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Thursday, August 31, 2023

महाराष्ट्र में सभी वाहनों पर हाई सिक्‍योरिटी नंबर प्‍लेट लगाने की तैयारी, अगले साल से शुरू होगी प्रोसेस - News18 हिंदी

महाराष्‍ट्र के सभी वाहनों में हाई सिक्‍योरिटी नंबर प्‍लेट लगाने की तैयारी की जा रही है. (सांकेतिक फोटो- News18)

महाराष्‍ट्र के सभी वाहनों में हाई सिक्‍योरिटी नंबर प्‍लेट लगाने की तैयारी की जा रही है. (सांकेतिक फोटो- News18)

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महाराष्ट्र में सभी वाहनों पर हाई सिक्‍योरिटी नंबर प्‍लेट लगाने की तैयारी, अगले साल से शुरू होगी प्रोसेस - News18 हिंदी
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Wednesday, August 30, 2023

HP High Court: गृहिणी के कार्य को पैसों के साथ नहीं तौला जा सकता, मोटर वाहन दुर्घटना में दी अहम व्यवस्था - अमर उजाला

HP High Court: Housewife's work cannot be weighed with money, important arrangement decisions in motor vehicle

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामले में अहम व्यवस्था दी है। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने कहा कि एक गृहिणी के कार्य को पैसों के साथ नहीं तौला जा सकता है। एक महिला पूरे परिवार की देखभाल करती है और वह निश्चित रूप से ही मुआवजे की हकदार है। अदालत ने मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के फैसले में संशोधन कर मुआवजे की राशि बढ़ाई है।

याचिकाकर्ता दिलबाग सिंह को 3,21,500 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश पारित करते हुए अदलत ने 5,000 रुपये की कॉस्ट भी लगाई है। प्राधिकरण ने याचिकाकर्ता को सिर्फ 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे। इस फैसले को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। अदालत ने निचली अदालत के फैसले को संशोधित करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि 16 जून 2007 को उसकी पत्नी मां वैष्णो के दर्शन करने के बाद घर आ रही थी। जिस गाड़ी से वह आ रही थी, वह चालक की लापरवाही से दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

याचिकाकर्ता ने मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के समक्ष मुआवजे के लिए याचिका दायर की। प्राधिकरण ने याचिकाकर्ता की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15,000 रुपये का मुआवजा अदा किया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि याचिकाकर्ता पत्नी की आय को अदालत के समक्ष साबित नहीं कर पाया। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर कहा कि एक महिला के कार्य को पैसों के साथ नहीं तौला जा सकता है। अदालत ने कहा कि यदि गृहिणी को मुआवजा आंकने की बात आती है तो उस स्थिति में महिला की ओर से घर में किए गए कार्यों को देखा जा सकता है।

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Tuesday, August 29, 2023

Interesting Facts: क्यों जारी होती है वाहन की नंबर प्लेट, जानिए नंबर प्‍लेट्स से जुड़ी ये खास बातें - HerZindagi

गाड़ी खरीदने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी होता है उसका रजिस्ट्रेशन कराना। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नंबर प्लेट दी जाती हैं। नंबर प्लेट के बिना गाड़ी चलाने पर आपको जेल भी हो सकती हैं। 

Interesting Facts:आपने देखा होगा गाड़ियों के पीछे नंबर प्लेट लगा होता है। गाड़ी के आगे और पीछे दोनो ही साइड नंबर प्लेट लगाना जरूरी होता है। गाड़ी को आप बिना नंबर प्लेट के नहीं चला सकते हैं। इन नंबर प्लेटों में कुछ खास संख्याओं के साथ-साथ आपने देखा होगा कि- DL, UK, BR लिखा होता है। हर राज्य के अनुसार यह संख्या दी जाती हैं। इससे पता चलता है कि कार किस राज्य की हैं। 

क्यों जारी की जाती है नंबर प्लेट?

Interesting Facts

एक वाहन भले कई लोगों के पास हो लेकिन हर गाड़ी की पहचान नंबर प्लेट से होती हैं। सभी गाड़ी के नंबर प्लेट अलग होते हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक, देश में वाहन को आप तब तक नहीं चला सकते हैं जब तक उसका रजिस्ट्रेशन ना करवाया गया हो। गाड़ी खरीदने के बाद सबसे पहले इसका पंजीकरण प्रक्रिया करना होता है। हर एक नंबर प्लेट यूनिक होती है 

अलग रंग की नंबर प्लेट क्यों होती है?

कई गाड़ियों में नंबर प्लेट अलग होता है। देश की सड़कों पर सबसे ज्यादा सफेद कलर की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां दिखती हैं। इसका मतलब होता है निजी वाहन। पीले नंबर प्लेट वाली नंबर प्लेट को कमर्शियल उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ग्रीन नंबर प्लेट वाले वाहनों का मतलब होता है इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से संचालित हैं।

इसे जरूर पढ़ें: OMG: 122 करोड़ की नंबर प्लेट में क्या है खास? जानें

VIP नंबर प्लेट क्या होता है?

VIP नंबर प्लेट सभी के पास नहीं होती है। इसमें कई अंक एक सामान होते है। इसके लिए आपको लाखों रुपये चुकाने होते हैं। इसका इस्तेमाल ज्यादातर अमीर लोग करते हैं। आपको बता दें कि वाहन नंबर प्लेट को लाइसेंस प्लेट भी कहा जाता है।

इसे जरूर पढ़ें: कार की प्लेट पर नंबर की जगह लिखा पापा, पुलिस ने किया कुछ ऐसा

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।   

 

image credit: instagram

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Shamli News: पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया तो होगी कार्रवाई - अमर उजाला

- सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, सूचना पाते ही मौके पर पहुंचेगी टीम

संवाद न्यूज एजेंसी
शामली। पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सहायक संभागीय परिवहन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। लोगों से अपील की है कि हेल्पलाइन पर सूचना दें, तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रोहित राजपूत ने बताया कि निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जाना दंडनीय अपराध है तथा मोटर वाहन अधिनियम एवं कराधान अधिनियम के विरुद्ध है। जिसके दृष्टिगत जनपद के समस्त जन सामान्य एवं वाहन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि किसी वाहन स्वामी, संस्थान, निकाय द्वारा निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनाें को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग न किया जाए और यदि व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जा रहा है तो ऐसे प्रकरण की सूचना परिवहन विभाग की हेल्पलाइन सेवा 1800-1800-151 पर दर्ज कराएं, ताकि ऐसे वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्यवाही कर राजस्व हानि को रोका जा सके।


ऐसे वाहनों के विरुद्ध विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान में जनपद के समस्त प्रवर्तन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गयी है जो भी निजी वाहन व्यवसायिक गतिविधि में लिप्त पाये जायेंगे उसको तत्काल निरुद्ध कर दिया जायेगा एवं उनसे जुर्माना एवं कर वसूल किया जायेगा।

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Shamli News: पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया तो होगी कार्रवाई - अमर उजाला
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Shamli News: पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया तो होगी कार्रवाई - अमर उजाला

- सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, सूचना पाते ही मौके पर पहुंचेगी टीम

संवाद न्यूज एजेंसी
शामली। पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सहायक संभागीय परिवहन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। लोगों से अपील की है कि हेल्पलाइन पर सूचना दें, तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रोहित राजपूत ने बताया कि निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जाना दंडनीय अपराध है तथा मोटर वाहन अधिनियम एवं कराधान अधिनियम के विरुद्ध है। जिसके दृष्टिगत जनपद के समस्त जन सामान्य एवं वाहन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि किसी वाहन स्वामी, संस्थान, निकाय द्वारा निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनाें को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग न किया जाए और यदि व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जा रहा है तो ऐसे प्रकरण की सूचना परिवहन विभाग की हेल्पलाइन सेवा 1800-1800-151 पर दर्ज कराएं, ताकि ऐसे वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्यवाही कर राजस्व हानि को रोका जा सके।


ऐसे वाहनों के विरुद्ध विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान में जनपद के समस्त प्रवर्तन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गयी है जो भी निजी वाहन व्यवसायिक गतिविधि में लिप्त पाये जायेंगे उसको तत्काल निरुद्ध कर दिया जायेगा एवं उनसे जुर्माना एवं कर वसूल किया जायेगा।

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Monday, August 28, 2023

Rohtak News: आरटीए सहायक सचिव और मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर से होगी आमने-सामने पूछताछ - अमर उजाला

रोहतक। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार आरटीए कार्यालय के सहायक सचिव जगबीर सिंह और दूसरे आरोपी वोटर व्हीकल इंस्पेक्टर अशोक कुमार को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। पुलिस आरटीए सचिव से पूछताछ कर उन दलालों की सूची बना रही है, जो वाहन मालिकों से रिश्वत की राशि एकत्रित करते थे। इसके लिए उनका कमीशन तय था। शुक्रवार को आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। उसी दिन पुलिस पूरी वारदात का खुलासा करेगी।
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के डीएसपी संदीप गुलिया ने आरटीए कार्यालय में छापा मारकर सहायक सचिव जगबीर सिंह को काबू किया था। उनकी गाड़ी के अंदर से 2 लाख 89 हजार रुपये मिले थे। आरोप था कि यह राशि वाहन पास करने के लिए ली गई रिश्वत की राशि है। यह राशि कार्यालय के बाहर घूम रहे दलालों के माध्यम एकत्रित की गई रिश्वत है। इसमें एमवीआई अशोक कुमार का भी नाम आया। आरोप था कि एक सप्ताह में एकत्रित की गई रिश्वत की राशि बांटी गई थी। सूचना पाकर डीएसपी विवेक कुंडू मौके पर पहुंचे और आरोपी को काबू कर पांच दिन के रिमांड लिया था, जो मंगलवार को खत्म हो रहा है।

