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Wednesday, November 30, 2022

Etah News: टीटीजेड में प्रतिबंधित वाहन मिले तो होगी कार्रवाई - अमर उजाला

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एटा। ताज ट्रिपोजियम जोन (टीटीजेड) में प्रतिबंधित वाहनों पर सख्ती बरतने के निर्देश राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से दिए गए हैं। क्षेत्र में प्रतिबंधित वाहन चलता पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। टीटीजेड में अवागढ़ व जलेसर ब्लॉक आते हैं। इन ब्लॉकों में उच्च न्यायालय के आदेश पर डीजल से संचालित होने वाले 10 वर्ष और पेट्रोल के 15 वर्ष पुराने वाहनों पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन परिवहन विभाग उदासीन बना हुआ था और कोई भी वाहन नहीं रोका गया। इसकी रिपोर्ट टीटीजेड प्राधिकरण अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त आगरा को नहीं भेजी गई।
इसके बाद प्राधिकरण अध्यक्ष की ओर से सोमवार को जोन क्षेत्रों के एआरटीओ की बैठक बुलाई गई। इसमें नाराजगी जाहिर कर कड़ी चेतावनी दी गई। निर्देश दिए गए हैं कि दोनों ही तरह के वाहनों का पुन: पंजीयन न किया जाए। परिवहन विभाग की ओर से वाहनों पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराने की हिदायत दी गई है। एआरटीओ रवेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि यदि जोन क्षेत्र में वाहन संचालित पाया जाता है तो उसके विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।

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Monday, November 28, 2022

हिमाचल : लोक अदालत में मोटर वाहन के 7143 मामलों की सुनवाई, 69 लाख वसूला जुर्माना - MBM NEWS NETWORK

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हिमाचल : लोक अदालत में मोटर वाहन के 7143 मामलों की सुनवाई, 69 लाख वसूला जुर्माना  MBM NEWS NETWORK
हिमाचल : लोक अदालत में मोटर वाहन के 7143 मामलों की सुनवाई, 69 लाख वसूला जुर्माना - MBM NEWS NETWORK
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हिमाचल : लोक अदालत में मोटर वाहन के 7143 मामलों की सुनवाई, 69 लाख वसूला जुर्माना - Hindusthan Samachar

हिमाचल : लोक अदालत में मोटर वाहन के 7143 मामलों की सुनवाई, 69 लाख वसूला जुर्माना

शिमला, 28 नवम्बर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में रविवार यानी 27 नवम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। जिसमें बड़ी संख्या में मोटर वाहनों से जुड़े चालानों के मामलों की सुनवाई हुई। राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य भर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मोटर वाहनों के चालान से जुड़े 7143 मामले राष्ट्रीय लोक अदालत में दाखिल किए गए थे और इनका निपटारा कर 69 लाख 5 हज़ार 310 रूपये जुर्माना वसूल किया गया।

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि 15 नवम्बर 2022 से 26 नवम्बर 2022 तक 9797 चालान किये गए और जुर्माने के तौर पर 98.81 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया था। वाहन चालकों की ओर जुर्माना बकाया रहने से संबंधित को मोबाइल फोन पर सूचना दी गई थी। जिसके बाद 27 नवंबर को लोक अदालत में जुर्माना अदा करने का मौका दिया गया। इस लोक अदालत में 7143 मामलों में 69 लाख 5 हज़ार 310 की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई।

उन्होंने बताया कि पुलिस जिला हमीरपुर में हुए 2060 चालान की सुनवाई कर लोक अदालत में 17.84 लाख रुपये का जुर्माना प्राप्त किया गया। इसी तरह शिमला जिला में 798 मामलों में 9,27500 रुपये, कांगड़ा जिला में 760 मामलों में 8,33400 रुपये, ऊना जिला में 603 मामलों में 7,26300 रुपये, मंडी जिला में 598 मामलों में 5,46710 रुपये, सिरमौर जिला में 549 मामलों में 442300 रुपये, चम्बा जिला में 404 मामलों में 350100 रुपये, बिलासपुर जिले में 401 मामलों में 240900 रुपये, कुल्लू जिला में 366 मामलों में 312900 रुपये, पुलिस जिला बद्दी में 265 मामलों में 220600 रुपये, सोलन जिला में 192 मामलों में 259100 रुपये और लाहौल-स्पीति जिला में 08 मामलों में 10200 रुपए जुर्माना वसूला गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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Sunday, November 27, 2022

विजिलेंस ब्यूरो ने मोटर वाहन निरीक्षक के साथ सांठगांठ करने वाले 3 भगोड़े एजेंटों को किया गिरफ्तार - Janta Se Rishta

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विजिलेंस ब्यूरो ने मोटर वाहन निरीक्षक के साथ सांठगांठ करने वाले 3 भगोड़े एजेंटों को किया गिरफ्तार - Janta Se Rishta
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Ghazipur News: अठारह वाहनों का ई-चालान - अमर उजाला

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रेवतीपुर और सुहवल थाना पुलिस ने शनिवार की रात संदिग्ध लोगों की तलाश और अवैध तरीके से चलने वाले दो पहिया वाहनों के खिलाफ सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया। अभियान में पुलिस ने कुल 18 वाहनों का ई-चालान किया।
रेवतीपुर पुलिस ने अभियान के क्रम में दस वाहन जबकि सुहवल पुलिस ने आठ दो पहिया वाहनों का ई-चालान किया। पुलिस ने चालकों और वाहन स्वामियों को मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियमों और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जागरूक भी किया। इस अभियान मेें पुलिस ने चार पहिया वाहनों के शीशे पर लगी काली फिल्म उतरवाई। पिछले एक हफ्ते के दौरान दोनों थानों की पुलिस अब तक 72 वाहनों का ई-चालान कर चुकी है। पुलिस ने लोगों को चेताया कि नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में रेवतीपुर के थानाध्यक्ष प्रशांत चौधरी और सुहवल की प्रभारी निरीक्षक तारावती यादव ने बताया कि अभियान के तहत कई वाहनों का चालान किया गया। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

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Tips & Tricks : मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी कर रहे रिन्यू, तो इन बातों पर जरूर करें फोकस - Goodreturns Hindi

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Tips & Tricks : मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी कर रहे रिन्यू, तो इन बातों पर जरूर करें फोकस  Goodreturns Hindi
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Friday, November 25, 2022

हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान दे रही टोयोटा किर्लोस्कर मोटर: विक्रम किर्लोस्कर - Punjab Kesari

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Nov, 2022 03:26 PM

toyota kirloskar motor focusing on hybrid vehicles vikram kirloskar

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर समग्र कार्बन उत्सर्जन में कटौती के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं भविष्य में उसकी देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लाने की भी योजना है। कंपनी के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने...

मुंबईः टोयोटा किर्लोस्कर मोटर समग्र कार्बन उत्सर्जन में कटौती के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं भविष्य में उसकी देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लाने की भी योजना है। कंपनी के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने यह कहा। कंपनी ने अपने लोकप्रिय बहुउद्देश्यीय वाहन इनोवा का नया हाइब्रिड संस्करण 'इनोवा हाइक्रॉस' शुक्रवार को बाजार में उतारा है। 

विक्रम किर्लोस्कर से सवाल किया गया कि ऐसे समय जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवीएस) पैर जमा रहे हैं तब टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति क्यों है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि देश का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। आपको इसे समग्र रूप से और वैज्ञानिक आधार पर देखना होगा और हम यही कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के मौजूदा निम्न स्तर को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऐसा जरूरी नहीं कि बिजली से चलने वाले वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य को पूरा कर पाएंगे।

किर्लोस्कर ने कहा, ''भारत में नवीकरणीय बिजली 50-60 प्रतिशत से अधिक होने लगेगी तो निश्चित रूप से सब बिजली आधारित होगा... हम भी इलेक्ट्रिक वाहन ला सकते हैं।'' सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2022 तक भारत की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में कुल जीवाश्म ईंधन 57.9 प्रतिशत और गैर-जीवाश्म ईंधन 42.1 प्रतिशत है। 

