Jamtara : एमवीआई शाहनवाज ने बुधवार 30 मार्च को बिना चालान व ओवरलोडिंग में दो मालवाहक वाहनों को जब्त किया है. झारखंड मोटर वाहन करारोपण अधिनियम के उल्लंघन के जुर्म में वाहन संख्या डब्लूबी 23 ई 5786 को पकड़ा. उसके विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम 1988, झारखंड मोटर करारोपण अधिनियम 2001 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत 02 लाख 15 हजार 900 रुपये जुर्माना किया गया है. वहीं नारायणपुर थाना क्षेत्र से एक वाहन को जब्त कर अगले आदेश तक वाहन को अभिरक्षा में रखने के लिए नारायणपुर थाना को सुपुर्द किया.
क्षमता से अधिक लोडिंग के अलावा परिवहन सुरक्षा के मानकों को पूरा नहीं करने एवं विभिन्न कागजात नहीं होने के कारण वाहन संख्या एनएल 02 क्यू 2996 से 2 लाख 19 हजार 150 रुपये जुर्माना लगाया गया. इस संबंध में मोटरयान निरीक्षक ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. झारखंड मोटर वाहन करारोपण अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर इसी तरह कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने वाहन मालिकों एवं चालकों को सख्त निर्देश दिया कि सभी दस्तावेज दुरुस्त कर ही वाहन को सड़क पर भेजें.
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सरकार ने वाहनों की ‘फिटेनस’ की जांच के लिए एक ऑटोमेटिक जांच केंद्र स्थापित करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव किया. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसने ऑटोमेटिक जांच केंद्रों की मान्यता, नियमन एवं नियंत्रण के लिए नियमों में कुछ खास संशोधन करने को लेकर 25 मार्च 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी. इसे इससे पहले 23 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया था.
बयान में कहा गया, 'ये मसौदा नियम इन पहलुओं में संशोधन करने का प्रस्ताव करते हैं--इन केंद्रों की स्थापना के लिए अर्हता, जांच के नतीजों को उपकरण से सर्वर में ऑटोमेटिक रूप से प्रेषित करने, एक राज्य में रजिस्टर्ड वाहनों को दूसरे राज्य में जांच योग्य बनाना है.' ऑटोमेटिक जांच केंद्र (एटीएस) किसी वाहन की फिटनेस का पता लगाने के लिए विभिन्न जरूरी जांच को ऑटोमेटिक तरीके से करने में मशीनी उपकरण का उपयोग करते हैं.
बयान के मुताबिक कुछ नये उपकरण इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए जोड़े गये हैं. इसमें कहा गया है कि अधिसूचना सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया और सुझाव के लिए 30 दिनों तक लोगों के बीच उपलब्ध रहेगी. सरकार की योजना एटीएस के जरिये वाहनों की फिटनेस जांच को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य करने की है, जिसकी शुरूआत अगले साल अप्रैल से होगी.
मसौदा अधिसूचना के मुताबिक, भारी माल वाहक वाहन और भारी यात्री मोटर वाहन के लिए एटीएस के जरिये फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य हो जाएगा. मध्यम माल वाहक वाहन एवं मध्यम यात्री वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) के लिए फिटनेस जांच एक जून 2024 से अनिवार्य किया जाएगा. वहीं, वाहन कबाड़ नीति एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होगी.
निजी वाहन (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस टेस्टिंग रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के समय (15 वर्ष के बाद) किया जाता है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की थी.
सीतापुर। परिवहन मंत्रालय के नए नियम से वाहन स्वामियों की जेबों पर अब सीधा असर पड़ने जा रहा है। एक अप्रैल से लागू हो रहे नियम के बाद अब पुराने हो चुके वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन कराना काफी महंगा हो जाएगा, इससे जिले के करीब 65 हजार वाहन स्वामियों पर 14 करोड़ का भार पड़ेगा। दरअसल, जिले की सड़कों पर कार और बाइकों से फर्राटा भरने वाले उन वाहन स्वामियों को एक अप्रैल से बड़ा झटका लगेगा, जिनके वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन होना है।
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15 साल पुराने हो चुके निजी और कॉमार्शियल वाहनों का दोबारा पंजीकरण कराने के लिए परिवहन मंत्रालय ने नया नियम लागू कर दिया है। परिवहन विभाग से जुड़े जानकार बताते हैं कि अभी तक 15 साल पुराने हो चुकी कार का 600 और बाइकों का 300 रुपया री-रजिस्ट्रेशन शुल्क पड़ता था, लेकिन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से ऐसे वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नियमों में किए गए बदलाव से वाहन स्वामियों की जेब ढीली होंगी।
उन्हें अब री-रजिस्ट्रेशन के लिए मोटी फीस अदा करनी होगी। बाइकों के दोबारा पंजीकरण के लिए 300 की जगह 1400, कार, ट्रैक्टर के लिए 600 की जगह 5800 देने होंगे। इस तरह से बाइक स्वामी को 1100, जबकि कार और ट्रैक्टर स्वामियों को 5200 का अतिरिक्त फीस चुकानी पड़ेगी। परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी गई नई गाइडलाइन सीतापुर परिवहन विभाग के पास आ चुकी है। एक अप्रैल से ये नियम पूरी तरह से प्रभावी होने जा रहा है।
विभागीय जानकारों के मुताबिक इस नियम की जद में करीब 65 हजार वाहन आ रहे हैं, जिसमें कार, बाइकों से लेकर ट्रैक्टर और अन्य वाहन भी शामिल हैं। बाइकों पर करीब चार गुना, जबकि ट्रैक्टर, कार पर करीब नौ गुना फीस बढ़ाई गई है। एक आंकलन के मुताबिक एक अप्रैल के बाद री-रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 65 हजार वाहन स्वामियों पर 13 करोड़ 97 लाख 33 हजार 100 रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
एआरटीओ प्रशासन माला बाजपेयी ने बताया कि 15 साल पुराने हो चुके निजी और व्यवसायिक वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन के लिए फीस कई गुना बढ़ा दी गई है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के आदेश के बाद एक अप्रैल से नया नियम लागू हो रहा है। वाहनों के फिटनेस कराने पर जोर दिया जाएगा।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के नए नियम से सिर्फ निजी वाहन स्वामियों पर ही इसका असर पड़ने नहीं जा रहा है, बल्कि इसकी जद में 15 साल पुराने हो चुके व्यावसायिक वाहन भी आएंगे। उन्हें री-रजिस्ट्रेशन के लिए भी कई गुना अधिक फीस अदा करनी पड़ेगी। नए आदेश के बाद एक अप्रैल से बाइक के री-रजिस्ट्र्रेशन पर 400 की जगह 1400, तिपहिया वाहनों के लिए 600 की जगह 4300, हल्का मोटर यान 600 की जगह 4300, यात्री/मध्यम मोटर वाहन के दोबारा पंजीकरण पर 800 की जगह 11000, यात्री भारी माल वाहनों पर 800 की जगह 13,500 की फीस देनी पड़ेगी।
नए नियम के लागू होने के बाद इसकी जद में आने वाले व्यावसायिक वाहनों के स्वामियों को अधिक फीस तो चुकानी ही पड़ेगी, जबकि इसी के साथ जिस तारीख से वाहन का पंजीकरण नहीं होगा, उस तारीख लेकर री-रजिस्ट्रेशन कराने की तारीख तक प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा। नियमों में बदलाव के बाद जिन व्यवसायिक वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन होना है, उसमें 63 बसें हैं। 608 ई-रिक्शा, 876 भार वाहन, 291 मोटर कैब, 541 तिपहिया वाहन हैं।
मोटर इंश्योरेंस लेते वक्त आपको कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है इसमें पॉलिसी के फीचर से लेकर क्लेम सेटलमेंट जैसी बातें शामिल हैं.