आरटीए कार्यालय के रिश्वत प्रकरण की गहराई से जांच कर रहे हैं। दूसरे आरोपी को अभी काबू नहीं किया जा सका है। दोनों आरोपियों से आमने-सामने पूछताछ होगी। केस में किसी अन्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
विवेक कुंडू, डीएसपी और जांच अधिकारी

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Nitish Kumar : बिहार पुलिस काटेगी मुख्यमंत्री का चालान! सीट बेल्ट लगाए बगैर सीएम नीतीश कुमार का वीडियो वायरल - अमर उजाला

Bihar Police Traffic may impose fine on cm nitish kumar for front seat without seat belt on motion vehicle

मुख्यमंत्री बिना सीट बेल्ट लगाये घूम रहे हैं पटना की सडकों पर - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मुख्यमत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह बिना सीट बेल्ट लगाए ही गाड़ी में ड्राइविंग सीट के बगल में बैठे नजर आ रहे हैं। सोमवार दोपहर यह वीडियो वायरल हुआ तो विपक्ष में बैठी भाजपा समेत आम लोग भी बिहार सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं, वही दूसरी ओर पटना पुलिस अब कैमरे से जरिए निगरानी रखकर आम लोगों से चालान वसूल रही है। मेन रोड तो छोड़िए गली-मोहल्ले में भी ट्रैफिक नियमों में थोड़ी चूक होने वाले से फाइन वसूल लिया जाता है। 

भाजपा ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फाइन भरना चाहिए
बिहार भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी आप पुल-पुलिया का निरीक्षण कीजिए, आप बिहार का दौरा कीजिए। लेकिन, सीट बेल्ट जरूर लगाइए। ट्रैफिक के नियमों का पालन जरूर कीजिए। बाबा बागेश्वर जब आए थे और बिना सीट बेल्ट लगाए दिखे थे तो आपने उनका फाइन कटवा दिया था। आप कैसे कैमरा लगाए है कि यह मुख्यमंत्री का फाइन नहीं काटता है और आम आदमी का फाइन काटते रहता है। ट्रैफिक नियम सबसे लिए बराबर होता है, चाहे वह आम जनता हो या मुख्यमंत्री। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि आप सीट बेल्ट लगाकर जरूर चलें। क्योंकि आपको लेकर जनता में एक संदेश जाता है। आप जब ट्रैफिक नियमों को तोड़ेंगे तो जनता भी इसे तोड़ सकती है। इसलिए मुख्यमंत्री जी आपको फाइन जरूर भरना चाहिए।

बाबा बागेश्वर पटना में बिना सीट के दिखे तो गाड़ी पर लगा था जुर्माना
बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिस गाड़ी से पटना एयरपोर्ट से होटल तक आए थे, उसपर पटना पुलिस ने 19 मई को जुर्माना लगाया था। बाबा के साथ भाजपा सांसद गिरिराज सिंह और मनोज तिवारी भी थी। मनोज तिवारी बाबा की गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पीछे वाली सीट पर बैठे थे। ट्रैफिक पुलिस को शिकायत मिली थी कि पटना एयरपोर्ट से होटल जाने के दौरान तीनों में से किसी ने भी सीट बेल्ट नहीं लगाया था। शिकायत के बाद पटना ट्रैफिक पुलिस ने मामले की जांच की। जांच में शिकायत की पुष्टि हुई। इसके बाद जुर्माना लगाया। नए नियमों के तहत गाड़ी में आगे के साथ ही पीछे की सीट पर भी बेल्ट लगाना भी अनिवार्य है, लेकिन मध्य प्रदेश नंबर की बाबा की कार में किसी ने बेल्ट नहीं लगाई थी। ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने फाइन की पुष्टि करते हुए बताया कि हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। 


सीट बेल्ट नहींं लगाने पर एक हजार फाइन 
मोटर वाहन अधिनियम 2019 के अनुसार, गाड़ी में कोई शख्स बिना सीट बेल्ट लगाए पकड़ा गया तो एक हजार रुपये जुर्माना लगेगा।  मोटर वाहन अधिनियम 2019 के 194B के तरह गाड़ी के अंदर जितने लोग बिना सीट बेल्ट के बैठे हैं, उन्हें जुर्माना देना होगा। मोटर वाहन अधिनियम 2019 के अनुसार, गाड़ी में अगर एक शख्स बिना सीट बेल्ट लगाए पकड़ा गया तो एक हजार रुपये जुर्माना लगेगा।

सीट बेल्ट लगाना इसलिए है जरूरी
एक्सपर्ट बताते हैं कि कार में आपने सीट बेल्ट नहीं लगायी, तो हादसा होने के बाद आपको गंभीर चोटें आ सकती हैं। सीट बेल्ट आपको आपकी सीट से बांधे रखता है, ऐसे में हादसे के बाद चोट कम लगती है। इतना ही नहीं कभी-कभी कार में उलट-पुलट होकर आप कार से बाहर भी गिर सकते हैं। इससे सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आते हैं। इसके अलावा सीट बेल्ट नहीं होने पर कई बार एयरबैग भी नहीं खुलता है।  

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जानना जरूरी: पेट्रोल भरवाते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान, वरना करना पड़ सकता है नुकसान का सामना - अमर उजाला

हम में से अधिकतर लोगों के पास कार, बाइक या दूसरे मोटर वाहन हैं। कहीं पर आवाजाही करने के लिए निजी वाहन काफी सुविधाजनक होते हैं। वहीं इन दिनों काफी तेजी से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। कई राज्यों में तो यह कीमतें उफान पर हैं। ऐसे में अगर आप अपनी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल को भरवाने जा रहे हैं। इस स्थिति में आपको कुछ बातों को जानना जरूरी है। गाड़ी में पेट्रोल भरवाते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। कई बार लोगों ने पेट्रोल और डीजल को भरवाते समय धोखा जरूर खाया होगा। इसी कड़ी में आज हम आपको कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको पेट्रोल भरवाते समय जरूर जानना चाहिए। 
आपको उन पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं भरवाना चाहिए जहां मीटर रुक रुक कर चलता है। जानकारों की मानें, तो जिन पेट्रोल पंप मशीनों से पेट्रोल रुक-रुककर आता है। वहां आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको इन जगहों से पेट्रोल नहीं भरवाना चाहिए। 
इसके अलावा आप जब भी पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी को भरवाने जाएं उस दौरान आपको मीटर से नजर नहीं हटानी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इसका फायदा पेट्रोलपंपकर्मी उठा सकते हैं। 
इस बात का खास ध्यान रखें कि जब भी आप पेट्रोल भरवा रहे हैं। उस दौरान जीरो जरूर देखें। कई बार पेट्रोलकर्मी पेट्रोल भरते समय आपको जीरो तो जरूर दिखाता है लेकिन पेट्रोल का मूल्य ठीक ढंग से सेट नहीं करता है। 
अगर पेट्रोल भरवाते समय मीटर तेज चल रहा है। ऐसे में आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। ऐसा होने पर आपको पेट्रोलपंपकर्मी से मीटर की स्पीड को नॉर्मल करने को कहना चाहिए। 

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Sunday, August 27, 2023

Almora News: नशे में वाहन दौड़ने पर चालक गिरफ्तार, बाइक सीज - अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी, अल्मोड़ा Updated Mon, 28 Aug 2023 12:45 AM IST

अल्मोड़ा। रानीखेत पुलिस ने नशे में वाहन दौड़ाने पर एक चालक को गिरफ्तार कर वाहन सीज किया। एसआई सुनील सिंह बिष्ट ने रानीखेत पर चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान मोटरसाइकिल यूके 20 0443 के चालक राजन भारती निवासी रानीखेत को नशे में वाहन दौड़ाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर वाहन सीज किया। संवाद

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Saturday, August 26, 2023

Panipat News: सीएम फ्लाइंग, आरटीए ने वाहनों पर ठोका 1.69 लाख जुर्माना - अमर उजाला

पानीपत। एक बार फिर से शहर की सड़कों पर दौड़ने वाले ओवरलोडेड वाहनों पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने आरटीए पानीपत की टीम के साथ मिलकर शनिवार को विशेष चेकिंग अभियान चलाया। टीम ने नियमों की अवहेलना करके चलने वाले वाहनों की जांच की। इस दौरान कुल 13 छोटे-बडे़ वाहनों के दस्तावेजों में अनियमितताएं मिलने पर उनके चालान किए गए। इन पर संयुक्त टीम ने 1,69,500 रुपये का चालान किया। दिन पहले भी सीएम फ्लाइंग और आरटीए टीम ने शहर की सड़कों पर चलने वाले ओवरलोडेड वाहनों की जांच की थी। जिसमें 24 वाहनों पर 4.19 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया था। टीम में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता करनाल से निरीक्षक बलीराम, उप निरीक्षक अतर सिंह समेत आरटीए के मोटर वाहन अधिकारी राजेश मलिक शामिल रहे।

