परिवहन विभाग चला रहा है अभियान
कोलकाता में हैं कुल 67 वैध मोटर ट्रेनिंग स्कूल
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ​पिछले कुछ वर्षों में महानगर में मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या कुकुरमुत्तों के छत्ते के समान फैल गयी है। हालांकि परिवहन विभाग इसकी गहराई में गया तो पता चला कि इनमें से कई मोटर ट्रेनिंग स्कूल फर्जी हैं। इन स्कूलों में ना तो कोई ऑफिस है, ना सही प्रशिक्षक और ना ही इनकी गाड़ियां ही सही ढंग की होती हैं। इस हालत में एक्सिडेंट होने तथा सही प्रशिक्षण नहीं मिलने की आशंका अधिक हो जाती है। कुछ मामलों में तो देखा गया है कि इन गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट भी फेल रहता है। पिछले परिवहन विभाग के पास शिकायत जाने के बाद राज्य के परिवहन विभाग की ओर से फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को लेकर अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान अभी तक 4 फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का पता चला है।
ड्राइविंग स्कूल खोलने के नियम
* परिवहन विभाग से लाइसेंस, प्रशिक्षण देने के लिए मोटर इंजीनियरिंग कर चुका प्रशिक्षक, वाहन सिखाने के लिए 5 साल कमर्शियल वाहन चला चुके अनुभवी चालक, खुद का एक वाहन हो।
* वाहन में दोहरे नियंत्रण की सुविधा हो, प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मॉडल संकेत, यातायात चिह्न, वाहन के सभी पार्ट्स के ब्योरे वाला चार्ट लगा हो।
* परिसर में आपातस्थिति के लिए उपचार पेटिका, परिसर में ट्रैफिक संकेतकों युक्त ट्रैक।
नियमों का नहीं होता है पालन
ड्राइविंग स्कूल शुरू करने के लिए आरटीओ कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस दौरान स्कूल में मौजूद टेक्निकल स्टाफ, व्हीकल और लर्निंग लोकेशन की जानकारी देनी होती है। विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर देखते हैं कि जिस जगह लोगों को कार चलाना सिखाया जाएगा वह पर्याप्त है या नहीं। इसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी की जाती है। यह सभी काम खत्म होने के बाद ही लाइसेंस दिया जाता है। स्कूल परिसर में लेक्चर के लिए भी पर्याप्त स्थान होना जरूरी है। इसके बाद भी शहर में कई स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं।
की जा रही गाड़ी जब्त, ट्रेनरों का लाइसेंस रद्द
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का पता चलने पर सबसे पहले परिवहन विभाग द्वारा गाड़ी जब्त की जा रही है। इसके बाद ट्रेनरों का लाइसेंस भी जब्त कर लिया जा रहा है। इन 3-4 महीने में ऐसे 4 ट्रेनिंग स्कूलों का पता चला है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। ऐसे में इनकी गाड़ियों को जब्त करने के साथ ही ट्रेनरों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द कर दिये गये हैं।
सभी आरटीओ को किया गया अलर्ट
परिवहन विभाग की ओर से सभी आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) को भी अलर्ट किया गया है। उनसे कहा गया है कि अपने – अपने इलाकों में जाकर देखें कि कहीं कोई फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूल ना चल रहा हो। इसके लिए एक टीम भी परिवहन विभाग द्वारा बनायी गयी है।
इस तरह पकड़े गये फर्जी स्कूल
परिवहन विभाग की टीम ने रैंडम चेकिंग के दौरान अलग-अलग इलाकों से फर्जी मोटर ट्रेनिंग दिला रहे ट्रेनरों को पकड़ा। असल में इनका काेई स्कूल नहीं है, नकली नाम से ये ड्राइविंग की ट्रेनिंग देते थे। रैंडम चेकिंग के दौरान इन स्कूलों के बारे में पता चला।