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Thursday, June 30, 2022
वाहन चालकों को राहत : हरियाणा सरकार ने मोटर वाहन कर के विलंबित भुगतान के लिए दी छूट - हरिभूमि
वाहन चालकों को राहत : हरियाणा सरकार ने मोटर वाहन कर के विलंबित भुगतान के लिए दी छूट - हरिभूमि
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Child Safety: अब स्कूल बसों में लगेंगे कैमरा और सेंसर, ये राज्य करेगा मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन - Patrika News

राज्य के गृह विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना में निर्देश दिया है मोटर वाहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि स्कूल बसें कैमरे और सेंसर से लैस हों। सरकार ने अपने निर्देश में बसों में पीछे देखने के लिए रियर व्यू कैमरा लगाने के लिए कहा है ताकि चालक को रिवर्स लेते समय पीछे की तरफ का पूरा हिस्सा दिखाई दे। साथ ही, चेतावनी संकेत देने के लिए पीछे के छोर पर सेंसर भी लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य परिवहन और सड़क सुरक्षा आयुक्तालय (Commissionerate) के अनुसार, राज्य में 34,463 शैक्षणिक संस्थागत बसें चल रही हैं। यदि मोटर वाहन विभाग नियमों में संशोधन करता है तो इन सभी शिक्षण संस्थानों की बसों में कैमरे और सेंसर लगाने होंगे। बता दें कि, मद्रास उच्च न्यायालय ने सेलाइयुर में एक घटना का स्वत: संज्ञान लिया था जिसमें स्कूल बस से एक बच्चे के गिरने और बस द्वारा कुचल दिए जाने के बाद कक्षा 2 के एक छात्र की मौत हो गई थी।
एक और मामले में बीते 28 मार्च, 2022 को एक आठ वर्षीय लड़के की स्कूल बस से कुचलने से मौत हो गई थी। ये हादसा उस वक्त हुआ था जब चालक बस को स्कूल परिसर में ही पीछे कर रहा था। इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब राज्य सरकार स्कूली बच्चो के सुरक्षा के मद्देनजर बसों में कैमरा और सेंसर लगाने का प्रावधान करने वाली है। सुरक्षा के लिहाज से ये बेहद ही जरूरी कदम है, क्योंकि बस आकार में बड़ी होती है और ऐसे में चालक की नजर आसपास का एरिया होना बेहद ही जरूरी होता है, ख़ासकर बस के पीछे का हिस्सा।
Child Safety: अब स्कूल बसों में लगेंगे कैमरा और सेंसर, ये राज्य करेगा मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन - Patrika News
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Wednesday, June 29, 2022
क्या आप भी लगवाना चाहते हैं अपने वाहन में BH नंबर प्लेट, देखें कैसे करना है आवेदन? - News18 हिंदी

नई दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 28 अगस्त 2021 को बीएच सीरीज (BH series) रजिस्ट्रेशन प्लेट की शुरुआत की थी. बीएच नंबर सीरीज उन लोगों के लिए लाया गया है, जिनका एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है और उन्हें बार-बार गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराने की जरूरत पड़ती है. बीएच नंबर सीरीज से इसकी झंझट खत्म हो जाती है. इसका मतलब पूरी भारत में एक ही नंबर प्लेट का उपयोग किया जा सकता है.
अगर आप भी अपने वाहन के लिए BH series का नंबर प्राप्त करना चाहते हैं तो यहां आपको इसकी पूरी प्रोसेस बताने जा रहे हैं. इसमें योग्यता, एप्लीकेशन फॉर्म, दस्तावेज समेत सभी जरूरी बातें शामिल हैं.
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कौन लगवा सकता नंबर प्लेट?
बीएच रजिस्ट्रेशन सभी के लिए उपलब्ध नहीं है. अभी तक, बीएच रजिस्ट्रेशन प्लेट केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही उपलब्ध है. वर्तमान में राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के कर्मचारियों के लिए BH सीरीज नंबर प्लेट उपलब्ध हैं, जिनका बार-बार ट्रांसफर होता है. इसके अलावा, चार से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में जिन प्राइवेट कंपनियों के ऑफिस हैं, उनके कर्मचारी भी अपने निजी वाहनों के लिए बीएच रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकते हैं.
कैसे करें अप्लाई?
नया वाहन खरीदते समय डीलर कार के खरीदार की ओर से वाहन पोर्टल पर फॉर्म 20 का उपयोग करके ऑनलाइन आवेदन भरेगा. डीलर को भारत सीरीज या बीएच सीरीज के रूप में वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए बीएच सीरीज का चयन करना होगा.
आवश्यक दस्तावेज
वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भरते समय डीलर कार खरीदार के लिए वर्किंग सर्टिफिकेट अपलोड करेगा. वर्किंग सर्टिफिकेट दस्तावेजों में फॉर्म 60 या एक आधिकारिक पहचान पत्र शामिल है. इसके अलावा डीलर को अन्य दस्तावेज भी जमा करने होंगे.
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ऑनलाइन भुगतान करें
वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भरने और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद आवश्यक शुल्क या मोटर वाहन कर का ऑनलाइन भुगतान करें. बीएच सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट प्राप्त करने के लिए, वाहन मालिक को शुरू में दो साल के लिए कर का भुगतान करना पड़ता है.
आरटीओ से होगा फाइनल
सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद वाहन 4 अंकों का बीएच सीरीज नंबर जनरेट करेगा. बीएच सीरीज आवेदन की स्वीकृति संबंधित आरटीओ द्वारा दी जाएगी.
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Tags: Auto News, Autofocus, Automobile, Nitin gadkari
FIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 11:18 IST
क्या आप भी लगवाना चाहते हैं अपने वाहन में BH नंबर प्लेट, देखें कैसे करना है आवेदन? - News18 हिंदी
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Himachal Vigilance: विजिलेंस टीम ने साढ़े पांच लाख की नकदी के साथ पकड़ा एमवीआई - अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन/अर्की Published by: अरविन्द ठाकुर Updated Wed, 29 Jun 2022 06:23 PM IST
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विस्तार
विजिलेंस की टीम ने सोलन के मोटर वाहन इंस्पेक्टर (एमवीआई) और एक बिचौलिये को 5,68,500 रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार किया है। मंगलवार देर रात विजिलेंस की टीम ने दाड़लाघाट के समीप बाघल होटल में दबिश देकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। आरोप है कि एमवीआई बिचौलिये के माध्यम से वाहनों की पासिंग की एवज में पैसे लेता था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर बुधवार को सोलन कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को अर्की में वाहनों की पासिंग थी। इसके लिए सोलन से एमवीआई समीर दत्ता पासिंग के लिए गए थे। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी विभाग (विजिलेंस) को गुप्त सूचना मिली कि एमवीआई और बिचौलिया दिनेश ठाकुर गाड़ियों की पासिंग की एवज में पैसा इकट्ठा करते हैं। इस सूचना के आधार पर विजिलेंस टीम ने कार्रवाई की है।
मामले की पुष्टि करते हुए एसपी विजिलेंस उत्तर क्षेत्रीय शिमला अंजुम आरा ने बताया कि समीर दत्ता शिमला में आरटीओ ऑफिस में बतौर एमवीआई कार्यरत है। बीते डेढ़ साल से वह सोलन में वाहनों की पासिंग करता था। उसकी लंबे समय से वाहनों की पासिंग की एवज में घूस लेने की शिकायतें आ रही थीं। ऐसे में शिमला और सोलन विजिलेंस की टीम ने एक संयुक्त टीम बनाकर मंगलवार रात दाड़लाघाट के होटल बाघल में दबिश दी। इस दौरान एमवीआई समीर दत्ता और बिचौलिया दिनेश ठाकुर को गिरफ्तार किया।
Himachal Vigilance: विजिलेंस टीम ने साढ़े पांच लाख की नकदी के साथ पकड़ा एमवीआई - अमर उजाला
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सड़क पर मिलेगी एक्स्ट्रा सेफ्टी, 1 अक्टूबर से अनिवार्य होंगे टायरों से जुड़े ये नियम - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स
- टायरों के लिए बनेगी कैटेगरी
- स्टार रेटिंग सिस्टम भी होगा
सरकार लगातार देश में सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके. पहले कारों में एयरबैग को अनिवार्य बनाया गया फिर इनकी संख्या बढ़ाकर 6 कर दी गई. अब सरकार ने टायरों के डिजाइन से जुड़े नए नियम भी जारी कर दिए हैं. देश में 1 अक्टूबर 2022 से इन्हीं नए डिजाइन के टायर मिलेंगे. जबकि 1 अप्रैल 2023 से हर गाड़ी में इन्हीं डिजाइन के टायर देना अनिवार्य होगा.
टायरों के लिए बनेगी कैटेगरी, होंगे ये बदलाव
नए नियमों के मुताबिक अब टायरों के लिए 3 प्रमुख कैटेगरी C1, C2 और C3 बनाई जाएंगी. ये सभी ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (AIS) के दूसरे स्टेज के तहत अनिवार्य होंगी. इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में दसवें संशोधन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. सरकार ने फ्यूल एफिशिएंसी के हिसाब से टायरों की स्टार रेटिंग का भी एक सिस्टम बनाया है.
हाल में टायर कंपनी Michelin ने ऐलान किया था कि उसने भारत सरकार के नए स्टार रेटिंग सिस्टम के हिसाब से देश में पहली बार दो टायर लॉन्च किए हैं.
तय होंगे टायरों के ये मानक भी
इसके अलावा टायरों के कई नए मानक भी तय होंगे. जैसे Rolling Resistance, Wet Grip और Rolling Sound Emissions के मानक बनाए गए हैं. टायरों के नए मानक सड़क पर उनके घर्षण, गीली सड़क पर पकड़ और तेज गति में कंट्रोल के साथ-साथ चलने के दौरान कितनी आवाज आती है इत्यादि के आधार पर इनको सुरक्षित बनाएंगे.
ग्राहकों को होगा ये फायदा
टायरों के नए मानक से ग्राहकों को भी कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा फायदा इससे ये होगा कि विदेशों से घटिया क्वालिटी के टायर इंपोर्ट पर रोक लगेगी. अभी भारत में चीन से बड़े पैमाने पर टायरों का आयात किया जाता है. ग्राहकों को इससे दूसरा फायदा ये होगा कि उन्हें टायर की रेटिंग के आधार पर उसकी क्वालिटी पहचानने में आसानी होगी. नए डिजाइन की वजह से उन्हें सड़क पर टायरों से बेहतर ग्रिप मिलेगी और टायरों की क्वालिटी भी पहले से अच्छी होगी.
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Monday, June 27, 2022
कैबिनेट के फैसले: 2030 तक रोडवेज बेड़े से पूरी तरह हटेंगी डीजल बसें, गुरुग्राम-फरीदाबाद मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शहर घोषित होंगे - अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Mon, 27 Jun 2022 08:49 PM IST
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हरियाणा में साल 2030 तक रोडवेज बेड़े से डीजल बसें पूरी तरह हटा दी जाएंगी। राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों, ईंधन सेल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित प्रौद्योगिकी में बदला जाएगा। 2022 हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों का वर्ष घोषित होगा।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने सोमवार को इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2022 को मंजूरी देते हुए अनेक घोषणाएं की हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहर घोषित किया जाएगा, जिसमें शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर चरणबद्ध तरीके से बनेगा।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीसीपी) अनिवार्य रूप से ईवी वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए समूह आवासीय भवनों, वाणिज्यिक भवनों, संस्थागत भवनों, मॉल, मेट्रो स्टेशन इत्यादि स्थानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाएगा। 20 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत शुल्क में छूट के साथ स्टांप शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी में से 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कंपोनेंट्स, ईवी बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दिया जाएगा।
कैबिनेट के फैसले: 2030 तक रोडवेज बेड़े से पूरी तरह हटेंगी डीजल बसें, गुरुग्राम-फरीदाबाद मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शहर घोषित होंगे - अमर उजाला
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क्यों आंध्र प्रदेश पुलिस गाड़ियों के साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा रही है? क्या हैं साइलेंसर्स लगवाने से... - TV9 Bharatvarsh

