एमवी एक्ट की धारा 157 - वाहन का स्थानांतरण करने पर बीमा पॉलिसी को भी हस्तांतरण के पक्ष में स्थानांतरित... - Live Law Hindi
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वाहन चलाते समय कई तरह के ट्रैफिक नियमों का पालन करना होता है। ट्रैफिक नियमों के पालन से आप चालान से भी बचते हैं। इसके साथ ही जान भी सुरक्षित रहती है। ऐसा ही एक नियम 1 नवंबर से मुंबई में लागू हो गया है। इस नियम का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, मुंबई में 01 नवंबर से कार में बैठने वाले सभी लोगों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने इस बारे में 14 अक्टूबर को आदेश जारी किया था।
सीट बेल्ट अलार्म होगा अनिवार्य
पिछले महीने सड़क परिवहन मंत्रालय ने कार बनाने वाली कंपनियों के लिए पिछली सीट बेल्ट के अलार्म को अनिवार्य करने के लिए नियमों का मसौदा जारी किया है। इन नियमों के लागू होने के बाद अगली सीटों के जैसे ही पिछली सीटों के लिए भी सीट बेल्ट के अलार्म अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे। ये अलार्म आम तौर तब बीप करते हैं, जब कोई कार चलाते वक्त सीट बेल्ट नहीं पहनता है।
Jagran NewsPublish Date: Sat, 29 Oct 2022 01:56 PM (IST)Updated Date: Sat, 29 Oct 2022 01:56 PM (IST)
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Driving a vehicle wearing slippers: अब लुंगी व चप्पल पहनकर वाहन चलाने पर यातायात पुलिस या परिवहन अधिकारी चालान नहीं कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है। जिसके तहत अब चालकों को काफी आजादी दी गई है। अब अंंग्रेजों द्वारा लगाई गई पाबंदियां वाहन चालकों के ऊपर से हटा ली गई हैं।
केंद्र सरकार अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए नियम को हटाने को लगातार काम कर रही है। उसके स्थान पर नये नियम बनाकर लागू किए जा रहे हैं। जिसके तहत केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में सुधार किया गया है। अंग्रेजों के समय बनाए गए नियम के अनुसार वाहन चलाने वालों को कड़े नियम पालन करने होते थे। जिसमें चालक लुंगी बनियान, आधी बाह की शर्ट व चप्पल पहनकर वाहन नहीं चला सकते हैं। इस नियम का उल्लंघन करने पर पांच सौ रुपये जुर्माना का प्रविधान था।
अंग्रेजों बनाए गए नियम के अनुसार वाहन चलाते समय वाहन चालक पैंट, फुल आस्ती की शर्ट के साथ जूता पहनना अनिवार्य था। इसी आधार पर बस चालकों का ड्रेस कोड बनाया गया है। वहीं देश में काफी लोग लुंगी, घोती, साड़ी पहनकर वाहन चलाते हैं। इसी को देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नियम में संशोधन किया है, जो शीघ्र ही लागू हो जाएंगे।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय की ओर से ट्वीट करके यह जानकारी दी गई। अब चालक लुंगी, धोती, साड़ी, हाफ शर्ट व चप्पल पहनकर वाहन चला सकते हैं। पुराने नियम में सभी प्रकार के वाहन में अतिरिक्त बल्ब रखने का प्रविधान था, उसे भी समाप्त कर दिया है। नये नियम में गाड़ी के आगे का शीशा गंदा होने पर भी वाहन का चालान नहीं किया जाएगा। ई-चालान से ये सभी कालम हटा दिए जाएंगे। यात्री वाहन, स्कूल वाहन चलाने के लिए ड्रेस कोड लागू रहेगा।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आरके सिंह ने कहा कि अभी तक लुंगी और चप्पल आदि पहनकर वाहन चलाने पर चालकों को चालान किया जाता था। नये नियम लागू करने के संबंध फिलहाल को पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलते नये नियम लागू हो जाएगा।
Edited By: Vivek Bajpai
कभी न कभी आपको भी इस झल्लाहट का सामना करना पड़ा होगा कि आपने कैब बुक की और कैब या ऑटो ड्राइवर ने आपकी बुकिंग कैंसिल कर दी. इसके बाद आपने फिर से बुक किया और आपकी बुकिंग फिर से कैंसिल कर दी गई. लेकिन अब इस प्रॉब्लम को हल करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं. हालांकि ये नियम पूरे देश में लागू नहीं होंगे. इसका फायदा सिर्फ उसी राज्य के लोग ले पाएंगे जहां की सरकार ने ये नियम लागू किए हैं.Also Read - कोयंबटूर विस्फोट केस की एनआईए जांच कराने के लिए तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से सिफारिश की
नए नियम के तहत यदि आप मोबाइल एप आधारित कैब एग्रीगेटर की ऑटो या कैब सर्विस का इस्तेमाल करते हैं,और आपके द्वारा बुक की गई सवारी को कैंब ड्राइवर कैंसिल करते हैं तो, अब ग्राहक परिवहन विभाग के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं. Also Read - November Destinations: दिल्ली से 2 हजार से ज्यादा किमी दूर है ऊटी, सर्दियों में घूमिये 'ब्लू माउन्टेन'
तमिलनाडु राज्य सरकार राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 178 (3) (बी) के तहत जुर्माने में संशोधन करने जा रही है. जिसके तहत कैब कैंसिल करने वाले चालकों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं ऑटो-रिक्शा और बाइक चालकों को अधिनियम की धारा 178(3)(ए) के तहत बुकिंग कैंसिल करने के बदले 50 रुपये का जुर्माना भरना होगा. Also Read - तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी, हिंदी थोपकर एक और भाषा युद्ध शुरू नहीं किया जाए
टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और पेडीकैब ड्राइवरों के खिलाफ बुकिंग कैंसिल करने की कई शिकायतें आ रही थीं. दरअसल कैब चालक बुकिंग के बाद यात्री से बात कर पता कर लेते थे कि उन्हें कहां जाना है और यदि बुकिंग कम दूरी या फिर ऐसी जगह की है जहां कैब चालक का जाने का मन नहीं है तो वो बुकिंग कैंसिल कर देते हैं. इसके अलावा यात्रियों द्वारा नकद के अलावा कोई अन्य पेमेंट ऑप्शन जैसे ऑनलाइन पेमेंट चुनने पर बुकिंग रद्द कर दी जाती थी. इसको लेकर लोगों ने शिकायत करनी शुरू कर दी. अब जाकर इस मामले में कड़ा नियम बनाया गया है.
एस. बालासुब्रमण्यम तमिलनाडु के ऑटोमोबाइल थोझीलालार सम्मेलन विभाग के महानिदेशक हैं. उनका कहना है कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के अधिनियमित होने से ऑटो-रिक्शा चालकों पर जुर्माना लगाए जाने के नियम से ड्राइवरों की आजीविका प्रभावित होगी. गलती करने वाले ड्राइवरों पर जुर्माना लगाने पर कोई समस्या नहीं है. लेकिन सही लोगों पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए.
