Rechercher dans ce blog

Sunday, October 31, 2021

ओडिशा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए करों और पंजीकरण शुल्क में पूरी छूट देने की घोषणा की - Navbharat Times

हरियाणा: 25 हजार चालकों को भारी वाहन लाइसेंस का रास्ता साफ, 31 मार्च तक पूरा होगा बैकलॉग, 23 जगह मिलेगा प्रशिक्षण - अमर उजाला - Amar Ujala

यशपाल शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Sun, 31 Oct 2021 02:30 PM IST

सार

परिवहन विभाग ने भारी वाहन लाइसेंस के लिए चार साल पहले ही प्रशिक्षण अनिवार्य किया। पहले तीन जगह- सोनीपत, कैथल व करनाल में ही प्रशिक्षण केंद्र थे, अब 23 जगह हैं। कैथल में रोडवेज डिपो के अलावा निजी संस्थान में भी प्रशिक्षण दिया जाता है।

ख़बर सुनें

विस्तार

हरियाणा के 25 हजार चालकों को भारी वाहन लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ हो गया है। परिवहन विभाग ने सभी आवेदकों को 31 मार्च तक लाइसेंस देने का लक्ष्य रखा है। विभाग ने इसके लिए हरियाणा कौशल विकास निगम से हाथ मिलाया है। इन वाहन चालकों को रोडवेज के 22 डिपो व एक निजी संस्थान में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विज्ञापन

परिवहन विभाग के पास काफी समय से यह बैकलॉग चला आ रहा था, जिसे नई प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने खत्म करने का निर्णय लिया है। आवेदकों को प्रशिक्षण व प्रमाण पत्र अब कौशल विकास निगम देगा। बिना प्रशिक्षण के इसे अब हासिल नहीं कर पाएंगे। प्रशिक्षण पास करने वालों को ही निगम की ओर से भारी वाहन लाइसेंस के लिए फिट होने का प्रमाण पत्र मिलेगा। अभी तक रोडवेज डिपो व निजी संस्थान में जुगाड़ फिट कर भी प्रशिक्षण सर्टिफिकेट बनवा लिया जाता था।

प्रशिक्षण स्थल आवंटित 
कला रामचंद्रन ने विभाग की कमान संभालने के बाद कौशल विकास निगम के मिशन निदेशक डॉ. अनंत प्रकाश पांडेय को चिट्ठी लिखकर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सहयोग मांगा, जिस पर उन्होंने हामी भर दी। अब परिवहन विभाग की तरफ से 22 जिलों में 23 जगह प्रशिक्षण के लिए वाहन व प्रशिक्षक मुहैया कराए जाएंगे। 25 हजार आवेदकों को 23 जगह प्रशिक्षण स्थल आवंटित कर दिए गए हैं।

Adblock test (Why?)


हरियाणा: 25 हजार चालकों को भारी वाहन लाइसेंस का रास्ता साफ, 31 मार्च तक पूरा होगा बैकलॉग, 23 जगह मिलेगा प्रशिक्षण - अमर उजाला - Amar Ujala
Read More

India Post Recruitment 2021: मोटर वाहन मैकेनिक और अन्य पदों के लिए निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई - Republic Bharat

India Post Recruitment 2021: इंडिया पोस्ट (India Post) मोटर व्हीकल मैकेनिक, मोटर व्हीकल इलेक्ट्रीशियन, टायरमैन और अन्य पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती कर रहा है। इच्छुक उम्मीदवार  इन पदों के लिए इंडिया पोस्ट- indiapost.gov.in के आधिकारिक पेज पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती कुल 17 पदों को भरेगा और पदों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर, 2021 है।

उम्मीदवारों को बता दें कि पूरी जानकारी के बिना आवेदन पत्र अमान्य माने जाएंगे। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से प्रतियोगी ट्रेड टेस्ट (सीटीटी) में उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर आधारित होगी। आवेदन करने से पहले, उम्मीदवार पात्रता मानदंड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यान से पढ़ लें। 

इंडिया पोस्ट भर्ती के लिए आवेदन 
इंडिया पोस्ट द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिस के अनुसार, उम्मीदवारों को आवेदन पत्र भरने के बाद इसे "सीनियर मैनेजर, मेल मोटर सर्विस, सी-121, नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया फेज I, नारायणा, नई दिल्ली -110028" पर भेजना होगा। आवेदन के साथ, उम्मीदवारों को आयु प्रमाण, शैक्षिक योग्यता, तकनीकी योग्यता, फोटो आईडी, चयनित ट्रेड का अनुभव प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज संलग्न कर भेजना होगा। इसके अलावा एड्रेस प्रूफ, एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट भी जरूरी हैं।
 
इंडिया पोस्ट भर्ती 2021 के लिए आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें

इंडिया पोस्ट भर्ती  के लिए आवेदन कैसे करें

  • चरण 1: आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • चरण 2: अब, होमपेज पर ट्रेड चुनें और आवेदन पत्र को पूरा करें।
  • चरण 3: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  • चरण 4: इसके बाद सबमिट करें।
  • चरण 5: आवेदन पत्र जांच लें और भविष्य के लिए इसका एक प्रिंट आउट भी निकाल कर रख लें

पात्रता मानदंड 

  • उम्मीदवारों का आठवीं पास होना जरूरी है। 
  • सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी तकनीकी संस्थान से संबंधित ट्रेड में सर्टिफिकेट होना आवश्यक है।
  • 18 से 30 वर्ष की आयु के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र हैं।

रिक्तियों का विवरण

  • Motor Vehicle Mechanic, Skilled- 6
  •  Motor Vehicle Electrician, Skilled-2
  • Tyreman, Skilled-3
  • Painter, Skilled-2
  • Fitter, Skilled-2
  • Copper & Tin Smith, Skilled-1
  • Upholster, Skilled-1 

यह भी पढ़ें- आज दूसरे दिन G20 सत्र में भाग लेंगे पीएम मोदी; स्पेन के प्रधानमंत्री और एंजेला मर्केल से भी मिलने की संभावना

यह भी पढ़ें- National Unity Day: ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर आयोजित परेड कार्यक्रम में भारतीय हॉकी टीम और अन्य एथलीट ने लिया हिस्सा

यह भी पढ़ें- PM मोदी ने WHO से भारतीय टीकों को जल्द मंजूरी देने का किया आग्रह, G20 शिखर सम्मेलन में 15% कॉर्पोरेट टैक्स का किया समर्थन

Adblock test (Why?)


India Post Recruitment 2021: मोटर वाहन मैकेनिक और अन्य पदों के लिए निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई - Republic Bharat
Read More

Saturday, October 30, 2021

IMPORTANT NEWS for Commuters ; A child up to 4 years of age will have to wear a helmet on a motorcycle in Delhi and NCR common man issues - दैनिक जागरण

नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली-एनसीआर में समेत समूचे देशभर के लोग अगर बच्चे के साथ दुपहिया वाहनों पर सफर करते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि मोटर साइकिल पर अब 9 माह से ऊपर की आयु के बच्चे को हेलमेट पहनना होगा। इतना ही नहीं 9 माह से चार साल तक के बच्चे को हेलमेट के साथ मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति को बच्चे को अपने साथ रखने के लिए अपने और बच्चे के बीच बेल्ट भी लगाकर रखनी होगी।

इतना ही नहीं, बच्चे का हेलमेट भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार पहनना होगा। इसके अनुसार हेलमेट ऐसा होना चाहिए जो बच्चे के सिर पर ठीक से फिट बैठता हो। इसके अलावा जब चार साल तक की उम्र का बच्चा मोटर साइकिल पर बैठा हो तब मोटर साइकिल की गति सीमा भी 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस या उपयुक्त संस्था चालान भी कर सकती है।

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा 129 को संशोधित कर दिया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विभिन्न रोड सेफ्टी संगठनों के सुझावों पर मोटर वाहन अधिनियम में यह संशोधन मसौदा स्वीकार करते हुए इस बाबत संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रोड सेफ्टी आरगेनाइजेशन के उपप्रधान एसके शर्मा का कहना है कि बच्चे की सुरक्षा के लिए यह प्रविधान जरूरी हैं।

बच्चा हो सवार तो 40 किलोमीटर से ज्यादा न हो गति

इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दुपहिया वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर एक ओर प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके तहत अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि 9 महीने से लेकर 4 साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। यही नहीं, चार साल से कम उम्र के बच्चे को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा। सेफ्टी हार्नेस की मदद से बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।

Edited By: Jp Yadav

नई दिल्ली में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे

डाउनलोड करें हमारी नई एप और पायें अपने शहर से जुड़ी हर जरुरी खबर!

