मोटर दुर्घटना दावे जो समझौता योग्य हैं, उन्हें लोक अदालत भेजा जाए : सुप्रीम कोर्ट - Live Law Hindi
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Edited By Archna Sethi,Updated: 29 Jul, 2022 08:25 PM
हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता...
चंडीगढ़, 29 जुलाई-(अर्चना सेठी ) हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है।
कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।
Edited By Archna Sethi,Updated: 29 Jul, 2022 08:25 PM
हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता...
चंडीगढ़, 29 जुलाई-(अर्चना सेठी ) हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है।
कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।
Free Passage To Emergency Vehicles: किसी भी आपात हालात (Disaster Management) से निपटने के लिए निर्धारित और अधिकृत वाहन इमरजेंसी वाहन (Emergency Vehicle) की श्रेणी में आते हैं. पुलिस की गाड़ी, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि इमरजेंसी वाहन होते हैं. सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए चिन्हित वाहनों को भी तब तक इमरजेंसी वाहन माना जाएगा जब तक उस आपदा के हालात को पूरी तरह नियंत्रित ना कर लिया जाए.
इमरजेंसी वाहनों की पहचान के लिए उन पर विशेष साइरन और लाल रंग की बत्ती लगी होती है. या उनके परिचालन के वक्त पब्लिक एड्रेस सिस्टम से अन्य गाड़ी के वाहनों को रास्ता क्लीयर करने का निर्देश दिया जाता है. साइरन या अनाउंसमेंट सुनने के बाद भी अगर आपने उस गाड़ी को फ्री पैसेज नहीं दिया तो आपके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
इमरजेंसी वाहनों का रास्ता रोकने पर मिलेगी सजा
सड़क पर इमरजेंसी वाहनों का रास्ता रोकने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. मोटर वाहन (संशोधन अधिनियम) 2019 (Motor Vehicles Amendment Act, 2019) की धारा 194E के अनुसार, जो भी वाहन चालक फायर सर्विस, एंबुलेंस या राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट इमरजेंसी गाड़ी का रास्ता बाधित करते हैं तो उन्हें छह महीने तक की जेल या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा मिलेगी.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) के नोटिफिकेशन के अनुसार उक्त अधीनियम की धारा 50, धारा 51, धारा 52, धारा 53, धारा 54, धारा 55, धारा 56, धारा 57 एवं धारा 93 अप्रैल 2022 से प्राभावी हैं. इनके अनुसार अगर आपकी गाड़ी में 14 साल से कम उम्र का बच्चा बैठा है तो उसके लिए सीट बेल्ट अनिवार्य है. साथ ही इन प्रावधानों के लागू होने से सड़क हादसे में बीमा क्लेम करने की प्रक्रिया सरल हो गई है और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर निर्धारित सजा को और कठोर कर दिया गया है.
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OLD Motor Vehicle Rules : राजधानी दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने पुराने वाहनों को लेकर रोक लगा रखी थी. अब एनजीटी ने पश्चिम बंगाल में 15 साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों को हटाने का आदेश दे दिया है. एनजीटी (NGT) के आदेश में कहा कि अगले 6 महीनों में इन वाहनों को हटाने की जरूरत है. यह आदेश पूरे राज्य में वाहनों पर लागू होगा. जिन वाहनों को फेज आउट किया है इनमें ज्यादातर बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियां हैं.
कितने है वाहन
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 1,820,382 निजी वाहन (Private Vehicle) हैं, जो 15 साल से पुराने हैं. राज्यभर में कुल मिलाकर 65 लाख से अधिक निजी वाहन हैं, जिन्हें अब हटाने की जरूरत है. कोलकाता में चलने वाले कमर्शियल वाहनों (Commercial Vehicle) में कम से कम 219,137 वाहन 15 साल से पुराने हैं. पूरे राज्य में पुराने कमर्शियल वाहनों (Old Commercial Vehicle) की संख्या 6 लाख से भी ऊपर है.
Electric Vehicles को मिलेगा बढ़ावा
आपको बता दे कि NGT का यह आदेश एजेंसी की ईस्टर्न बेंच (Eastern Bench) की ओर से लिया गया है. इसमें जस्टिस बी अमित स्टालेकर और विशेषज्ञ सदस्य सैबल दासगुप्ता शामिल किया गया हैं. आदेश में कहा कि पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करते हुए, कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (Compressed Natural Gas) बसों और इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत के साथ क्लीन और ग्रीन टेक्नोलॉजी (Green Technology) वाले वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
ऐतिहासिक है आदेश
एनजीटी में 2021 में याचिका दायर करने वाले एक्टिविस्ट सुभाष दत्ता ने इस आदेश को ऐतिहासिक बताया है. दत्ता ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और काम यहां से शुरू होना है. राज्य में लगभग 1 करोड़ ऐसे पुराने वाहन चल रहे हैं और 6 महीने की समय सीमा के भीतर उन सभी को चरणबद्ध तरीके से करना संभव नहीं है. हम इसे लेकर चिंतित हैं और इस मामले को और सक्रियता से आगे बढ़ा रहे हैं.
