
जागरण संवाददाता, सुपौल: पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही गांव में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है जिससे कई तरह की पाबंदियां भी लग चुकी है। खासकर पंचायत चुनाव में नाजायज पैसों का खेल करने वाले प्रत्याशियों पर आयोग की कड़ी नजर है। आयोग ने साफ तौर पर अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वोटों की खरीद-बिक्री को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा करने वाले प्रत्याशी व उनके समर्थकों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का आरोपित मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने पंचायत चुनाव में सभी 6 पदों के लिए खर्च सीमा का विवरण जारी कर दिया है। उम्मीदवार इसी सीमा के भीतर खर्च कर सकते हैं। जिला परिषद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम एक लाख की राशि खर्च कर सकते हैं तो वहीं मुखिया और सरपंच के उम्मीदवार 40 हजार ही खर्च कर सकते हैं। इसी तरह पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार 30 हजार, ग्राम पंचायत के सदस्य और पंच के उम्मीदवार 20 हजार खर्च करेंगे। निर्धारित सीमा से अधिक खर्च साबित हो जाने पर उम्मीदवारों पर गाज गिर सकती है।
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वाहनों के उपयोग के लिए लेना होगा परमिट
चुनाव प्रचार में कोई अभ्यर्थी वाहनों का उपयोग अनुमति प्राप्त कर ही कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने वाले अभ्यर्थियों का यह आचरण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने चुनाव प्रचार में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की जो संख्या निर्धारित की है उनके मुताबिक ग्राम पंचायत के सदस्य व ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए मात्र एक यांत्रिक दुपहिया वाहन की अनुमति दी जाएगी। मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो यांत्रिक दुपहिया वाहन अथवा एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति दी जाएगी। जिला परिषद पद के अभ्यर्थी को अधिकतम 4 दुपहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटर वाहन या 2 दुपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन की अनुमति चुनाव प्रचार के लिए दी जाएगी। आयोग ने कहा है कि यदि कोई अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित यांत्रिक वाहनों के अतिरिक्त गैर यांत्रिक साधन जैसे कि रिक्शा, बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी इत्यादि से भी प्रचार करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है लेकिन अभ्यर्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से बता देनी होगी कि रिक्शा आदि पर आने वाले खर्च उनके निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान वाहनों की दी गई अनुमति मात्र चुनाव प्रचार के लिए होगा जो मतदान के समय की समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक ही मान्य होगा। इस अवधि के पश्चात किसी अभ्यर्थी अथवा समर्थक द्वारा इस वाहन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कहा है कि वाहन का परमिट संबंधित निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दिया जाएगा। परमिट की मूल प्रति अभ्यर्थी अथवा निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा वाहन के विडस्क्रीन पर चिपकाई जाएगी, बिना परमिट के वाहन का परिचालन किए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा तथा उक्त व्यक्ति को किसी दूसरे वाहन का परमिट नहीं दिया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना के आरोप में अभ्यर्थी पर संगत धाराओं के अधीन मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
Edited By: Jagran
जिप सदस्य एक लाख तो मुखिया-सरपंच कर सकते हैं 40 हजार खर्च - दैनिक जागरण
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