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Tuesday, October 31, 2023

चालू वित्त वर्ष में वाहन उद्योग में मध्यम वृद्धि का अनुमान: इक्रा - ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारत के घरेलू वाहन उद्योग को वित्त वर्ष 2023-24 में बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। हालांकि मानसून के असमान वितरण से जुड़ी चिंताओं के बीच ग्रामीण मांग अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह बात कही।

इक्रा ने एक बयान में कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार तथा लोगों की आवाजाही बढ़ने के कारण वाहन उद्योग पिछले दो वर्षों में वापसी की राह पर है। हालांकि विभिन्न मोटर वाहन खंडों में सुधार की गति कुछ हद तक मिश्रित रही है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यात्री वाहन खंड में सर्वकालिक उच्च बिक्री दर्ज की गई। इसके पीछे निजी वाहन को प्राथमिकता और स्थिर सेमीकंडक्टर आपूर्ति की अहम भूमिका रही थी। चालू वित्त वर्ष में भी इस खंड में मांग मजबूत रहने की उम्मीदों के बीच सालाना आधार पर वृद्धि छह से नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है।

इसी तरह, वाणिज्यिक वाहन उद्योग की कुल बिक्री महामारी-पूर्व के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। भले ही सालाना आधार पर वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली स्तर दो से चार प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

इक्रा रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में मोटर वाहन उद्योग क्षेत्रों में वृद्धि मध्यम स्तर पर रहेगी। अनुकूल मांग के कारण जहां यात्री वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहेगी, वहीं दोपहिया वाहन उद्योग को भी कम आधार की मदद से बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।’’

दीवान ने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण मांग पर असमान मानसून वर्षा का प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है। भले ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, फसल खरीद आदि पर सरकार के प्रयास सकारात्मक बने हुए हैं।’’

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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Sunday, October 29, 2023

Aligarh News: छर्रा पुलिस ने पांच वाहन चोर गिरफ्तार, वाहन-हथियार हुए बरामद - अमर उजाला

Chharra police arrested five vehicle thieves

गिरफ्तार वाहन चोर और बरामद वाहन - फोटो : पुलिस

विस्तार

अलीगढ़ में छर्रा पुलिस ने वाहन चैकिंग के दौरान पांच वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक छोटा हाथी व दो मोटर साइकिल बरामद हुई हैं। साथ ही एक नाजायज तमंचा व दो कारतूस भी मिले हैं।                   

छर्रा कोतवाली निरीक्षक बालेन्द्र सिंह ने बताया कि छर्रा-गंगीरी मार्ग स्थित नगला गुलरिया मोड पर उपनिरीक्षक हरेन्द्र सिंह, विनीत कुमार, पंकज कुमार वेदवान व कांस्टेबिल पवन कुमार, सुगन्ध प्रताप व विशाल वाहन चैकिंग कर रहे थे। गंगीरी की तरफ से पप्पू पु्त्र राजपाल, अशोक पुत्र श्यौराज सिंह निवासी गण रामपुर, राहुल पुत्र वेदप्रकाश, हासिम पुत्र छुटटन निवासीगण भमोरी कलां तथा नन्हे पुत्र बुन्दू खां निवासी संजय नगर छर्रा वाहनों से आ रहे थे। 

पुलिस ने रोकने के लिए हाथ दिया तो ये भागने लगे। पुलिस ने दौड़कर पांचो को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से छोटा हाथी टैम्पू नंबर UP81AF9010, मोटर साइकल प्लेटिना नंबर UP83K6507, मोटर साइकिल गलैमर नंबर UP80BV 8391 के साथ एक तमंचा व दो कारतूस बरामद किये। क्षेत्राधिकारी छर्रा शुबेन्दु सिंह ने पुलिस टीम की सराहना की है। इनके खिलाफ धारा 379,411 व 3/25 आर्म्स एक्ट के अर्न्तगत रिपोर्ट अंकित कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। 

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Aligarh News: छर्रा पुलिस ने पांच वाहन चोर गिरफ्तार, वाहन-हथियार हुए बरामद - अमर उजाला

Chharra police arrested five vehicle thieves

गिरफ्तार वाहन चोर और बरामद वाहन - फोटो : पुलिस

विस्तार

अलीगढ़ में छर्रा पुलिस ने वाहन चैकिंग के दौरान पांच वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक छोटा हाथी व दो मोटर साइकिल बरामद हुई हैं। साथ ही एक नाजायज तमंचा व दो कारतूस भी मिले हैं।                   

छर्रा कोतवाली निरीक्षक बालेन्द्र सिंह ने बताया कि छर्रा-गंगीरी मार्ग स्थित नगला गुलरिया मोड पर उपनिरीक्षक हरेन्द्र सिंह, विनीत कुमार, पंकज कुमार वेदवान व कांस्टेबिल पवन कुमार, सुगन्ध प्रताप व विशाल वाहन चैकिंग कर रहे थे। गंगीरी की तरफ से पप्पू पु्त्र राजपाल, अशोक पुत्र श्यौराज सिंह निवासी गण रामपुर, राहुल पुत्र वेदप्रकाश, हासिम पुत्र छुटटन निवासीगण भमोरी कलां तथा नन्हे पुत्र बुन्दू खां निवासी संजय नगर छर्रा वाहनों से आ रहे थे। 

पुलिस ने रोकने के लिए हाथ दिया तो ये भागने लगे। पुलिस ने दौड़कर पांचो को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से छोटा हाथी टैम्पू नंबर UP81AF9010, मोटर साइकल प्लेटिना नंबर UP83K6507, मोटर साइकिल गलैमर नंबर UP80BV 8391 के साथ एक तमंचा व दो कारतूस बरामद किये। क्षेत्राधिकारी छर्रा शुबेन्दु सिंह ने पुलिस टीम की सराहना की है। इनके खिलाफ धारा 379,411 व 3/25 आर्म्स एक्ट के अर्न्तगत रिपोर्ट अंकित कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। 

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Saturday, October 28, 2023

IND vs ENG Match In Lucknow: भारत-इंग्लैंड के बीच होने वाले मुकाबले को लेकर लखनऊ वास‍ियों के ल‍िए गाइडलाइन ज.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, लखनऊ। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में आज भारत और इग्‍लैंड के बीच महामुकाबला है। इस दौरान 50 हजार दर्शकों की क्षमता वाला इकाना स्‍टेड‍ियम फुल रहेगा। शहर में मैच होने की वजह से ट्रैफ‍िक व‍िभाग ने कई जगह डायवजर्न लागू क‍िया है। अगर आप भी मैच देखने जा रहे हैं तो पहले ये खबर पढ़ लें। इसके बाद मैच देखने के दौरान आपको आने-जाने में समस्‍या नहीं होगी।

वाहनों के लिए इंतजाम

  • कमता की तरफ के वाहन अहिमामऊ शहीद पथ रैंप से उतरकर सुलतानपुर रोड पर लगभग 1.5 किमी आगे चलकर एचसीएल तिराहे से बाएं मुड़कर निर्धारित पार्किंग में खड़े होंगे
  • शहीद पथ मोड की तरफ से आने वाले वाहन अहिमामऊ अंडरपास चौराहे से दाहिने मुड़कर सुलतानपुर रोड पर लगभग 1.5 किमी आगे चलकर एचसीएल तिराहे से बाएं निर्धारित पार्किंग में खड़े होंगे
  • कैंट के अर्जुनगंज बाजार की तरफ स आने वाले वाहन अहिमामऊ अंडरपास से सीधे सुलतानपुर रोड पर लगभग 1.5 किमी आगे चलकर एचसीएल तिराहे से बाएं मुड़कर निर्धारित पार्किंग में खड़े होंगे
  • सुलतानपुर की तरफ से आने वाले वाहन एचसीएल तिराहे से दाहिने मुड़कर निर्धारित पार्किंग में खड़े होंगे

शहीद पथ पर 42 बसों का संचालन

इलेक्ट्रिक व सीएनजी बसों के संचालन के लिए अलग से प्रबंध नहीं किया गया है। शहीद पथ पर कमता और स्कूटर इंडिया व पीजीआइ आदि के लिए 42 बसों का संचालन हो रहा है। यही बसें मैच के दिन भी संचालित रहेंगी। सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर और बसों का प्रबंध किया जाएगा।