Adblock test (Why?)


IMPORTANT NEWS for Commuters ; A child up to 4 years of age will have to wear a helmet on a motorcycle in Delhi and NCR common man issues - दैनिक जागरण
Read More

क्या बीमा कंपनियां मोटर दुर्घटना पीड़ितों के तत्काल उपचार का खर्च उठा सकती हैं? केरल हाईकोर्ट जांच करेगा - Live Law Hindi

Top
Begin typing your search above and press return to search.

Adblock test (Why?)


क्या बीमा कंपनियां मोटर दुर्घटना पीड़ितों के तत्काल उपचार का खर्च उठा सकती हैं? केरल हाईकोर्ट जांच करेगा - Live Law Hindi
Read More

Friday, October 29, 2021

MV Act के तहत सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा- दामाद के साथ रहने वाली सास मुआवजे की हकदार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

 नई दिल्ली, एएनआइ। मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मोटर वाहन अधिनियम के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका के तहत मुआवजे की हकदार है। न्यायमूर्ति एसए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में उनके रखरखाव के लिए अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और अपने दामाद पर निर्भर रहना कोई असामान्य बात नहीं है। पीठ ने कहा कि खंडपीठ ने कहा, 'यहां सास मृतक की कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो सकती है, लेकिन वह उसकी मृत्यु के कारण निश्चित रूप से पीड़िता है। इसलिए, हमें यह मानने में कोई संकोच नहीं है कि वह मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका को जारी रखने की हकदार है।

केरल हाईकोर्ट के आदेश को दी गई थी चुनौती

न्यायालय ने यह टिप्पणी 2011 की एक मोटर वाहन दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्‍‌नी द्वारा दायर उस अपील पर की, जिसमें केरल हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मृतक की कानूनी प्रतिनिधि नहीं है। हाई कोर्ट ने मुआवजे की राशि भी कम कर दी थी।मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ताओं को मुआवजे के रूप में 74,50,971 रुपये देने का आदेश दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे घटाकर 48,39,728 रुपये कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा राशि बढ़ाकर 85,81,815 रुपये कर दिया और दावा याचिका दाखिल किए जाने के दिन से 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से आठ दिन के भीतर भुगतान करने को कहा।

मुआवजे का निर्धारण नहीं हो सकता सटीक

शीर्ष अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान 'न्यायसंगत और उचित मुआवजे' की अवधारणा को सर्वोपरि महत्व देते हैं। यह एक लाभकारी कानून है, जिसे पीड़ितों या उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। एमवी अधिनियम की धारा 168 'न्यायसंगत मुआवजे' की अवधारणा से संबंधित है, जिसे निष्पक्षता, तर्कसंगतता और समानता की नींव पर निर्धारित किया जाना चाहिए। हालांकि इस तरह का निर्धारण कभी भी अंकगणितीय रूप से सटीक या सही नहीं हो सकते हैं। अदालत द्वारा आवेदक द्वारा दावा की गई राशि के बावजूद न्यायसंगत और उचित मुआवजा देने का प्रयास किया जाना चाहिए।

कानूनी प्रतिनिधि की होनी चाहिए व्यापक व्याख्या

शीर्ष अदालत ने कहा कि एमवी अधिनियम 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द को परिभाषित नहीं करता है। आम तौर पर 'कानूनी प्रतिनिधि' का अर्थ उस व्यक्ति से होता है जो कानूनी तौर पर मृत व्यक्ति की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें कोई भी व्यक्ति शामिल होता है, जिसमें क्षतिपूरक लाभ प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होता है। पीठ ने आगे कहा कि एक 'कानूनी प्रतिनिधि' में कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है, जो मृतक की संपत्ति में हस्तक्षेप करता है। ऐसे व्यक्ति का कानूनी उत्तराधिकारी होना जरूरी नहीं है। कानूनी उत्तराधिकारी वे व्यक्ति होते हैं जो मृतक की जीवित संपत्ति को विरासत में पाने के हकदार होते हैं। ऐसे में एक कानूनी उत्तराधिकारी कानूनी प्रतिनिधि भी हो सकता है।

मोटर वाहन अधिनियम हितकारी कानून

शीर्ष अदालत ने कहा, 'हमारे विचार में मोटर वाहन अधिनियम के अध्याय-12 के उद्देश्य की पूर्ति के लिए 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द की व्यापक व्याख्या की जानी चाहिए थी और इसे केवल मृतक के पति या पत्‍‌नी, माता-पिता और बच्चों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए। जैसा कि ऊपर देखा गया है, मोटर वाहन अधिनियम पीड़ितों या उनके परिवारों को मौद्रिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया हितकारी कानून है।' 

सुप्रीम ने किया मुआवजे का निर्धारण

शीर्ष अदालत ने कहा कि दुर्घटना के समय मृतक की उम्र 52 वर्ष थी। वह सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था और 83,831 रुपये मासिक वेतन प्राप्त कर रहा था। पीठ ने कहा कि आय की गणना के समय अदालत को मृतक की वास्तविक आय पर विचार करना होगा और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुआवजे को बढ़ाकर 85,81,815 रुपये करना चाहिए।

Adblock test (Why?)


MV Act के तहत सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा- दामाद के साथ रहने वाली सास मुआवजे की हकदार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

बच्चे को बाइक पर बैठाना पड़ सकता है भारी, देना पड़ सकता है मोटा चालान - News Nation

बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए वाहन चालक से बच्चे को जोड़ने के लिए एक तरह की बेल्ट (हार्नेस) भी लगानी जरूरी होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक हार्नेस का वजन हल्का, एडजस्टेबल, वाटरप्रूफ और ड्यूरेबल होना चाहिए.

