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क्या करें जब वाहन का एक्सीडेंट हो जाए, क्या है कानून? Live Law Hindiक्या करें जब वाहन का एक्सीडेंट हो जाए, क्या है कानून? - Live Law Hindi
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क्या करें जब वाहन का एक्सीडेंट हो जाए, क्या है कानून? Live Law Hindiजॉब डेस्क, अमर उजाला Published by: राहुल मानव Updated Tue, 28 Dec 2021 06:30 PM IST
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उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौर में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। लिखित परीक्षा में तीन विषय शामिल होंगे- सामान्य अध्ययन, ऑटोमोबाइल / मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मोटर वाहन अधिनियम। लिखित परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार साक्षात्कार के दौर में उपस्थित होने के पात्र होंगे।
उम्मीदवारों से 3 अलग-अलग विषयों से 300 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक मिलेगा। गलत उत्तरों के लिए कोई अंक कटौती नहीं होगी। प्रत्येक पेपर को हल करने के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा। सामान्य अध्ययन पेपर-1 से 100 अंक,
ऑटोमोबाइल / मैकेनिकल इंजीनियरिंग पेपर-2 से 100 अंक और मोटर वाहन नियमावली और अधिनियम पेपर-3 से 100 अंक के सवाल पूछे जाएंगे।
पूर्णिया3 घंटे पहले
वाहन प्रदूषण जांच के लिए अब प्रखंड के लोगों को भटकना नहीं होगा। परिवहन विभाग के द्वारा जिले के वैसे प्रखंड जहां पेट्रोल पंप व वाहन सर्विस सेंटर जे अलावा एक भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है वहां विभागीय स्तर से प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए वाहन प्रदुषण जांच केंद्र प्रोत्साहन योजना शुरू की है। योजना के तहत जिले के अमौर, बैसा, कसबा, श्रीनगर, बीकोठी व भवानीपुर प्रखंड में वाहन प्रदूषण केंद्र खोला जाएगा। वाहन प्रदूषण केंद्र के संचालन के लिए विभाग के द्वारा सभी चिन्हित 6 प्रखंडों में एक-एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के संचालन के लिए एक- एक योग्य लाभुकों का चयन किया जाएगा। योजना के तहत प्रखंड स्तर पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों के खरीद के लिए क्रय मूल्य का 50 प्रतिशत या 3 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि भी दिया जाएगा। प्रखंड स्तर पर खोले जाने वाले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदक 15 जनवरी तक जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुल जाने के बाद लाभुकों को वाहन प्रदूषण जांच करवाने के लिए भटकना नहीं होगा। जिला परिवहन पदाधिकारी रामशंकर ने बताया कि प्रखंड स्तर पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए विभाग के द्वारा कई मानदंड तय किया है। उन्होंने बताया कि आवेदक जिस प्रखंड में प्रदूषण केंद्र का संचालन करना चाहते हैं उनका वहां का निवासी होना अनिवार्य है । साथ ही साथ आवेदक स्वयं या उनके स्टाफ को मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिग्री या डिप्लोमाधारी होना अनिवार्य है। या इंटरमीडिएट कक्षा में विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण हो या मोटर वाहन से संबंधित किसी ट्रेड में आईटीआई ट्रेड पास हों ।
24 जनवरी तक बनेगी लाभुकों की सूची | जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि आवेदक 15 जनवरी तक जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।17 जनवरी तक लाभुकों का चयन कर लिया जाएगा । 24 जनवरी तक प्रखंडवार लाभुकों की सूची तैयार की जाएगी । वहीं 25 जनवरी को अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा ।उन्होंने बताया कि किसी भी प्रखंड में एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में उच्चतर शैक्षणिक योग्यता वाले आवेदक को प्राथमिकता दी जाएगी ।दो आवेदकों के समान योग्यता होने पर अंक के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाएगा।
Bharat Series Vehicle Registration: आपका ट्रांसफर किसी और राज्य में हो गया है और आप वहां अपनी गाड़ी का इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन नए राज्य में व्हीकल रजिस्ट्रेशन को लेकर दिक्कतों के चलते यह काम इतना आसान नहीं है. लेकिन अब ये दिक्कत हमेशा के लिए दूर होने जा रही हैं. दरअसल भारत सरकार ने नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सीरीज पेश की है. नई सीरीज के वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूरे भारत में मान्य होगा और वो इस सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में वाहन का बेरोकटोक इस्तेमाल कर सकेंगे.
केंद्र सरकार ने नए वाहनों के लिए भारत सीरीज (BH-series) के लिए एक नया रजिस्ट्रेशन मार्क लॉन्च कर दिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जब कोई वाहन मालिक एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होता है तो भारत सीरीज मार्क वाली (Bharat series) गाड़ी को नए रजिस्ट्रेशन मार्क (new registration mark) की जरूरत नहीं होगी.
क्या होगा फायदा
नितिन गडकरी ने कहा कि Bharat series के तहत नए वाहन रजिस्ट्रेशन की सुविधा रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार के कर्मचारियों, राज्य सरकारों, केंद्र और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए उनकी इच्छा के आधार पर उपलब्ध होगी.
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सरकार ने कहा है कि बीएच सीरीज से भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्राइवेट वाहनों की मुफ्त आवाजाही की सुविधा होगी. बीएस सीरीज मार्का वाले वाहनों पर टैक्स (motor vehicle tax) दो साल के लिए में लगाया जाएगा. जिसके बाद 4, 6, 8 साल के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा.
