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Tuesday, August 31, 2021

भारत सीरीज पंजीकरण चिन्ह: वाहनों के लिए यह BH-सीरीज क्या है? इससे वाहन मालिकों को मिलेंगे क्या फायदे? - जागरण जोश

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 की अपनी एक अधिसूचना में वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा के लिए 'भारत श्रृंखला (BH-सीरीज़)' के तहत नए वाहनों के लिए एक नया पंजीकरण चिन्ह पेश किया है. भारत के किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित या फिर, किसी राज्य से स्थानांतरित होने पर वाहनों के पुन: पंजीकरण की बोझिल प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने एक नई भारत सीरीज पंजीकरण चिन्ह योजना शुरू की है, जिसके तहत अगर व्यक्ति भारत के किसी दूसरे राज्य में जाते हैं तो उन्हें उस राज्य में अपने वाहन के लिए एक नया पंजीकरण नंबर प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी.

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने एक बयान में यह कहा है कि, भारत सीरीज वाहन पंजीकरण के लिए एक IT आधारित समाधान है जो भारत सरकार द्वारा गतिशीलता की सुविधा के लिए एक प्रयास है.

वर्तमान में, दूसरे राज्य में जाने के दौरान वाहनों के पुन: पंजीकरण की प्रक्रिया में वाहन मालिकों को पुराने राज्य से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है जहां वाहन पहले पंजीकृत था, फिर वाहन को नए राज्य में पंजीकृत करवाकर, नए राज्य में रोड टैक्स का भुगतान करना होता है जिसके बाद, पुराने राज्य में पहले से भुगतान किए गए रोड टैक्स के लिए रिफंड फाइल करना होता है.

यह भारत सीरीज़ (BH-सीरीज़) क्या है?

भारत सीरीज़ (BH-सीरीज़) भारत में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के दौरान वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण और पुन: पंजीकरण की सुविधा के लिए सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वाहन पंजीकरण के लिए एक IT आधारित समाधान है.

यह पंजीकरण सुविधा रक्षा कर्मियों, निजी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), केंद्र या राज्य सरकारों के साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले ऐसे व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होगी, जिनके चार या अधिक राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं.

भारत सीरीज से वाहन मालिकों को कैसे होगा फायदा?

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 47 के तहत, एक व्यक्ति को वाहन पंजीकृत होने वाले राज्य के अलावा किसी भी राज्य में केवल 12 महीने के लिए अपना वाहन रखने की अनुमति है. उन 12 महीनों के दौरान, संबद्ध व्यक्ति को नए राज्य में एक नया पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.

इस योजना के तहत, मोटर वाहन कर 2 साल या दो के गुणक में लगाया जाएगा. इसी तरह, 14वां साल पूरा होने के बाद सालाना मोटर व्हीकल टैक्स लगेगा.

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भारत सीरीज पंजीकरण चिन्ह: वाहनों के लिए यह BH-सीरीज क्या है? इससे वाहन मालिकों को मिलेंगे क्या फायदे? - जागरण जोश
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Monday, August 30, 2021

पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों के लिए वाहनों की संख्या का निर्घारण - दैनिक जागरण

कटिहार। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार एवं मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण के लिए वाहनों की संख्या का निर्धारण किया गया है।

कटिहार। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार एवं मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण के लिए वाहनों की संख्या का निर्धारण किया गया है। वाहनों का परमिट अभ्यर्थी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता के नाम से जारी किया जाएगा। चुनाव प्रचार प्रसार के लिए ग्राम पंचायत सदस्य एवं ग्राम कचहरी पंच के प्रत्याशियों के लिए एक यांत्रिक दुपहिया वाहन के उपयोग की अनुमति होगी। मुखिया, सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी प्रचार के लिए दो यांत्रिक दुपहिया वाहन या एक हल्का मोटरवाहन का उपयोग कर सकते हैं। जिप सदस्य पद के प्रत्याशी के लिए चार दुपहिया वाहन या दो हल्का मोटर वाहन चुनाव प्रचार के लिए अनुमान्य होगा। मतदान तिथि के 48 घंटे पूर्व तक ही प्रचार-प्रसार के लिए परमिट प्राप्त वाहन का प्रयोग किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त प्रत्याशी रिक्शा, टमटम और बैलगाड़ी का उपयोग भी चुनाव प्रचार के लिए कर सकते हैं। रिक्शा पर होने वाला व्यय उनके चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर भ्रमण के लिए भी प्रत्याशियों के लिए वाहन के संख्या का निर्धारण किया गया है। जिला परिषद सदस्य पद के लिए एक हल्का मोटरवाहन प्रत्याशी अथवा उनके निर्वाचन अभिकर्ता के लिए अनुमान्य होगा। पंचायत समिति सदस्य पद के प्रत्याशी के लिए चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन, मुखिया पद के प्रत्याशी के लिए चालक सहित यांत्रिक दुपहिया, सरपंच पद के लिए चालक सहित यांत्रिक दूपहिया वाहन प्रत्याशी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता के लिए अनुमान्य होगा। ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच के लिए मतदान के दिन किसी भी तरह के वाहन के उपयोग को अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रत्याशियों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।

Edited By: Jagran

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पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों के लिए वाहनों की संख्या का निर्घारण - दैनिक जागरण
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न्यू BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट: क्या हर कोई कर सकता है अप्लाई? जानें इंपोर्टेंट फैक्ट्स - Navbharat Times

15 सितंबर से रजिस्टर होंगे BH सीरीज के वाहन, जानिए किसे होगा फायदा - News Nation

BH Vehicle Registration: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के निर्बाध स्थानांतरण को सुगम बनाने के लिए नए वाहनों अर्थात भारत सीरिज (बीएच-सीरिज) के लिए दिनांक 26 अगस्त, 2021 की अधिसूचना के जरिये एक नया पंजीकरण चिन्ह लागू किया है.

News Nation Bureau | Edited By : Dhirendra Kumar | Updated on: 30 Aug 2021, 10:26:59 AM
BH Vehicle Registration

BH Vehicle Registration (Photo Credit: NewsNation)

highlights

  • BH-सीरीज  के लिए 26 अगस्त की अधिसूचना के जरिए एक नया पंजीकरण चिन्ह लागू किया
  • एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट करते समय नए पंजीकरण चिन्ह के निर्धारण की आवश्यकता नहीं होगी

नई दिल्ली :

BH Vehicle Registration: मान लीजिए कि आप किसी दूसरे राज्य के रहने वाले हैं और आप नौकरी देश की राजधानी दिल्ली में करते हैं. वहीं आपके पास अगर दिल्ली नंबर की कार है और आपको अपने राज्य में किसी वजह से एक साल से ज्यादा समय तक रहना पड़ जाए तो दिल्ली नंबर की कार को आप अपने राज्य में एक साल से ज्यादा नहीं चला सकते हैं. ऐसे लोगों के लिए BH Series के तहत गाड़ी रजिस्ट्रेशन को लेकर जारी किए गए नए नियम काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के नए नियम 15 सितंबर 2021 से लागू हो जाएंगे. सरकार की ओर से इसके रजिस्ट्रेशन के नियम और फीस को तय कर दिया गया है.

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अन्य राज्य में वाहन को 12 महीनों से अधिक समय तक रखने की अनुमति नहीं 

बता दें कि ट्रांसफर की समस्या सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों ही प्रकार के कर्मचारियों के साथ होती है. ऐसे ट्रांसफर से इस प्रकार के कर्मचारियों के मन में मूल राज्य से दूसरे राज्य में पंजीकरण के स्थानांतरण को लेकर बेचैनी की भावना पैदा हो जाती है क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के खंड 47 के तहत किसी व्यक्ति को उस राज्य के अतिरिक्त, जहां वाहन का पंजीकरण हुआ है, किसी अन्य राज्य में वाहन को 12 महीनों से अधिक समय तक रखने की अनुमति नहीं है, लेकिन नया राज्य-पंजीकरण प्राधिकरण के साथ एक नया पंजीकरण 12 महीनों (1 साल) के निर्धारित समय के भीतर किया जाना होता है.

बता दें कि मौजूदा समय में यात्री वाहन उपयोगकर्ता को वाहन के पुनःपंजीकरण के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ते हैं. इसके तहत किसी अन्य राज्य में नए पंजीकरण चिन्ह के निर्धारण के लिए मूल राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. नए राज्य में यथानुपात रोड टैक्स के बाद नए पंजीकरण चिन्ह का निर्धारण करना होता है. इसके अलावा यथानुपात आधार पर मूल राज्य में रोड टैक्स के रिफंड के लिए आवेदन करना होता है. बता दें कि यथानुपात आधार पर मूल राज्य से रिफंड पाने का यह प्रावधान बहुत जटिल प्रक्रिया है और अलग अलग राज्यों में यह अलग अलग होती है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के निर्बाध स्थानांतरण को सुगम बनाने के लिए नए वाहनों अर्थात भारत सीरिज (बीएच-सीरिज)  के लिए 26 अगस्त, 2021 की अधिसूचना के जरिये एक नया पंजीकरण चिन्ह लागू किया है. इस पंजीकरण चिन्ह वाले वाहन के मालिक के लिए अपने वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट करते समय नए पंजीकरण चिन्ह के निर्धारण की आवश्यकता नहीं होगी. भारत सीरीज (बीएच-सीरिज) के तहत वाहन पंजीकरण की यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर रक्षा कर्मचारियों, केंद्रीय सरकार/राज्य सरकार/केंद्रीय/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और निजी क्षेत्र की कंपनियों/संगठनों, जिनके चार या अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं, को उपलब्ध होगी.

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मोटर वाहन कर दो वर्षों के लिए या दो के मल्टीपल में लगाया जाएगा। यह स्कीम किसी नए राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में स्थानांतरण पर भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में व्यक्तिगत वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगी। 14वें वर्ष की समाप्ति पर मोटर वाहन कर वार्षिक रूप से लगाया जाएगा जो उस राशि का आधा होगा जो पहले उस वाहन के लिए वसूल की गई थी. - इनपुट पीआईबी

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First Published : 30 Aug 2021, 10:25:33 AM

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15 सितंबर से रजिस्टर होंगे BH सीरीज के वाहन, जानिए किसे होगा फायदा - News Nation
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Sunday, August 29, 2021

कौन-कौन सी गाड़ियां जाएंगी कबाड़ में, सरकार ने तय किए स्क्रैपिंग के मानदंड - आज तक

ऐसे वाहन जो खनन, हाइवे निर्माण, फार्म्स, बिजली, कारखाने या हवाईअड्डों इत्यादि परियोजनाओं के लिए उपयोग में लाए जाते हैं या जो अपना समय पूरा कर चुके हैं और किसी काम के नहीं रहे, उन्हें मालिक की रजामंदी के बाद स्क्रैप में भेजा जाएगा. इसके अलावा कोई भी मालिक अपनी मर्जी से किसी वाहन को स्क्रैप में भेजता है, उसे भी RSVF पर स्क्रैप बनाया जाएगा. (File Photo)

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‘Bharat Series' में ऐसे होगा गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, जानें इसके फायदे - आज तक

सरकार ने गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए नई ‘Bharat Series' (BH-Series) नोटिफाई कर दी है. इस सीरीज के तहत गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कैसे होगा, कितना चार्ज लगेगा, कौन-कौन इस सीरीज के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है, पाएं इसकी पूरी डिटेल. जानें क्या फायदा है इस रजिस्ट्रेशन का
(Photo : Getty)

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नई BH रजिस्ट्रेशन सीरीज में डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर कितना लगेगा टैक्स, जानिए इससे जुड़ी सभी... - TV9 Hindi

वाहन मालिकों को दूसरे राज्य में एक नया रजिस्ट्रेश मार्क पाने के लिए पहले पैरेंट स्टेट से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (No Objection Certificate) की जरूरत पड़ेगी.