News Nation Bureau | Edited By : Dhirendra Kumar | Updated on: 29 Oct 2021, 09:09:28 AM
Traffic Rules

Traffic Rules (Photo Credit: NewsNation)

highlights

  • सरकार ने CMVR 1989 को संशोधित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया
  • ओवरलोडिंग के नियम का उल्लंघन करने पर 1 हजार रुपये का चालान कट सकता है

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने 4 साल से कम उम्र के बच्चों को बाइक या फिर किसी अन्य दोपहिया वाहन पर ले जाने के लिए नए नियम को बना दिए हैं. अगर सिर्फ बच्चे के साथ भी बाइक या फिर स्कूटर से कहीं जा रहे हैं तो भी आपका चालान कट सकता है. नए मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अगर बच्चे की उम्र चार साल से कम है और आपने बच्चे को हेलमेट नहीं पहनाया हुआ है तो आपको चालान भरना पड़ सकता है. दोपहिया वाहन चालक को पीछे बैठने वाले 9 महीने से 4 साल तक के बच्चे को क्रैश हैलमेट पहनाना होगा. ऐसे में लोगों को इन नियमों का ध्यान रखने की जरूरत है. इसके अलावा उस दोपहिया वाहन की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 

यह भी पढ़ें: रेल यात्री कृपया ध्यान दें, उत्तर रेलवे चलाने जा रहा है फेस्टिव स्पेशल ट्रेनें, देखें लिस्ट

जानकारी के मुताबिक बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए वाहन चालक से बच्चे को जोड़ने के लिए एक तरह की बेल्ट (सेफ्टी हार्नेस) भी लगानी जरूरी होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक हार्नेस का वजन हल्का, एडजस्टेबल, वाटरप्रूफ और ड्यूरेबल होना चाहिए. हार्नेस का वजन 30 किलोग्राम होने के साथ ही यह हैवी नाइलोन, मल्टीफिलामेंट नायलोन मैटीरियल वाला, हाई डेंसिटी फोम वाला होना चाहिए. सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (CMVR) 1989 को संशोधित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है.    

बता दें कि अभी तक नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत अगर दोपहिया वाहन पर चार वर्ष तक की उम्र का बच्चा सवार है तो उसे तीसरी सवारी के रूप में माना जाता है. चूंकि दोपहिया वाहन पर सिर्फ दो लोगों के ही बैठने का नियम है और अगर आप चार साल की उम्र से अधिक के बच्चे को बैठाते हैं तो आपको मोटा चालान भरना पड़ सकता है. मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) की धारा 194A के मुताबिक ओवरलोडिंग के नियम का उल्लंघन करने पर 1 हजार रुपये का चालान कट सकता है.

बच्चे की उम्र चार साल से ज्यादा होने और हेलमेट नहीं पहनने पर भरना पड़ सकता है चालान
अभी नए मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अगर बच्चे की उम्र चार साल से ज्यादा है और आपने बच्चे को हेलमेट नहीं पहनाया हुआ है तो भी आपको 1 हजार रुपये का चालान भरना पड़ सकता है. ऐसे में लोगों को इन नियमों का ध्यान रखने की जरूरत है. वहीं मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के तहत अगर कोई व्यक्ति बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है तो उसका 5 हजार रुपये का चालान कट सकता है.

संबंधित लेख

First Published : 29 Oct 2021, 09:09:28 AM

For all the Latest Utilities News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.

Adblock test (Why?)


बच्चे को बाइक पर बैठाना पड़ सकता है भारी, देना पड़ सकता है मोटा चालान - News Nation
Read More

कोरोना काल ने किया कबाड़: छह महीने में 800 कामर्शियल वाहनों के पंजीकरण निरस्त कराए - अमर उजाला

सार

कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से ट्रक लंबे समय तक खड़े रहे। इससे उनमें खराबी आ गई। उन्हें बनवाने से अच्छा सरेंडर करना ही उचित लगा। इसी महीने वाहन सरेंडर करने वाले कुछ मोटर मालिक तो डीजल के बढ़े दामों की वजह से भी पीछे हट गए।

ख़बर सुनें

विस्तार

कोरोना काल के दौरान मची तबाही का असर मोटर मालिकों पर भी पड़ा। पिछले छह महीने में 800 कामर्शियल वाहनों के पंजीयन निरस्त कराए गए हैं। मतलब इन लोगों ने वाहन चलवा पाने से हाथ खड़े कर दिए। ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतने कम समय में इतने ज्यादा कामर्शियल वाहनों के पंजीयन निरस्त कराए गए हों।
विज्ञापन

मोटर मालिकों का कहना है कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से ट्रक लंबे समय तक खड़े रहे। इससे उनमें खराबी आ गई। उन्हें बनवाने से अच्छा सरेंडर करना ही उचित लगा। इसी महीने वाहन सरेंडर करने वाले कुछ मोटर मालिक तो डीजल के बढ़े दामों की वजह से भी पीछे हट गए।

सामान्य तौर पर किसी भी कामर्शियल वाहन को उनकी पहली पंजीकरण अवधि 15 साल बीत जाने के बाद ही मोटर मालिक पंजीकरण निरस्त कराते थे। क्योंकि 15 साल पुराने कामर्शियल वाहनों का दोबारा पंजीकरण कराना नुकसान का सौदा होता है। इसमें खर्च बहुत आता था।

लेकिन पिछले छह महीने में जिन वाहनों का पंजीकरण निरस्त हुआ है, उनमें 50 प्रतिशत वाहन आठ से 10 साल पुराने थे। कोरोना काल में गाड़ियों के न चलने और बाद में कम चलने से कलपुर्जे खराब हो गए और डीजल महंगा हो जाने से भी मोटर मालिकों का नुकसान हो रहा था। 

एक अप्रैल से अब तक करीब आठ सौ कामर्शियल वाहनों का पंजीकरण निरस्त कराया गया है। छह महीने में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार इतने पंजीकरण निरस्त हुए हैं। मोटर मालिकों ने उन वाहनों की चेसिस प्लेट भी जमा करा दी है।

सुधीर कुमार वर्मा, एआरटीओ प्रशासन, कानपुर नगर

Adblock test (Why?)


कोरोना काल ने किया कबाड़: छह महीने में 800 कामर्शियल वाहनों के पंजीकरण निरस्त कराए - अमर उजाला
Read More

Thursday, October 28, 2021

स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोटर व परिवहन विभाग ने चलाया स्वच्छता अभियान - दैनिक जागरण

कचरा केवल कूड़ेदान में फेंकने का संकल्प

गंगटोक : केंद्र सरकार द्वारा शुरु किए गए स्वच्छ भारत मिशन या जिसे स्वच्छ भारत अभियान के रूप में जाना जाने वाला देशव्यापी अभियान है। मिशन की निरंतरता में, मोटर वाहन विभाग, परिवहन विभाग द्वारा 28 अक्टूबर को अपने परिसर में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया था। मुख्य उद्देश्य अभियान की भावना के अनुरूप, मुख्य रूप से सार्वजनिक स्थानों पर समय-समय पर स्वच्छता अभियान आयोजित करना है। और इस प्रकार दूसरों को स्वच्छता की आदत और संस्कृति को विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं। संयुक्त निदेशक मोटर वाहन संभाग डेलक प्रधान, उप सचिव मोटर वाहन प्रभाग बिंदु ढकाल के साथ मोटर वाहन प्रभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी, मुख्यालय, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, गंगटोक के अधिकारी और कर्मचारी, अधिकारी और सिक्किम राष्ट्रीयकृत परिवहन प्रभाग के कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर से सभी कचरा हटा दिया और कचरा केवल कूड़ेदान में फेंकने का संकल्प लिया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक मोटर वाहन संभाग डेलक प्रधान ने कहा कि सभ्य जीवन जीने के लिए साफ-सफाई जरूरी है। उन्होंने कचरा प्रबंधन और कचरे के पृथक्करण के महत्व पर भी बात की। श्रीमती प्रधान ने कहा कि यह आयोजन प्रत्येक व्यक्ति में स्वच्छता की आदत को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अगर वे कूड़े का कारण बन सकते हैं, तो उन्हें इसे भी साफ करना होगा।

