार वाहन मेले में बड़ी संख्या में स्टार्टअप कंपनियों की भागीदारी रहेगी. ये स्टार्टअप मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहन के विनिर्माण के क्षेत्र में हैं.
एक्सपो में हिस्सा नहीं लेने वाली कंपनियों ने शो की प्रासंगिकता का उल्लेख किया है. मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर का कहना है, ‘‘हम काफी साल से इस एक्सपो में हिस्सा लेते रहे हैं. हमने देखा है कि मेले में आने वाले ग्राहकों की हमारे जैसे लग्जरी ब्रांड में कम रुचि रहती है. इस वजह से हमने मेले में भाग नहीं लेने का फैसला किया. हम ग्राहकों के साथ संपर्क के लिए और तरीके अपनाएंगे.’’
स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड निदेशक पीटर सॉल्क के मुताबिक, कंपनी ने भारत में अपने उत्पादों को उतारने के लिए अपनी समयसीमा के हिसाब से चलने का आंतरिक फैसला किया है. ऐसे में हम वाहन प्रदर्शनी में भाग नहीं ले रहे हैं. बता दें कि पूर्व में कई वाहन कंपनियां आयोजन स्थल की दूरी और भागीदारी की ऊंची लागत को लेकर सवाल उठाती रही हैं.
वाहन कलपुर्जा प्रदर्शनी-2023 (Auto Expo 2023 - Components) भी तीन साल के बाद 12-15 जनवरी, 2023 के बीच राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहा है. इस एक्सपो में 800 से अधिक कंपनियां भाग लेंगी. इस प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) मिलकर करते हैं. प्रदर्शनी में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इजराइल, इटली, जापान, पोलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, ताइवान, थाइलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 15 देशों की कंपनियां भाग ले रही हैं. इस बार प्रतिभागियों की संख्या 2020 में पिछले आयोजन की तुलना में 200 अधिक है.
Edited By Vijay, Updated: 08 Jan, 2023 10:07 PM
ऊना-हमीरपुर रोड पर बरनोह में हुई सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 279, 337, 304ए व 187 मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। मृतक की पहचान रणजीत सिंह (25) पुत्र बलविन्द्र सिंह वार्ड नंबर-3 मोहल्ला...
ऊना (विशाल): ऊना-हमीरपुर रोड पर बरनोह में हुई सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 279, 337, 304ए व 187 मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। मृतक की पहचान रणजीत सिंह (25) पुत्र बलविन्द्र सिंह वार्ड नंबर-3 मोहल्ला गलुआ ऊना के रूप में हुई है। इस संबंध में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाते हुए रामपाल निवासी डंगोली ने कहा कि वह बरनोह में एक दुकान के पास रुका हुआ था तो उसे जोर की टक्कर की आवाज सुनी। जब उसने मौके पर जाकर देखा तो एक ऑटो रिक्शा को अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर मौके से भाग गया था। इस ऑटो रिक्शा में 2 लोग थे, जिसमें से एक व्यक्ति रणजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई और कुलजीत निवासी अप्पर अरनियाला को काफी चोटें आई हैं। एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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पंजाब कैबिनेट की बैठक। - फोटो : अमर उजाला
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में शुक्रवार को पंजाब मंत्रिमंडल ने स्क्रैप वाहन के मालिकों को नया वाहन खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स में 25 फीसदी तक छूट देने के फैसले पर मुहर लगा दी। इस फैसले के तहत ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 15 फीसदी और गैर-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को टैक्स में 25 फीसदी छूट मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही मिल्कफेड और इससे जुड़ी मिल्क यूनियनों में ग्रुप सी व डी के 500 पदों पर सीधी भर्ती के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इसके साथ ही, मंत्रिमंडल ने पंजाब सिविल सचिवालय में आम राज प्रबंध विभाग में सेवकों और चौकीदारों के 173 खाली पदों को ट्रांसफर के आधार पर भरने की मंजूरी दे दी जबकि जिला ग्रामीण विकास एजेंसियों (डीआरडीए) को भंग करने की मंजूरी देते हुए मंत्रिमंडल ने इनसे जुड़े स्टाफ के 44 सदस्यों को जिला परिषदों व पंचायत समितियों में डाइंग काडर सृजित करके एडजस्ट करने की मंजूरी भी दे दी।
पंजाब सिविल सचिवालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन संबंधी लागू की गई स्क्रैपिंग नीति पर अमल करते हुए पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट-1924 की धारा 13 (3) के तहत नए वाहनों की खरीद के मौके पर खरीदार को टैक्स में छूट देने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत, ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को मोटर व्हीकल टैक्स में 15 प्रतिशत और नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिक को 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।
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नया साल 2023 आ चुका है. कई लोग नए वर्ष के लिए कई तैयारियां पहले से ही करके बैठे होंगे. हालांकि, हमें कुछ बातों का भी ध्यान रखना होगा जो हमारे पर्सनल फाइनेंस (Personal Finances) को प्रभावित कर सकती है. नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का मतलब बहुत सारे बदलाव भी हैं जो हमें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से झेलने पड़ सकते हैं. इन बदलावों में बैंक लॉकर (Bank Locker), क्रेडिट कार्ड (Credit Card), GST, सीएनजी-पीएनजी की कीमतें आदि शामिल हैं. ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो जाएंगे. सरकार के नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है. आइए आपको भी बताते हैं कुछ बदलाव जो एक जनवरी यानी आज से शुरू हो रहे हैं.
पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने इन एनपीएस निकासी को लेकर एक नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक सरकारी क्षेत्र यानी केंद्र, राज्य और केंद्रीय स्वायत्त निकाय के ग्राहक अब आंशिक निकासी (एनपीएस आंशिक निकासी) के लिए अपना आवेदन जमा कर सकते हैं. इसे केवल नोडल अधिकारी को जमा करना होगा. ये नियम 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी हो गया है.
आरबीआई ने बैंक लॉकर नियमों में बदलाव किया है, जिसमें ग्राहकों को अपडेटिड लॉकर एग्रीमेंट प्रदान करना शामिल है. नियम 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी हों गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के संशोधित निर्देश अधिसूचना के अनुसार, बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं. इसके अलावा, बैंक के हितों की रक्षा के लिए अनुबंध की शर्तें व्यवसाय के सामान्य कोर्स में आवश्यकता से अधिक कठिन नहीं होंगी. बैंक 1 जनवरी, 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ अपने लॉकर समझौतों का नवीनीकरण करेंगे.
मोटर वाहन अधिनियम और केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार, HSRP और रंग-कोडेड स्टिकर सभी वाहनों के लिए अनिवार्य हैं. नियमों के मुताबिक, एचएसआरपी और कलर-कोडेड स्टिकर के बिना पकड़े गए किसी भी वाहन पर 5,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. दोपहिया वाहनों के लिए हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट की कीमत 365 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 600 रुपये से लेकर 1,100 रुपये तक निर्धारित की गई है. कई राज्यों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की डेडलाइन 31 दिसंबर, 2022 है.
नए साल 2023 से, कई बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए अपनी रिवॉर्ड पॉइंट योजना में बदलाव किए जाने की संभावना है. ऐसे में आपको 31 दिसंबर तक क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम करना होगा.
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने कहा है कि सभी बीमा पॉलिसीधारकों को नई पॉलिसी के लिए साइन इन करने से पहले केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) डिटेल जमा करना होगा. बीमाकर्ता ने कहा है कि वह जीवन, स्वास्थ्य, मोटर, घर और यात्रा बीमा पॉलिसियों सहित पॉलिसी बेचने से पहले पॉलिसीधारकों के केवाईसी दस्तावेजों की बारीकी से निगरानी करेगा.
सेबी म्यूचुअल फंड रेगुलेशंस के अनुसार, म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदने से पहले आवेदन में अपने बैंक अकाउंट डिटेल दें. यदि केवाईसी प्रोसेस को पूरा करने के लिए पते के प्रमाण के रूप में बैंक स्टेटमेंट या पासबुक की प्रति जमा की जाती है तो आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे. हिंदू-अविभाजित परिवार (एचयूएफ) संस्थाओं के लिए, बैंक विवरण, हालांकि, केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए स्वीकार किए जा सकते हैं. निवेशक अन्य अनुमेय दस्तावेजों के साथ केवाईसी विवरण के प्रमाण के रूप में एक पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, नरेगा जॉब कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पत्र और आधार कार्ड होने का प्रमाण प्रदान कर सकते हैं.
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...