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एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच आसानी से व्यक्तिगत वाहनों के ट्रांसफर के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने नई रजिस्ट्रेशन सीरीज की शुरुआत की है. मंत्रालय ने इस व्यवस्था के तहत नए पंजीकरण चिह्न भारत श्रृंखला (बीएच-सीरीज) को ऐलान किया है. इस नई व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों को एक राज्य/संघ शासित प्रदेश से दूसरे राज्य/संघ शासित प्रदेश में ट्रांसफर करने पर नए सिरे रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच आसानी से व्यक्तिगत वाहनों के ट्रांसफर के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने नई रजिस्ट्रेशन सीरीज की शुरुआत की है. मंत्रालय ने इस व्यवस्था के तहत नए पंजीकरण चिह्न भारत श्रृंखला (बीएच-सीरीज) को ऐलान किया है. इस नई व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों को एक राज्य/संघ शासित प्रदेश से दूसरे राज्य/संघ शासित प्रदेश में ट्रांसफर करने पर नए सिरे रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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मंत्रालाय ने अपने बयाना में कहा है कि वाहनों के पंजीकरण के लिए आईटी आधारित समाधान इस दिशा में एक प्रयास है. एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण पर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत होती थी, जो काफी परेशानी वाला काम होता था.

मंत्रालाय ने अपने बयाना में कहा है कि वाहनों के पंजीकरण के लिए आईटी आधारित समाधान इस दिशा में एक प्रयास है. एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण पर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत होती थी, जो काफी परेशानी वाला काम होता था.

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अधिसूचना के अनुसार बीएच-श्रृंखला के गैर-परिवहन वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा 10 लाख रुपये तक के वाहन पर आठ प्रतिशत का मोटर वाहन टैक्स लिया जाएगा. 10 से 20 लाख रुपये के वाहन पर यह कर 10 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से अधिक के वाहन पर 12 प्रतिशत होगा. डीजल वाहनों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. वहीं. इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो प्रतिशत कम शुल्क लगेगा.

अधिसूचना के अनुसार बीएच-श्रृंखला के गैर-परिवहन वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा 10 लाख रुपये तक के वाहन पर आठ प्रतिशत का मोटर वाहन टैक्स लिया जाएगा. 10 से 20 लाख रुपये के वाहन पर यह कर 10 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से अधिक के वाहन पर 12 प्रतिशत होगा. डीजल वाहनों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. वहीं. इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो प्रतिशत कम शुल्क लगेगा.

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बीएच सीरीज का रजिस्ट्रेशन चिह्न YY BH #### XX होगा. वाईवाई से आशय पहले पंजीकरण के वर्ष से होगा. बीएच भारत श्रृंखला का कोड होगा. #### चार अंकों की संख्या और एक्सएक्स दो अक्षर होंगे.

बीएच सीरीज का रजिस्ट्रेशन चिह्न YY BH #### XX होगा. वाईवाई से आशय पहले पंजीकरण के वर्ष से होगा. बीएच भारत श्रृंखला का कोड होगा. #### चार अंकों की संख्या और एक्सएक्स दो अक्षर होंगे.

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वाहन मालिकों को दूसरे राज्य में एक नया रजिस्ट्रेश मार्क पाने के लिए पहले पैरेंट स्टेट से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (No Objection Certificate) की जरूरत पड़ेगी. एक बार नए राज्य में प्रो-राटा आधार पर रोड टैक्स का भुगतान करने के बाद एक नया रजिस्ट्रेशन मार्क सौंपा जाएगा. तीसरे चरण में आपको पैरेंट स्टेट में रोड टैक्स की वापसी के लिए एक आवेदन फाइल करना होगा.

वाहन मालिकों को दूसरे राज्य में एक नया रजिस्ट्रेश मार्क पाने के लिए पहले पैरेंट स्टेट से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (No Objection Certificate) की जरूरत पड़ेगी. एक बार नए राज्य में प्रो-राटा आधार पर रोड टैक्स का भुगतान करने के बाद एक नया रजिस्ट्रेशन मार्क सौंपा जाएगा. तीसरे चरण में आपको पैरेंट स्टेट में रोड टैक्स की वापसी के लिए एक आवेदन फाइल करना होगा.

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नई BH रजिस्ट्रेशन सीरीज में डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर कितना लगेगा टैक्स, जानिए इससे जुड़ी सभी... - TV9 Hindi
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Saturday, August 28, 2021

अब दूसरे राज्य में नहीं कराना होगा वाहन ट्रांसफर, आ गई नई BH रजिस्ट्रेशन सीरीज - Hindustan

अब नए राज्य में शिफ्ट होने पर आपको अपने पर्सनल व्हीकल का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर नहीं कराना होगा। सड़क परिवहन मंत्रालय (MORTH) ने नई रजिस्ट्रेशन सीरीज- भारत सीरीज (BH सीरीज) शुरू की है, जो राज्यों के बीच यात्री वाहनों के ट्रांसफर को आसान बना देती है। इसके तहत वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने पर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। यानी नई BH सीरीज पूरे देश में वैलिड होगी। 

ये लोग उठा सकते हैं BH सीरीज का लाभ
BH सीरीज नए वाहनों के लिए स्वैच्छिक आधार पर होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए आईटी आधारित समाधान इस दिशा में एक प्रयास है। एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण पर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत होती थी, जो काफी परेशानी वाला काम होता था।" यह सुविधा रक्षा कर्मियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी। इसके अलावा ऐसी प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी, जिनके ऑफिस चार या ज्यादा राज्यों में स्थित हैं, वह भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

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BH सीरीज का सबसे बड़ा फायदा ट्रांसफरेबल जॉब वाले लोगों को होगा, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते रहते हैं। इससे लोगों को हर बार नए राज्य में जाने पर अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर करने की प्रक्रिया से बचने में मदद मिलेगी। बीएच सीरीज का रजिस्ट्रेशन फॉर्मेट YY BH #### XX होगा। YY के जरिए पहले रजिस्ट्रेशन ईयर से होगा। बीएच भारत सीरीज का कोड होगा। #### चार अंकों की संख्या और XX दो अक्षर होंगे। मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 को नई सीरीज का नोटिफिकेशन जारी किया है। 

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क्या होगी फीस
नोटिफिकेशन के अनुसार, बीएच-सीरीज के नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के समय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 10 लाख रुपये तक के वाहन पर आठ प्रतिशत का मोटर वाहन कर लिया जाएगा। 10 से 20 लाख रुपये के वाहन पर यह टैक्स 10 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से अधिक के वाहन पर 12 प्रतिशत होगा। डीजल वाहनों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो प्रतिशत कम शुल्क लगेगा। 

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बदलाव: एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर नहीं बदलना होगा पंजीकरण नंबर, वाहनों के लिए 'भारत सीरीज' शुरू - अमर उजाला

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  2. BH Series: क्या है भारत सीरीज रजिस्ट्रेशन? जानिए पंजीकरण की प्रक्रिया और BH नंबर के लाभ  Republic Bharat
  3. BH Vehicle Series: अब भारत सीरीज में होगा व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन, एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना होगा आसान  Punjab Kesari
  4. अब दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर नहीं कराना होगा वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन, जारी हुई BH-सीरीज मार्क  ऑटो न्यूज - DriveSpark
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बदलाव: एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर नहीं बदलना होगा पंजीकरण नंबर, वाहनों के लिए 'भारत सीरीज' शुरू - अमर उजाला
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अब राज्य बदलने पर गाड़ी का पंजीकरण कराने का टेंशन खत्म, नया नियम 15 सितंबर से लागू - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यों के बीच व्यक्तिगत वाहनों के सुगमता से हस्तांतरण के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने नई पंजीकरण श्रृंखला शुरू की है। मंत्रालय ने इस व्यवस्था के तहत नए पंजीकरण चिह्न भारत श्रृंखला (बीएच-सीरीज) को अधिसूचित किया है। इस व्यवस्थता के तहत वाहन मालिकों को एक राज्य/संघ शासित प्रदेश से दूसरे राज्य/संघ शासित प्रदेश में स्थानांतरित होने पर नए सिरे से पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।

सरकार ने व्यक्तिगत वाहनों के लिए नई 'बीएच' पंजीकरण श्रृंखला पेश की

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'भारत श्रंखला के तहत रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकार, केंद्रीय/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों या संगठनों के उन कर्मचारियों को यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी, जिनके कार्यालय चार या अधिक राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में हैं।' इस योजना के तहत राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के बीच व्यक्तिगत वाहनों की आवाजाही सुगमता से हो सकेगी।

स्थानांतरित होने पर नए सिरे से पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं

बयान में कहा गया, 'वाहनों के पंजीकरण के लिए आइटी आधारित समाधान इस दिशा में एक प्रयास है। एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण पर वाहनों का पुन: पंजीकरण कराने की जरूरत होती थी, जो काफी परेशानी वाला काम होता था।' यह नियम इस साल 15 सितंबर से लागू होगा।

बीएच श्रृंखला का पंजीकरण चिह्न वाईवाई बीएच एक्सएक्स 

बीएच श्रृंखला का पंजीकरण चिह्न वाईवाई बीएच एक्सएक्स होगा। वाईवाई से आशय पहले पंजीकरण के वर्ष से होगा। बीएच भारत श्रृंखला का कोड होगा। बीएच के बाद चार अंकों की संख्या होगी और एक्सएक्स दो अक्षर होंगे।

नए वाहनों के पंजीकरण के लिए नया पंजीकरण चिह्न

मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 को जारी अधिसूचना के जरिये नए वाहनों के पंजीकरण के लिए नया पंजीकरण चिह्न भारत श्रृंखला शुरू किया है। इस पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों के मालिकों को दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने पर नए सिरे से पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।

अलग-अलग होगा टैक्स स्लैब

अधिसूचना के अनुसार बीएच-श्रृंखला के गैर-परिवहन वाहनों के पंजीकरण के समय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा 10 लाख रुपये तक के वाहन पर आठ प्रतिशत का मोटर वाहन कर लिया जाएगा। 10 से 20 लाख रुपये के वाहन पर यह कर 10 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से अधिक के वाहन पर 12 प्रतिशत होगा। डीजल वाहनों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो प्रतिशत कम शुल्क लगेगा।

अभी 12 महीने के भीतर कराना पड़ता है पुन: पंजीकरण

अभी दूसरे राज्य में जाने पर पुराने पंजीकरण को 12 महीने तक बनाए रखने का नियम है। 12 महीने के भीतर दूसरे राज्य में पंजीकरण करना अनिवार्य है।

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जिप सदस्य एक लाख तो मुखिया-सरपंच कर सकते हैं 40 हजार खर्च - दैनिक जागरण