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Friday, August 25, 2023

वाहनों में तेज आवाज वाले हॉर्न पर लगेगी लगाम, सरकार कर रही ये तैयारी - NewsBytes Hindi

वाहनों में तेज आवाज वाले हॉर्न पर लगेगी लगाम, सरकार कर रही ये तैयारी 

ऑटो

August 25, 2023 | 12:46 pm 1 मिनट में पढ़ें

सरकार वाहनों में हॉर्न के लिए स्वीकृत अधिकतम शोर स्तर को कम करने जा रही है (प्रतीकात्मक तस्वीर: अनस्प्लैश)

ध्वनि प्रदूषण को कम करने की दिशा में भारत सरकार बढ़ा कदम उठाने जा रही है। अब वाहनों में तेज आवाज में हॉर्न नहीं बजा सकेंगे। इसके लिए सरकार वर्तमान में हॉर्न के शोर के स्तर की अधिकतम सीमा घटाने का निर्णय कर रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र ने तेज आवाज वाले वाहनों के हॉर्न पर रोक लगाने के लिए शोर का अधिकतम स्तर करीब 50 डेसिबल करने की योजना बनाई है।

शास्त्रीय संगीत पर आधारित होगी हॉर्न की धुन

मिंट से बातचीत में मंत्री ने कहा है कि वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी बड़ी समस्या है और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नितिन गडकरी ने कहा, "हम केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर रहे हैं, ताकि हॉर्न के अधिकतम स्वीकार्य शोर स्तर को 70 से घटाकर 50 डेसिबल किया जा सके।" सरकार हॉर्न के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत और वाद्ययंत्रों की धुनों को अपनाने का सुझाव दे सकती है, ताकि इसकी आवाज अच्छी लगे।

तेज आवाज वाले हाॅर्न सुनने के ये हैं गंभीर परिणाम 

वर्तमान में, सभी वाहनों के लिए अधिकतम 80-91 डेसिबल तक ही शोर स्तर की अनुमति है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से निर्धारित दिन में 53 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक है। भारतीय सड़कों पर कुछ हॉर्न 100 डेसिबल से अधिक का शोर उत्पन्न करते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, सप्ताह में 5 दिन 6 से 8 घंटे तक 80 डेसिबल से अधिक शोर का अनुभव करने से बहरापन और मानसिक विकार हो सकता है।

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मोटर दुर्घटना दावा: सुप्रीम कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल न करने में राज्यों के 'सुस्त रवैये' की आलोचना... - Live Law Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम और केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के कार्यान्वयन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के मामले में राज्यों के 'सुस्त रवैये' की आलोचना की।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने 10 जुलाई 2023 के आदेश में उन राज्यों और हाईकोर्टों से आग्रह किया था, जिन्होंने मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावों के संबंध में दिसंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए कई निर्देशों के संबंध में 14 अगस्त तक अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की थी।।

कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर रिपोर्ट समय पर जमा नहीं की गई तो कोर्ट को संबंधित हाईकोर्टों के रजिस्ट्रार जनरलों और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों की अदालत में उपस्थिति पर जोर देना होगा। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम और नियमों के उद्देश्य को पूरा करने के लिए 2022 में दिशानिर्देश जारी किए गए थे।

18 अगस्त को जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा कि इसके बावजूद, 10 राज्यों ने अपना रिप्रजेंटेशन नहीं दिया और 8 राज्यों ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अधिक समय की मांग की।

"पिछले आदेश में, यह स्पष्ट किया गया था कि आदेश को सभी हाईकोर्टों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को सूचित किया जाएगा ताकि यदि उनके द्वारा अनुपालन दायर नहीं किया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति के लिए उपयुक्त निर्देश दिए जा सकें। आज निर्देश दिया गया। ऐसे आदेश के बावजूद, उपर्युक्त 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से रिप्रजेंटेशन नहीं किया गया है। हम उस मामले में उक्त राज्यों के ऐसे सुस्त रवैये की सराहना नहीं कर सकते हैं जिसमें मोटर वाहन अधिनियम और केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन किया गया है और चार महीने की समय-सीमा के भीतर उनके कार्यान्वयन के लिए 15.12.2022 को निर्देश जारी किए गए हैं।''

न्यायालय ने कहा कि गोवा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की ओर से कोई प्रतिनिधित्व नहीं भेजा गया है।

असम, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश ने अपने हलफनामे दाखिल करने के लिए समय मांगा।

सीनियर एडवोकेट डॉ. मनीष सिंघवी ने राजस्थान राज्य के लिए अनुपालन रिपोर्ट सौंपी, जिसे न्यायालय ने रिकॉर्ड पर ले लिया।

18 अगस्त को कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट जेआर मिधा को एमिकस क्यूरी के रूप में अधिनियम और नियमों के प्रावधानों, प्रासंगिक निर्णयों को संकलित करने और सुझाव देने के लिए नियुक्त किया । उनकी सहायता समरिका बिस्वाल और सुमित चंदर करेंगे।

सीनियर एडवोकेट जेआर मिधा ने अधिनियम और नियमों के कार्यान्वयन के लिए सुझाव न्यायालय के समक्ष रखे। न्यायालय का विचार था कि अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुपालन के लिए सुझाव आवश्यक थे।

न्यायालय ने तदनुसार राज्यों के मुख्य सचिवों को हितधारकों से डेटा एकत्र करने और इसे अपने हलफनामों में शामिल करने का निर्देश दिया।

एमिकस क्यूरी के सुझाव के अनुसार, सभी हितधारकों से निम्नलिखित डेटा मांगा जाना है:

एक अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई, 2023 की अवधि के लिए राज्य पुलिस के लिए आवश्यक डेटा

क्या केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 2022 और नियमों में निहित FORMS को पुलिस अधिकारियों द्वारा अनुपालन के लिए परिचालित किया गया है। यदि हां, तो ऐसे संचलन की तारीख और डीओ की प्रति।

सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 2022 का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? पुलिस स्टेशन द्वारा केंद्रीय मोटर वाहन, नियम, 2022 का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम और पदनाम।

क्या केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 2022 के अनुपालन के लिए पुलिस अधिकारियों को कोई प्रशिक्षण दिया गया है।

एक अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई, 2023 की अवधि के लिए प्रत्येक जिले की पुलिस से डेटा आवश्यक है।

सड़क दुर्घटनाओं की संख्या.

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें दुर्घटना के 48 घंटों के भीतर पहली दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) दर्ज की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें पहली दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) दुर्घटना के 48 घंटों के बाद दर्ज की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) दाखिल नहीं की गई है।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें दुर्घटना के 50 दिनों के भीतर अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (आईएआर) दाखिल की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें दुर्घटना के 50 दिनों के बाद अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (आईएआर) दर्ज की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (आईएआर) दाखिल नहीं की गई है।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें दुर्घटना के 90 दिनों के भीतर विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) दाखिल की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) दुर्घटना के 90 दिनों के बाद दाखिल की गई।

ऐसे मामलों की संख्या जिनमें विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) नहीं दी गई है

1 अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई, 2023 की अवधि के लिए प्रत्येक बीमा कंपनी से डेटा एकत्र किया जाना है

पुलिस से प्राप्त अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (आईएआर) की संख्या।

पुलिस से प्राप्त प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) की संख्या।

पुलिस से प्राप्त विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) की संख्या।

1 अप्रैल 2022 से 31 जुलाई 2023 की अवधि के लिए प्रत्येक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के संबंध में अनुपालन किया जाने वाला डेटा

माहवार प्राप्त अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (आईएआर) की संख्या।

माहवार प्राप्त प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) की संख्या।

माहवार प्राप्त विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) की संख्या।

उन मामलों की संख्या जिनमें विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) को दावा याचिका के रूप में माना गया है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 2022 में निर्दिष्ट समय अवधि के अनुसार तय किए गए मामलों की संख्या।

न्यायालय ने सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 02.09.2023 तक अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

केस टाइटल: गोहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और अन्य | सिविल अपील संख्या 9322/2022

उद्धरण: 2023 लाइव लॉ (एससी) 686

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मोटर दुर्घटना दावा: सुप्रीम कोर्ट ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल न करने में राज्यों के 'सुस्त रवैये' की आलोचना... - Live Law Hindi
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Thursday, August 24, 2023

Stickers on Cars: यूपी में कारों पर जाति और धार्मिक स्टीकर लगाने पर लगेगा जुर्माना, जानें कितनी ढीली होगी जेब - अमर उजाला