आंध्र प्रदेश ने मॉडिफाई साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवाया है.
Motor Silencers Rules: आंध्र प्रदेश ने एक खास अभियान चलाते हुए बाइक के मॉडिफाई साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा दिया है. पुलिस ने 600 से ज्यादा साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवाया है.
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें दिख रहा है कि सड़क पर कई बाइक साइलेंसर रखे हैं और उस पर रोड रोलर (Road Rollers In Bike Silencer) चलाया जा रहा है. दरअसल, साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलाने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश ने की है. जी हां, आंध्र प्रदेश पुलिस ने 600 से ज्यादा बाइक के साइलेंसर निकालकर उनपर रोड रोलर चलवाए, जो मॉडिफाई किए गए थे. पुलिस (Andhra Pradesh Police) ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अनोखा अभियान चलाया है. पहले पुलिस ने अभियान चलाकर मॉडिफाइड साइलेंसर जब्द किए गए थे और उसके बाद साइलेंसर्स को सड़क पर बिछाकर रोड रोलर से कुचलवा दिया.
पुलिस की ओर से एक जागरुकता फैलाने के लक्ष्य से ये कदम उठाया है और कई साइलेंसर्स को नष्ट कर दिया है. दरअसल, पिछले कुछ सालों से लाउड साइलेंसर्स का क्रेज काफी ज्यादा हो गया है और इस वजह से लोग बाइक में अपने साइलेंसर्स को बदलवा रहे हैं. साइलेंसर्स को मॉडिफाई करवाने के बाद इसकी आवाज बदल जाती है और तेज आवाज के साथ युवा टशन मार रहे हैं. इस पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है और अब साइलेंसर्स को नष्ट कर दिया है.
पुलिस ने ऐसा क्यों किया?
दरअसल, माना जा रहा है कि काफी ज्यादा ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है और उससे शहर में काफी डिस्टर्बेंस हो रहा है. इससे निजात पाने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया है और पुलिस ने ना सिर्फ साइलेंसर्स को जब्त किया है, बल्कि उन्हें नष्ट भी कर दिया है. बता दें कि ध्वनि प्रदूषण से सीनियर सिटीजन, मेडिकल पैशेंट, प्रेग्नेंट महिलाओं को काफी दिक्कत होती है.
AP | Visakhapatnam city police crushed 631 silencers of various motorcycles by a road roller, today
Police conducted a special drive on the vehicles which were causing sound & air pollution. We seized the modified silencers & crushed them: City Police Commissioner Ch Srikanth pic.twitter.com/73gFzrNw4q
— ANI (@ANI) June 26, 2022
क्या कहता है कानून?
पर्यावरण (प्रोटेक्शन) नियम 1986 के अनुसार, मोटरसाइकिल की अधिकतम आवाज 80 डेसिबल होनी चाहिए और इससे ज्यादा आवाज नहीं होनी चाहिए. लेकिन, युवा आजतक अपनी बाइक के साइलेंसर्स बदला ले रहे हैं, जिससे बाइक की आवाज 130 डेसिबल तक पहुंच जाती है. मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 190 (2) के अनुसार, अगर किसी गाड़ी से ध्वनि प्रदूषण होता है तो इस पर 10 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ध्वनि प्रदूषण की अधिकतम लिमिट 80 डेसिबल है.
इसके साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी से मिली व्हीकल की मूल डिजाइन में परिवर्तन करना भी गैर कानूनी है. बता दें कि फैक्ट्री मॉडल में कोई भी बदलाव भी एमवी एक्ट का उल्लंघन है और ऐसे में भी व्हीकल ऑनर पर कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन, अब बड़ी संख्या में साइलेंसर में बदलाव करके सड़कों पर घूम रहे हैं. बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम, सड़क परिवहन वाहनों के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है, इसमें गाड़ियों और उन्हें चलाने को लेकर नियम बनाए गए हैं.
क्यों आंध्र प्रदेश पुलिस गाड़ियों के साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा रही है? क्या हैं साइलेंसर्स लगवाने से... - TV9 Bharatvarsh
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Saturday, June 25, 2022
Kochi Motor Vehicles Department (MVD) books six motorcycle owners for modifications कोच्चि Motor Vehicles Department (एमवीडी) ने संशोधनों के लिए छह मोटरसाइकिल मालिकों को बुक किया - Hindi.CarToq.com
कोच्चि के मोटर वाहन विभाग ने अवैध परिवर्तन के लिए छह मोटरसाइकिलों को बुक किया है। इन वाहनों को एक विशेष अभियान के तहत बुक किया गया था जो वर्तमान में कोच्चि में चल रहा है। ड्राइव को “ऑपरेशन रेस” कहा जाता है और वर्तमान में पूरे राज्य में चल रहा है। अभियान का उद्देश्य उन मोटर चालकों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो तेज गति से चल रहे हैं और अपने वाहनों में अवैध संशोधन कर चुके हैं।
इस अभियान के लिए जिले में तीन टीमों को तैनात किया गया है। इन्हें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जी. Ananthakrishnan द्वारा एर्नाकुलम क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा तैनात किया जाता है। यह अभियान कम से कम एक सप्ताह तक चलेगा। जिन अधिकारियों को तैनात किया गया है, उन्होंने वर्दी नहीं पहनी है, वे सादे कपड़ों में हैं ताकि वाहन चालक उन्हें पहचान न सकें.
पल्लिककारा के एक छात्र पर उसके HSRP या उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के साथ छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने अपनी नंबर प्लेट में बदलाव किया था ताकि रेसिंग के दौरान इसे मोड़ा और छिपाया जा सके। छात्र दौड़ते हुए नहीं पकड़ा गया लेकिन किसी को भी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं है। हालांकि, उनकी मोटरसाइकिल में पिछला मडगार्ड नहीं था जो पीछे के यातायात के लिए परेशानी का कारण बन सकता था क्योंकि टायर चट्टानों और पानी को फेंक देगा, खासकर बारिश के दौरान।
छात्र को बुक करने वाले एक मोटर वाहन निरीक्षक, Vijesh P.V. ने कहा, “जब वह लापरवाही से ड्राइविंग या रेसिंग में नहीं था, जब उसे रोका गया, तो लापता मडगार्ड और नंबर प्लेट से छेड़छाड़ स्पष्ट उपहार थे कि वह रेसिंग में था। नंबर प्लेट को मोड़ने से प्रवर्तन अधिकारियों से वाहन का पंजीकरण नंबर छिपाने में मदद मिली। लापता मडगार्ड ने अपने पीछे मोटर चालकों को भी खतरे में डाल दिया, खासकर बारिश के दौरान, ”
छात्र पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मोटरसाइकिल को उसके स्टॉक कॉन्फ़िगरेशन में बहाल करने के बाद अपनी मोटरसाइकिल प्रस्तुत करने के बाद उसे जुर्माना देना होगा। यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है तो मोटरसाइकिल का पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाएगा।
एक अन्य मोटरसाइकिल सवार को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की स्थिति बदलने के लिए बुक किया गया था। श्री विजेश ने कहा कि “निर्माता द्वारा चिपकाई गई नंबर प्लेट को बदला नहीं जाना चाहिए,” उन्हें एक विशिष्ट तरीके से लगाया जाता है ताकि वे आसानी से सुपाठ्य हों। चार अन्य मोटरसाइकिल चालकों को कानूनी ध्वनि सीमा को पार करने वाले आफ्टर-मार्केट एग्जॉस्ट का उपयोग करने के लिए पकड़ा गया और उन पर जुर्माना लगाया गया।
श्री अनंतकृष्णन ने कहा, “यह अभियान कम से कम एक सप्ताह तक जारी रहेगा, और हम सादे कपड़ों में अधिकारियों को तैनात करेंगे ताकि रेसिंग और बदले हुए वाहनों की सवारी करने में लगे मोटरसाइकिल चालकों का पता लगाया जा सके। हर बदलाव पर 5,000 रुपये का अलग से जुर्माना लगेगा, जबकि रेसिंग में ज्यादातर लाइसेंस निलंबन का कारण होगा।
नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करना गैरकानूनी है क्योंकि ये चोरी या अपराध की स्थिति में वाहनों की पहचान करने में मदद करते हैं। ये नंबर प्लेट किसी खास वाहन से जुड़ी होती हैं। इतना ही नहीं, नंबर प्लेट को वाहन के चेसिस नंबर और इंजन नंबर से भी जोड़ा जाता है। फ़ॉन्ट शैली, फ़ॉन्ट आकार, रंग और यहां तक कि अन्य तत्वों के बारे में आरटीओ द्वारा दिए गए निर्देशों का एक स्पष्ट सेट है जो नंबर प्लेट पर होना चाहिए।
एक HSRP नंबर प्लेट में क्रोमियम-आधारित स्टैम्प, एक अद्वितीय लेजर कोड और एक नॉन-रिमूवेबल स्नैप-ऑन लॉक होता है, ताकि अगर कोई इसे चुराने की कोशिश करता है तो नंबर प्लेट का पुन: उपयोग या प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। साथ ही, हर कोई HSRP नंबर प्लेट लगाने के लिए अधिकृत नहीं है। आपको ऐसे डीलर या गैरेज की तलाश करनी होगी जिसे उचित उपकरणों के साथ HSRP नंबर प्लेट लगाने के लिए अधिकृत किया गया हो। आमतौर पर, नए वाहन HSRP नंबर प्लेट के साथ आते हैं और उन्हें डीलरशिप पर स्थापित किया जाता है।
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Kochi Motor Vehicles Department (MVD) books six motorcycle owners for modifications कोच्चि Motor Vehicles Department (एमवीडी) ने संशोधनों के लिए छह मोटरसाइकिल मालिकों को बुक किया - Hindi.CarToq.com
कोच्चि के मोटर वाहन विभाग ने अवैध परिवर्तन के लिए छह मोटरसाइकिलों को बुक किया है। इन वाहनों को एक विशेष अभियान के तहत बुक किया गया था जो वर्तमान में कोच्चि में चल रहा है। ड्राइव को “ऑपरेशन रेस” कहा जाता है और वर्तमान में पूरे राज्य में चल रहा है। अभियान का उद्देश्य उन मोटर चालकों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो तेज गति से चल रहे हैं और अपने वाहनों में अवैध संशोधन कर चुके हैं।
इस अभियान के लिए जिले में तीन टीमों को तैनात किया गया है। इन्हें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जी. Ananthakrishnan द्वारा एर्नाकुलम क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा तैनात किया जाता है। यह अभियान कम से कम एक सप्ताह तक चलेगा। जिन अधिकारियों को तैनात किया गया है, उन्होंने वर्दी नहीं पहनी है, वे सादे कपड़ों में हैं ताकि वाहन चालक उन्हें पहचान न सकें.
पल्लिककारा के एक छात्र पर उसके HSRP या उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के साथ छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने अपनी नंबर प्लेट में बदलाव किया था ताकि रेसिंग के दौरान इसे मोड़ा और छिपाया जा सके। छात्र दौड़ते हुए नहीं पकड़ा गया लेकिन किसी को भी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से छेड़छाड़ करने की इजाजत नहीं है। हालांकि, उनकी मोटरसाइकिल में पिछला मडगार्ड नहीं था जो पीछे के यातायात के लिए परेशानी का कारण बन सकता था क्योंकि टायर चट्टानों और पानी को फेंक देगा, खासकर बारिश के दौरान।
छात्र को बुक करने वाले एक मोटर वाहन निरीक्षक, Vijesh P.V. ने कहा, “जब वह लापरवाही से ड्राइविंग या रेसिंग में नहीं था, जब उसे रोका गया, तो लापता मडगार्ड और नंबर प्लेट से छेड़छाड़ स्पष्ट उपहार थे कि वह रेसिंग में था। नंबर प्लेट को मोड़ने से प्रवर्तन अधिकारियों से वाहन का पंजीकरण नंबर छिपाने में मदद मिली। लापता मडगार्ड ने अपने पीछे मोटर चालकों को भी खतरे में डाल दिया, खासकर बारिश के दौरान, ”
छात्र पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मोटरसाइकिल को उसके स्टॉक कॉन्फ़िगरेशन में बहाल करने के बाद अपनी मोटरसाइकिल प्रस्तुत करने के बाद उसे जुर्माना देना होगा। यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है तो मोटरसाइकिल का पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाएगा।
एक अन्य मोटरसाइकिल सवार को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की स्थिति बदलने के लिए बुक किया गया था। श्री विजेश ने कहा कि “निर्माता द्वारा चिपकाई गई नंबर प्लेट को बदला नहीं जाना चाहिए,” उन्हें एक विशिष्ट तरीके से लगाया जाता है ताकि वे आसानी से सुपाठ्य हों। चार अन्य मोटरसाइकिल चालकों को कानूनी ध्वनि सीमा को पार करने वाले आफ्टर-मार्केट एग्जॉस्ट का उपयोग करने के लिए पकड़ा गया और उन पर जुर्माना लगाया गया।
श्री अनंतकृष्णन ने कहा, “यह अभियान कम से कम एक सप्ताह तक जारी रहेगा, और हम सादे कपड़ों में अधिकारियों को तैनात करेंगे ताकि रेसिंग और बदले हुए वाहनों की सवारी करने में लगे मोटरसाइकिल चालकों का पता लगाया जा सके। हर बदलाव पर 5,000 रुपये का अलग से जुर्माना लगेगा, जबकि रेसिंग में ज्यादातर लाइसेंस निलंबन का कारण होगा।
नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करना गैरकानूनी है क्योंकि ये चोरी या अपराध की स्थिति में वाहनों की पहचान करने में मदद करते हैं। ये नंबर प्लेट किसी खास वाहन से जुड़ी होती हैं। इतना ही नहीं, नंबर प्लेट को वाहन के चेसिस नंबर और इंजन नंबर से भी जोड़ा जाता है। फ़ॉन्ट शैली, फ़ॉन्ट आकार, रंग और यहां तक कि अन्य तत्वों के बारे में आरटीओ द्वारा दिए गए निर्देशों का एक स्पष्ट सेट है जो नंबर प्लेट पर होना चाहिए।
एक HSRP नंबर प्लेट में क्रोमियम-आधारित स्टैम्प, एक अद्वितीय लेजर कोड और एक नॉन-रिमूवेबल स्नैप-ऑन लॉक होता है, ताकि अगर कोई इसे चुराने की कोशिश करता है तो नंबर प्लेट का पुन: उपयोग या प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। साथ ही, हर कोई HSRP नंबर प्लेट लगाने के लिए अधिकृत नहीं है। आपको ऐसे डीलर या गैरेज की तलाश करनी होगी जिसे उचित उपकरणों के साथ HSRP नंबर प्लेट लगाने के लिए अधिकृत किया गया हो। आमतौर पर, नए वाहन HSRP नंबर प्लेट के साथ आते हैं और उन्हें डीलरशिप पर स्थापित किया जाता है।
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Wednesday, June 22, 2022
Delhi Traffic Police News: सड़क पर बिना पंजीकरण के वाहन चलाना पड़ेगा भारी, लगेगा 5000 रुपये का जुर्माना - Times Now Navbharat