Jagran NewsPublish Date: Fri, 28 Oct 2022 08:58 PM (IST)Updated Date: Fri, 28 Oct 2022 08:58 PM (IST)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। मोटर वाहन अधिनियम में दो साल पहले किए गए कुछ कड़े प्रविधानों के बावजूद सड़क हादसों में दो पहिया वाहन चालकों और सवारों की जान जाने का सिलसिला कायम रहने के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क सुरक्षा के इस सबसे अहम पहलू पर नए सिरे से ध्यान दे रहा है।
दो साल पहले मोटर वाहन कानून में संशोधन के जरिये सड़क सुरक्षा के लिहाज से सुधार की जो कल्पना की गई थी वह पूरी नहीं हुई। इसके विपरीत हादसों की संख्या भी बढ़ी और उसमें जान गंवाने वालों की भी। इस पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रालय नियम-कायदों के क्रियान्वयन की रफ्तार तेज करना चाहता है, क्योंकि असली समस्या इस पहलू को बहुत हल्के में लेने की है।
देश में सड़क हादसों में हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान जाती है, जिसमें लगभग आधा हिस्सा दो पहिया वाहन चालकों और उसमें सवार लोगों का है, लेकिन सड़क सुरक्षा के ज्यादातर अभियान कार और ट्रक जैसे वाहनों से होने वाले हादसों को रोकने पर केंद्रित रहते हैं। दो पहिया वाहनों के सवारों का हादसों में घायल होने का आंकड़ा इससे भी बड़ा है और इसका कोई अनुमान भी नहीं है कि ऐसे लोगों का शेष जीवन कैसा बीतता है।
दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता देने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय रोड सेफ्टी मैनेजमेंट कार्यक्रम के तहत राज्यों के पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है। इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट एजुकेशन (आइआरटीई) में चल रहे आनलाइन कार्यक्रम में 11 राज्यों से सड़क इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट और पुलिस अधिकारियों को यह बताया गया है कि दो पहिया वाहन चालकों की सु्रक्षा का मतलब केवल हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाना अथवा तीन सवारी प्रतिबंधित करना नहीं है।
मालूम हो कि कई अध्ययन यह बताते हैं कि हर साल औसतन जिन डेढ़ लाख दो पहिया वाहन सवारों की दुर्घटनाओं में जान जाती है उसमें हेड इंजरी ही एकमात्र कारण नहीं है। असली वजह दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए बने नियमों के अनुपालन में कमी है। राज्यों में पुलिस और ट्रैफिक अधिकारी नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करना तो दूर, दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए सिस्टम भी नहीं बना सके हैं।
देश में तीस करोड़ गाड़िया हैं, जिनमें 74 प्रतिशत टू व्हीलर हैं, लेकिन उनके लिए अलग लेन के नियम का कहीं भी पालन नहीं होता और न ही यह देखा जाता है कि हेलमेट की क्वालिटी का स्तर क्या है और स्ट्रैप सही तरह बांधा गया है या नहीं। ड्राइवरों के लिए लाइसेंसिंग प्रणाली कितनी फूल प्रूफ है, उनके प्रशिक्षण का क्या स्तर है।
सड़क परिवहन मंत्रालय की पहल पर रोड सेफ्टी मैनेजमेंट कार्यक्रम का संचालन कर रहे आइआरटीई के प्रेसिडेंट और सड़क सुरक्षा के विशेषज्ञ रोहित तलेजा के अनुसार भारत के समक्ष मलेशिया का उदाहरण है, जहां कुल गाड़ियों में 78 प्रतिशत टू व्हीलर हैं। वहां हर हाईवे में दो पहिया वाहनों के लिए अलग लेन है। हमारे यहां भी इन्फोर्समेंट बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत 11 राज्यों के अधिकारियों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि उन्हें रोड सेफ्टी मैनेजमेंट में कैसे आपस में समन्वय कायम करना है और सड़कों, विशेषकर हाईवे निर्माण की तेज रफ्तार तथा उनकी चौड़ाई बढ़ाए जाने के बीच सड़क सुरक्षा के प्रविधानों पर अमल सुनिश्चित कराना है।
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Edited By: Sonu Gupta
शाजापुर (उज्जैन)4 घंटे पहले
शाजापुर के जिला अस्पताल में वाहन पार्किंग स्टैंड पर रखी एक मोटर साइकिल चोरी हो गई। वाहन स्टैंड से मोटर साइकिल चोरी होने पर अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यहां पर बने वाहन स्टैंड पर वाहन खड़े करने पर ठेकेदार द्वारा 10 रूपए वसूले जाते हैं लेकिन मोटर साइकिल चोरी होने पर कोई जवाबदारी नहीं ली जाती।
ग्राम रोजवास निवासी ईश्वर सिंह आज 11.30 बजे के लगभग सास को मोटरसाइकिल से दिखाने के लिए जिला अस्पताल आएं और यहां वाहन स्टैंड पर मोटर साइकिल खड़ी करके अंदर चले गए। थोड़ी देर बाद जब वापस आएं तो मोटर साइकिल गायब मिली।
वाहन स्टैंड के ठेकेदार से पूछा तो उसने कहा मुझे पता नहीं। बाइक को तलाशा भी गया लेकिन कहीं पता नहीं चल पाया। कोतवाली पुलिस में पीड़ित ने शिकायती आवेदन दिया।
मलप्पुरम : मोटर वाहन विभाग की प्रवर्तन शाखा ने सोमवार को कोट्टक्कल से बिना दो हेडलाइट के रात में चल रही केएसआरटीसी की एक बस को पकड़ लिया. खचाखच भरी बस तिरूर-पोन्नानी रूट पर चल रही थी।
बस की सूचना मिलने के बाद अधिकारियों ने बस को चमरावट्टम पुल के पास से दबोच लिया। अधिकारियों ने पाया कि बस की दोनों हेडलाइट काम नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बस स्ट्रीट लाइट और अन्य वाहनों की हेडलाइट के सहारे चल रही थी.
मोटर वाहन विभाग ने बस को पोन्नानी डिपो तक पहुँचाया क्योंकि केएसआरटीसी के अधिकारियों ने यात्रियों के लिए एक विकल्प की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण दल में प्रवर्तन एमवीआई पीके मुहम्मद शफीक, एएमवीआई केआर हरिलाल और विजेश वलेरी शामिल थे।
नई दिल्ल. गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि इस साल दिवाली के त्योहार के दौरान यातायात नियमों के उल्लंघन के लिये लोगों पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने शुक्रवार को यह घोषणा की थी. एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिवाली के त्योहार को देखते हुए गुजरात में यातायात पुलिस 27 अक्टूबर तक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलेगी.
सांघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य के गृह विभाग ने दिवाली के दौरान लोगों को राहत देने का फैसला किया है. मंत्री ने कहा, ”राज्य में 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक यातायात पुलिस लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलेगी. अगर कोई इस दौरान बिना ड्राइविंग लाइसेंस या बिना हेलमेट के पकड़ा जाता है या किसी अन्य यातायात नियम का उल्लंघन करता पाया जाएगा, तो हमारे पुलिसकर्मी उन्हें फूल देंगे.”
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इन सबके के लिए जुर्माना बसूला जाता है
राज्य में आमतौर पर कई यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना वसूला जाता है, जैसे कि बिना हेलमेट के बाइक करना, बिना सीट बेल्ट पहने गाड़ी चलाना, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाना, बिना रजिस्टर्ड वाहन चलाना, प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करना और आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देना.