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Thursday, November 24, 2022

Panchkula News: ई-नीलामी, ऑनलाइन मिलेंगे वीवीआईपी नंबर, ०००१ का आरक्षित मूल्य पांच लाख रुपये - अमर उजाला

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चंडीगढ़। हरियाणा में निजी वाहनों के लिए अब सभी वीवीआईपी नंबर ई-नीलामी पोर्टल के जरिये या ऑनलाइन मिलेंगे। परिवहन विभाग ने पसंदीदा नंबरों का आरक्षित मूल्य तय कर दिया है। 0001 नंबर का आरक्षित मूल्य पांच लाख रुपये रखा है। इससे कम में यह नंबर नहीं मिलेगा। वीवीआईपी नंबरों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ या कम्प्यूटर से भी किया जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने मोटर वाहन नियम-1993 में संशोधन किया है। अब इन्हें मोटर वाहन नियम, 2022 कहे जाएंगे। पहले पसंदीदा नंबरों में 100 अक्षर शामिल किए थे, जिनकी संख्या अब बढ़ा दी गई है। साथ ही 0001, 00020 0003 और अन्य नंबरों का आरक्षित मूल्य भी तय कर दिया गया है। नीलामी में जितनी बोली जाएगी, अंतिम बोलीदाता को उतनी राशि ही जमा करानी होगी। ई-नीलामी में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराना होगा। 50 हजार या अधिक आरक्षित मूल्य वाले नंबर के लिए पंजीकरण शुल्क एक हजार रुपये और अन्य नंबर के लिए 500 रुपये रहेगा। बोली आयोजित न होने या रद्द किए जाने पर राशि लौटा दी जाएगी। साथ ही आरक्षित मूल्य का 20 प्रतिशत सुरक्षा राशि के रूप में जमा कराना होगा।
निजी वाहनों के लिए नंबरों की कम से कम कीमत
नंबर आरक्षित मूल्य
- 0002,0007, 0009 का 1.50 लाख
- 0003, 0004, 0005, 0006, 0008 का एक लाख
- 0010, 0011, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099,0100, 0786 का 75 हजार
- इन नंबरों को छोड़कर 0012 से 0098 और अन्य 61 पसंदीदा नंबरों का आरक्षित मूल्य पचास हजार रुपये रखा
परिवहन वाहनों के लिए वीवीआईपी नंबर का आरक्षित मूल्य
-0001 का एक लाख
-0002, 0021, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 099 1, 0786 का 30 हजार
-0100, 0111, 0222, 0333, 0444, 0555, 0666, 0777, 0888, 0999, 1111, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999 का 20 हजार
-अन्य किसी नंबर के लिए दस हजार रुपये।
45 हजार दोपहिया-तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का होगा मुफ्त पंजीकरण
हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। 45 हजार दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों का परिवहन विभाग मुफ्त पंजीकरण करेगा। 10 जुलाई या इसके बाद खरीदे गए पहले 45 हजार वाहन मालिकों को यह लाभ मिलेगा, इसमें 30 हजार दोपहिया व 15 हजार तिपहिया वाहन शामिल किए जाएंगे। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर, हाइड्रोजन इंधन आधारित पहले 10 हजार वाहनों को पंजीकरण शुल्क में 75 फीसदी की छूट दी जाएगी। पहले 2500 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक फोर व्हीकल को पंजीकरण फीस में 25 फीसदी छूट मिलेगी। पहली हजार इलेक्ट्रिक बसों को पंजीकरण शुल्क में 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

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Haryana: अब ई-नीलामी या ऑनलाइन मिलेंगे VVIP नंबर, 0001 का आरक्षित मूल्य पांच लाख - अमर उजाला

प्रतीकात्मक तस्वीर

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विस्तार

हरियाणा में निजी वाहनों के लिए अब सभी वीवीआईपी नंबर ई-नीलामी पोर्टल के जरिये या ऑनलाइन मिलेंगे। परिवहन विभाग ने पसंदीदा नंबरों का आरक्षित मूल्य तय कर दिया है। 0001 नंबर का आरक्षित मूल्य पांच लाख रुपये रखा है। इससे कम में यह नंबर नहीं मिलेगा। वीवीआईपी नंबरों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ या कम्प्यूटर से भी किया जा सकता है।  

प्रदेश सरकार ने मोटर वाहन नियम-1993 में संशोधन किया है। अब इन्हें मोटर वाहन नियम, 2022 कहे जाएंगे। पहले पसंदीदा नंबरों में 100 अक्षर शामिल किए थे, जिनकी संख्या अब बढ़ा दी गई है। साथ ही 0001, 00020 0003 और अन्य नंबरों का आरक्षित मूल्य भी तय कर दिया गया है। 

नीलामी में जितनी बोली जाएगी, अंतिम बोलीदाता को उतनी राशि ही जमा करानी होगी। ई-नीलामी में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराना होगा। 50 हजार या अधिक आरक्षित मूल्य वाले नंबर के लिए पंजीकरण शुल्क एक हजार रुपये और अन्य नंबर के लिए 500 रुपये रहेगा। बोली आयोजित न होने या रद्द किए जाने पर राशि लौटा दी जाएगी। साथ ही आरक्षित मूल्य का 20 प्रतिशत सुरक्षा राशि के रूप में जमा कराना होगा।

निजी वाहनों के लिए नंबरों की कम से कम कीमत

  • नंबर      आरक्षित मूल्य
  • 0002,0007, 0009 का 1.50 लाख।
  • 0003,0004,0005,0006, 0008 का एक लाख।
  • 0010, 0011, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099,0100, 0786 का 75 हजार। 
  • इन नंबरों को छोड़कर 0012 से 0098 और अन्य 61 पसंदीदा नंबरों का आरक्षित मूल्य पचास हजार रुपये रखा।


परिवहन वाहनों के लिए वीवीआईपी नंबर का आरक्षित मूल्य

  • 0001 का एक लाख।
  • 0002, 0021, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 099 1, 0786 का 30 हजार 
  • 0100, 0111, 0222, 0333, 0444, 0555, 0666, 0777, 0888, 0999, 1111, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999 का 20 हजार।
  • अन्य किसी नंबर के लिए 10 हजार रुपये।

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Haryana: अब ई-नीलामी या ऑनलाइन मिलेंगे VVIP नंबर, 0001 का आरक्षित मूल्य पांच लाख - अमर उजाला
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Monday, November 21, 2022

Mahindra THAR... शौक... और एक गलती... हो गई 6 महीने की जेल! जानें क्या है पूरा मामला - Aaj Tak

Mahindra Thar Modification: महिंद्रा थार अपने सेग्मेंट की बेस्ट सेलिंग एसयूवी में से एक है. युवाओं के बीच इस एसयूवी का क्रेज काफी ज्यादा देखने को मिलता हैं. यूं तो कंपनी ने इस एसयूवी के लुक और डिज़ाइन को प्योर ऑफरोडिंग स्टांस देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन बावजूद इसके कई लोग अपने वाहन के लुक के साथ मनचाहे प्रयोग करते नज़र आते हैं. ताजा मामले में ऐसा ही एक प्रयोग एक महिंद्रा थार मालिक पर भारी पड़ गया. अपनी एसयूवी में अवैध मॉडिफिकेशन के चलते थार मालिक को कोर्ट ने 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर के रहने वाले आदिल फारूक भट को श्रीनगर ट्रैफिक कोर्ट ने उनके महिंद्रा थार एसयूवी में अवैध मॉडिफिकेशन के लिए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है. इस एसयूवी में तेज ध्वनि वाला सायरन भी इस्तेमाल किया गया था. नियम के अनुसार, ये 1988 के मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) की धारा 52 का उल्लंघन है. 