जागरण संवाददाता, सुपौल: पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही गांव में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है जिससे कई तरह की पाबंदियां भी लग चुकी है। खासकर पंचायत चुनाव में नाजायज पैसों का खेल करने वाले प्रत्याशियों पर आयोग की कड़ी नजर है। आयोग ने साफ तौर पर अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वोटों की खरीद-बिक्री को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वाले प्रत्याशी व उनके समर्थकों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का आरोपित मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने पंचायत चुनाव में सभी 6 पदों के लिए खर्च सीमा का विवरण जारी कर दिया है। उम्मीदवार इसी सीमा के भीतर खर्च कर सकते हैं। जिला परिषद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम एक लाख की राशि खर्च कर सकते हैं तो वहीं मुखिया और सरपंच के उम्मीदवार 40 हजार ही खर्च कर सकते हैं। इसी तरह पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार 30 हजार, ग्राम पंचायत के सदस्य और पंच के उम्मीदवार 20 हजार खर्च करेंगे। निर्धारित सीमा से अधिक खर्च साबित हो जाने पर उम्मीदवारों पर गाज गिर सकती है।

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वाहनों के उपयोग के लिए लेना होगा परमिट

चुनाव प्रचार में कोई अभ्यर्थी वाहनों का उपयोग अनुमति प्राप्त कर ही कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने वाले अभ्यर्थियों का यह आचरण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने चुनाव प्रचार में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की जो संख्या निर्धारित की है उनके मुताबिक ग्राम पंचायत के सदस्य व ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए मात्र एक यांत्रिक दुपहिया वाहन की अनुमति दी जाएगी। मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति दी जाएगी। जिला परिषद पद के अभ्यर्थी को अधिकतम 4 दुपहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटर वाहन या 2 दुपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति चुनाव प्रचार के लिए दी जाएगी। आयोग ने कहा है कि यदि कोई अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित यांत्रिक वाहनों के अतिरिक्त गैर यांत्रिक साधन जैसे कि रिक्शा, बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी इत्यादि से भी प्रचार करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है लेकिन अभ्यर्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से बता देनी होगी कि रिक्शा आदि पर आने वाले खर्च उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान वाहनों की दी गई अनुमति मात्र चुनाव प्रचार के लिए होगा जो मतदान के समय की समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक ही मान्य होगा। इस अवधि के पश्चात किसी अभ्यर्थी अथवा समर्थक द्वारा इस वाहन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कहा है कि वाहन का परमिट संबंधित निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दिया जाएगा। परमिट की मूल प्रति अभ्यर्थी अथवा निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा वाहन के विडस्क्रीन पर चिपकाई जाएगी, बिना परमिट के वाहन का परिचालन किए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा तथा उक्त व्यक्ति को किसी दूसरे वाहन का परमिट नहीं दिया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना के आरोप में अभ्यर्थी पर संगत धाराओं के अधीन मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

Edited By: Jagran

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Friday, August 27, 2021

BH series: नए राज्य में जाने पर भी व्हीकल ट्रांसफर नहीं कराना होगा, सरकार के इस नए नियम से आपको होगी बड़ी सुविधा - Navbharat Times

शहर में अनफिट वाहन भर रहे फर्राटे - Nai Dunia

Publish Date: | Sat, 28 Aug 2021 07:26 AM (IST)

दल्लीराजहरा/डौंडी (नईदुनिया न्यूज)। दल्लीराजहरा की मेनरोड पर अनफिट वाहन मौत बनकर दौड़ रही है। अनफिट वाहनों की तादाद दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। पुलिस व परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई करने का दावा कर रहा है, लेकिन आज भी कई वाहनों की जांच नहीं हो पाई है। दल्लीराजहरा की सड़कों पर अनफिट वाहन फर्राटे भरने लगे हैं। दल्लीराजहरा शहर में हजारों वाहन फिटनेस का मानक पूरा नहीं करते हैं। सड़कों पर दौड़ रही अनफिट वाहनों में सबसे ज्यादा संख्या ट्रैक्टर-ट्राली, निजी बस, मालवाहक की है।

परिवहन विभाग की तमात कोशिशों के बाद भी सड़कों पर अनफिट वाहन धड़ल्ले से फर्राटे भर रहे हैं। गत दो वर्ष से वाहनों की जांच नहीं हो पाई है, जिसका फायदा वाहन चालक उठा रहे हैं। अनफिट वाहनों के चलते दल्लीराजहरा शहर में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। कइयों की जान भी जा चुकी है। इसके बावजूद सड़कों पर खटारा वाहन बेखौफ दौड़ रहे हैं। विभागीय अफसर लगातार जांच कर कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन अफसरों का दावा पूरी तरह से उलट है।

उपकरणों की कमी से जूझ रहा विभाग

अनफिट वाहनों की जांच नहीं होने के कारण वाहन मालिकों की चांदी हो गई है। वाहन मालिक बेखौफ सड़कों पर खटारा वाहनों को दौड़ा रहे हैं। कई वाहनों में न एंडीकेटर लाइट है और न ही पीछे हिस्से में रेडियम पट्टी। कई वाहनों के नंबर भी गायब हैं। इधर परिवहन विभाग फिटनेस उपकरणों से भी जूझता नजर आ रहा है। विभाग के पास पर्याप्त संख्या में रोलर ब्रेक टेस्टर, हेड लैंप टेस्टर, स्पीडोमीटर, स्पीड गवर्नर टेस्टर, स्मोक मीटर व अन्य उपकरण होना चाहिए। लेकिन विभाग के पास अधिकतर उपकरण नहीं हैं। जिसके चलते वाहनों की जांच करने के लिए कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

कई वर्षों से नहीं हुई जांच

हर दो वर्षों में वाहनों की फिटनेस जांच की जाती है। इसके बाद विभाग द्वारा मौके पर फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाता है। लेकिन कई वर्षों से खटारा वाहनों की जांच नहीं हो पाई है। शहर जैन भवन चौक, गुप्ता चौक, मेनरोड रोड, चिखलाकसा रोड में सैकड़ों की संख्या में डंपर, ट्रैक्टर-ट्राली, ट्रक ऐसे दौड़ रहे हैं, जिनकी फिटनेस वर्षों से नहीं जांची गई है। अधिकतर वाहनों में बैक लाइट, टेल लाइट, रेट्रो टेप नदारद हैं।सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण अनफिट वाहन हैं। किसी भी सड़क से गुजर जाए तो गहरा काला धुंआ छोड़ते वाहन मिल जाएंगे। यह प्रदूषण तो फैलाते ही हैं, साथ ही कई बार दुर्घटना का कारण भी बनते हैं।

फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य

केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली-1989 के नियम-62 के अनुसार प्रत्येक ट्रांसपोर्ट वाहन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। सर्टिफिकेट न होने की स्थिति में जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन यथार्थ में इन नियमों का शायद ही पालन होता है। एआरटीओ कार्यालय, ट्रांसपोर्टरों और बिचौलियों की मिलीभगत के कारण ज्यादातर कामर्शियल वाहन स्वामी ले-देकर बिना समुचित जांच के ही फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेते हैं।

निभाई जाती औपचारिकता

नियमानुसार वाहन की फिटनेस जांचने के लिए एआरटीओ के पास कम से कम टेस्ट ट्रैक होना चाहिए, ताकि वाहन की रफ्तार व ब्रेक लगने की स्थिति की जानकारी हो सके। एआरटीओ कार्यालय में ट्रैक नहीं है, जिससे वाहन की स्पीड की जांच की जा सके। एआरटीओ कर्मचारी वाहन को खड़ी हालत में स्टार्ट कर आंखों और कानों के सहारे फिटनेस जांच की औपचारिकता निभाते हैं। इससे हेडलाइट्स, ब्लिकर लाइट्स, फॉग लाइट्स, टायर, रिम जैसी ऊपरी चीजों की पड़ताल तो हो जाती है, लेकिन क्लच, गियर जैसे भीतरी पुर्जो की हालत का पता नहीं चल पाता।

व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस जांच

एआरटीओ कार्यालय में व्यावसायिक व बड़े वाहनों की फिटनेस जांच की आधी-अधूरी व्यवस्था है, जबकि छोटे वाहनों जैसे साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, तांगा, बुग्गी, रिक्शा, इत्यादि की फिटनेस नहीं होती।

ट्रैक्टर-ट्राली व जुगाड़ वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं

एआरटीओ कार्यालय में सभी ट्रैक्टर, ट्रालियों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। कार्यालय के आंकड़ों में कामर्शियल के रूप में 10 हजार से अधिक ट्रैक्टर-ट्राली पंजीकृत है। वहीं दल्लीराजहरा शहर से गांव तक ट्रैक्टर व ट्रालियों की संख्या 50 हजार से भी अधिक है। वाहन स्वामी इनका पंजीकरण भी नहीं कराते। अधिकतर ट्रैक्टर-ट्रालियां बिना रजिस्ट्रेशन फर्राटा भर रही है, जो दुर्घटना का कारण बनती है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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बिहार पंचायत चुनाव 2021: शुभ मुहूर्त पर कराएंगे नामांकन, पंडितों ने बताए तारीख - दैनिक जागरण

बिहार पंचायत चुनाव 2021 राज्य में पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है। प्रत्याशी नामांकन की तैयारी में जुटे हैं। नामांकन के लिए शुभ दिन की तलाश कर रहे हैं। इसके लिए पंडित शुभ मुहूर्त देख रहे हैं।

संवाद सूत्र, तारापुर (मुंगेर)। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। जिले में पहले चरण का चुनाव तारापुर प्रखंड होगा। अभ्यर्थी दो से आठ तक नामांकन करेंगे। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 11 सितंबर तक और नाम वापसी 13 सितंबर तक होगा। 24 सितंबर को मतदान कराए जाएंगे । 26-27 सितंबर को मतगणना का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। विभिन्न पदों पर संभावित प्रत्याशियों की ओर से नामांकन की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। लोग कार्यालयों में नामांकन से संबंधित कागजात तथा अन्य जानकारी के लिए चक्कर लगा रहे हैं।

विधिज्ञ संघ में अधिवक्ताओं के पास भी आवेदन पत्र भरवाने की जानकारी के लिए भीड़ लगी हुई है। पंडितों के पास भी नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। चुनाव उत्सव के रूप में दिख रहा है। प्रत्याशी अपने अपने तरीके से वोटर को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। नामांकन पर्चा भरे जाने को लेकर वकील, फोटो स्टेट करने वाले नोटरी पब्लिक पंडित के लिए चुनाव उत्सव के समान ही दिख रहा है। तिलडि़हा के विद्वान पण्डित इंदुशेखर झा ने बताया कि दो से आठ सितंबर के बीच तीन छह व आठ सितंबर को मुहूर्त शुभ है। तीन सितंबर को सर्वार्थ सिद्धियोग सुबह नौ से दोपहर एक तक है। छह सितंबर को अमृतयोग सुबह 11 से एक बजे तक, जबकि आठ सितंबर को सिद्धियोग पूर्वाह्न 11 से दोपहर एक बजे तक है। ज्योतिष गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त में नामांकन करना अभ्यर्थी के लिए शुभ है।

वार्ड सदस्य व पंच को भी प्रचार के लिए एक यांत्रिक दो पहिया वाहन की होगी अनुमति

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले सभी अभ्यर्थियों को प्रचार प्रसार करने के लिए वाहन की भी अनुमति दी है। इसमें ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य और ग्राम कचहरी के पंच को प्रचार के लिए एक यांत्रिक दो पहिया वाहन प्रयोग करने की अनुमति रहेगी। जबकि जिला परिषद पद पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को अधिकतम चार यांत्रिक दो पहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटर वाहन या दो यांत्रिक दो पहिया वाहन व एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति दी जाएगी। वहीं मुखिया, सरपंच व पंचायत समिति सदस्य को दो यांत्रिक दो पहिया वाहन या एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति दी जा सकती है।