मोटर इंश्योरेंस में किन बातों का रखें ख्याल
Image Credit source: TV9
रोहन ने नई कार खरीदी है और उन्हें उसका इंश्योरेंस (Insurance) लेना है. वह सोच में डूबे हैं कि कौन सा प्लान लें, कम प्रीमियम में कई प्लान मिल रहे हैं लेकिन क्या वह लेना सही होगा? कम प्रीमियम वाले प्लान में हर तरह का कवरेज शामिल नहीं है. उन्हें क्या पता आगे उस कवरेज की जरूरत पड़े जो इस प्लान में शामिल नहीं है, ऐसे में रोहन क्या करें? कार या बाइक, ट्रक जैसे वाहनों के इंश्योरेंस, वाहन को दुर्घटना, चोरी आदि जैसे नुकसान से वित्तीय सुरक्षा के लिए लिए जाते हैं.मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance) खरीदते समय थर्ड पार्टी कवर, नो क्लेम बोनस, क्लेम (insurance claim) सेटलमेंट रेशियो, पॉलिसी रिन्यूअल, आईडीवी यानी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू जैसी कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए. भारत में कार इंश्योरेंस करीब 2,000 रुपए सालाना से शुरू होता है. वहीं बाइक के मामले में यह कीमत करीब 480 रुपए है.
थर्ड पार्टी कवर और ओन डैमैज कवर को समझें
दुर्घटना की स्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपके वाहन से थर्ड पार्टी को हुई क्षति कवर होती है. लेकिन इसमें आपके या आपके वाहन को पहुंची क्षति से कोई बचाव नहीं मिलता. इसलिए वाहन मालिकों के लिए सही होगा कि वे एक व्यापक इंश्योरेंस पॉलिसी लें जिसमें ऑन डैमेज कवर हो. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल लोकसभा में बताया था कि 2020-21 में देश में 3,78,343 मोटर एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्लेम का निपटान किया गया. इस मद में 57 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा दिया गया.
नो क्लेम बोनस का पूरा इस्तेमाल करें
नो क्लेम बोनस आपकी पॉलिसी का इन-बिल्ट फीचर होता है. आपकी सेफ ड्राइविंग और पॉलिसी ईयर में एक भी क्लेम न होने पर रिन्यूअल के समय फायदा मिलता है, आपको रीन्युअल कराते समय प्रीमियम पर छूट मिलती है.
क्लेम सेटलमेंट रेशियो
यह रेशियो आपको बताता है कि इंश्योरेंस कंपनी ने एक साल में अपने पास आए क्लेम में से कितने क्लेम का निपटान किया. अगर किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90 फीसद से ज्यादा है तो उस कंपनी के द्वारा पेश की जा रही पॉलिसी आपके लिए सही है.
समय पर पॉलिसी रीन्यू न कराया तो होगा नुकसान
इंश्योरेंस खरीदते समय ज्यादातर वाहन मालिक रिन्यूअल के बारे में नहीं सोचते लेकिन यह जानना जरूरी है कि अगर समय पर पॉलिसी रिन्यू नहीं कराई तो आपको क्या नुकसान हो सकता है. साथ ही, भागमभाग की इस दुनिया में रिन्यूअल की तारीख भूल जाना संभव है. लेकिन यह जान लें कि अगर आपने ग्रेस पीरियड के दौरान पॉलिसी रीन्यू नहीं कराया तो आपकी पॉलिसी लैप्स हो जाएगी. इसका मतलब है कि आपका वाहन अनइंश्योर्ड रह जाएगा और उसका काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है. अगर आप ड्यू डेट के बाद रिन्यूल कराते हैं तो इंश्योरेंस कंपनी आपसे फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरने को कहेगी. इस तरह आपने अब तक जो नो-क्लेम बोनस जमा किया था, वह बेकार हो जाएगा. इसलिए समय से कवर रिन्यू कराना सही होता है.
कितने कारगर ऐड ऑन कवर
Policybazaar.com के Head- Motor Renewals, अश्विनी दुबे का कहना है कि कानून के तहत सभी निजी और कमर्शियल वाहनों के लिए वैध थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है. लेकिन आपका वाहन पूरी तरह से सुरक्षित रहे, इसके लिए आपके पास एक व्यापक पॉलिसी होना जरूरी है। इसलिए पॉलिसी में ऐड ऑन कवर्स शामिल करना सही रहता है. ये एडिशनल कवर्स या राइडर्स एडिशनल प्रीमियम के साथ आते हैं और आपके इंश्योरेंस कवरेज को ज्यादा व्यापक बनाते हैं.
मोटर इंश्योरेंस के लिए सबसे अच्छे ऐड-ऑन कवर
ऐसे तो कई ऐड-ऑन कवर उपलब्ध हैं लेकिन हम आपको उन ऐड-ऑन कवर के बारे में बताएंगे जो सबसे अच्छे और कारगर हैं-
1) निल या जीरो डिप्रेसियेशन कवर में क्लेम के समय वाहन के वैल्यू डिप्रेसियेशन को शामिल नहीं किया जाता. इसलिए पॉलिसीधारक को इससे ज्यादा क्लेम अमाउंट मिलता है.
2) अगर आपका वाहन बीच सड़क पर खराब हो जाता है तो रोड असिस्टेंस कवर के तहत इंश्योरेंस कंपनी कम समय में आपके लिए जरूरी सर्विस और मैकेनिक मुहैया कराती है.
3) किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी में इंजन को नॉन-एक्सीडेंटल डैमेज से प्रोटेक्शन नहीं दिया जाता. इंजन प्रोटेक्शन कवर से इंजन में तेल रिसाव या नमी के जमने से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है. इसलिए वाहन अगर पांच साल से कम पुराना है तो यह कवर लेना सही रहता है.
4) टायर प्रोटेक्शन कवर के तहत टायर को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. हालांकि हो सकता है कि इसमें मामूली पंक्चर या मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट शामिल न हों.
5) शोरूम से वाहन के निकलते ही उसकी वैल्यू घटनी शुरू हो जाती है. रिटर्न टू इन्वॉयस कवर के तहत कार के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने की स्थिति में पॉलिसीधारक को वाहन खरीदते समय उसकी जो कीमत थी, उतना कॉम्पन्सेशन मिलता है.
मनी 9 की सलाह
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले उससे जुड़े तमाम पहलुओं को अच्छे से जान लें. अगर आप पहले से जागरूक होंगे तो आप वैसी पॉलिसी खरीदने से बचेंगे जो आपके ज्यादा काम न आए. सही पॉलिसी के साथ आप ऐड-ऑन क्लेम्स भी शामिल कर सकते हैं ताकि आपकी जो भी जरूरतें हैं, वे सारी क्लेम में शामिल हों
Author: JagranPublish Date: Wed, 23 Mar 2022 12:08 AM (IST)Updated Date: Wed, 23 Mar 2022 12:08 AM (IST)
अयोध्या : वाहन स्वामियों पर बड़ी आर्थिक मार पड़ने जा रही है। एक अप्रैल से नई दरें लागू हो जाएंगी। इसके बाद निजी व व्यवसायिक वाहन स्वामियों को अपने वाहनों की फिटनेस, नवीनीकरण के लिए 90 ये 100 गुना ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। यहीं नहीं 15 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर वाहनों का नवीनीकरण कराने पर अतिरिक्त शुल्क के साथ फिटनेस का अतिरिक्त शुल्क और विलंब का प्रतिदिन 50 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में 23 वां संशोधन कर अधिसूचना जारी कर दी है।
नई दरों पर गौर करें तो बाइक के रजिस्ट्रीकरण पर तीन सौ और रजिस्ट्रीकरण के नवीनीकरण पर तीन सौ की जगह अब एक हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा। तीन पहिया निजी वाहनों एवं कार बाइक के रजिस्ट्रीकरण के नवीनीकरण पर छह सौ की जगह नए वित्तीय वर्ष से दो हजार पांच सौ रुपये शुल्क जमा करना होगा। सबसे ज्यादा शुल्क हल्के मोटर वाहन स्वामियों को रजिस्ट्रीकरण के नवीनीकरण पर चुकाना होगा। इन्हें छह सौ रुपये की जगह पांच हजार रुपये जमा करना होगा। मध्यम माल यात्री यान को फिटनेस शुल्क आठ सौ की जगह एक हजार और भारी माल यात्री वाहन को फिटनेस शुल्क आठ सौ की जगह एक हजार पांच सौ रुपये चुकाना होगा। इसके अतिरिक्त 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके निजी वाहनों के नवीनीकरण के लिए उनका परीक्षण किया जाएगा, जिसका फिटनेस शुल्क अलग से निर्धारित किया गया है। बाइक के लिए चार सौ, तीन पहिया वाले क्वाड्रीसाइकिल आठ सौ और स्वचालित वाहन का एक हजार रुपये, मध्यम माल यात्री वाहनों में हस्तचालित आठ सौ और स्वचालित एक हजार तीन सौ रुपये, भारी माल एवं यात्री मोटर यान में हस्तचालित एक हजार एवं स्वचालित वाहन स्वामी को एक हजार पांच सौ रुपये फिटनेस शुल्क जमा करना होगा। परिवहन (ट्रांसपोर्ट) वाहन जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उनके नवीनीकरण के साथ लगने वाला फिटनेस शुल्क कई गुना बढ़ा दिया गया है। तीन पहिया व्यावसायिक वाहन का फिटनेस शुल्क छह सौ की जगह तीन हजार पांच सौ रुपये, हल्के मोटर यान का छह सौ की जगह सात हजार पांच सौ रुपये, मध्यम माल व यात्री मोटर यान का आठ सौ की जगह 10 हजार और भारी माल व यात्री मोटर यान का आठ सौ की जगह 12 हजार पांच सौ रुपये फिटनेस शुल्क जमा करना होगा। फिटनेस की अवधि समाप्त होने के बाद देरी के प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपये अतिरिक्त शुल्क की वसूली की जाएगी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि जारी अधिसूचना के अनुसार संशोधित नई दरें नए वित्तीय वर्ष के शुरू होते ही एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी।
चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने नया वाहन खरीदने पर मोटर वाहन कर (टैक्स) में रियायत देने का फैसला किया है। यह छूट पुराने वाहन को स्क्रैप में देने के बाद नया वाहन खरीदने में मिलेगी। यूटी प्रशासन की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार, एक अप्रैल से लोग इस छूट का लाभ उठा सकेंगे।
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व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी में पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में देने वाले वाहन मालिकों को इंसेंटिव देने के लिए यह छूट देने की व्यवस्था की गई है। कंडम हुए पंजीकृत वाहन के जमा करने पर जारी प्रमाणपत्र को दिखाकर यह छूट प्राप्त की जा सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 5 अक्टूबर 2021 को अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि नया वाहन खरीदते समय मोटर व्हीकल टैक्स में छूट तभी दी जा सकेगी, जब वाहन के मालिक को रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैप सुविधा (आरवीएसएफ) के तहत सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी) जारी किया गया हो। तब टैक्स में 15 साल पुराने नॉन-ट्रांसपोर्ट (पर्सनल) वाहनों पर 25 प्रतिशत और 8 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों के लिए 15 प्रतिशत छूट दी जा सकेगी।
आठ साल बाद कॉमर्शियल वाहनों को रोड टैक्स में नहीं मिलेगी छूट
अधिसूचना के अनुसार, नए नियमों को सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (24वां संशोधन) नियम 2021 कहा जाएगा और ये एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि कॉमर्शियल वाहनों को 8 साल बाद रोड टैक्स में कोई छूट नहीं मिलेगी। इसी प्रकार पर्सनल वाहनों को 15 साल बाद रोड टैक्स में मिलने वाली छूट उपलब्ध नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल अगस्त में लांच की गई नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत एक अप्रैल 2023 से भारी कॉमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस टेस्टिंग करवाना अनिवार्य होगा। अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए यह चरणबद्ध तरीके से 1 जून 2024 से अनिवार्य होगा।