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जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी जिला पुलिस की टीमों ने मोटर वाहन अधिनियम के नियमों की उल्लंघना कर वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। शुक्रवार शाम छह बजे से रात 10 बजे तक चलाए गए अभियान के दौरान पुलिस द्वारा 137 वाहनों के चालान किए गए। पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत के निर्देशानुसार चलाए गए स्पेशल चेकिग अभियान में जिला पुलिस की टीमों द्वारा मुख्य सड़कों के साथ-साथ मुख्य चौराहों इत्यादि पर भी वाहनों की जांच की। इस दौरान वाहनों को रूकवा कर उनके दस्तावेज चेक किए गए। पुलिस द्वारा संदिग्ध वाहनों को खुलवा कर उनकी जांच की गई। इस दौरान कुछ वाहनों पर नंबर प्लेट ही नहीं थी, वहीं कुछ वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं थी। इस दौरान पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने पर 84 चालान किए तथा बिना नंबर प्लेट वाले 53 वाहनों के चालान किए। अभियान के दौरान पुलिस द्वारा कुल 137 वाहनों के चालान किए गए। अभियान के दौरान पुलिस टीमों ने वाहनों की गहनता से जांच की तथा अधूरे दस्तावेज वाले वाहनों, बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों के चालान किए। साथ ही बिना दस्तावेजों वाले वाहनों को जब्त भी किया गया। अभियान के तह पुलिस द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर नाकेबंदी कर वाहनों की जांच की। इस दौरान पुलिस ने वाहन के कागजात, चालक का ड्राइविग लाइसेंस, हेलमेट, तीन सवारी, नंबर प्लेट इत्यादि की चेकिग की। भविष्य में भी जारी रहेगा अभियान : एसपी
दादरी जिला पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने वाहन चालकों से अपील करते हुए कहा कि वाहन चलाते समय मोटर वाहन अधिनियम के निर्देशों के तहत सभी दस्तावेज साथ रखें। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। एसपी दीपक ने कहा कि यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।
Edited By Jagran
ICICI Lombard Motor Floater Insurance: आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर करने के उद्देश्य से फ्लोटर मोटर बीमा योजना लॉन्च की है. इसके तहत कई इनोवेटिव सॉल्यूशंस मिल सकेंगे. इस योजना के तहत उन लोगों को खास सुविधा मिलेगी, जिनके पास कई वाहन हैं. उन्हें एक ही बीमा योजना के तहत कार और दोपहियां सहित अपने सभी वाहनों के लिए व्यापक बीमा कवर मिलेगा, साथ ही इसके जरिए वे सिंगल नवीनीकरण तिथि भी सुनिश्चित कर सकेंगे. कंपनी का कहना है कि अपने ग्राहकों के लिए मोटर फ्लोटर पेशकश बीमा रेगुलेटर इरडाई यानी IRDAI द्वारा हाल ही में की गई घोषणा के अनुरूप है.
फ्लोटर मोटर बीमा योजना के तहत एक ही पॉलिसी में आपको अपने सभी वाहनों के लिए कवर मिलेगा. यह नई पेशकश ग्राहकों के लिए बेहद सुविधाजनक होगी क्योंकि इसमें एकल प्रीमियम के साथ उनकी सभी मोटर बीमा पॉलिसी के लिए सिंगल पॉलिसी और सिंगल नवीनीकरण तिथि की सुविधा दी जा रही है. मोटर फ्लोटर पेशकश का विकल्प चुनने वाले ग्राहकों को कम प्रीमियम पर मोटर फ्लोटर पेशकश के तहत कई वाहनों के लिए बीमा कवर मिलेगा. इस योजना के जरिए ग्राहकों को अपने हर वाहन के लिए अलग अलग बीमा करवाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी. वे कम खर्च में अपने सभी वाहनों का एक ही बीमा योजना में कवर ले सकेंगे.
जब भी कोई ग्राहक किसी पुरानी वाहन बीमा योजना से मोटर फ्लोटर पॉलिसी में शिफ्ट यानी स्थानांन्तरित होता है तो प्रत्येक वाहन के स्तर पर नो-क्लेम का पूरा लाभ मोटर फ्लोटर पेशकश के तहत सुनिश्चित किया जाएगा. पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं होने की स्थिति में, पॉलिसीधारकों को लागू स्लैब के अनुसार नवीनीकरण पर और 50 फीसदी तक नो क्लेम बोनस की पेशकश की जाती है. इस उत्पाद के तहत, ग्राहक पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय किसी नए वाहन को इसमें जोड़ सकते हैं या हटा सकते हैं.
इसके अलावा, इस योजना के तहत बेस मोटर उत्पाद को ‘एसेट कम यूसेज’ आधारित उत्पाद में बदलने के लिए टेलीमैटिक्स ऐड-ऑन की पेशकश की जाएगी. बेस मोटर वाहन के बीमा के लिए लिया जाने वाला प्रीमियम आंशिक रूप से उपयोग पर निर्भर करेगा. मोटर ओन डैमेज पॉलिसी के साथ जोड़े गए ऐड-ऑन कवरेज भी मूल पॉलिसी की अवधि के लिए ही मान्य होंगे, तब तक कि उस ऐड-ऑन कवरेज में इस बारे में अलग से कोई और प्रावधान न किया गया हो.
पे-ऐज-यू-यूज (पीएवाईयू): इस योजना के तहत, ग्राहकों को उपयोग के आधार पर अलग-अलग “किलोमीटर” से चुनने की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसलिए पॉलिसी का प्रीमियम केवल उस सीमा तक सीमित होगा जिस सीमा तक वाहन का उपयोग किया जाता है या ग्राहक द्वारा उपयोग किए जाने का अनुमान लगाया जाता है. शुरू में खरीदे गए “किलोमीटर” के समाप्त होने की स्थिति में ग्राहक पॉलिसी अवधि के दौरान किलोमीटर का टॉप-अप भी कर सकते हैं. इस ऐड-ऑन के तहत कवरेज तभी मान्य होगा जब खरीदे गए किलोमीटर (या ग्राहक को प्रदान किए गए अतिरिक्त ग्रेस किलोमीटर) नुकसान होने के समय आंशिक रूप से या पूरी तरह से उपयोग किए जाते हैं.
पे-हाउ-यू-यूज (पीएचयूयू): इस प्लान के तहत, ड्राइविंग बिहेवियर स्कोर के अनुसार चार्ज किया गया प्रीमियम बदल जाएगा. अच्छा ड्राइविंग व्यवहार वाला ग्राहक पॉलिसी के मूल प्रीमियम पर आकर्षक छूट प्राप्त कर सकता है. यह नीति अच्छे ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देगी और पुरस्कृत करेगी. वहीं खराब ड्राइविंग व्यवहार को प्रोत्साहन देकर अच्छी ड्राइविंग आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के कार्यकारी निदेशक संजीव मंत्री ने इस पॉलिसी के लॉन्च पर कहा कि पिछले कुछ साल में, रेगुलेटर ने बीमा इंडस्ट्री में नएपन को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं. किसी को भी अपने कई वाहनों के लिए कई पॉलिसी को बनाए रखना कठिन काम रहा है. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की इन पेशकश के साथ, ग्राहक अब एक एकल पॉलिसी बनाए रख सकते हैं जो उनके सभी वाहनों को एक समान कवरेज प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इसी तरह, पे-हाउ-यू-यूज और पे-ऐज-यू-यूज ग्राहक के लिए अतिरिक्त पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, अपने बीमा उत्पादों के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है. कंपनी अपने ग्राहकों के लिए सबसे सस्ती दरों पर नवीन उत्पादों की पेशकश कर रही है. मोटर फ्लोटर और टेलीमैटिक्स ऐड-ऑन प्रसाद इस प्रमुख सामान्य बीमा कंपनी की ओर से ऐसे ही बेहद खास और इनोवेटिव उत्पाद हैं. ग्राहक सभी बीमा जरूरतों के लिए सिग्नेचर आईएल टेककेयर ऐप डाउनलोड कर सकते हैं.
