
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाले उपकरण विनिमार्ताओं के शीर्ष संगठन टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने विभिन्न राज्यों में इस उत्पाद की खरीद को लेकर ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बनाये जाने का विरोध किया है। उसका कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे कुछ ही कंपनियों को लाभ होगा तथा साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा।
संगठन का कहना है कि वास्तव में ग्राहकों को निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाली किसी भी कंपनी से वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाला उपकरण (वीएलटीडी) खरीदने की छूट होनी चाहिए। संगठन ने इस बारे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों को प्रतिवेदन भी दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दोपहिया, ई-रिक्शा तथा तिपहिया और वैसे वाहन जिन्हें परमिट की जरूरत नहीं है, को छोड़कर सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिये एआईएस 140 ( वाहन उद्योग मानक) मानक वाले वाहन ‘ट्रैकिंग’ उपकरण और ‘पैनिक बटन’ लगाने को अनिवार्य किया है।
टेलीमेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ताई) ने सोमवार को बयान में कहा कि सरकार ने वाणिज्यिक वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिये मानक-एआईएस 140 बनाये हैं। नियमों के अनुसार, इन मानकों को पूरा करने वाले उपकरण और उससे जुड़े सामान बनाने वाली कंपनियों से उत्पाद खरीदने की छूट संबंधित वाहन मालिकों को मिलनी चाहिए। लेकिन राज्य इसमें नई शर्त जोड़ते हुए कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों का पैनल बना रहे हैं।
उसका कहना है कि कंपनियों को पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और इससे मुख्य रूप से कुछ ‘चुनिंदा’ कंपनियों को फायदा होगा और साठगांठ को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ग्राहकों को भी प्रतिस्पर्धा के अभाव में अधिक मूल्य चुकाने के लिये विवश होना पड़ेगा।
ताई के अध्यक्ष अमोनचित सूर्या किरण ने कहा, ‘‘यह कदम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 (सीएमवीआर) के प्रावधान 125-एच के तहत राज्य के वाहन मालिकों को पसंद के अनुसार कंपनी से उत्पाद खरीदने की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वाहन मालिकों को एआईएस-140 मानकों वाले उत्पाद चुनने की स्वतंत्रता होगी। ऐसे में पैनल बनाने की व्यवस्था को तत्काल खत्म करने की जरूरत है।’’
मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) में करीब 100 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ताई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वाहनों में वीएलटीडी लगाने के लिये अधिसूचना 2016 में जारी की थी, लेकिन अभी भी कई राज्यों में यह व्यवस्था काम नहीं कर रही है। ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा के लिये सभी राज्यों में वाणिज्यिक वाहनों में वीएलटीडी लगाने के काम में तेजी लायी जानी चाहिए।
भाषा
रमण अजय
अजय
ग्राहकों को तय मानक वाले वाहन निगरानी उपकरण अपनी पंसद से खरीदने की छूट मिले: उद्योग संगठन - IBC24 News (हिंदी)
Read More
No comments:
Post a Comment