फिलहाल प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के समय गाड़ी मालिक को 15 साल का रोड टैक्स भरना पड़ता है. अगर उनका तबादला किसी दूसरे राज्य में हो जाता है तो उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होता है. अब बीएच सीरीज के नंबर से इस तरह के तमाम झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.
क्या होगी टैक्स की दर
व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के 14 वर्ष के पूरा होने के बाद मोटर वाहन कर (motor vehicle tax) सालाना लगाया जाएगा लेकिन टैक्स की दर आधी होगी. 20 लाख से ऊपर के वाहनों पर 12 प्रतिशत का टैक्स लगाया जायेगा. 10 से 20 लाख रुपये की कीमत वाले वाहनों पर टैक्स की दर 10 प्रतिशत होगी और 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहनों पर यह टैक्स 8 प्रतिशत का. डीजल वाहनों से 2 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जायेगा. जबकि, इलेक्ट्रिक वाहनों को 2 प्रतिशत की टैक्स छूट मिलेगी.
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ऐसी होगी नंबर प्लेट
भारत सीरीज वाली नंबर प्लेट काले और सफेद रंग की होगी. इसमें सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग से नंबर छपे होंगे. नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन की शुरुआत में वाहन रजिस्ट्रेशन का साल होगा. साल के अंतिम दो अंक होंगे. इसके बाद अंग्रेजी के बीएच (BH) अक्षर होंगे. इसके बाद इसके बाद आगे का नंबर होगा. जैसे- YY BH 5529 XX YY है. इसमें पहले रजिस्ट्रेशन का साल BH – भारत सीरीज कोड 4 – 0000 से 9999 XX अल्फाबेट्स (AA to ZZ तक).
भारत सीरीज के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन
अगर आप राज्य या केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो आप सरकारी आईडी के साथ नए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए आपको सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के vahan पोर्टल पर जाना होगा. डीलर के माध्यम से भारत सीरीज के लिये आवेदन करने के लिए फॉर्म 20 भरना होगा. प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को फॉर्म 60 भरना होगा.
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ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 22 Dec 2021 04:50 PM IST
देश का पहला BH-Series नंबर देते महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री सतेज पाटिल - फोटो : For Reference Only
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जब वाहन का मालिक एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होता है तो इस पंजीकरण चिह्न वाले एक निजी वाहन को नए पंजीकरण चिह्न अलॉट किए जाने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि "भारत सीरीज (बीएच-सीरीज)" के तहत यह वाहन पंजीकरण सुविधा रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकारों/केंद्र/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों/संगठनों के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी, जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है। इससे भारत के राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में निजी वाहनों की बिना रोकटोक के आवाजाही की सुविधा होगी।
मोटर वाहन टैक्स दो साल के लिए या दो के गुणक में लगाया जाएगा। चौदहवें वर्ष के पूरा होने के बाद, मोटर वाहन टैक्स सालाना लगाया जाएगा जो कि उस वाहन के लिए पहले चार्ज की जाने वाली राशि का आधा होगा।
- परिवहन व सड़क सुरक्षा विभाग ने किया नवाचार
जोधपुर
Published: December 19, 2021 11:29:49 pm
जोधपुर।
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग लगातार अपनी सेवाओं को ऑनलाइन करने में जुटा हुआ है। वाहनों के गुड्स परमिट की सुविधा को पहले ही ऑनलाइन किया गया। अब कॉन्ट्रेक्ट कैरिज, नेशनल वाहन परमिट और प्राइवेट सर्विस व्हीकल परमिट के आवेदन और प्राप्त करने की सुविधा भी ऑनलाइन कर दी गई है। इससे प्रदेश के वाहन मालिकों को परमिट के लिए परिवहन कार्यालयों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।'परमिट सुविधा ऑनलाइनÓ करने की बजट घोषणा 2021-22 को पूरा करते हुए वाहन संचालकों को सुविधा दी गई है। इसमें कॉन्ट्रेक्ट कैरिज में नए परमिट, रिनुअल परमिट और डुप्लीकेट परमिट शामिल है। साथ ही नेशनल परमिट (चार राज्यों से अधिक में वाहन चलाने के लिए मिलने वाले परमिट) और प्राइवेट सर्विल व्हीकल परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन भी किए जा सकते है।
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क्यूआर कोड स्केन कर देख सकते है मूल दस्तावेज
ऑनलाइन प्राप्त होने वाले परमिट में क्यूआर कोड और ई-साइन होगा। इसमें यदि मोटर वाहन निरीक्षक और यातायात पुलिस की ओर से वाहन चालक से परमिट दिखाने के लिए कहा जाए तो ऑनलाइन भी दिखाया जा सकता है। परमिट की अवधि जांचने के लिए मोटर वाहन निरीक्षक और यातायात पुलिस क्यूआर कोड को स्केन कर सकते है।
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बचेगा समय, मिलेगी लाइनों से निजात