Mahindra Thar में किए थे ये मॉडिफिकेशन: 

बताया जा रहा है कि, महिंद्रा थार के मालिक ने अपनी एसयूवी में कई मॉडिफिकेशन किए थें, जिसमें एसयूवी की हार्ड टॉप, बड़े पहिए, चौड़े टायर, एलईडी लाइट्स और सायरन शामिल है. कोर्ट के मुताबिक वाहन का स्ट्रक्चर पूरी तरह से मॉडिफाई किया गया था, जो कि इसे वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज विवरण से वाहन को पूरी तरह से अलग करता है. ये कानून का उल्लंघन है. 

हालांकि, वाहन मालिक को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया गया है, क्योंकि उल्लंघनकर्ता को इससे पहले कभी भी दोषी नहीं ठहराया गया है और उसने कोई अनैतिकता नहीं की थी. लेकिन कोर्ट ने थार मालिक को दो साल की अवधि के लिए शांति और अच्छे व्यवहार के लिए 2 लाख रुपये का बांड भरने का निर्देश दिया है. बांड का पालन करने में विफल रहने पर अभियुक्त को प्रस्तावित सजा प्राप्त होगी.

कोर्ट ने RTO कश्मीर को वाहन से सायरन हटाने और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के उल्लंघन में किए गए सभी मॉडिफिकेशन को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. इसके अलावा महिंद्रा थार के रजिस्ट्रेशन सटिफिकेट में उल्लेखित विवरण के अनुसार वाहन को मूल स्थिति में लाने का निर्देश दिया है. 

वाहन मॉडिफिकेशन के लिए क्या है कानून: 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी 2019 को फैसला सुनाया था कि देश में किसी भी मोटर वाहन को इस तरह से संशोधित या परिवर्तित नहीं किया जा सकता है जो कि कार को उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज डेटा से अलग बनाता हो. आसान भाषा में समझें तो, आप किसी भी वाहन कार के 'स्ट्रक्चरल फीचर्स' के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते.

कार के चेसिस या इंजन में किसी भी तरह के बदलाव को भी अवैध करार दिया गया है. इसके अलावा बहुत से ऐसे मॉडिफिकेशन हैं, जिन्हें अवैध करार दिया गया है. किसी भी वाहन में टिंटेड ग्लॉस, फैंसी और तेज ध्वनि वाले प्रेशर हॉर्न, सायरन, तेज ध्वनि वाले एग्जॉस्ट (साइलेंसर), गैर-जरूरी लाइट्स इत्यादि जैसे मॉडिफिकेशन अवैध हैं.

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Uttarakhand News मोटर कराधान सुधार संशोधन नियमावली में नई व्यवस्था व्यावसायिक वाहन स्वामियों को मिली राहत.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Jagran NewsPublish Date: Tue, 22 Nov 2022 09:23 AM (IST)Updated Date: Tue, 22 Nov 2022 09:23 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand News : प्रदेश में अब व्यावसायिक वाहन स्वामी उपयोग न होने की स्थिति में एक समय में छह माह और कुल एक वर्ष तक वाहन सरेंडर कर सकेंगे। उत्तराखंड मोटर कराधान सुधार संशोधन नियमावली में यह व्यवस्था की गई है। शासन ने यह नियमावली जारी कर दी है।

16 नवंबर को हुई कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई थी

उत्तराखंड मोटर कराधान सुधार संशोधन नियमावली को गत 16 नवंबर को हुई कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई थी। अब शासन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। इसमें अब संभागीय परिवहन अधिकारियों को भी काराधान अधिकारी नामित किया गया है।

इसमें यह व्यवस्था की गई है कि वाहन स्वामी एक कलैंडर वर्ष में तीन माह के स्थान पर अब छह माह तक के लिए वाहन सरेंडर कर सकते हैं। अपरिहार्य स्थिति में यह समय सीमा छह माह और बढ़ाई जा सकती है। पहले यह सीमा भी तीन माह थी।

नीलामी समिति का पुनर्गठन किया गया

इसके साथ ही नियमावली में वाहनों की नीलामी को वरिष्ठतम संभागीय परिवहन अधिकारी की अध्यक्षता में नीलामी समिति का पुनर्गठन किया गया है। इसमें संभाग के दूसरे संभागीय परिवहन अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और संभागीय निरीक्षक प्राविधिक सदस्य होंगे। इनमें अपर व उप परिवहन आयुक्त काराधान अधिकारी व नीलामी समिति में अध्यक्ष होते थे।

Edited By: Nirmala Bohra

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बिगड़ैल वाहन चालकों को पुलिस ने सिखाया कड़ा सबक, मोटर वाहन अधिनियम के तहत... - Latest Hindi Himachal Pradesh News: HNN - https://ift.tt/SWZ4eFc

HNN / सोलन

सोलन पुलिस ने रविवार को वाहन चालकों पर शिकंजा कसते हुए तकरीबन 159 चालान किए। पुलिस की इस कार्यवाही से नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। दरअसल, जिला पुलिस ने नाका लगाकर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 159 चालान किए और मौके पर 11,500 रुपए जुर्माना वसूला है।

बता दें कि इनमें शराब पीकर वाहन चलाने पर 3, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दो, वाहन चलाते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर एक और बिना हेलमेट के 28, बिना सीट बेल्ट के 8 व अन्य 100 चालान किए। इस दौरान पुलिस ने कुछ वाहन चालकों को नियमों का पाठ भी पढ़ाया। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने पर पुलिस ने 9 चालान कर 900 रूपये जुर्माना वसूला।

उधर, पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक सोलन वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करने वाले वाहन चालकों को पुलिस द्वारा बार-बार हिदायत दी जा रही थी। लेकिन उसके बाद भी कुछ वाहन चालक सरपट सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे थे, और नियमो की अनदेखी कर रहे थे। जिसके चलते पुलिस द्वारा यह कड़ी कार्यवाही अमल में लाई गई।

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Sunday, November 20, 2022

Mahindra Thar में मोडिफिकेशन कराना पड़ गया भारी, शख्स को हो गई 6 महीने की जेल - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

क्या है मामला?

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने अपनी महिंद्रा थार एसयूवी में गैर कानूनी मोडिफिकेशन करा रखे थे. व्यक्ति ने कार का लुक तो बदलवा ही डाला था, साथ ही इसमें एक सायरन भी लगवाया था. यह मोटर वाहन अधिनियम 1988 (एमवी अधिनियम) की धारा 52 का उल्लंघन है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह पुरानी जेनरेशन महिंद्रा थार थी, जिसमें एक हार्ड टॉप, बड़े पहिये और टायर, एलईडी लाइट्स के साथ-साथ एक कार सायरन लगा रखा था. न्यायालय के आदेश के अनुसार, वाहन को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में छपी वास्तविक संरचना से पूरी तरह बदल दिया गया है.

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Saturday, November 19, 2022

केरल में वाहन पलटने से सबरीमाला जा रहे 44 तीर्थयात्री घायल, 8 साल के बच्चे की हालत काफी गंभीर - ThePrint Hindi

पथनमथिट्टा: केरल के पथनमथिट्टा के लाहा गांव में शनिवार को एक वाहन के पलट जाने से सबरीमाला जा रहे आंध्र प्रदेश के 44 तीर्थयात्री घायल हो गए. पुलिस ने इस बात की जानकारी दी.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हादसे में घायल आठ साल के एक बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज्य पुलिस के अनुसार, तीर्थयात्रियों को लेकर बस आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से सबरीमाला के पहाड़ी मंदिर जा रही थी, जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई.

राज्य पुलिस, दमकल विभाग, मोटर वाहन विभाग और स्थानीय लोगों द्वारा चलाए गए एक संयुक्त बचाव अभियान के माध्यम से सभी 44 तीर्थयात्रियों को बचाया गया और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज भी मौके पर पहुंचीं और तीर्थयात्रियों के लिए उपचार सुनिश्चित किया. उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों और नर्सों की टीम घायलों का इलाज कर रही है. उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है.’

मंत्री ने बताया कि 21 लोगों को पेरुनाड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है और अन्य को पथनमथिट्टा के सरकारी जनरल अस्पताल में इलाज दिया गया है.