Under Age Driving Challan: यातायात नियमों के अनुसार, मोटरवाहन चलाने के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. लेकिन, कई बार देखा जाता है कि इस नियम का पालन नहीं किया जाता है और खुले तौर पर उल्लंघन किया जाता है. ये नाबालिग ड्राइवर ज्यादातर स्कूल जाने वाले छात्र होते हैं. हालांकि, कम उम्र में ड्राइविंग के मुद्दे के संबंध में स्कूलों में सर्कुलर भेजे जाते हैं, लेकिन इसका कम उम्र के ड्राइवरों पर कोई असर नहीं पड़ता है. ये कम उम्र के ड्राइवर समझ नहीं पाते लेकिन कुल मिलाकर ये खुद अपनी जान जोखिम में डाल रहे होते हैं. इसीलिए, एक जिम्मेदार माता-पिता के रूप में लोगों को उनके बच्चों और उनकी ड्राइविंग की आदतों पर ध्यान देने की जरूरत होती है.
अगर आपका बच्चा 18 साल से कम उम्र का है, तो बेहतर है कि उसे मोटरसाइकिल या गाड़ी की चाबियां न दें. ऐसा कभी न हो लेकिन जरा सोचिए कि आपका बच्चा दुर्घटना का शिकार हो जाए तो क्या होगा? भले ही आपके पास मोटर वाहन बीमा पॉलिसी हो लेकिन वह किसी काम की नहीं होगी क्योंकि आप कोई क्लेम नहीं कर पाएंगे. दरअसल, अगर कोई नाबालिग ड्राइविंग कर रहा होता है तो बीमा के फायदे उसके लिए लागू नहीं होते हैं. ऐसे में कोई क्लेम नहीं किया जा सकता है.
इसके अलावा, अगर आपका कोई नाबालिग ड्राइविंग करता पकड़ा जाता है तो उसके माता-पिता या अभिभावकों पर कार्रवाई हो सकती है. नाबालिग के ड्राइविंग करने पकड़ने जाने पर उसके माता-पिता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लग सकती है. इसके साथ ही, उन्होंने 3 साल तक की जेल भी हो सकती है. इसीलिए, अगर आपका बच्चा नाबालिग है और आप उसे मोटर वाहन चलाने के लिए देते हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं. ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है.
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New Motor Vehicle Act: नए मोटर वाहन अधिनियम (1989) के तहत, पीयूसी नहीं रखने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है और हम बताते हैं कि पीयूसी प्रमाणपत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन कैसे डाउनलोड किया जाए।
New Delhi, First Published Jul 26, 2022, 6:42 AM IST
ऑटो डेस्क. सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के तहत भारत सरकार ने PUC (अंडर पॉल्यूशन कंट्रोल) सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया है। पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और मोटर बीमा पॉलिसी के समान, यह प्रमाण पत्र सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है, चाहे वह चार पहिया वाहन हो या दो पहिया वाहन। पीयूसी प्रदूषण के स्तर को कम रखने में मदद करता है और एक वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए मान्य है। किसी भी नए वाहन को एक साल तक के लिए प्रदूषण जांच से छूट दी गई है। पीयूसी नहीं रखने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है। इस दस्तावेज़ के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हम बताते हैं कि पीयूसी प्रमाणपत्र और अन्य संबंधित पहलुओं को कैसे डाउनलोड किया जाए।
PUC (प्रदूषण नियंत्रण में) प्रमाणपत्र क्या है?
पेट्रोल या डीजल पर चलने वाला वाहन जली हुई गैसों के रूप में धुंआ उत्सर्जित करता है, जिसमें CO2, NOx का मिश्रण होता है। ये पर्यावरण को प्रदूषित कर सकते हैं, जिससे यह सभी के लिए हानिकारक हो सकता है। एक पीयूसी PUC (प्रदूषण नियंत्रण में) प्रमाणपत्र या वाहन प्रदूषण प्रमाणपत्र अधिकृत प्रदूषण परीक्षण केंद्रों द्वारा जारी किया गया एक दस्तावेज है जो वाहन से उत्सर्जन के स्तर को दर्शाता है। ये केंद्र एक वाहन के उत्सर्जन का परीक्षण करने के बाद यह प्रमाण पत्र जारी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि ये उत्सर्जन सरकार द्वारा निर्दिष्ट स्वीकार्य मानदंडों के भीतर हैं।
ऑफलाइन ऐसे पाएं PUC सर्टिफिकेट
पीयूसी प्रमाणपत्र ऑनलाइन कैसे प्राप्त करें?
1. ऑफिशियल वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर जाएं
2. अब ट्रांसपोर्ट सेक्शन में जाएं और अपना 5 अंकों का वाहन चेसिस नंबर दर्ज करें और वाहन पंजीकरण संख्या भी दर्ज करें
3. 'पीयूसी विवरण' चुनें
4. इसका प्रिंट आउट ले लें
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Last Updated Jul 26, 2022, 6:42 AM IST
हाल ही में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि, एक बार यह माना जाता है कि परमिट अनिवार्य नहीं है, तो फिटनेस का मुद्दा जिस पर परमिट निर्भर करता है, गौण हो जाता है।
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ बीमा कंपनी द्वारा इस आधार पर निर्णय को चुनौती देने वाली अपील पर विचार कर रही थी कि मुख्य नगर अधिकारी के स्वामित्व वाले और फायर ब्रिगेड के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला वाहन दुर्घटना की तारीख में फिट नहीं था।
अपीलार्थी के अधिवक्ता श्री शुक्ल ने प्रस्तुत किया कि फिटनेस एवं परमिट के अभाव में सार्वजनिक सड़क पर वाहन चलाने की अनुमति नहीं थी।
उच्च न्यायालय के समक्ष विचार के लिए प्रश्न था:
क्या फिटनेस के अभाव में यह स्वीकार किया जाता है कि उक्त वाहन के पास चलने का वैध परमिट था, बीमा कंपनी को दोषमुक्त किया जाना चाहिए था या नहीं?