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) परिवहन विभाग की टीम यह काम किया जा रहा है। विभाग परिवहन संबंधित सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने की ओर बढ़ रहा है। हाल ही लर्निंग लाइसेंस, इंटनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, लाइसेस रिनुअल, लाइसेंस डुप्लीकेट, एड्रेस चेंज और सरेंडर ऑफ डीएल की सर्विस ऑनलाइन की जा चुकी हैं। इससे वाहन संचालक कार्यालयों की विंडो के सामने लगने वाली कतार से भी बचे सकेंगे। समय की भी बचत होगी। ये सुविधाएं परिवहन कार्यालयों में जाकर ऑफ लाइन भी ली जा सकती हैं।
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फैक्ट फाइल
- 1584 जोधपुर नगरीय परिवहन सेवा में संचालित होने वाले वाहनों को ऑनलाइन परमिट जारी
- 3000 वाहनों को जोधपुर संभाग में स्टेट कैरिज परमिट जारी
- 700 वाहनों को ऑल इंडिया में ऑनलाइन परमिट जारी
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ऑनलाइन सुविधा से व्हीकल ऑनर का काम जल्दी होगा, उसे इस कार्य के लिए ऑफिस आने की भी जरुरत नहीं होगा। साथ ही, इस काम में मध्यस्थ की जरुरत नहीं होगी।
आरएन बडगुजर, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी
जोधपुर
RTO----ऑनलाइन बन रहे कॉन्ट्रेक्ट कैरिज व प्राइवेट सर्विस व्हीकल परमिट
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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पटना40 मिनट पहले
वाहन जांच करते अधिकारी।
अब सड़क पर गाड़ी लेकर निकल रहे हैं तो अलर्ट हो जाएं। बाइक पर हेलमेट और कार में सीट बेल्ट नहीं लगाया तो आपका डीएल सस्पेंड हो सकता है। परिवहन विभाग ने इसके लिए राज्य के सभी जिलों में अभियान तेज कर दिया है। शनिवार को राज्य में चलाए गए अभियान में 426 वाहन चालकों से जुर्माना वसूला गया और 72 वाहनों को जब्त करते हुए 8 डीएल सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई।
परिवहन विभाग ने तेज किया अभियान
वाहन चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाकर दुर्घटना के ग्राफ को कम करने के लिए परिवहन विभाग राज्य के सभी 38 जिलों में अभियान चला रहा है। जांच तो सामान्य दिनों में भी चलती है। लेकिन, इधर अभियान को काफी तेज कर जिलों के परिवहन अधिकारियों को कड़ा निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में शनिवार को एक साथ राज्य के सभी जिलों में हेलमेट-सीटबेल्ट व प्रदूषण को लेकर विशेष अभियान चलाया गया।
1530 वाहनों की जांच में एक चौथाई फेल
वाहनों की परमिट, प्रदूषण एवं फिटनेस के साथ जांच का पूरा अभियान चलाया गया। पूरे राज्य में शनिवार को विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 1530 वाहनों की जांच की गई, जिसमें मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के उल्लंघन पर 426 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान पटना सहित सभी जिलों में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा चलाया गया।
अभियान के दौरान विभिन्न नियमों के उल्लंघन में 72 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। वही बिना हेलमेट-सीटबेल्ट के वाहन चलाने वाले 178 वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया। बिना परमिट 78, बिना फिटनेस 85 और प्रदूषण फैलाने वाले 76 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया।
दुर्घटना पर अंकुश लगाने को लेकर एक्शन
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूकता के साथ सख्ती से जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। बार बार सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों के डीएल सस्पेंसन का निर्देश दिया गया है। परिवहन सचिव ने आम लोगों से अपील की है कि वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट पुलिस और चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि इसे अपनी सुरक्षा के लिए पहनें।
ऐसे चल रहा है परिवहन विभाग का अभियान
संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में ऐसे कई नियम हैं, जिनके आधार पर जुर्माना या चालान तय किया जाता है। अगर आप दिल्ली में गाड़ी चलाते हैं तो आपको नए ट्रैफिक नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए।
दिल्ली में यातायात नियम का उल्लंघन पर ये है जुर्माना
दिल्ली में RTO की सभी सेवाएं हुईं ऑनलाइन
बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने आरटीओ (RTO) द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं को फेसलेस कर दिया है। फेसलेस सेवाओं के शुरू होने के बाद अब ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक को केवल ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट और पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए परिवहन विभाग के कार्यालय जाना होगा।
दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने कुल 33 सेवाओं को ऑनलाइन किया है। इनमें डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस, पते में परिवर्तन, नया कंडक्टर लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एनओसी, औद्योगिक ड्राइविंग परमिट, डीएल रिप्लेसमेंट, रोड टैक्स, बीमा एनओसी, माल वाहन के लिए नया परमिट, परमिट नवीनीकरण, डुप्लीकेट परमिट, सरेंडर परमिट, परमिट ट्रांसफर और पैसेंजर सर्विस व्हीकल बैज समेत अन्य सेवाएं शामिल हैं।
जानिए परिवहन मंत्रालय की क्या है योजना