पार्किंग व्यवस्था

नार्थ / साउथ स्टैंड के दर्शक के वाहन पार्किंग पी-5,6,9 में पार्क होंगे - ईस्ट/वेस्ट स्टैंड के वाहन पार्किंग पी- 7, 8, 10, 11 में पार्क होंगे - पासधारक दर्शक के लिए पी0, पी 1, पी 2, पी 3पी 3 ए पर पार्किंग सीमित संख्या में अनुमन्य होगी। - दो पहिया वाहनों की पार्किंग पी 4 में निर्धारित की गई है

नो पार्किंग जोन

वाटर टैंक तिराहे से पलासियो माल की सड़क नो पार्किंग जोन होगी यहां पर पार्क होने वाली गाड़ियों को क्रेन से हटाकर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी - इकाना स्टेडियम और पलासियो माल के सामने कोई पार्किंग जोन नहीं होगा - अहिमामऊ चौराहे पर जी-20 तिराहा एवं पीएचक्यू की सर्विस लेन नो पार्किंग जोन होगी - इकाना स्टेडियम के सामने शहीद पथ को जोड़ने वाला रैंप पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • मैच के बीच में अगर बाहर निकले तो दोबारा नहीं प्रवेश मिलेगा
  • स्टेडियम के अंदर निर्धारित कार पासधारक वाहनों को ही प्रवेश मिलेगा
  • बोतल, लाइटर, केन, ज्वलनशील पदार्थ, सिक्का, आतिशबाजी, हथियार, लोहे की वस्तु व अन्य आपत्तिजनक चीजें स्टेडियम परिसर के अंदर प्रतिबंधित हैं
  • दर्शकों का स्टेडियम में प्रवेश मैच शुरू होने के तीन घंटे पहले से शुरू होगा
  • मोटर वाहन का पास अलग-अलग रंगों में तैयार किया गया है। रंग के हिसाब से पार्किंग स्थल एवं गेट निर्धारित किए गए हैं

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Friday, October 27, 2023

गाड़ियों की नंबर प्लेट के कोने पर क्यों लिखा होता है IND? क्यों ये है जरूरी - ABP न्यूज़

IND Written Number: हम सभी जानते हैं कि कार या कोई भी वाहन खरीदने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है, तब ही हमें नंबर प्लेट मिलती है जिस पर कुछ कोड और नंबर लिखे होते हैं. भारत में प्रत्येक वाहन मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत रजिस्टर्ड है. क्या आपने कभी गौर किया है कि इन नंबर प्लेटों पर IND भी लिखा होता है? यह कई वाहनों पर क्यों लिखा होता है, इसका अर्थ और महत्व क्या है. आइए इस आर्टिकल के माध्यम से यह समझने की कोशिश करते हैं कि ऐसा करने के पीछे क्या कारण है?

नंबर प्लेट पर IND क्यों लिखा होता है?

IND भारत का संक्षिप्त रूप है. कई वाहनों में एक विशेष प्रकार की उभरी हुई नंबर प्लेट होती है जिस पर होलोग्राम के साथ IND लिखा होता है. शब्द IND हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटों की विशेषताओं की सूची का हिस्सा है, जिन्हें केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में 2005 के संशोधन के एक भाग के रूप में पेश किया गया था. यह IND हाई सिक्योरिटी नंबर RTO की पंजीकृत नंबर प्लेट पर पाया जाता है. विक्रेता और यदि प्रक्रिया या कानून के तहत लिया जाता है तो उसके ऊपर एक क्रोमियम-प्लेटेड होलोग्राम भी लगा होता है, जिसे हटाया नहीं जा सकता. यह सरकार के तरफ से खास स्थिति में जारी किया जाता है.

इस नंबर प्लेट को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कहा जाता है. इसे उपलब्ध कराने का एकमात्र कारण सुरक्षा है. इन नई प्लेटों में टैम्पर-प्रूफ और स्नैप लॉक सिस्टम जैसी कुछ सुरक्षा विशेषताएं दी गई हैं जो हटाने योग्य नहीं हैं. सड़क किनारे विक्रेताओं द्वारा स्नैप लॉक की नकल बनाना लगभग असंभव है. ये प्लेटें वाहन मालिकों को चोरी या आतंकवादियों द्वारा दुरुपयोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं.

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Thursday, October 26, 2023

गाड़ियों की नंबर प्लेट पर क्यों लिखा होता है ‘IND’, जानें - Jagran Josh

हम सभी जानते हैं कि कार या कोई भी वाहन खरीदने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। हमें नंबर प्लेट मिलती है, जिस पर कुछ कोड और नंबर लिखे होते हैं। भारत में प्रत्येक वाहन मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के तहत पंजीकृत है।

क्या आपने कभी गौर किया है कि इन नंबर प्लेटों पर IND भी लिखा होता है ? यह कई वाहनों पर क्यों लिखा होता है, इसका अर्थ और महत्व क्या है। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से हम अध्ययन करते हैं।

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नंबर प्लेट पर "IND" क्यों लिखा होता है ?

"IND" भारत का संक्षिप्त रूप है। कई वाहनों में एक विशेष प्रकार की उभरी हुई नंबर प्लेट होती है, जिस पर होलोग्राम के साथ IND लिखा होता है। शब्द "IND" उच्च सुरक्षा नंबर प्लेटों की विशेषताओं की सूची का हिस्सा है, जिन्हें केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में 2005 के संशोधन के एक भाग के रूप में पेश किया गया था।

यह "IND" हाई सिक्योरिटी नंबर RTO के रजिस्टर्ड नंबर प्लेट विक्रेता के पास मिलता है और अगर प्रक्रिया या कानून के तहत लिया जाता है, तो इसके ऊपर एक क्रोमियम-प्लेटेड होलोग्राम भी लगा होता है, जिसे हटाया नहीं जा सकता।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट उपलब्ध कराने का एकमात्र कारण सुरक्षा है। इन नई प्लेटों में टैम्पर-प्रूफ और स्नैप लॉक सिस्टम जैसी कुछ सुरक्षा विशेषताएं दी गई हैं, जो हटाने योग्य नहीं हैं। सड़क किनारे विक्रेताओं द्वारा स्नैप लॉक की नकल बनाना लगभग असंभव है। ये प्लेटें वाहन मालिकों को चोरी या आतंकवादियों द्वारा दुरुपयोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं।

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) क्या है

उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) 2001 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा शुरू की गई वाहनों के लिए नंबर प्लेट है। यह 1 मिमी विशेष ग्रेड एल्यूमीनियम से बनी होती है और इसे सफेद/पीली परावर्तक शीट से लेमिनेट किया जाता है। नंबर प्लेट पर सभी नंबरों और अक्षरों पर हॉट स्टैम्पिंग फॉइल में पैंतालीस डिग्री के कोण पर कुछ अक्षर अंकित होते हैं।

 

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हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की विशेषताएं

 

-क्रोमियम आधारित चक्र होलोग्राम

- इसमें यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक पहचान, परीक्षण एजेंसी और निर्माता दोनों की लेजर नंबरिंग शामिल है।

- इसमें पैंतालीस डिग्री के कोण पर झुका हुआ एक सत्यापन शिलालेख "भारत" भी शामिल है, जिस पर बेहतर दृश्यता के लिए रेट्रो-रिफ्लेक्टिव फिल्म प्लेट में अक्षर उभरे हुए हैं।

- होलोग्राम के नीचे बाईं ओर हल्के नीले रंग में "IND" अक्षर मुद्रित होते हैं।

- इस प्लेट में एक नॉन-रिमूवेबल स्नैप लॉक होता है, जो प्लेट को अपनी जगह पर रखता है। ताकि, कोई इसे तोड़ या दोबारा इस्तेमाल न कर सके

 

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लाभ

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के कई फायदे हैं। इससे दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, क्योंकि इसमें क्रोमियम होलोग्राम की सात यूनिक लेजर कोड पंजीकरण संख्या होती है। किसी भी दुर्घटना या आपराधिक घटना की स्थिति में कार और उसके मालिक के बारे में सारी जानकारी इसके जरिए मिल जाएगी।