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जॉर्ज ने आगे बताया कि, ‘आठ साल के एक लड़के सहित तीन लोगों को इलाज के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, कोट्टायम भेजा गया था.उनकी हालत गंभीर है.’

उन्होंने कहा, ‘लड़के की रीढ़ की हड्डी में चोट है और उसे सर्जरी की जरूरत है. इसके लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं.’

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे आश्वासन दिया कि ‘बस में सवार अन्य लोगों का इलाज किया जा रहा है. वे विजयवाड़ा से आ रहे थे और हम उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सभी इंतजाम करेंगे.’

बस में सवार तीर्थयात्रियों के अनुसार, ‘चालक पिछले 3 दिनों से सोया नहीं था और दुर्घटना उसके झपकी आने के कारण हो सकती है. पथनमथिट्टा की जिला कलेक्टर दिव्या एस अय्यर और जिला पुलिस प्रमुख स्वप्निल मधुकर महाजन भी घटनास्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने विस्तृत जांच करने का आश्वासन दिया है.


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केरल में वाहन पलटने से सबरीमाला जा रहे 44 तीर्थयात्री घायल, 8 साल के बच्चे की हालत काफी गंभीर - ThePrint Hindi
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Thursday, November 17, 2022

केरल हाईकोर्ट ने वाहनों पर राष्ट्रीय और राज्य चिह्नों के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का... - Live Law Hindi

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केरल हाईकोर्ट ने वाहनों पर राष्ट्रीय और राज्य चिह्नों के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का... - Live Law Hindi
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Tuesday, November 15, 2022

पहाड़ी राज्‍य में वाहन खरीदते समय सुरक्षा नहीं बजट का ध्यान फिटनेस को नजरअंदाज करना पड़ रहा महंगा.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Jagran NewsPublish Date: Wed, 16 Nov 2022 09:28 AM (IST)Updated Date: Wed, 16 Nov 2022 09:28 AM (IST)

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Road Safety With Jagran, पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लोग वाहनों की फिटनेस को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह पुलिस जांच में सामने आ रहा है। इस वर्ष अब तक बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के 749 चालान किए गए। व्यापक स्तर पर जांच की जाए तो सैकड़ों वाहन ऐसे पाए जाएंगे। वाहन खरीदते समय भी लोग सुरक्षा मानकों को ध्यान में नहीं रखते। वे अपने बजट के अनुसार ही वाहन खरीदते हैं। पैसे की बचत फिटनेस जांच के दौरान भी करते हैं। दुर्घटना के दौरान यही बचत मृत्यु का कारण भी बन जाती है। नियमों को ताक पर रखकर वाहनों की फिटनेस जांच हो रही है। इसका पता बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली न्यायिक जांच में चला है। इसमें वाहन की फिटनेस को लेकर प्रश्न उठाए गए और अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई। कुछ अधिकारियों पर निलंबन की गाज तक गिरी है।

फिटनेस व नवीनीकरण का प्रविधान

वाहनों की फिटनेस सिर्फ निजी वाहनों के लिए दी जाती है, जबकि व्यावसायिक वाहनों के पंजीकरण का हर वर्ष नवीनीकरण करना पड़ता है। इसमें वाहन की हालत और उपकरणों की कार्यक्षमता को देखा जाता है। निजी वाहनों की फिटनेस पहले नए वाहन को खरीदने के बाद 15 वर्षों के लिए और उसके बाद पांच-पांच साल के लिए होती है। यह फिटनेस एक दिन में सैकड़ों वाहनों को दी जाती है। कई ऐसे वाहन भी होते हैं जो सिर्फ कागजी तौर पर ही फिट होते हैं।

इन मानकों पर होती है जांच

  • सर्टिफिकेशन सेंटर के अंदर वाहन के पहुंचते ही उसका फोटो लिया जाता है।
  • आटोमेटेड मशीन के ट्रैक पर वाहन का पाल्यूशन और साउंड लेवल मीटर की जांच।
  • साइड स्लिप
  • ब्रेक क्षमता
  • एयर बैग
  • स्पीडोमीटर टेस्टिंग
  • ज्वाइंट प्ले
  • हेड लाइट
  • नंबर प्लेट
  • रिफ्लेक्टर टेप
  • विंड स्क्रीन
  • सीट बेल्ट

क्‍या कहते हैं अधिकारी

  • बसों को कंडम घोषित करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने नौ लाख किलोमीटर और नौ वर्ष निर्धारित किए हैं। साथ ही तकनीकी तौर पर चलाने के लिए अनुपयुक्त होती है। ये बसों को बदलने के लिए नियम निर्धारित किया है। इसी तरह से सरकारी वाहनों के लिए निर्धारित है। -संदीप कुमार, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी।
  • जब तक गाड़ी चल रही है और मोटर वाहन निरीक्षक (एमवीआइ) फिट बताता है, उसे कंडम घोषित नहीं किया जाता। एमवीआइ के अतिरिक्त एसडीएम और आरटीओ को वाहनों के निरीक्षण और जांच का जिम्मा है। नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। -आरडी धीमान, मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश  
  • वाहनों की फिटनेस के अतिरिक्त अन्य निर्धारित नियमों को जांचा जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं के लिए लोगों की लापरवाही बड़ा कारण है। लोगों को जागरूक करने के साथ नियमों का पाठ पढ़ाया जा रहा है। ऐसे वाहनों के चालान भी किए जा रहे हैं जो बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के चल रहे थे। संजय कुंडू, प्रदेश पुलिस महानिदेशक।
  • हिमाचल में ऐसे लोगों की संख्या कम है जो वाहन खरीदते समय सुरक्षा मानकों को देखते हैं। ज्यादातर लोग बजट के आधार और दूसरों को देखकर वाहन खरीदते हैं। सुरक्षा मानक के फीचर जानने वाले कम ही होते हैं। -हरदीप, सेल टेक्निकल, टाटा मोटर।

आंकड़ों पर भी दें नजर

  • 749 चालान इस वर्ष अब तक हुए बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के
  • 2500 से 3000 चालान लापरवाही व सुरक्षा मानक न होने पर प्रतिदिन
  • 98  अधिकारियों व एसडीएम पर फिटनेस व नवीनीकरण का जिम्मा
  • 12 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) भी जांच में शामिल
  • 9 लाख किलोमीटर और नौ वर्ष बाद होती है बसें कंडम घोषित

इस वर्ष सितंबर तक हुए चालान

  • श्रेणी, संख्या
  • शराब पीकर,5804
  • वाहनों में ओवरलोडिंग,436
  • गाड़ी चलाते मोबाइल फोन,13694
  • बिना ड्राइविंग लाइसेंस,16700
  • लापरवाही,6075
  • तेज गति,23627
  • बिना बीमा,7726
  • बिना फिटनेस प्रमाणपत्र,749
  • बिना सीट बेल्ट,45895
  • बिना हेलमेट,126024
  • अन्य,439794
  • कुल,686532

Edited By: Rajesh Kumar Sharma

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Monday, November 14, 2022

बीमा कंपनियों को मोटर वाहन अधिनियम के तहत झूठे मुआवजे के दावों के खतरे से सतर्क रहने की जरूरत - Special Coverage News

मुंबई, 15 नवंबर, 2022: सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सुरक्षा को विनियमित करने और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के उद्देश्य से, मोटर वाहन अधिनियम 1988 द्वारा मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की स्थापना की गई है। मोटर वाहन दुर्घटनाओं, व्यक्तियों की मृत्यु या शारीरिक चोट या तीसरे पक्ष की किसी भी संपत्ति को जो नुकसान से उत्पन्न होता है उसके लिए राज्य सरकारें मुआवजे के दावों पर निर्णय लेने के लिए दावा न्यायाधिकरण का गठन करती हैं।