1 अप्रैल 2022 से केंद्रीय मोटरयान अधिनियम लागू होने जा रहा है। जिसके अंतर्गत अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों को कबाड़ी के सर्टिफिकेट के बाद छूट मिलेगी। यह प्रमाण पत्र आरटीओ ऑफिस में जमा कराना पड़ेगा। कबाड़ का काम करने वालों का भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
कानपुर
Published: March 21, 2022 08:22:26 am
केंद्रीय मोटर यान अधिनियम के अंतर्गत अब आपके वाहन की उम्र निर्धारित कर दी गई है। निर्धारित किए गए उम्र से ज्यादा होने पर वाहन को कानूनन चलने का अधिकार नहीं होगा। सरकार इसे सख्ती से लागू करने जा रही है। अब केंद्रीय मोटर अधिनियम के अंतर्गत कमर्शियल और निजी वाहनों के लिए अलग-अलग उम्र सीमा निर्धारित की गई है। अपनी उम्र सीमा प्राप्त कर चुके वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नई नीति आई है। कबाड़ घोषित होने के बाद नए वाहनों की खरीद पर छट की भी व्यवस्था की गई है। कबाड़ का काम करने वालों को भी अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगा और इसका सर्टिफिकेट आरटीओ द्वारा जारी किया जाएगा। आरटीओ इस संबंध में कबाड़ का काम करने वालों से ऑनलाइन आवेदन मांग रहा है।
Pattrika
केंद्रीय मोटर अधिनियम लागू हो रहा है जिसके अंतर्गत वाहनों को कंडम घोषित करने का नियम बुलाया गया है। 1 अप्रैल 2022 से लागू होने वाले केंद्रीय मोटर अधिनियम के अंतर्गत कमर्शियल वाहनों की उम्र 15 साल और निजी वाहनों की उम्र 20 साल तय की गई है। अपनी उम्र सीमा पार कर चुके वाहनों को कंडम घोषित करने की भी नई नीति आई है। जिसका पालन करने के बाद वाहनों की खरीद पर छूट मिलेगी। छूट की भी समय सीमा का निर्धारण किया गया है। कबाड़ घोषित होने के बाद सर्टिफिकेट की वैधता 2 साल की होगी। सर्टिफिकेट जारी होने के 2 साल के अंदर यदि वाहन स्वामी नया वाहन खरीदना है। तो उसे 5 फ़ीसदी की छूट मिलेगी।
प्रमाण पत्र देने के लिए कबाड़ का काम करने वालों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। एआरटीओ प्रशासन सुधीर वर्मा ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कबाड़ खरीदने वालों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया जाएगा। विभाग द्वारा इसका लाइसेंस जारी होगा। जिसके बाद कबाड़ी को खरीदते के समय वाहन के विषय में पूरी जानकारी प्रमाण पत्र में देना होगा। जिसमें इंजन, चेसिस नंबर, नंबर प्लेट आदि जमा कराना होगा। आवश्यक दस्तावेज जमा कराने के बाद पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा।
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Indore RTO: इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि। हल्के ट्रांसपोर्ट वाहनों के लाइसेंस धारकों के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल ऐसे लाइसेंसधारी जब अपना लाइसेंस नवीनीकरण करवाने जा रहे है, तो वहां से उनके सामान्य श्रेणी हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) के लाइसेंस बन कर आ रहे हैं। अब ऐसे में उनका आटो रिक्शा और टैक्सी चलाना मुश्किल हो जाएगा। इस कारण लोग परेशान हो रहे हैं। अधिकारी भी इस संबध में कुछ भी नहीं कह पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बीते माह से ही आरटीओ की लाइसेंस की नवीनीकरण और डुप्लीकेट प्रति निकलवाने की व्यवस्था को केन्द्र सरकार के सारथी सर्वर पर डाल दिया गया है। जिसमें अब आवेदक आनलाइन ही यह प्रक्रिया कर सकते है। एजेंटों का कहना है कि इसमें कई दिक्कतें भी आ रही हैं।
सबसे अधिक दिक्कत आटो रिक्शा और टैक्सी चालकों के सामने है। दरअसल इन लोगों के पास हल्के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने की श्रेणी का लाइसेंस होता हैं। जिसे प्रोफेशनल लाइसेंस भी कहा जाता है। जब यह लोग इसे रिन्यू कर रहे है,तो वहां से जो लाइसेंस बन कर आ रहा है वह हल्के मोटर व्हीकल चलाने का है। ऐसे में इन लोगों के सामने दिक्कत हो गई है। इस संबध में कुछ लोगों ने अधिकारियों से बात की तो वहां से भी सही जानकारी नहीं मिल पाई है। अब इन लोगों के सामने डर है कि पुलिस चैकिंग में उनके चालान बन जाएंगे।
इसलिए हो रहा ऐसा
मामले में परिवहन विभाग के सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने तीन साल पहले एक नोटिफिकेशन जारी कर प्रोफेशनल लाइसेंस की श्रेणी को समाप्त कर दिया था। जिसमें कहा गया था कि टैक्सी चलाने के लिए अब प्रोफेशनल लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। एलएमवी लाइसेंस धारक भी यह गाड़ी चला सकेंगे। इधर प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया। चूकिं अब व्यवस्था केन्द्र के सारथी सर्वर पर चली गई है,तो वह व्यवस्था लागू हो गई है।
जापान ने भारत में अगले 5 साल के दौरान 3.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य का ऐलान किया है, इसके साथ ही क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप भी शुरू की है.
सुजुकी मोटर भारत में करेगी 1.26 अरब डॉलर का निवेश
जापानी वाहन निर्माता सुजुकी मोटर (Suzuki Motor) कॉरपोरेशन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) और बैटरी के निर्माण के लिए 1.26 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है. गुजरात में सुजुकी की ऑटोमोबाइल विनिर्माण इकाई के पास बैटरी संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है और नए संयंत्र पर कुल निवेश (Investment) लगभग 150 अरब येन यानि करीब 1.26 अरब डालर होने का अनुमान है, कंपनी इस निवेश के जरिये और भारत में ईवी के उत्पादन को बढ़ाएगी. ये जानकारी निक्केई बिजनेस की रिपोर्ट में दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा की बैठक के दौरान घोषित जापानी निवेश का हिस्सा है. रिपोर्ट पर सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) की सहायक कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई.
अक्टूबर 2019 में हुआ था समझौता
अक्टूबर 2019 में, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स पावर प्राइवेट लिमिटेड (ऐआपीपीएल) और जापान के तोशीबा कॉर्पोरेशन , डेंसो कॉर्पोरेशन और एसएमसी के बीच एक संयुक्त उद्यम ने अहमदाबाद जिले के हंसलपुर में लिथियम-आयन बैटरी प्लांट के लिए दो चरणों में 4,930 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. यह विशेष रूप से भारत में ईवी क्षेत्र में प्रवेश करने की सुजुकी समूह की योजना का एक हिस्सा है. मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि कंपनी 2025 तक अपने इलेक्ट्रिक वाहन को लॉन्च कर सकती है.