वाहन नंबर प्लेट पर "IND" और उभरा हुआ क्रोमियम प्लेटेड नंबर होने से रात में नंबर प्लेट पर कैमरे की मदद से नजर रखना संभव होता है, यानि कि इन प्लेटों से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। लेजर डिटेक्टर कैमरा लगने के बाद किसी भी वाहन के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।

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Wednesday, October 25, 2023

Delhi Motor Vehicle Policy: दिल्ली की नई नीति से बाइक टैक्सी ऑपरेटर खौफजदा, दोगुनी लागत का डर - Business Standard Hindi

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बीते सप्ताह दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर ऐंड डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना 2023 को मंजूरी दी। यह योजना लागू होने के दिन से सभी बाइक टैक्सी इलेक्ट्रिक होनी चाहिए और सभी सेवा प्रदाताओं को बदलाव करने के लिए 4 वर्ष का समय दिया गया है।

इस नीति का मुख्य मकसद प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है लेकिन इसे लेकर कुछ आशंकाएं हैं। बाइक टैक्सी ड्राइवरों के अनुसार यह नीति कम आय समूह के लोगों के लिए दंड होगी। बाइक टैक्सी ड्राइवर से डिलिवरी पार्टनर बनने वाले विनोद कुमार ने कहा, ‘हम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन नहीं खरीद सकते हैं क्योंकि इसकी लागत हमारे वाहन की तुलना में दोगुनी है। यदि वाहन पर वाणिज्यिक नंबर प्लेट है तो हमें वाणिज्यिक पंजीकरण शुल्क भी अदा करना पड़ता है।’

लिहाजा 1500 से अधिक बाइक टैक्सी ड्राइवरों ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा। इन ड्राइवरों ने 17 अक्टूबर को लिखे पत्र में उपराज्यपाल से मांग की कि उन्हें भी डिलिवरी सर्विस पार्टनर की तरह समय मुहैया करवाया जाए।

इस साल की शुरुआत में फरवरी में दिल्ली परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर बाइक टैक्सी की सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया था। अभी दिल्ली में लोकप्रिय एग्रीगेटर जैसे ओला, उबर और रैपिडो बाइक टैक्सी की सेवा मुहैया करवा रहे हैं। इस नीति में चार पहिया वाहन और डिलिवरी सेवा प्रदाताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। लिहाजा पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का विश्वास है कि यह नीति अपने वांछित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। साथ ही निष्पक्षता भी सुनिश्चित नहीं कर पाएगी।

उनके अनुसार एक समूह के लिए पेट्रोल या डीजल चालित वाहनों पर केवल प्रतिबंध लगाने से समस्या का हल नहीं होगा। शहर में निजी वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, चार पहिया वाहनों और उद्योगों से खासा प्रदूषण होता है।

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐंड क्लीयर एयर (सीआरईए) के विशेषज्ञ सुनील दहिया ने कहा, ‘सरकार को इन स्रोतों से प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए समुचित नीति बनानी चाहिए। पे़ट्रोल व डीजल चालित वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए समुचित और मजबूत सार्वजनिक यातायात व्यवस्था और गैर मोटर यातायात ढांचा विकसित किया जाना चाहिए।’

यह नीति इस पर आधारित है कि ‘प्रदूषण करने वाले’ कीमत अदा करें। इसके लिए ईवी की तुलना में पारंपरिक वाहनों का लाइसेंस शुल्क अत्यधिक बढ़ा दिया गया है। जैसे इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य है लेकिन सीएनजी चालित कैब के लिए 600 रुपये और पेट्रोल चालित कैब के लिए 750 रुपये हैं।

सूचना तकनीक उद्योग के निकाय नैसकॉम ने हालिया रिपोर्ट में कहा कि वाहनों की उपलब्धता और मौजूदा आधारभूत ढांचे के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। नैसकॉम ने सुझाव दिया था कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को चरणबद्ध ढंग से अपनाना चाहिए।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयुक्त की उपसमिति ने शनिवार को ग्रेडेज रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के 11 सूत्री कार्यक्रम को लागू कर दिया था और इसे लागू करने के तीन चार दिनों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई गई थी।

First Published : October 24, 2023 | 10:33 PM IST

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वाहनों के 'दबाव' में दिल्ली की सड़कें, सुधरने की बजाय बिगड़ रहे जाम के हालात.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सड़कें जवाब दे रही हैं, वाहनों का दबाव उनसे झेला नहीं जा रहा है। कुछ सड़कें भ्रष्टाचारियों की लापरवाही से आए दिन जर्जर रहती हैं तो कुछ मार्गों पर वाहनों का दबाव इतना अधिक होता है कि सड़कें कुछ दिन बनने के बाद ही जवाब दे देती हैं।

राजधानी में सड़कों पर जाम के हालात सुधरने की जगह और बिगड़ रहे हैं। जाम लगने और बोटलनेक की स्थिति बनने वाले स्थानों की सूची लंबी होती जा रही है। और वाहनों के कारण सड़कों पर लगने वाला जाम, उनसे निकलता धुआं वायुमंडल में दूषित जहरीली गैसों की मात्रा को बहुत अधिक बढ़ा चुका है।

वाहनों का रेला

  • 1 करोड़ 24 लाख है पंजीकृत वाहनों की संख्या
  • 54 लाख वाहनों का पंजीकरण पिछले साल निरस्त किया गया।
  • 70 लाख हैं वाहन जिन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति।
  • 48 लाख दो पहिया : 68.7%
  • 20 लाख चार पहिया : 31.3%
  • 4 लाख वाहन प्रति माह हो रहे पंजीकृत।

सर्वे में आया सामने

117 जाम लगने वाले स्थान और 11 फ्लाईओवर जहां पर वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है। यातायात पुलिस द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि सड़कों की क्षमता से अधिक वाहनों की संख्या है। वाहनों का दबाव सड़कें नहीं झेल पा रही हैं।

यातायात पुलिस के प्रयास 

  • फ्लाईओवर, अंडरपास बनाए गए हैं और भी बनाए जा रहे हैं, सड़कें चौड़ी की गईं।
  • धीमी रफ्तार वाले स्थानों पर यातायात कर्मी तैनात किए गए।
  • बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र(पीयूसीसी) के चलने वाले वाहनों के खिलाफ हो रही कार्रवाई।
  • पीयूसीसी के बिना चलने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और 115 केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 190 (2) के तहत मामला दर्ज किया जाता है और 10,000 रुपये का जुर्माना है, जिसमें पहले अपराध के दौरान तीन महीने के लिए वाहन चालक के लाइसेंस का निलंबन भी शामिल है।

यहां सबसे ज्यादा प्रदूषण के नियमों को होता है उल्लंघन 

दोपहिया चालक सबसे ज्यादा कर रहे नियमों का उल्लंघन

वाहनों के प्रकार    चालान

मोटर साइकिल                     69190

स्कूटर                                 49219

कार                                    33754

ऑटो                                     1556

छोटा हाथी                             1139

लार्ज गुड्स व्हीकल                    795

वैन                                          720

डीलीवरी वैन                             435

टैक्सी                                      350

ट्रक                                        333

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कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • 19,040 किमी है राजधानी में सड़कों की लंबाई।
  • 15582 किमी नगर निगम के तहत।
  • 1400 किमी लोक निर्माण विभाग का जिम्मा।

सड़कों की लंबाई 

गौतमबुद्ध नगर- 1,500

गाजियाबाद- 2,152

फरीदाबाद- 633

गुरुग्राम- 450

एनसीआर में वाहनों की संख्या 

गौतमबुद्ध नगर- 9 लाख

गाजियाबाद- 11 लाख

फरीदाबाद-  9 लाख

गुरुग्राम-    14 लाख

फरीदाबाद 

  • 25 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत
  • 40 बाटलनेक खत्म किए तीन साल में।