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उच्च न्यायालय ने कहा कि “बेशक, दुर्घटना होने तक, परमिट रद्द नहीं किया गया था और अन्यथा भी परमिट फायर ब्रिगेड के लिए अनिवार्य नहीं है जैसा कि मोटर वाहनों की धारा 66 की उप-धारा (3) के खंड- (सी) से स्पष्ट है। अधिनियम, 1988 और एक बार यह माना जाता है कि परमिट अनिवार्य नहीं है, तो फिटनेस का मुद्दा जिस पर परमिट निर्भर करता है, गौण हो जाता है। यहां तक कि बीमा पॉलिसी में ऐसी कोई शर्त नहीं है कि फिटनेस का अभाव पॉलिसी को अस्वीकार करने का आधार होगा। इसलिए, जब इन तथ्यों को संचयी रूप से ध्यान में रखा जाता है, तो अपील, स्वीकार्य रूप से, योग्यता से रहित होती है, क्योंकि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 की उप-धारा (3) के खंड (सी) में अपवाद है।
उपरोक्त को देखते हुए उच्च न्यायालय ने अपील खारिज कर दी।
केस शीर्षक: नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम श्रीमती। सुनीता मरकाम
बेंच: जस्टिस विवेक अग्रवाल
प्रशस्ति पत्र: एमए-01881-2021
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत कार्यवाही में दावेदारों को संभावनाओं की प्रधानता की कसौटी पर अपना मामला साबित करना होगा।
न्यायमूर्ति अलका सरीन की पीठ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, अंबाला द्वारा पारित निर्णय के खिलाफ अपीलकर्ताओं द्वारा दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा दायर याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि दुर्घटना का तथ्य साबित नहीं हुआ था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि “दावेदारों द्वारा स्थापित पूरी कहानी असंभव लगती है क्योंकि वह व्यक्ति जो एक गंभीर दुर्घटना का गवाह था और कहा गया था कि उसने अपना पंजीकरण नंबर नोट करने के लिए 1½ किलोमीटर तक ट्रक का पीछा किया था, पुलिस को सूचित करें जब माना जाता है कि उसके पास एक मोबाइल फोन था और वह उक्त मोबाइल फोन का उपयोग गांव धनास के अपने परिवार के सदस्यों से बात करने के लिए कर रहा था।
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उच्च न्यायालय ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत कार्यवाही में दावेदारों को संभावनाओं की प्रधानता की कसौटी पर अपना मामला साबित करना होगा। हालांकि, वर्तमान मामले में, दावेदार दुर्घटना के तथ्य को दूर से भी साबित नहीं कर पाए हैं।
उपरोक्त को देखते हुए उच्च न्यायालय ने अपील खारिज कर दी।
केस शीर्षक: कृष्णा देवी और अन्य बनाम बलविंदर सिंह और अन्य
खंडपीठ: न्यायमूर्ति अलका सरीन
प्रशस्ति पत्र: 2016 का एफएओ नंबर 3023 (ओ एंड एम)
कल्याण में महात्मा फुले पुलिस ने मोटर वाहन चोरी के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों ने बाइक चुरा ली, फर्जी दस्तावेज बनाकर ओएलएक्स पर बेच दिए। पुलिस ने चोरी की 11 बाइकें बरामद की हैं।
दोनों - मोहम्मद शेख, 22, और अबुबकर शेख, 22 - कल्याण के दोनों निवासी, ओएलएक्स साइट पर बिक्री पर बाइक की खोज करते थे और विक्रेताओं से उनके दस्तावेज़ और अन्य विवरण मांगते थे। बाद में आरोपियों ने इसी तरह की बाइक की तलाश की और उन्हें चुरा लिया। वे पहले विक्रेता से लिए गए दस्तावेजों के अनुसार नंबर बदल देते थे और एक महीने बाद जब मूल विक्रेता ने अपनी बाइक बेची, तब तक आरोपी ने चोरी की बाइक की फोटो उन्हीं दस्तावेजों के साथ अपलोड कर दी और नंबर प्लेट बदल दी.
सहायक पुलिस आयुक्त उमेश माने पाटिल ने कहा, "महात्मा फुले पुलिस को एक चोरी की गोली की शिकायत मिली थी, जिसके लिए एक टीम बनाई गई थी। हमें सूचना मिली थी कि एक आरोपी इसी तरह की बाइक बेचने आ रहा है। हमने जाल बिछाया और मोहम्मद शेख को गिरफ्तार कर लिया, जिसने अपने भाई की मदद से किए गए अपराध के बारे में कबूल किया। " पाटिल ने कहा, "हमने 11 बाइक बरामद की हैं जिन्हें आरोपी ने चुराया था और उसी तरह बेचने की योजना बनाई थी। इन आरोपियों के खिलाफ कल्याण से मुंब्रा थाने में चौदह मामले दर्ज हैं। हम मामले में आगे की जांच कर रहे हैं।"
केंद्र सरकार ने 38 साल से तय नहीं की वाहनों की अवधि केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 59 में मोटर वाहनों का जीवन काल तय करने के लिए केंद्र सरकार को अधिकृत किया गया है। जिसके अनुसार केंद्र सरकार किसी मोटर यान का जीवन काल निर्धारित कर सकेगी। जिसकी गणना उसके निर्माण की तारीख से की जाएगी। अधिनियम लागू किए 38 बरस बीत चुके हैं, लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने आज तक किसी भी प्रकार के वाहन की आयु निर्धारित नहीं की है।
अब स्क्रैप पॉलिसी लाए मगर उम्र तय नहीं की
केंद्र सरकार ने देश में कई माह पहले स्क्रैप पॉलिसी भी लागू की है, लेकिन इसमें भी वाहनों की आयु तय नहीं की गई। मंत्रालय ने जब पॉलिसी के नियम बनाए तो उसमें स्क्रैपिंग के पात्र माने गए वाहनों में उनकी आयु का आधार ही नहीं रखा गया। यही कारण है कि प्रदेश में स्क्रैपिंग सेंटर खोलने के लिए अभी तक एक भी आवेदन परिवहन विभाग के पास नहीं आया है। ट्रांसपोर्ट से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि जब सरकार ने वाहनों की उम्र ही तय नहीं की है तो स्क्रैप होने के लिए वाहन ही नहीं आएंगे।
एनजीटी या सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंद वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर व देश के कुछ राज्यों में कुछ चुनिंदा शहरों में ही 15 साल से अधिक पुराने वाहन चलाने पर पाबंदी है। प्रदेश की बात करें तो जयपुर समेत पांच शहरों में 15 साल से पुराने डीजल वाहन चलाने पर रोक है। शेष सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 15 साल से अधिक पुराने वाहन नवीनीकरण करवाकर चलाए जा सकते हैं।