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कार पीछे बैठने वालों को भी लगाना होगा सीटबेल्ट
दूसरी तरफ मुंबई में एक नवंबर से फोर व्हीलर में पीछे बैठने वाले यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य हो जाएगा. मुंबई पुलिस ने हाल ही में कहा कि एक नवंबर से महानगर में चार पहिया वाहन चालकों और सह-यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा. मुंबई पुलिस की यातायात इकाई ने एक बयान में सभी मोटर चालकों और वाहन मालिकों को एक नवंबर से पहले चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट का इंतजाम करने का निर्देश दिया है और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है.
होगी सख्त कार्रवाई
एक नवंबर के बाद मुंबई की सड़कों पर चार पहिया वाहनों में यात्रा करने वाले सभी मोटर वाहन चालकों और यात्रियों को अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट लगानी होगी. उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम की धारा 194 (बी) (1) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, जो कोई भी बिना सुरक्षा बेल्ट लगाये मोटर वाहन चलाता है या बिना सीट बेल्ट लगाये यात्रियों को ले जाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 09:23 IST
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प्रदेश में दो पहिया वाहन चालकों को लाइसेंस बनवाने के लिए अब आरटीओ दफ्तर जाना होगा। ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के सर्टिफिकेट के आधार पर डीएल बनाने की व्यवस्था अब खत्म कर दी गई है। दरअसल, परिवहन विभाग ने पिछले दिनों यह व्यवस्था लागू की थी कि मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से एक महीने का कोर्स करने के बाद जो सर्टिफिकेट मिलेगा, उसके आधार पर सीधे दो पहिया और चार पहिया वाहन का लाइसेंस बनवा सकेंगे।
इसमें दो पहिया को लेकर देशभर से आई शिकायतों के बाद एक्ट में संशोधन किया गया है। अब दो पहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ में टेस्ट देना होगा। हालांकि चार पहिया वाहन के लिए मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के सर्टिफिकेट की व्यवस्था लागू है।
उत्तराखंड में 49 मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
प्रदेश में परिवहन विभाग के 49 मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं। इनमें से देहरादून और हल्द्वानी में दस-दस, टिहरी में एक, हरिद्वार में छह, पौड़ी और कोटद्वार में तीन-तीन, रुद्रप्रयाग में दो, कर्णप्रयाग में एक, ऊधमसिंह नगर में तीन, काशीपुर व चंपावत में दो-दो, अल्मोड़ा, बागेश्वर में एक-एक और पिथौरागढ़ में चार सेंटर शामिल हैं।
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मुंबई/दि.21- गत रोज ही मंत्रिमंडल की बैठक में ऐच्छिक रूप से कबाड होने की स्थिति में पहुंचे वाहनों का ऐच्छिक तौर पर स्क्रैपिंग करनेवाले वाहनधारकों के ब्याज व दंड को माफ करने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते भंगार स्थितिवाले वाहनों की समस्या और मसला जल्द हल होने में सहायता मिलेगी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग की सुविधा देनेवालों के जरिये स्क्रैप किये जानेवाले वाहनों का बकाया रहनेवाला मूल मोटर वाहन कर वसूल करते हुए उस पर लगनेवाले ब्याज तथा पर्यावरण कर को पूरी तरह से माफ कर दिया जायेगा. साथ ही यदि वाहन की नीलामी कीमत मूल कर की रकम से अधिक रहती है, तो बकाया कर वसूल करते हुए शेष रकम वाहन मालिक को वापिस दे दी जायेगी.
बता दें कि, ब्याज व दंड की माफी को लेकर अमल में लायी जा रही यह नीति तीन साल की कालावधि के लिए अस्तित्व में रहेगी. इस दौरान केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 की धारा 51(अ) के अनुसार पंजीयन की तारीख के बाद आठ वर्ष के भीतर वाहन स्क्रैप करने पर परिवहन वाहनों को वार्षिक कर में 10 फीसद की छूट मिलेगी. साथ ही पंजीयन के बाद स्वेच्छा से 15 वर्ष के भीतर परिवहनेत्तर वाहनों को स्क्रैप करने पर एकरकमी कर में 10 फीसद की छूट मिलेगी. यह नीति लागू होने के बाद तीन वर्ष की कालावधि के भीतर जो वाहन धारक स्वेच्छा से अपने वाहन स्क्रैप करेंगे, केवल उन्हें ही यह छूट प्रदान की जायेगी. ऐसी जानकारी परिवहन विभाग द्वारा दी गई है. साथ ही आवाहन किया गया है कि, सरकार के सभी विभागों में भंगार स्थिति में लावारिस पडे वाहनों की नीलामी केवल पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग की सुविधा देनेवालों के जरिये करनी चाहिए. इस नीति के चलते रास्ते के दोनों ओर लावारिस छोड दिये गये स्क्रैप यानी कबाड वाहनों की समस्या हल हो जायेगी. साथ ही पुराने वाहनों की वजह से होनेवाले सडक हादसों का खतरा भी कम हो जायेगा.
* दीपावली के बाद होगी 12 से 15 वर्ष पुराने वाहनों की गिनती
इस संदर्भ में अमरावती के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राम गिते से संपर्क करते हुए जब यह जानने का प्रयास किया गया कि, अमरावती शहर व जिले सहित समूचे संभाग में 12 से 15 वर्ष पुराने हो चुके कितने वाहन है, तो उन्होंने कहा कि, फिलहाल तो दशहरा व दीपावली जैसे पर्वों के उपलक्ष्य में बेचे व खरीदे गये नये वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. ऐसे में दीपावली का पर्व निपट जाने के एक-दो दिन बाद शहर व जिले सहित संभाग में 12 से 15 वर्ष पुराने हो चुके और कबाड स्थिति में पहुंच चुके वाहनों की संख्या व जानकारी संकलित की जायेगी और खस्ताहाल वाहनों का स्वयंस्फूर्त स्क्रैपिंग करने को लेकर जनजागृति की जायेगी.