गौतमबुद्ध नगर 

  • 7 हजार वाहन हर माह हो रहे पंजीकृत।
  • 50 जगह बाटलनेक
  • 15 बाटलनेक खत्म किए गए, तीन साल में।
  • 20 बाटलनेक खत्म करने के लिए टेंडर जारी किए गए।

गुरुग्राम 

  • 50 जगह बाटलनेक हैं शहर में
  • 25 बाटलनेक खत्म किए गए तीन साल में

गाजियाबाद 

  • 8 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत

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वाहनों के 'दबाव' में दिल्ली की सड़कें, सुधरने की बजाय बिगड़ रहे जाम के हालात.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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वाहनों के 'दबाव' में दिल्ली की सड़कें, सुधरने की बजाय बिगड़ रहे जाम के हालात.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सड़कें जवाब दे रही हैं, वाहनों का दबाव उनसे झेला नहीं जा रहा है। कुछ सड़कें भ्रष्टाचारियों की लापरवाही से आए दिन जर्जर रहती हैं तो कुछ मार्गों पर वाहनों का दबाव इतना अधिक होता है कि सड़कें कुछ दिन बनने के बाद ही जवाब दे देती हैं।

राजधानी में सड़कों पर जाम के हालात सुधरने की जगह और बिगड़ रहे हैं। जाम लगने और बोटलनेक की स्थिति बनने वाले स्थानों की सूची लंबी होती जा रही है। और वाहनों के कारण सड़कों पर लगने वाला जाम, उनसे निकलता धुआं वायुमंडल में दूषित जहरीली गैसों की मात्रा को बहुत अधिक बढ़ा चुका है।

वाहनों का रेला

  • 1 करोड़ 24 लाख है पंजीकृत वाहनों की संख्या
  • 54 लाख वाहनों का पंजीकरण पिछले साल निरस्त किया गया।
  • 70 लाख हैं वाहन जिन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति।
  • 48 लाख दो पहिया : 68.7%
  • 20 लाख चार पहिया : 31.3%
  • 4 लाख वाहन प्रति माह हो रहे पंजीकृत।

सर्वे में आया सामने

117 जाम लगने वाले स्थान और 11 फ्लाईओवर जहां पर वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है। यातायात पुलिस द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि सड़कों की क्षमता से अधिक वाहनों की संख्या है। वाहनों का दबाव सड़कें नहीं झेल पा रही हैं।

यातायात पुलिस के प्रयास 

  • फ्लाईओवर, अंडरपास बनाए गए हैं और भी बनाए जा रहे हैं, सड़कें चौड़ी की गईं।
  • धीमी रफ्तार वाले स्थानों पर यातायात कर्मी तैनात किए गए।
  • बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र(पीयूसीसी) के चलने वाले वाहनों के खिलाफ हो रही कार्रवाई।
  • पीयूसीसी के बिना चलने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और 115 केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 190 (2) के तहत मामला दर्ज किया जाता है और 10,000 रुपये का जुर्माना है, जिसमें पहले अपराध के दौरान तीन महीने के लिए वाहन चालक के लाइसेंस का निलंबन भी शामिल है।

यहां सबसे ज्यादा प्रदूषण के नियमों को होता है उल्लंघन 

दोपहिया चालक सबसे ज्यादा कर रहे नियमों का उल्लंघन

वाहनों के प्रकार    चालान

मोटर साइकिल                     69190

स्कूटर                                 49219

कार                                    33754

ऑटो                                     1556

छोटा हाथी                             1139

लार्ज गुड्स व्हीकल                    795

वैन                                          720

डीलीवरी वैन                             435

टैक्सी                                      350

ट्रक                                        333

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कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • 19,040 किमी है राजधानी में सड़कों की लंबाई।
  • 15582 किमी नगर निगम के तहत।
  • 1400 किमी लोक निर्माण विभाग का जिम्मा।

सड़कों की लंबाई 

गौतमबुद्ध नगर- 1,500

गाजियाबाद- 2,152

फरीदाबाद- 633

गुरुग्राम- 450

एनसीआर में वाहनों की संख्या 

गौतमबुद्ध नगर- 9 लाख

गाजियाबाद- 11 लाख

फरीदाबाद-  9 लाख

गुरुग्राम-    14 लाख

फरीदाबाद 

  • 25 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत
  • 40 बाटलनेक खत्म किए तीन साल में।

गौतमबुद्ध नगर 

  • 7 हजार वाहन हर माह हो रहे पंजीकृत।
  • 50 जगह बाटलनेक
  • 15 बाटलनेक खत्म किए गए, तीन साल में।
  • 20 बाटलनेक खत्म करने के लिए टेंडर जारी किए गए।

गुरुग्राम 

  • 50 जगह बाटलनेक हैं शहर में
  • 25 बाटलनेक खत्म किए गए तीन साल में

गाजियाबाद 

  • 8 हजार वाहन हर माह होते हैं पंजीकृत

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Tuesday, October 24, 2023

Delhi Motor Vehicle Policy: दिल्ली की नई नीति से बाइक टैक्सी ऑपरेटर खौफजदा, दोगुनी लागत का डर - Business Standard Hindi

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बीते सप्ताह दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर ऐंड डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना 2023 को मंजूरी दी। यह योजना लागू होने के दिन से सभी बाइक टैक्सी इलेक्ट्रिक होनी चाहिए और सभी सेवा प्रदाताओं को बदलाव करने के लिए 4 वर्ष का समय दिया गया है।

इस नीति का मुख्य मकसद प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है लेकिन इसे लेकर कुछ आशंकाएं हैं। बाइक टैक्सी ड्राइवरों के अनुसार यह नीति कम आय समूह के लोगों के लिए दंड होगी। बाइक टैक्सी ड्राइवर से डिलिवरी पार्टनर बनने वाले विनोद कुमार ने कहा, ‘हम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन नहीं खरीद सकते हैं क्योंकि इसकी लागत हमारे वाहन की तुलना में दोगुनी है। यदि वाहन पर वाणिज्यिक नंबर प्लेट है तो हमें वाणिज्यिक पंजीकरण शुल्क भी अदा करना पड़ता है।’

लिहाजा 1500 से अधिक बाइक टैक्सी ड्राइवरों ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा। इन ड्राइवरों ने 17 अक्टूबर को लिखे पत्र में उपराज्यपाल से मांग की कि उन्हें भी डिलिवरी सर्विस पार्टनर की तरह समय मुहैया करवाया जाए।

इस साल की शुरुआत में फरवरी में दिल्ली परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर बाइक टैक्सी की सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया था। अभी दिल्ली में लोकप्रिय एग्रीगेटर जैसे ओला, उबर और रैपिडो बाइक टैक्सी की सेवा मुहैया करवा रहे हैं। इस नीति में चार पहिया वाहन और डिलिवरी सेवा प्रदाताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। लिहाजा पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का विश्वास है कि यह नीति अपने वांछित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। साथ ही निष्पक्षता भी सुनिश्चित नहीं कर पाएगी।

उनके अनुसार एक समूह के लिए पेट्रोल या डीजल चालित वाहनों पर केवल प्रतिबंध लगाने से समस्या का हल नहीं होगा। शहर में निजी वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, चार पहिया वाहनों और उद्योगों से खासा प्रदूषण होता है।

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐंड क्लीयर एयर (सीआरईए) के विशेषज्ञ सुनील दहिया ने कहा, ‘सरकार को इन स्रोतों से प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए समुचित नीति बनानी चाहिए। पे़ट्रोल व डीजल चालित वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए समुचित और मजबूत सार्वजनिक यातायात व्यवस्था और गैर मोटर यातायात ढांचा विकसित किया जाना चाहिए।’

यह नीति इस पर आधारित है कि ‘प्रदूषण करने वाले’ कीमत अदा करें। इसके लिए ईवी की तुलना में पारंपरिक वाहनों का लाइसेंस शुल्क अत्यधिक बढ़ा दिया गया है। जैसे इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य है लेकिन सीएनजी चालित कैब के लिए 600 रुपये और पेट्रोल चालित कैब के लिए 750 रुपये हैं।