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दिल्ली में वाहनों से वाले प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने बगैर वैध प्रदूषण के वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक जिन वाहनों के प्रमाण पत्र की मियाद खत्म होने के बाद नवीनीकरण ना करवाने वालों पर सख्ती की जा रही है। हालांकि इनमें लंबे समय से घरों, गैराज में रखे वाहनों को फिलहाल नोटिस नहीं भेजे जा रहे हैं।
फिलहाल दिल्ली में 13 लाख दोपहिया सहित 17 लाख से अधिक वाहन हैं। इनमें करीब तीन लाख कारें बगैर वैध पीयूसी के चल रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि करीब 14 लाख वाहन मालिकों को एसएमएस भेजकर उनसे पूछा है कि एक वैध पीयूसी प्राप्त करें और अगर समय पर मानकों को पूरा नहीं करते हैं तो जुर्माना या सजा हो सकती है। सर्दियों की शुरुआत होने पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए पहले ही वाहन चालकों को संदेश भेजकर हिदायत दी जा रही है।
मोटर वाहन अधिनियम (Motor vehicle act) के अनुसार, ड्राइविंग करते समय निश्चित चीजें पहननी चाहिए। नियमों के अनुसार, टू व्हीलर ड्राइव करते समय पूरी तरह से बंद जूते पहनना जरूरी है। कानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी तरह ड्राइविंग करने वाले को पैंट के साथ शर्ट या टी-शर्ट पहननी जरूरी है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती हो रही है। लिहाजा अब चप्पल या सैंडल पहनकर दोपहिया वाहन चलाने वालों का जुर्माना काटा जाना शुरू कर दिया गया है।
Traffic Rules in India: सरकार ट्रैफिक रूल के नियमों को लेकर सख्त रूख अपना रही है। ट्रैफिक के नियमों का नहीं पालन करने पर जुर्माना भी बढ़ गया है। आज हम आपको कुछ ऐसे ट्रैफिक नियमों के बारे में बात कर रहे हैं। जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं और अनजाने में उन्हें जुर्माना भरना पड़ता है। नियमों के मुताबिक, हवाई चप्पल पहनकर गियर वाला दोपहिया वाहन चलाना ट्रैफिक रूल के खिलाफ है।
मोटर वाहन अधिनियम (Motor vehicle act) के अनुसार, ड्राइविंग करते समय निश्चित चीजें पहननी चाहिए। नियमों के अनुसार, टू व्हीलर ड्राइव करते समय पूरी तरह से बंद जूते पहनना जरूरी है। कानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी तरह ड्राइविंग करने वाले को पैंट के साथ शर्ट या टी-शर्ट पहननी जरूरी है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती हो रही है। लिहाजा अब चप्पल या सैंडल पहनकर दोपहिया वाहन चलाने वालों का जुर्माना काटा जाना शुरू कर दिया गया है।
दो ड्राइविंग लाइसेंस रखना अपराध है
यदि किसी व्यक्ति के पास दो ड्राइविंग लाइसेंस पाए जाते हैं, तो उस व्यक्ति को जुर्माना भरना होगा। दो लाइसेंस पाया जाना अपराध की श्रेणी में आता है। लिहाजा चालान किया जा सकता है।
परिवहन विभाग चला रहा है अभियान
कोलकाता में हैं कुल 67 वैध मोटर ट्रेनिंग स्कूल
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पिछले कुछ वर्षों में महानगर में मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या कुकुरमुत्तों के छत्ते के समान फैल गयी है। हालांकि परिवहन विभाग इसकी गहराई में गया तो पता चला कि इनमें से कई मोटर ट्रेनिंग स्कूल फर्जी हैं। इन स्कूलों में ना तो कोई ऑफिस है, ना सही प्रशिक्षक और ना ही इनकी गाड़ियां ही सही ढंग की होती हैं। इस हालत में एक्सिडेंट होने तथा सही प्रशिक्षण नहीं मिलने की आशंका अधिक हो जाती है। कुछ मामलों में तो देखा गया है कि इन गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट भी फेल रहता है। पिछले परिवहन विभाग के पास शिकायत जाने के बाद राज्य के परिवहन विभाग की ओर से फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को लेकर अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान अभी तक 4 फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का पता चला है।
ड्राइविंग स्कूल खोलने के नियम
* परिवहन विभाग से लाइसेंस, प्रशिक्षण देने के लिए मोटर इंजीनियरिंग कर चुका प्रशिक्षक, वाहन सिखाने के लिए 5 साल कमर्शियल वाहन चला चुके अनुभवी चालक, खुद का एक वाहन हो।
* वाहन में दोहरे नियंत्रण की सुविधा हो, प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मॉडल संकेत, यातायात चिह्न, वाहन के सभी पार्ट्स के ब्योरे वाला चार्ट लगा हो।
* परिसर में आपातस्थिति के लिए उपचार पेटिका, परिसर में ट्रैफिक संकेतकों युक्त ट्रैक।
नियमों का नहीं होता है पालन
ड्राइविंग स्कूल शुरू करने के लिए आरटीओ कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस दौरान स्कूल में मौजूद टेक्निकल स्टाफ, व्हीकल और लर्निंग लोकेशन की जानकारी देनी होती है। विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर देखते हैं कि जिस जगह लोगों को कार चलाना सिखाया जाएगा वह पर्याप्त है या नहीं। इसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी की जाती है। यह सभी काम खत्म होने के बाद ही लाइसेंस दिया जाता है। स्कूल परिसर में लेक्चर के लिए भी पर्याप्त स्थान होना जरूरी है। इसके बाद भी शहर में कई स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं।
की जा रही गाड़ी जब्त, ट्रेनरों का लाइसेंस रद्द
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का पता चलने पर सबसे पहले परिवहन विभाग द्वारा गाड़ी जब्त की जा रही है। इसके बाद ट्रेनरों का लाइसेंस भी जब्त कर लिया जा रहा है। इन 3-4 महीने में ऐसे 4 ट्रेनिंग स्कूलों का पता चला है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। ऐसे में इनकी गाड़ियों को जब्त करने के साथ ही ट्रेनरों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द कर दिये गये हैं।