इसका उद्देश्य मोटर वाहनों द्वारा दुर्घटनाओं के पीड़ितों को बिना किसी देरी के उचित समय पर उपचार प्रदान करना है। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण [एमएसीटी न्यायालय] मोटर दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाले जीवन/संपत्ति या चोट के मामलों के नुकसान से संबंधित उन दावों को संभालते हैं।

दावेदारों, चिकित्सकों, पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच मिलीभगत के कारण मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के समक्ष धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में वृद्धि का आरोप लगाते हुए, भारतीय कानून प्रणाली इस तरह की घटनाओं से अधिक सतर्क हो रही है।

मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के मामलों में बड़े पैमाने पर विसंगतियों को देखने के बाद, इलाहाबाद के माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को एमएसीटी मामलों की दोबारा जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया था। एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच, कार्यवाही शुरू करने और उचित तरीके से नहीं किए गए मामलों के अभियोजन की जिम्मेदारी और कर्तव्यों का पालन कर रही है। नतीजतन, कई वकील मनगढ़ंत चिकित्सा दस्तावेजों और झूठे दुर्घटना मामलों के आधार पर दावा याचिका दायर करते पाए गए हैं। विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर, उत्तर प्रदेश की बार काउंसिल ने उचित जांच के बाद मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के तहत फर्जी दावों की प्रस्तुति में शामिल 30 वकीलों के लाइसेंस समाप्त करने का फैसला किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2015 से शुरू होकर, पिछले सात वर्षों में 1,376 आरोप-पत्रित दावों का खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, एसआईटी ने 28 वकीलों सहित 198 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से कई आरोपित थे और राज्य बार काउंसिल ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की। रिपोर्ट से पता चलता है कि, हालांकि कथित पीड़ितों को कोई गंभीर चोट नहीं आई है, कुछ अस्पतालों ने दोषियों के लिए झूठे प्रमाण पत्र, अस्पताल से छुट्टी का दस्तावेज (डिस्चार्ज समरी) और सहायक चिकित्सा दस्तावेज भी जारी किए हैं। इन दस्तावेजों पर भरोसा करने वाली बीमा कंपनियां ऐसे संदिग्ध दावों का शिकार हो रही हैं और उन्हें पैसे देने के लिए कहा गया ।

मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे का दावा

मुआवजे का दावा कौन कर सकता है?

एमवी अधिनियम 1988 की धारा 166 में कहा गया है कि एक व्यक्ति जिसको खुद चोट पहुंची है, या उस संपत्ति का मालिक है जो एक वाहन दुर्घटना में उसका नुकसान हो गया हो, या मृतक का कानूनी प्रतिनिधि है जो मोटर दुर्घटना में मर गया है, या घायल व्यक्ति द्वारा विधिवत अधिकृत एजेंट है, या मृतक के कानूनी प्रतिनिधि द्वारा, जैसा भी मामला हो- मुआवजे का दावा कर सकते हैं ।

मुआवजे का दावा कब किया जा सकता है?

मोटर वाहन अधिनियम में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुसार, सीमा अवधि यानी, वह समय जिसमें मुआवजे के लिए दावा दायर किया जाना है, दुर्घटना की घटना से छह महीने है। इसका मतलब है कि छह महीने की समाप्ति के बाद, नुकसान का दावा करने वाले किसी भी आवेदन को मान्य या विचार नहीं किया जा सकता है।

इसके अलावा, धारा 172 (1) के तहत दावा न्यायाधिकरण कहता है कि एक बीमाकर्ता या मुआवजे के दावे में कोई भी पक्ष मुआवजे के रूप में विशेष लागत का भुगतान करने के लिए बाध्य है। यदि यह निश्चित है कि या तो मुआवजे का दावा अमान्य है क्योंकि बीमा की पॉलिसी किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गलत बयानी के माध्यम से प्राप्त की गई थी या कि किसी पक्ष या बीमाकर्ता ने मामले की कार्यवाही के दौरान झूठे या अपमानजनक दावे या बचाव का प्रस्ताव रखा है। इन विशेष लागतों को बीमाकर्ता या उस पक्ष को मुआवजा दिया जाना चाहिए जिसके खिलाफ ऐसा दावा या बचाव किया गया था।

कई रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि इन वकीलों ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के तहत फर्जी दावे प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों को कई करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश का विशेष जांच दल अपने अस्तित्व के बाद कई धोखाधड़ी के मामलों की पहचान करने में सफल रहा है, जिससे जनता के सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत हुई है।

उत्तर प्रदेश एसआईटी का यह प्रयास जनता को बीमा धोखाधड़ी से बचाने में मदद करता है और इसे अन्य राज्य सरकारों द्वारा भी लिया जाना चाहिए, ताकि जनता के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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बीमा कंपनियों को मोटर वाहन अधिनियम के तहत झूठे मुआवजे के दावों के खतरे से सतर्क रहने की जरूरत - Special Coverage News
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Sunday, November 13, 2022

IPC और मोटर वाहन अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई: कोल्हापुर पुलिस ... - Latest Tweet by ANI Hindi News - LatestLY हिन्दी

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)

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Saturday, November 12, 2022

लोक अदालत में 80 हजार मामलों की सुनवाई: मोटर वाहन एक्ट के तहत तुरंत बीमा क्लेम राशि मंजूर हो रही - Dainik Bhaskar

अलवर15 घंटे पहले

अलवर कचहरी परिसर में लगी लोक अदालत।

अलवर कचहरी परिसर में भी शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। जिसमें सुबह से राजीनामें के आधार पर मुकदमों की सुनवाई जारी है। अलवर जिले में करीब 80 हजार से अधिक मुकदमों की सुनवाई लोक अदालतों में होगी। बड़ी संख्या में मामलों का निष्पादन होने की उम्मीद है। अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश सुनील गोयल ने बताया कि पूरे देश में लोक अदालतें लगी हैं। अलवर मुख्यालय पर तीन बैंच लगी हैं। जिला स्तर के समस्त न्यायालयों में नौ कार्ट का काम है। लोक अदालत का सार यही है कि राजीनामें से मामलों का निस्तारण करना। इसके बाद अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती है। यहां मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित मामलों में भी लोक अदालत लगी हैं। जिसमें इंश्योरेंस कंपनी के एडवोकेट मिलकर तुरंत मुकदमों का निस्तारित करने में लगे हैं। इसके बाद पीड़ित पक्ष को तुरंत मुआवजा राशि मिल पाती है।

विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मीना अवस्थी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में गाइडलाइन के अनुसार समस्त न्यायालयों में लोक अदालतों को आयेाजन किया गया है। इस बार 40 हजार मामले अभी लोक अदालत के लिए रैफर किए गए हैं। 10 हजार मुकदमें लम्बित है। 30 हजार पुराने मुकदमें हैं। पुराने मामलों में बीएसएनएल, पानी, बिजली के अलावा लम्बित मुकदमें बैंक रिकरी, सिविल व राजीनामा मुकदमें रखे गए हैं। नियमित लोक अदलात व कंज्यूमर कोर्ट के मामले में भी रखे गए हैं। लोक अदालत में पक्षकार अधिक से अधिक रुचि लेकर मामलों का निस्तारण कराने में लगे हैं। इस बार बड़ी संख्या में आमजन को मुकदमों से राहत मिलेगी। उनके सालों पुराने मामलों को पूरे सिस्टेमैटिक तरीक से निबटाया जा रहा है।

लोक अदालत में गहमागहमी

लोक अदालत में सुबह से गहमागहमी है। जिले भर में इस तरह की अदालतों में मामलों की सुनवाई जारी है। दोनों पक्षों से समझौता कराया जाता है। इससे सबसे बड़ी राहत न्यायालयों को मिलती है। वहां पुराने मुकदमों को बोझ कम किया जाता है।