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Thursday, August 26, 2021

वाहन चालन का प्रशिक्षण लेने के लिए नहीं जाना पड़ेगा दूसरे जिले में - दैनिक जागरण

अरवल। जिलाधिकारी जे प्रियदर्शनी तथा पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने संयुक्त रूप से नगर परिषद क्षेत्र के जिनपुरा गांव में मोटर चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना के अन्नू मोटर चालन प्रशिक्षण विद्यालय का उद्घाटन किया। जहानाबाद सह अरवल के प्रभारी परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि वाहन चलाने के लिए इस विद्यालय द्वारा चालकों को प्रशिक्षण किया जाएगा।

अरवल। जिलाधिकारी जे प्रियदर्शनी तथा पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने संयुक्त रूप से नगर परिषद क्षेत्र के जिनपुरा गांव में मोटर चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना के अन्नू मोटर चालन प्रशिक्षण विद्यालय का उद्घाटन किया। जहानाबाद सह अरवल के प्रभारी परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार ठाकुर ने बताया कि वाहन चलाने के लिए इस विद्यालय द्वारा चालकों को प्रशिक्षण किया जाएगा। वाहन चालक प्रशिक्षित रहेंगे तो सड़क दुर्घटना में भी कमी आएगी। वाहन चलाने संबंधित समस्याओं के मद्देनजर परिवहन विभाग द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त तकनीकी आधारित मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना की गई है। इसके तहत सभी जिलों में निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थाओं द्वारा आधुनिक तकनीकी आधारित एक मोटर चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना की जानी है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 20लाख रूपये अनुदान राशि दी जानी है।

जिलाधिकारी ने बताया कि यह प्रदेश का पहला जिला है जहां निजी क्षेत्र में इस विद्यालय की स्थापना हुई है। विद्यालय की स्थापना होने के उपरांत बेरोजगार युवक को रोजगार प्राप्त होगी। इस प्रशिक्षण विद्यालय द्वारा मोटर साइकिल, हल्के वाहन, मध्यम मालवाहक, मध्यम यात्री , भारी मालवाहक, यात्री वाहन चालन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण विद्यालय से कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। मोटर वाहन चालन से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रशिक्षण के लिए जिले के बाहर जाने की आवश्यकता अब नहीं पड़ेगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत चालकों को डीटीओ कार्यालय से लाइसेंस निर्गत किया जाएगा। इस मौके पर उप विकास आयुक्त राजेश कुमार, अपर समाहर्ता ज्योति कुमार, डीपीआरओ विदुर भारती उपस्थित थे।

Edited By: Jagran

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बाधाओं के प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला की जरुरत: हुंडई इंडिया - Navbharat Times

आपके वाहन को हुए नुकसान के लिए motor insurance claim कर सकते हैं फाइल, जानिए इसका तरीका - दैनिक जागरण

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मोटर बीमा पॉलिसी के जरिये किसी दुर्घटना या बाढ़, चक्रवात, भूकंप और आग जैसी किसी प्राकृतिक आपदा के कारण संभावित नुकसान के लिए वाहन को कवर किया जा सकता है। मोटर बीमाकर्ता के पास यह दावा दायर किया जा सकता है कि बाढ़ के कारण आपका वाहन बह गया है, जल भराव के कारण इंजन क्षतिग्रस्त हो गया है, या फिर कार पर पेड़ गिरने के कारण वाहन को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, अपने वाहन के नुकसान के वास्ते दावा दायर करने के लिए व्यापक मोटर बीमा पॉलिसी होना अनिवार्य है।

वाहन को न छुएं

दुर्घटना और आपके वाहन को नुकसान होने की स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फोन, ईमेल या शारीरिक रूप से तुरंत अपने बीमाकर्ता से संपर्क करें और उन्हें घटना के बारे में सूचित करें। अपने बीमाकर्ता की सहमति के बिना अपने वाहन को दुर्घटनास्थल से कभी न ले जाएं। कई बार, बाढ़ और भारी बारिश के कारण वाहन बह जाते हैं और एक बार जब पानी शांत हो जाता है, तो लोग यह देखने के लिए अपने वाहनों को स्टार्ट करते हैं कि सब कुछ सही है या नहीं। ऐसा न करें।

दावा प्रक्रिया शुरू करना

मोटर बीमा दावा दायर करने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण कदम बीमाकर्ता को फोन या ईमेल पर घटना के बारे में सूचित करना है। आपको बीमाकर्ता को सूचित करने की प्रक्रिया में देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपके मोटर बीमा दावे के खारिज होने की संभावना बढ़ जाती है। बीमाकर्ता के दिशानिर्देशों के अनुसार, दुर्घटना के पहले सात दिनों के भीतर बीमाकर्ता को दावे की सूचना दी जानी चाहिए।

लोकल मैकेनिक से गाड़ी न दिखाएं

कभी भी अपने वाहन की मरम्मत खुद से करने का प्रयास न करें या स्थानीय मैकेनिक की मदद न लें। इन दिनों बाजार में वाहन पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत हो गया है और वाहन को कोई भी नुकसान इसकी वारंटी और बीमा में दिक्कत पैदा कर सकता है। अगर आपका वाहन बाढ़ के पानी के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, तो कभी भी इसे खुद से ठीक करने का प्रयास न करें और इसे सीधे वर्कशॉप ले जाएं।

अपने क्षतिग्रस्त वाहन की तस्वीरें और वीडियो लें

सबूत के तौर पर वाहन की जितनी हो सके उतनी तस्वीरें और वीडियो लें। वाहन को हुए नुकसान के प्रथम दृष्टया सबूत के तौर पर यह काम आएगा।

Edited By: Nitesh

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Wednesday, August 25, 2021

कलर कोडिड स्टीकर वाहनों में नहीं लगाने पर होगा चालान - अमर उजाला

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पंचकूला। पंजीकृत वाहनों पर उच्च सुरक्षा रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और कलर कोडिड स्टीकर वाहनों पर नहीं लगवाए तो पुलिस की आरे से चालान किया जाएगा। पंचकूला ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इसे लगाना अनिवार्य है।
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सभी वाहन चालक अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन आनलाइन पोर्टल https://www.hsrphr.com के माध्यम सें ऑनलाइन बुक करवाकर और निर्धारित शुल्क जमा करवाने के उपरांत कंपनी की ओर से स्टीकर लगवाएं। इसके साथ ही सुखदेव सिंह ने कहा नए पंजीकृत और पुराने वाहनों पर (कलर कोडेड स्टीकर नीला पेट्रोल, पीला डीजल) सहित उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट लगवाएं। जो अपने वाहन को ऑनलाइन साइट https://www.hsrphr.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन करके और शुल्क अदा करने के बाद कंपनी की ओर से आवेदनकर्ता और गाड़ी मालिक के घर ही लगाए जाएंगे। अगर कोई भी वाहन उच्च सुरक्षा रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडिड स्टीकर नहीं लगवाया तो वह मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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कलर कोडिड स्टीकर वाहनों में नहीं लगाने पर होगा चालान - अमर उजाला
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Tuesday, August 24, 2021

पं रिक्शा, बैलगाड़ी, टमटम पर भी कर सकते पंचायत चुनाव में प्रचार, खर्च इसका भी जोड़ेगा आयोग - दैनिक जागरण

सीतामढ़ी। पंचायत चुनाव में वाहनों के उपयोग की अनुमति के संबंध में राज्य निर्वाचन अयोग ने जो दिशा-निर्देश जारी किया है उसमें अभ्यर्थियों के लिए चुनाव प्रचार से लेकर नामांकन दाखिल करने तक वाहनों के उपयोग के बारे में स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाची पदाधिकारी/सहायक निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय पर जाने वाले अभयर्थी की ओर से ऐसे अधिकारी के कार्यालय की 100 मीटर की परिधि में किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित होगा। चुनाव-प्रचार अवधि हेतु आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्य/ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी को चुनाव प्रचार हेतु मात्र एक यांत्रिक दुपहिया वाहन, मुखिया/सरपंच/पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा एक हल्का मोटर वाहन तथा जिला परिषद सदस्य पद के अभ्यर्थी को अधिकतम चार दुपहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटर वाहन या दो दुपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन अनुमान्य है। यांत्रिक वाहनों की संख्या का निर्धारण निर्वाचन क्षेत्र के विस्तार को ध्यान में रखकर किया गया है। यात्रिक वाहनों से कम समय में अधिक क्षेत्रेां का दौरा किया जा सकता है तथा अभ्यर्थी अधिकतम मतदाताओं से संपर्क कर सकते हैं। अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित यांत्रिक वाहनों के अतिरिक्त गैर यांत्रिक साधनों यथा रिक्शा, बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी इत्यादि से प्रचार करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है। पर अभ्यर्थी को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी जानी चाहिए कि रिक्शा आदि पर आने वाले व्यय भी उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त जिला परिषद सदस्य पद के अभ्यर्थी को चार यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा दो हल्का वाहन के स्थान पर उनके द्वारा अधियाचना की जाने पर दो दुपहिया वाहन तथा एक हल्के वाहन के उपयोग की अनुमति दी जा सकती है। वाहनों की उक्त अनुमान्यता मात्र चुनाव प्रचार कार्य के लिए है, जो मतदान के समय की समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक ही किया जा सकता है। परमिट से अधिक वाहन के इस्तेमाल पर पैदल ही करना होगा प्रचार

इस विहित अवधि के पश्चात किसी अभ्यर्थी अथवा समर्थक द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु मोटर वाहन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

पंचायत निर्वाचन में पदों एवं प्रत्याशियों की संख्या अत्यधिक रहने एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के उद्वेश्य से वाहनों के परिचालन पर स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रभावकारी नियंत्रण रखने की आवश्यकता के परिपेक्ष्य में निम्न प्रकार से यांत्रिक वाहन का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही अभ्यर्थी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी को ही वाहन का परमिट दिया जाएगा। वाहन हेतु परमिट/अनुमति संबंधित निर्वाची पदाधिकारी द्वारा दी जाएगी। निर्वाची पदाधिकारी द्वारा निर्गत अनुमति पत्र की मूल प्रति अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा वाहन के विड स्क्रीन पर चिपकाया जाएगा। परमिट प्राप्त वाहन के अतिरिक्त अभ्यर्थी एवं उसके निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा किसी भी प्रकार के वाहन का परिचालन वर्जित होगा। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किए जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही उस अभ्यर्थी को किसी दूसरे वाहन का परमिट नहीं दिया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना के आरोप में संबंधित अभ्यर्थी पर संगत विधानों के अधीन मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। मतदान के दिन अभ्यर्थियों के लिए वाहन उपयोग करने का नियम अलग

मतदान के दिन अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण के संबंध में प्रत्येक अभ्यर्थी का यह अधिकार है कि वह मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर यह देखे कि मतदान की प्रक्रियासही ढंग से चल रही है ताकि, उसके समर्थकों मतदान अभिकर्ताओं को कोई परेशानी नहीं हो रही है। मतदान की तिथि को भ्रमण हेतु विभिन्न पदाधें के प्रत्याशियों को किस संख्या में वाहन के परिचालन की अनुमति दी जाए इस संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

जिला परिषद सदस्य-एक हल्का मोटर वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निवार्चन अभिकर्ता के लिए।