सभी आरटीओ को किया गया अलर्ट
परिवहन विभाग की ओर से सभी आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) को भी अलर्ट किया गया है। उनसे कहा गया है कि अपने – अपने इलाकों में जाकर देखें कि कहीं कोई फर्जी मोटर ट्रेनिंग स्कूल ना चल रहा हो। इसके लिए एक टीम भी परिवहन विभाग द्वारा बनायी गयी है।
इस तरह पकड़े गये फर्जी स्कूल
परिवहन विभाग की टीम ने रैंडम चेकिंग के दौरान अलग-अलग इलाकों से फर्जी मोटर ट्रेनिंग दिला रहे ट्रेनरों को पकड़ा। असल में इनका काेई स्कूल नहीं है, नकली नाम से ये ड्राइविंग की ट्रेनिंग देते थे। रैंडम चेकिंग के दौरान इन स्कूलों के बारे में पता चला।
यमुनानगरएक दिन पहले
जिला परिवहन अधिकारी डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान वाहन चालक वाहनों को चलाते वक्त सावधानी बरतें। भीड़ में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्हाेंने स्कूल बस चालक, सहकारी परिवहन समितियां, राज्य परिवहन की बसें, माल वाहन वाहन, ट्रांसपोर्ट एवं नॉन ट्रांसपोर्ट चालकों को निर्देश दिए कि 27 जुलाई तक कांवड़ यात्रा चलेगी। कांवड़िए कांवड़ हरिद्वार से जल लेकर अपने गंतव्य की ओर जाते हैं, जिस कारण सड़कों पर पैदल यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा हो जाती है।
इससे दुर्घटना का भय बना रहता है। सभी वाहन चालकों को निर्देश दिए जाते हैं कि सड़क का प्रयोग कर रहे पैदल यात्रियों, कांवड़ियों का विशेष ध्यान रखें। यातायात नियमों का पालन करें। अपने वाहन को धीरे एवं सावधानीपूर्वक चलाएं। यातायात नियमों का पालन न करने एवं लापरवाही से वाहन चलाने वालों के चालकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आप अपना मोबाइल, टेबलेट या लैपटॉप को खुद या किसी मिस्त्री से ठीक कराते हैं, तो इससे आपकी वारंटी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार कृषि उपकरण,मोबाइल, टैबलेट, उपभोक्ता वस्तुएं और ऑटोमोबाइल उत्पादों की स्थाई खपत विकसित करने के लिए मरम्मत का अधिकार का ढांचा तैयार कर रही है। इसका मकसद उपकरण के निर्मार्ताओ, विक्रेताओं और तीसरे पक्ष के खरीदारों के बीच व्यापार में सामंजस्य बनाकर स्थानीय बाजार में उपभोक्ताओं को सशक्त और ई कचरे में कमी लाना है।
मरम्मत के अधिकार पर व्यापक ढांचा विकसित करने के लिए सरकार ने एक समिति का भी गठन किया है। उपभोक्ता मंत्रालय में अपर सचिव निधि खरे की अध्यक्षता वाली इस समिति की 13 जुलाई यानी बुधवार को पहली बैठक हुई। इस बैठक में समिति ने मरम्मत के अधिकार के लिए कई क्षेत्रों की पहचान की है। इनमें खेती उपकरण, मोबाइल फोन, टेबलेट, उपभोक्ता सामान और मोटर वाहन उपकरणों में सुधार करने और उन्हें दुरुस्त करने का अधिकार के तहत चिन्हित किया गया है। समिति का मानना है कि उपभोक्ता कंपनियां उत्पादों की जानकारी देने वाली पुस्तिकाओं का प्रकाशन नहीं करती। जबकि, इन पुस्तिकाओं के जरिए उपभोक्ता आसानी से अपने उपकरण की मरम्मत कर सकता है।
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इसके साथ निर्माताओं का फुटकर पुर्जों पर भी नियंत्रण रहता है। इन पुर्जो का डिजाइन भी निर्माता कंपनियां करती है। मसलन, डिजिटल वारंटी कार्ड में यह लिखा होता है कि अगर उपभोक्ता ने किसी गैर मान्यता प्राप्त मिस्त्री से उपकरण ठीक करवाया तो उपभोक्ता वारंटी का हक खो देगा। इसके साथ यह जरुरत महसूस की गई टेक-कंपनियों को उत्पादों के मैनुअल, पुस्तिकाओं और सॉफ्टवेयर अपडेट की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।
निदान सम्बंधी यंत्रों सहित उपकरणों और यंत्रों को तीसरे पक्ष तथा लोगों को उपलब्ध कराया जाना चाहिये, ताकि मामूली गड़बड़ियों को ठीक किया जा सके। दरअसल, अमेरिका,यूके और यूरोपीय संघ में उपभोक्ता को मरम्मत का अधिकार है। अमेरिका में निर्माताओं को निर्देश दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करे के लिए उपभोक्ता चाहे तो खुद मरम्मत का काम कर ले या किसी तीसरे पक्ष की एजेंसी से काम कराए। यूके ने बाकायदा एक कानून पारित किया है, जिसमें सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्माताओं को शामिल किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को पुर्जे मिल सकें और वह या तो स्वयं अथवा मरम्मत करने की स्थानीय दुकानों से मरम्मत का काम करवा सकें। ऑस्ट्रेलिया में रिपेयर कैफे की एक विशेष प्रणाली है। इन कैफे में स्वयंसेवी मिस्त्री एकत्र होते हैं और अपनी मरम्मत का कौशल दिखाते हैं।
76 फीसदी लोग कंपनी से मरम्मत नहीं करवाते
लोकल सर्कल के एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि एयर कंडीशन उपयोग करने वाले 76% उपभोक्ता अधिक कीमत, जटिल संपर्क प्रक्रिया और इसमें लगने वाले समय के कारण इसके निर्माता/कंपनी से मरम्मत नहीं करवाते हैं। इस दौरान 42,000 से अधिक लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं। सर्वे के मुताबिक 65% लोग उच्च लागत के कारण निर्माता/कंपनी से एयर कंडीशनर की सर्विस नहीं कराते हैं। वहीं 36% लोग जटिल संपर्क प्रक्रिया की वजह से दूरी बनाते हैं। जबकि 32% लोग ज्यादा समय लगने की वजह से बाहर से मरम्मत कराते हैं।
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के इस शख्स ने अपनी कार के रजिस्ट्रेशन नंबर 4141 को बदलकर ऐसा करवा दिया था कि वह देखने में 'पापा' शब्द जैसा लग रहा था। दरअसल पुलिस को इसकी शिकायत एक ट्विटर हैंडल से मिली, जिसके बाद पुलिस ने कार का नंबर ट्रैक किया और कार मालिक का पता लगाया।