कारों पर जाति या धार्मिक स्टिकर लगाना पूरे भारत में एक आम बात है। लेकिन उत्तर प्रदेश में अब से ऐसा करने पर पुलिस जुर्माना लगाएगी। राज्य में पुलिस ने कार मालिकों पर अपने वाहनों पर जाति और धार्मिक स्टिकर लगाने पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि वाहनों पर ऐसे स्टिकर और प्रतीक प्रदर्शित करने से अन्य ड्राइवरों का ध्यान भटक सकता है और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
पूरे साल होगी कार्रवाई
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह कोई अस्थायी अभियान नहीं है और ऐसे अपराधियों को पूरे साल भर दंडित किया जाएगा। कथित तौर पर नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने 11 अगस्त को यह अभियान शुरू किया था। जाति और धार्मिक स्टिकर का इस्तेमाल करने वाले कार मालिकों को दंडित करने के अलावा, पुलिस उन ड्राइवरों पर भी जुर्माना लगा रही है जो कार की खिड़कियों पर रंगीन फिल्म का इस्तेमाल करते हैं और बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही जाति और धर्म-विशिष्ट स्टिकर लगाने के लिए 1,073 लोगों, कार की खिड़कियों पर काली फिल्म का इस्तेमाल करने के लिए 443 लोगों और बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने के लिए 568 लोगों पर जुर्माना लगाया है।
क्या है नियम
मोटर वाहन अधिनियम के तहत, कार या दोपहिया वाहन पर पंजीकरण प्लेट सहित कहीं भी चिपकाए गए स्टिकर या संदेश या कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179 (1) वाहनों पर जाति और धर्म-विशिष्ट स्टिकर और लेखन के इस्तेमाल पर रोक लगाती है।
कितना है जुर्माना
उत्तर प्रदेश में अपनी कारों पर जाति और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करने वाले कार मालिकों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। जबकि काले रंग की नंबर प्लेट वाली कारों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। कार की खिड़कियों पर काली फिल्म लगाने पर पहली बार जुर्माना 2,500 रुपये और दूसरी बार अपराध करने पर 5,000 रुपये या ज्यादा है।

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गाड़ियों पर जाति-धर्म और पद वाला स्टीकर चिपकाने पर कितने का चालान? जानिये क्या कहता है कानून - Jansatta

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Wednesday, August 23, 2023

Chamba News: नशे में गाड़ी चलाने पर वसूला 1,85,500 रुपये जुर्माना - अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी, चम्बा Updated Tue, 22 Aug 2023 11:05 PM IST

चंबा। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंबा सुभाष चंद्र भसीन की अदालत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत नशा कर गाड़ी चलाने के मामले में 40 चालान पेश हुए। इनमें से चालकों से 17 चालानों के तहत 1,85,500 रुपये जुर्माना वसूला गया। साथ ही तीन माह के लिए उनके ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए गए। न्यायाधीश ने उन्हें भविष्य में शराब न पीकर गाड़ी चलाने की सख्त हिदायत देकर छोड़ा। यातायात नियमों का पालन न करने वालों पर पुलिस और न्यायालय की ओर से समय-समय पर नकेल कसी जाती है। यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार की ओर से चालान की राशि को भी बढ़ाया गया। चालान होने की सूरत में वाहन चालक कई बार मौके पर ही चालान भुगत लेते हैं जबकि कई न्यायालय में चालान भरते हैं। इसी क्रम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में 40 चालान प्रस्तुत किए जिनमें से 17 चालानों के तहत वाहन चालकों से जुर्माना राशि वसूली। साथ ही वाहन चालकों को सख्त हिदायत देकर छोड़ा गया। बता दें कि न्यायालय की ओर से 40 मामलों में जमानती वारंट जारी कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश होने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद जो 23 लोग अदालत में प्रस्तुत नहीं हुए हैं उन्हें आगामी तिथि में न्यायालय में पेश होना होगा।

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Tuesday, August 22, 2023

अब देश में भी बनेंगी इंटरनेशनल क्वालिटी की कारें, नितिन गडकरी ने की Bharat NCAP की शुरुआत ... - India TV Paisa

BHarat NCAP- India TV Paisa
Photo:PTI Bharat NCAP

वाहन उद्योग ने मंगलवार को देश के पहले 'वाहन टक्कर' परीक्षण कार्यक्रम 'भारत एनसीएपी' की सराहना की। उद्योग ने कहा कि इससे देश में वाहन सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। रेटिंग प्रणाली से ग्राहकों को खरीदारी के वक्त सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि वह पहले चरण में इस कार्यक्रम के तहत परीक्षण के लिए कम से कम तीन मॉडल पेश करेगी। दूसरी ओर हुंदै मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रेनो जैसी बाकी कंपनियों ने भी कार्यक्रम का पूरा समर्थन किया।

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वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भारत एनसीएपी (नयी कार मूल्याकंन कार्यक्रम) पेश किया। इसका मकसद 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार करना है। मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने एक बयान में कहा, ''भारत में पेश होने वाली सभी कारें सरकार के अनिवार्य सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं और इसलिए सुरक्षित है। अतिरिक्त सुरक्षा चाहने वाले उपभोक्ताओं या अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं की पेशकश करने वाले विनिर्माताओं के लिए भारत एनसीएपी (बीएनसीएपी) प्रणाली एक प्रामाणिक रेटिंग प्रणाली है। इसकी मदद से ग्राहक बेहतर जानकारी के साथ उपलब्ध विकल्पों में चुनाव कर सकेंगे।''

भारतीय कंपनियों ने किया स्वागत

उन्होंने कहा, ''मारुति सुजुकी सरकार की इस पहल का स्वागत करती है और पहले चरण में बीएनसीएपी परीक्षण के लिए कम से कम तीन मॉडल पेश करेगी।'' हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनसू किम ने बीएनसीएपी सुरक्षा पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी होगी और यह भारतीय सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाएगा। उन्होंने कंपनी की संपूर्ण उत्पाद श्रृंखला में उच्चतम सुरक्षा मानक मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

बेहतर होंगे सुरक्षा मानक

महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव क्षेत्र) विजय नाकरा ने कहा, ''सुरक्षा हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। हमारे उत्पादों को लगातार 5-स्टार और 4-स्टार ग्लोबल एनसीएपी (जीएनसीएपी) रेटिंग मिली है। भारत एनसीएपी सरकार की सराहनीय पहल है, और हमारा मानना है कि यह भारत में वाहन सुरक्षा के मानकों को और ऊपर उठाएगा।'' सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि बीएनसीएपी पहल ग्राहकों के लिए मददगार साबित होगी। 

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Himachal Pradesh News: हल्के मोटर वाहनों के लिए आज खुल सकता है पंडोह से लेकर मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग - Zee News Hindi

Pandoh Mandi National highway News in Hindi: पंडोह से लेकर मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को आज दोपहर 12 बजे हल्के मोटर वाहनों के लिए खोला जा सकता है. इस वैकल्पिक मार्ग पर मंडी-कटोला-बजौरा सड़क पर जो ट्रैफिक बढ़ रहा है. उसमें कमी आएगी या आने जाने में राहत मिलेगी. कुल्लू से मंडी आने में अभी तक 7-8 घंटे लग गए, लेकिन अब इस रास्ते के खुलने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

मंडी से कुल्लू वाया कटौला
यह रोड आज शाम 6 बजे तक सभी वाहनों के लिए बंद रहेगा. शाम 6 बजे के बाद कुल्लू से मंडी के लिए ट्रक व अन्य वाहन छोड़े जाएंगे. रात 12 बजे के बाद मंडी की तरफ से कुल्लू के लिए वाहनों को छोड़ा जाएगा.

मंडी से कुल्लू वाया पंडोह 
कल शाम से ही पंडोह डैम से बनाया गया नया रोड़ बंद है, जिसके सुधार का कार्य प्रगति पर है. दोपहर बाद (लगभग 12 -1 बजे तक इस रोड़ को खोले जाने की उम्मीद है. इस रोड़ से छोटे वाहनों के आलावा खाली (अनलोडेड ) वाहनों को जाने की अनुमति रहेगी. किसी भी तरह के लोडेड ट्रक या टैंकर इस रोड़ से नहीं भेजे जाएंगे.

कुल्लू से मंडी वाया पंडोह 
पंडोह डैम के नजदीक बने नए रोड़ से छोटे वाहनों के साथ टेम्पो और सब्जी वाली जीपों को भी आने की अनुमति रहेगी. 10 टन की क्षमता से ज्यादा  भार वाले वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी .

बारिश की स्थिति में मंडी-पंडोह-औट मार्ग को बारिश थमने तक (या उस वक्त की स्थिति के अनुसार) पूरी तरह से बंद रखा जाएगा. 