पंचायत समिति सदस्य - चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

मुखिया-चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

सरपंच - चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

ग्राम पंचायत सदस्य - कोई भी यांत्रिक वाहन अनुमान्य नहीं।

पंच - कोई भी यांत्रिक वाहन अनुमान्य नहीं।

Edited By: Jagran

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पं रिक्शा, बैलगाड़ी, टमटम पर भी कर सकते पंचायत चुनाव में प्रचार, खर्च इसका भी जोड़ेगा आयोग - दैनिक जागरण
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रिक्शा, बैलगाड़ी, टमटम पर भी कर सकते पंचायत चुनाव में प्रचार, खर्च इसका भी जोड़ेगा आयोग - दैनिक जागरण

सीतामढ़ी। पंचायत चुनाव में वाहनों के उपयोग की अनुमति के संबंध में राज्य निर्वाचन अयोग ने जो दिशा-निर्देश जारी किया है उसमें अभ्यर्थियों के लिए चुनाव प्रचार से लेकर नामांकन दाखिल करने तक वाहनों के उपयोग के बारे में स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाची पदाधिकारी/सहायक निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय पर जाने वाले अभयर्थी की ओर से ऐसे अधिकारी के कार्यालय की 100 मीटर की परिधि में किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित होगा। चुनाव-प्रचार अवधि हेतु आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्य/ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी को चुनाव प्रचार हेतु मात्र एक यांत्रिक दुपहिया वाहन, मुखिया/सरपंच/पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा एक हल्का मोटर वाहन तथा जिला परिषद सदस्य पद के अभ्यर्थी को अधिकतम चार दुपहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटर वाहन या दो दुपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन अनुमान्य है। यांत्रिक वाहनों की संख्या का निर्धारण निर्वाचन क्षेत्र के विस्तार को ध्यान में रखकर किया गया है। यात्रिक वाहनों से कम समय में अधिक क्षेत्रेां का दौरा किया जा सकता है तथा अभ्यर्थी अधिकतम मतदाताओं से संपर्क कर सकते हैं। अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित यांत्रिक वाहनों के अतिरिक्त गैर यांत्रिक साधनों यथा रिक्शा, बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी इत्यादि से प्रचार करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है। पर अभ्यर्थी को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी जानी चाहिए कि रिक्शा आदि पर आने वाले व्यय भी उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त जिला परिषद सदस्य पद के अभ्यर्थी को चार यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा दो हल्का वाहन के स्थान पर उनके द्वारा अधियाचना की जाने पर दो दुपहिया वाहन तथा एक हल्के वाहन के उपयोग की अनुमति दी जा सकती है। वाहनों की उक्त अनुमान्यता मात्र चुनाव प्रचार कार्य के लिए है, जो मतदान के समय की समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक ही किया जा सकता है। परमिट से अधिक वाहन के इस्तेमाल पर पैदल ही करना होगा प्रचार इस विहित अवधि के पश्चात किसी अभ्यर्थी अथवा समर्थक द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु मोटर वाहन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

पंचायत निर्वाचन में पदों एवं प्रत्याशियों की संख्या अत्यधिक रहने एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के उद्वेश्य से वाहनों के परिचालन पर स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रभावकारी नियंत्रण रखने की आवश्यकता के परिपेक्ष्य में निम्न प्रकार से यांत्रिक वाहन का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही अभ्यर्थी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी को ही वाहन का परमिट दिया जाएगा। वाहन हेतु परमिट/अनुमति संबंधित निर्वाची पदाधिकारी द्वारा दी जाएगी। निर्वाची पदाधिकारी द्वारा निर्गत अनुमति पत्र की मूल प्रति अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा वाहन के विड स्क्रीन पर चिपकाया जाएगा। परमिट प्राप्त वाहन के अतिरिक्त अभ्यर्थी एवं उसके निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा किसी भी प्रकार के वाहन का परिचालन वर्जित होगा। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किए जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही उस अभ्यर्थी को किसी दूसरे वाहन का परमिट नहीं दिया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना के आरोप में संबंधित अभ्यर्थी पर संगत विधानों के अधीन मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। मतदान के दिन अभ्यर्थियों के लिए वाहन उपयोग करने का नियम अलग मतदान के दिन अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण के संबंध में प्रत्येक अभ्यर्थी का यह अधिकार है कि वह मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर यह देखे कि मतदान की प्रक्रियासही ढंग से चल रही है ताकि, उसके समर्थकों मतदान अभिकर्ताओं को कोई परेशानी नहीं हो रही है। मतदान की तिथि को भ्रमण हेतु विभिन्न पदाधें के प्रत्याशियों को किस संख्या में वाहन के परिचालन की अनुमति दी जाए इस संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

जिला परिषद सदस्य- एक हल्का मोटर वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निवार्चन अभिकर्ता के लिए।

पंचायत समिति सदस्य- चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

मुखिया-चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

सरपंच -चालक सहित एक यांत्रिक दुपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वचन अभिकर्ता के लिए।

ग्राम पंचायत सदस्य - कोई भी यांत्रिक वाहन अनुमान्य नहीं।

पंच - कोई भी यांत्रिक वाहन अनुमान्य नहीं।

Edited By: Jagran

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रिक्शा, बैलगाड़ी, टमटम पर भी कर सकते पंचायत चुनाव में प्रचार, खर्च इसका भी जोड़ेगा आयोग - दैनिक जागरण
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बिहार पंचायत चुनाव 2021: पहले आवेदन देने वाले प्रत्याशी को दिया जाएगा मौका, वाहन में चस्पाना होगा पत्र - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, छपरा : पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है इसी के साथ धीरे-धीरे त्रिस्तरीय पंचात चुनाव  के मोड में जिला प्रशासन से लेकर उम्मीदवार आ गये हैं। पंचायत चुनाव में इस बार जिला परिषद सदस्य एक कार, ग्राम पंचायत के सदस्य एवं पंच प्रत्याशी एक मोटर साइकिल से चुनाव प्रचार कर सकते हैं। जिसके लिए भी उन्हें प्रशासन से अनुमति लेनी होगी और अनुमति पत्र वाहन में चस्पा करना होगा। इतना ही नहीं मुखिया जिला परिषद सदस्य पंच, सरपंच व वार्ड सदस्य  बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी एवं  रिक्शा से जिप सदस्य व मुखिया कर सकेंगे चुनाव प्रचार, लेकिन इसका खर्च  भी निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के लिए आदर्श  आचार संहिता जारी की है। राज्य निर्वाचन आयुक्त डा. दीपक कुमार ने जिला  निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डा. निलेश रामचंद्र देवरे एवं जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजू कुमार को आदर्श आचार संहिता का पत्र भेजा है। जिसमें  पंचायत चुनाव को लेकर कई नए नियम जारी कर दिए गए हैं। 

चुनाव में जिप सदस्य दो बाइक या एक कार से करेंगे प्रचार

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चुनाव प्रचार अवधि में ग्राम पंचायत के सदस्य/ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी को एक  मोटर साइकिल, मुखिया/सरपंच /पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो बाइक अथवा एक हल्का मोटर वाहन तथा  जिला परिषद के सदस्य पद के अभ्यर्थी को अधिकतम चार बाइक अथवा दो हल्के मोटर वाहन से से चुनाव प्रचार कर सकते है। इसके अलावें सभी छह पदों के प्रत्याशी बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी व रिक्शा से भी चुनाव प्रचार कर सकते है। जिसको लेकर अनुमति लेनी होगी। इसका खर्च भी चुनाव खर्च में जुटेगा। 

पहले आवेदन देने वाले प्रत्याशी को दिया जाएगा मौका  

पंचायत चुनाव को लेकर यदि एक ही दिन और समय पर एक से अधिक उम्मीदवार एक ही जगह पर सभा करना चाहते हों तो उसी उम्मीदवार को अनुमति दी जाएगी जिसने सबसे पहले आवेदन दिया हो। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव को लेकर सरकारी पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए जारी निर्देश के तहत किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनावी सभा के आयोजन को लेकर अनुमति देते समय विभिन्न उम्मीदवारों के बीच भेदभाव नहीं करने को कहा है। ऐसा करने पर सरकारी पदाधिकारी एवं कर्मियों पर भी कार्रवाई होगी। जिसको लेकर आदर्श आचार संहिता में स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी किया गया है।

चुनाव के दिन प्रत्याशी किस वाहन का कर सकेंगे उपयोग  

पदनाम    -                                  वाहन का प्रकार 

जिला परिषद सदस्य -    एक हल्का मोटर वाहन 

पंचायत समिति सदस्य - चालक सहित एक मोटर साइकिल 

मुखिया    -           चालक सहित एक मोटर साइकिल 

 सरपंच    -           चालक सहित एक मोटर साइकिल

ग्राम पंचायत सदस्य -  कोई भी यांत्रिक वाहन उपयोग नहीं करेंगे

पंच   -                      कोई भी यांत्रिक वाहन उपयोग नहीं करेंगे 

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बिहार पंचायत चुनाव 2021: पहले आवेदन देने वाले प्रत्याशी को दिया जाएगा मौका, वाहन में चस्पाना होगा पत्र - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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Sunday, August 22, 2021

धर्मशाला में मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिस ने 119 वाहनों के काटे चालान, वसूला 47400 रुपये जुर्माना - दैनिक जागरण

जिला पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने शुरू कर दी है। वहीं अवैध खनन व धूमपान निषेध अधिनियम के तहत भी पुलिस चालान काट रही है। जिला भर में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में कमी अाए।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। जिला पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने शुरू कर दी है। वहीं अवैध खनन व धूमपान निषेध अधिनियम के तहत भी पुलिस चालान काट रही है। जिला भर में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में कमी अाए, इसके लिए जिला पुलिस प्रमुख ने सभी थाने व चौकियों के प्रभारियों को मोटर वाहन अधिनियम की अवहेलना रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

जिला कांगड़ा में 24 घंटे में मोटर वाहन अधिनियम के तहत जिला भर में पुलिस ने 119 चालान काटकर 42,300 रुपये जुर्माना वसूला है। इसके साथ-साथ पुलिस लोगों के अागाह भी कर रही है कि सभी हेलमेट पहने, सीट बेल्ट का प्रयोग करे अौर लापरवाही से वाहन न चलाएं यह अापके लिए व दूसरे के लिए जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा पुलिस वाहन मालिकों को हिदायत दे रही है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने को न दें, यह उनके खुद के लिए व दूसरे के लिए मौत का कारण बन सकता है। इस लिए सभी मोटर वाहन अधिनियम की पालना करें। पुलिस इसकी अवहेलना करने पर सख्ती से निपट रही है।

वहीं अवैध खनन के बढ़ते मामलों पर व लोगों की शिकायत पर पुलिस अवैध खनन अधिनियम के तहत 24 घंटे में एक चालान करके 4700 रुपये जुर्माना वसूला है। पुलिस ने धूमपान निषेध अधिनियम के तत छह चालान करके चार सौ रुपये वसूल किए हैं। नशे के खिलाफ भी पुलिस ने अभियान चलाया है। वहीं मोटर वाहन अधिनियम की अवहेलना रोकने के लिए जिला भर में पुलिस अलग-अलग स्थानों पर नाके भी लगा रही है ताकि सभी सुरक्षित ड्राइविंग करें।

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एलएमवी लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण सर्टिफिकेट की शर्त हटाने से हजारों आवेदकों को मिली राहत - दैनिक जागरण