तमिलनाडु में सडक़ नियमों का उल्लंघन कर यात्रा करने वाले कई लोग लगातार हादसों में शामिल होते हैं। मुख्य रूप से दुपहिया वाहनों पर स्टंट करने वाले युवाओं को पुलिस लगातार चेतावनी दे रही है। इसी सिलसिले में तमिलनाडु में सडक़ यातायात नियमों में बदलाव किया गया है। विभिन्न अपराधों और उल्लंघनों के लिए जुर्माने की राशि अब बदल दी गई है और विवरण अब प्रकाशित किया गया है।
पुलिस ने यह भी सलाह दी है कि अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने पर 2,000 रुपए और फोन का उपयोग करते समय खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। भारी वाहन डिजाइन की सीमा से अधिक होने पर 20,000 रुपए का जुर्माना जारी किया गया है।
चालक नशे में होने पर यात्री पर लगेगा जुर्माना
ट्रैफिक पुलिस ने नया नियम जारी किया है कि शराब के नशे में गाड़ी चलाने वालों पर ही नहीं बल्कि उनके साथ यात्रा करने वालों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। यह निजी वाहनों के लिए लागू होगा। टैक्सी चालक और ऑटो चालक पर यह नियम लागू नहीं होंगे। नए नियमों के अनुसार अगर कोई निजी वाहन का चालक नशे में होता है तो यात्री पर भी जुर्माना लगेगा। बताया गया है कि रेसिंग के लिए वाहन चलाने पर 10,000 रुपए और अपंजीकृत वाहन चलाने पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। नए नियम आज से लागू होंगे और चौपहिया वाहनों पर भी लागू होंगे।
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मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने 14 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर 1 नवंबर से शहर में वाहनों में बैठे सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। आदेश में सभी मोटर वाहन मालिकों को 1 नवंबर तक सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट की सुविधा स्थापित करने का भी निर्देश दिया है।
मुंबई ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, "मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार, धारा 194 (बी) (1) के तहत जो कोई भी बिना सुरक्षा बेल्ट पहने मोटर वाहन चलाता है या यात्रियों को सीट बेल्ट नहीं पहनाता है वह दंडनीय होगा। तदनुसार, जिसमें सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट की सुविधा नहीं है उन मोटर वाहनों में सीट बेल्ट की सुविधा स्थापित करने के लिए, दिनांक 01/11/2022 तक की अवधि दी जा रही है।"
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शहर की यातायात पुलिस ने अपने आदेश में कहा, "सभी मोटर वाहन चालक और वाहनों में सवार सभी यात्री, जो भी मुंबई शहर की सड़कों पर यात्रा करते हैं, उन्हें सूचित किया जाता है कि 01 से यात्रा करते समय ड्राइवरों और सभी यात्रियों के लिए 1 नवंबर 2022 से सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम की धारा 194 (बी) (1) के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
उल्लेखनीय है कि 4 सितंबर को महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सीट बेल्ट का उपयोग करने की आवश्यकता पर सभी का ध्यान खींचा है। विशेष रूप से, मिस्त्री और जहांगीर पंडोले, जो दुर्घटना के समय पिछली सीटों पर बैठे थे, दोनों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी इस दुर्घटना में दोनों की मौत हो गई।
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BPSC MVI 2020 Final Result - फोटो : Social Media
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BPSC MVI 2020 Final Result: बिहार लोक सेवा आयोग/BPSC ने मोटर वाहन इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा, 2020 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। परिणाम को आज 13 अक्तूबर, 2022 को ऑनलाइन मोड में जारी किया गया है। जो भी उम्मीदवार इस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अपने परिणाम को अब बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाकर चेक और डाउनलोड कर सकते हैं। आइए जानते हैं परिणाम को चेक करने की पूरी प्रक्रिया को इस खबर के माध्यम से...
BPSC MVI 2020 Final Result: इतने उम्मीदवारों का हुआ चयन
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से जारी किए गए परिणाम के अनुसार कुल 88 उम्मीदवारों को मोटर वाहन इंस्पेक्टर भर्ती के तह शॉर्टलिस्ट किया गया है। इस भर्ती के लिए साक्षात्कार का आयोजन सुबह 12 से लेकर 16 जुलाई, 2022 तक दो पाली में सुबह 10.30 बजे से और दोपहर 2.30 बजे से आयोजित की गई थी। साक्षात्कार में कुल 222 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था।
BPSC MVI 2020 Final Result: कब हुई थी परीक्षा?
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से मोटर वाहन इंस्पेक्टर भर्ती के लिए कुल 90 पदों पर रिक्ति जारी की गई थी। इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत 11 मई, 2022 को हुई थी। अब इसका परिणाम भी जारी हो गया है। सभी चयनित उम्मीदवारों को अमर उजाला की ओर से बधाई।
BPSC MVI 2020 Final Result: कैसे चेक करें परिणाम?
उम्मीदवार नीचे दिए गए आसान से दिशा-निर्देशों का पालन कर के अपना परिणाम चेक और डाउनलोड कर सकते हैं-:
बीपीएससी मोटर वाहन निरीक्षक परिणाम 2022 डाउनलोड लिंक: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मोटर वाहन निरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा के लिए अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। मोटर वाहन निरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा के लिए चयन प्रक्रिया के विभिन्न दौर में उपस्थित हुए उम्मीदवार बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट-bpsc.bih.nic.in से अंतिम परिणाम डाउनलोड कर सकते हैं।
आयोग ने मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची की पीडीएफ अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। हालाँकि आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से सीधे बीपीएससी एमवीआई परिणाम 2022 डाउनलोड कर सकते हैं।
डाउनलोड करने के लिए सीधा लिंक: बीपीएससी मोटर वाहन निरीक्षक परिणाम 2022
जारी संक्षिप्त नोटिस के अनुसार, आयोग ने 12 जुलाई से 16 जुलाई 2022 तक लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार आयोजित किया था। मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए साक्षात्कार के दौर में कुल 218 उम्मीदवार उपस्थित हुए थे।
लिखित परीक्षा / साक्षात्कार दौर में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर, आयोग ने मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए अंतिम रूप से चयनित कुल 216 उम्मीदवारों की मेरिट सूची अपलोड की है।
उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन करने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध अपना परिणाम देख सकते हैं।
बीपीएससी मोटर वाहन निरीक्षक परिणाम 2022 कैसे डाउनलोड करें
यह ध्यान दिया जाता है कि आयोग ने विज्ञापन के खिलाफ मोटर वाहन निरीक्षक के 90 पद की भर्ती के लिए पूरी चयन प्रक्रिया शुरू कर दी थी। नंबर 06/2020।
गरमपानी, अमृत विचार। खैरना रानीखेत स्टेट हाइवे में कनवाड़ी की पहाड़ी के समीप एक वाहन अचानक अनियंत्रित होकर पलट गया। मौके पर पहुंचे राजस्व उप निरीक्षक गिरीश कुमार ने जेसीबी की सहायता से वाहन को किनारे कराया।
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जानकारी के अनुसार बुधवार को वाहन संख्या UK 06CB1712 हल्द्वानी से द्वाराहाट की तरफ रवाना हुआ। खैरना रानीखेत स्टेट हाइवे पर कनवाड़ी की पहाड़ी के समीप पहुंचा ही था कि अचानक वाहन अनियंत्रित होकर स्टेट हाइवे पर पलट गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