बिना पंजीकरण के वाहन चलाने वालों पर लगेगा मोटा जर्माना  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
- मोटर वाहन अधिनियम के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना
- पंजीकरण चिह्न प्रदर्शित नहीं करने पर भी समान जुर्माना
- रिपोर्ट परिवहन विभाग की संचालन शाखा को भेजी जाएगी
Delhi Traffic Police News: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एक बार फिर से नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाली है। पुलिस बिना रजिस्टर्ड वाहनों को सड़क पर चलाने और ट्रैफिक के नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाएगी। इस बात की घोषणा ट्रैफिक पुलिस ने एक एसओपी जारी कर की है। एसओपी के मुताबिक पहली बार दिल्ली की सड़कों पर बिना रजिस्टर्ड वाहन चलाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
वहीं दूसरी बार ऐसा करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना होगा। इसके साथ ही एक साल की कैद भी हो सकती है। इसी तरह पंजीकरण चिह्न प्रदर्शित नहीं करने पर भी समान जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली में बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट के सड़कों पर वाहनों के चलने के मामले बढ़ रहे थे।
डीलरों पर भी कार्रवाई होगी
एसओपी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी मोटर वाहन को नहीं चलाएगा और मोटर वाहन का कोई भी मालिक वाहन को किसी भी सार्वजनिक जगह या किसी अन्य जगह पर तब तक चलाने की अनुमति नहीं देगा जब तक कि वाहन रजिस्टर्ड न हो। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एसओपी का उद्देश्य प्रवर्तन अधिकारियों और प्रवर्तन टीमों को बिना रजिस्टर्ड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करना है। साथ ही उन डीलरों पर भी कार्रवाई होगी, जो इसको बढ़ावा दे रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस की टीम बनाई जाएगी
एसओपी में कहा गया है कि बिना पंजीकरण के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ट्रैफिक पुलिस की टीम बनाई जाएगी। हर एक टीम फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग करेगी। साथ ही बिना पंजीकरण के वाहन की आपूर्ति करने वाले वाहन डीलर के नाम और पते का पता लगाएगी। चालान और जब्त किए गए वाहन की एक दैनिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उपरोक्त कार्रवाई के लिए तैनात टीम को भेजी जाएगी। एसओपी के मुताबिक बिना पंजीकरण के वाहन की आपूर्ति करने वाले मोटर वाहन डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वाहन चालान और जब्ती की एक साप्ताहिक रिपोर्ट परिवहन विभाग की संचालन शाखा को भेजी जाएगी।
Delhi Traffic Police News: सड़क पर बिना पंजीकरण के वाहन चलाना पड़ेगा भारी, लगेगा 5000 रुपये का जुर्माना - Times Now Navbharat
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Traffic Challan Rules: फोन पर बात करने पर भी नहीं कटेगा चालान, जानिए क्या है नियम - मनी कंट्रोल