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : एलएमवी लाइसेंस के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की शर्त संबंधी अपने फैसले पर राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय ने यूटर्न लिया है। एसडीएम कार्यालय से जारी होने वाले एलएमवी चालक लाइसेंस के लिए निजी परिवहन स्कूलों से 21 दिन की प्रशिक्षण प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस आदेश से जहां प्रत्येक आवेदक को कम से कम पांच हजार के आर्थिक नुकसान से निजात मिलेगी वहीं तीन सप्ताह का समय भी बचेगा। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों आवेदकों को लाभ मिलेगा। बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी ने एक माह पहले पहली बार इस मांग को उठाकर सरकार से समाधान की मांग की थी। राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय ने जनवरी माह में ही सभी उपमंडल अधिकारियों को विशेष पत्र जारी कर आदेश दिया था कि भविष्य में उन आवेदकों को ही एलएमवी लाइसेंस जारी किया जाए जो चालक प्रशिक्षण केंद्र से कम से कम 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा करवाएं। प्रदेश सरकार के इस आदेश से उपमंडल व जिला कार्यालयों में लाइसेंस अथारिटी ने इसे ज्यों का त्यों लागू तो कर दिया लेकिन सरकार चालक प्रशिक्षण केंद्रों की फीस निर्धारित करना भूल गई। इससे आवेदकों से एक तरह से अवैध वसूली शुरू हो गई और निजी केंद्र संचालक मनमर्जी से ही चार से आठ हजार तक प्रति आवेदक लेने लगे। सबसे अधिक छात्राओं को समस्या सामने आई क्योंकि उनको स्कूटी चालन के लिए लाइसेंस लगभग आठ से दस हजार के शुल्क पर मिलता। छात्राओं ने पिछले सप्ताह एसडीएम के सामने इस समस्या को रखा। एसडीएम ने 7 जुलाई को राज्य परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर जनवरी के आदेशों के तहत जारी नियमों में ढील देते हुए प्रशिक्षण केंद्रों के समय और फीस में कमी करने समेत कई मांग की। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार नया आदेश जारी करते हुए एलएमवी चालक लाइसेंस के लिए निजी परिवहन स्कूलों से 21 दिन की प्रशिक्षण प्रक्रिया को बंद करने का निर्णय लिया है। एसडीएम ने लिया था संज्ञान

एसडीएम ने कहा कि इस पैटर्न में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के एक्ट 31 के तहत प्रत्येक आवेदक को सात घंटे कक्षाएं व 20 घंटे तक चालक प्रशिक्षण देना चाहिए। इसमें भी आवेदकों को पहले खुले मैदान व उसके बाद भीड़ वाले क्षेत्रों के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में चालक प्रशिक्षण मिलना चाहिए। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में संचालित निजी प्रशिक्षण केंद्रों पर शर्तों का पालन नहीं हो रहा। प्रदेश सरकार द्वारा भारी वाहन चालक प्रशिक्षण स्कूलों में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के आवेदक को तीन हजार रुपये तथा अनुसूचित वर्ग के लिए 1500 रुपये निर्धारित किए गए हैं वहीं इन पर सामान्य वर्ग पर 540 व अनुसूचित जाति आवेदन पर 270 सर्विस टैक्स लिया जाता है। जबकि हलके मोटर वाहन प्रशिक्षण के तौर पर महिला व पुरुष आवेदकों से चार से पांच हजार की राशि ली जा रही है। इसीलिए राज्य परिवहन आयुक्त को जनहित में एलएमवी की मौजूदा दरों को निर्धारित करते हुए सामान्य वर्ग के लिए 1500 रुपये व 270 सर्विस टेक्स तथा अनुसूचित वर्ग के लिए 750 व 135 रुपये टेक्स लागू कर निजी प्रशिक्षण केंद्रों को अनुपालना के लिए एलएमवी वाहन चालन प्रशिक्षण नियमावली लागू की जाएगी।

Edited By: Jagran

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एलएमवी लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण सर्टिफिकेट की शर्त हटाने से हजारों आवेदकों को मिली राहत - दैनिक जागरण
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दिल्ली में वाहन चालकों को सरकार ने दी बड़ी राहत, अब डीएल और आरसी साथ में रखने की जरुरत नहीं - दैनिक जागरण

New Motor Vehicle Act 2019 दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार डिजिलाकर प्लेटफार्म या एम-परिवहन मोबाइल एव पर डिजिटल स्वरूप में रखे ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत वैध दस्तावेज हैं।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में वाहन चलाने वालों के लिए यह राहत की खबर है कि अब वाहन चलाते समय वाहन से संबंधित आरिजनल पेपर साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं है। डिजी लाकर में रखे ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी वैध दस्तावेज हैं। परिवहन विभाग ने सार्वजनिक सूचना जारी कर कहा है कि दिल्ली में वाहन चालक यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा मांगे जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) डिजीलाकर प्लेटफार्म या एम-परिवहन मोबाइल एप में डिजिटल रूप में रखे इन दस्तावेजों को दिखा सकते हैं।

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार डिजिलाकर प्लेटफार्म या एम-परिवहन मोबाइल एव पर डिजिटल स्वरूप में रखे ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वैध दस्तावेज हैं। विभाग ने कहा है कि ये परिवहन विभाग द्वारा जारी सर्टिफिकेट मान्य हैं।

यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा डिजीलाकर और एम-परिवहन एप में दिखाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रानिक फार्म को विधिवत स्वीकार करती हैं। हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की साफ्ट कापी किसी अन्य रूप में रखने पर स्वीकार्य नहीं है। इन एप को अपने मोबाइल फोन में गूगल प्ले स्टोर से लोड कर सकते हैं और अपने ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी की कापी स्कैन पर लोड कर सकते हैं।

बता दें कि डिजिटल लाकर केंद्र सरकार के डिजिटल भारत कार्यक्रम में से एक है। जो कुछ माह पूर्व शुरू किया जा चुका है। डिजिटल लाकर का उद्देश्य दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को सक्षम करना है। सरकार के इस फैसले से दिल्ली के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। अब लोग अपने मोबाइल में डिजीलाकर और एम-परिवहन एप में अपने गाड़ी के कागजात डिजिटल तरीके से रख सकते हैं। इससे इनके खोनें का भी डर नही है। 

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दिल्ली में वाहन चालकों को सरकार ने दी बड़ी राहत, अब डीएल और आरसी साथ में रखने की जरुरत नहीं - दैनिक जागरण
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Saturday, August 21, 2021

टैक्सी चालकों को बताए नए नियम - Divya Himachal

गांधी चौक पर पुलिस विभाग ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम पर दी जानकारी

स्टाफ रिपोर्टर-डलहौजी
पुलिस विभाग की ओर से शुक्रवार को गांधी चौक में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान टैक्सी चालकों, व्यापार मंडल व लोगों को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर की अध्यक्षता डलहौजी पुलिस थाना के एडिशनल एसएचओ अशोक कुमार ने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है। ऐसे में वाहन चालक जिम्मेदारी से यातायात नियमों का पालन करें ताकि जुर्माना व जान दोनों बची रहे। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन किसी दबाव में नहीं बल्कि स्वेच्छा से करना चाहिए। यह हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के नियमों में शामिल हैं।

लिहाजा लोग सुरक्षित सफर के लिए यातायात नियमों की पालना अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने टैक्सी चालकों से भी आह्वान किया कि वे यातायात नियमों के साथ-साथ पर्यटकों के संपर्क मे आने पर कोरोना प्रोटोकोल की पालना भी करें। इसके साथ ही पर्यटकों को भी कोरोना नियमों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने वाहन स्वामियों को सीट बेल्ट पहनने, सभी दस्तावेज पूर्ण रखने, तेज गति व लापरवाही से वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय राहगीरों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने व वाहन चलाते समय मोबाइल फोन न सुनने आदि के प्रति जागरूक कर मोटर वाहन अधिनियम की जानकारी प्रदान करते हुए नियमों की अवहेलना करने पर दिए जाने वाले दंड का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी तक चालकों व लोगों को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के बारे में जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके यदि कोई चालक नियमों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करते हुए चालान काट कर जुर्माना राशि वसूल की जाएगी। इस अवसर पर कांस्टेबल संजीव कुमार सहित नरेंद्र पुरी, राकेश चौभियाल, राजेंद्र गंढोत्रा, राम सिंह, कुलवंत, नितिन रेहलन व सुदर्शन आदि मौजूद रहे।

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दिल्ली: अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संजोये वाहन दस्तावेज भी वैध - अमर उजाला

ड्राइविंग लाइसेंस। - फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

वाहन चालकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अपने साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म या एम-परिवहन मोबाइल एप पर संग्रहित दस्तावेज भी ट्रैफिक या परिवहन कर्मियों को दिखाए जा सकेंगे। इससे वाहन मालिकों को ड्राइविंग के दौरान अपने साथ हर वक्त वाहन संबंधी दस्तावेज रखने की जरूरत नहीं होगी।
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परिवहन विभाग ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है। इसके तहत डिजिलॉकर और एम-परिवहन मोबाइल एप पर रखे गए वाहन संबंधी दस्तावेजों को बराबर मान्यता है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म में रखे दस्तावेज भी कानूनी तौर पर मान्य हैं। 

ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग के प्रवर्तन शाखा को निर्देश दिए गए हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करें, ताकि वाहन चालकों को परेशानी न हो। इससे दस्तावेजों के खराब या गुम होने का खतरा भी कम हो जाएगा।

नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र की सॉफ्ट कॉपी या दूसरे रूप में रखे दस्तावेज स्वीकार्य नहीं होंगे। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत डिजिलॉकर या एम-परिवहन में सुरक्षित रखे गए ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी को बराबर की मान्यता है। क्लाउड तकनीक के जरिये इस प्लेटफॉर्म पर दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की सुविधा है।

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दिल्ली: अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संजोये वाहन दस्तावेज भी वैध - अमर उजाला
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Friday, August 20, 2021

..तो कबाड़ हो जाएंगे 1.82 लाख वाहन - Inext Live

आरटीओ में री-रजिस्ट्रेशन के पहले होगी जांच-पड़ताल

सेंट्रल गवर्नमेंट ने लांच की है नई स्क्रैपज पालिसी

अब जुगाड़ से दौड़ रहे पुराने वाहनों का नहीं काम करेगा जुगाड़

PRAYAGRAJ: सरकार ने नई स्क्रैपेज पॉलिसी लांच कर दी है। सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से व्हीकल्स को लेकर जारी की गई नई पालिसी से सिटी में चल रहे 15 साल पुराने लाखों व्हीकल्स कबाड़ हो जाएंगे। फिर चाहे वह प्राइवेट हो या कामर्शियल। एआरटीओ प्रशासन डा। सियाराम वर्मा के मुताबिक 15 साल पूरे कर चुके व्हीकल्स की फिटनेस चेक की जाएगी। फिटनेस में दुरुस्त न पाए जाने पर व्हीकल्स को नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। ये वाहन रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैप फैसिलिटी में जमा होंगे। यहीं नहीं ग्राहकों को रोड टैक्स में छूट के साथ ही मोटर कंपनियों को भी फायदा होगा।

दूसरे जिलों की सबसे ज्यादा दौड़ रही गाडि़यां

प्रदेश भर में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोक लगने का आदेश का जिले में बड़ा असर पड़ेगा। कम से कम एक लाख 82 हजार 716 वाहन कबाड़ हो जाएंगे। पॉल्युशन को देखते हुए पुराने वाहनों पर रोकथाम के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। आरटीओ व सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद सहित अन्य जगहों से रिजेक्टेड वाहन जिले में दौड़ रहे हैं। ज्यादातर लोगों ने सस्ते दामों पर खरीद कर कामर्शियल यूज में लगा रखे हैं। इनमें कैश वैन की गाडि़यां भी शामिल है। विभाग की माने तो ये डाटा सिर्फ जिले का जबकि अन्य जिले की कबाड़ गाडि़यां इससे ज्यादा होगी।