भारत और जापान के बीच समझौतों का ऐलान
भारत और जापान ने शनिवार को अपनी द्विपक्षीय साझेदारी के विस्तार के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी, चार्जिंग स्टेशनों और सौर ऊर्जा के विकास सहित स्टोरेज प्रणालियों के क्षेत्रों में सहयोग की घोषणा की. अपनी स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (सीईपी) के तहत, दोनों देशों ने इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी सहित भंडारण प्रणालियों, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर ऊर्जा के विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग की घोषणा की. दोनो देशों के एक संयुक्त बयान में कहा गया, “इसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, इन क्षेत्रों में भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करना और साथ ही अनुसंधान एवं विकास में सहयोग को बढ़ावा देना है. जापान ने शनिवार को मोदी और किशिदा के बीच बातचीत के बाद अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश लक्ष्य की घोषणा की.
Author: Atul YadavPublish Date: Thu, 17 Mar 2022 03:26 PM (IST)Updated Date: Thu, 17 Mar 2022 03:26 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जिनके पास विदेशी नंबर की कार है या जो लोग विदेशी नंबर की कार खरीदकर भारत में लाना चाहते हैं, उनके लिए सरकार नया यातायात नियम लेकर आई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने गुरुवार को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने या चलने पर अन्य देशों में पंजीकृत निजी वाहनों की आवाजाही को औपचारिक रूप देने का प्रस्ताव दिया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार विदेशी प्राइवेट गाड़ियां को देश में औपचारिक रूप से चलने के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की गयी है। इन नियमों में अन्य देशों में पंजीकृत गैर-परिवहन (व्यक्तिगत) वाहनों के भारत में प्रवेश करने या चलने संबंधी आवाजाही को औपचारिक रूप देने का प्रस्ताव है।
देश में रहने की अवधि के दौरान अंतर-देशीय गैर-परिवहन वाहन नियमों के तहत चलने वाले वाहन (वाहनों) में निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए इसके बाद ही आप भारतीय सड़कों पर बेफिक्री से घूम सकते हैं।
(i) वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र।
(ii) वैध ड्राइविंग लाइसेंस या अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट, जो भी लागू हो।
(iii) वैध बीमा पॉलिसी।
(iv) वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (यदि मूल देश में लागू हो)।
यदि उपरोक्त दस्तावेज अंग्रेजी के अलावा किसी अन्य भाषा में हैं, तो एक अधिकृत अंग्रेजी अनुवाद, जारीकर्ता प्राधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित, मूल दस्तावेजों के साथ होना चाहिए। भारत के अलावा किसी अन्य देश में पंजीकृत मोटर वाहनों को भारत के भीतर स्थानीय यात्रियों और सामानों के परिवहन की अनुमति नहीं होगी। भारत के अलावा किसी अन्य देश में पंजीकृत मोटर वाहनों को भारत के मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 118 के नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक होगा।
आपको बता दें कि एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में MoRTH ने कहा कि अंतर-देश गैर-परिवहन वाहन नियमों के तहत भारतीय क्षेत्र में चलने वाले वाहन के पास एक वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र होना चाहिए। सड़क पर वाहन चलाते समय वैध बीमा पॉलिसी और अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।
पुणे में वाहनों की होगी सार्वजनिक ई-नीलामी, आम लोग ले सकते हैं भाग 
मुख्य बातें
पुणे में 14 से 20 मार्च तक होगी वाहनों की नीलामी
सार्वजनिक और ऑनलाइन होगी नीलामी प्रक्रिया
सार्वजनिक ई-नीलामी में आम लोग ले सकते हैं भाग
Pune Vehicle Auction: पुणे में वाहनों की नीलामी होगी। पिंपरी चिंचवड़ उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में 23 मार्च को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक 18 वाहनों की सार्वजनिक ई-नीलामी की जाएगी। जिन्होंने मोटर वाहन कर का भुगतान नहीं किया है और मोटर वाहन अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के तहत जो वाहन जब्त किए गए हैं, उन्हे नीलामी में शामिल किया जाएगा। नीलामी के लिए वाहन 11 मार्च से 22 मार्च तक कार्यालय समय के दौरान उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय,मोशी प्राधिकरण पिंपरी चिंचवाड़ परिसर में निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं। इसमें बसें,ट्रक,डी. वैन,पर्यटक टैक्सी,रिक्शा,जेसीबी शामिल हैं। ई-नीलामी की तिथि तक वाहन कर का भुगतान करने का अवसर होगा।
बता दें कि, नीलामी ऑनलाइन यानी ई-नीलामी होगी। ई-नीलामी के लिए वाहनों की सूची कलेक्ट्रेट पुणे, पुणे शहर और हवेली,जुन्नर,मावल,मुलशी, खेड़,जुन्नर,अंबेगांव तहसीलदार और पिंपरी चिंचवड उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी गई है। इस बार ये सार्वजनिक भी की जाएगी। इसमें आम लोग भाग ले सकते हैं। सार्वजनिक ई-नीलामी में 14 से 20 मार्च तक आम लोग भाग ले सकते है।
नीलामी के नियम एवं शर्ते नोटिस बोर्ड पर उपलब्ध
उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के मामले क्षेत्र में 14 से 21 मार्च तक पंजीकरण के बाद प्रत्येक वाहन के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ’उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पिंपरी चिंचवड़’ के नाम से 50,000 रुपये की जमा राशि अनुमोदन के लिए देनी होगी। नीलामी के नियम एवं शर्ते 11 मार्च को प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक कार्य दिवसों में उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय पिंपरी चिंचवड के नोटिस बोर्ड पर उपलब्ध रहेंगे। कर प्राधिकरण और उप-क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने कहा कि, वाहनों को सार्वजनिक ई-नीलामी के माध्यम से जैसा है के आधार पर बेचा जाएगा। इस नीलामी में आम जनता ऑनलाइन ही बोली लगा सकती है। इसकी सारी जानकारी पिंपरी चिंचवड उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाई गई है।
12 मार्च को कानपुर नगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित की गई सुनवाई में सैकड़ो फरियादी पहुँचे। राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जनपद न्यायाधीश मयंक कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार के दिन अस्सी हजार मामलों का निस्तारण करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिला जज की अध्यक्षता में लगी लोक अदालत,
राष्ट्रीय लोक अदालत के अध्यक्ष जिला जज मयंक कुमार ने बताया की लोक अदालत के बारे में लोगो को पता चले इसके लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया गया। उन्होंने बताया की मोटर वाहन दुर्घटना, मोटर एक्ट, दीवानी और फैमली कोर्ट के मामलों के साथ अन्य मामलों को एक साथ सुना गया। एक ही प्लेटफार्म पर निस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया।
80 हजार मामलों के निपटारे का रहा लक्ष्य,
जिला जज ने बताया कि लोक अदालत का सबसे ज्यादा लाभ उन आम आदमियों को मिलता है, जो छोटे-छोटे मामलों में कोर्ट के चक्कर लगाते हैं। लोक अदालतों के माध्यम से ऐसे मामलों का निस्तारण एक ही टेबल पर तुरंत किया जाता है। उनका कहना था की इसका सबसे बड़ा लाभ आम जनता को यह है की उनके छोटे मामलों के लिए बार-बार कोर्ट नहीं आना पडेगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में ऐसे मामले अंतिम रूप से निस्तारित हो जाते है। इसके साथ ही दीवानी में जो मामले है उनकी कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान भी है।
Motor Vehicles Agreement: भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान ने यात्री एवं माल वाहक प्रोटोकॉल पर चर्चा की तथा कारोबार को सुगम बनाने एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा देने हेतु मोटर वाहन समझौता (एमवीए) को शीघ्रता से लागू करने की आवश्यकता पर सहमति जतायी.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान ने 7-8 मार्च को भूटान, बांग्लादेश, भारत एवं नेपाल मोटर वाहन समझौता (बीबीआईएन एमवीए) पर बैठक की. इस बैठक में भूटान ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया.