----------

------------

-----------

------------

------------

गंगटोक : केंद्र सरकार द्वारा शुरु किए गए स्वच्छ भारत मिशन या जिसे स्वच्छ भारत अभियान के रूप में जाना जाने वाला देशव्यापी अभियान है। मिशन की निरंतरता में, मोटर वाहन विभाग, परिवहन विभाग द्वारा 28 अक्टूबर को अपने परिसर में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया था। मुख्य उद्देश्य अभियान की भावना के अनुरूप, मुख्य रूप से सार्वजनिक स्थानों पर समय-समय पर स्वच्छता अभियान आयोजित करना है। और इस प्रकार दूसरों को स्वच्छता की आदत और संस्कृति को विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं। संयुक्त निदेशक मोटर वाहन संभाग डेलक प्रधान, उप सचिव मोटर वाहन प्रभाग बिंदु ढकाल के साथ मोटर वाहन प्रभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी, मुख्यालय, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, गंगटोक के अधिकारी और कर्मचारी, अधिकारी और सिक्किम राष्ट्रीयकृत परिवहन प्रभाग के कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर से सभी कचरा हटा दिया और कचरा केवल कूड़ेदान में फेंकने का संकल्प लिया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक मोटर वाहन संभाग डेलक प्रधान ने कहा कि सभ्य जीवन जीने के लिए साफ-सफाई जरूरी है। उन्होंने कचरा प्रबंधन और कचरे के पृथक्करण के महत्व पर भी बात की। श्रीमती प्रधान ने कहा कि यह आयोजन प्रत्येक व्यक्ति में स्वच्छता की आदत को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अगर वे कूड़े का कारण बन सकते हैं, तो उन्हें इसे भी साफ करना होगा।

Edited By: Jagran

Adblock test (Why?)


स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोटर व परिवहन विभाग ने चलाया स्वच्छता अभियान - दैनिक जागरण
Read More

Wednesday, October 27, 2021

बच्चों के साथ दुपहिया की स्पीड 40 से भी हो कम - अमर उजाला

ख़बर सुनें

बच्चों के साथ दुपहिया की स्पीड 40 से भी हो कम
विज्ञापन

मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम में जोड़े जाने वाले प्रस्ताव के लागू होने के बाद बच्चों के साथ होने वाले हादसों में निश्चित ही कमी आएगी। प्रस्तावित नियमों का समर्थन करते हुए लोगों ने बच्चों के साथ दुपहिया वाहनों की स्पीड 40 से भी कम किए जाने की मांग की है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम में नए नियम जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत दुपहिया वाहनों पर यदि बच्चे भी मौजूद हैं तो संबंधित वाहन की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा ही रखनी होगी। इसके साथ ही वाहन पर हार्नेस भी अनिवार्य किया गया है। जनपद के लोगों ने केंद्र सरकार के इस नियम का समर्थन करते हुए कहा कि इस नियम से निश्चित ही बच्चों के साथ होने वाले हादसों में कमी आएगी। हालांकि लोगों ने ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम रखने की मांग की।
व्यापारी नेता राहुल गोयल का कहना है कि दंपती व बच्चे की मौजूदगी वाले दुपहिया वाहन दुघर्टना ग्रस्त होने की स्थिति में सबसे गंभीर खतरा बच्चे को ही होता है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह नियम बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के अध्यक्ष संजय अरोरा का कहना है कि सफर करते समय बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिस प्रकार केंद्र सरकार सक्रिय हुई है, वह सराहनीय कदम है। हालांकि ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम किए जाने की जरूरत है, क्योंकि आकस्मिक स्थिति में इस स्पीड पर भी दुपहिया रोकना काफी मुश्किल होता है।
टीएसआई वीर अभिमन्यु सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव बेहद सराहनीय है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले हादसे थमेंगे। उनके पास जैसे ही इस संबंध में गाइड लाइन आती है, तत्काल इस संबंध में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

Adblock test (Why?)


बच्चों के साथ दुपहिया की स्पीड 40 से भी हो कम - अमर उजाला
Read More

Jabalpur News: जबलपुर में मोटर वाहनों के नकली पुर्जे, इंजन ऑयल बेचने का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार - ABP News

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में पुलिस ने तीन धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि धंधेबाज ब्रांडेड कंपनियों के लेबल लगाकर नकली इंजन ऑयल और मोटर वाहनों के कलपुर्जों की पैकिंग और बेचने का काम कर रहे थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौके से भारी मात्रा में सामान जब्त किए हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एसएस बघेल ने कहा कि पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सागदा इलाके में एक गोदाम पर छापा मारा और भारी मात्रा में नकली इंजन ऑयल और बड़ी संख्या में ब्रांडेड कंपनियों के लेबल लगे मोटर कलपुर्जे जब्त किए. उन्होंने बताया कि इसके बाद शहर के शास्त्री नगर और कुदन इलाके में एक ही व्यक्ति के दो और गोदामों पर भी छापेमारी की गई. 

पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी

पुलिस ने गोदाम मालिक दीपक नैयर और उसके दो कर्मचारियों दीपक चौधरी के अलावा सोनू चौधरी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. उन्होंने बताया कि गोदाम से 20 कंटेनरों में चार हजार लीटर नकली इंजन ऑयल, मोटर वाहन के नकली पुर्जे, तेल पैक करने के लिए बड़ी संख्या में खाली कंटेनर, ब्रांडेड कंपनियों की लेबल, रैपर होलोग्राम, गिफ्ट कूपन, एक ऑटो रिक्शा और 15 लाख रुपए का अन्य सामान जब्त किया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ तिवारा पुलिस थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है. 

Pegasus Scandal: पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया

West Bengal: कोलकाता में कोरोना के बीच डेंगू का बढ़ता प्रकोप, निगम ने निपटने के लिए बनाई ये योजना

Adblock test (Why?)


Jabalpur News: जबलपुर में मोटर वाहनों के नकली पुर्जे, इंजन ऑयल बेचने का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार - ABP News
Read More

New Motor Vehicle Act: मोटर साइकिल पर 4 साल तक के बच्चे को पहनना होगा हेलमेट - दैनिक जागरण

नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली-एनसीआर में समेत समूचे देशभर के लोग अगर बच्चे के साथ दुपहिया वाहनों पर सफर करते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि मोटर साइकिल पर अब 9 माह से ऊपर की आयु के बच्चे को हेलमेट पहनना होगा। इतना ही नहीं 9 माह से चार साल तक के बच्चे को हेलमेट के साथ मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति को बच्चे को अपने साथ रखने के लिए अपने और बच्चे के बीच बेल्ट भी लगाकर रखनी होगी।

इतना ही नहीं, बच्चे का हेलमेट भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार पहनना होगा। इसके अनुसार हेलमेट ऐसा होना चाहिए जो बच्चे के सिर पर ठीक से फिट बैठता हो। इसके अलावा जब चार साल तक की उम्र का बच्चा मोटर साइकिल पर बैठा हो तब मोटर साइकिल की गति सीमा भी 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस या उपयुक्त संस्था चालान भी कर सकती है।

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा 129 को संशोधित कर दिया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विभिन्न रोड सेफ्टी संगठनों के सुझावों पर मोटर वाहन अधिनियम में यह संशोधन मसौदा स्वीकार करते हुए इस बाबत संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रोड सेफ्टी आरगेनाइजेशन के उपप्रधान एसके शर्मा का कहना है कि बच्चे की सुरक्षा के लिए यह प्रविधान जरूरी हैं।

बच्चा हो सवार तो 40 किलोमीटर से ज्यादा न हो गति

इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दुपहिया वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर एक ओर प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके तहत अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि 9 महीने से लेकर 4 साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। यही नहीं, चार साल से कम उम्र के बच्चे को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा। सेफ्टी हार्नेस की मदद से बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।

Adblock test (Why?)