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में जून 2021 में एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें बताया गया था कि जल्द ही केंद्र सरकार वाहन पीयूसी के एक केंद्रीय डाटाबेस तैयार करेगी, जिसके बाद देशभर में समान प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लागू किया जाएगा। वाहनों के डेटाबेस को नेशनल रजिस्टर से जोड़ा जाएगा।
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान RTO की अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। लर्नर लाइसेंस बनवाने से लेकर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, परमिट और रोड टैक्स से जुड़ी सेवाएं ऑनलाइन शुरू की गई हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है।
- ऑनलाइन भी बन रहे कॉन्ट्रेक्ट कैरिज व प्राइवेट सर्विस व्हीकल परमिट
- गुड्स परमिट को भी किया जा चुका है ऑनलाइन
जोधपुर
Published: December 17, 2021 07:49:03 pm
अमित दवे/जोधपुर. परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग लगातार अपनी सेवाओं को ऑनलाइन करने में जुटा हुआ है। वाहनों के गुड्स परमिट की सुविधा को पहले ही ऑनलाइन किया गया। अब कॉन्ट्रेक्ट कैरिज, नेशनल वाहन परमिट और प्राइवेट सर्विस व्हीकल परमिट के आवेदन और प्राप्त करने की सुविधा भी ऑनलाइन कर दी गई है। इससे प्रदेश के वाहन मालिकों को परमिट के लिए परिवहन कार्यालयों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
परिवहन व सड़क सुरक्षा विभाग ने किया नवाचार
‘परमिट सुविधा ऑनलाइन’ करने की बजट घोषणा 2021-22 को पूरा करते हुए वाहन संचालकों को सुविधा दी गई है। इसमें कॉन्ट्रेक्ट कैरिज में नए परमिट, रिनुअल परमिट और डुप्लीकेट परमिट शामिल हैं। साथ ही नेशनल परमिट(चार राज्यों से अधिक में वाहन चलाने के लिए मिलने वाले परमिट) और प्राइवेट सर्विल व्हीकल परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन भी किए जा सकते हैं।
क्यूआर कोड स्केन कर देख सकते हैं मूल दस्तावेज
ऑनलाइन प्राप्त होने वाले परमिट में क्यूआर कोड और ई-साइन होगा। इसमें यदि मोटर वाहन निरीक्षक और यातायात पुलिस की ओर से वाहन चालक से परमिट दिखाने के लिए कहा जाए तो ऑनलाइन भी दिखाया जा सकता है। परमिट की अवधि जांचने के लिए मोटर वाहन निरीक्षक और यातायात पुलिस क्यूआर कोड को स्केन कर सकते है।
बचेगा समय, मिलेगी लाइनों से निजात
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) परिवहन विभाग की टीम यह काम किया जा रहा है। विभाग परिवहन संबंधित सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने की ओर बढ़ रहा है। हाल ही लर्निंग लाइसेंस, इंटनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, लाइसेंस रिनुअल, लाइसेंस डुप्लीकेट, एड्रेस चेंज और सरेंडर ऑफ डीएल की सर्विस ऑनलाइन की जा चुकी है। इससे वाहन संचालक कार्यालयों की विंडो के सामने लगने वाली कतार से भी बच सकेंगे। समय की भी बचत होगी। ये सुविधाएं परिवहन कार्यालयों में जाकर ऑफ लाइन भी ली जा सकती हैं।
फैक्ट फाइल
- 1584 जोधपुर नगरीय परिवहन सेवा में संचालित होने वाले वाहनों को ऑनलाइन परमिट जारी
- 3000 वाहनों को जोधपुर संभाग में स्टेट कैरिज परमिट जारी
- 700 वाहनों को ऑल इंडिया में ऑनलाइन परमिट जारी
ऑनलाइन सुविधा से व्हीकल ऑनर का काम जल्दी होगा, उसे इस कार्य के लिए ऑफिस आने की भी जरुरत नहीं होगा। साथ ही, इस काम में मध्यस्थ की जरुरत नहीं होगी
आरएन बडगुजर, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जोधपुर
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TVS Motor और BMW के बीच इस साझेदारी की घोषणा खुद TVS ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर की। कंपनी ने लिखा है कि (अनुवादित) "TVS Motor कंपनी और BMW Motorrad ने फ्यूचर टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपने सहयोग समझौते के विस्तार की घोषणा की।"
इस मौके पर टीवीएस मोटर कंपनी के जेएमडी सुदर्शन वेणु ने कहा है कि इस साझेदारी के जरिए से पहला प्रोडक्ट अगले 24 महीनों में पेश किया जाएगा और इसी के आगे बीएमडब्ल्यू मोटररेड के प्रमुख मार्कस श्राम ने कहा कि प्रोडक्ट ग्लोबल मार्केट के लिए होगा।
समझौते कहता है कि BMW TVS Motor कंपनी के दायरे में हाई क्वालिटी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और औद्योगीकरण के साथ भविष्य के बीएमडब्ल्यू मोटररेड प्रोडक्ट्स को डिज़ाइन और विकसित करेगी। दोनों कंपनियों के आने वाले खास प्रोडक्ट्स को इन सामान्य प्लेटफार्म्स पर विकसित किया जाएगा, और कंपनियां अपने उत्पादों को ग्लोबल लेवल पर रिटेल करेंगी।
हालांकि, ET की एक रिपोर्ट ने सूत्रो का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि TVS और BMW इस साझेदारी के तहत इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) से लेकर इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल (Electric Motorcycles) और यहां तक कि नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिए एक बिल्कुल नया प्लेटफॉर्म तैयार कर सकती है।
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टेस्ला, लुलुलेमन, मास्टरकार्ड और गूगल महामारी के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में भविष्य की तैयारी के लिहाज से सबसे अच्छी कंपनियों के रूप में उभरी हैं। स्विट्जरलैंड स्थित इंस्टिट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (आईएमडी) द्वारा जारी भविष्य की तैयारी सूचकांक रिपोर्ट में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों को लेकर यह शोध किया गया कि वे भविष्य के लिए कितनी तैयार हैं। इसके लिए एक दशक से अधिक (2010 से 2021) के आंकड़ों का अध्ययन किया गया।