सूचना तकनीक उद्योग के निकाय नैसकॉम ने हालिया रिपोर्ट में कहा कि वाहनों की उपलब्धता और मौजूदा आधारभूत ढांचे के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। नैसकॉम ने सुझाव दिया था कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को चरणबद्ध ढंग से अपनाना चाहिए।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयुक्त की उपसमिति ने शनिवार को ग्रेडेज रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के 11 सूत्री कार्यक्रम को लागू कर दिया था और इसे लागू करने के तीन चार दिनों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में पहुंचने की आशंका जताई गई थी।

First Published : October 24, 2023 | 10:33 PM IST

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कर्णप्रयाग। कोतवाली कर्णप्रयाग ने नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर उसके अभिभावक का चालान किया है। नाबालिग के वाहन चलाने पर नाबालिग अभिभावक को मौके पर बुलाया गया। नाबालिग वाहन चालक के अभिभावक के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत 25 हजार रुपये का चालान कर वाहन को सीज किया गया। साथ ही अभिभावक को मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए हिदायत दी गई कि भविष्य में अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए न दें। संवाद

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Saturday, October 21, 2023

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने शनिवार को मौजूदा दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति को 31 दिसंबर, 2023 तक या नीति 2.0 की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

मौजूदा नीति के तहत सब्सिडी सहित सभी प्रोत्साहन इस विस्तार अवधि में भी जारी रहेंगे। 

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक्स (जो पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट में कहा, "सीएम @arvindkejriwal के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने मौजूदा दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति को 31 दिसंबर, 2023 तक या दिल्ली ईवी नीति 2.0 की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। सब्सिडी सहित सभी प्रोत्साहन मौजूदा नीति के तहत शामिल रहेगी। दिल्ली ईवी नीति 2.0 अंतिम चरण में है और आवश्यक मंजूरी के बाद जल्द ही इसे अधिसूचित किया जाएगा।''

इससे पहले, कैलाश गहलोत ने एलान किया था कि सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए मई 2023 में शुरू की गई दो-वाहन एग्रीगेटर योजनाएं अंतिम चरण में हैं और जल्द ही संबंधित प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी। 

गहलोत ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "यह सूचित किया जाता है कि दो एग्रीगेटर योजनाएं अर्थात् दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 और दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023, जो सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए मई 2023 में प्रकाशित की गई थीं, अब अपने अंतिम चरण में हैं।"

दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम का लक्ष्य राइड-हेलिंग और डिलीवरी सर्विस एग्रीगेटर्स के लिए दिशानिर्देश स्थापित करना है ताकि यह 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में परिवर्तित हो सकें। 

इसका उद्देश्य बाइक टैक्सियों और किराए पर बाइक सर्विस के लिए नियामक प्रावधान पेश करना भी है। एक बार योजना को मंजूरी मिलने के बाद, एग्रीगेटर्स को धीरे-धीरे अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलने की जरूरत होगी। 
दिल्ली ईवी नीति का लक्ष्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार और वाहनों के इस नए सेगमेंट के लिए एक संपूर्ण सप्लाई-चेन इकोसिस्टम बनाने के व्यापक उद्देश्य को हासिल करना है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाने के लिए, नीति का उद्देश्य 2024 तक सभी नए वाहनों में से 25 प्रतिशत बैटरी से चलने वाले वाहनों को तैनात करना है।

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Maharashtra: अब ऑनलाइन हो सकेगा मोटर वाहन निरीक्षकों का ट्रांसफर, सीएम एकनाथ शिंदे ने - ABP न्यूज़

Maharashtra News: महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने बुधवार को पहली बार मोटर वाहन निरीक्षकों (एमवीआई) और सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों (एएमवीआई) सहित परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली अपनाई. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि इस तरह की कवायद में कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन प्रणाली अपनाई गई है.

 परिवहन विभाग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास
अधिकारियों ने कहा कि विभाग के 480 मोटर वाहन निरीक्षकों और सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों को ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करके स्थानांतरित कर दिया गया. दक्षिण मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिनके पास परिवहन विभाग है, ने 166 एमवीआई और 314 एएमवीआई की एक कम्प्यूटरीकृत सूची तैयार की, जिनका स्थानांतरण होना था और प्रक्रिया को पूरा करने और उन्हें नयी तैनाती देने के लिए बस ऑनलाइन प्रणाली पर एक क्लिक किया.

 भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अपनाई नीति
अधिकारियों ने कहा कि परिवहन विभाग के इतिहास में पहली बार, महाराष्ट्र सरकार ने प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एमवीआई और एएमवीआई के स्थानांतरण के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली अपनाई है. बता दें  इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने  परिवहन विभाग में होने वाले ट्रांसफर्स को  पारदर्शी बनाने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था को लागू करने का आश्वासन दिया था. इसके तहत ही परिवहन विभाग ने तबादले के लिए ऑनलाइन प्रणाली को विकसित किया है. 

इतना ही नहीं सीएम एकनाथ मुख्यमंत्री ने नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग पर होने वाले हादसों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने इस महामार्ग पर हादसे को रोकने के लिए उचित उपाय करने के निर्देश दिए हैं. ठाणे में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए पुलिस के साथ ही विशेष परिवहन अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.

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Friday, October 20, 2023

महाराष्ट्र सरकार ने ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करके मोटर वाहन निरीक्षकों का तबादला किया - IBC24 News (हिंदी)

मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को पहली बार मोटर वाहन निरीक्षकों (एमवीआई) और सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों (एएमवीआई) सहित परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली अपनाई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी ।

अधिकारी ने बताया कि इस तरह की कवायद में कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन प्रणाली अपनाई गई है।

अधिकारियों ने कहा कि विभाग के 480 मोटर वाहन निरीक्षकों और सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों को ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करके स्थानांतरित कर दिया गया।

दक्षिण मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिनके पास परिवहन विभाग है, ने 166 एमवीआई और 314 एएमवीआई की एक कम्प्यूटरीकृत सूची तैयार की, जिनका स्थानांतरण होना था और प्रक्रिया को पूरा करने और उन्हें नयी तैनाती देने के लिए बस ऑनलाइन प्रणाली पर एक क्लिक किया।

अधिकारियों ने कहा कि परिवहन विभाग के इतिहास में पहली बार, महाराष्ट्र सरकार ने प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एमवीआई और एएमवीआई के स्थानांतरण के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली अपनाई है।

भाषा शफीक रंजन

रंजन

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दिल्ली की सड़कों पर अब दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक टैक्सी और बाइक्स, केजरीवाल सरकार ने उठाया बड़ा कदम - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ बड़ा हथियार : अरविंद केजरीवाल

दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को मंजूरी देने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह योजना वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली के एक बड़े हथियार के तौर पर साबित होगी. एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स संस्थाओं के कमर्शियल फ्लीट्स को स्टेप बाई स्टेप, और समयानुसार इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा. इसे अनिवार्य करने वाला दिल्ली अब भारत का पहला राज्य है. इसके साथ ही, विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां इस तरह की स्कीम प्रभावी है. सीएम ने आगे कहा कि यह स्कीम दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का रास्ता भी साफ करती है.