शुरू हो चुकी है तैयारियां

जिले में करीब एक लाख 82 हजार 716 वाहन जो 15 साल से अधिक की आयु पूरी कर चुके हैं। इनमें पुराने वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है। 15 साल पुराने वाहनो का री-रजिस्ट्रेशन कराकर आसानी से काम चल जाता था। आरटीओ में मामूली औपचारिकता के बाद कम से कम पांच साल तक वाहनों को चलाने की अनुमति मिल जाती थी। नई स्कीम के तहत अब पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। क्योंकि तमाम लोग कोशिश करेंगे कि कागज में उनके वाहनों का शहर में चलने लायक बना दिया जाए। इन परिस्थितियों में निपटने के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी गई है। बाहरी गाडि़यों पर भी लगाम कसा जाएगा।

पहले चरण में पुराने वाहनों को हटाया जाएगा।

शहर में करीब एक लाख 82 हजार 716 वाहन रजिस्टर्ड हैं।

इनमें से सभी वाहन अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं।

मोटर साइकिलल/स्कूटर, मोपेड, कार और अन्य संस्थाओं में चल रहे वाहनों को जुगाड़ की बदौलत सड़कों पर दौड़ाया जाता है।

अब इन वाहनों को हटाए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है।

1.82

लाख से अधिक वाहन पूरी कर चुके हैं उम्र फिर भी हैं सड़क पर

1.43

लाख है बाइकों की संख्या

19

हजार 550 मोपेड हैं

19433

मोटर कार पूरी कर चुकी है

15

साल होती है छोटे वाहनों की उम्र

15 साल की आयु पूरे कर चुके वाहनों का फिटनेस कराया जाएगा। उनकी प्रॉपर जांच होगी। यदि गाडि़यां सड़कों पर चलने के योग्य होंगी, तभी उनका फिटनेस किया जाएगा। अन्यथा उन्हें कंडम घोषित कर दिया जाएगा।

डा। सियाराम वर्मा

एआरटीओ प्रशासन

ग्राहकों को ये है फायदा

नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत स्क्रैपिंग सíटफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी खरीदते वक्त 5 फीसदी छूट जाएगी।

गाड़ी स्क्रैप करने पर कीमत का 4-6 फीसदी मालिक को दिया जाएगा।

इसके साथ ही नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के वक्त रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी जाएगी।

रोड टैक्स में मिलेगी छूट

नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत नई गाड़ी लेने पर रोड टैक्स में 3 साल के लिए 25 फीसदी तक छूट की बात कही गई है।

राज्य सरकारें प्राइवेट गाडि़यों पर 25 परसेंट और कामर्शियल गाडि़यों पर 15 परसेंट तक छूट दे सकते हैं।

वाहन कंपनियों को भी होगा फायदा

इस समय मोटर वाहन कंपनियों को स्टील एवं कुछ अन्य प्रीशस मेटल का आयात करना होता है।

पिछले साल करीब 23 हजार करोड़ रुपये का स्क्रैप स्टील भारत को आयात करना पड़ा

भारत में जो स्क्रैपिंग अभी तक होती आ रही है, वह प्रोडक्टिव नहीं है।

मोटर के स्कैपिंग से प्रोडक्टिव स्क्रैप मिलेगा और मोटर बनाने वाली कंपनियों को कच्चा माल सस्ता मिलेगा

सरकार को भी होगा फायदा

लोग पुरानी गाडि़यां स्क्रैप करेंगे और नई गाडि़यां खरीदेंगे तो इससे सरकार को सालाना करीब 40,000 करोड़ का जीएसटी आएगा।

स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे।

इसके तहत 15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और इस समय इनके पास फिटनेस सíटफिकेट नहीं है

पुरानी गाड़ी देने पर फायदा

पुरानी गाड़ी देने के बदले ग्राहक को एक डिपॉजिट सíटफिकेट मिलेगा जो नई गाड़ी खरीदने पर कई तरह के फायदे देगा।

पुरानी गाड़ी की स्क्रैप वैल्यू मिलेगी जो नई गाड़ी की एक्स-शोरूम प्राइस के 5 प्रतिशत के बराबर होगी।

पुराने व्हीकल को कबाड़ में देने पर आपको जो डिपॉजिट सíटफिकेट मिलेगा, ऑटो कंपनियां उसके बदले आपको नई गाड़ी खरीदते समय एक्स-शोरूम प्राइस के 5 प्रतिशत तक का तक का डिस्काउंट देंगी

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नए मोटर वाहन अधिनियम के बारे जागरूक किए टैक्सी चालक - Divya Himachal

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नए मोटर वाहन अधिनियम के बारे जागरूक किए टैक्सी चालक  Divya Himachal
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Thursday, August 19, 2021

Motor Vehicle Act : सावधान! ट्रैफिक नियम तोड़ने पर 15 दिनों के भीतर मिलेगा चलान, इस तरह होगी निगरानी - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, प्रेट्र। वाहन चालकों को अब यातायात नियमों के उल्लंघन से संबंधित चालान 15 दिनों के भीतर मिल जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा अनुपालन की इलेक्ट्रानिक निगरानी के लिए संशोधित मोटर वाहन कानून, 1989 के तहत अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि जिस दिन यातायात नियमों का उल्लंघन किया गया है, उसके 15 दिनों के भीतर संबंधित वाहन चालक को चालान भेज दिया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि जिस इलेक्ट्रानिक निगरानी व्यवस्था के माध्यम से नियम उल्लंघन का पता चला है, उसके सभी सुबूत तब तक संभालकर रखे जाएंगे जब तक चालान का निपटारा नहीं हो जाता है।

नए कानूनों के तहत यातायात नियमों का अनुपालन कराने के लिए कई इलेक्ट्रानिक उपकरणों को शामिल किया गया है। इनमें स्पीड कैमरा, क्लोज्ड-सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरा, स्पीड गन, शरीर पर पहना जाने लायक कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, आटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) या राज्य सरकारों द्वारा स्वीकृत इस तरह के कोई भी अन्य उपकरण प्रमुख हैं। मंत्रालय ने कहा कि अधिसूचना में जिन 132 शहरों के नाम हैं, उन समेत 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में राज्य सरकारें ये इलेक्ट्रानिक उपकरण लगाना सुनिश्चित करेंगी। सरकारों को ये उपकरण राष्ट्रीय राजमार्गो पर उच्च जोखिम वाले स्थानों अथवा भीड़भाड़ वाले कारिडोर और संवेदनशील स्थानों पर लगाने होंगे। इसके साथ ही इन्हें लगाने में इसका विशेष ध्यान रखना होगा कि ये पूरी क्षमता के साथ काम करें और यात्रियों अथवा यातायात के लिए बाधा नहीं बनें।

ऐसी गलतियों के लिए इलेक्ट्रानिक चालान भेजे जा सकते हैं

अधिसूचना के अनुसार इलेक्ट्रानिक निगरानी व अनुपालन उपकरण से हासिल फुटेज (जिसमें नियम उल्लंघन की लोकेशन, तिथि व समय का इलेक्ट्रानिक स्टांप हो) का उपयोग चालान के रूप में किया जा सकता है। यातायात नियम उल्लंघनों में मुख्य रूप से गति सीमा का पालन नहीं करने, पार्किंग के लिए निर्धारित जगहों से इधर-उधर वाहन खड़ा करने तथा दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनने जैसी गलतियां शामिल की गई हैं। इनके अलावा लालबत्ती पार करने, रुकने के निशान का अनुपालन नहीं करने, वाहन चलाते वक्त हाथ में पकड़कर मोबाइल फोन का उपयोग करने, गलत तरीके से ओवरटेक करने ऐसी अन्य गलतियों के लिए भी इलेक्ट्रानिक चालान भेजे जा सकते हैं।

देशभर के सभी शहरों में लागू किया जाएगा ई-चलान

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में ई-चालान की शुरुआत वर्ष 2019 में ही हो गई थी। वर्तमान में यह कई अन्य शहरों में भी लागू है। मंत्रालय चाहता है कि इस व्यवस्था को देशभर के सभी शहरों में लागू किया जाए। अधिसूचना में शामिल शहरों में सबसे अधिक 19 महाराष्ट्र के, 17 उत्तर प्रदेश के, 13 आंध्र प्रदेश के और नौ पंजाब के हैं।

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केंद्र की सख्ती : ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब 15 दिनों में घर पहुंच जाएगा ई-चालान, जानें डिटेल्स - अमर उजाला

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Thu, 19 Aug 2021 06:56 PM IST

सार

यदि वाहन यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, तो उम्मीद करें कि इलेक्ट्रॉनिक चालान या ई-चालान अब से सिर्फ 15 दिनों के अंदर वाहन मालिकों के घर पहुंच जाएगा।

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देश में अब यातायात नियम का उल्लंघन करने पर सख्ती बरती जा रही है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। यदि कोई वाहन यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, तो उम्मीद करें कि इलेक्ट्रॉनिक चालान या ई-चालान अब से सिर्फ 15 दिनों के अंदर वाहन मालिकों के घर पहुंच जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने यातायात उल्लंघनों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और नियमों के प्रवर्तन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन किया है।
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग किया जाएगा। 

MoRTH ने आज इस फैसला के डिटेल्स की जानकारी साझा की है। इसमें कहा गया है, "इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट (प्रवर्तन) उपकरणों में स्पीड कैमरा, क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर), वेट-इन मशीन (डब्ल्यूआईएम) और राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट ऐसी कोई अन्य टेक्नोलॉजी शामिल है।"
 

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केंद्र की सख्ती : ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब 15 दिनों में घर पहुंच जाएगा ई-चालान, जानें डिटेल्स - अमर उजाला
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Wednesday, August 18, 2021

चमोली में खाई में गिरा सरकारी बोलेरो वाहन, चालक की मौत - दैनिक जागरण

संवाद सहयोगी गोपेश्वर। चमोली लासी सरतोली मोटर मार्ग पर मजोठी गदेरे के पास पोखरी तहसील का सरकारी बोलेरो वाहन खाई में गिर गया। इस हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में ग्राम प्रधान लासी नयन कुंवर ने बताया कि दुर्घटना के तत्काल बाद स्थानीय ग्रामीणों ने रेस्क्यू आपरेशन चलाया। बताया गया कि वाहन चालक मजोठी निवासी जसपाल सिंह पुत्र बचन सिंह की मौके पर मौत हुई है। पुलिस भी मौके पर पहुंची है। पीएमजीएसवाई द्वारा निर्मित सड़क दुर्घटना स्थल पर बारिश के दौरान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसे सुधारने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई। लेकिन पीएमजीएसवाई ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद करने के दिए निर्देश

उप जिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने कर्णप्रयाग थाने का निरीक्षण कर नगर की यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। साथ ही थाने में आपदा प्रबंधन में प्रयुक्त सामग्री की भी जानकारी हासिल की। इस दौरान एसडीएम ने थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा से संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने सहित नगर अंतर्गत बिना हेलमेट व अन्य मोटर वाहन अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की जानकारी ली। साथ ही कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते सुरक्षा की दृष्टिगत नियमों का पालन जरूरी है। ऐसे में बाहरी क्षेत्र से पहुंचने वालों का सत्यापन जरूरी है। इस मौके पर थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा, एसआइ महावीर सिंह ने बताया कि नगर के प्रवेश द्वार पंच पुलिया, मुख्य बाजार, अस्पताल परिसर, उमा देवी तिराहे, पोखरी पुल व पुलिस चौकी में सीसीटीवी कैमरों से नगर की यातायात व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। साथ ही वन वे नियमों का पालन न करने वालों और नो पार्किंग स्थल पर खड़े वाहनों का चालान किया जा रहा है।