New Motor Vehicle Act: मोटर साइकिल पर 4 साल तक के बच्चे को पहनना होगा हेलमेट - दैनिक जागरण
Read More

Tuesday, October 26, 2021

मोटर साइकिल चलाने से जुड़े ये नए नियम लेकर आ रही केंद्र सरकार, जारी किया मसौदा - Republic Bharat

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) अब मोटर साइकिल पर बच्चों को लेकर जाने का नियमों को सख्त करने जा रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) ने मोटर साइकिल पर बच्चों को बिठाने को लेकर सुरक्षा प्रावधानों से जुड़े नए मसौदा नियम को जारी किया है। मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बाइक पर 4 साल से कम उम्र के बच्चों के यात्रा करने को लेकर इस नए नियमों के मसौदे को जारी किया है। बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 द्वारा संशोधित किया गया है। 

यह भी पढ़ें: फारूक अब्दुल्ला से भारत-पाक वार्ता को लेकर पूछा गया सवाल तो बोले-'नर्क में जाए पाकिस्तान'

मंत्रालय द्वारा जारी इस मसौदा नियम की जानकारी देते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर बताया कि मंत्रालय ने चार साल से कम आयु के बच्चों को मोटरसाइकिल पर ले जाने को लेकर नए सुरक्षा गाइडलाइन्स को जारी किया है।

मोदी सरकार ने बनाए ये नए मसौदा नियम

  • चार साल से कम आयु के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग किया जाएगा।
  • चालक यह सुनिश्चित करेगा कि उसके पीछे बैठे 9 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना क्रैश हेलमेट पहने हो जो उसके सिर पर फिट बैठता हो या उन्‍होंने ऐसा मोटरसाइकिल हेलमेट पहना हो जो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित विनिर्देशों का अनुपालन करता हो।
  • चार साल तक की आयु के बच्चे को पिलियन के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

यह भी पढ़ें: कांग्रेस सदस्यों के लिए 'शराब छोड़ो, खादी पहनो' नियमों पर राहुल गांधी ने पूछे सवाल; शराबबंदी पर भी की चर्चा 

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के द्वारा पहले ही संशोधित किया जा चुका है। इस धारा में दूसरा प्रावधान यह है कि सरकार नियमों द्वारा मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे 4 साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है। इसी प्रावधान का सहारा लेते हुए केंद्र सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर इस नए मसौदा नियम को जारी किया है, हालांकि यह अभी मसौदा नियम ही है।

Adblock test (Why?)


मोटर साइकिल चलाने से जुड़े ये नए नियम लेकर आ रही केंद्र सरकार, जारी किया मसौदा - Republic Bharat
Read More

फिटनेस जांच निजी कंपनियों को सौंपने का विरोध: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद ने कहा- गड़बड़ी की आशंका, भ्रष्टाचार बढ़ेगा - अमर उजाला - Amar Ujala

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Wed, 27 Oct 2021 01:43 AM IST

सार

सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य ने सोमवार को परिवहन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन से मुलाकात कर इसकी शिकायत की। साथ ही पूर्व में लिखे पत्र का हवाला दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस पर जल्दी बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। सोई ने रामचंद्रन को बताया कि रोहतक का मॉडल फिटनेस सेंटर पूरे देश में नजीर है। इसकी तर्ज पर सरकार अपने सेंटर खोले व निजी कंपनियों को यह काम न सौंपे। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होंगे, जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ेगी।

ख़बर सुनें

विस्तार

हरियाणा सरकार ने वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस जांच का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंप दिया है। प्रदेश में 35 कंपनियां वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र दे रही हैं। इनकी ओर से जारी प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी की आशंका है। इसका खुलासा मंगलवार को यहां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ. कमल सोई ने किया।
विज्ञापन

उनके खुलासे से परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिकायतें मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व प्रधान सचिव परिवहन के पास भी पहुंचीं हैं। परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा का कहना है कि निजी कंपनियों को वाहन फिटनेस जांच के लिए अधिकृत करने के निर्णय की समीक्षा कराई जाएगी। 

कमल सोई ने बताया कि वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र बहुत महत्वपूर्ण है। इसे जारी करने का काम निजी कंपनियों को सौंपने से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो सकता है। इससे मोटर वाहन अधिनियम, 1998 की धारा 56 को प्रभावी ढंग से लागू करने में बाधा आ रही है। परिवहन आयुक्त ने 23 जून 2021 को सभी डीटीओ और आरटीए को निर्देश दिए कि वे ओईएम यानी ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर डीलरों को वाहनों की फिटनेस का परीक्षण करने के लिए अधिकृत परीक्षण स्टेशन के रूप में अधिकृत करें। 

Adblock test (Why?)


फिटनेस जांच निजी कंपनियों को सौंपने का विरोध: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद ने कहा- गड़बड़ी की आशंका, भ्रष्टाचार बढ़ेगा - अमर उजाला - Amar Ujala
Read More

इस तरह से चुन्नू-मुन्नू को बाइक पर बिठाया, तो देना पड़ जाएगा जुर्माना, जान लीजिए नए नियम - Patrika News

नई दिल्ली। यों तो चलती का नाम गाड़ी है और मोटर साइकिल-स्कूटर पर सवाल हिंदुस्तानी परिवारों का सड़कों पर नजर आना आम बात है। हालांकि, अभी तक जैसे कोई भी व्यक्ति अपने चुन्नू-मुन्नू यानी बच्चों को कैसे भी बाइक पर बिठाकर घुमा लाता था, अब नहीं हो पाएगा। इस संबंध में मोटर साइकिल पर बच्चों को बिठाने से जुड़े सुरक्षा प्रावधानों संबंधी नए मसौदा नियम (ड्राफ्ट) को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किया है। मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर मोटर साइकिल/बाइक पर चार साल से कम उम्र के बच्चों के सफर को लेकर इस नए नियमों के मसौदे जारी किए हैं।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इन मसौदा नियमों की जानकारी दी। गडकरी ने ट्वीट में लिखा कि मंत्रालय ने चार साल से कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल पर ले जाने को लेकर नई सुरक्षा गाइडलाइन्स जारी की हैं।

गडकरी के मुताबिक ये हैं नए मसौदा नियमः

i) बाइक चालक के साथ बच्चे को अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करना
ii) बच्चों द्वारा अनिवार्य तौर पर क्रैश हेलमेट पहनना
iii) 4 साल के बच्चे को बिठाकर चलने वाली मोटर साइकिल की टॉप स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी नए मसौदा नियमों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सिफारिशें की गई हैं। मसौदे में दी गई इन सिफारिशों के मुताबिक, चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए किसी विशेष सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल जरूर किया जाएगा। इसके अलावा बाइक चालक यह भी सुनिश्चित करेगा कि उसके पीछे बैठे 9 महीने से लेकर 4 वर्ष तक की आयु का बच्चा अपना ऐसा क्रैश हेलमेट लगाए हो जो उसके सिर पर बिल्कुल फिट बैठता हो और यह हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (ISI) द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुसार निर्मित होना चाहिए।

नए मसौदा नियम में मंत्रालय ने बड़ी सिफारिश करते हुए यह भी कहा है कि चार साल तक की आयु के बच्चे को ले जाने वाली मोटर साइकिल की टॉप स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यानी वाहन चालक जब बच्चे को बिठाए हो, तो उसे हर वक्त इन सुरक्षा उपकरणों के साथ ही अधिकतम रफ्तार की बात को भी ध्यान में रखे रहना होगा।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के द्वारा मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को पहले ही संशोधित किया जा चुका है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में दूसरा प्रावधान यह है कि केंद्र सरकार नियमों द्वारा मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है। इसी प्रावधान का सहारा लेते हुए केंद्र सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर इस नए मसौदा नियम को जारी किया है। हालांकि अभी तक यह मसौदा नियम ही है और स्वीकृति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

Adblock test (Why?)