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Thursday, October 19, 2023

Bike Taxi: 1500 से ज्यादा बाइक टैक्सी चालकों ने एलजी को लिखी चिट्ठी, बयां किया अपना दर्द - अमर उजाला

Over 1500 bike taxi riders writes letter demanding same timeline for conversion to electric vehicles

Bike Taxi - फोटो : For Reference Only

विस्तार

1,500 से ज्यादा बाइक टैक्सी चालकों ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें डिलीवरी सर्विस में उनके समकक्षों की तरह इलेक्ट्रिक वाहनों में कंवर्जन के लिए समान समयसीमा दी जाए। यह पत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में यात्री परिवहन सेवाएं और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स को प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों के विनियमन और लाइसेंसिंग के लिए एक योजना को मंजूरी देने के एक दिन बाद आया है।

यह योजना बाइक टैक्सियों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है और यह अनिवार्य करती है कि एग्रीगेटर्स को पैसेंजर सर्विस (यात्री सेवाओं) के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को शामिल करना चाहिए।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के कार्यालय में जमा कर दी गई है।

ड्राइवरों द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार, "योजना में अनिवार्य रूप से कहा गया है कि दिल्ली में सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दी जाएगी और अन्य ईंधन प्रकार की बाइक टैक्सियों का संचालन अवैध हो जाएगा। उक्त योजना को अधिसूचित करके, सरकार हमारी आय का एकमात्र स्रोत पर रोक लगाएगी, जो न सिर्फ मेरा बल्कि मेरे पूरे परिवार का भरण-पोषण करता है।" 

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Wednesday, October 18, 2023

Delhi News: निजी वाहनों का उपयोग घटाने को चलाई जाएंगी प्रीमियम बसें, सीसीटीवी कैमरों से होंगी लैस.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में जल्द प्रीमियम बसें चल सकेंगी। दिल्ली सरकार ने प्रीमियम बस सेवा योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य शहर में निजी वाहनों के उपयोग को कम करके बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में मदद करना है।

सरकार ने अगस्त में अपनी वेबसाइट पर दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023 का मसौदा अपलोड किया और जनता से प्रतिक्रिया मांगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के माध्यम से मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग को सार्वजनिक परिवहन पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

प्रक्रिया अब अंतिम चरण में

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि एग्रीगेटर के तहत दो योजनाएं हैं, जिनमें दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 हैं। दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए मई 2023 में वेबसाइट पर डाला गया था। इसके संकलन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।

इलेक्ट्रिक बसों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा

आगे कहा कि सभी हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को शामिल करने के बाद दोनों योजनाओं को जल्द सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। योजना में शामिल किसी भी नई प्रीमियम बस को मौजूदा उत्सर्जन नियमों का पालन करना होगा। इस योजना के मुताबिक, एक जनवरी 2025 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा।

एप सपोर्ट, सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी बसें

  • लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक एग्रीगेटर 90 दिनों के अंदर चालू होने वाली न्यूनतम 50 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करेगा।
  • मोबाइल एप्लिकेशन और वेब आधारित एप्लिकेशन पर पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा।
  • एग्रीगेटर मिनी, मीडियम या पूरे आकार की बसें चला सकेंगे। l बसें एप सपोर्ट, सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी।
  • एग्रीगेटर और परमिटधारक को यात्रियों को केवल अधिसूचित बस क्यू शेल्टर में ही सवारियां लेना और उतारना होगा।
  • एग्रीगेटर बसों के मार्गों को निर्धारित करने में सक्षम होगा। l ऐसे मार्गों को मोबाइल या वेब आधारित एप्लिकेशन पर बताया जाएगा।
  • एग्रीगेटर कोई नया मार्ग शुरू करते समय या किसी मार्ग को संशोधित व समाप्त करते समय परिवहन विभाग को सूचित करेगा।
  • मौजूदा मार्गों में कोई भी बदलाव करने से पहले परिवहन विभाग और आम जनता को सात दिन पूर्व सूचना देनी होगी।

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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को दी मंजूरी - Aaj Tak

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 को अपनी मंजूरी दे दी. यह स्कीम दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी. अब ये फाइल एलजी ऑफिस को भेज दी गई है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये स्कीम वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की जंग में मील का पत्थर साबित होगी. एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना अनिवार्य करने वाला दिल्ली अब भारत का पहला राज्य बन गया है. साथ ही, विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां इस तरह की स्कीम प्रभावी है. सीएम ने आगे कहा कि यह स्कीम दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का रास्ता भी साफ करती है. 

योजना की मुख्य विशेषताएं
सस्टेनेबल मोबिलिटी- योजना अंतर्गत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक में चरणबद्ध तरीके से रूपांतरित करना होगा. दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स का पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएगा.

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इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी- योजना अंतर्गत सभी एग्रीगेटर्स को केवल इलेक्ट्रिक वाहन बाइक टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही उन्हें योजना में निर्दिष्ट सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.

सेवा गुणवत्ता मानक- योजना में सेवा गुणवत्ता के लिए सख्त मानक स्थापित किए गए हैं. इसमें वाहन की साफ-सफाई, ड्राइवर का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान शामिल है. सार्वजनिक सुरक्षा- इस योजना में यात्रियों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है.

इन पर लागू होगी ये स्कीम
यह स्कीम दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है. इसमें वैसी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (2 पहिया, 3 पहिया और 4 पहिया, बसों को छोड़कर) हैं. इसके अलावा, एप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं.

लाइसेंस
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा. लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा. इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 फीसद की छूट का प्रावधान है.

पेनाल्टी
इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रावधान है. नियम उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपए दंड का प्रावधान है.दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 शहर के सस्टेनेबल मोबिलीटी के साथ ही कुशल परिवहन में परिवर्तन के प्रयासों में एक बड़ा कदम है. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सर्विस की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके लागू होने से पर्यावरण और दिल्ली के लोगों को काफी लाभ होगा. यह स्कीम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में परिवहन सेवाओं के लिए नए मानक स्थापित करेगा.

एग्रीगेटर्स को चरणबद्ध तरीके से अपने वाहन बेडे को ईवी में तब्दील करने होंगे
स्कीम के अनुसार, एग्रीगेटर्स के लिए नए बेड़े में दोपहिया वाहनों के लिए ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 फीसद तय किया गया है. जबकि 3 पहिया वाहनों के नए बेड़े में 6 महीने में 10 फीसद ईवी, 2 साल में 50 फीसद और 4 साल में 100 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा. इसी तरह 4 पहिया वाहनों के बेड़े में 6 महीने के अंदर 5 फीसद, 3 साल में 50 फीसद और 5 साल में 100 फीसद ईवी को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, पुराने और नए सभी एग्रीगेटर्स को अपने पूरे बेड़े को 1 अप्रैल, 2030 तक 100 फीसद ईवी में बदलना होगा.

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वहीं, स्कीम के तहत डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को 2 पहिया और 3 पहिया वाहनों के नए बेड़े में अगले 6 महीने में 10 फीसद, 2 साल में 50 फीसद और 4 साल में 100 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा. जबकि 4 पहिया वाहनों के बेड़े में 6 महीने में 5 फीसद, 3 साल में 50 फीसद और 5 साल में 100 फीसद ईवी शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह, पुराने और नए सभी डिलीवरी सेवा प्रदाताओं के पूरे बेड़े को 1 अप्रैल, 2030 तक 100 फीसद ईवी में बदलना होगा.

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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को दी मंजूरी - Aaj Tak
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Tuesday, October 17, 2023

दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी का रास्ता साफ, करना होगा सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल - ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली में बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए रास्ता खुल गया है, लेकिन अब इन सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करना होगा। राष्ट्रीय राजधानी में यात्री परिवहन सेवाएं और डिलिवरी सेवाएं मुहैया कराने वाले एग्रीगेटर के विनियमन और लाइसेंस के लिए बनाई गई एक योजना में यह बात कही गई है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस योजना को मंजूरी दी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 से संबंधित फाइल अब उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी गई है।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘आज मैंने ऐतिहासिक दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना को अपनी मंजूरी दी। यह दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके साथ दिल्ली भारत का पहला राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जहां एग्रीगेटर, डिलिवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों के वाणिज्यिक वाहनों को शून्य-उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में समयबद्ध तरीके से बदलना अनिवार्य है।’’

उन्होंने कहा कि यह योजना दिल्ली में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने का रास्ता भी साफ करती है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हरित, टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा देते हुए दिल्ली के लोगों को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

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समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाग्रस्त मिनीबस का लंबित एमवी कर चार घंटे के अंदर आनलाइन भरा गया - ThePrint Hindi

(कैलाश कोरदे)

मुंबई, 17 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर ट्रक से टकराने वाली मिनी बस के लंबित मोटर वाहन (एमवी) कर का हादसे के चार घंटे से भी कम समय में ऑनलाइन भुगतान कर दिया गया। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इस हादसे में 12 लोगों की जान चली गयी थी।