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मौके पर पहुंचे स्थानीय निवासियों ने वाहन के अंदर फसे वाहन चालक को बाहर निकाला और वाहन को स्टेट हाइवे से हटाने का प्रयास किया गया लेकिन वाहन को नहीं हटा सके। घटना से स्टेट हाइवे पर लंबा जाम लग गया।
जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राजस्व उपनिरीक्षक गिरीश कुमार को घटना की सूचना दी। हादसे की सूचना मिलते ही तत्काल राजस्व उपनिरीक्षक गिरीश कुमार मौके पर पहुंचे । साथ ही जेसीबी की सहायता से करीब दो घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद स्टेट हाइवे से वाहन किनारे किया । जिसके बाद स्टेट हाइवे पर यातायात सुचारू किया जा सका।
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वाहन - फोटो : वीडियो ग्रैब (एएनआई)
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नागरिकों को इस फेस्टिव सीजन में भी केंद्र सरकार की भारत सीरीज वाहन लेने का अवसर नहीं मिल पाएगा। केंद्र ने दो साल पहले बीएच सीरीज लागू कर दी थी, लेकिन उत्तराखंड इसे लागू नहीं कर पाया है। अभी भी प्रस्ताव फाइलों में धूल फांक रहा है।
दरअसल, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 47 एक (1) वाहन के मालिक को दूसरे राज्य में 12 महीने तक चलाने की अनुमति देती है। 12 महीने के बाद, मालिक को वाहन के पंजीकरण को नए राज्य में ट्रांसफर (स्थानांतरित) करना होगा, जहां इसे चलाया जा रहा है।
ऐसे समय में बीएच सीरीज नंबर प्लेट मालिकों को यह सुविधा होगी कि उन्हें तबादला होने के बाद भी एक शहर से दूसरे शहर में अपने वाहन के पंजीकरण का ट्रांसफर कराने की जरूरत नहीं होगी। इस सीरीज के नंबरों के लिए पहले दो साल का टैक्स जमा होगा। इसके बाद हर दो साल पर टैक्स जमा किया जाएगा।
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उत्तराखंड में बीएच सीरीज के नंबरों के आवंटन को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। प्रस्ताव शासन और परिवहन मुख्यालय के बीच लटका हुआ है। पिछले दिनों पर इस पर वित्त विभाग ने कुछ आपत्तियां लगाई थी, जिनका निराकरण किया जाना है। वित्त से हरी झंडी मिलने के बाद बीएच सीरीज का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। इस साल का फेस्टिवल सीजन बिना इन नंबरों के ही गुजरने वाला है।
पन्ना28 मिनट पहले
थाना कोतवाली पन्ना क्षेत्र अंतर्गत गुल्लायची मोहल्ला के पास ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में अनुमति के बगैर तेज ध्वनि में डीजे बजाने वाले 4 डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इसकी जानकारी पन्ना पुलिस ने मंगलवार की शाम दी। पुलिस ने वाहन और डीजे जब्त कर मामला कायम किया है। पुलिस के अनुसार, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण एवं मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में करीब एक दर्जन डीजे लगाए गए थे। नगर में गाजे बाजे के साथ जुलूस निकलवाया गया। इस बीच पन्ना कोतवाली पुलिस ने 4 डीजे संचालकों के खिलाफ कोलाहल अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।
पुलिस ने ये सामग्री की जब्त
कार्यवाही में एक छोटा हाथी वाहन (एमपी 35 एलए 0601), जिसमें 12 साउंड, 6 लाउड स्पीकर और 1 जनरेटर है। वाहन (एमपी 35 जीए 1219) इसमें 30 नग बड़े लाउड स्पीकर, 30 नग यूनिट, 4 नग एम्लीफायर और 2 नग एस्टेप, एक छोटा हाथी वाहन (एमपी 35 जीए 1306) इसमें 16 साउंड, 10 लाइट, 4 चोंगा, 4 नग एम्पलीफायर, 2 नग स्टेप्लाइजर, 1 मिक्सर, 1 कूलर और एक पीकअप वाहन (एमपी 20 जीए 2778) इसमें 12 साउंड, 2 जनरेटर, 5 एम्लीफायर, 2 स्टे, 1 मिक्सर, 1 सारफी लाइट और 08 नग चुंगा जब्त किया है।
Karnataka High Court - फोटो : For Reference Only
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न्यायमूर्ति एचपी संदेश का फैसला यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दायर एक अपील में आया, जिसने एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें एक मोटर वाहन दुर्घटना के शिकार के परिवार के सदस्यों को 3.62 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था।
दुर्घटना 2 जुलाई 2006 को हुई थी और निचली अदालत का फैसला फरवरी 2011 में सुनाया गया था। उसी साल में बाद में उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी और फैसला हाल ही में आया था।
44 वर्षीय शामराव पाटिल की महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में सालपेवाड़ी-गर्गोटी रोड पर मोटरसाइकिल पर सवारी के दौरान एक दुर्घटना में मौत हो गई। यूक्लिप्टस (नीलगिरी) के पेड़ की एक डाली उसके सिर पर गिर गई जिससे उसकी मौत हो गई।
मुआवजे की राशि को चुनौती देते हुए, कंपनी ने हाईकोर्ट में दावा किया कि दुर्घटना नीलगिरी के पेड़ की एक शाखा के उस पर गिरने के कारण हुई है और यह "मोटर वाहन के उपयोग से उत्पन्न होने वाली दुर्घटना" नहीं थी।
Jaipur News: राजधानी में परिवहन विभाग में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए मोटर वाहन उपनिरीक्षक भर्ती निकाली गई थी. मोटर वाहन उपन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम परिणाम के इंतजार में केडिडेटस परेशान हो रहे है. इसके लिए अभ्यर्थियों ने परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला को भी अंतिम परिणाम जारी करने के लिए अवगत कराया था. इसके बावजूद भी परिवहन विभाग अंतिम परिणाम जारी करने में देरी कर रहा है.
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इस मोटर वाहन उपनिरीक्षक भर्ती अंतिम परिणाम के लिए अभ्यर्थी परिवहन विभाग के आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन परिवहन विभाग तानाशाही दिखाते हुए 7 महीने बीत जाने के बाद भी अंतिम परिणाम जारी करने में लेटलतीफी कर रहा है. परीक्षा परिणाम के दस्तावेज सत्यापन होने के बाद भी 4 महीने बीत जाने के बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं किया जा रहा है.
वहीं अन्य विभागों में वर्ष 2019 बजट की भर्ती की है बाकि सभी विभागों में भर्तियां के परिणाम और जॉइनिंग हो चुकी है लेकिन परिवहन विभाग भर्ती करने में चलाकर देरी कर रहा है. मोटर वाहन उपनिरीक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका से मिलकर समस्याओं से अवगत कराया.कुलदीप रांका ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि परिवहन विभाग से बात कर जल्द अंतिम परिणाम जारी करने का आश्वासन दिया.
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रिपोर्ट- रोहित भट्ट
अल्मोड़ा. अगर आपके बच्चे की उम्र 18 साल से कम है और वह वाहन चला रहा है, तो आप अपने लाडले के हाथ से तुरंत गाड़ी की चाबी वापस ले लें. ऐसा न करना आपको काफी महंगा पड़ सकता है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां अभिभावक को नाबालिग को वाहन चलाने देना भारी पड़ गया. इंटरसेप्टर टीम ने नाबालिग को स्कूटी चलाते हुए पकड़ लिया और अभिभावक का मोटर वाहन अधिनियम के तहत 25,000 रुपये का चालान कर दिया. साथ ही स्कूटी को भी सीज किया गया.
अल्मोड़ा पुलिस के मुताबिक, इंटरसेप्टर वाहन टैक्सी स्टैंड तिराहे के पास चेकिंग कर रहा था. इस दौरान एक बिना नंबर की स्कूटी को रोका गया. चालक ने हेलमेट नहीं पहना था. आधार कार्ड के अनुसार चालक की उम्र 14 साल 6 महीने थी. इंटरसेप्टर प्रभारी जीवन सामंत ने नाबालिग के पिता को मौके पर बुलाया और नाबालिग को उनके सुपुर्द किया.