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इलेक्ट्रिक वाहन में कितने प्रकार के मोटर का होता है इस्तेमाल जानें कौन सबसे दमदार और टिकाऊ.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Ayushi ChaturvediPublish Date: Sat, 12 Nov 2022 05:10 PM (IST)Updated Date: Sat, 12 Nov 2022 05:10 PM (IST)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन का चलन काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है। वहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते कीमतों के कारण लोगों के लिए ये एक बेहतर ऑप्शन साबित हो रहा है। वहीं सरकार भी इसपर लोगों को सब्सिडी दे रही है। क्या आप अपने ईवी स्कूटर में इस्तेमाल होने वाले मोटर के बारें में जानते हैं कि किस तरह के मोटर का इस्तेमाल होता है और कौन सबसे टिकाऊ और दमदार है ।

मोटर्स के प्रकार 

कंपनियां आमतौर पर Frame, Swingram और Hub Mounted मोटर्स का इस्तेमाल करती है। वहीं इन मोटर की अपनी एक अलग -अलग खासियत होती है। गाड़ी खरीदते समय आप एक बार रेटिंग जरूर चेक करें ।

Hub Mounted Motor

ये मोटर इलेक्ट्रिक व्हीकल के पहिए में लगी होती है। आपको बता दे Hub Mounted मोटर्स ज्यादातर टीवीएस, ओकिनावा, बाउंस, और बेनलिंग के स्कूटर में लगे होते है।लेकिन इससे उबड खाबड रास्ते पर चलने में परेशानी होती है। पीछे की रीम में मोटर लगी होने के वजह से स्कूटर चलाते समय इसके टूटने और फटने का खतरा बनता है।  

Frame Mounted Motor

इस मोटर का इस्तेमाल Ather और ओला स्कूटर में होता है। इसे फ्रेम के बीच में लगाया जाता है। इस मोटर की मजबूती हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा इसके अंदर पानी जाने की समस्या काफी कम होती है।

wingram Mounted Motor

इस मोटर का इस्तेमाल हीरो विडा और चेतक के स्कूटर में इस्तेमाल होता है। ये एक तरह के आर्मी यानी बाजू की तरह काम करता है । वहीं इसमें अलग से  पट्टा और चैन लगाकर पीछे की पहिए से जोड़ते है। जिसके बाद ये चैन के जरिए पहिया घूमता है,आपको स्कूटर लेने से पहले आईपी रेटिंग की जांच जरूर कर लेनी चाहिए। कई मोटर्स पानी जाने के वजह से खराब हो जाते हैं।

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Electric Vehicle खरीदते समय ग्रेडेबिलिटी जरूर करें चेक, समझें ये आसान तरीका

Edited By: Ayushi Chaturvedi

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चलाते हैं पुरानी Diesel कार? तो हो जाएं अलर्ट, 6 हजार कारों का कट गया मोटा चालान - TV9 Bharatvarsh

BS III Petrol और BS IV Diesel Vehicles पर 13 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया हुआ है. लेकिन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सरकारी सख्ती बरत रही है, बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 11 नवंबर सुबह 6 बजे तक 5800 से ज्यादा चालान काटे हैं.

चलाते हैं पुरानी Diesel कार? तो हो जाएं अलर्ट, 6 हजार कारों का कट गया मोटा चालान
Diesel Cars Challan: देखें कितने रुपये का कट रहा चालान (सांकेतिक तस्वीर)

Image Credit source: सांकेतिक तस्वीर

देश की राजधानी दिल्ली में सरकार ने BS-III Petrol और BS-IV Diesel पर दौड़ने वाले वाहनों पर रोक लगाई हुई है लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के इस फैसले का पालन ना करने वालों पर अब सख्ती बरती जा रही है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के 5800 चालान काट दिए हैं. बताया जा रहा है कि 11 नवंबर की सुबह 6 बजे तक सरकार द्वारा बनाए गए इस नियम को तोड़ने वाले 5882 वाहनों को रोक कर चलान काटे गए हैं.

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली की सड़कों पर बीएस-4 डीजल और बीएस-3 पेट्रोल वाहनों की आवाजाही पर 13 नवंबर तक रोक लगा दी गई है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि आपातकालीन वाहनों को इस रोक से छूट दी गई है.

इन वाहनों को है छूट

बता दें कि इस प्रतिबंध से जिन वाहनों को छूट मिली है उनमें आपातकालीन सेवाओं, सरकारी और चुनाव संबंधी कार्यों के लिए चल रहे वाहनों को राहत दी गई है.

कब तक जारी रहेगा प्रतिबंध

लोगों को मन में इस बात को लेकर कंफ्यूजन चल रही कि इस प्रतिबंध में ढील दी गई है या नहीं, बता दें कि परिवहन विभाग ने यह साफ कर दिया है कि प्रतिबंध 13 नवंबर तक जारी रहेगा.

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Thursday, November 10, 2022

PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर क्या इंश्योरेंस क्लेम में होगी मुश्किल..जानें क्या है नियम - India.com हिंदी

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार भारत सरकार के 1989 केंद्रीय मोटर वाहन नियम के तहत सभी वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट जरूरी है. इसलिए भारतीय बीमा...

Updated: November 11, 2022 11:56 AM IST

By Rajneesh

PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर क्या इंश्योरेंस क्लेम में होगी मुश्किल..जानें क्या है नियम
प्रतीकात्मक फोटो

वाहन से जुड़े कागज ट्रैफिक नियमों के लिए तो जरूरी ही है लेकिन इसके साथ ही अगर आपको कभी कोई क्लेम करना पड़ गया तो उस समय भी ये डॉक्यूमेंट्स बहुत जरूरी हो जाते हैं. किस डॉक्यूमेंट्स को आपको जरूर मेंटेन करके रखना चाहिए और किस डॉक्यूमेंट के बिना भी काम चल सकता है. प्रदूषण पर कड़ाई के लिए PUC सर्टिफिकेट की जांच जारी है और न होने पर चालान काटा जा रहा है. इस बीच चर्चा ये है कि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं होने पर गाड़ी का इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलेगा. तो चलिए जान लेते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है…

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सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार भारत सरकार के 1989 केंद्रीय मोटर वाहन नियम के तहत सभी वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट जरूरी है. इसलिए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को वैध PUC के बिना वाहनों का बीमा नहीं करने को कहा है.

इरडा की अधिसूचना के अनुसार वाहन मालिकों को इंश्योरेंस रिन्यू करवाने के दौरान भी PUC सर्टिफिकेट पेश करना होगा. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बीमाकर्ता तब तक किसी वाहन का इंश्योरेंस नहीं कर सकते जब तक उसके पास एक वैध PUC सर्टिफिकेट न हो.

क्लेम के नियम

हालांकि क्लेम को लेकर नियम अलग हैं. बीमा पॉलिसी के लिए वैध PUC सर्टिफिकेट जरूरी है लेकिन क्लेम के लिए ये जरूरी नहीं है. नवंबर में इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नए पेश किए गए KYC मानदंड का PUC डॉक्यूमेंट से कोई लेना-देना नहीं है.

गलत तरीके से पेश किया

इरडा ने 26 अगस्त 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी. जिसको गलत तरीके से कुछ जगह पर पेश किया गया. जिसके बाद इरडा ने स्पष्ट किया कि यदि आपके पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह मोटर बीमा पॉलिसी के तहत दावे को अस्वीकार करने का एक वैध कारण है. इसका मतलब है कि यदि आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है और आपकी कार का एक्सीडेंट हो गया है तो इंश्योरेंस कंपनी हर हाल में आपके क्लेम को सैटल करने के लिए बाध्य है.