दुर्घटनग्रस्त मिनीबस नासिक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत थी। एक अधिकारी ने बताया कि एक सितंबर से 30 तक तथा एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक की अवधि का मिनीबस का मोटर वाहन(एमवी) कर का 15 अक्टूबर को सुबह चार बजकर 13 मिनट पर ऑनलाइन भुगतान किया गया।

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के वैजापुर क्षेत्र में रात करीब साढ़े 12 बजे यह मिनीबस ट्रक से टकरा गयी थी।

अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना की शिकार हुई इस बस (एमएच 04 जीपी 2212) में 35 लोग सवार थे, जबकि उसकी क्षमता 18 यात्रियों की थी। हादसे के वक्त उसका कोई वैध परमिट भी नहीं था।

इस मिनीबस का 14 अक्टूबर, 2016 को नासिक आरटीओ में पंजीकरण कराया गया था।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पांच महीने से अधिक समय के दौरान आरटीओ ने इस मिनीबस को कोई परमिट जारी नहीं किया। पिछला परमिट 20 अप्रैल, 2023 को जारी किया गया ‘विशेष परमिट’ था जो 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक के लिए तथा नासिक-गुरूदेश्वर यात्रा के लिए वैध था।’’

नासिक के आरटीओ अधिकारी प्रदीप शिंदे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि इस मिनीबस का एमवी कर हादसे के कुछ घंटों के अंदर जमा किया गया। उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त मिनीबस बिना वैध परमिट के चल रही थी।

प्रथम दृष्टया तेज रफ्तार से नासिक जा रही यह मिनीबस रविवार को रात करीब साढ़े 12 बजे वैजापुर में एक खड़े कंटेनर ट्रक से टकरा गयी जिससे 12 यात्रियों की मौत हो गयी जबकि 23 अन्य घायल हो गये।

इस ट्रक को एक्सप्रेसवे पर आरटीओ की एक टीम ने कथित रूप से पकड़ा था। पुलिस ने ट्रक चालक बृजेश कुमार चंदेल, दो आरटीओ अधिकारियों प्रदीप राठौड़ और नितिन कुमार गोनारकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

भाषा राजकुमार रंजन

रंजन

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Monday, October 16, 2023

Delhi News: निजी वाहनों का उपयोग घटाने को चलाई जाएंगी प्रीमियम बसें, सीसीटीवी कैमरों से होंगी लैस.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में जल्द प्रीमियम बसें चल सकेंगी। दिल्ली सरकार ने प्रीमियम बस सेवा योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य शहर में निजी वाहनों के उपयोग को कम करके बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में मदद करना है।

सरकार ने अगस्त में अपनी वेबसाइट पर दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023 का मसौदा अपलोड किया और जनता से प्रतिक्रिया मांगी। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के माध्यम से मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग को सार्वजनिक परिवहन पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

प्रक्रिया अब अंतिम चरण में

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि एग्रीगेटर के तहत दो योजनाएं हैं, जिनमें दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 हैं। दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) योजना, 2023 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए मई 2023 में वेबसाइट पर डाला गया था। इसके संकलन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।

इलेक्ट्रिक बसों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा

आगे कहा कि सभी हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को शामिल करने के बाद दोनों योजनाओं को जल्द सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। योजना में शामिल किसी भी नई प्रीमियम बस को मौजूदा उत्सर्जन नियमों का पालन करना होगा। इस योजना के मुताबिक, एक जनवरी 2025 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक बसों को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा।

एप सपोर्ट, सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी बसें

  • लाइसेंस प्राप्त प्रत्येक एग्रीगेटर 90 दिनों के अंदर चालू होने वाली न्यूनतम 50 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करेगा।
  • मोबाइल एप्लिकेशन और वेब आधारित एप्लिकेशन पर पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा।
  • एग्रीगेटर मिनी, मीडियम या पूरे आकार की बसें चला सकेंगे। l बसें एप सपोर्ट, सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगी।
  • एग्रीगेटर और परमिटधारक को यात्रियों को केवल अधिसूचित बस क्यू शेल्टर में ही सवारियां लेना और उतारना होगा।
  • एग्रीगेटर बसों के मार्गों को निर्धारित करने में सक्षम होगा। l ऐसे मार्गों को मोबाइल या वेब आधारित एप्लिकेशन पर बताया जाएगा।
  • एग्रीगेटर कोई नया मार्ग शुरू करते समय या किसी मार्ग को संशोधित व समाप्त करते समय परिवहन विभाग को सूचित करेगा।
  • मौजूदा मार्गों में कोई भी बदलाव करने से पहले परिवहन विभाग और आम जनता को सात दिन पूर्व सूचना देनी होगी।

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Gurugram News: पीयूसी के बिना सड़कों पर दौड़ रहे वाहन, नहीं लगी रोक तो ... - अमर उजाला

नौ माह में 6 हजार वाहनों का पुलिस ने किया चालान, 6 करोड़ से ज्यादा जुर्माना वसूला
फिलहाल गुरुग्राम में प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले वायु प्रदूषण कम

संवाद न्यूज एजेंसी

गुरुग्राम। प्रदेश में वाहनों के लिए पीयूसी यानी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। यह प्रमाण पत्र सुनिश्चित करता है कि वाहन निर्धारित मानकों के भीतर उत्सर्जन कर रहा है, लेकिन गुुरुग्राम में मोटर वाहन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा है। हाल यह है कि शहर में प्रतिमाह औसतन 700 वाहन पकड़े जा रहे हैं, जो बगैर पीयूसी प्रमाणपत्र के शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
इस वर्ष अब तक 6 हजार 327 ऐसे वाहनों का पुलिस चालान कर चुकी है, जिनसे छह करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है। फिलहाल प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले गुरुग्राम में वायु प्रदूषण नियंत्रित है, जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के पहले दस शहरों में गुरुग्राम का नंबर नहीं है, अगर ऐसे वाहनों पर रोक ना लगाई गई तो, जिले में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। गुरुग्राम में प्रदूषण की जांच ना कराने वाले वाहन शहर की हवा बिगाड़ सकते हैं। हालात पर विचार करते हुए जिला पुलिस वायु प्रदूषण को लेकर जागरुकता अभियान चलाने की योजना बना रही है, जिसे जल्द ही शुरु किया जा सकता है।


पर्यावरणविद आनंद आर्या ने बताया कि दिवाली से पहले ऐसे वाहनों पर रोक लगाना जरूरी है, वरना दिवाली के दौरान शहर में अनियंत्रित रूप से वायु प्रदूषण बढ़ सकता है। वाहनों से कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फ्यूरिक नाइट्रिक व कार्बनिक एसिड जैसी जहरीली गैस वायुमंडल में फैलती हैं। इससे इंसान के शरीर में कैंसर, पेड़-पौधों के जलने व जल स्रोत के दूषित होने से जलीय जीवों के मरने की आशंका भी बढ़ जाती है। यही वजह है कि ऐसे वाहनों पर रोक लगाना जरूरी है। बता दें कि पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलने वाली निजी कार, स्कूटर, बाइक हों या फिर कमर्शियल कार, बस, ट्रक, बाइक, तिपहिया वाहन सभी के लिए पीयूसी लेना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन होने पर दस हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।
एनजीटी के आदेश पर पुराने वाहनों को जब्त करने का शुरू होगा अभियान
ट्रैफिक पुलिस के ओर से एनजीटी के आदेश पर 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त किया जाता है। जल्द ही इस अभियान के तहत यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि प्रदूषण करने वाले वाहनों पर शिकंजा कसा जा सके।
वर्जन
प्रदूषण रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से वाहनों के पीयूसी प्रमाण की जांच की जा रही है। इसके साथ ही एनजीटी के आदेश के अनुसार वाहनों को जब्त किया जा रहा है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से अभियान भी चलाया जाएगा। -सुरेश कुमार, एसीपी ट्रैफिक हेडक्वार्टर, गुरुग्राम।

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Electric vs. Hybrid car: ग्राहकों को ई-कार से ज्यादा पसंद आ रही हाइब्रिड ... - Business Standard Hindi

पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के प्रति ग्राहकों का रुझान बढ़ने के साथ ही उनकी पहली पसंद इले​क्ट्रिक कार नहीं, ब​ल्कि हाइब्रिड कार बन रही हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डैशबोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक कुल 64,097 इलेक्ट्रिक कार बिकी हैं मगर 2,66,465 हाइब्रिड कार बेच दी गई हैं। 2022 में बिकी 41 लाख कारों में हाइब्रिड कार 4.42 फीसदी थीं, जो इस साल बढ़कर 7.2 फीसदी हो चुकी हैं।

हाइब्रिड कारों की बिक्री को मारुति सुजूकी, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, होंडा कार्स इंडिया, लेक्सस इंडिया जैसी कंपनियों ने ज्यादा रफ्तार दी है। ये कंपनियां हल्की एवं मजबूत हाइब्रिड कारों की अपनी श्रृंखला बढ़ा रही हैं।

हाइब्रिड वाहनों को तीन श्रे​णियों- माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी)- में उतारा गया है। फिलहाल बाजार में माइल्ड हाइब्रिड का वर्चस्व दिख रहा है। मगर उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनियां स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड श्रेणी में तमाम मॉडल उतारेंगी तो उसकी बाजार स्थिति भी बदल जाएगी। एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘फिलहाल हाइब्रिड वाहनों की कुल बिक्री में माइल्ड हाइब्रिड की हिस्सेदारी 90 फीसदी से अ​धिक है। मगर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड श्रेणी में तमाम मॉडल उतारे जाने से हिस्सेदारी भी बदल जाएगी।’

माइल्ड हाइब्रिड कार में 48 वोल्ट की कॉम्पैक्ट वैटरी और इले​क्ट्रिक मोटर होती है, जिससे गाड़ी का पेट्रोल इंजन और भी बेहतर प्रदर्शन करता है। यह कार चलती तो पेट्रोल इंजन से है मगर बैटरी के जरिए उसे अलग से सहारा दिया जाता है। इससे कार किफायती बन जाती है।

इसके विपरीत स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार में पेट्रोल इंजन के साथ 1 किलोवाट घंटा (केडब्ल्यूएच) वाली इले​क्ट्रिक मोटर होती है। पेट्रोल इंजन वाहन को ताकत देने के साथ-साथ बैटरी को भी रीचार्ज करता है। बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाए तो गाड़ी को कुछ दूरी तक इलेक्ट्रिक मोटर ही खींच ले जाती है।

प्लग-इन हाइब्रिड वाहन में 5 से 15 केडब्ल्यूएच क्षमता वाली बड़ी बैटरी लगी होती है। उसे रीचार्ज करने के लिए चार्जिंग केबल भी लगा होता है।

मारुति सुजूकी हाइब्रिड वाहन बाजार की अगुआ बन गई है। उसने छह हाइब्रिड मॉडल बाजार में उतारे हैं जिनमें अर्टिगा, ब्रेजा, सियाज, एक्सएल6, ग्रांड विटारा और फ्रॉन्क्स शामिल हैं। कंपनी ने इन मॉडलों को स्मार्ट हाइब्रिड कार कहा है। इसके अलावा कंपनी ने स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडलों में ग्रांड विटारा और इनविक्टो को इंटेलिजेंट इले​क्ट्रिक हाइब्रिड कार कहा है। हाइब्रिड वाहनों की कुल बिक्री में 77 फीसदी हिस्सेदारी मारुति की ही है।

हाइब्रिड वाहनों के बाजार में टोयोटा दूसरे पायदान पर है। कंपनी ने इनोवा, हाइक्रॉस, अर्बन क्रूजर हाइराइडर, कैमरी और वेलफायर जैसे मॉडलों को हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के साथ उतारा है। होंडा सिटी को अब हाइब्रिड ईएचईवी वेरिएंट में उतारा गया है।

​स्वीडन की लक्जरी कार विनिर्माता वॉल्वो कार इंडिया ने भी भारतीय बाजार में पेट्रोल माइल्ड हाइब्रिड कार उतारी है। कंपनी ने अपने प्रमुख एसयूवी मॉडल एक्ससी90, मझोले आकार की एसयूवी एक्ससी60, कॉम्पैक्ट एसयूवी एक्ससी40 और लक्जरी सिडैन एस90 के हाइब्रिड संस्करण पेश किए हैं।

जापान की कार कंपनियां हाइब्रिड मॉडलों को जबरदस्त रफ्तार दे रही है लेकिन टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी देसी वाहन कंपनियों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है। टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इसी साल खास बातचीत में कहा था कि हाइब्रिड के लिए कंपनी की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

ह्युंडै मोटर इंडिया ने भी कहा है कि मौजूदा कर व्यवस्था हाइब्रिड वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं है और रियायत मिलने के बाद ही कंपनी उस पर विचार करेगी।

First Published : October 16, 2023 | 10:18 PM IST

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Sunday, October 15, 2023

रीवा: 27 वाहन चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई,वसूला गया ... - Dailymotion

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रीवा: 27 वाहन चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई,वसूला गया ...  Dailymotion
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MP News: ठेकेदार के रिश्तेदार का वाहन प्रयोग कर रहे अनूपपुर कलेक्टर ... - अमर उजाला

MP News: Anuppur Collector is using the vehicle of contractor's relative, insurance has also expired

अनूपपुर कलेक्टर जिस वाहन का उपयोग कर रहे हैं, उसका रजिस्ट्रेशन व्यावसायिक नहीं है । - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

अनूपपुर कलेक्टर द्वारा एक ठेकेदार के रिश्तेदार का वाहन उपयोग किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। कलेक्टर जिस वाहन का उपयोग कर रहे हैं उसका इंश्योरेंस भी समाप्त हो गया है। आचार संहिता प्रभारी होने के बावजूद भी मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा एमपी 18 सीए 9089 नंबर की चौपहिया गाड़ी का प्रयोग किया जा रहा है। जिसका रजिस्ट्रेशन विज्ञान सिंह परिहार के नाम दर्ज है। वाहन का रजिस्ट्रेशन निजी होकर व्यवसायिक उपयोग के लिए नहीं है। इस संबंध में जिला कलेक्टर तथा वर्तमान जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष वशिष्ठ का कहना है कि वाहन को किराए पर ठेके से लिया गया है। जिला कलेक्टर का व्यक्तिगत वाहन नहीं होता है। प्रक्रिया के तहत शासकीय उपयोग के लिए वाहन को ठेके पर किराएये से लिया जाता है। यह बात संज्ञान में आने के बात इस संबंध में जानकारी एकत्र कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

नियम अनुसार निजी वाहन का उपयोग व्यवसायिक उपयोग के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा वाहन का बीमा कराना भी आवश्यक है। दोनों मामले में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। वाहन का उपयोग कलेक्टर द्वारा किया जा रहा था, इसलिए संबंधित अधिकारी कार्रवाई से जोखिम नहीं उठा रहे।

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Saturday, October 14, 2023

Champawat News: ग्रामीण क्षेत्रों से कूड़ा उठाने के लिए वाहन का रोस्टर ... - अमर उजाला

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Friday, October 13, 2023

परिवहन, वाणिज्य व आबकारी विभाग ने हाइवे पर चलाया जांच अभियान, 37 चालान काटे - Dainik Bhaskar

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Wednesday, October 11, 2023

Roorkee News: चेकिंग अभियान में 115 वाहनों का चालान, 20 सीज - अमर उजाला

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Monday, October 9, 2023

विधायक व डीसी ने 150 महिला वाहन चालकों को बांटे हेलमेट - मनी भास्कर

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विधायक व डीसी ने 150 महिला वाहन चालकों को बांटे हेलमेट - मनी भास्कर
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Saturday, October 7, 2023

PUC Problem : सर्वर की खराबी से दिल्ली में प्रदूषण-पत्र के लिए मारामारी ... - अमर उजाला

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PUC Problem : सर्वर की खराबी से दिल्ली में प्रदूषण-पत्र के लिए मारामारी ... - अमर उजाला
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बस्ती में 3 वाहन चोर गिरफ्तार: 11 मोटर साइकिलें बरामद, चेचिंस नंबर मिटाकर बेच देते थे वाहन - Dainik Bhaskar

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...