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Monday, August 21, 2023

मोटर वाहन दुर्घटना - पॉलिसी धारक के परिवार के सदस्य को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम में मुआवज़ा नहीं मिल... - Live Law Hindi

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस वी गोपाल कृष्ण राव ने मोटर दुर्घटना दावा मामले में कहा कि उल्लंघन करने वाले वाहन के मालिक का बेटा थर्ड पार्टी नहीं है और उसे थर्ड पार्टी के बीमा क्लेम के तहत बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा नहीं दिया जा सकता।

तथ्यात्मक मैट्रिक्स

दावेदार लॉरी के क्लीनर के रूप में कार्यरत है और लॉरी चालक द्वारा लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। याचिकाकर्ता को गंभीर चोटें आईं। याचिकाकर्ता ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत दोषी वाहन के मालिक और बीमाकर्ता के खिलाफ मुआवजे और लागत के लिए दावा याचिका दायर की।

ट्रिब्यूनल ने दोषी वाहन के मालिक को आंशिक मुआवजे का भुगतान करने की अनुमति दी और बीमा कंपनी के खिलाफ दावा याचिका खारिज कर दी गई। फैसले से व्यथित होकर दावेदार ने वर्तमान अपील को प्राथमिकता दी।

याचिकाकर्ता ने अपील में अपनी दलीलें केवल कानूनी मुद्दे पर ही सीमित रखीं कि क्या दावेदार को मुआवजे के भुगतान से बीमा कंपनी को छूट देना कानूनी रूप से टिकाऊ है या नहीं?

न्यायालय का अवलोकन

ट्रिब्यूनल के समक्ष कार्यवाही से यह देखा गया कि याचिकाकर्ता लॉरी के मालिक का बेटा है। इसके अलावा, बीमा पॉलिसी से पता चलता है कि केवल थर्ड पार्टी का जोखिम कवर किया गया और मालिक के बेटे को 'थर्ड पार्टी' के दायरे में नहीं लाया जा सकता।

बीमा कंपनी ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम सदानंद मुखी (2009) मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया, "जहां दावेदार बीमा कंपनी के संबंध में थर्ड पार्टी नहीं है तो उक्त दावेदार को मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी का दायित्व उत्पन्न नहीं होता है।"

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम ओम प्रकाश (2010) में सुप्रीम कोर्ट के अन्य फैसले में यह माना गया,

“तीनों मूल याचिकाओं में दावेदार या तो अधिनियम के तहत या पॉलिसी के नियमों और शर्तों के तहत थर्ड पार्टी नहीं हैं और नीचे दिए गए ट्रिब्यूनल के पास उनके द्वारा दायर दावा याचिकाओं पर विचार करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और अपीलकर्ता बीमा कंपनी दावेदारों को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि इसलिए चूंकि याचिकाकर्ता वाहन के मालिक का बेटा है, इसलिए उसे थर्ड पार्टी के रूप में नहीं माना जा सकता। इस प्रकार, बीमा कंपनी पर दायित्व नहीं डाला जा सकता। इसमें कहा गया कि दुर्घटना के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए अकेले दोषी वाहन का मालिक ही जिम्मेदार है।

अपील गुणहीन होने के कारण खारिज कर दी गई और ट्रिब्यूनल के आदेश की पुष्टि की गई।

केस टाइटल: बंदरला नवीन कुमार बनाम बालाजी एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य।

फैसले को पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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मोटर वाहन दुर्घटना - पॉलिसी धारक के परिवार के सदस्य को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम में मुआवज़ा नहीं मिल... - Live Law Hindi
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Saturday, August 19, 2023

जनरल मोटर्स की सैन फ्रांसिस्को रोबोटैक्सिस अपने बेड़े को करेगी आधा, लगातार दो एक्सीडेंट के बाद किया फैसला - मनी कंट्रोल

जनरल मोटर्स (General Motors) की क्रूज ऑटोनॉमस यूनिट सैन फ्रांसिस्को रोबोटैक्सिस के अपने बेड़े में शामिल कारों की संख्या को आधा करने पर राजी हो गई है। फिलहाल अधिकारी इस कार की वजह से हुए हालिया दो एक्सीडेंट की जांच कर रहे हैं। राज्य के मोटर वाहन विभाग ने गुरुवार को ड्राइवरलेस कार के एक वाहन से टकरा जाने के बाद कंपनी को अपनी कारों की संख्या में कटौती करने के लिए कहा था।

की जा रही है हालिया एक्सीडेंट की जांच

एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में डीएमवी ने शनिवार को कहा, "डीएमवी सैन फ्रांसिस्को में क्रूज वाहनों से जुड़ी हालिया घटनाओं की जांच कर रहा है। क्रूज 50% कटौती के लिए सहमत हो गया है और दिन के दौरान 50 से अधिक चालक रहित वाहन और रात में 150 चालक रहित वाहन संचालन में नहीं होंगे।" कार के कहीं भी रुक जाने और अनियमित व्यवहार करने से पैदा हुई सेफ्टी चिंताओं के बावजूद कैलिफोर्निया में रेगुलटर्स ने क्रूज और गूगल स्पिनऑफ वेमो को पूरे सैन फ्रांसिस्को में हर समय ऑटोमैटिक रोबोटिक्स वाहनों को चलाने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि इस मंजूरी से ठीक एक हफ्ते बाद अब कंपनी को कारों की संख्या में कटौती करने को कहा गया है।

इस तरह से हुआ था एक्सीडेंट

सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल ने क्रूज के ट्वीट का हवाला देते हुए बताया कि गुरुवार को लगभग रात 10 बजे, क्रूज वाहन में हरी बत्ती थी जिसने एक चौराहे पर इंटर करते हुए एक इमरजेंसी वाहन को टक्कर मार दी। इस दौरान क्रूज की रोबोटिक्स कार में एक यात्री भी बैठा हुआ था। जिसे के गंभीर चोटें आई हैं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं गुरुवार की ही रात को क्रूज ऑटोमैटिक रोबोटिक्स कार ने एक और वाहन को भी टक्कर मार दी।

क्या कहा कंपनी ने

सैन फ्रांसिस्को में क्रूज के जनरल मैनेजर ग्रेग डाइटरिच ने कंपनी की वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि रोबोटैक्सी ने इमरजेंसी रेस्पॉन्स वाहन की तुरंत ही पहचान कर ली थी। चौराहे पर विजिबिलिटी इमारतों की वजह से बाधित होती है। एक कोने के आस पास देखना तब तक संभव नहीं हो पाता है जब तक वे चौराहे के बेहद करीब ना हों। हालांकि क्रूज कार ने रिस्क देखते हुए ब्रेक लगा कर अपनी स्पीड को कम कर दिया था पर फिर भी टक्कर हो गई। डिट्रेरिच ने लिखा, कंपनी दोबारा दुर्घटना होने की संभावना को कम करने के लिए नियामकों और शहर विभागों के साथ काम करेगी।

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कार का 'Sunroof' खोलकर झूमने पर कटा 26,000 का चालान, जानिए क्या कहता है नियम? - Aaj Tak

इस समय कारों में सनरूफ का चलन तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही बीच सड़क कार का सनरूफ खोलकर लोग आए दिन झूमते भी नज़र आ जाते हैं. लेकिन एक ताजा मामले में कार का सनरूफ खोलकर स्टंट दिखाना एक शख्स को भारी पड़ गया. हाल ही में नोएडा के सेक्टर 18 में एक शख्स सड़क पर दौड़ती कार का सनरूफ खोलकर स्टंट कर रहा था, जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस ने कार मालिक का 26,000 रुपये का चालान काटा है. 

क्या है मामला: 

जानकारी के अनुसार बीते 16 अगस्त एक यूजर ने सोशल नेटवर्किंग साइट 'X' (ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि, एक शख्स सफेद रंग की मारुति सुजुकी स्विफ्ट कार के सनरूफ से बाहर निकलकर झूम रहा था. बीच सड़क हो रहे स्टंटबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो गया. बताया जा रहा है कि, ये घटना नोएडा सेक्टर 18 की है, जहां पर बीते मंगलवार को स्विफ्ट कार सवार कुछ लोग इस तरह का स्टंट कर रहे थें. 

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को संज्ञान में लेते हुए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने तत्काल कार्यवाई की और वाहन की पहचान कर 26,000 रुपये का चालान काटा. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि, एक व्यक्ति कार के सनरूफ से बाहर निकला हुआ है और वो पूरी तरह से झूम रहा था. बीच सड़क चलती हुई कार में इस तरह का स्टंट बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है. इस दौरान कार कोई दूसरा व्यक्ति चला रहा था. 

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नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने कार मालिक दिल्ली निवासी महेश पाल के खिलाफ कार्यवाई करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट के अलग-अलग धाराओं में चालान काटा है. जिसमें खतरनाक ड्राइविंग, सीट बेल्ट न पहनना, बिना इंडिकेटर के लेन बदलना, सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति के वाहन से रेस लगाना, और सेक्शन 3 और 4 के नियमों का उल्लंघन जैसे अपराध शामिल है. इन सभी नियमों को तोड़ने के मामले में ट्रैफिक पुलिस ने कार्यवाई की है.

क्या कहता है नियम: 

लापरवाह ड्राइविंग के चलते आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं. हालांकि लोगों की लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में कड़े प्रावधान मौजूद रहे हैं, जिसमें सेक्शन-188 भी शामिल है. लेकिन वाहन चालकों में अनुशासन की कमी के कारण, सरकार ने 2019 में मोटर वाहन अधिनियम के कई प्रावधानों को बदलने का फैसला किया और कई बड़े बदलाव किए गएं. 