जिसके बाद इंटरसेप्टर टीम ने नाबालिग वाहन चालक के अभिभावक के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत 25,000 रुपये का चालान कर स्कूटी को सीज कर दिया. नाबालिग के पिता को मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए सख्त निर्देश दिए गए कि भविष्य में अपने नाबालिग बच्चों को वाहन न चलाने दें.
बताते चलें कि अल्मोड़ा जिले में सड़क हादसों को थामने के लिए पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है.
अल्मोड़ा के एसएसपी प्रदीप राय ने सभी थाना-चौकी प्रभारियों, यातायात निरीक्षक और इंटरसेप्टर प्रभारी को जिले में दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से नशे में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों, नाबालिगों के वाहन चलाने और रैश ड्राइविंग करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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Tags: Almora News, Traffic Police, Traffic rules, Uttarakhand news, Uttarakhand Police
FIRST PUBLISHED : October 09, 2022, 16:46 IST
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अल्मोड़ा। शुक्रवार को पुलिस इंटरसेप्टर प्रभारी जीवन सामंत मय हमराह का0 सुनील, का0 ललित बिष्ट ने अल्मोडा शहर स्थित टैक्सी स्टैण्ड तिराहे के पास चैकिंग अभियान चलाते हुए बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की नई स्कूटी यामाहा फैशिनो को रोक कर जांच की। चैक करने पर पाया गया कि नाबालिग वाहन चालक बिना हेलमेट चला रहा था , नाबालिग चालक की उम्र 14 वर्ष 6 माह (आधार कार्ड के अनुसार) होना पाया गया।
इस पर पुलिस ने नाबालिग वाहन चालक के पिता रोबिन कुमार को मौके पर बुला कर नाबालिग को उनके सुपुर्द किया तथा नाबालिग वाहन चालक के अभिभावक के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत 25000/रु का चालान कर वाहन को सीज किया गया।
पुलिस ने अभिभावक को मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए सख्त निर्देश दिए गए कि भविष्य में अपने नाबालिग बच्चों को वाहन ना दे। बताते चलें कि प्रदीप कुमार राय एसएसपी अल्मोड़ा ने सभी थाना/चौकी प्रभारियों /यातायात निरीक्षक/इंटरसैप्टर प्रभारी को जनपद में दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से नशे में वाहन चलाने/खतरनाक तरीके से/नाबालिग द्वारा वाहन चलाने / रैश ड्राइविंग करने वालें लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
जामताड़ा7 घंटे पहले
बैठक में मौजूद उपायुक्त व अन्य पदाधिकारी।
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज की अध्यक्षता में की गई। जिला परिवहन पदाधिकारी ने उपायुक्त को बताया कि पूर्व के निर्देश के आलोक में दुर्गा पूजा के दौरान जांच टीम ने शहरी क्षेत्र मिहिजाम /जामताड़ा थाना क्षेत्र में हेलमेट चेकिंग,ओवर स्पीड, ट्रिपल राइड एवं मधपान कर चालन करने वाले चालकों के विरुद्ध विशेष रूप से जागरूकता अभियान चलाया गया साथ ही 32 वाहन चालकों से एमवीआई एक्ट की विभिन्न धाराओं में दंड शुल्क वसूली की गई।
उपायुक्त ने सबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया कि लगातार जांच अभियान चलाते रहें। जिला अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों, उच्च विद्यालयों, प्लस टू विद्यालयों एवं कॉलेज में रोड सेफ्टी टीम के साथ जागरूकता अभियान चलाते रहें। साथ ही डीआरएसआईयू टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग अवश्य रूप से करें। उपायुक्त ने अतिसंवेदनशील दुर्घटना स्थलों के आसपास प्रमुख स्थलों में फ्लैक्स, होर्डिंग्स के माध्यम से सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता का निर्देश दिया।
ईसीएल चितरा प्रबंधन अंतर्गत ट्रांसपोर्टेशन में लगे लगे रिफ्लेक्टिव टेप, हेड एंड रियर लाइट, फिटनेस, विजिबिलिटी के साथ प्रदर्शित होने वाले नंबर प्लेट आदि की जांच रेडमली करने का निर्देश एमवीआई को दिया गया। उपायुक्त द्वारा सभी पेट्रोल पंप में नो हेलमेट नो पेट्रोल जागरूकता अभियान के तहत बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं देने का निर्देश दिया गया।
मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी संजय पांडेय, जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार तिर्की, जिला शिक्षा पदाधिकारी गोपाल कृष्ण झा, कार्यपालक अभियंता रोड डिवीजन, एमवीआई, चैंबर ऑफ कॉमर्स सचिव संजय अग्रवाल, जिला सड़क सुरक्षा के कर्मी सूचना प्रौद्योगिकी सहायक सतीश कुमार सिंह, सड़क अभियांत्रिकी विश्लेषक माज आलम सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी कर्मी मौके पर उपस्थित थे।
हिट एंड रन के 16 लंबित मामलाें के शीघ्र निष्पादन का निर्देश
हिट एंड रन के 16 लंबित मामले के शीघ्र निष्पादन करने के लिए उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया। नेक व्यक्ति के प्रोत्साहन के जिलांतर्गत प्रमुख स्थलों पर प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि मोटर वाहन जनित सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की सहायता करने तथा गाेल्डेन आवर में अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने वाले नेक व्यक्ति को प्रोत्साहित करने हेतु नगद पुरस्कार 5,000 मात्र प्रशस्ति पत्र प्रदान करने की योजना लागू की गई है। साथ ही उपायुक्त द्वारा संबंधित पदाधिकारी को एक वर्कशाप के माध्यम से योजना के बारे में जानकारी सभी संबंधित को देने का निर्देश दिया गया।
राज्य सरकार ने 13 अक्टूबर, 2022 की मध्यरात्रि से 13 नवंबर, 2022 तक दीमापुर-कोहिमा-खुजामा से राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के साथ तीन-धुरा से आगे किसी भी वाहन की आवाजाही पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी की है।
एक अधिसूचना में, परिवहन विभाग ने कहा कि हालांकि, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा धनसिरी से ज़ुब्ज़ा तक ब्रॉड गेज नई लाइन के लिए चल रही पूंजी कनेक्टिविटी परियोजना के लिए सामग्री ले जाने वाले भारी वाहनों के लिए अपवाद बनाया गया है, जो कि एनएच खंड पर खेलने के लिए है। दीमापुर से मोलवोम/फेरिमा तक।
अधिसूचना के अनुसार, ऐसे प्रत्येक वाहन द्वारा वहन किया जा रहा भार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में प्रदान की गई सीमा के भीतर होना चाहिए।
मोटर वाहन विभाग को जिला प्रशासन और संबंधित पुलिस विभाग के समन्वय से मोटर वाहन अधिनियम, 1989 की धारा 116 के तहत सख्त कार्यान्वयन और उपयुक्त स्थानों पर उचित संकेत लगाने या लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
Author: AgencyPublish Date: Thu, 06 Oct 2022 02:40 PM (IST)Updated Date: Thu, 06 Oct 2022 02:40 PM (IST)
कोच्चि, पीटीआइ। केरल के पलक्कड़ जिले में बुधवार रात बस दुर्घटना में पांच स्कूली छात्रों समेत नौ की जान चली गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पल्लकड़ में हुई इस बस दुर्घटना पर केरल हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को पलक्कड़ बस दुर्घटना के संबंध में पुलिस और मोटर वाहन विभाग (MVD) से जांच रिपोर्ट मांगी है। इस दुर्घटना में पांच स्कूली छात्रों सहित नौ लोगों की जान चली गई।
