
दो घंटे में तैयार हो जाता बाइक रिक्शा
शहर में मंडी समिति पर, गोवर्धन के डींग रोड पर बाइक के पिछले हिस्से को काटकर उसे रिक्शे के स्वरूप देने का काम होता है। एक बाइक रिक्शा चालक ने बताया कि बाइक के साथ 17 हजार रुपये देने पर दो घंटे के अंदर ही बाइक रिक्शा तैयार हो जाता है। उसके अनुसार, दुकान पर पहले से ही बाइक के पीछे लगने वाला सामान तैयार होता है। बस बाइक को पीछे से काटा जाता और उसमें रिक्शा फिट कर दिया जाता है।
इंसेट बॉक्स
पुरानी बाइकों का हो रहा प्रयोग
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाइक रिक्शा में पुरानी बाइकों का प्रयोग अधिक हो रहा है। कारण कि इनकी चेकिंग नहीं होती। इन्हें चलाने वाले हेलमेट का प्रयोग भी नहीं करते हैं। चोरी के वाहनों के प्रयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम
अधिवक्ता अरुण सिंह के अनुसार, मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी भी वाहन में बदलाव करना गैर कानूनी है। कुछेक वाहनों को संबंधित कार्यालय से अनुमति लेकर उसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है, लेकिन बाइक रिक्शा तो पूरी तरह से अवैध है। इस तरह के अवैध वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सीज की कार्रवाई होती है। इसके बाद कोर्ट के द्वारा इनका निस्तारण किया जाता है।
सिर्फ सड़क सुरक्षा सप्ताह में हुई कार्रवाई
सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जनवरी में 9 बाइक रिक्शा को सीज किया गया था। अभी शहर में बिना रजिस्ट्रेशन वाले ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान की रणनीति बनाई जा रही है। इसके बाद बाइक रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बाइक को काटकर उसमें रिक्शा जोड़ना गैर कानूनी है और इस तरह के वाहनों का एआरटीओ कार्यालय में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है।
समय-समय पर वाहनों की चेकिंग कर बाइक रिक्शा को सीज किया जाता है। अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
- देवेश कुमार शर्मा, एसपी ट्रैफिक
Mathura News: बाइक को बना दिया रिक्शा, सड़कों पर दौड़ा रहे बेखौफ - अमर उजाला
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