Traffic Challan Rules: आम तौर पर अगर कोई ड्राइवर वाहन चलाते समय फोन पर बात करते हैं तो उनका ट्रैफिक चालान कट जाता है। ऐसे में अगर आप वाहन चलाते समय फोन पर बात करना चाहते हैं, तो हम आपको एक तरीका बता रहे हैं। जिससे आप फोन पर बात भी कर सकते हैं और चालान भी नहीं कटेगा। अगर फिर भी ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट देती है तो इस स्थिति में आप उसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। यह उन लोगों के लिए राहत की बात है जो तमाम जरूरी कारणों से वाहन चलाते समय फोन पर बात करते हैं।
ट्रैफिक नियम के मुताबिक, हैंड्स फ्री कम्युनिकेशन फीचर के जरिए से मोबाइल पर बात करना दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा। इसके लिए वाहन चालक को कोई जुर्माना भी नहीं भरना पड़ेगा। यह जानकारी स्वयं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लोकसभा में दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल राज्य के एर्नाकुलम से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में सवाल किया था कि क्या मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा-84(G) के तहत मोटर वाहनों में हैंड्स-फ्री कम्युनिकेशन फीचर के जरिए मोबाइल पर बात करने पर कोई दंड का प्रावधान है। इस पर गडकरी ने कहा कि अगर कोई वाहन चलाते समय हैंड्स फ्री कम्यूनिकेशन फीचर के जरिए मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो तो इस पर कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। यानी ड्राइवर को इसके लिए कोई भी जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।
ट्रैफिक पुलिस की मनमानी पर करें यह काम
कई बार ये देखा गया है कि गाड़ी, मोटरसाइकिल या अन्य किसी तरह के वाहन चलाते समय कोई गलती ना होने पर भी ट्रैफिक पुलिस की मनमानी और चालान भुगतना पड़ता है। कानून के मुताबिक, अगर आपकी कोई गलती नही है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ट्रैफिक चालान कोई कोर्ट का आदेश नही है। इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर आपका गलत चालान ट्रैफिक पुलिस काट रही है तो उस समय उन्हें ऐसा करने से रोके नहीं, बल्कि कोर्ट का चालान कटवा लें। आप बाद में उसे कोर्ट में चुनौती देकर चालान देने से बच सकते हैं।
हेलमेट ना लगाने पर सस्पेंड होगा ड्राइविंग लाइसेंस
मोटर वाहन अधिनियम (motor vehicle act) 2019 के तहत हेलमेट ना लगाने पर दो पहिया वाहन चालकों पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, मोटर वाहन अधिनियम की धारा-134C के तहत हेलमेट ना लगाने पर 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड किया जा सकता है।
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दिल्ली में बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट के गाड़ी लेकर निकले तो 5000 रुपये का लगेगा जुर्माना, नया ट्रैफिक नियम - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स
- बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन चलाने पर लगेगा 5000 रु का जुर्माना
- दूसरी बार पकड़े जाने पर लगेगा 10 हजार रु का जुर्माना
दिल्ली सरकार राजधानी में बिना रजिस्ट्रेशन दौड़ते वाहनों पर सख्त नजर आ रही है. सरकार ने बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर चलती गाड़ियों पर कार्रवाई के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. सरकार ने यह कदम बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट वाहनों के चलने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उठाया है.
दिल्ली सरकार की नई एसओपी के मुताबिक, अगर कोई वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर नजर आया तो पहली बार में उस पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, अगर कोई वाहन चालन दूसरी बार यही अपराध करता है, तो उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा. साथ ही 1 साल तक की सजा का भी प्रावधान इसमें रखा गया है.
अधिकारियों के मुताबिक, रजिस्ट्रेशन मार्क न दिखने पर भी 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी में बिना रजिस्ट्रेशन प्लेटों के वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि कुछ मामलों में देखा गया है कि वाहन मालिक रजिस्ट्रेशन प्लेट के साथ पेपर सीट चिपका रहे थे. उन्होंने कहा, शोरूमों को रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही वाहनों को जारी करना चाहिए. अधिकारियों के मुताबिक, बिना वैध रजिस्ट्रेशन प्लेट के वाहन चलाए जा रहे हैं, ऐसे में अगर ये कोई दुर्घटना करते हैं, तो इनका पता लगाना असंभव हो जाता है.
SOP में कहा गया है कि MV एक्ट के सेक्शन 39 के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति किसी भी मोटर वाहन को नहीं चलाएगा और मोटर वाहन का कोई भी मालिक वाहन को किसी भी सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान पर तब तक चलाने की अनुमति नहीं देगा जब तक कि वाहन रजिस्टर्ड न हो. दिल्ली में अप्रैल 2019 से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य कर दिया गया है. वाहन निर्माताओं द्वारा ये प्लेट डीलरों को दी जाती हैं. इन प्लटों पर रजिस्ट्रेशन मार्क होता है.
अधिकारियों के मुताबिक, एसओपी जारी करने का उद्देश्य प्रवर्तन अधिकारियों को बिना रजिस्ट्रेशन रोड पर चल रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने और इस नियम का पालन करने के लिए लोगों को संवेदनशील बनाना है. साथ ही इसमें डीलरों के खिलाफ भी उल्लंघन करने पर जुर्माना या कार्रवाई करने का प्रावधान है.
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Tuesday, June 21, 2022
क्या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कवर करती है मोटर बीमा पाॅलिसी? जानिए - DriveSpark Hindi

इस सवाल का एक शब्द में जवाब है-हां। बीमा कंपनियां प्राकृतिक आपदा से आपके वाहन को होने वाले नुकसान का हर्जाना कवर करती हैं। लेकिन इससे कुछ नियम और शर्तें भी जुड़ी हैं, जिसे पूरा करने पर ही बीमा कंपनी हर्जाना (Damage Claim) तय करती हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए पहले हमें बीमा की अवधारणा को समझना होगा।

बीमा कंपनी और कार बीमा खरीदने वाले व्यक्ति के बीच एक अनुबंध होता है। पॉलिसी लेने वाला बीमा प्रीमियम का भुगतान करके बीमाकर्ता से पॉलिसी खरीदता है और पॉलिसीधारक बन जाता है। बीमा कंपनी प्रीमियम स्वीकार करती है और कुछ नियमों और शर्तों से बंधे हुए वादे की पेशकश करती है। इसलिए बीमा कंपनियां प्राकृतिक आपदाओं को कवर करती हैं यह लेकिन पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।

क्या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कवर करता है बीमा?
आपको बता दें कि प्राकृतिक आपदा से आपके कार को होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए कोई विशेष प्रकार की बीमा पॉलिसी नहीं होती है। प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कॉम्प्रिहेंसिव मोटर बीमा पॉलिसी (Comprehensive Vehicle Insurance) में कवर किया जाता है। कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी प्राकृतिक आपदा में केवल स्वयं के नुकसान को कवर करता है। इसलिए, यदी आप एक कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी का विकल्प चुनते हैं, तो आपकी कार को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जाती है।

क्या वाहन के चोरी होने पर भी कॉम्प्रिहेंसिव बीमा देता है कवर?
दरअसल, कॉम्प्रिहेंसिव वाहन बीमा पॉलिसी में प्राकृतिक आपदा के होने वाले नुकसान के अलावा, चोरी को भी कवर किया जाता है। मोटर वाहन बीमा दो तरह के कवर होते हैं - ओन डैमेज और थर्ड पार्टी। अगर आपने वाहन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी लिया है तो चोरी होने पर ओन डैमेज के अंतर्गत बीमा कंपनी हर्जाना देगी।

कैसे दर्ज करें बीमा क्लेम
अगर आपके वाहन को किसी प्राकृतिक आपदा में नुकसान हुआ है, तो पहले आप वाहन की तस्वीर लें। इसके बाद आप तुरंत बीमा कंपनी को कॉल कर नुकसान की सूचना दें। आप वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और पॉलिसी नंबर याद रखें क्योंकि कंपनी आपसे इससे संबंधित दस्तावेजों की मांग कर सकती है।

बीमा कंपनी की क्लेम प्रक्रिया के अनुसार, आपको ऑनलाइन फॉर्म भरने या ई-मेल करने के लिए भी कहा जा सकता है। इसके बाद आपके द्वारा बताए गए पते पर बीमा कंपनी सर्वेयर को भेजेगी जो आपके वाहन को हुए नुकसान की जांच करेगा। आपको सर्वेयर से घटनाक्रम और नुकसान की जानकारी साझा करनी होगी।

सर्वेयर द्वारा जांच करने के बाद आप गाड़ी को किसी नजदीकी रिपेयर शॉप या सर्विस सेंटर पर ठीक करवा सकते हैं। रिपेयर करवाने के खर्च बीमा कंपनी आपके बैंक खाते में जमा कर सकती है या सर्विस सेंटर को बिल के आधार पर भुगतान कर सकती है।
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Monday, June 20, 2022
क्या बारिश या पेड़, दीवार गिरने से वाहन को होने वाले नुकसान को कवर करती है मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी? जानिए - News18 हिंदी

नई दिल्ली. आंधी और तूफान की वजह से आपको कई बार कारों पर गिरे पेड़ों की तस्वीरें देखने को मिलती हैं और कई बार कारों के पेड़ों से टकरा जाने की सूचना मिलती है. इस तरह के हादसों में कई बार आपके वाहनों को भारी नुकसान होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्या आपकी बीमा कंपनी ऐसे हर्जाने को कवर करती है? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं.
अगर आपने अपने वाहन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस लिया है, तो आप गरज, धूल भरी आंधी, चक्रवात, तूफान और ओलावृष्टि जैसी किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के के लिए क्लेम कर सकते हैं. इतना ही नहीं कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस में वाहन चोरी को भी कवर करता है और वाहन चोरी होने पर आपके नुकसान की भरपाई भी करता है.
वाहन चोरी कवर करता है कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस
गौरतलब है कि मोटर बीमा पॉलिसी में दो कॉम्पोनेंट, ओन डेमेज और थर्ड पार्टी कवर होते हैं.ओन डेमेज आपकी कार को हुए नुकसान को कवर करता है, वहीं थर्ड पार्टी, अन्य पार्टी को हुए नुकसान को कवर करता है. आंधी- तूफान के कारण गाड़ी पर पेड़ गिरने जैसी स्थिति कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर की जाती है. इसके अलावा कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस में वाहन चोरी को भी कवर मिलता है.
यह भी पढ़ें- काम की बात : बारिश में अपनी कार का कैसे रखें ख्याल? जानिए सभी टिप्स जो आएंगे काम
प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कवर करता है बीमा
यानी यह बीमा पॉलिसी गाड़ी चोरी, आग से नुकसान, बाढ़ के पानी के कारण होने वाला नुकसान, भूकंप, भूस्खलन, तूफान आदि प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान को कवर करती है और नुकसान होने पर आपको भुगतान भी करती है. हालांकि प्राकृतिक आपदा के कारण इंजन सीज होने पर बीमा कंपनी आपको कोई क्लेम नहीं देती है, क्योंकि इस दुर्घटना नहीं मानती है.
बीमा क्लेम कैसे दर्ज करें
अगर किसी हादसे में आपकी गाड़ी को नुकसान हुआ है, तो बीमा क्लेम करने के लिए आपको सबसे पहले बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल कर को तुरंत क्लेम दर्ज करना होगा. इसके लिए आप अपना पॉलिसी नंबर संभाल के रखें, क्योंकि क्लेम करते समय इसे साझा करना होगा.इसके बाद अगर यह कोई थर्ड पार्टी डेमेज है, तो आपको FIR दर्ज करनी होगी और फिर आगे होने वाली किसी भी क्षति से बचने के लिए कार को न चलाएं. इसके बाद करीबी रिपेयरिंग की दुकान पर अपनी गाड़ी की मरम्मत करवाएं. इस दौरान आप अपने बीमा कंपनी के कस्टमर केयर की मदद ले सकते हैं.
इसके बाद क्लेम फॉर्म भरें. आप इसे या तो अधिकृत वर्कशॉप से ले सकते हैं या फिर कंपनी की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. क्लेम फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेज जमा करें और फिर एक सर्वैअर गाड़ी का निरीक्षण करने आता है. निरीक्षण के दौरान आप सभी दस्तावेज तैयार रखें. एक बार निरीक्षण हो जाने के बाद अपनी कार के वापस आने का इंतजार करें. इस बीच, आप कंपनी की वेबसाइट पर अपने साथ साझा किए गए क्लेम संख्या के माध्यम से अपने दावे के स्टेटस को चेक कर सकते हैं.
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Tags: Bike, Car, Insurance, Life Insurance
FIRST PUBLISHED : June 20, 2022, 15:38 IST
क्या बारिश या पेड़, दीवार गिरने से वाहन को होने वाले नुकसान को कवर करती है मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी? जानिए - News18 हिंदी
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Saturday, June 18, 2022
दिल्ली में 4 महीने के लिए बैन होगी डीजल वाहनों की एंट्री! प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार उठाने जा... - TV9 Bharatvarsh