चमकती लेजर लाइट और प्रतिबंधित हॉर्न वालों को किया जाए जब्त
बस दुर्घटना के मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेने वाले जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और पी.जी. अजितकुमार की खंडपीठ ने यह भी आदेश दिया कि वाहनों में चमकती लेजर लाइट और प्रतिबंधित हॉर्न का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही यह निर्देश भी दिया कि ऐसे लाइट और हॉर्न वाले वाहनों को जब्त किया जाए।
पीठ ने कहा कि निजी बस, जो तेज गति से जा रही थी और पीछे से केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बस से टकरा गई। इसमें चमकती लेजर लाइट और साउंड सिस्टम थे, जो अदालत के आदेशों का उल्लंघन है। साथ ही पीठ ने पूछा कि बस को फिटनेस प्रमाणपत्र कैसे जारी किया गया? वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
KSRTC से मांगी गई जानकारी
इस बीच, न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की एकल न्यायाधीश पीठ ने भी दुर्घटना के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी है। केएसआरटीसी के वकील दीपू थंकान ने यह जानकारी दी। वकील ने कहा कि न्यायमूर्ति रामचंद्रन के दिन में दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर मामले की सुनवाई करने की संभावना है।
बता दें कि बस दुर्घटना मामले में मरने वालों में स्कूल शिक्षक विष्णु वीके, छात्र अंजना अजित, इमैनुएल सीएस, दीया राजेश, क्रिस विंटरबॉर्न थॉमस, एल्ना जोस (छात्र), अनूप (22), रोहित राज (24) और दीपू हैं।
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Edited By: Dhyanendra Singh Chauhan
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में अब टू व्हीकर चलाने वालों के लिये बिना हेलमेट नो एंट्री रहेगी. हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट में बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध पहले से है लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) की सख्ती के बाद एक बार फिर पुलिस (MP Police) महकमा सक्रिय हुआ है. 6 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक हेलमेट की जांच के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में पिछले ढाई साल में सड़क दुर्घटनाओं में 30,262 लोगों ने जान गंवाई जिसमें 14,633 लोग तो दोपहिया वाहन सवार थे.
हेलमेट पहनना अनिवार्य
एमपी हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने जारी आदेश में कहा है कि वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा. इसमें महिला, पुरुष या नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं. इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन सवार के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है.
हेलमेट पहने हुए ही दफ्तर में एंट्री
बता दें कि मध्य प्रदेश में हेलमेट की अनिवार्यता पहले से है लेकिन राज्य में सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाई कोर्ट के आदेश पर सख्ती भी बरती जाएगी. सरकारी आदेश के मुताबिक हेलमेट पहने हुए सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन के मुताबिक शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप्स पर भी हेलमेट की अनिवार्यता लागू की गई है. दो पहिया वाहन पर हेलमेट धारण नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मोटरयान अधिनियम की धारा 128 और 129 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
जाने क्या लिखा है आदेश में-
1. समस्त शासकीय/अर्ध शासकीय और प्राइवेट कार्यालय में प्रमुख को पत्र लिखकर सभी कर्मचारियों को (पीलीयन राइडर सहित) हेलमेट धारण करने के संबंध में लिखित निर्देश जारी किये जाएं. हेलमेट धारण न करने वाले के पर सख्ती से कार्यवाही करते हुये कार्यालय में प्रवेश रोकने के बाबत सख्त हिदायत दी जाए.
2. सभी स्कूल और कॉलेजो के प्रधान अध्यापक/ प्रधान आचार्य सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों और कर्मचारियों को निर्देशित करें कि वे बच्चों को स्कूल/कॉलेज लेकर आते-जाते समय आवश्यक रूप से हेलमेट धारण करें. साथ ही हेलमेट धारण न करने वाले अभिभावकों और छात्र- छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में प्रवेश बंद करने बाबत सख्त हिदायत दिया जाए. इस संबंध में लिखित निर्देश जिला दण्डाधिकारी के माध्यम से जारी किया जाए.
3. सभी पेट्रोल पम्पों पर फ्लेक्स/बेनर के माध्यम से दो पहिया मोटर वाहन चालकों और पीलियन राइडर को हेलमेट धारण करने के लिए पाबंद करें. साथ ही वाहन चालकों को हेलमेट धारण करने पर ही पेट्रोल वितरण करेगे. ऐसी सख्त हिदायत दी जाए ताकि सभी हेलमेट पहनकर ही पेट्रोल पम्प पर आयें.
4. स्थानीय निकाय जैसे ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और कन्टनमेन्ट बोर्ड के माध्यम से ठेके पर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था दी जाती है. जहां यात्रीगण बिना हेलमेट धारण किये हुये आकर वाहन पार्किंग में लगाते हैं. हेलमेट धारण करने पर ही उनकों वाहन पार्किंग की सुविधा दी जाए. ऐसे पार्किंग संचालकों को सख्त हिदायत दी जाए.
5. जिले में संचालित ऑटो मोबाईल शॉप पर बैनर / फ्लेक्स के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाए. वाहन के विक्रय के समय सभी क्रेताओं को हेलमेट धारण करने के बाद ही शोरूम से जाने के लिए निर्देशित किया जाए.
6. समस्त होटल, ढाबा, रेस्टोरेन्ट, मॉल आदि स्थानों पर फ्लेक्स और बैनर के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में प्रचार-प्रसार करें. हेलमेट धारण न करने वाले को वाहन चालकों का उपरोक्त स्थानों पर प्रवेश वर्जित किये जाने के बारे में सख्त हिदायत दी जाए.
7. जिले के डायल 100 और शहर में लगे पीए सिस्टम, व्हीएमएस सिस्टम के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में लगातार उद्घोषणा की जाए.
8. जिले के प्रत्येक दो थानों के बीच एक पीए सिस्टम किराये पर लेकर आवश्यक रूप से हेलमेट धारण करने के संबंध में लगातार व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
9. जिला आबकारी विभाग द्वारा संचालित लाइसेंसी शराब की दुकानों और हाट बाजार के पार्किंग स्थलों पर भी हेलमेट धारण करने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
10. स्थानीय टीवी चैनलों, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिन्ट मीडिया और सोशल मिडिया के माध्यम से दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के लिए बाध्य किया जाए.
MP Govt Impose Helmet Rule: जब बात गाड़ी चलाने की हो तो सावधानी जरुरी होती है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर जिले में टू व्हीलर चलाने वालों के लिए हेलमेट जरूरी कर दिया है. बिना हेलमेट नो एंट्री रहेगी.