इस बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्मिता पंत ने किया तथा बांग्लादेश शिष्टमंडल का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया महानिदेशक ए टी एम रकीबुल हक, नेपाली शिष्टमंडल का नेतृत्व परिवहन एवं आधारभूत ढांचा मंत्री केशव कुमार शर्मा और भूटान के शिष्टमंडल का नेतृत्व भूटानी दूतावास के प्रथम सचिव थिनले नोयबू ने किया.
इस बैठक में कहा गया है कि बीबीआईएन एमवीए समझौता को लागू करने हेतु उच्च स्तर पर व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया गया तथा इसको लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप दिया गया जिस पर हस्ताक्षर किये जायेंगे.
बयान के मुताबिक, इस बैठक में यात्री एवं माल वाहक प्रोटोकॉल पर चर्चा हुई जो भारत, बांग्लादेश, नेपाल एवं भूटान के बीच यात्री एवं माल वाहक यातायात परिवहन के नियमन के उद्देश्य से बीबीआईएन एमवीए समझौते को लागू करने के लिये जरूरी है. इस समझौते पर 15 जून 2015 को हस्ताक्षर किये गए थे.
बयान के मुताबिक, सभी देशों ने कारोबार को सुगम बनाने और लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा देने हेतु मोटर वाहन समझौता (एमवीए) को शीघ्रता से लागू करने की जरूरत बतायी.
Author: Naveen DalalPublish Date: Sat, 12 Mar 2022 08:12 AM (IST)Updated Date: Sat, 12 Mar 2022 08:12 AM (IST)
हिसार, जागरण संवाददाता। ओवरलोडिंग व अवैध वाहनों पर नकेल कसने व सरकार को चालानों से होने वाले राजस्व में वर्ष 2021-22 में हिसार जिला हरियाणा में प्रथम स्थान पर आया है। जहां 2018-19 में चालानों से सरकार को 4.65 करोड़ रुपये, 2019-20 में 3.03 करोड़ रुपये का राजस्व मिला तो अबकी बार वित्तीय वर्ष 2021-22 में फरवरी तक बढ़कर 22 करोड़ 32 लाख तक का राजस्व सरकारी खजाने में पहुंचा है। वहीं दूसरे जिलों से तुलना की जाए तो हिसार के बाद गुरूग्राम जैसे जिले में 17 करोड़, चरखी दादरी 14 करोड़, फरीदाबाद सात करोड़ और नूंह का 6.07 करोड़ राजस्व का योगदान रहा है। हिसार पहले के वर्षों में जहां 10वें से 12वेें स्थान पर रहता था वहीं अब वह पिछले वित्त वर्ष में प्रथम स्थान पर रहा है।
ऐसे कानून तोड़ने वालों पर कसा गया शिकंजा
इसके लिए हिसार प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण कार्यालय सचिव डा. सुनील कुमार ने बताया कि सबसे पहले रोड इन्फोर्समेंट के माध्यम से सड़क पर अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लगाई गई तभी इस लक्ष्य को पाया गया। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा को आगे बढ़ाना और मोटर वाहन अधिनियम को लागू करना वाहनों पर कार्रवाई के बाद ही संभव हो सका। इस कार्रवाई में मुख्य रूप से इस दौरान जो चालान हुए वह ओवरलोडिंग, मोटर वाहन टैक्स न भरने, परमिट की शर्तों को तोड़ना, एचएसआरपी न लगाना व अन्य मोटर वाहन अधिनियम के नियमों को तोड़ने वालों के चालान किए गए थे। सिर्फ यह नहीं बल्कि इसके साथ ही पिछले वर्ष में आडिट में भी हिसार ने अग्रणी कार्य करते हुए पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक आडिट पैरों की रिकवरी की।
कहां से कितना राजस्व आया
चालानों के अतिरिक्त हिसार के आरटीए कार्यालय के अधीन मोटर वाहन टैक्स से लगभग 41 करोड़ का राजस्व आया जबकि रिविन्यू रिसिप्ट से लगभग 9 करोड़ का राजस्व मिला। इसके अतिरिक्त पिछले राजस्व वर्ष में लगभग 11 मासिक जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें हुई जिसमें सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नए तरह के व अभिनव तरीेकों व संबंधित विभाग की जिम्मेदारी को भी फिक्स किया गया । इसके अतिरिक्त चालकों की क्षमता बढ़ाने के लिए स्किल इंडिया मिशन के साथ भी आरटीए कार्यालय द्वारा कार्य किया गया।
First Published: March 10, 2022 | Last Updated:March 10, 2022
बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल (BBIN) मोटर वाहन समझौते (MVA) पर 2015 में सभी चार BBIN देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है।
BBIN MVA
BBIN मोटर वाहन समझौते (MVA) पर जून 2015 में थिम्पू, भूटान में BBIN परिवहन मंत्रियों की बैठक में हस्ताक्षर किए गए थे। BBIN MVA इन चार देशों को कार्गो और यात्रियों के परिवहन के लिए एक दूसरे के देश में अपने वाहनों को चलाने की अनुमति देगा।
दूसरे देश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए, वाहनों को एक ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
इस समझौते के तहत, सीमा पर एक देश के ट्रक से दूसरे देश के ट्रक में माल के ट्रांस-शिपमेंट की कोई आवश्यकता नहीं है। मालवाहक वाहनों पर इलेक्ट्रॉनिक सील लगेगी ताकि उन्हें ट्रैक किया जा सके। हर बार कंटेनर का दरवाजा खुलने पर रेगुलेटर अलर्ट हो जाएंगे।