भारी मोटर वाहनों और कमर्शियल डीजल वाहनों के प्रवेश पर बैन लग सकता है.
राजधानी दिल्ली में भारी मोटर वाहनों सहित वाणिज्यिक डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का एक प्रस्ताव परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Minister Kailash Gahlot) को मंजूरी के लिए भेजा गया है.
इस साल अपने प्रदूषण नियंत्रण अभियान (Delhi pollution control campaign) के तहत दिल्ली परिवहन विभाग ने नवंबर से फरवरी तक दिल्ली में भारी मोटर वाहनों सहित वाणिज्यिक डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है (Delhi Transport Department). आमतौर पर, ट्रकों से लेकर मिनी टेम्पो तक ऐसे वाहनों के प्रवेश पर नवंबर या दिसंबर में केवल 15-20 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है. इस संबंध में एक प्रस्ताव परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Minister Kailash Gahlot) को मंजूरी के लिए भेजा गया है. दरअसल दिल्ली में प्रदूषण फैलाने के लिए डीजल आधारित वाहन और भारी मोटर वाहन काफी हद तक जिम्मेदार माने जाते हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हर साल, पीएम 2.5 / पीएम 10 के स्तर में वृद्धि या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देशों या राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश के बाद ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाता है. इसलिए, इस साल, परिवहन विभाग ने वायु गुणवत्ता के स्तर के खराब होने की स्थति से पहले निवारक कदम उठाए हैं. अधिकारियों के अनुसार, लगभग 70,000-80,000 ट्रक हर दिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव के मुताबिक जिन वाहनों को शहर में अनुमति दी जाएगी उनमें सीएनजी से चलने वाले वाणिज्यिक वाहन शामिल हैं; ई-ट्रक; सब्जियां, फल, अनाज, अंडे, बर्फ, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक सामान ले जाने वाले सभी ट्रक; और पेट्रोलियम उत्पादों को ले जाने वाले टैंकर.
1 अक्टूबर या 1 नवंबर से शुरू हो जाएगा प्रतिबंध
अधिकारी ने कहा ति एक बार परिवहन मंत्री द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, तैयारी शुरू हो जाएगी और प्रतिबंध या तो 1 अक्टूबर या 1 नवंबर से शुरू हो जाएंगे और चार महीने तक जारी रहेंगे. इधर सरकार के इस प्रस्ताव का ट्रक ड्राइवरों और वाणिज्यिक वाहन संघों ने विरोध किया है. विरोध करते हुए संघ ने कहा कि भारी वाहनों का कारोबार करने वालों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 15-20 दिनों के लिए ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध स्वीकार्य है, लेकिन चार महीने एक लंबी अवधि है और इसका असर ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा. कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा. ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि इससे सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ेगा और भोजन, सब्जियों और अन्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
दिल्ली में 4 महीने के लिए बैन होगी डीजल वाहनों की एंट्री! प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार उठाने जा... - TV9 Bharatvarsh
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Friday, June 17, 2022
रुद्रप्रयाग : घनसाली- तिलवाड़ा मोटर मार्ग देर रात खाई में गिरा हिमाचल के यात्रियों का वाहन, एक की मौत, चार घ.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग : घनसाली- तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर मयाली से चार किलोमीटर पहले पैयाताल में हिमाचल की आल्टो कार 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए। वाहन तिलवाड़ा से घनसाली की ओर जा रहा था।
रात को ही रेस्क्यू कार्य किया
दुर्घटना की सूचना मिलने ही पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन, डीडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने रात को ही रेस्क्यू कार्य किया। वाहन में सभी घायलों को सड़क तक लाया गया और घायल को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। मृतक के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है।
घायलों के नाम:
- दिलेर सिंह पुत्र गुलजार उम्र 32 वर्ष निवासी, हिमाचल प्रदेश निवासी
- राहुल पुत्र मोहनलाल
- मनप्रीत ठाकुर पुत्र बलवंत
- बलवीर सिंह पुत्र गुरु वंश
मृतक का नाम:
- वीरू गिरी, उम्र 30 साल, निवासी उत्तर प्रदेश
टिहरी में बोलेरो पर बड़ा गिरा बोल्डर, दो लोग घायल
टिहरी में नरेंद्रनगर ब्लाक के आगराखाल-सल्डोगी रोड पर सुबह लगभग 8:45 बोलेरो वाहन संख्या यूके09ए0151 के ऊपर बड़ा बोल्डर गिर गया। वाहन में चालक प्यार सिंह भंडारी पुत्र चतर सिंह भंडारी निवासी ग्राम फर्त उम्र 32 वर्ष, आगराखाल, थाना नरेंद्रनगर, जनपद टिहरी गढ़वाल सहित तीन सवारियां सवार थीं। जिनमें दो व्यक्तियों वाहन चालक व संजय सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी उपरोक्त उम्र 19 वर्ष को चोट आई है। उन्हें प्राथमिक उपचार हेतु तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरेंद्रनगर में भर्ती किया गया।
धुमाकोट : अनियंत्रित होकर खाई में गिरा वाहन, किशोर की मौत
कोटद्वार-धुमाकोट मोटर मार्ग पर एक वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे वाहन में सवार किशोर की मौत हो गई जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
शुक्रवार को ग्राम हल्दूखाल से एक महेंद्रा पिकप वाहन ग्राम उम्टा से होते हुए मिरवाड़ी गांव की ओर आ रहा था। इसी दौरान उमटा-मिरवाड़ी गांव के मध्य वह अनियंत्रित होकर करीब सौ मीटर गहरी खाई में गिर गया।
ग्रामीणों ने राहत एवं बचाव अभियान चलाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया
आसपास मौजूद ग्रामीणों ने राहत एवं बचाव अभियान चलाकर घायलों को नैनीडांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने ग्राम घुड़कंद निवासी 15 वर्षीय सुनील पुत्र श्यामलाल की मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल वाहन चालक ग्राम कमेड़ा निवासी राजेंद्र प्रसाद पुत्र बिहारी को उपचार के लिए रामनगर रेफर किया गया है।
विकासनगर: स्कूटी स्लिप होने से दो युवक घायल
शुक्रवार देर शाम डाकपत्थर में झूला पुल के पास स्कूटी फिसलने से टिहरी गढ़वाल के दो युवक गंभीर घायल हो गए। रोड पर पड़े युवकों को डाकपत्थर चौकी पुलिस ने उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में भर्ती कराया, जहां पर चिकित्सकों ने उपचार के बाद भी हालत में सुधार न होते देख उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। बता दें कि झूला पुल के पास पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।
स्कूटी से शेर सिंह पुत्र सूरत सिंह निवासी कंडरस्यूं टिहरी गढ़वाल हाल निवासी गंगा विहार राजीव नगर नेहरु ग्राम देहरादून व राजेंद्र बिस्ट निवासी ढूंढ थाना घनसाली टिहरी डाकपत्थर घूमने आए थे। शुक्रवार रात में आठ बजे वापस घर जाते समय स्कूटी शक्तिनहर किनारे झूला पुल के पास बदहाल रोड पर फिसल गई।
रात में सुनसान रहने वाली शक्तिनहर किनारे की रोड से गुजर रहे चीता ड्यूटी कर्मियों ने चौकी इंचार्ज को घटना की सूचना देकर घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। विकासनगर में चिकित्सकों ने दोनों का उपचार किया, लेकिन घायलों की हालत में सुधार न होने पर दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। चौकी इंचार्ज डाकपत्थर अर्जुन सिंह गुसाईं के अनुसार हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। घायलों के स्वजनों को सूचना दे दी गई है।
Edited By: Nirmala Bohra
रुद्रप्रयाग : घनसाली- तिलवाड़ा मोटर मार्ग देर रात खाई में गिरा हिमाचल के यात्रियों का वाहन, एक की मौत, चार घ.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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BPSC MVI Interview Schedule 2022: मोटर वाहन निरीक्षक इंटरव्यू का शेड्यूल जारी, एडमिट कार्ड जल्द, जानें डिटेल - Jansatta

BPSC MVI Interview Schedule 2022: बिहार लोक सेवा आयोग ने (BPSC) ने मोटर वाहन निरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा के लिए इंटरव्यू का शेड्यूल जारी कर दिया है। अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट bih.nic.in पर जारी इंटरव्यू कार्यक्रम को चेक कर सकते हैं।
जारी शॉर्ट नोटिस के अनुसार मोटर वाहन निरीक्षक पद के लिए इंटरव्यू का आयोजन 12 जुलाई 2022 से 16 जुलाई 2022 तक किया जाएगा।
इंटरव्यू दो पालियों में आयोजित किया जाएगा। पहली पाली में साक्षात्कार सुबह 10.30 बजे से और दूसरी पाली में दोपहर 2.30 बजे से होगा। साक्षात्कार के समय अभ्यर्थियों को मूल दस्तावेजों के साथ-साथ उनकी स्वयं सत्यापित फोटोकॉपी भी ले जानी होगी।
अभ्यर्थी इस बात का ध्यान रखें कि शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ उन्हें दो पासपोर्ट साइज के फोटो, फोटोयुक्त आधिकारिक पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड,वोटर आईडी या पैन कार्ड भी लेकर जाना होगा।
इंटरव्यू के लिए योग्य अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड भी जारी किया जाएगा। प्रवेश पत्र साक्षात्कार से एक सप्ताह पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिस को चेक कर सकते हैं।
BPSC MVI Interview Schedule 2022 How to Check: ऐसे चेक करें इंटरव्यू शेड्यूल
सबसे पहले अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाएं।
होम पेज पर दिए गए Interview Program: Motor Vehicle Inspector Competitive Examination. (Advt. No. 06/2020) के लिंक पर क्लिक करें।
इंटरव्यू शेड्यूल आपकी स्क्रीन पर आ जाएगा।
अब चेक करें और प्रिंट निकाल लें।
BPSC MVI Interview Schedule 2022: मोटर वाहन निरीक्षक इंटरव्यू का शेड्यूल जारी, एडमिट कार्ड जल्द, जानें डिटेल - Jansatta
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एम्बुलेंस को नहीं दिया रास्ता, तो अब कटेगा सीधे 10,000 रुपये का चालान, जानें क्या है नियम - DriveSpark Hindi

इस बात की जानकारी गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है। पुलिस द्वारा किए गए इस ट्वीट में यह भी कहा गया है कि आपातकालीन वाहन आने पर सभी वाहनों को बाईं ओर हो जाना चाहिए। भारत में आपातकालीन वाहन को रास्ता नहीं देना एक अपराध है।

इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर इसके लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। हालांकि कुछ लोग अभी भी इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। नया भारी जुर्माना कम से कम गुरुग्राम में कुछ अंतर लाने में मदद कर सकता है जहां जुर्माना लगाया गया है।

आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देना उन लोगों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है, जिन्हें आपातकालीन वाहन की जरूरत होती है। बता दें कि विकसित देशों में हर कोई इस नियम का पालन करता है, जबकि भारत में लोग लेन ड्राइविंग का भी पालन नहीं करते हैं।

गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि जब भी आप अपने रियरव्यू मिरर में कोई आपातकालीन वाहन आते हुए देखें, तो आपको आपातकालीन वाहन के लिए रास्ता बनाने का प्रयास करना चाहिए। बता दें कि आपातकालीन वाहनों में राजमार्ग गश्ती वाहन, पुलिस वाहन, दमकल वाहन और एम्बुलेंस शामिल हैं।

आपको बता दें कि पिछले साल कर्नाटक पुलिस ने एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था, क्योंकि वह एम्बुलेंस का रास्ता रोक रहा था। ड्राइवर Maruti Suzuki Ertiga को ड्राइव कर रहा था और ऐसा लग रहा था कि वह जानबूझकर हाईवे पर मौजूद एम्बुलेंस का रास्ता रोक रहा है।

यह घटना राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर दक्षिण कन्नड़ जिले के थोककोट्टू से पंपवेल के बीच हुई। आरोपी की पहचान चरण के रूप में हुई थी, जो उस समय 31 साल का था। वह एनिमेशन इंडस्ट्री में काम कर रहा था। विडियो उस शख्स ने रिकॉर्ड किया था, जो एम्बुलेंस की आगे वाली पैसेंजर सीट पर बैठा था।

मंगलुरु पुलिस के स्टेशन अधिकारी ने ट्रैफिक साउथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। वायरल वीडियो क्लिपिंग के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के तहत लापरवाही से वाहन चलाने या सार्वजनिक रास्ते पर अनुचित तरीके से सवारी करने और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की 194 (ई) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एम्बुलेंस को नहीं दिया रास्ता, तो अब कटेगा सीधे 10,000 रुपये का चालान, जानें क्या है नियम - DriveSpark Hindi
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Wednesday, June 15, 2022
Challan: इन वाहनों को आगे जाने के लिए नहीं दिया रास्ता तो कटेगा 10,000 रुपये का चालान, हो जाएं सावधा - मनी कंट्रोल

Challan: सड़क पर वाहन लेकर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो चालान कट सकता है। हालांकि, कई बार लोगों को यह पता ही नहीं होता कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह ये है कि उन्हें ट्रैफिक के नियमों के बारे में पता नहीं रहता है। ऐसे में आज हम आपको एक ट्रैफिक नियम के बारे में बता रहे हैं। जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।
मौजूदा ट्रैफिक नियमों के मुताबिक, इमरजेंसी व्हीकल्स को रास्ता ना देने पर भी आपका चालान कट सकता है। दरअसल, इमरजेंसी व्हीकल्स जैसे- फायर ब्रिगेड वाहन और एम्बुलेंस को रास्ता देना जरूरी होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत इमरजेंसी वाहनों के लिए रास्ता नहीं देने पर 10,000 रुपये तक का चालान काटा जा सकता है। दरअसल, संशोधित मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194 (E) के तहत चालान काटा जता है। इस धारा में सड़क पर फायर ब्रिगेड या एम्बुलेंस जैसे इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े वाहनों को फ्री पैसेज नहीं देने पर जुर्माने का जिक्र किया गया है।
इन मामलों में भी होती कार्रवाई
बता दें कि जब कोई बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना, नाबालिग, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और तय लिमिट से अधिक लोगों को बिठाकर वाहन चलाने में जुर्माना भरना पड़ता है। इतना ही नहीं अधिक माल लादकर वाहन चलाने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है। इसके साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
Challan: इन वाहनों को आगे जाने के लिए नहीं दिया रास्ता तो कटेगा 10,000 रुपये का चालान, हो जाएं सावधा - मनी कंट्रोल
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Tuesday, June 14, 2022
Accident in Uttarakhand : चोपता तुंगनाथ मोटर मार्ग पर कोलकाता के तीर्थयात्रियों का वाहन खाई में गिरा, चार घा.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग : Accident in Uttarakhand : बुधवार को सुबह तड़के ऊखीमठ- मंडल मोटर मार्ग पर एक टैम्पो ट्रैवलर खाई में गिरने से इसमें सवार चार तीर्थयात्री घायल हो गए। सभी कोलकाता के हैं। जिनका उपचार जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। वहीं एक घायल को हायर सेंटर रैफर कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बुधवार तड़के तीन बजे आपदा कन्ट्रोल रूम को सूचना मिली कि चोपता तुंगनाथ मोटर मार्ग ( ताला मस्तुरा) पर एक टैम्पो ट्रैवलर ( संख्या यूके 07 पीए 2867) अनियंत्रित होकर सड़क से करीब 20 मीटर गहरी खाई में गिर गया है।
सूचना मिलने पर एसडीडीआरएफ की टीम तहसील ऊखीमठ से घटना स्थल के लिए रवाना हुई। वाहन में चालक समेत कुल नौ लोग सवार थे। ये सभी कोलकाता के रहने वाले हैं। दुर्घटना में चार लोगों को हल्की चोट लगी है। माओ अरोड़ा पत्नी समरेश अरोड़ा उम्र 33 साल के सिर पर जादा चोट आई है, उन्हें डाक्टर ने ऊखीमठ हास्पिटल से जिला हास्पिटल के लिए रैफर कर दिया है।
बदरीनाथ दर्शन कर लौट रहे राजस्थान के तीर्थयात्रियों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त
बदरीनाथ दर्शन कर लौट रहे राजस्थान के तीर्थयात्रियों का वाहन पांडुकेश्वर के समीप मंगलवार रात्र को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दौरान एसडीआरएफ सफल रेस्क्यू किया। वाहन में सवार लोगों को हल्की चोटें आई हैं।
जानकारी के मुताबिक वाहन संख्या आरजे 14 टीडी 4681 में सवार 15 लोग बदरीनाथ दर्शन करने के उपरान्त लौट रहे थे। इस दौरान लामबगड़ बाजार के समीप ब्रेक फेल होने से वाहन अनियंत्रित हो गया। ड्राइवर की सूझबूझ से उक्त वाहन को सड़क के किनारे एक बड़े पत्थर से टकराया दिया। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
घनसाली : कार दुर्घटना में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य की मौत
थाना क्षेत्र घनसाली के अंतर्गत घनसाली-घुत्तु मोटर मार्ग पर धोपड़धार के पास एक आल्टो कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, जिसमें चालक पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य की मौत हो गई। मृतक का पंचायत नामा भर कर पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मदन सिंह 51 पुत्र रतन सिंह अपने गांव बजिंगा से घनसाली के लिए निकला था कि घनसाली - घुत्तू मोटर मार्ग पर धोपड़धार के पास सुबह करीब नौ बजे उनकी आल्टो कार संख्या UK09A 7836 अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, वाहन के खाई में गिरते ही आस-पास के लोग घटना स्थल की ओर दौड़े और घायल को खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया गया।
उसके बाद 108 सेवा की मदद से गंभीर हालत में पिलखी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वाहन में मृतक के अलावा अन्य कोई सवार नहीं था। उधर थाना प्रभारी सुखपाल सिंह ने बताया कि मृतक का पंचायत नामा भर कर पोस्टमार्टम की कार्यवाही पिलखी अस्पताल में ही करने के बाद शव को परिजनों को सौंपा गया।
Edited By: Nirmala Bohra
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Sunday, June 12, 2022
मोटर वाहन विभाग के पास लाइसेंस जारी करने के लिए कागज तक नहीं - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Author: JagranPublish Date: Sun, 12 Jun 2022 04:55 AM (IST)Updated Date: Sun, 12 Jun 2022 04:55 AM (IST)
राकेश शर्मा, कठुआ: जिले में सबसे ज्यादा राजस्व एकत्रित करने वाले मोटर वाहन विभाग के कार्यालय के पास धारकों को नए व रिन्यूअल लाइसेंस जारी करने के लिए कागज तक नहीं है। कार्यालय में ऐसी स्थिति होने के कारण हजारों लाइसेंस धारकों के लाइसेंस करीब दो माह से लंबित पड़े हैं। इसके कारण वाहन चालकों को लाइसेंस नहीं मिलने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि अगर कहीं यातायात विभाग या दूसरे जिले या राज्य में स्थानीय लाइसेंस धारक वाहन चालक लेकर जाता है तो उसके पास लाइसेंस न होने से जुर्माना देने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि वाहन चालकों को कोई गलती नहीं है बल्कि मोटर वाहन विभाग ही जिम्मेदार है।
गौर है कि उपरोक्त विभाग द्वारा बनाया गया नियम है कि वाहन चलाते समय चालक के पास लाइसेंस होना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर मोटर वाहन विभाग जुर्माना वसूल करेगा। इसके अलावा यातायात पुलिस और थाना पुलिस भी अपने स्तर पर नाके लगाकर बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वाले पर कार्रवाई करती है, लेकिन जब खुद ही लाइसेंस जारी करने वाली अथारिटी जारी नहीं कर रही है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? साफ है कि अब तो मोटर वाहन विभाग ही जिम्मेदार है, जो लाइसेंस धारकों को न तो रिन्यूअल करके लाइसेंस दे रहा है और न ही जो विभाग के रिकॉर्ड में ट्राइ के बाद लाइसेंस धारक बनने के योग्य है।
बहरहाल, मोटर वाहन विभाग तो अपने कार्यालय में कागज की कमी के चलते लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है, लेकिन किसी कारण से लाइसेंस धारक की कहीं दुर्घटना हो जाती है तो उस समय वाहन चालक के लिए सबसे बड़ा जोखिम रहता है। दुर्घटना के दौरान सबसे पहले लाइसेंस की औपचारिकता कानूनी पूरी होनी चाहिए अन्यथा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुई दुर्घटना में उसे ही कानूनी जिम्मेदार माना जाता है। इसके लिए उसे दंड स्वरूप सजा भी मिल सकती है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी गलती और जिम्मेदारी मोटर वाहन विभाग की है, जो लाइसेंस धारक को समय पर लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है। कानूनी औपचारिकता में दुर्घटना के बाद लाइसेंस बिना कागज के जारी नहीं हुआ है, को कारण नहीं माना जाता है।ऐसे में मोटर वाहन विभाग लाइसेंस धारकों के साथ उनकी जिदंगी से भी खिलवाड़ कर रहा है। कोट्स--
पारदर्शिता, सुशासन, सिंगल विडो की सुविधा देने के दावे करने वाली सरकार के मोटर वाहन विभाग के पास लाइसेंस जारी करने के लिए अगर कागज यानि प्रिटिग मैटेरियल दो माह से नहीं है तो सबसे बड़ी लापरवाही है। विभाग के पास करोड़ों रुपये राजस्व की उगाही हर माह होती है। इस समय आरटीओ कार्यालय कठुआ के पास ढाई हजार लाइसेंस पेंडिग है। प्रदीप केसर, जिला उपाध्यक्ष, नेशनल कांफ्रेंस,कठुआ कोट्स---
आज के दौर में ड्राइविग लाइसेंस कितना जरूरी है, यह बताने की जरूरत नहीं है। लाइसेंस के बिना वाहन चलाना मोटर वाहन विभाग के नियम में सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। बिना लाइसेंस के पकड़े जाने पर मोटर वाहन विभाग ही नहीं, बल्कि यातायात पुलिस के अलावा थाना पुलिस और सिविल अधिकारी भी दंड स्वरूप बड़ा जुर्माना या चालान करते हैं, लेकिन यहां विभाग ही दोषी है।
-अंग्रेज सिंह कोट्स---
एक तरफ मोटर वाहन विभाग सारा काम डिजिटल करने का दावा करता है, दूसरी तरफ आज भी लाइसेंस बनाने के लिए कागज का इंतजार कर रहा है। यह सिर्फ इस बार ही नहीं, बल्कि कुछ सालों से ऐसी स्थिति हर साल हो रही है। विभाग को अपनी कमी के चलते लाइसेंस धारकों को डिजिटल लाइसेंस सॉफ्ट कापी के रूप में भी मोबाइल पर जारी करने चाहिए ताकि उन्हें इसके लिए जुर्माना न भरना पड़े।
हेम राज। कोट्स---
कार्यालय में प्रिटिग मैटेरियल की कमी के कारण करीब डेढ़ हजार लाइसेंस अप्रैल माह से पेंडिग पड़े हैं। प्रिटिग मैटेरियल पूरे प्रदेश स्तर पर सभी कार्यालयों में विभाग के आयुक्त द्वारा किए जाने वाले टेंडर प्रक्रिया से जारी होता है। ऐसे में ये समस्या सिर्फ कठुआ जिला ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी बनी है, ऐसे में जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी, प्रिटिग मैटेरियल मिलते ही लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
-सुनील कुमार, आरटीओ, मोटर वाहन विभाग, कठुआ
Edited By: Jagran
मोटर वाहन विभाग के पास लाइसेंस जारी करने के लिए कागज तक नहीं - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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New Traffic Rule: इस वाहन को दें तुरंत रास्ता, देरी करने पर कटेगा ... - News Nation
अगर आप सड़क पर वाहन लेकर फर्राटा भरते हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की है. क्योंकि न्यू व्हीकल मोटर एक्ट के तहत कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. जिसके तहत कई जुर्मानें की धनराशि लाखों तक में है.