मोटर व्हीकल एक्ट में बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर बैन पहले से है लेकिन जबलपुर हाई कोर्ट की सख्ती के बाद एक बार फिर पुलिस प्रशासन एक्टिव हो चुका है. जबलपुर जिला प्रशासन इसके बैन को सफल बनाने के लिए 6 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक हेलमेट की जांच के लिए विशेष अभियान भी चलाएगा.
किन लोगों पर लागू होगा नियम?
MP हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. ADG PTRI जी जनार्दन ने जारी आदेश में कहा है कि गाड़ी चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा. इसमें महिला, पुरुष या नाबालिग चालक के लिए अलग से निर्देश नहीं हैं. इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन सवार के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतेगी. हालांकि सिख समुदाय के पुरुषों को इस नियम से दूर रखा गया है, क्योंकि वो लोग पहले से ही पगड़ी पहने रहते है. जिस पर हेलमेट पहना संभव नही है.
पहले से लागू थे नियम
मध्य प्रदेश में हेलमेट पहने का कानून पहले से ही लागू था, लेकिन राज्य में सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाई कोर्ट के आदेश पर सख्ती भी बरती जाएगी. आंकड़े ये भी बताते है कि मध्यप्रदेश में पिछले ढाई साल में सड़क दुर्घटनाओं में 30 हजार 262 लोगों ने जान गंवाई थी, जिसमें 14 हजार 633 लोग तो दोपहिया वाहन सवार थे. सरकारी आदेश के मुताबिक हेलमेट पहने हुए सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी.
हेलमेट न पहने पर कौन से लगेंगे धाराएं
ADG PTRI जी जनार्दन के मुताबिक शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप पर भी हेलमेट की अनिवार्यता लागू की गई है. दो पहिया वाहन पर हेलमेट न पहने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मोटरयान एक्ट की धारा 128 और 129 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए सरकार ने लिखित आदेश भी जारी किए है.
जिला प्रशासन के तरफ से जारी 10 अहम आदेश
- बाइक पर पीछे बैठने वाले को भी लगाना होगा हेलमेट, आदेश जारी
- 6 अक्टूबर से चलेगा अभियान
भोपाल, 3 अक्टूबर (हि.स.)। दो पहिया वाहन पर हेलमेट धारण नहीं करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम की धारा 128 एवं 129 में सख्ती से कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए आगामी 6 अक्टूबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। दो पहिया वाहन चालक के साथ वाहन के पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट लगाना होगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने सोमवार को निर्देश जारी किए हैं।
जारी आदेश में कहा गया है कि जबलपुर उच्च न्यायालय ने दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले (पीलियन राइडर) द्वारा हेलमेट न लगाने को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। जागरूकता के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने को कहा है। निर्देशों का पालन न करने वाले दो पहिया वाहन चालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने को निर्देशित किया है।
पुलिस एवं शोध प्रशिक्षण संस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जी. जनार्दन ने पुलिस आयुक्त इंदौर, भोपाल और समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि दो पहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वालों से अनिवार्य रूप से हेलमेट लगवाने के लिए हर संभव आवश्यक कदम उठाएँ। उन्होंने कहा है कि हेलमेट धारण करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएं और हेलमेट धारण न करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही भी करें। इसके लिए आगामी 6 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर 2022 तक विशेष अभियान चलाया जाना सुनिश्चित करें।
एडीजी जनार्दन ने निर्देशित किया है कि हेलमेट नहीं लगाने वाले छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों और अभिभावकों का शिक्षण संस्थानों में प्रवेश निरूद्ध करें। सभी पेट्रोल पम्प पर दो पहिया मोटर वाहन चालकों को हेलमेट धारण करने पर ही पेट्रोल वितरण करें। समस्त होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, मॉल आदि स्थानों पर हेलमेट लगाने पर ही प्रवेश दिया जाए। स्थानीय निकाय जैसे ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम एवं कन्ट-नमेन्ट बोर्ड और ठेके पर वाहनों की पार्किंग में हेलमेट धारण करने पर ही वाहन पार्किंग की सुविधा दी जाएं।
एडीजी जनार्दन ने जीवन-सुरक्षा के लिए आवश्यक हेलमेट लगाने को आम व्यक्ति को प्रेरित करने के लिए जन-जागरूकता के विभिन्न माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश गए हैं। निर्देशित किया गया है कि प्रचार-प्रसार के लिए ऑटो मोबाईल शॉप, समस्त होटल, ढाबा, रेस्टोरेन्ट, मॉल में फ्लेक्स बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाए। डायल 100 एवं शहर में लगे पी.ए.सिस्टम, वी.एम.एस. सिस्टम से हेलमेट धारण करने के संबंध में लगातार उद्घोषणा की जाये। प्रत्येक दो थानों के बीच पी.ए. सिस्टम से आवश्यक रूप से हेलमेट धारण करने के संबंध में, लगातार व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। जिला आबकारी विभाग द्वारा संचालित लाइसेंसी शराब की दुकानों एवं हाट बाजार के पार्किंग स्थलों पर भी हेलमेट धारण करने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायें। स्थानीय टी.वी.चैनल, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिन्ट मीडिया, सोशल मिडिया और प्रिंट मीडिया से भी अनिवार्यत: हेलमेट लगाने के संदेश को प्रसारित-प्रकाशित किया जाये।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/ डा. मयंक
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। गांव हो या शहर आपने अक्सर 18 साल से कम उम्र के बच्चों को फर्राटे से बाइके चलाते हुए देखा होगा। इन नाबालिग बच्चों को दोपहिया या चारपहिया वाहन चलाना सख्त मना है। एक बार जब ये बच्चे बालिग हो जाएंगे और उसके बाद उनका ड्राइविंग लाइसेंस बन जाता है, तभी वो गाड़ी चलाने योग्य होते हैं। हालांकि, इसके बावजूद अक्सर आपने सड़कों पर नियमों का उल्लंघन होते हुए देखा होगा। इस नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस धड़ल्ले से चालान काट रही है। आइये जानते हैं पूरा नियम
25 हजार का कटेगा चालान
दरअसल, अगर कोई नाबालिक कार या बाइक चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके पिता को चालान भरना पड़ेगा, इसके अलावा 3 साल तक के जेल जाने के भी प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, यदि आपका बच्चा 18 वर्ष से कम आयु का है और बिना किसी लर्नर लाइसेंस के मोटर वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस स्थिति में, आपको मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के तहत दंडित किया जाएगा। अभिभावक को अधिकतम दंड के रूप में तीन साल की कैद और पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
इन दोपहिया वाहनों का नाबालिग भी ले सकते हैं मजा
मोटरव्हीकल एक्ट के अनुसार, 50cc से अधिक इंजन वाली गाड़ियों को बिना लाइसेंस के नहीं चलाया जा सकता है। इसका मतलब ये है कि अगर आपके पास 50cc की क्षमता से कम वाले वाहन हैं तो नाबालिग बच्चे भी उसे चला सकते हैं।
इसी तरह 25 की टॉप स्पीड वाली इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को कोई भी चला सकता है, क्योंकि इसके लिए न तो कोई रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है न ही कोई इसको चलाने के लिए किसी के भी लाइसेंस की। इसको पूरे भारत में नाबालि बच्चे बेझिझक चला सकते हैं।
Edited By: Atul Yadav
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