इस तरह से चुन्नू-मुन्नू को बाइक पर बिठाया, तो देना पड़ जाएगा जुर्माना, जान लीजिए नए नियम - Patrika News
Read More

Two Wheeler पर बच्चों को बैठाते समय इन नियमों का करना होगा पालन, सरकार ने बदले नियम - Asianet News Hindi

First Published Oct 26, 2021, 4:01 PM IST

Follow Us:

Download App:

  • android
  • ios

Adblock test (Why?)


Two Wheeler पर बच्चों को बैठाते समय इन नियमों का करना होगा पालन, सरकार ने बदले नियम - Asianet News Hindi
Read More

Traffic Rules: बच्चे के साथ सफर के दौरान कितनी रहे बाइक की स्पीड, सरकार ने दिया ये प्रस्ताव - ABP News

Traffic Rules: बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियम बनान के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अहम प्रस्ताव दिया है. इसमें कहा गया है कि चार साल से कम उम्र के बच्चों के साथ सफर के दौरान अगर 40 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से दोपहिया वाहन चलाना यातायात नियम का उल्लंघन माना जाएगा.  इसके साथ ही प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि दोपहिया पर सफर के दौरान नौ महीने से चार साल तक के बच्चों क्रैश हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाया जाए.

मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में नवीनतम बदलाव का अनुपालन करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है. ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिस मोटरसाइकिल पर चार साल से कम उम्र का बच्चा सवार हो, उसके ड्राइवर को बच्चे को ड्राइवर से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा.

सेफ्टी हार्नेस को एक एडजस्टेबल वेस्ट (बनियान) के रूप में परिभाषित किया गया है. इसके जरिए बाइक पर सफर कर रहा बच्चा को एक स्ट्रैप के बच्चे से चिपक जाता है. इसमें एक शोल्डर लूप होगा जिसे गाड़ी का चालक पहनेगा. 

ड्राफ्ट नोटिफिकेश ने कहा कि इस तरह से सेफ्टी हार्नेस के जरिए बच्चे के शरीर का ऊपरी हिस्सा सेफ तरीके से ड्राइवर से चिप जाएगा. साथ ही ये भी कहा गया कि सेफ्टी हार्नेस कम वजन यानी लाइट वेट होना, एडजस्टेबल, वाटरप्रूफ, टिकाऊ और तीस किलो तक का वजन उठा सके ऐसा डिजाइन किया जाना चाहिए.

Oil Prices: केंद्र ने राज्य सरकारों से खाद्य तेल के जमाखोरों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी

Delhi Seemapuri Fire: दिल्ली के सीमापुरी इलाके की बिल्डिंग में लगी आग, एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

Adblock test (Why?)


Traffic Rules: बच्चे के साथ सफर के दौरान कितनी रहे बाइक की स्पीड, सरकार ने दिया ये प्रस्ताव - ABP News
Read More

Monday, October 25, 2021

मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपने दामाद के साथ रहने वाली सास हैं कानूनी प्रतिनिधि : सुप्रीम कोर्ट - दैनिक जागरण

 नई दिल्ली, एएनआइ। मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मोटर वाहन अधिनियम के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका के तहत मुआवजे की हकदार है। न्यायमूर्ति एसए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में उनके रखरखाव के लिए अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और अपने दामाद पर निर्भर रहना कोई असामान्य बात नहीं है। पीठ ने कहा कि खंडपीठ ने कहा, 'यहां सास मृतक की कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो सकती है, लेकिन वह उसकी मृत्यु के कारण निश्चित रूप से पीड़िता है। इसलिए, हमें यह मानने में कोई संकोच नहीं है कि वह मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका को जारी रखने की हकदार है।

केरल हाईकोर्ट के आदेश को दी गई थी चुनौती

न्यायालय ने यह टिप्पणी 2011 की एक मोटर वाहन दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्‍‌नी द्वारा दायर उस अपील पर की, जिसमें केरल हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मृतक की कानूनी प्रतिनिधि नहीं है। हाई कोर्ट ने मुआवजे की राशि भी कम कर दी थी।मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ताओं को मुआवजे के रूप में 74,50,971 रुपये देने का आदेश दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे घटाकर 48,39,728 रुपये कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा राशि बढ़ाकर 85,81,815 रुपये कर दिया और दावा याचिका दाखिल किए जाने के दिन से 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से आठ दिन के भीतर भुगतान करने को कहा।

मुआवजे का निर्धारण नहीं हो सकता सटीक

शीर्ष अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान 'न्यायसंगत और उचित मुआवजे' की अवधारणा को सर्वोपरि महत्व देते हैं। यह एक लाभकारी कानून है, जिसे पीड़ितों या उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। एमवी अधिनियम की धारा 168 'न्यायसंगत मुआवजे' की अवधारणा से संबंधित है, जिसे निष्पक्षता, तर्कसंगतता और समानता की नींव पर निर्धारित किया जाना चाहिए। हालांकि इस तरह का निर्धारण कभी भी अंकगणितीय रूप से सटीक या सही नहीं हो सकते हैं। अदालत द्वारा आवेदक द्वारा दावा की गई राशि के बावजूद न्यायसंगत और उचित मुआवजा देने का प्रयास किया जाना चाहिए।

कानूनी प्रतिनिधि की होनी चाहिए व्यापक व्याख्या

शीर्ष अदालत ने कहा कि एमवी अधिनियम 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द को परिभाषित नहीं करता है। आम तौर पर 'कानूनी प्रतिनिधि' का अर्थ उस व्यक्ति से होता है जो कानूनी तौर पर मृत व्यक्ति की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें कोई भी व्यक्ति शामिल होता है, जिसमें क्षतिपूरक लाभ प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होता है। पीठ ने आगे कहा कि एक 'कानूनी प्रतिनिधि' में कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है, जो मृतक की संपत्ति में हस्तक्षेप करता है। ऐसे व्यक्ति का कानूनी उत्तराधिकारी होना जरूरी नहीं है। कानूनी उत्तराधिकारी वे व्यक्ति होते हैं जो मृतक की जीवित संपत्ति को विरासत में पाने के हकदार होते हैं। ऐसे में एक कानूनी उत्तराधिकारी कानूनी प्रतिनिधि भी हो सकता है।

मोटर वाहन अधिनियम हितकारी कानून

शीर्ष अदालत ने कहा, 'हमारे विचार में मोटर वाहन अधिनियम के अध्याय-12 के उद्देश्य की पूर्ति के लिए 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द की व्यापक व्याख्या की जानी चाहिए थी और इसे केवल मृतक के पति या पत्‍‌नी, माता-पिता और बच्चों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए। जैसा कि ऊपर देखा गया है, मोटर वाहन अधिनियम पीड़ितों या उनके परिवारों को मौद्रिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया हितकारी कानून है।' 

सुप्रीम ने किया मुआवजे का निर्धारण

शीर्ष अदालत ने कहा कि दुर्घटना के समय मृतक की उम्र 52 वर्ष थी। वह सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था और 83,831 रुपये मासिक वेतन प्राप्त कर रहा था। पीठ ने कहा कि आय की गणना के समय अदालत को मृतक की वास्तविक आय पर विचार करना होगा और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुआवजे को बढ़ाकर 85,81,815 रुपये करना चाहिए।

Edited By: Arun Kumar Singh

Adblock test (Why?)


मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपने दामाद के साथ रहने वाली सास हैं कानूनी प्रतिनिधि : सुप्रीम कोर्ट - दैनिक जागरण
Read More

85 वाहनों से समन शुल्क वसूला - Hindustan हिंदी

हिंदुस्तान पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।

ऐड ब्लॉकर को ऐसे बंद करेंअगर आपका ऐड ब्लॉकर बंद है, तो

पेज रिफ्रेश करें

Adblock test (Why?)