मोटर वाहन अधिनियम 1988 नियमों का उल्लंघ करने पर दंड के साथ-साथ यातायात प्रबंधन के लिए दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए बनाया गया था. यह अधिनियम सभी प्रकार के मोटर वाहनों को कवर करता है और इसमें लाइसेंसिंग प्रावधान, मोटर वाहनों का पंजीकरण, ट्रैफिक मैनेजमेंट, मोटर बीमा, देनदारियां इत्यादि से संबंधित नियम और दंड आदि शामिल हैं. 

क्या है सेक्शन-184:

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 मुख्य रूप से "खतरनाक ड्राइविंग" से संबंधित है. धारा 184 MV Act के अनुसार, यदि आप निर्धारित गति से तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हुए पाए जाते हैं, जिससे सड़क पर चल रहे अन्य वाहन या पैदलयात्रियों के जीवन को खतरा या परेशानी होती है, तो आपको कम से कम 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.

इसके अलावा, यदि आपके लापरवाह ड्राइविंग के चलते सड़क पर अन्य लोगों के जीवन को खतरा होता है तो अधिनियम में कम से कम 1 साल की सजा का भी प्रावधान है. यदि आप तीन साल के भीतर फिर से ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको 2 साल तक की सजा या जुर्माना की राशि को 10,000 रुपये या उससे भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है या दोनों हो सकते हैं. धारा 184 अपराध के समय वाहन की भौगोलिक स्थिति, मौसम की स्थिति और यातायात की स्थिति को भी ध्यान में रखती है.

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इन गलतियों पर लागू होगा सेक्शन-184:

- रेड लाइट सिग्नल जंप करना.
- वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी अन्य हैंडहेल्ड डिवाइस का उपयोग करना.
- यातायात अधिकारियों के रोके जाने पर वाहन न रोकना.
- गलत तरीके से वाहनों को ओवरटेक करना.
- यातायात के विपरीत दिशा में वाहन चलाना.
- लापरवाही से गाड़ी चलाने से अन्य लोगों की जान खतरे में डालना.

क्या सनरूफ के इस्तेमाल पर कटेगा चालान?:

मोटर व्हीकल एक्ट में स्पष्ट रूप से 'सनरूफ' शब्द का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन लापरवाही से वाहन चलाने या दूसरों के जीवन को खतरे में डालने के लिए कड़ा प्रावधान किया गया है. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 (F) का उल्लंघन मानते हुए ट्रैफिक पुलिस सड़क पर सनरूफ से बाहर निकलने वाले लोगों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाना शुरू कर चुकी है. जैसा कि आपने ताजा नोएडा वाले मामले में देखा है. 

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इसके अलावा हाल ही में कोलकाता ट्रैफिक पुलिस ने भी ऐसे ही एक मामले में कार के सनरूफ से बाहर निकलने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. इसका मतलब यह है कि देश में कहीं भी इस तरह से नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. दरअसल, ट्रैफिक नियमों के अनुसार इस तरह का कृत्य लापरवाही से वाहन चलाने और दूसरों के जान को जोखिम में डालने की कैटेगरी में आता है. इसलिए जब अगली बार आन सनरूफ से बाहर निकलें तो इस बात का ध्यान रखें. 
 

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Thursday, August 17, 2023

क्या भारतीय सड़कों पर चल सकती हैं Left hand drive कारें जानिए क्या कहते हैं नियम.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत का ऑटोमोबाइल बाजार काफी बड़ा है। दुनिया भर की कार निर्माता कंपनियां देश में व्यापार कर रही हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे देश में लेफ्ट-हैंड ड्राइव (एलएचडी) कार आयात करने या चलाने की अनुमति है या फिर नहीं। 

यदि कोई उन सड़कों पर एलएचडी वाहन में यात्रा करना चुनता है ,जहां अधिकांश अन्य वाहन दाएं हाथ से चलते हैं, तो यातायात सुरक्षा बंधी संचिंताएं क्या हैं? मोटर वाहन अधिनियम एलएचडी वाहनों की खरीद और उपयोग पर क्या कहता है? अपने इस लेख में इसके बारे में ही जानने वाले हैं।

क्या भारत में बाएं हाथ से चलने वाली कारें वैध हैं?

मोटर वाहन अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश में कोई भी व्यक्ति बाएं हाथ से चलने वाला वाहन खरीद, पंजीकरण या चला नहीं सकता है। मोटर वाहन अधिनियम 1939 की धारा 180 कहती है, "कोई भी व्यक्ति बाएं हाथ के स्टीयरिंग नियंत्रण वाले किसी भी मोटर वाहन को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं चलाएगा या चलाने की अनुमति नहीं देगा, जब तक कि यह एक यांत्रिक या विद्युत सिग्नलिंग डिवाइस से सुसज्जित न हो निर्धारित प्रकृति और कार्यक्रम में।"

बाएं हाथ से चलने वाली कारों की अनुमति क्यों नहीं है?

दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जो एक ही समय में एलएचडी और आरएचडी दोनों कारों की अनुमति देता हो। भारत कोई अपवाद नहीं है। इसके पीछे सड़क सुरक्षा प्रमुख कारण है। ऐसे देश में जहां सभी वाहन दाएं हाथ से चलाए जाते हैं, बाएं हाथ से चलने वाला वाहन न केवल चालक के लिए विजिबिलिटी संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।

कौन चला सकता है बाएं हाथ वाली कार ?

भारत में स्थित कार निर्माता अनुसंधान एवं विकास उद्देश्यों के लिए कुछ एलएचडी यूनिट को आयात करने के लिए सरकार से मंजूरी ले सकते हैं। इसी तरह, यदि विदेशी राजनयिक या गणमान्य व्यक्ति भारत का दौरा कर रहे हैं, तो वे अपनी पसंद के वाहनों में ड्राइव करना चुन सकते हैं।

भारत ने दाएं हाथ से चलने वाली कारों को क्यों चुना?

भारत में हमेशा से दाएं हाथ से वाहन चलाने की आदत रही है। इसका कारण 1947 तक देश पर शासन करने वाले अंग्रेजों का औपनिवेशिक प्रभाव था। यूनाइटेड किंगडम, भारत की तरह, दाएं हाथ से चलने वाली कारों का उपयोग करता है। इसके चलते भारत में भी इनका चलन था और फिर इसे नियम में शामिल कर लिया गया।

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क्या भारतीय सड़कों पर चल सकती हैं Left hand drive कारें जानिए क्या कहते हैं नियम.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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Wednesday, August 16, 2023

अल्मोड़ा में नशे में धुत होकर चला रहे थे वाहन, पुलिस ने किया गिरफ्तार, वाहन हुए सीज - ETV Bharat Uttarakhand

Almora traffic rules अगर आप शराब पीकर या किसी भी तरह का नशा करके वाहन चलाते हैं, तो सावधान हो जाइए. अल्मोड़ा में दो युवक नशे की हालत में वाहन चला रहे थे. पुलिस ने उनके साथ क्या किया, पढ़िए इस खबर में.

अल्मोड़ा: पुलिस ने अल्मोड़ा में नशे के खिलाफ सख्त मुहिम चलाई हुई है. अल्मोड़ा की लमगड़ा पुलिस ने लमगड़ा में शराब के नशे में वाहन चलाने वाले दो वाहन चालकों को गिरफ्तार किया है. उनके दो दोपहिया वाहन सीज किए हैं. वहीं सभी वाहन चालकों को नशे में वाहन नहीं चलाने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अल्माेड़ा में नशे में वाहन चलाया तो सख्त कार्रवाई होगी.

Almora crime news
अल्मोड़ा में यातायात नियमों का सख्ती से पालन

यातायात नियमों को लेकर अल्मोड़ा पुलिस की सख्ती: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामचंद्र राजगुरु ने नशे के खिलाफ पुलिस अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत जिले के सभी 11 ब्लॉकों में बने थाने एवं चौकियों के प्रभारी सहित इंटरसैप्टर प्रभारी प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चेकिंग अभियान चला रहे हैं. चेकिंग के दौरान शराब पीकर वाहन चलाने, ओवरलोडिंग, बिना हेलमेट, तीन सवारी, ओवर स्पीड, रैश ड्राइविंग करने एवं प्रेशर हार्न व रेट्रो साइलेंसर का प्रयोग कर स्टंटबाजी करने वालों पर नजर रखे हुए हैं.