अमेरिका की सबसे अधिक 40 कंपनियां
इस रिपोर्ट में चार क्षेत्रों, फैशन और खुदरा, मोटर वाहन, वित्तीय सेवाओं तथा प्रौद्योगिकी में 86 सबसे अधिक कमाई करने वाली कंपनियों का विश्लेषण किया गया है। इस सूची में कोई भी भारतीय कंपनी नहीं है, जबकि अमेरिका की सबसे अधिक 40 कंपनियां हैं। इसके बाद चीन और जर्मनी की सात-सात कंपनियां हैं।
यूनिकॉर्न की संख्या के लिहाज से पहली बार चीन से आगे निकला भारत
इस रिपोर्ट के लेखक प्रोफेसर हॉवर्ड यू ने कहा कि यूनिकॉर्न की संख्या के लिहाज से भारत 2021 में पहली बार चीन से आगे निकल गया है, और फ्लिपकार्ट, स्नैपडील तथा ओला जैसी अरबों डॉलर की फर्मों ने भारतीय स्टार्टअप पारिस्थतिकी तंत्र में 'तूफान' ला दिया है।
मोटर वाहन क्षेत्र में टेस्ला को शीर्ष स्थान
उन्होंने कहा कि उनकी रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत को लेकर अड़चन निजी कंपनियों के स्तर पर नहीं, बल्कि देश के बुनियादी ढांचे के स्तर पर है और इसके समाधान के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। अध्ययन के अनुसार, फैशन और खुदरा खंड में स्पोर्ट्सवियर ब्रांड लुलुलेमन और नाइक पहले और दूसरे स्थान पर हैं। इसी तरह मोटर वाहन क्षेत्र में टेस्ला ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
वित्तीय सेवा क्षेत्र में मास्टरकार्ड और वीजा टॉप पर
वित्तीय सेवा क्षेत्र में मास्टरकार्ड और वीजा को अग्रणी स्थान मिला, जबकि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी एएमडी को भविष्य के लिए तैयार पाया गया।
वणी. महाराष्ट्र सरकार ने बदला हुआ मोटर व्हीकल एक्ट 2019 राज्य मे लागू कर दिया है जिसके बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना बहुत महंगा पडने वाला है. राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए 2019 एक्ट में बदलावों कर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान की राशि बढा दी है.
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन अब जेब पर भारी पडने वाला है. अब वाहन चालकों के लिए नए ट्रैफिक नियम लागू हो गए है. नियमों में जुर्माने की राशि मे काफी वृद्धि की गई है. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालको पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. राज्य में नया केंद्रीय मोटर वाहन कानून लागू किया गया है और इस संबंध में निर्णय परिवहन विभाग ने लिया है.
इस संबंध में 11 दिसंबर को अधूसूचना भी जारी कर दी गई है. सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कई ट्रैफिक नियमों में बदलाव के तहत कई ट्रैफिक नियमों में बदलाव किए गए है. नए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर दोपहिया वाहनों पर 1000 रूपये का जुर्माना लगेगा.
चार पहिया वाहन मालिकों पर 2000 रूपये का जुर्माना लगेगा साथ ही अगर कोई अपराध तीन साल के भीतर या उसके बाद भी दूसरी बार किया जाता है तो हर अपराध पर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही बिना लाइसेंस के गाडी चलाने पर पिछला जुर्माना 500 रूपये था. लेकिन अब जुर्माना बढाकर 5000 रूपये कर दिया गया है.
नए यातायात नियमों के संबंधमें अधिसूचना के अनुसार यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर दोपहिया वाहनों पर एक हजार रूपये, चार पहिया वाहनों पर तीन हजार रूपये और अन्य वाहनों के चालकों पर चार हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
पहले यह जुर्माना 500 रूपये था. अगर तीन साल में दूसरी बार अपराध किया जाता है, तो 10000 रूपये का जुर्माना लगया जाएगा. अगर 16 साल से कम उम्र का व्यक्ति बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाडी चला रहा है, तो पहले 500 रूपये जुर्माना था, जो अब 5000 रूपये होगा. साथ ही बिना मेडिकल रजिस्टेशन के पुराना जुर्माना अब यह पहली बार 2000 रूपये और दूसरी बार 5000 रूपये होगा.
इसी तरह यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने के लिए अन्य जुर्माने की राशि भी बढा दी गई है. इस बीच, केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया और एक नया कानून पेश किया, जिससे जुर्माने की राशि मे काफी वृद्धि हुई. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उनका विरोध किया.
तत्कालीन परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने स्पष्ट कर दिया था कि वह नए मोटर व्हीकल एक्ट को तत्काल स्थगित कर रहे है. हालांकि , राज्य में यातायात उल्लंघन और दुर्घटनाओं की बढती संख्या को देखते हुए परिवहन विभाग नए कानूनों को लागू करने पर अडा हुआ है. इसी के तहत परिवहन विभाग ने 1 दिसंबर 2021 को नोटिफिकेशन जारी किया है. साथ ही यह अधिसूचना 13 दिसंबर से लागू कर दी गई है.
सांकेतिक तस्वीर
टीवीएस मोटर कंपनी ने बुधवार को देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और फ्यूचर टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए बीएमडब्ल्यू मोटरराड इंडिया के साथ अपनी लॉन्ग-टर्म कॉर्पोरेटिव पार्टनरशिप के विस्तार की घोषणा की है. दोनों कंपनियों द्वारा कंबाइन तौर पर डेवलप किया गया पहला प्रोडक्ट अगले दो सालों में दुनिया के सामने लाया जाएगा.
दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से नए प्लेटफॉर्म डेवलप करेंगी और इन सिंपल प्लेटफॉर्म पर अपने खास प्रोडक्ट बनाएंगी. इन प्रोडक्ट्स को ग्लोबल तौर पर बेचा जाएगा. पार्टनरशिप के तहत, टीवीएस, बीएमडब्ल्यू मोटरराड प्रोडक्ट्स के डिजाइन और डेवलपमेंट के साथ-साथ सप्लाई चेन मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियलाइजेशन की देखभाल के लिए जिम्मेदार होगा. चेन्नई स्थित कंपनी डिजाइन और निर्माण में इंजीनियरिंग स्किल की देखभाल करना जारी रखेगी और साथ ही प्रोडक्ट्स को बेस्ट-इन-क्लास क्वालिटी ऑफर करेगी.
बीएमडब्ल्यू मोटरराड और टीवीएस दोनों ही कस्टमर सेगमेंट की ग्लोबल जरूरतों को ट्रैक करते हुए फ्यूचर मोबिलिटी स्पेस में उभरती टेक्नोलॉजी का आपस में इस्तेमाल करेंगे.
ये टाई-अप ऐसे समय में हुआ है जब ओला इलेक्ट्रिक और एथर जैसे नए जमाने के स्टार्ट-अप इलेक्ट्रिक स्कूटर में इंवेस्टमेंट बढ़ा रहे हैं, जिससे TVS और Bajaj Auto जैसे पुराने टू-व्हीलर मैनुफैक्चरर्स को भी इसका पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. Mahindra & Mahindra और Tata Motors जैसे टॉप व्हीकल मेकर भी EV में भारी इंवेस्टमेंट कर रहे हैं क्योंकि भारत पॉल्यूशन और फ्यूल इंपोर्ट को कम करने के लिए व्हीकल मैनुफैक्चरर्स को इलेक्ट्रिक वाहन लाने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है.
वर्तमान में, देश में कुल टू व्हीलर्स की सेल में इलेक्ट्रिक वाहनों का योगदान होता है, जिसका बड़ा कारण हाई बैटरी कॉस्ट और चार्जिंग बेसिक स्ट्रक्चर की कमी है. TVS और BMW Motorrad ने मोटरसाइकिल बनाने के लिए 2013 में एक लंबे पीरियड के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और अब दोनों कंपनियों के लिए स्पेशल प्रोडक्ट्स को डेवलप करने के सौदे पर विस्तार कर रहे हैं जो ग्लोबली बेचे जाएंगे. टीवीएस ने कहा कि इस पार्टनरशिप का पहला प्रोडक्ट अगले 24 महीनों में शो किया जाएगा.
इससे पहले दिन में, टीवीएस के शेयरों में 7.4% तक की उछाल आई है, क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंपनियां भारत से इलेक्ट्रिक वाहन बनाने और एक्सपोर्ट करने के लिए एक संयुक्त गठबंधन (Joint Alliance) की अनाउंसमेंट कर सकती हैं.
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ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 15 Dec 2021 03:09 PM IST
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न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ई-ऑटोरिक्शा के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन को मनमाना नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह FAME-II योजना और इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 के अनुरूप है।
"दिल्ली के निवासी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसका एक हिस्सा वाहनों द्वारा योगदान दिया जाता है। भले ही सीएनजी ऑटो बीएस-6 अनुपालन कर रहे हैं, फिर भी कुछ कार्बन उत्सर्जन है।"
पटना. बिहार की नीतीश सरकार एक ओर जहां कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों को जहां 4 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है, वहीं इसी कोरोना काल के दौरान ही एक और आम लोगों को योजना पर मुहर लगाई है. इसके तहत मोटर वाहन दुर्घटना में जान गंवाने वालों के आश्रितों को 5 लाख दिए जाने का प्रावधान है. इस योजना के तहत वाहन दुर्घटना से मौत होने पर मृतक के आश्रित व घायलों को तत्काल अंतरिम मुआवजा दिया जाता है. विगत 15 सितंबर से मोटर वाहन दुर्घटना में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपये मुआवजा का भुगतान किया जाता है. इसके लिए बिहार मोटरगाड़ी (संशोधन-1) नियमावली 2021 एवं बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (संशोधन) नियमावली 2021 लागू है.
यहां करें आवेदन- सड़क दुर्घटना में मौत या जख्मी होने के दावों के निपटारे के लिए नई व्यवस्था में जिला परिवहन पदाधिकारी यानी डीटीओ को दावा आवेदन दाखिल करने के लिए अधिकृत किया गया है. डीटीओ इस काम में थाना, मेडिकल अफसर, अस्पताल वगैरह की मदद लेंगे जहां घायल का इलाज हुआ हो या मौत की सूरत में पोस्टमार्टम.
यह है प्रक्रिया- आवेदन की जांच अनुमंडल पदाधिकारी यानी एसडीओ (एसडीएम) करते हैं, जिन्हें इस नियमावली के तहत दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी (Accidental Claims Inquiry Officer) बनाया गया है. एसडीएम दावा से संबंधित बीमा कंपनी के नोडल अफसर को सूचना देते हैं और बीमा कंपनी उस पर सरकारी खाते में भुगतान करती है. अगर बीमा कंपनी से मिली रकम मुआवजे की राशि से कम हुई तो बचा हुआ पैसा सरकारी फंड से दिया जाता है.