85 वाहनों से समन शुल्क वसूला - Hindustan हिंदी
Read More

MV Act के तहत सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा- दामाद के साथ रहने वाली सास मुआवजे की हकदार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

 नई दिल्ली, एएनआइ। मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मोटर वाहन अधिनियम के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका के तहत मुआवजे की हकदार है। न्यायमूर्ति एसए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में उनके रखरखाव के लिए अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और अपने दामाद पर निर्भर रहना कोई असामान्य बात नहीं है। पीठ ने कहा कि खंडपीठ ने कहा, 'यहां सास मृतक की कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो सकती है, लेकिन वह उसकी मृत्यु के कारण निश्चित रूप से पीड़िता है। इसलिए, हमें यह मानने में कोई संकोच नहीं है कि वह मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत 'कानूनी प्रतिनिधि' है और दावा याचिका को जारी रखने की हकदार है।

केरल हाईकोर्ट के आदेश को दी गई थी चुनौती

न्यायालय ने यह टिप्पणी 2011 की एक मोटर वाहन दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्‍‌नी द्वारा दायर उस अपील पर की, जिसमें केरल हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अपने दामाद के साथ रहने वाली सास मृतक की कानूनी प्रतिनिधि नहीं है। हाई कोर्ट ने मुआवजे की राशि भी कम कर दी थी।मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ताओं को मुआवजे के रूप में 74,50,971 रुपये देने का आदेश दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे घटाकर 48,39,728 रुपये कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा राशि बढ़ाकर 85,81,815 रुपये कर दिया और दावा याचिका दाखिल किए जाने के दिन से 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से आठ दिन के भीतर भुगतान करने को कहा।

मुआवजे का निर्धारण नहीं हो सकता सटीक

शीर्ष अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान 'न्यायसंगत और उचित मुआवजे' की अवधारणा को सर्वोपरि महत्व देते हैं। यह एक लाभकारी कानून है, जिसे पीड़ितों या उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। एमवी अधिनियम की धारा 168 'न्यायसंगत मुआवजे' की अवधारणा से संबंधित है, जिसे निष्पक्षता, तर्कसंगतता और समानता की नींव पर निर्धारित किया जाना चाहिए। हालांकि इस तरह का निर्धारण कभी भी अंकगणितीय रूप से सटीक या सही नहीं हो सकते हैं। अदालत द्वारा आवेदक द्वारा दावा की गई राशि के बावजूद न्यायसंगत और उचित मुआवजा देने का प्रयास किया जाना चाहिए।

कानूनी प्रतिनिधि की होनी चाहिए व्यापक व्याख्या

शीर्ष अदालत ने कहा कि एमवी अधिनियम 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द को परिभाषित नहीं करता है। आम तौर पर 'कानूनी प्रतिनिधि' का अर्थ उस व्यक्ति से होता है जो कानूनी तौर पर मृत व्यक्ति की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है और इसमें कोई भी व्यक्ति शामिल होता है, जिसमें क्षतिपूरक लाभ प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होता है। पीठ ने आगे कहा कि एक 'कानूनी प्रतिनिधि' में कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है, जो मृतक की संपत्ति में हस्तक्षेप करता है। ऐसे व्यक्ति का कानूनी उत्तराधिकारी होना जरूरी नहीं है। कानूनी उत्तराधिकारी वे व्यक्ति होते हैं जो मृतक की जीवित संपत्ति को विरासत में पाने के हकदार होते हैं। ऐसे में एक कानूनी उत्तराधिकारी कानूनी प्रतिनिधि भी हो सकता है।

मोटर वाहन अधिनियम हितकारी कानून

शीर्ष अदालत ने कहा, 'हमारे विचार में मोटर वाहन अधिनियम के अध्याय-12 के उद्देश्य की पूर्ति के लिए 'कानूनी प्रतिनिधि' शब्द की व्यापक व्याख्या की जानी चाहिए थी और इसे केवल मृतक के पति या पत्‍‌नी, माता-पिता और बच्चों तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए। जैसा कि ऊपर देखा गया है, मोटर वाहन अधिनियम पीड़ितों या उनके परिवारों को मौद्रिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया हितकारी कानून है।' 

सुप्रीम ने किया मुआवजे का निर्धारण

शीर्ष अदालत ने कहा कि दुर्घटना के समय मृतक की उम्र 52 वर्ष थी। वह सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था और 83,831 रुपये मासिक वेतन प्राप्त कर रहा था। पीठ ने कहा कि आय की गणना के समय अदालत को मृतक की वास्तविक आय पर विचार करना होगा और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुआवजे को बढ़ाकर 85,81,815 रुपये करना चाहिए।

Adblock test (Why?)


MV Act के तहत सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा- दामाद के साथ रहने वाली सास मुआवजे की हकदार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

दामाद के साथ रहने वाली सास मोटर वाहन अधिनियम के तहत ‘कानूनी प्रतिनिधि’: न्यायालय - Navbharat Times

ड्राइविंग लाइसेंस ना होने और गाड‍़‍ी में मोडिफ‍िकेशन कराने से पहले जानिए वाहन बीमा के यह नियम, वर्ना क्‍लेम हो सकता है रिजेक्‍ट - Jansatta

मोटर व्‍हीकल इंश्‍योरेंस की सभी तरह की जानकारी लोगों को नहीं होती है। अक्‍सर वो अपनी गाड़ि‍यों को मोडिफाई कराते हैं और इसकी जानकारी इंश्‍योरेंस कंपनी को नहीं देते हैं और एक्‍सीडेंट के बाद उनका क्‍लेम रिजेक्‍ट हो जाता है।

कई लोगों की जुबान से सुनने को मिलता है कि उनका मोटर इंश्‍यारेंस क्‍लेम रिजेक्‍ट हो गया है। जिसके पीछे कई कारणों को बताया जाता है। जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस ना होना। नशे में ड्राइविंग के दौरान एक्‍सीडेंट होगा। यहां तक कि अगर आप गाड़ी का रजिस्‍ट्रेशन और इंश्‍योरेंस अपने नाम नहीं कराते हैं तो भी आपका क्‍लेम रिजेक्‍ट नहीं हो सकता है। आज हम आपको ऐसे और भी कइ कारण बताने जा रहे हैं कि आपका क्‍लेम रिजेक्‍ट हो सकता है।

पॉलिसी और ऐड-ऑन कवर के बारे में जानकारी ना होना
क्‍लेम रिजेक्‍शन और लोगों की शिकायत का एक सामान्य कारण यह है कि कुछ विशिष्ट नुकसान पॉलिसी के तहत कवर नहीं होते हैं और इनके लिए अलग से ऐड-ऑन कवर खरीदने की जरुरत होती है। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीबीओ तरुण माथुर कहते हैं, ‘उदाहरण के लिए, इंजन खराब होने या डेप्रिसिएशन लॉस को बेसिक पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है और इसके लिए आपको अलग इंजन प्रोटेक्टर और जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर खरीदना होता है।

मरम्मत के लिए भेजी गई कार
एक सामान्य गलती यह है कि वाहन की मरम्मत खुद करवाई जाती है और फिर बीमाकर्ता को सूचित किया जाता है। रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ पंकज अरोड़ा कहते हैं कि यह एक गलती है क्योंकि कंपनी के लिए दुर्घटना को ट्रैक करना और मरम्मत करना मुश्किल है, जिससे नुकसान का आकलन करना और दावे को मंजूरी देना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि आपको बीमाकर्ता से संपर्क करना चाहिए, ताकि वह न केवल नुकसान का आकलन करे बल्कि सड़क के किनारे सहायता भी प्रदान करे और उसकी जानकारी लेकर कार को गैरेज तक ले जाता है।

