पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के प्रति ग्राहकों का रुझान बढ़ने के साथ ही उनकी पहली पसंद इलेक्ट्रिक कार नहीं, बल्कि हाइब्रिड कार बन रही हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डैशबोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक कुल 64,097 इलेक्ट्रिक कार बिकी हैं मगर 2,66,465 हाइब्रिड कार बेच दी गई हैं। 2022 में बिकी 41 लाख कारों में हाइब्रिड कार 4.42 फीसदी थीं, जो इस साल बढ़कर 7.2 फीसदी हो चुकी हैं।
हाइब्रिड कारों की बिक्री को मारुति सुजूकी, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, होंडा कार्स इंडिया, लेक्सस इंडिया जैसी कंपनियों ने ज्यादा रफ्तार दी है। ये कंपनियां हल्की एवं मजबूत हाइब्रिड कारों की अपनी श्रृंखला बढ़ा रही हैं।
हाइब्रिड वाहनों को तीन श्रेणियों- माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी)- में उतारा गया है। फिलहाल बाजार में माइल्ड हाइब्रिड का वर्चस्व दिख रहा है। मगर उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनियां स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड श्रेणी में तमाम मॉडल उतारेंगी तो उसकी बाजार स्थिति भी बदल जाएगी। एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘फिलहाल हाइब्रिड वाहनों की कुल बिक्री में माइल्ड हाइब्रिड की हिस्सेदारी 90 फीसदी से अधिक है। मगर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड श्रेणी में तमाम मॉडल उतारे जाने से हिस्सेदारी भी बदल जाएगी।’
माइल्ड हाइब्रिड कार में 48 वोल्ट की कॉम्पैक्ट वैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर होती है, जिससे गाड़ी का पेट्रोल इंजन और भी बेहतर प्रदर्शन करता है। यह कार चलती तो पेट्रोल इंजन से है मगर बैटरी के जरिए उसे अलग से सहारा दिया जाता है। इससे कार किफायती बन जाती है।
इसके विपरीत स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार में पेट्रोल इंजन के साथ 1 किलोवाट घंटा (केडब्ल्यूएच) वाली इलेक्ट्रिक मोटर होती है। पेट्रोल इंजन वाहन को ताकत देने के साथ-साथ बैटरी को भी रीचार्ज करता है। बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाए तो गाड़ी को कुछ दूरी तक इलेक्ट्रिक मोटर ही खींच ले जाती है।
प्लग-इन हाइब्रिड वाहन में 5 से 15 केडब्ल्यूएच क्षमता वाली बड़ी बैटरी लगी होती है। उसे रीचार्ज करने के लिए चार्जिंग केबल भी लगा होता है।
मारुति सुजूकी हाइब्रिड वाहन बाजार की अगुआ बन गई है। उसने छह हाइब्रिड मॉडल बाजार में उतारे हैं जिनमें अर्टिगा, ब्रेजा, सियाज, एक्सएल6, ग्रांड विटारा और फ्रॉन्क्स शामिल हैं। कंपनी ने इन मॉडलों को स्मार्ट हाइब्रिड कार कहा है। इसके अलावा कंपनी ने स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडलों में ग्रांड विटारा और इनविक्टो को इंटेलिजेंट इलेक्ट्रिक हाइब्रिड कार कहा है। हाइब्रिड वाहनों की कुल बिक्री में 77 फीसदी हिस्सेदारी मारुति की ही है।
हाइब्रिड वाहनों के बाजार में टोयोटा दूसरे पायदान पर है। कंपनी ने इनोवा, हाइक्रॉस, अर्बन क्रूजर हाइराइडर, कैमरी और वेलफायर जैसे मॉडलों को हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के साथ उतारा है। होंडा सिटी को अब हाइब्रिड ईएचईवी वेरिएंट में उतारा गया है।
स्वीडन की लक्जरी कार विनिर्माता वॉल्वो कार इंडिया ने भी भारतीय बाजार में पेट्रोल माइल्ड हाइब्रिड कार उतारी है। कंपनी ने अपने प्रमुख एसयूवी मॉडल एक्ससी90, मझोले आकार की एसयूवी एक्ससी60, कॉम्पैक्ट एसयूवी एक्ससी40 और लक्जरी सिडैन एस90 के हाइब्रिड संस्करण पेश किए हैं।
जापान की कार कंपनियां हाइब्रिड मॉडलों को जबरदस्त रफ्तार दे रही है लेकिन टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी देसी वाहन कंपनियों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है। टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इसी साल खास बातचीत में कहा था कि हाइब्रिड के लिए कंपनी की फिलहाल कोई योजना नहीं है।
ह्युंडै मोटर इंडिया ने भी कहा है कि मौजूदा कर व्यवस्था हाइब्रिड वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं है और रियायत मिलने के बाद ही कंपनी उस पर विचार करेगी।
First Published : October 16, 2023 | 10:18 PM IST
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