एसडीएम डीएम को भेजते हैं रिपोर्ट- एसडीएम की तरफ से दावा जांच में न तो दुर्घटना का स्थल निरीक्षण किया जाता है और न ही किसी की गवाही ली जाती है. एसडीएम अपनी जांच के बाद मुआवजा राशि या सहायता राशि के भुगतान की सिफारिश जिला पदाधिकारी (डीएम) को करते हैं.
DM देते हैं स्वीकृति- इसके बाद अंतरिम मुआवजा राशि का भुगतान सचिव, जिला सड़क सुरक्षा समिति सह जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा संबंधित मृतक व्यक्ति के आश्रित को किया जाता है. डीएम को इस नियमावली के तहत दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी (Accidental Claims Assessment Officer) बनाया गया है, जो जिला स्तर पर दावा न्यायाधिकरण को हेड करते हैं. मुआवजा भुगतान के लिए अनुमंडल पदाधिकारी की अनुशंसा पर ही दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा अंतरिम मुआवजा भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाती है. डीएम को आवेदन प्रक्रिया पर 60 दिनों के अंदर अपना फैसला देने की समय सीमा निर्धारित की गई है. इसके बाद मुआवजा या सहायता राशि का अंतरिम भुगतान कर दिया जाता है.
दावेदारों को अंतरिम रूप से भुगतान की गई राशि के समायोजन के लिए बीमित वाहनों के लिए संबंधित बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा (थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम) के रूप में देय राशि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के संबंधित जिला के बैंक खाते में जमा की जाती है. दुर्घटना की तिथि को बीमा रहित वाहनों की स्थिति में अंतरिम भुगतान की गई मुआवजा राशि के समायोजन के लिए वाहन स्वामी द्वारा बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के संबंधित जिला के बैंक खाता में जमा की जाती है.
वाहन स्वामी द्वारा इनकार अथवा उदासीनता की स्थिति में उनके जब्त वाहन की नीलामी कर प्राप्त राशि से अंतरिम रूप से भुगतान की गई मुआवजा राशि का समायोजन किया जाता है. यदि वाहन की नीलामी से प्राप्त राशि दुर्घटना पीडि़तों को भुगतान की गई अंतरिम मुआवजा राशि से कम होगी तो वाहन स्वामी से शेष राशि की वसूली की जाती है. नियमानुसार वाहन चलाने का निर्देश- कहा गया कि नियमानुसार वाहन चलाया जाए। हेलमेट जरुर पहनें. वाहन का बीमा अप टू डेट रखें. यातायात नियमों का पालन करें. इससे हादसा नियंत्रित रहेगा.
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मृतक के निकटतम आश्रित को मिलेंगे बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के रुपए घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे मददगार को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5 हजार व प्रशस्ति पत्र मिलेंगे दुर्घटना में मौत से संबंधित सहायता राशि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट व प्राथमिकी जरूरी जिलाधिकारी ने कहा: सड़क हादसे में मिलने वाली मदद के लिए शीघ्र गठित करें कमेटी जागरण संवाददाता, गया:
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने व दुर्घटना मुआवजा से संबंधित उप समिति का गठन करने का निर्देश जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने दिया है। वे सोमवार को कलेक्ट्रेट में सड़क सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। दुर्घटना में मृत्यु, घायल को मुआवजा देने के लिए एमभीआई( मोटर वाहन निरीक्षक) संबंधित थाना प्रभारी व सड़क अभियंता की रिपोर्ट पर मुआवजा देने का प्रावधान है। इस कार्य के लिए कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया गया। वाहन दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख व घायल को 50 हजार का मुआवजा बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से दी जाएगी। वहीं घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे मददगार (गुड सिमरेटन) को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे। जिले में तीन गुड सिमरेटन को शीघ्र ही प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि दुर्घटना में मृत्यु से संबंधित सहायता राशि के लिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट व प्राथमिकी आवश्यक है। जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के लिए जिले को 40 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
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संभावित दुर्घटना स्थल होंगे चिह्रित
-बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि संभावित सड़क दुर्घटना स्थल की पड़ताल करें। इसके अलावा दुर्घटनाओं को कम करने के उपाय, ब्लैक स्पाट की मैपिग, मुख्य सड़क/हृ॥ पर से साइनेजेज लगाने, दुर्घटना से मृत्यु/घायल होने पर मुआवजा, अच्छे मददगार (गुड सिमरेटन) को प्रोत्साहन राशि तथा पुरस्कृत करने, सुरक्षित स्कूल वाहन का परिचालन, मोटर ट्रेनिग स्कूल का संचालन, मुख्यमंत्री परिवहन योजना की समीक्षा तथा समिति के सदस्यों के सुझाव सहित अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर विचार विमर्श किया गया।
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योजना की मुख्य बातें: एसडीओ होंगे दावा जांच अधिकारी
-जिला परिवहन पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि 15 सितंबर को इस योजना को लेकर अधिसूचना जारी हुई है। अनुमंडल क्षेत्र के एसडीओ इसके दावा जांच अधिकारी होते हैं। आवेदन एसडीओ या डीटीओ कार्यालय में देना है। किसी भी वाहन से दुर्घटना होने पर योजना लाभ मान्य होगी। योजना पूरे बिहार प्रदेश के लिए है।
Edited By: Jagran
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अब शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार और बिना हेलमेट 1 हजार तक लगेगा जुर्माना ! Patrika News[unable to retrieve full-text content]