कार के नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस ने कार मालिक पर जुर्माना लगाया उसके बाद नंबर प्लेट को भी ठीक करवाया। उत्तराखंड पुलिस ने कार के उस नंबर प्लेट की तस्वीर भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें पहले और बाद के नंबर प्लेट को दिखाया गया है।
अपने ट्विटर हैंडल पर फोटो साझा करते हुए, उत्तराखंड पुलिस ने लिखा, "पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, गाड़ी की प्लेट पर पापा लिखेगा, मगर ये तो कोई ना जाने, की ऐसी थाली पर होता है चालान (पापा कहते हैं कि मेरा बेटा प्रसिद्ध होगा, वह नंबर प्लेट पर 'पापा' लिखवाएगा, लेकिन कोई नहीं जानता कि ऐसी प्लेटों पर जुर्माना लगाया जाता है।"
विभाग ने बताया कि, "एक ट्वीट के माध्यम से शिकायत प्राप्त करने के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने वाहन मालिक को यातायात कार्यालय में बुलाया, नंबर प्लेट बदल दी, और मालिक पर जुर्माना लगाया।"
पुलिस विभाग द्वारा साझा की गई तस्वीर को नेटिजन्स से काफी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। लोग ट्वीट पर मजाकिया प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, साथ ही इस तरह की और नंबर प्लेट की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं जिनपर तरह-तरह की बातें लिखी हुई हैं। एक यूजर ने सुझाव दिया, "शहर में ऐसे नंबर प्लेट के साथ कई वाहन चल रहे हैं। भविष्य में इन चीजों को रोकने के लिए सक्रिय उपाय किए जाने चाहिए।"
आपको बता दें कि मोटर वाहन कानून में वाहनों के नंबर प्लेट को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं। नियमों के तहत, नंबर प्लेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना या तय किये गए लिखावट को बदलना अपराध की श्रेणी में आता है।
दोपहिया और हल्के मोटर वाहनों जैसे कार और जीप के लिए सफेद रंग के प्लेट पर काले रंग में नंबर लिखा होना चाहिए। वहीं वाणिज्यिक वाहनों की लाइसेंस प्लेट पर पीले रंग के प्लेट पर काळा रंग में नंबर लिखवाना अनिवार्य है। नंबर प्लेट पर फैंसी लेटरिंग, चित्र और कला की अनुमति नहीं है।
मोटर वाहन अधिनियम लाइसेंस प्लेटों के आकार की भी जानकारी देता है। दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 200x100 मिमी, हल्के मोटर वाहनों/यात्री कारों के लिए 340x200 मिमी और मध्यम/ भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए 500x120 मिमी के नंबर प्लेट को मान्यता दी गई है।
New Traffic Rules: यदि आप यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो नए यातायात नियमों के मुताबिक, आपकी स्कूटी का भी 23, 000 रुपये का चालान काटा जा सकता है. ड्राइविंग लाइसेंस के बिना स्कूटी चलाने के लिए – 5000 रुपये जुर्माना, बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) के ड्राइविंग के लिए – 5,000 चालान, बीमा के बिना – 2,000 चालान, वायु प्रदूषण मानक तोड़ने के लिए – 10, 000 रुपये का जुर्माना और बिना हेलमेट के ड्राइविंग के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. इस तरह से इन कागजातों के अभाव में अगर आप स्कूटी चलाते हैं तो कुल 23,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.Also Read - Delhi-NCR में 16 लेन का भारत का पहला अर्बन वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेसवे, एफिल टावर से 30 गुना स्टील लगेगा
यहां पर एक मामले का जिक्र करना जरूरी हो जाता है. ताकि आप इसको हल्के में न लें. आज के तीन साल पहले सितंबर 2019 में जब नए ट्रैफिक नियम लागू किए गए थे. उस समय नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दिनेश मदान का 23, 000 रुपये का चालान काटा गया था. इस पूरे मामले पर उनका कहना था कि उन्होंने अपने घर से गाड़ी के कागजात मांगे थे, लेकिन तब तक हरियाणा ट्रैफिक पुलिस ने उनका चालान काट दिया. दिनेश मदान का कहना है कि इस समय उनके स्कूटर (स्कूटी) की कुल कीमत 15, 000 रुपये थी. इसलिए ट्रैफिक नियमों का पालन करें, नहीं तो आपके साथ भी ऐसा हो सकता है. Also Read - क्या भारत में 5 साल में बंद हो जाएगा पेट्रोल? जानें क्या है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा बयान
गाड़ी चलाते समय आप फोन पर बात कर सकते हैं. जी हां, ट्रैफिक नियमों के मुताबिक ऐसा करने पर कोई भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपका चालान नहीं काट सकता. अगर वह ऐसा करते हैं तो आप इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. दरअसल, नियमों के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर गाड़ी चलाते समय हैंड्सफ्री कम्युनिकेशन फीचर का इस्तेमाल कर अपने फोन पर बात करता है तो इसे दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा. इसके लिए चालक को कोई जुर्माना नहीं देना होगा. यह जानकारी खुद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने लोकसभा में दी. Also Read - आपकी गाड़ी के सभी कागजात सही होने पर भी अब कट सकता है 2000 रुपये का चालान, जानिए - क्या हैं नए ट्रैफिक नियम
लोकसभा में हिबी ईडन ने पूछा था कि क्या मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 184 (सी) के तहत मोटर वाहनों में हैंड्सफ्री संचार सुविधा के उपयोग के लिए दंड का कोई प्रावधान है.
इस प्रश्न के उत्तर में, संघ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 184 (सी) मोटर वाहन चलाते समय हाथ से चलने वाले संचार उपकरणों के उपयोग के लिए दंड का प्रावधान करती है. उन्होंने कहा कि वाहन में हैंड्सफ्री संचार उपकरणों के उपयोग पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है.