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Published Date: November 11, 2022 10:35 AM IST

Updated Date: November 11, 2022 11:56 AM IST

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Wednesday, November 9, 2022

रांची में रोड टैक्स का 42.41 करोड़ बकाया, 8825 वाहन चिह्नित, होगी कार्रवाई - Lagatar Hindi

Ranchi : साल 2022 खत्म होने को है. झारखंड परिवहन विभाग का राजस्व वसूली पर पूरा जोर है. अभी भी रांची में रोड टैक्स का 42.41 करोड़ बकाया है. विभाग ने टैक्स जमा नहीं करने वाले 8825 वाहनों को चिह्नित किया है. टैक्स जमा नहीं करनेवाले इन वाहन मालिकों पर मोटर वाहन एक्ट और राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

टैक्स जमा नहीं करनेवाले वाहनों की सूची तैयार

वाहन मालिकों को वन टाइम टैक्स जमा करना होता है. हालांकि इस व्यवस्था का वाहन मालिकों ने विरोध जताया है. यह व्यवस्था 2019 के बाद से लागू हुई है. वर्ष 2019 के पहले तिमाही और छमाही में टैक्स जमा लिया जाता था. इस बीच रांची जिला परिवहन विभाग की ओर से टैक्स जमा नहीं करनेवाले चार प्रकार के वाहनों की सूची तैयार की गई है. इसके तहत हेवी गुड्स व्हीकल (ट्रक, हाइवा, डंपर आदि), मीडियम गुड्स व्हीकल (ट्रक 709, 909,1109 आदि), हेवी पैसेंजर और मीडियम पैसेंजर कैटगेरी के वाहनों को चिह्नित किया गया है. नोटिस मिलने के बाद भी बकाया भुगतान नहीं करने पर मोटर वाहन एक्ट और राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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Monday, November 7, 2022

दुर्घटना के समय बाइकर रात में सड़क पर खड़े वाहन की पार्किंग लाइट बंद होने पर अंशदायी लापरवाही के लिए... - Live Law Hindi

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Sunday, November 6, 2022

पांच शहरों में 15 साल पुराने वाहन चलाने पर पाबंदी - Patrika News

राज्य में 1 अप्रेल 2022 से केवल पांच शहरों (जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर, उदयपुर) में 15 साल से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों के संचालन पर रोक है। इनके अतिरिक्त सभी शहरों व गांवों में वाहनों के संचालन के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है।

इतना ही नहीं, जिन शहरों में पाबंदी लगाई गई है, वहां से मालिक वाहनों की एनओसी लेकर दूसरे जिले में पुन: पंजीयन करवा रहे हैं। इन शहरों से करीब 15 हजार वाहनों की एनओसी लेकर राज्य के ही दूसरे जिलों में पुन: पंजीयन करवाया गया है। पुन: पंजीयन के बाद इन शहरों को छोड़कर शेष राज्य में वाहन चलाए जा रहे हैं।

पांच शहरों से पुराने वाहनों के पंजीयन तो रद्द किए जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद वाहन शहर में चल रहे हैं या नहीं, यह देखने वाला कोई नहीं है। वाहनों की नंबर प्लेट आरटीओ कार्यालय के बाहर बनाई जा सकती है। वहीं परिवहन विभाग या यातायात विभाग इस तरह की कोई जांच भी नहीं कर रहा है।

केंद्र ने तय नहीं कर रखी वाहनों की उम्र

केंद्र ने वाहनों के कबाड़ होने की अवधि तय नहीं कर रखी है। परिवहन विभाग के दस्तावेज में ऐसे वाहन पंजीकृत हैं जिनका पंजीयन 40-50 साल पहले किया गया था। वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या का बड़ा कारण भी यही है। प्रदेश में करीब दो करोड़ वाहन पंजीकृत हैं, वहीं जयपुर में 34 लाख से अधिक वाहन दौड़ रहे हैं। केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 59 में मोटर वाहनों का जीवन काल तय करने के लिए केंद्र सरकार को अधिकृत किया गया है। जिसके अनुसार केंद्र सरकार किसी मोटर यान का जीवन काल निर्धारित कर सकेगी। 38 बरस बीत चुके हैं, लेकिन केंद्र ने आज तक किसी भी प्रकार के वाहन की आयु निर्धारित नहीं की है।

जयपुर शहर से इतने वाहनों का पंजीयन किया रद्द

ट्रक 2021

बस, ऑटो रिक्शा, एंबुलेंस 364

कैब व टैक्सी 2771

(आंकड़े 1 अप्रेल 2020 से अब तक के)

(इन वाहनों के मालिकों ने एनओसी लेकर दूसरे जिले में पंजीयन करवा लिया है)

इन सवालों से समझें

1. पंजीयन रद्द करने की क्या प्रक्रिया है?

जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर, उदयपुर में 15 साल पूरे करने वाले व्यावसायिक वाहनों के संचालन पर रोक है। वाहन मालिक एनओसी लेकर दूसरे जिले में वाहन चला सकता है। अन्य किसी भी जिले में ऐसी कोई रोक नहीं है।

2. रोक क्यों लगाई गई?

एनजीटी के आदेश पर एक अप्रेल 2020 से रोक लगाई। कोरोना के कारण इसे आगे बढ़ाया गया। 1 अप्रेल 2022 से आदेश लागू हुए और रोक लगाई गई।

3. रोक निजी वाहन पर भी है?

जी नहीं, यह रोक केवल व्यावसायिक वाहन (टैक्सी, ऑटो रिक्शा, बस, ट्रक, एम्बुलेंस आदि) पर है।

4. जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर, उदयपुर के अलावा देश में और कहां ऐसी रोक है?

दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में पुराने वाहनों के संचालन पर रोक है।

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Saturday, November 5, 2022

8825 वाहनों ने दबा रखा है 42.5 करोड़ रुपए - Inext Live

8825 वाहनों ने दबा रखा है 42.5 करोड़ रुपए

By: Inextlive | Updated Date: Sat, 05 Nov 2022 23:49:48 (IST)

जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद राजधानी रांची की हजारों कॉमर्शियल व्हीकल्स का रोड टैक्स बकाया है.

रांची (ब्यूरो) : ऐसे बकायेदारों के खिलाफ रांची परिवहन कार्यालय अब नरमी के मूड में नहीं है। रांची परिवहन विभाग द्वारा 8825 वाहनों को चिह्नित कर नोटिस जारी किया गया है। इन वाहनों के पास सरकार का 42,41,35,630 रुपए बकाया है।

जारी किया गया नोटिस

जिला परिवहन की ओर से चार प्रकार के वाहनों की सूची तैयार की गई है। इसके तहत हेवी गुड्स व्हीकल (ट्रक, हाइवा, डंपर आदि), मीडियम गुड्स व्हीकल (ट्रक 709, 909,1109 आदि), हेवी पैसेंजर और मीडियम पैसेंजर कैटगेरी के वाहनों को चिह्नित किया गया है। नोटिस मिलने के बाद भी बकाया भुगतान नहीं करने पर मोटर वाहन एक्ट और राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

वन टाइम टैक्स करना होगा जमा

वाहन मालिकों को टैक्स वन टाइम जमा करना होगा। हालांकि, इस व्यवस्था का वाहन मालिकों ने विरोध भी जताया लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई है। यह व्यवस्था 2019 के बाद से लागू हुई है। वर्ष 2019 के पहले तिमाही और छमाही में टैक्स जमा लिया जाता था।

जेसीबी वालो का बहुत बकाया है

राजधानी में डिफॉल्टर वाहनों में सभी प्रकार के कॉमर्शियल वाहनों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। करीब 350 जेसीबी संचालकों को निर्देश दिया गया है कि जल्द टैक्स भरें, नहीं तो 200 प्रतिशत पेनाल्टी देनी होगी। मालूम हो कि रांची में 2500 से अधिक जेसीबी का संचालन होता है। कई वाहनों का वर्ष 2018 व वर्ष 2019 से टैक्स बकाया है। डीटीओ प्रवीण प्रकाश ने बताया कि जल्द टैक्स नहीं चुकाने वाले वाहनों के खिलाफ झारखंड मोटर वाहन करारोपण अधिनियम के तहत 200 फीसदी टैक्स की वसूली की जाएगी।

तीन नोटिस के बाद कार्रवाई

जिला परिवहन कार्यालय द्वारा डिफॉल्टर वाहन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए तीन प्रकार से नोटिस भेजे जाएंगे। पहले चरण में परिवहन विभाग की वेबसाइट और अखबारों में विज्ञापन निकालकर वाहन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद डिमांड नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भेजा जाएगा। इसके बाद भी वाहन मालिक टैक्स जमा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज होगी।

