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Thursday, March 24, 2022

खरीदने जा रहें हैं मोटर इंश्योरेंस, बेहतर डील के लिये इन बातों का रखें हमेशा ध्यान - TV9 Bharatvarsh

मोटर इंश्योरेंस लेते वक्त आपको कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है इसमें पॉलिसी के फीचर से लेकर क्लेम सेटलमेंट जैसी बातें शामिल हैं.

खरीदने जा रहें हैं मोटर इंश्योरेंस, बेहतर डील के लिये इन बातों का रखें हमेशा ध्यान

मोटर इंश्योरेंस में किन बातों का रखें ख्याल

Image Credit source: TV9

रोहन ने नई कार खरीदी है और उन्हें उसका इंश्योरेंस (Insurance) लेना है. वह सोच में डूबे हैं कि कौन सा प्लान लें, कम प्रीमियम में कई प्लान मिल रहे हैं लेकिन क्या वह लेना सही होगा? कम प्रीमियम वाले प्लान में हर तरह का कवरेज शामिल नहीं है. उन्हें क्या पता आगे उस कवरेज की जरूरत पड़े जो इस प्लान में शामिल नहीं है, ऐसे में रोहन क्या करें? कार या बाइक, ट्रक जैसे वाहनों के इंश्योरेंस, वाहन को दुर्घटना, चोरी आदि जैसे नुकसान से वित्तीय सुरक्षा के लिए लिए जाते हैं.मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance) खरीदते समय थर्ड पार्टी कवर, नो क्लेम बोनस, क्लेम (insurance claim) सेटलमेंट रेशियो, पॉलिसी रिन्यूअल, आईडीवी यानी इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू जैसी कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए. भारत में कार इंश्योरेंस करीब 2,000 रुपए सालाना से शुरू होता है. वहीं बाइक के मामले में यह कीमत करीब 480 रुपए है.

थर्ड पार्टी कवर और ओन डैमैज कवर को समझें

दुर्घटना की स्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपके वाहन से थर्ड पार्टी को हुई क्षति कवर होती है. लेकिन इसमें आपके या आपके वाहन को पहुंची क्षति से कोई बचाव नहीं मिलता. इसलिए वाहन मालिकों के लिए सही होगा कि वे एक व्यापक इंश्योरेंस पॉलिसी लें जिसमें ऑन डैमेज कवर हो. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल लोकसभा में बताया था कि 2020-21 में देश में 3,78,343 मोटर एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्लेम का निपटान किया गया. इस मद में 57 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा दिया गया.

नो क्लेम बोनस का पूरा इस्तेमाल करें

नो क्लेम बोनस आपकी पॉलिसी का इन-बिल्ट फीचर होता है. आपकी सेफ ड्राइविंग और पॉलिसी ईयर में एक भी क्लेम न होने पर रिन्यूअल के समय फायदा मिलता है, आपको रीन्युअल कराते समय प्रीमियम पर छूट मिलती है.

क्लेम सेटलमेंट रेशियो

यह रेशियो आपको बताता है कि इंश्योरेंस कंपनी ने एक साल में अपने पास आए क्लेम में से कितने क्लेम का निपटान किया. अगर किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90 फीसद से ज्यादा है तो उस कंपनी के द्वारा पेश की जा रही पॉलिसी आपके लिए सही है.

समय पर पॉलिसी रीन्यू न कराया तो होगा नुकसान

इंश्योरेंस खरीदते समय ज्यादातर वाहन मालिक रिन्यूअल के बारे में नहीं सोचते लेकिन यह जानना जरूरी है कि अगर समय पर पॉलिसी रिन्यू नहीं कराई तो आपको क्या नुकसान हो सकता है. साथ ही, भागमभाग की इस दुनिया में रिन्यूअल की तारीख भूल जाना संभव है. लेकिन यह जान लें कि अगर आपने ग्रेस पीरियड के दौरान पॉलिसी रीन्यू नहीं कराया तो आपकी पॉलिसी लैप्स हो जाएगी. इसका मतलब है कि आपका वाहन अनइंश्योर्ड रह जाएगा और उसका काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है. अगर आप ड्यू डेट के बाद रिन्यूल कराते हैं तो इंश्योरेंस कंपनी आपसे फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरने को कहेगी. इस तरह आपने अब तक जो नो-क्लेम बोनस जमा किया था, वह बेकार हो जाएगा. इसलिए समय से कवर रिन्यू कराना सही होता है.

कितने कारगर ऐड ऑन कवर

Policybazaar.com के Head- Motor Renewals, अश्विनी दुबे का कहना है कि कानून के तहत सभी निजी और कमर्शियल वाहनों के लिए वैध थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है. लेकिन आपका वाहन पूरी तरह से सुरक्षित रहे, इसके लिए आपके पास एक व्यापक पॉलिसी होना जरूरी है। इसलिए पॉलिसी में ऐड ऑन कवर्स शामिल करना सही रहता है. ये एडिशनल कवर्स या राइडर्स एडिशनल प्रीमियम के साथ आते हैं और आपके इंश्योरेंस कवरेज को ज्यादा व्यापक बनाते हैं.

मोटर इंश्योरेंस के लिए सबसे अच्छे ऐड-ऑन कवर

ऐसे तो कई ऐड-ऑन कवर उपलब्ध हैं लेकिन हम आपको उन ऐड-ऑन कवर के बारे में बताएंगे जो सबसे अच्छे और कारगर हैं-

1) निल या जीरो डिप्रेसियेशन कवर में क्लेम के समय वाहन के वैल्यू डिप्रेसियेशन को शामिल नहीं किया जाता. इसलिए पॉलिसीधारक को इससे ज्यादा क्लेम अमाउंट मिलता है.

2) अगर आपका वाहन बीच सड़क पर खराब हो जाता है तो रोड असिस्टेंस कवर के तहत इंश्योरेंस कंपनी कम समय में आपके लिए जरूरी सर्विस और मैकेनिक मुहैया कराती है.

3) किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी में इंजन को नॉन-एक्सीडेंटल डैमेज से प्रोटेक्शन नहीं दिया जाता. इंजन प्रोटेक्शन कवर से इंजन में तेल रिसाव या नमी के जमने से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है. इसलिए वाहन अगर पांच साल से कम पुराना है तो यह कवर लेना सही रहता है.

4) टायर प्रोटेक्शन कवर के तहत टायर को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है. हालांकि हो सकता है कि इसमें मामूली पंक्चर या मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट शामिल न हों.

5) शोरूम से वाहन के निकलते ही उसकी वैल्यू घटनी शुरू हो जाती है. रिटर्न टू इन्वॉयस कवर के तहत कार के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने की स्थिति में पॉलिसीधारक को वाहन खरीदते समय उसकी जो कीमत थी, उतना कॉम्पन्सेशन मिलता है.

मनी 9 की सलाह

मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले उससे जुड़े तमाम पहलुओं को अच्छे से जान लें. अगर आप पहले से जागरूक होंगे तो आप वैसी पॉलिसी खरीदने से बचेंगे जो आपके ज्यादा काम न आए. सही पॉलिसी के साथ आप ऐड-ऑन क्लेम्स भी शामिल कर सकते हैं ताकि आपकी जो भी जरूरतें हैं, वे सारी क्लेम में शामिल हों

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