चूंकि कार्गो वाहनों में GPS ट्रैकिंग डिवाइस के साथ इलेक्ट्रॉनिक सील लगी होती है, इसलिए सीमा पर सीमा शुल्क निकासी की आवश्यकता नहीं होती है।
BBIN MVA का अनुसमर्थन
एक बार सभी चार देशों द्वारा समझौते की पुष्टि हो जाने के बाद, यह लागू हो जायेगा। बांग्लादेश, भारत और नेपाल ने इस समझौते की पुष्टि की है।
विपक्षी दलों की आपत्तियों के कारण भूटान ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। नवंबर 2016 में भूटानी संसद के ऊपरी सदन ने इस समझौते को खारिज कर दिया था।
भूटान अपने देश में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या को सीमित करना चाहता है। भूटान को पर्यावरण को होने वाले नुकसान और भूटानी ट्रक ड्राइवरों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता है।
भूटान और भारत के बीच पहले से ही एक द्विपक्षीय समझौता है जो दोनों देशों के बीच वाहनों की निर्बाध आवाजाही की अनुमति देता है।इसलिए, BBIN समझौते की पुष्टि नहीं करने के भूटान के फैसले का असर केवल नेपाल और बांग्लादेश के साथ उसके व्यापार पर पड़ेगा।
हाल का समझौता ज्ञापन
8 मार्च 2022 को भारत, बांग्लादेश और नेपाल ने नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में BBIN MVA को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया। इसबैठक में प्रतिनिधियों द्वारा यात्री और कार्गो प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने के लिए विशिष्ट कदमों और समयसीमा पर चर्चा की गई।
इस बैठक को तकनीकी और ज्ञान सहायता एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा प्रदान की गई।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र में क्षेत्रीय व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए समझौते को जल्द से जल्द लागू करना महत्वपूर्ण है।
भारत, बांग्लादेश और नेपाल की दो दिवसीय BBIN बैठक कल नई दिल्ली में संपन्न हुई। भूटान ने पर्यवेक्षक देश के रूप में बैठक में भाग लिया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्री वाहन, व्यक्तिगत वाहन और माल ढ़ुलाई वाहनों के यातायात नियमन के BBIN मोटर वाहन समझौते पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई। उसने कहा कि बैठक में BBIN समझौता ज्ञापन पर भारत, बांग्लादेश और नेपाल द्वारा अंतिम रूप दिया गया। भूटान द्वारा मोटर वाहन समझौता लंबित है। प्रतिनिधिमंडलों ने उच्च स्तर पर की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लेख करते हुए इसके कार्यान्वयन को गति देने के लिए जल्द से जल्द समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने व्यापार और लोगों के आपसी संपर्क को सुगम बनाने के लिए निर्बाध आवाजाही संबंधी समझौते को तेजी से संचालित करने के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्मिता पंत ने जबकि बांग्लादेश के शिष्टमंडल का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया मामले के महानिदेशक ए.टी.एम. रोकेबुल हक ने किया। नेपाली पक्ष का नेतृत्व वहां के आधारभूत ढ़ांचे और परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव केशब कुमार शर्मा ने और भूटानी पर्यवेक्षक दल का नेतृत्व नई दिल्ली में रॉयल भूटानी दूतावास के प्रथम सचिव थिनले नोरबू ने किया।
Vehicle Fitness Certificate: वाहन मालिकों के लिए एक जरूरी खबर आई है. वाहन मालिकों के लिए गाड़ियों से जुड़ा एक नया मसौदा नियम आया है. देश में वाहनों को अब फिटनेस प्रमाण पत्र (Vehicle Fitness) और मोटर वाहन का पंजीकरण चिह्न (Registration Mark) निर्धारित तरीके से वाहनों पर दिखाना होगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरूवार को जारी एक मसौदा अधिसूचना में यह जानकारी दी है.
मंत्रालय ने अपने बयान में ये जानकारी दी
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारी माल/यात्री वाहनों, मध्यम माल/यात्री वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के मामले में फिटनेस प्रमाण पत्र और पंजीकरण चिन्ह को ‘विंड स्क्रीन’ के बाईं ओर के ऊपरी किनारे पर दिखाना होगा.
वहीं ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, ई-कार्ट और क्वाड्रिक साइकिल को इसे सही से लग पाने की स्थिति में विंड स्क्रीन के बाईं ओर के ऊपरी किनारे पर लगाना होगा. हालांकि यह जरूरी है कि वह साफ-साफ दिखाई दे.
मोटरसाइकिल को लेकर ये है निर्देश
मोटरसाइकिल को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में इसे वाहन के साफ दिखाई देने वाले हिस्से पर प्रदर्शित किया जाएगा. मंत्रालय के अनुसार इसे ‘एरियल बोल्ड स्क्रिप्ट’ में नीले रंग की पृष्ठभूमि पर पीले रंग में दर्शाया जाएगा.