एक वाहन के साथ दो हेलमेट अनिवार्य, रजिस्ट्रेशन में हेलमेट का नंबर जरूरी Patrika Newsजोधपुर12 घंटे पहले
प्रतीकात्मक फोटो।
जोधपुर जिले के पीपाड़ थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। मोटर साइकिल पर अपने गांव रतकुड़िया की तरफ लौट रहे अधेड़ को अज्ञात वाहन ड्राइवर टक्कर मार कर भाग निकला। उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
पीपाड़ पुलिस के अनुसार रतकुड़िया गांव निवासी प्रेमसिंह जाट ने मामला दर्ज करवा कर बताया कि उसके पिता रामकिशोर पीपाड़ रोड पर अपने घर की तरफ लौट रहे थे। नातौड़ा टोल नाके के समीप उनकी मोटर साइकिल को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। पिता की मोटर साइकिल वाहन के नीचे फंस गई। जिसे काफी दूर तक घसीटता हुआ ले गया। बुरी तरह से जख्मी उसके पिता की अत्यधिक खून बहने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद वाहन का ड्राइवर वहां से भाग निकला। पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया।
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नया मॉडल एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर आधारित इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर वाहन होगा, जिसे भारतीय बाजार के लिए कस्टमाइज किया जाएगा। इसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बेचा जाएगा। यह प्लेटफॉर्म फिलहाल विकसित किया जा रहा है और भारत जैसे सभी उभरते बाजारों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
इस समय एमजी मोटर देश में MG ZS EV भी बेचती है, लेकिन इसकी कीमत बहुत अधिक रेंज में रखी गई। भारत में इसकी एक्स-शोरूम कीमत 21 लाख रुपये से लेकर 24.68 लाख रुपये तक है।
300 किमी की रेंज
उम्मीद है कि एमजी का अगला इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर एक सब-4-मीटर कार होगा। रिपोर्ट के मुताबिक एमजी का यह नया मॉडल फुल चार्जिंग पर 300 किमी से ज्यादा की रेंज दे सकता है। भारतीय बाजार में इसे Tata Nexon EV की टक्कर में उतारा जाएगा। टाटा नेक्सन ईवी इस समय भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत के करीब है। Hyundai, Mahindra और Kia भी भारत में कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक SUVs लॉन्च करने की योजना बना रही हैं।
कंपनी की उम्मीदें
एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने कहा, "एसयूवी एस्टोर के बाद हमारा अगला उत्पाद, हम एक ईवी के बारे में सोच रहे हैं और अब हमें सरकार की ओर से पूर्ण स्पष्टता के साथ बहुत प्रोत्साहित किया गया है कि ईवी ही भविष्य का रास्ता है।"
मास मार्केट ईवी
चाबा ने आगे कहा, "यह वास्तव में एक तरह का क्रॉसओवर है और यह एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर आधारित होने जा रहा है, जिसे हम विकसित कर रहे हैं और यह भारत सहित सभी उभरते बाजारों के लिए एक मास मार्केट ईवी होगा। हम इस कार को रेंज और भारतीय नियमों और ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज करेंगे। इसे खासतौर पर भारत के लिए तैयार किया जाएगा। हम अभी इस पर काम करना शुरू करेंगे।"
ईवी की योजना पर उन्होंने कहा, "यह उस तरह का टिपिंग पॉइंट है जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं कि अगर हम 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच की कार बनाने में सफल रहते हैं जो यह हमें अच्छी बिक्री दे सकता है। इसलिए उम्मीद है, यह हमारी ज्यादा बिक्री वाली ईवी कार होगी।"
चाबा ने आगे कहा कि ऑटो सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड (पीएलआई) योजना के लिए सरकार के दिशानिर्देशों को पूरा करने के लिए, एमजी मोटर इंडिया अपने अगले ईवी के लिए बहुत सारे पुर्जों का स्थानीयकरण करेगी। उन्होंने कहा कि इनमें बैटरी असेंबली, मोटर और अन्य हिस्सों का स्थानीयकरण शामिल होगा।
नयी दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया देश के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अगले वित्त वर्ष के अंत तक बिजली से चलने वाली एक नयी कार पेश करेगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वाहन की कीमत 10 से 15 लाख रुपये के बीच रखी जायेगी। एमजी मोटर वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में एसयूवी जेडएस ईवी बेचती है। कंपनी एक वैश्विक मंच पर आधारित इलेक्ट्रिक वाहन पेश करेगी जिसे भारतीय बाजार के अनुसार तैयार किया जाएगा।
एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव छाबा ने कहा, ‘‘एसयूवी एस्टर के बाद हम एक इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में सोच रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर सरकार की तरफ से चीजों को स्पष्ट किए जाने के बाद हमें बहुत प्रोत्साहन मिला है।’’ उन्होंने कंपनी की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि हम अगले वित्त वर्ष के अंत तक एक इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने जा रहे हैं। इस वाहन की कीमत 10 से 15 लाख रुपये के बीच होगी।
दक्षिण कोरिया की कार कंपनी हुंदै ने 2028 तक भारत में लगभग छह इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनायी है। कंपनी अगले कुछ वर्षों में अपने मौजूदा रेंज पर आधारित मॉडल के अलावा अपने वैश्विक प्लेटफॉर्म 'ई-जीएमपी' पर आधारित पूरी तरह से नए वाहनों के साथ कई मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। हुंदै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस एस किम ने कहा कि कंपनी देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए कमर कस रही है, और अगले साल छह नए उत्पाद भारतीय बाजार में पेश किए जा सकते हैं। कंपनी 2028 तक छह मॉडल उतारने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में लगभग 4,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...