सांकेतिक तस्वीर (Photo Credit: News Nation)
नई दिल्ली :
अगर आप सड़क पर वाहन लेकर फर्राटा भरते हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की है. क्योंकि न्यू व्हीकल मोटर एक्ट के तहत कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. जिसके तहत कई जुर्मानें की धनराशि लाखों तक में है. आपको बता दें कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार जुर्माने की राशि को पहले के मुकाबले काफी बढ़ा दिया गया है. अब यदि आपने ऐंबुलेंस के सायरन को नजरअंदाज किया तो 10,000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. वहीं जेल भी जाना पड़ सकता है. पुराने मोटर व्हीकल एक्ट में इस प्रकार का कोई भी प्रावधान नहीं था. ऐसे में जरूरी है कि आप सड़क पर चलते समय एंबुलेंस या किसी इमर्जेंसी व्हीकल की आवाज जैसे ही सुनें आप तुरंत उसे रास्ता देने के लिए किनारे हट जाएं. इसी में आपकी भलाई होगी.
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आपको बता दें कि किसी भी दुर्घटना के वक्त पीड़ित के लिए सबसे अहम उसका वक्त होता है. लेकिन कई बार देखने को मिला है कि आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस को सड़क पर रास्ता ही नहीं मिलता है. कई बार एंबुलेंस को अनचाहे जाम का सामना करना पड़ता है. वहीं कई बार बाइक चालक एंबुलेंस को पास नहीं देते. कुछ लोग जानबूझ कर एंबुलेंस के आगे चलते हैं जिससे उन्हें रास्ता खाली मिल सके. इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही नये नियमों को अमल में लाया गया है. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 183 के अनुसार अगर आप तय सीमा से ज्यादा गति से वाहन चलाते है हुए पकड़े जाते है तो पहली बार आपके ऊपर 1000-2000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है वहीं आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त किया जा सकता है.
इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के अनुसार अगर आप कार चलाते समय अगर आपको ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोका जाता है और आपसे ड्राइविंग लाइसेंस मांगा जाता है. ऐसे में अगर आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नही है तो आपका 5000 रुपए का चालान कट सकता है . साथ ही 3 महीने तक की जेल भी आपको हो सकती है.
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First Published : 11 Jun 2022, 10:50:19 PM
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New Traffic Rule: इस वाहन को दें तुरंत रास्ता, देरी करने पर कटेगा ... - News Nation
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वाहनों पर स्कूल का नाम लिखना अनिवार्य - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Author: JagranPublish Date: Sun, 12 Jun 2022 11:20 PM (IST)Updated Date: Sun, 12 Jun 2022 11:20 PM (IST)
संवाद सहयोगी, ऊना : जिला ऊना में हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन नियम 73ए में स्कूल वाहनों के संचालन के मानकों का पालन किया जाए। बसों में गहरा पीला पेंट होना चाहिए तथा दोनों ओर स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए। इसके अलावा बस के आगे व पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना अनिवार्य है। पट्टे पर लिए वाहनों पर आन स्कूल ड्यूटी अंकित अथवा बोर्ड लगा होना चाहिए। बस के भीतर ड्राइवर का नाम, फोटो व मोबाइल नंबर लिखा जाए। यदि वाहन में यात्रा करने वाले छात्रों की आयु 12 वर्ष से कम है, ऐसी स्थिति में छात्रों की संख्या वाहन की क्षमता के डेढ़ गुणा से अधिक नहीं होनी चाहिए। वाहन में गैस सिलेंडर, मिट्टी का तेल, तेजाब, शराब आदि रखना प्रतिबंधित होगा। प्रत्येक वाहन के रूट और ठहराव स्थल का आरटीओ अथवा स्कूल प्रबंधन द्वारा अनुमोदित होना अनिवार्य होगा और इस संबंध में सूचना परिवहन विभाग व •िाला प्रशासन को भी उपलब्ध करवानी होगी।
यह निर्देश उपायुक्त राघव शर्मा ने सभी शिक्षण संस्थानों व परिवहन विभाग को जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते लगभग दो शैक्षणिक सत्र आनलाइन संचालित करने पड़े और चालू सत्र में हालात सामान्य होते ही सभी शिक्षण संस्थानों का सुचारू संचालन आरंभ हो गया है। ऐसे में मोटर वाहन अधिनियम का पालन फिर से कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत मोटर वाहन नियम 73ए के बारे में प्रशासन, पुलिस, शिक्षा व परिवहन विभाग ने बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया था। इसमें सभी शिक्षण संस्थानों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्कूली वाहनों के लिए जारी जरूरी हिदायतों के बारे में अवगत करवाया गया था। जिला प्रशासन को देनी होगी वाहनों की सूची
उन्होंने कहा कि स्कूल वाहनों का औचक निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण के दौरान वाहन फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस व ड्राइविग लाइसेंस आदि तमाम जरूरी दस्तावेज की गहनता से जांच की जाए और किसी भी प्रकार की खामी पाई जाने पर वाहन को जब्त किया जाए। इसके अतिरिक्त जिला में स्कूली बच्चों को आने-जाने के लिए संचालित वाहनों की एक सूची जिला प्रशासन को भी उपलब्ध करवाई जाए।
Edited By: Jagran
वाहनों पर स्कूल का नाम लिखना अनिवार्य - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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Saturday, June 11, 2022
भारत के लिए MG मोटर का आगामी छोटा इलेक्ट्रिक वाहन: नई विवरण सतह - Hindi.CarToq.com
ZS EV की सफलता के बाद, MG भारतीय बाजार के लिए एक किफायती इलेक्ट्रिक वाहन पर काम कर रही है। यह एक एंट्री-लेवल स्मॉल इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा। MG ने अपकमिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल E230 का कोडनेम रखा है। हाल ही में, MG के सिस्टर ब्रांड Wuling ने अपनी नई Air EV का अनावरण किया। यह उम्मीद की जाती है कि MG हमारे देश में Air EV को लॉन्च करने से पहले उसमें आवश्यक संशोधन करेगी। इसके अलावा, कंपनी ऑटो एक्सपो 2023 में अपने संस्करण का खुलासा कर सकती है।
जब आप पहली बार गाड़ी को देखते हैं तो यह काफी फंकी और कॉम्पैक्ट दिखती है। इसमें दो दरवाजों वाली बॉडी स्टाइल है और यह कंपनी के ग्लोबल स्मॉल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (GSEV) पर आधारित है। इस मंच का उपयोग विभिन्न शरीर शैलियों के निर्माण के लिए किया जा सकता है।
भारतीय परिस्थितियों के लिए विशिष्ट परिवर्तनों में एक मजबूत जलवायु नियंत्रण प्रणाली और हमारे देश की चिलचिलाती गर्मी को संभालने के लिए एक बेहतर बैटरी प्रबंधन प्रणाली शामिल हो सकती है। MG नए इलेक्ट्रिक वाहन को Air EV नहीं कहेगा। इसके बजाय, इसका एक अलग नाम होगा और इसे Wuling के बजाय एक एमजी बैज मिलेगा।
वाहन के दरवाजे काफी बड़े हैं जिसका मतलब है कि इसमें अंदर और बाहर आना आसान होगा। सामने की तरफ एक फुल-लेंथ लाइट बार है जो क्रोम स्ट्रिप से जुड़ता है जो फिर दरवाजों पर लगे बाहरी डोर मिरर से जुड़ता है। हेडलैम्प्स एलईडी यूनिट हैं और थोड़ा वैगनआर-लेट दिखते हैं। बंपर में स्लिम फॉग लैंप्स हैं। पहिए 12 इंच के हैं और स्टील के रिम हैं। एमजी हमारे देश में इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करते समय स्टाइलिज्ड व्हील कवर या मिश्र धातु ला सकता है।
चार्जिंग पोर्ट वाहन के सामने स्थित है। खिड़कियां काफी बड़ी हैं और खिड़कियों का दूसरा सेट लंबवत रखा गया है। छोटे डिज़ाइन के कारण, सामने की विंडशील्ड काफी खड़ी है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि एमजी नए इलेक्ट्रिक वाहन को राजमार्गों से अधिक शहरों में इस्तेमाल करते हुए देखती है।
इलेक्ट्रिक वाहन की लंबाई 2.9 मीटर होने की उम्मीद है इसलिए यह Maruti Alto से भी छोटी है। सटीक होने के लिए, यह Alto से 400 मिमी छोटा है। इलेक्ट्रिक वाहन का व्हीलबेस 2,010 मिमी है। तो, ये गाड़ी शहर में काफी फुर्तीला और चलाने में आसान लगेगी। EV के लिए पार्किंग की भी समस्या नहीं होनी चाहिए।
EV की बैटरी क्षमता लगभग 20 kWh से 25 kWh होगी। बिजली उत्पादन लगभग 40 एचपी और एक बार चार्ज करने पर 150 किमी की ड्राइविंग रेंज होगी। यह ड्राइविंग रेंज कार्यालय में दैनिक आवागमन या नियमित काम करने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए। ज्यादातर समय, EV को घर पर ही चार्ज किया जाएगा। क्योंकि MG India-specific परिवर्तन कर रहा है, बैटरी Tata AutoComp से स्थानीय रूप से प्राप्त की जाएगी।
MG अपने वाहन को ढेर सारे फ़ीचर्स के साथ लोड करने के लिए जानी जाती है और आने वाली EV भी इससे अलग नहीं होगी। इसमें Android Auto और ऐप्पल कारप्ले के साथ एक विशाल टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एक डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कनेक्टेड कार फीचर्स और बहुत कुछ होगा। उम्मीद की जा रही है कि नए EV की कीमत लगभग रु। 10 लाख जो दो दरवाजों वाली छोटी हैचबैक के लिए थोड़ा अधिक लगता है।
Via ऑटोकार इंडिया
भारत के लिए MG मोटर का आगामी छोटा इलेक्ट्रिक वाहन: नई विवरण सतह - Hindi.CarToq.com
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Thursday, June 9, 2022
अधिक किराया वसूलने पर चार चालकों का कोर्ट चालान काटा - अमर उजाला