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टिहरी में जंगल में मिला अज्ञात शव

ग्राम पंचायत थन्यूल के जंगल में एक व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी फैल गई। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची राजस्व पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। उप निरीक्षक प्रवीन सिंह जेठूडी ने बताया कि मृतक की उम्र लगभग 40 वर्ष है। शव की पहचान नहीं हो पाई है। शव के पास एक बैग मिला है, जिसमें कपड़े है। शव ही हालत देखकर लगता है कि वह दो सप्ताह पुराना है। स्थानीय स्तर पर किसी भी व्यक्ति की गुमशुदगी की सूचना नहीं है।

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चमोली में खाई में गिरा सरकारी बोलेरो वाहन, चालक की मौत - दैनिक जागरण
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मोटर दुर्घटना मुआवजे के निर्धारण की प्रक्रिया एक सतत परमादेश से नहीं हो सकती, यह एक ही बार में होनी... - Live Law Hindi

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मोटर दुर्घटना मुआवजे के निर्धारण की प्रक्रिया एक सतत परमादेश से नहीं हो सकती, यह एक ही बार में होनी... - Live Law Hindi
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पुराने वाहनों को स्क्रेप पॉलिसी के तहत नष्ट कराने वाले मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर रोड टैक्स पर मिलेगी 25 प् - Patrika News

सरकार ने इस साल की शुरुआत में देश में व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी की घोषणा की थी। यह पहल देश में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए की शुरू की गई।

नई दिल्ली।

भारत में 1 अक्टूबर से व्हीकल स्के्रपेज पॉलिसी शुरू हो रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि ऐसे वाहन मालिक जो अपने पुराने वाहनों को व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी के तहत खत्म कराएंगे, उन्हें नए वाहनों की खरीद पर संबंधित राज्य सरकार रोड टैक्स में अनिवार्य रूप से 25 प्रतिशत तक की छूट देगी।

नितिन गडकरी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों को रोड टैक्स कम करने के लिए कहा है, जिससे लोगों को अपने पुराने वाहनों को स्क्रेप कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि छूट का प्रतिशत कितना हो इसे निर्धारित करने के लिए राज्यों को स्वतंत्रता होगी। केंद्र ने सिर्फ रोड टैक्स में छूट की अधिकतम सीमा तय की है। इस पॉलिसी के तहत निजी वाहनों को 25 प्रतिशत और कमर्शियल वाहनों को 15 प्रतिशत तक रोड टैक्स में छूट देने का प्रावधान किया गया है। कुछ राज्य छूट सीमा को लेकर अब भी उलझन में हैं।

केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में देश में व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी की घोषणा की थी। यह पहल देश में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए की शुरू की गई। माना जा रहा है कि इस कदम से भारतीय मोटर वाहन उद्योग को बढ़ावा भी मिलेगा। केंद्र सरकार इस वर्ष सितंबर के अंत तक स्क्र्रेपिंग पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर सकती है। प्रधानमंत्री मोदी गत 13 अगस्त को इस पॉलिसी को गुजरात में आयोजित एक इन्वेस्टर समिट में लॉन्च कर चुके हैं। यह समिट सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से आयोजित की गई थी।

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दरअसल, ऐसे वाहन मालिक जो रजिस्ट्रेशन टाइम खत्म होने के बाद भी वाहनों को चलाते हैं, उन्हें इसके लिए फिटनेस कराना अनिवार्य होगा। स्क्रेपेज पॉलिसी के तहत एक यात्री वाहन का रजिस्ट्रेशन टाइम 20 साल निर्धारित कर दिया गया है। वहीं, कमर्शियल वाहनों की अवधि 15 साल होगी।

अगर वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हुआ तो इसे एंड ऑफ लाइफ वाहन के तौर पर मान लिया जाएगा। वाहन मालिक को एक बार फिर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन करने की जगह उन्हें संबंधित वाहन को स्क्रेप पॉलिसी के तहत खत्म करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यही नहीं, ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट पास नहीं करने वाले वाहन यदि सडक़ पर चलते मिले, तो उन्हें भारी जुर्माना लगाते हुए जब्त भी कर लिया जाएगा।

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यदि वाहन मालिक स्क्रेप पॉलिसी चुनते हैं तो उन्हें 4 से 6 प्रतिशत तक स्क्रेप रेट भी दिया जाएगा। साथ ही नया वाहन खरीदने पर 25 प्रतिशत तक रोड टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके लिए स्क्रेप वाहन का प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा। यह पॉलिसी एक अक्टूबर से लागू होगी। इसमें 15 साल से अधिक उम्र के सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के वाहनों को 1 अप्रैल 2022 से रद्द किया जाएगा। वहीं, भारी कमर्शियल वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस टेस्ट 1 अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगा। इसके बाद अन्य सेगमेंट के फिटनेस टेस्ट चरणबद्ध तरीके से 1 जून 2024 से लागू होंगे। फिलहाल देशभर में 26 स्क्रेपिंग और फिटनेस टेस्ट सेंटर खोले जाने की योजना है।

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पुराने वाहनों को स्क्रेप पॉलिसी के तहत नष्ट कराने वाले मालिकों को नई गाड़ी खरीदने पर रोड टैक्स पर मिलेगी 25 प् - Patrika News
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Tuesday, August 17, 2021

वाहन जांच के दौरान 59 हजार लगा जुर्माना - दैनिक जागरण

जासं,सिमडेगा:उपायुक्त सुशांत गौरव के निर्देशानुसार मंगलवार को ठेठईटांगर प्रखंड के जोराम के समीप मोटरयान निरीक्षक अरुण कुमार झा के नेतृत्व में सघन रूप से बड़े एवं छोटे वाहनों की जांच की गई। वाहन जांच के दौरान छोटे एवं बड़े वाहनों के सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज की जांच की गई। जांच के क्रम में अपूर्ण पाए गए कागजातों पर वाहन स्वामित्व को मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत जुर्माना किया। इस दौरान कुल 59000 का जुर्माना वसूला,साथ ही 3 वाहनों को जब्त भी किया गया। मोटरयान निरीक्षक अरुण कुमार झा ने बताया कि उपायुक्त सिमडेगा के निर्देश पर यह जांच अभियान चलाया गया। जांच अभियान लगातार जारी रहेगी। उन्होंने वाहन स्वामित्वों से अपने-अपने वाहनों के कागजातों को जल्द दुरुस्त करा लेने का निर्देश दिया है।अन्यथा वाहन जांच के दौरान पकड़े जाने पर उन्हें जुर्माना किया जाएगा

Edited By: Jagran

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Friday, August 13, 2021

क्या है स्क्रैप पॉलिसी, जिसे पीएम मोदी ने किया लांच, जानें कब आपकी कार और बाइक हो जाएगी कबाड़ - Times Now Navbharat

PM modi launches vehicle scrappage policy

देश भर में खुलेंगे फिटनेस सेंटर&nbsp

मुख्य बातें

  • स्क्रैपेज पॉलिसी में 20 साल बाद निजी वाहन और 15 साल बाद कमर्शियल वाहन कबाड़ हो जाएंगे
  • तय समय के बाद वाहन मालिकों को अपने वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा।
  • स्क्रैप सर्टिफिकेट पर नई गाड़ी खरीदने पर कीमतों में 4-6 फीसदी की छूट मिल सकती है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लांच कर दी है। गुजरात में हो रही इन्वेस्टर समिट के दौरान मोदी ने कहा 
स्क्रैप पॉलिसी भारत के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने  युवाओं और स्टार्टअप को इस कार्यक्रम में शामिल होने का भी आग्रह किया। साथ ही यह भी कहा, स्क्रैप पॉलिसी से युवाओं को नौकरियां मिलेगी और स्टार्टअप को बिजनेस के अवसर भी मिलेंगे। ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने और भारत में प्रदूषण को कम करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए इस पॉलिसी को बेहद अहम माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि स्क्रैप पॉलिसी क्या है-

क्यों लांच हुई स्क्रैप पॉलिसी

18 मार्च को लोक सभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी दिए गए बयान के अनुसार "भारत में 20 साल से पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन हैं और 15 साल से पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं। इसके अलावा लगभग 17 लाख मझोले और भारी कमर्शियल वाहन हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने हैं और उनके पास वैध फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हैं। पुराने वाहन, फिट वाहनों की तुलना में पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं।" सड़कों पर वाहनों से चलने वाले और पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वच्छ वातावरण के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय "वाहन स्क्रैपिंग नीति" शुरूआत किया है। जो कि स्वैच्छिक रुप से वाहनों के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम होगा। इसके  जरिए सरकार को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश और 35 हजार नौकरी के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। 

कैसे तय होगा फिटनेस

वाहनों को दो तरीके से स्क्रैप किया जाएगा। इसके तहत कमर्शियल वाहनों के लिए, स्वचालित फिटनेस सेंटर के फिटनेस सर्टिफिकेट और निजी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण को आधार माना जाएगा। फिटनेस परीक्षण में विफल रहने वाले या अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र का नवीनीकरण कराने में विफल रहने वाले वाहन की आयु खत्म घोषित कर दी जाएगी। और उन्हें स्क्रैप मान  लिया जाएगा।  वाहन के फिटनेस का आंकलन , मुख्य रूप से उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग, सुरक्षा उपकरण सहित कई अन्य मानकों पर परीक्षणों के आधार पर होगा। 

15-20 साल पुराने वाहन हो जाएंगे कबाड़-


-निजी वाहनों के लिए ये नियम-अनफिट पाए जाने वाले निजी वाहनों का 20 साल के बाद पंजीकरण रद्द हो जाएगा। इसी तरह पुराने वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए 15 साल के बाद बढ़ा हुआ पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा।

कमर्शियल के लिए ये नियम-पॉलिसी के अनुसार , अगर कोई कमर्शियल वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में फेल हो जाता है तो उसका 15 साल बाद पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा ऐसे वाहन जिनके पंजीकरण को 15 साल पूरे हो चुके हैं। उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र पाने के लिए ज्यादा फीस देनी होगी। इस मामले में उनकी पंजीकरण तिथि पहली पंजीकरण तिथि से गणना की जाएगी।  फीस ज्यादा रखने की वजह पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना है।

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पुरानी गाड़ी का कितना मिलेगा पैसा

(1) स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा पुराने वाहन के लिए दी गई स्क्रैप कीमत , एक नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6% होगी।
(2) राज्य सरकारें , स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को रोड टैक्स पर, निजी वाहनों के लिए 25 फीसदी तक और कमर्शियल वाहनों के लिए 15 फीसदी तक की छूट दे सकती है
(3) नया वाहन वाहन खरीदने पर कीमत में 5 फीसदी की छूट भी मिल सकती है।
(4) इसके अलावा, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नए वाहन की खरीद के लिए पंजीकरण शुल्क भी माफ करने का भी प्रावधान हो सकता है।

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क्या है स्क्रैप पॉलिसी, जिसे पीएम मोदी ने किया लांच, जानें कब आपकी कार और बाइक हो जाएगी कबाड़ - Times Now Navbharat
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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...