अल्मोड़ा पुलिस ने नशे में वाहन चलाते उधमसिंह नगर के युवक को पकड़ा: इसी के तहत लमगड़ा में दो वाहन चालकों को नशे में वाहन चलाते हुए पकड़ा है. उन्हें गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की गई है. थानाध्यक्ष लमगड़ा दिनेश नाथ महंत ने बताया कि उनकी लमगड़ा पुलिस टीम ने वाहन चेकिंग के दौरान मोटरसाइकिल संख्या UK0-6AZ3813 के चालक उधमसिह नगर निवासी सुनील सिंह बोरा को शराब के नशे में में वाहन चलाते हुए पाया. उस पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है. सुनील बोरा की मोटर साइकिल को सीज किया है.
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बरेली का युवक शराब पीकर चला रहा था स्कूटी: वहीं एक स्कूटी संख्या UP26-CR6740 को भी सीज किया गया है. इस स्कूटी का चालक बरेली निवासी किशन वीर सिंह शराब के नशे में वाहन चलाते हुए पाया गया. वहीं मोटर वाहन अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर स्कूटी को सीज किया गया. एसएसपी रामचंद्र राजगुरु ने सभी वाहन चालकों से नशे की हालत में किसी भी स्थिति में वाहन नहीं चलाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि यदि कोई पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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अल्मोड़ा में नशे में धुत होकर चला रहे थे वाहन, पुलिस ने किया गिरफ्तार, वाहन हुए सीज - ETV Bharat Uttarakhand
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Hyundai Car Plant: ह्यूंदै ने जनरल मोटर्स के तालेगांव प्लांट का किया अधिग्रहण, जानें कंपनी का उत्पादन लक्ष्य - अमर उजाला

Hyundai Motor India (ह्यूंदै मोटर इंडिया) ने बुधवार को एलान किया कि उसने General Motors (जनरल मोटर्स) के तालेगांव प्लांट का अधिग्रहण करने के लिए एक परिसंपत्ति खरीद समझौते (एसेट परचेज एग्रीमेंट) (एपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। मैन्युफेक्चरिंग प्लांट के इस अधिग्रहण के साथ दक्षिण कोरियाई ऑटो दिग्गज का लक्ष्य देश में अपनी संचयी वार्षिक वाहन उत्पादन क्षमता को 10 लाख यूनिट तक बढ़ाना है। ह्यूंदै ने यह भी कहा कि इस प्लाटं में मैन्युफेक्चरिंग परिचालन 2025 में शुरू करने की योजना है।
ह्यूंदै द्वारा जनरल मोटर्स के तालेगांव प्लांट का अधिग्रहण भारत में कारोबार का विस्तार करने की वाहन निर्मातात की रणनीति के हिस्से के रूप में आता है। इस समय ह्यूंदै की चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में एक मैन्युफेक्चरिंग प्लांट है। तालेगांव प्लांट के अधिग्रहण के साथ, कार ब्रांड का लक्ष्य अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता को 10 लाख यूनिट तक बढ़ाना है। साथ ही, ह्यूंदै ने एक आधिकारिक रिलीज में बताया है कि यह प्लांट भारतीय बाजार के लिए इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।
समझौते के बारे में बोलते हुए, ह्यूंदै मोटर इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनसू किम ने कहा कि, यह वाहन निर्माता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, "यह साल ह्यूंदै मोटर इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि हम बाजार में 27 साल के कामकाज का जश्न मना रहे हैं। भारत के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित करते हुए, इस साल की शुरुआत में, एचएमआईएल ने क्षमता विस्तार और एक इलेक्ट्रिक वाहन इको सिस्टम स्थापित करने के लिए तमिल नाडु में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। जैसा कि हम 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं, हम तालेगांव, महाराष्ट्र में मेड-इन-इंडिया कारों के लिए एक एडवांस्ड मैन्युफेक्चरिंग सेंटर बनाने का इरादा रखते हैं। हमारा मैन्युफेक्चरिंग परिचालन 2025 में महाराष्ट्र के तालेगांव में शुरू होने वाला है।"
तालेगांव प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1,30,000 यूनिट्स की है। ह्यूंदै का लक्ष्य इस क्षमता का उल्लेखनीय रूप से विस्तार करना है। वाहन निर्माता ने दावा किया है कि उसने 2023 की पहली छमाही में अपनी उत्पादन क्षमता 7.50 लाख यूनिट्स से बढ़ाकर 8.20 लाख यूनिट्स सालाना कर ली है। तालेगांव प्लांट उस संख्या में और इजाफा करेगा। वाहन निर्माता ने कहा कि वह तालेगांव प्लांट में मौजूदा बुनियादी ढांचे और मैन्युफेक्चरिंग इक्यूप्मेंट्स को अपग्रेड करने के लिए चरणबद्ध निवेश करेगा।

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Hyundai Car Plant: ह्यूंदै ने जनरल मोटर्स के तालेगांव प्लांट का किया अधिग्रहण, जानें कंपनी का उत्पादन लक्ष्य - अमर उजाला
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Tuesday, August 15, 2023

क्या ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपकी बाइक से निकाल सकता है चाबी या टायर की हवा? क्‍या कहते हैं ट्रैफिक रूल्‍स - News18 हिंदी

हाइलाइट्स

पुलिस मौके पर चालान काटती है तो चालान रसीद देना जरूरी है.
वाहन चालक ट्रैफिक पुलिसकर्मी की वर्दी में न होने पर मांग सकता है आई कार्ड.
कोई भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी वाहन चालक के साथ नहीं कर सकता मारपीट.

Traffic Rules: ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर या फिर चैकिंग के लिए ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों को रुकवा लेते हैं. नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटा जाता है. यातायात नियमों का पालन कराने के लिए ऐसा करना जरूरी भी है. लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि चैकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी गाड़ी की चाबी तक निकाल लेते हैं. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि ट्रैफिक सिपाही गाड़ी की हवा तक निकाल देते हैं. अब सवाल यह उठता है कि ट्रैफिक कानूनों का पालन करवाने के लिए क्‍या पुलिस किसी वाहन की चाबी निकाल सकती है? या गाड़ी के टायरों की हवा निकाली सकती है?

इस सवाल का जवाब ना है. किसी भी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी को कानून इजाजत नहीं देता कि वह धक्‍के से किसी बाइक, कार या ट्रक की चाबी निकाले. अगर वह ऐसा करता है, तो वह कानून तोड़ रहा है. सड़क पर वाहन चलाते समय अगर आपको ट्रैफिक पुलिस की ओर से रोका जा सकता है. आपसे अपना ड्राइविंग लाइसेंस, व्हीकल रजिस्ट्रेशन पेपर, इंश्योरेंस और प्रदूषण (PUC) सर्टिफिकेट जैसे कागजात दिखाने को भी कहा जा सकता है. लेकिन, पुलिसकर्मी आपकी गाड़ी की चाबी नहीं ले सकता.

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क्‍या कहता है कानून?
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1932 (Indian Motor Vehicles Act) के मुताबिक, एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर का ट्रैफिक पुलिस कर्मी ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगा सकता है. एएसआई, सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर को ही मौके पर जुर्माना लगाने की अनुमति है. ट्रैफिक कांस्टेबल या होम गार्ड ऐसा नहीं कर सकते. एएसआई या एसई भी ट्रैफिक नियमों के उल्‍लंघन पर आप पर चालान कर सकते हैं. गाड़ी की आरसी न होने पर वाहन को इम्‍पाउंड कर सकते हैं. लेकिन, जबरदस्‍ती न तो गाड़ी की हवा निकाल सकते और न ही चाबी छीन सकते.

बिना रसीद लिए न दें पैसे
ट्रैफिक पुलिसकर्मी आप पर सिर्फ तभी जुर्माना लगा सकता है जब उसके पास एक चालान बुक या ई-चालान मशीन हो. इनमें से किसी भी चीज के बिना वह वाहन चालक से चालान के नाम पर जुर्माना नहीं वसूल सकता. ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी का वर्दी में रहना भी जरूरी है. अगर ट्रैफिक पुलिस सिविल ड्रेस में है तो वाहन चालनक उनका आईडी कार्ड दिखाने को भी कह सकते हैं.

Tags: Auto News, Traffic fines, Traffic Police, Traffic rules

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क्या ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपकी बाइक से निकाल सकता है चाबी या टायर की हवा? क्‍या कहते हैं ट्रैफिक रूल्‍स - News18 हिंदी
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Monday, August 14, 2023

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने चलाया गया विशेष मोटर वाहन चेकिंग अभियान - Janta Se Rishta

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सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने चलाया गया विशेष मोटर वाहन चेकिंग अभियान - Janta Se Rishta
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J&K: अब नहीं चलेंगे 15 साल पुराने सरकारी वाहन, तीन लाख से अधिक बनेंगे कबाड़, निजी वाहनों पर भी होगा एक्शन - अमर उजाला

Jammu Kashmir: 15 year old government vehicles no longer ply on roads removed from offices

वाहन - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

जम्मू कश्मीर की सड़कों पर अब 15 साल पुराने वाहन नहीं दौड़ेंगे। नए नियम के तहत 15 साल की अविध पूरा कर चुके सार्वजनिक उपक्रमों के वाहनों को कबाड़ घोषित किया जाएगा। इसे लेकर विभाग ने पुराने वाहनों का ब्यौरा खंगालना शुरू कर दिया है। केवल जम्मू संभाग में ही ऐसे वाहनों की संख्या करीब 3.20 लाख बताई जा रही है।

हालांकि, विभाग अभी सरकारी दफ्तरों के 15 साल पुराने वाहनों को नष्ट करवा रहा है। सरकारी दफ्तरों के 90 फीसदी से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप घोषित किया जा चुका है। इसके बाद निजी वाहनों का नंबर आएगा।

केंद्र सरकार लगातार सड़क सुरक्षा के साथ वाहनों की रफ्तार बढ़ाने की कवायद में जुटी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार 15 साल से अधिक पुराने वाहन एवं परिवहन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों की बसों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल के बाद समाप्त कर उन्हें कबाड़ घोषित किया जाएगा। 