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टैक्सी चालकों के यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायत पर इंटरसेप्टर प्रभारी जीवन सिंह सामंत ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर लोधिया बैरियर के पास संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया। हल्द्वानी-अल्मोड़ा के बीच चलने वाले करीब 50-60 टैक्सी वाहनों को चेकिंग की गई। अधिक किराया वसूल कर परमिट की शर्तों का उल्लंघन करने पर चार वाहन चालकों का कोर्ट चालान किया गया। चेकिंग के दौरान कुल 16 वाहन चालकों का मोटर वाहन अधिनियम में चालान कर कुल 6000 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया।
अधिक किराया वसूलने पर चार चालकों का कोर्ट चालान काटा - अमर उजाला
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वाहन का बीमा हुआ खत्म? अपनाएं यह कुछ खास तरीके, अतिरिक्त चार्ज से मिलेगा छुटकारा - ABP न्यूज़

Bike Insurance Policy Laps- कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि कई लोग अपने वाहन का बीमा (vehicle insurance) एक्सपायर होने से पहले उसे रिन्यू कराना भूल जाते हैं, जैसा कि आप को पहले से ही पता होगा कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सड़कों पर वाहन ले जाने से पहले आपको थर्ड पार्टी बीमा कराना अति आवश्यक है. आपको रिन्यू की तारीख के साथ-साथ अपने वाहन का बीमा समय पर कराना चाहिए. आपको रिन्यू की तारीख का पूरा ध्यान रखना चाहिए.
अगर आप भी अपने वाहन का बीमा रिन्यू कराना भूल गए हैं तो यह बात अब प्रभाव में नहीं रहेगी, कभी-कभी ऐसा होता है कि ड्यूरेशन में अगर आपके साथ कोई हादसा हो जाता है या आपको किसी अन्य नुकसान का सामना करना पड़ता है तो आपके वाहन पर होने वाले खर्च का वहन, आपको स्वयं करना पड़ता है. आपको बता दें कि यदि आप बिना बीमा के वाहन चलाते हुए पकड़े गए हैं तो इस केस में आपको ₹2000 तक का जुर्माना या 3 महीने तक की जेल भी हो सकती है, वही बार-बार बिना बीमा के वाहन चलाने इस अपराध के लिए आपको ₹4000 तक का जुर्माना या 3 महीने तक की जेल हो सकती है. इसलिए आपका फर्ज बनता है कि आप अपने वाहन का बीमा कवर समाप्त होने के बाद वाहन चलाने से बचें या अपने वाहन का नया बीमा करवाएं.
रिन्यू कराएं खत्म हुई बीमा पॉलिसी- यदि आप अपनी बीमा पॉलिसी को रिन्यू करवाने से बच रहे हैं या भूल गए हैं तो जल्द ही अपने बीमाकर्ता से संपर्क करें. आपको जानकारी दे दें कि यदि आपका बीमा एक्सपायर हो गया है तो फिर से बीमा कराने पर कंपनियां वाहन का निरीक्षण करती हैं, इसलिए जरूरी बात यह है कि बीमा पॉलिसी को फिर से शुरू करने से पहले आपको स्वयं निरीक्षण करना होगा. यदि आपने बीमा एजेंट के माध्यम से अपनी पॉलिसी ली है, तो आगे का प्रोसेस आप उसके माध्यम से पूर्ण कर सकते हैं. यदि आपने ऑनलाइन बीमा पॉलिसी खरीदी हुई है तो आप बीमाकर्ता की वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
No Claim बोनस के लिए 90 दिनों के भीतर रिन्यू करें- NCB मतलब नो क्लेम बोनस, अपनी व्यापक मोटर बीमा पॉलिसी का एक जरुरी एलिमेंट है, जिससे आप अपना प्रीमियम काफी हद तक कम कर सकते हैं. 20% छूट से शुरू यह NCB पॉलिसी , आगामी सालों में धीरे-धीरे बढ़कर 50% तक हो जाती है. आपको एनसीबी का लाभ तभी मिलेगा जब आप अपनी पॉलिसी की समाप्ति के बाद 90 दिनों के अंदर अपनी पॉलिसी को रिन्यू कर आते हैं. आपको बता दें कि रिन्यू कराने के लिए आपको एक्स्ट्रा चार्ज ज्यादा नहीं देना होगा. क्योंकि आपके बीमा प्रीमियम को 50% तक कम करने का काम NCB कर देता है. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप तय समय सीमा में अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराएं और पाएं ढेर सारी छूट.
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Tuesday, June 7, 2022
अगर नहीं कराया का वाहनों का Fitness Certificate Renewal तो हो जाए सतर्क, 1 लाख रुपये तक पहुंचा जुर्माना - Patrika Hindi News

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इस विषय पर ऑटो चालकों और कैब संचालकों का कहना है, कि इस फैसले से उनके हितों को ठेस पहुंच रही है। प्रतिदिन 50 रुपये का जुर्माना लगाने वाला नया मोटर वाहन नियम एक असहनीय बोझ बन गया है। वहीं शहर (Hyderabad) के एक ऑटो चालक को 92,100 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जिसमें रिन्यूअल और प्रमाणपत्र समाप्त होने के दिन से प्रति दिन 50 रुपये का जुर्माना शामिल है।
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बता दें, तेलंगाना ऑटो एंड मोटर वेलफेयर यूनियन के महासचिव एम दयानंद ने कहा कि एपी, तमिलनाडु और केरल सहित कुछ राज्य 1 अप्रैल से जुर्माना वसूल रहे थे, चूंकि फिटनेस प्रमाणपत्रों के नवीनीकरण के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है, इसलिए आरटीए ने राज्य सरकार को 50 रुपये प्रति दिन से 10 रुपये प्रति दिन का जुर्माना संशोधित करने का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन राज्य ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है।
फिलहाल, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगा दी है। “कई स्कूल बसों ने अभी तक अपने फिटनेस प्रमाणपत्रों को नवीनीकृत नहीं किया है। कोविड -19 के दौरान, इन बसों को शेड तक सीमित कर दिया गया था। अगर उन्हें अपने प्रमाणपत्रों को नवीनीकृत करना है, तो शैक्षणिक संस्थानों को विलंब शुल्क के रूप में प्रति वर्ष 18,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
अगर नहीं कराया का वाहनों का Fitness Certificate Renewal तो हो जाए सतर्क, 1 लाख रुपये तक पहुंचा जुर्माना - Patrika Hindi News
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Monday, June 6, 2022
हार्न बजाने पर कटेगा 12 हजार तक का चालान! जानें मोटर व्हीकल एक्ट के नियम - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सड़क हादसों पर रोक लगाने ट्रैफिक नियम बनाए गए हैं, वहीं कुछ ऐसे नियम भी हैं, जिसको अगर किसी ने नजर अंदाज किया तो कम से कम 10 हजार रुपये से अधिक के चालान कटने की गुंजाईश हो जाती है। सड़क सुरक्षा बढ़ाने और सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए कड़े ट्रैफ़िक नियम बनाए गए है। इन नियमों के उल्लंघन पर भारी दंड इस लिए लगाए जाते हैं ताकि चालक सड़क पर गलती करने से बचें।
हार्न बजाने पर कटेगा 12 हजार का चालान
संसोधित यातायात नियम के अनुसार अगर कोई ड्राइवर सड़क पर प्रेशर हार्न का उपयोग करते पाया जाता है तो उसको 10 हजार रुपये का चालान भरना पड़ेगा, वहीं अगर नो हार्न जोन पर कोई व्यक्ति हार्न बजाते पकड़ा जाता है तो उसे 2 हजार रुपये का चालान भरना पड़ेगा।
डेंजरस ड्राइविंग
डेंजरस ड्राइविंग भारत में वाहन चालकों द्वारा की जाने वाली सबसे आम ट्रैफिक गलतियों में से एक है। डेंजरस ड्राइविंग की समस्या पर अंकुश लगाने और सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए इसके विरुद्ध सख़्त नियम बनाए गए हैं। जिनका उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस वाहन मालिकों पर भारी जुर्माना लगाती है।
डेंजरस ड्राइविंग पर छह महीने से एक साल तक की कैद या 1,000-5,000 रुपये का जुर्माना है। इतना भारी जुर्माना लोगों को डेंजरस ड्राइविंग करने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर देता है।
ओवर स्पीडिंग
ओवर स्पीडिंग भारतीय सड़कों पर दुर्घटना के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके विरुद्ध भी कठोर यातायात नियम बनाए गए हैं जिनका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ता है। इनका पालन करवाने के लिए सड़कों पर कई गति परीक्षण कैमरों को लगाया गया है, जिससे तेज गति से जिससे तेज गति से चलने वाले वाहनों की पहचान की जा सके। एक हल्के मोटर वाहन चालक को तेज गति से पकड़े जाने पर 1,000 - 2,000 तक के जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है। मध्यम यात्री या मालवाहक वाहनों के चालकों के लिए यह जुर्माना 2,000 - 40,000 रुपये है।
Edited By Atul Yadav
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