Author: Naveen DalalPublish Date: Sat, 12 Mar 2022 08:12 AM (IST)Updated Date: Sat, 12 Mar 2022 08:12 AM (IST)
हिसार, जागरण संवाददाता। ओवरलोडिंग व अवैध वाहनों पर नकेल कसने व सरकार को चालानों से होने वाले राजस्व में वर्ष 2021-22 में हिसार जिला हरियाणा में प्रथम स्थान पर आया है। जहां 2018-19 में चालानों से सरकार को 4.65 करोड़ रुपये, 2019-20 में 3.03 करोड़ रुपये का राजस्व मिला तो अबकी बार वित्तीय वर्ष 2021-22 में फरवरी तक बढ़कर 22 करोड़ 32 लाख तक का राजस्व सरकारी खजाने में पहुंचा है। वहीं दूसरे जिलों से तुलना की जाए तो हिसार के बाद गुरूग्राम जैसे जिले में 17 करोड़, चरखी दादरी 14 करोड़, फरीदाबाद सात करोड़ और नूंह का 6.07 करोड़ राजस्व का योगदान रहा है। हिसार पहले के वर्षों में जहां 10वें से 12वेें स्थान पर रहता था वहीं अब वह पिछले वित्त वर्ष में प्रथम स्थान पर रहा है।
ऐसे कानून तोड़ने वालों पर कसा गया शिकंजा
इसके लिए हिसार प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण कार्यालय सचिव डा. सुनील कुमार ने बताया कि सबसे पहले रोड इन्फोर्समेंट के माध्यम से सड़क पर अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लगाई गई तभी इस लक्ष्य को पाया गया। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा को आगे बढ़ाना और मोटर वाहन अधिनियम को लागू करना वाहनों पर कार्रवाई के बाद ही संभव हो सका। इस कार्रवाई में मुख्य रूप से इस दौरान जो चालान हुए वह ओवरलोडिंग, मोटर वाहन टैक्स न भरने, परमिट की शर्तों को तोड़ना, एचएसआरपी न लगाना व अन्य मोटर वाहन अधिनियम के नियमों को तोड़ने वालों के चालान किए गए थे। सिर्फ यह नहीं बल्कि इसके साथ ही पिछले वर्ष में आडिट में भी हिसार ने अग्रणी कार्य करते हुए पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक आडिट पैरों की रिकवरी की।
कहां से कितना राजस्व आया
चालानों के अतिरिक्त हिसार के आरटीए कार्यालय के अधीन मोटर वाहन टैक्स से लगभग 41 करोड़ का राजस्व आया जबकि रिविन्यू रिसिप्ट से लगभग 9 करोड़ का राजस्व मिला। इसके अतिरिक्त पिछले राजस्व वर्ष में लगभग 11 मासिक जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें हुई जिसमें सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नए तरह के व अभिनव तरीेकों व संबंधित विभाग की जिम्मेदारी को भी फिक्स किया गया । इसके अतिरिक्त चालकों की क्षमता बढ़ाने के लिए स्किल इंडिया मिशन के साथ भी आरटीए कार्यालय द्वारा कार्य किया गया।
Edited By: Naveen Dalal
हिसार में ओवरलोडिंग और अवैध वाहनों चालकों की खैर नहीं, नियम तोड़ने वालों पर प्रशासन सख्त - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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