साथ ही इन सभी कार्यों को रजिस्टर्ड स्टेप सेंटर पर नष्ट किया जाएगा। इसे लेकर परिवहन विभाग ने जम्मू-कश्मीर के सभी विभागों से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का ब्योरा मांगा है। परिवहन विभाग की मानें तो सरकारी विभागों से 15 साल पुराने लगभग सभी वाहनों को हटा दिया गया है। यदि कहीं पर वाहन बचे हैं तो उनकी पहचान की जा रही है। इसके बाद उन्हें नष्ट करने का होगा।


अभी लगेंगे छह माह

गत नवंबर माह में सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट जारी कर जानकारी दी थी कि केंद्र और राज्य सरकारों में इस्तेमाल हो रही 15 साल पुरानी सभी गाड़ियों को स्क्रैप करना जरूरी है। नई नीति के तहत एक अप्रैल से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का रिन्युअल नहीं होगा। 

15 साल पुराने सभी सरकारी वाहन सड़क से हट जाएंगे। इसके बाद निजी वाहनों को भी हटाए जाने की योजना है। इसका भी ब्योरा खंगाला जा रहा है। इसलिए अभी प्रक्रिया पूरी होने में पांच से छह महीने का समय लग सकता है। जानकारी के मुताबिक जम्मू संभाग में ही लगभग 3.20 लाख पुराने वाहन स्क्रैप की जद में आ रहे हैं।

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नए वाहन खरीद पर मिल रही छूट
पुराना वाहन स्क्रैप कराने और नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में 15 फीसदी की छूट मिलेगी। इसी प्रकार कामर्शियल वाहन पर 10 फीसदी की छूट मिलेगी।

इतना चुकाना होगा नवीनीकरण शुल्क

  • बाइक का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण कराने के लिए 1000 रुपए लगेंगे
  • कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 5000 रुपए शुल्क देना होगा
  • बस व ट्रक का फिटनेस नवीनीकरण सर्टिफिकेट बनाने के लिए 12500 रुपए देने होंगे
  • छोटे मालवाहक यात्री मोटर वाहन के मामले में 10000 रुपए तय किए गए हैं।


अभी विभाग की ओर से सरकारी वाहनों को नष्ट करवाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभागों में 15 साल पुराने लगभग सभी वाहनों को स्क्रैप करवाया जा चुका है। जो शेष हैं, उन्हें भी हटाया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। - जी. प्रशन्ना, परिवहन सचिव, जम्मू-कश्मीर।

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J&K: अब नहीं चलेंगे 15 साल पुराने सरकारी वाहन, तीन लाख से अधिक बनेंगे कबाड़, निजी वाहनों पर भी होगा एक्शन - अमर उजाला
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Supreme Court: गोधरा ट्रेन कांड के तीन दोषियों को जमानत देने से शीर्ष कोर्ट का इनकार, कहा- यह बहुत गंभीर घटना - अमर उजाला

supreme court news & update:SC extends time to Delhi govt to finalise motor aggregator service provider scheme

सुप्रीम कोर्ट - फोटो : Social media

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ओला और उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स को विनियमित (रेग्यूलेट) करने के लिए दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना को अंतिम रूप देने के लिए आप सरकार को दिए गए समय को सोमवार को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया।

राज्य सरकार की मांग पर बढ़ाई तारीख

दरअसल, दिल्ली सरकार ने समय बढ़ाने की मांग की थी, जिसे न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने स्वीकार कर लिया। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। ऐसे में दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना, 2023 पर अधिसूचना जारी करने की समय सीमा 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ा दी गई है।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से मसौदा को अंतिम रूप देने में देरी का कारण पूछा। इस पर वकील ने बताया कि एक मजबूत मसौदे को तैयार किया जा रहा है, लेकिन इसमें कुछ और समय लगेगा।

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Supreme Court: गोधरा ट्रेन कांड के तीन दोषियों को जमानत देने से शीर्ष कोर्ट का इनकार, कहा- यह बहुत गंभीर घटना - अमर उजाला
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Jammu Kashmir: 15 year old government vehicles no longer ply on roads removed from offices

वाहन - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

जम्मू कश्मीर की सड़कों पर अब 15 साल पुराने वाहन नहीं दौड़ेंगे। नए नियम के तहत 15 साल की अविध पूरा कर चुके सार्वजनिक उपक्रमों के वाहनों को कबाड़ घोषित किया जाएगा। इसे लेकर विभाग ने पुराने वाहनों का ब्यौरा खंगालना शुरू कर दिया है। केवल जम्मू संभाग में ही ऐसे वाहनों की संख्या करीब 3.20 लाख बताई जा रही है।

हालांकि, विभाग अभी सरकारी दफ्तरों के 15 साल पुराने वाहनों को नष्ट करवा रहा है। सरकारी दफ्तरों के 90 फीसदी से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप घोषित किया जा चुका है। इसके बाद निजी वाहनों का नंबर आएगा।

केंद्र सरकार लगातार सड़क सुरक्षा के साथ वाहनों की रफ्तार बढ़ाने की कवायद में जुटी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार 15 साल से अधिक पुराने वाहन एवं परिवहन निगमों और सार्वजनिक उपक्रमों की बसों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल के बाद समाप्त कर उन्हें कबाड़ घोषित किया जाएगा। 

साथ ही इन सभी कार्यों को रजिस्टर्ड स्टेप सेंटर पर नष्ट किया जाएगा। इसे लेकर परिवहन विभाग ने जम्मू-कश्मीर के सभी विभागों से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का ब्योरा मांगा है। परिवहन विभाग की मानें तो सरकारी विभागों से 15 साल पुराने लगभग सभी वाहनों को हटा दिया गया है। यदि कहीं पर वाहन बचे हैं तो उनकी पहचान की जा रही है। इसके बाद उन्हें नष्ट करने का होगा।


अभी लगेंगे छह माह

गत नवंबर माह में सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट जारी कर जानकारी दी थी कि केंद्र और राज्य सरकारों में इस्तेमाल हो रही 15 साल पुरानी सभी गाड़ियों को स्क्रैप करना जरूरी है। नई नीति के तहत एक अप्रैल से 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का रिन्युअल नहीं होगा। 

15 साल पुराने सभी सरकारी वाहन सड़क से हट जाएंगे। इसके बाद निजी वाहनों को भी हटाए जाने की योजना है। इसका भी ब्योरा खंगाला जा रहा है। इसलिए अभी प्रक्रिया पूरी होने में पांच से छह महीने का समय लग सकता है। जानकारी के मुताबिक जम्मू संभाग में ही लगभग 3.20 लाख पुराने वाहन स्क्रैप की जद में आ रहे हैं।

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नए वाहन खरीद पर मिल रही छूट
पुराना वाहन स्क्रैप कराने और नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में 15 फीसदी की छूट मिलेगी। इसी प्रकार कामर्शियल वाहन पर 10 फीसदी की छूट मिलेगी।

इतना चुकाना होगा नवीनीकरण शुल्क

  • बाइक का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण कराने के लिए 1000 रुपए लगेंगे
  • कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 5000 रुपए शुल्क देना होगा
  • बस व ट्रक का फिटनेस नवीनीकरण सर्टिफिकेट बनाने के लिए 12500 रुपए देने होंगे
  • छोटे मालवाहक यात्री मोटर वाहन के मामले में 10000 रुपए तय किए गए हैं।


अभी विभाग की ओर से सरकारी वाहनों को नष्ट करवाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभागों में 15 साल पुराने लगभग सभी वाहनों को स्क्रैप करवाया जा चुका है। जो शेष हैं, उन्हें भी हटाया जा रहा है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। - जी. प्रशन्ना, परिवहन सचिव, जम्मू-कश्मीर।

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बाइक टैक्सी: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को योजना अधिसूचित करने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया - NDTV India

बाइक टैक्सी: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को योजना अधिसूचित करने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में ऐप आधारित बाइक-टैक्सी सेवा (एग्रीगेटर) को विनियमित करने के लिए ‘दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना' को अंतिम रूप देने के वास्ते आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को दी गयी मोहलत सोमवार को 30 सितंबर तक बढ़ा दी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने समय विस्तार की मांग करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका स्वीकार कर ली.

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पीठ ने कहा, “आवेदन स्वीकार किया जाता है और दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना, 2023 पर अधिसूचना जारी करने के लिए समय सीमा 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ाई जाती है.”

पीठ ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से नीति को अंतिम रूप देने में देरी का कारण पूछा. वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि एक सुदृढ़ नीति पर काम चल रहा है, लेकिन इसमें कुछ और समय लगेगा.

उच्चतम न्यायालय ने 12 जून को उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर ‘रैपिडो' और ‘उबर' को राष्ट्रीय राजधानी में परिचालन की अनुमति दी गई थी और दिल्ली सरकार से कहा गया था कि नयी नीति बनाये जाने तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.

दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश पर रोक लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील की यह दलील भी दर्ज की कि अंतिम नीति को जुलाई के अंत से पहले अधिसूचित किया जाएगा.

शीर्ष अदालत आप सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय के इस आदेश को चुनौती दी गई थी कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.

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बाइक टैक्सी: न्यायालय ने दिल्ली सरकार को योजना अधिसूचित करने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया - NDTV India
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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...