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Monday, June 27, 2022

क्यों आंध्र प्रदेश पुलिस गाड़ियों के साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा रही है? क्या हैं साइलेंसर्स लगवाने से... - TV9 Bharatvarsh

क्यों आंध्र प्रदेश पुलिस गाड़ियों के साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा रही है? क्या हैं साइलेंसर्स लगवाने से जुड़े नियम

आंध्र प्रदेश ने मॉडिफाई साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवाया है.

Motor Silencers Rules: आंध्र प्रदेश ने एक खास अभियान चलाते हुए बाइक के मॉडिफाई साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवा दिया है. पुलिस ने 600 से ज्यादा साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलवाया है.

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें दिख रहा है कि सड़क पर कई बाइक साइलेंसर रखे हैं और उस पर रोड रोलर (Road Rollers In Bike Silencer) चलाया जा रहा है. दरअसल, साइलेंसर्स पर रोड रोलर चलाने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश ने की है. जी हां, आंध्र प्रदेश पुलिस ने 600 से ज्यादा बाइक के साइलेंसर निकालकर उनपर रोड रोलर चलवाए, जो मॉडिफाई किए गए थे. पुलिस (Andhra Pradesh Police) ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अनोखा अभियान चलाया है. पहले पुलिस ने अभियान चलाकर मॉडिफाइड साइलेंसर जब्द किए गए थे और उसके बाद साइलेंसर्स को सड़क पर बिछाकर रोड रोलर से कुचलवा दिया.

पुलिस की ओर से एक जागरुकता फैलाने के लक्ष्य से ये कदम उठाया है और कई साइलेंसर्स को नष्ट कर दिया है. दरअसल, पिछले कुछ सालों से लाउड साइलेंसर्स का क्रेज काफी ज्यादा हो गया है और इस वजह से लोग बाइक में अपने साइलेंसर्स को बदलवा रहे हैं. साइलेंसर्स को मॉडिफाई करवाने के बाद इसकी आवाज बदल जाती है और तेज आवाज के साथ युवा टशन मार रहे हैं. इस पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है और अब साइलेंसर्स को नष्ट कर दिया है.

पुलिस ने ऐसा क्यों किया?

दरअसल, माना जा रहा है कि काफी ज्यादा ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है और उससे शहर में काफी डिस्टर्बेंस हो रहा है. इससे निजात पाने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया है और पुलिस ने ना सिर्फ साइलेंसर्स को जब्त किया है, बल्कि उन्हें नष्ट भी कर दिया है. बता दें कि ध्वनि प्रदूषण से सीनियर सिटीजन, मेडिकल पैशेंट, प्रेग्नेंट महिलाओं को काफी दिक्कत होती है.

क्या कहता है कानून?

पर्यावरण (प्रोटेक्शन) नियम 1986 के अनुसार, मोटरसाइकिल की अधिकतम आवाज 80 डेसिबल होनी चाहिए और इससे ज्यादा आवाज नहीं होनी चाहिए. लेकिन, युवा आजतक अपनी बाइक के साइलेंसर्स बदला ले रहे हैं, जिससे बाइक की आवाज 130 डेसिबल तक पहुंच जाती है. मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 190 (2) के अनुसार, अगर किसी गाड़ी से ध्वनि प्रदूषण होता है तो इस पर 10 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ध्वनि प्रदूषण की अधिकतम लिमिट 80 डेसिबल है.

इसके साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी से मिली व्हीकल की मूल डिजाइन में परिवर्तन करना भी गैर कानूनी है. बता दें कि फैक्ट्री मॉडल में कोई भी बदलाव भी एमवी एक्ट का उल्लंघन है और ऐसे में भी व्हीकल ऑनर पर कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन, अब बड़ी संख्या में साइलेंसर में बदलाव करके सड़कों पर घूम रहे हैं. बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम, सड़क परिवहन वाहनों के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है, इसमें गाड़ियों और उन्हें चलाने को लेकर नियम बनाए गए हैं.

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