अब डिफॉल्टर वाहन होगा जब्त

जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बकाएदार सभी कॉमर्शियल वाहन के मालिकों को सार्वजनिक नोटिस देकर भी टैक्स भुगतान का मौका दिया जाएगा। इसके बावजूद टैक्स जमा नहीं करने वाले वाहन अगर सडक़ पर या कहीं नजर आए तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

रांची की हजारों गाडिय़ों का टैक्स बकाया है। गाड़ी मालिकों को बार-बार नोटिस भी भेजा गया है। कुछ लोगों ने तो टैक्स जमा किया, लेकिन टैक्स नहीं देने वालों की लिस्ट लंबी है। ऐसे लोगों पर अïब सीधी कार्रवाई की जाएगी। जिन को दो बार मौका दिया गया है उसने भी बकाया जमा नहीं किया है।

--प्रवीण प्रकाश, जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची

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प्रदूषण पर सख्त केजरीवाल सरकार, दिल्ली में घुसे ये वाहन तो चुकाना होगा 20 हजार का जुर्माना - TV9 Bharatvarsh

वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पानी की बूंदों का छिड़काव करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है.

प्रदूषण पर सख्त केजरीवाल सरकार, दिल्ली में घुसे ये वाहन तो चुकाना होगा 20 हजार का जुर्माना
दिल्ली एनसीआर की हवा हुई प्रदूषित.

Image Credit source: File Photo

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से हाल बेहाल है. प्रदूषण के चलते लोगों को घरों से मास्क लगाकर बाहर निकलना पड़ रहा है. दिल्ली में वायु प्रदूषण में भारी गिरावट देखी जा रही है. हवा की गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए दिल्ली में ग्रेप स्टेज चार लगाया गया है, जिसके तहत कुछ वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण कुछ वाहनों के स़ड़क पर चलने पर प्रतिबंध है. दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

एक अधिकारी ने बताया कि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) मंत्रालय के तहत एक पूर्वानुमान एजेंसी के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी गंभीर बनी रही. राजधानी में PM2.5 प्रदूषण का 30 प्रतिशत हिस्सा पराली जलाने के कारण है.

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दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सरकार ने लगाए प्रतिबंध

  • दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा अनुशंसित प्रदूषण-रोधी प्रतिबंधों को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसमें गैर बीएस-4 डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों पर प्रतिबंध भी शामिल है.
  • साथ ही आवश्यक वस्तुओं को ले जाने या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर किसी भी डीजल ट्रक को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
  • हालांकि परिवहन विभाग के एक आदेश के अनुसार, सभी सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी.
  • दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों को आवश्यक वस्तुओं को ले जाने या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर दिल्ली में चलने की अनुमति नहीं होगी.
  • दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल लाइट मोटर वाहन दिल्ली के एनसीटी के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों में चलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
  • यात्रियों की सुविधा के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जाएगा. एक बयान के अनुसार, परिवहन विभाग डीटीसी के माध्यम से 60 दिनों के लिए एक हजार निजी सीएनजी अनुबंध कैरिज बसों को किराए पर लेगा.
  • इसे 90 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है. पहले चरण में 500 बसें किराए पर ली जाएंगी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अगले आदेश तक यह योजना लागू रहेगी.

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Friday, November 4, 2022

Nissan-Renault: निसान-रेनो इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुकूलित करने के लिए कर रही है बातचीत, रिपोर्ट में खुलासा - अमर उजाला

Nissan Motor Company (निसान मोटर कंपनी) की अपने साथी और टॉप शेयरधारक Renault SA (रेनो एसए) के साथ बातचीत इलेक्ट्रिक वाहनों में अपने निवेश को ऑप्टिमाइज (अनुकूलित) करने और गठबंधन की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार पर केंद्रित है। जापानी वाहन निर्माता निसान के सीईओ ने शुक्रवार को रॉयटर्स को यह जानकारी दी।

बातचीत के जानकार लोगों के अनुसार, रेनो और निसान के बीच बातचीत चल रही है। इस डील को पूरा करने के लिए तय किए गए 15 नवंबर के लक्ष्य में दो हफ्ते से भी कम समय बाकी है।

निसान के मुख्य कार्यकारी माकोटो उचिडा ने रेनो के साथ संभावित सौदे के समय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और क्या यह इस महीने किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि बातचीत का मकसद आर्थिक अनिश्चितता के समय में प्रतिस्पर्धा करने के लिए वाहन निर्माताओं की क्षमता में सुधार करना था। उन्होंने कहा कि उद्योग इलेक्ट्रिक वाहनों में शिफ्ट होने के लिए सदी में सबसे बड़ा परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

उचिदा ने कहा, "हम जो चर्चा कर रहे हैं, वह इस बारे में है कि हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता को और भी मजबूत कैसे बनाया जाए। यह पहले नंबर पर है।" 

वाहन निर्माताओं ने कहा कि पिछले महीने वे 1999 में स्थापित गठबंधन के भविष्य के बारे में चर्चा कर रहे थे जब रेनो ने निसान में हिस्सेदारी ली और पूर्व कार्यकारी से भगोड़े कार्लोस घोसन के तहत जापानी कंपनी के लिए बदलाव लाने में मदद की।

कंपनियों ने पिछले महीने कहा था कि निसान रेनो की नियोजित इलेक्ट्रिक वाहन इकाई में निवेश करने पर विचार कर रही है।

दोनों पक्ष निसान में रेनो की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी में संभावित रूप से 15 प्रतिशत तक की कमी पर भी चर्चा कर रहे हैं और किन शर्तों के तहत ऐसा हो सकता है। वार्ता के जानकार लोगों ने कहा है। 

रेनो अपने इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय, जिसका कोड-नाम Ampere (एम्पीयर) है, को अपने पुराने इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) कारोबार, जिसका कोड-नाम Horse (हॉर्स) है, से अलग कर रहा है। क्योंकि यह अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी टेस्ला इंक के नेतृत्व में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उद्योग में हुए इस बदलाव में पीछे नहीं रहना चाहता। 
निसान के साथ अपनी चर्चा से अलग ट्रैक पर, रेनो अपनी इंटरनल कंब्शन इंजन यूनिट्स में हिस्सेदारी लेने के बारे में चीनी वाहन निर्माता Geely Automobile Holdings (जीली ऑटोमोबाइल होल्डिंग्स) से भी बात कर रहा है। इस वार्ता से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है।

उस यूनिट में स्पेन, पुर्तगाल, तुर्की, रोमानिया और लैटिन अमेरिका में रेनो के प्रॉडक्शन स्थल शामिल हैं।

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Thursday, November 3, 2022

सावधान वाहनों पर लगाई काली फिल्म तो होगी कार्रवाई, वसूला जाएगा जुर्माना - Patrika News

शीशे के ऊपर लगाते हैं काली फिल्म : लग्जरी बसों और कारों के शीशे में काली फिल्म लगायी जाती है। शहर में ऐसे दर्जनों वाहन चल रहे हैं। यह पूरी तरह गैर कानूनी है। काला शीशा लगे वाहनों के अंदर क्या हो रहा है, कौन है इसे सड़क पर आने-जाने वाले देख नहीं सकते हैं। काला शीशा लगे वाहनों पर सवार अपराधी अपराध को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं। कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई के आभाव में शहर में काला शीशा वाले व्यवसायिक और निजी वाहन बेखौफ देखे जा सकते हैं।

क्या है नियम
केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 100 के तहत वाहनों की खिड़कियों के शीशे काले या रंगीन नहीं होने चाहिए। नियम के अनुसार वाहनों की खिड़कियों के साइड विंडो शीशा कम से कम 50 प्रतिशत और सामने और पीछे का शीशा 70 प्रतिशत पारदर्शी होना चाहिए। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम 2 के तहत वाहनों में लगे काले शीशे को हटाने का प्रावधान है।

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...