इसी तरह 1,000cc से 1,500cc वाली प्राइवेट कारों पर अब 3,221 रुपये के बदले 3,416 रुपये की दर से थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम लागू होगा। जबकि 1,500cc से ऊपर की कार के मालिकों को 7,890 रुपये के जगह 7,897 रुपये का प्रीमियम चुकाना होगा।
दोपहिया वाहनों की बात करें तो, 150cc से 350cc के बीच आने वाले दोपहिया वाहनों के लिए प्रीमियम दर 1,366 रुपये का होगा, वहीं 350 सीसी से अधिक क्षमता के दोपहिया वाहनों के लिए संशोधित प्रीमियम दर 2,804 रुपये का होगा। कोरोना महामारी के कारण नए प्रीमियम दरों को दो साल की देरी से लागू किया जा रहा है।
इससे पहले, बीमा नियामक IRDAI द्वारा थर्ड पार्टी दरों को अधिसूचित किया गया था। यह भी पहली बार है कि सड़क परिवहन मंत्रालय बीमा नियामक के परामर्श से थर्ड पार्टी मोटर वाहन बीमा दरों को अधिसूचित करेगा।
अधिसूचना के अनुसार, इलेक्ट्रिक निजी कारों, इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों और इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के लिए 15 प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव है।
थर्ड पार्टी बीमा कवर दुर्घटना में शामिल अन्य वाहनों के लिए होता है, यह अनिवार्य बीमा कवर है। वाहन खरीदते समय वाहन मालिक को खुद के डैमेज कवर के साथ दूसरे वाहनों के डैमेज क्लेम को पूरा करने के लिए थर्ड पार्टी बीमा कवर लेना पड़ता है।
यह बीमा कवर किसी सड़क दुर्घटना के कारण किसी तीसरे पक्ष, आम तौर पर एक इंसान को होने वाली किसी भी क्षति के लिए है। मंत्रालय ने 14 मार्च तक प्रभावित होने वाले सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।
मुंबईः देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में तेजी के साथ फरवरी 2022 में मोटर वाहन (ऑटोमोटिव) इंजीनियरों की मांग जनवरी 2022 की तुलना में आठ प्रतिशत बढ़ गई। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। नौकरी की जानकारी देने वाला मंच मॉन्स्टरडॉटकॉम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईवी बाजार में पिछले वर्ष वृद्धि के साथ वाहन, सहायक और टायर उद्योग में फरवरी 2022 के दौरान जनवरी की तुलना में सात प्रतिशत की वृद्धि देखी है। मॉन्स्टरडॉटकॉम की यह रिपोर्ट उसके मंच पर फरवरी में मौजूद नौकरी की मांग के आधार पर है।
रिपोर्ट में कहा गया कि डिजिटलीकरण और तकनीक कौशल के लिए उच्च आवश्यकताओं के साथ सही कौशल सेट और प्रतिभा प्राप्त करना ऑटो उद्योग में भर्ती करने वालों के लिए जरुरी पहलू हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस प्रतिभा से युक्त इंजीनियर का एक वर्ग, विशेष रूप से ईवी उद्योग में 'ग्रीन इंजीनियर्स' के रूप में भी जाना जाने लगा है। रिपोर्ट में कहा गया कि मोटर वाहन उद्योग में इस तरह की प्रतिभा की मांग फरवरी 2022 के दौरान सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी की कई लहरों के दौरान ऑटो इंजीनियरों की मांग में उतार-चढ़ाव रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2022 के दौरान बेंगलुरु और दिल्ली में मोटर वाहन इंजीनियरों की सबसे ज्यादा मांग देखी गई।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी पर लगा ब्रेक, इस सप्ताह आई 1.425 अरब डॉलर की कमी
New motor vehicle rules 2022: अगर आपके पास वाहन है तो ये जरूरी खबर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के नए नियमों के मुताबिक, अब गाड़ियों के अगले शीशे पर दो तरह की सूचनाएं देना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन पर कार्रवाई हो सकती है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर।
नई दिल्ली
Published: March 03, 2022 08:00:00 pm
पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली। वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर है। अब वाहनों के विंडस्क्रीन पर फिटनेस प्रमाणपत्र और मोटर वाहन पंजीकरण का चिन्ह दिखाना अनिवार्य हो गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को एक मसौदा अधिसूचना जारी करते हुए यह जानकारी दी है। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई हो सकती है। इस प्रकार जितनी जल्दी हो, अपने वाहन के अगले शीशे पर दोनो जानकारियां दर्ज करें।
फाइल फोटो।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के निर्देशन में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की ओर से जारी मसौदा अभिसूचना के अनुसार, वाहन के विंडस्क्रीन पर दिनांक, माह और वर्ष के प्रारूप में फिटनेस प्रमाण पत्र की वैधता की सूचना देनी होगी। इसके अलावा मोटर वाहन का पंजीकरण चिह्न भी निर्धारित तरीके से वाहनों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि भारी माल, यात्री वाहनों, मध्यम माल, यात्री वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के मामले में इसे विंड स्क्रीन के बाईं ओर के ऊपरी किनारे पर नीले रंग की पृष्ठिभूमि में पीले रंग में टाइप एरियल बोल्ड स्क्रिप्ट में प्रदर्शित किया जाएगा। इसी तरह ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, ई-कार्ट और क्वाड्रिक साइकिल में यदि विंड स्क्रीन फिट है तो स्क्रीन के बाईं ओर के ऊपरी किनारे पर सूचना प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा मोटरसाइकिल के मामले में इसे वाहन के साफ दिखाई देने वाले हिस्से पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसे टाइप एरियल बोल्ड स्क्रिप्ट में नीले रंग की पृष्ठभूमि पर पीले रंग में प्रदर्शित किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह सूचना सार्वजनिक कर दी है।
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New motor vehicle rules 2022 Mandatory to show fitness certificate | वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर, अब गाड़ी के शीशे पर 2 चीजें लगाना अनिवार्य - Patrika News Read More
पटना. पटना हाईकोर्ट ने बिहार मोटर वाहन कानून 1992 के प्रावधानों में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई की। रेणु देवी याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह जवाब देने का निर्देश दिया।
कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पुष्कर नारायण शाही ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 11 अगस्त, 2021 को बिहार गजट में अधिसूचना के रूप में प्रकाशित किये गए संशोधन रूल 2021को लागू नही करने का निर्देश सरकार को दिया जाए।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व के कानून में क्लेम केस में दावेदार को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का एडवोकेट नियुक्त करने और अपनी पसंद का क्लेम ट्रिब्यूनल चुनने का अधिकार एम वी एक्ट, 1988 की धारा 166 के अनुसार दिया गया है। भले ही दुर्घटना कही भी घटित हुआ हो।इसलिए लोकहित में पूर्व के कानून को ही बरकरार रखने का निर्देश दिया जाय। अधिवक्ता शाही ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस तरह के गैर कानूनी नियमों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की आवश्यकता है।
अगर इस पर रोक नही लगाई गई, तो मोटर वाहन दुर्घटना के हजारों पीड़ितों को काफी कठिनाइयां होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुनने के बाद महाधिवक्ता को कहा कि वे 2 सप्ताह में इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करें। इस मामले पर अगली सुनवाई 30 मार्च 2022 को की जाएगी।
भुवनेश्वर, 26 फरवरी (भाषा) ओडिशा मोटर वाहन विभाग के एक सहायक उप-निरीक्षक को 2.24 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में शनिवार को सतर्कता अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता निदेशालय ने यह जानकारी दी।
झारसुगुड़ा में मोटर वाहन विभाग के एएसआई हरेकृष्ण नायक के पास आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति होने की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को छह स्थानों पर तलाशी ली गई थी।
निदेशालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अधिकारी की चल-अचल संपत्ति में तीन दो मंजिला इमारतें, पांच भूखंड और 4.46 लाख रुपये नकदी शामिल है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि नायक के पास 2.24 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 440 प्रतिशत अधिक है। नायक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
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