नए ट्रैफिक नियमों के मुताबिक अगर आपके पास गाड़ी के सारे कागजात हैं तो भी आपका 2000 रुपये का चालान काटा जा सकता है. ऐसा कैसे हो सकता है, आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर आप किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ गाड़ी की कागजी कार्रवाई की जांच करते समय या किसी भी तरह से दुर्व्यवहार करते हैं तो नियम 179 एमवीए के अनुसार उसे आपका 2000 का चालान काटने का अधिकार है.
कई बार देखा गया है कि हम किसी बात को लेकर पुलिस वाले से बहस शुरू कर देते हैं और वह बात इतनी बढ़ जाती है कि बदसलूकी में बदल जाती है. ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार न करें और अगर पुलिसकर्मी आपके साथ दुर्व्यवहार करता है तो आपके पास शिकायत करने और मामले को अदालत में ले जाने का विकल्प होता है.
New Traffic Rules: यदि आप यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो नए यातायात नियमों के मुताबिक, आपकी स्कूटी का भी 23, 000 रुपये का चालान काटा जा सकता है. ड्राइविंग लाइसेंस के बिना स्कूटी चलाने के लिए – 5000 रुपये जुर्माना, बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) के ड्राइविंग के लिए – 5,000 चालान, बीमा के बिना – 2,000 चालान, वायु प्रदूषण मानक तोड़ने के लिए – 10, 000 रुपये का जुर्माना और बिना हेलमेट के ड्राइविंग के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. इस तरह से इन कागजातों के अभाव में अगर आप स्कूटी चलाते हैं तो कुल 23,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.Also Read - Gurgaon Sohna National Highway: सोहना एलिवेटेड हाईवे से अब फर्राटा भरेंगी गाड़ियां, दिल्ली से मुंबई जाना भी होगा आसान, जानिए कैसे..
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गाड़ी चलाते समय आप फोन पर बात कर सकते हैं. जी हां, ट्रैफिक नियमों के मुताबिक ऐसा करने पर कोई भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपका चालान नहीं काट सकता. अगर वह ऐसा करते हैं तो आप इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. दरअसल, नियमों के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर गाड़ी चलाते समय हैंड्सफ्री कम्युनिकेशन फीचर का इस्तेमाल कर अपने फोन पर बात करता है तो इसे दंडनीय अपराध नहीं माना जाएगा. इसके लिए चालक को कोई जुर्माना नहीं देना होगा. यह जानकारी खुद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने लोकसभा में दी. Also Read - क्या भारत में 5 साल में बंद हो जाएगा पेट्रोल? जानें क्या है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा बयान
लोकसभा में हिबी ईडन ने पूछा था कि क्या मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 184 (सी) के तहत मोटर वाहनों में हैंड्सफ्री संचार सुविधा के उपयोग के लिए दंड का कोई प्रावधान है.
इस प्रश्न के उत्तर में, संघ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 184 (सी) मोटर वाहन चलाते समय हाथ से चलने वाले संचार उपकरणों के उपयोग के लिए दंड का प्रावधान करती है. उन्होंने कहा कि वाहन में हैंड्सफ्री संचार उपकरणों के उपयोग पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है.
नए ट्रैफिक नियमों के मुताबिक अगर आपके पास गाड़ी के सारे कागजात हैं तो भी आपका 2000 रुपये का चालान काटा जा सकता है. ऐसा कैसे हो सकता है, आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर आप किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ गाड़ी की कागजी कार्रवाई की जांच करते समय या किसी भी तरह से दुर्व्यवहार करते हैं तो नियम 179 एमवीए के अनुसार उसे आपका 2000 का चालान काटने का अधिकार है.
कई बार देखा गया है कि हम किसी बात को लेकर पुलिस वाले से बहस शुरू कर देते हैं और वह बात इतनी बढ़ जाती है कि बदसलूकी में बदल जाती है. ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार न करें और अगर पुलिसकर्मी आपके साथ दुर्व्यवहार करता है तो आपके पास शिकायत करने और मामले को अदालत में ले जाने का विकल्प होता है.
गाड़ी के सारे पेपर्स आपके पास होने पर भी 2,000 रुपये का चालान ट्रैफिक पुलिस कर सकती है (Image Credit: BCCL) 
मुख्य बातें
New Traffic Rules: ट्रैफिक के नियमों में लगातार बदलाव होते रहते हैं और कई सारे ऐसे नियम बना दिए जाते हैं जिनकी जानकारी अमूमन लोगों को नहीं होती. कुछ समय पहले ही लागू हुए एक नियम के अनुसार गाड़ी के सारे पेपर्स आपके पास होने पर भी 2,000 रुपये का चालान ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) कर सकती है. इसकी वजह है नया मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act), यहां भले ही आप हेलमेट पहने हों, सारे नियम फॉलो किर रहे हैं और पुलिस जांच के समय अगर आप ट्रैफिक पुलिस से बदतमीजी करते हैं तो 2,000 रुपये चालान काटने का अधिकार उन्हें दिया गया है.
आज के दौर में हर जगह ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जहां जांच के समय वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस से दुर्व्यवहार करते नजर आते हैं. कई बार बातचीत बहस में बदल जाती है और इसके उग्र हो जाने पर कभी-कभी पुलिस और वाहन चालकों के बीच मार-पीट की नौबत भी आ जाती है. ऐसे में मोटर व्हीकल एक्स की धारा 179 के अनुसार ट्रैफिक पुलिस दुर्व्यवहार के चलते वाहन चालक पर 2,000 रुपये का चालान कर सकती है. इसके अलावा अगर पुलिस आपके साथ बदतमीजी करे तो आप कोर्ट की मदद ले सकते हैं.
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दो-पहिया वाहन चालकों को सिर्फ तब ही पुलिस नहीं रोकती जब वो हेलमेट नहीं पहने होते, हेलमेट पहने हुए हैं तब भी ट्रैफिक पुलिस 2,000 रुपये का चालान काट सकती है. मोटर व्हीकल एक्ट 194डी के हिसाब से अगर हेलमेट की स्ट्रिप आपने लॉक नहीं की है तो 1,000 रुपये का चालान कटेगा, इसके अलावा अगर बिना आईएसआई मार्क वाला हेलमेट पहले वाहन चला रहे हैं तो भी आप 1,000 रुपये के चालान के हकदार होंगे. ऐसे में बेहतर है कि आप पूरी तरह सुरक्षित यात्रा करें तो जितना संभव हो उतनी सभ्यता ट्रैफिक पुलिस के सामने दिखाएं.
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...