व्‍हीकल का कमर्शियल यूज
यदि आपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए कार खरीदी है, लेकिन कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है, तो दुर्घटना की स्थिति में क्‍लेम रिजेक्‍ट कर दिया जाएगा।

जानकारी को छिपाना या गलत जानकारी देना
यदि पॉलिसी खरीदने के समय गलत खुलासे या भौतिक तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया है, जैसे कि नो-क्लेम बोनस या पहले से मौजूद हर्जाना का मिथ्याकरण, तो दावा खारिज होने के लिए बाध्य है। इसी तरह, यदि कोई दावा दाखिल करते समय हुई दुर्घटना या क्षति के बारे में गलत जानकारी देता है, तो क्‍लेम रिजेक्‍ट किया जा सकता है।

बीमा योग्य ब्याज की कमी
इसका मतलब है कि मालिक अपने नाम पर रजिस्‍ट्रेशन और इंश्‍योरेंस करने में विफल रहा है। ऐसे मामले में बीमाकर्ता द्वारा दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

व्‍हीकल को मोडि‍फाइ कराने पर
व्‍हीकल को मोडिफाई कराना यदि आप अपनी कार में सीएनजी किट लगाते हैं, एक्सेसरीज़ जोड़ते हैं या व्‍हीकल बॉडी को मोडिफाई कराते हैं तो आपको तुरंत बीमाकर्ता को सूचित करना होगा। वर्ना एक्‍सीडेंट होने की‍ स्थित‍ि आपका क्‍लेम रिजक्‍ट हो सकता है।

पॉलिसी गाइडलाइन
यदि आप अपनी पॉलिसी में यूज क्‍लॉज की सीमाओं का पालन नहीं करते हैं, तो क्‍लेम रिजेक्‍ट का दिया जाता है। इसलिए, यदि आप निर्दिष्ट भौगोलिक सीमाओं के भीतर गाड़ी नहीं चला रहे हैं या यदि वाहन में पॉलिसी में सूचीबद्ध विनिर्देश नहीं हैं, जैसे कि एक विशेष इंजन क्षमता, तो दावे से इनकार किए जाने की संभावना है।

ड्राइविंग लाइसेंस नहीं
यदि वाहन चलाने वाले व्यक्ति के पास दुर्घटना के समय अपना लाइसेंस नहीं है, तो क्‍लेम रिजेक्‍ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, उसके पास एक वैध लाइसेंस होना चाहिए जो समाप्त नहीं हुआ है और जिस प्रकार के वाहन के लिए निर्दिष्ट किया गया है उसके लिए है। उदाहरण के लिए, यदि उसके पास केवल दोपहिया वाहन चलाने का लाइसेंस है, लेकिन कार चलाते समय दुर्घटना हो जाती है, तो दावा रिजेक्‍ट कर दिया जाएगा।

नशे में गाड़ी चलाना
जब भी कोई नशे में गाड़ी चलाता है और एक्‍सीडेंट हो जाता है तो उसका क्‍लेम रिजेक्‍ट हो जाता है। चूंकि भारत में शराब के नशे में गाड़ी चलाना गैरकानूनी है, इसलिए शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटना से होने वाले किसी भी दावे को खारिज कर दिया जाएगा।

देरी से सूचना देना
यदि आप दुर्घटना के बारे में बीमाकर्ता को समय पर सूचना नहीं देते हैं तो आपका क्‍लेम रिजेक्‍ट हो सकता है। इसकी समय सीमा आमतौर पर 24-48 घंटे होती है। ऐसे में आपको इस अवध‍ि के भीतर इंयोरेंस कंपनी को सूचित करना होगा।

पॉलिसी को रिन्‍युअल कराने में देरी करना
पॉलिसी को रिन्‍युअल कराने में देरी भी आपके क्‍लेम को रिजेक्‍ट कराने में देरी कर सकता है। अगर आपकी गाड़ी का इस दौरान एक्‍सीडेंट हो जाता है तो आपके क्‍लेम को कंसीडर नहीं किया जाएगा।

Adblock test (Why?)


ड्राइविंग लाइसेंस ना होने और गाड‍़‍ी में मोडिफ‍िकेशन कराने से पहले जानिए वाहन बीमा के यह नियम, वर्ना क्‍लेम हो सकता है रिजेक्‍ट - Jansatta
Read More

Toyota: अफ्रीका के बाद टोयोटा भारत में लॉन्च करेगी Rumion, देश में कराया ट्रेडमार्क, मारुति की इस कार पर है आधारित - अमर उजाला - Amar Ujala

सार

Toyota Motor (टोयोटा मोटर) ने भारत में Maruti Suzuki Ertiga (मारुति सुजुकी अर्टिगा) पर आधारित Toyota Rumion (टोयोटा रुमियन) एमपीवी कार के लिए एक ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया है। इ

ख़बर सुनें

विस्तार

Toyota Motor (टोयोटा मोटर) ने भारत में Maruti Suzuki Ertiga (मारुति सुजुकी अर्टिगा) पर आधारित Toyota Rumion (टोयोटा रुमियन) एमपीवी कार के लिए एक ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि वाहन निर्माता जल्द ही देश में एक एमपीवी (मल्टी पर्पस व्हीकल) लॉन्च करने की तैयारी में है। कंपनी Toyota Rumion नाम से ही अपनी नई कार को भारतीय बाजार में उतारेगी। यह वाहन टोयोटा ब्रांड के तहत बेचा जाने वाला मारुति सुजुकी  का तीसरा रीबैज्ड मॉडल होगा। हाल ही में इस वाहन को दक्षिण अफ्रीका में लॉन्च किया गया है।
विज्ञापन

मारुति-टोयोटा के बीच समझौता
हालांकि टोयोटा ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है कि वह भारत में अर्टिगा-आधारित रुमियन एमपीवी लॉन्च करेगी। लेकिन ट्रेडमार्क दाखिल करने से यह संभावना है कि कंपनी इसे लॉन्च करने की योजना बनी रही है। खास बात यह है कि दक्षिण अफ्रीका में बेची जा रही Rumion MPV को भारत में बनाया जा रहा है। टोयोटा और मारुति के बीच एक समझौते के तहत दक्षिण अफ्रीका में भारत निर्मित सुजुकी मॉडल की आपूर्ति की जा रही है।

कैसी दिखती है रूमियन
Toyota Rumion भारतीय बाजार में बिकने वाली Maruti Ertiga MPV जैसी दिखती है। इसमें एक फ्रंट ग्रिल है जो इसके एंगुलर हेलोजन हेडलाइट्स और फ्रंट फॉग लैंप तक फैली हुई है। इसमें दिए गए ए-पिलर्स झुके हुए हैं और इस स्पेसियस वाहन की अपनी पहचान को बढ़ाने के लिए इसमें एक लंबी रूफलाइन मिलती है। 

इंजन और पावर
Rumion में कोई मैकेनिकल बदलाव नहीं किया गया है। इसमें 1.5-लीटर 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन मिलता है, जिसका इस्तेमाल Ertiga में भी किया जाता है। यह इंजन 6,000 rpm पर 77 kW का पावर और 4,400 rpm पर 138 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इस इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल या 4-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स मिलता है। 

टोयोटा मारुति की इन कारों को बेचती है
Toyota Rumion के जल्द ही भारतीय बाजार में आने की उम्मीद है। इसके अलावा Toyota भारतीय बाजार में Maruti Suzuki मॉडल के दो अन्य रीबैज्ड वर्जन की बिक्री करती है। इनमें Maruti Baleno (मारुति बलेनो) पर आधारित Glanza (ग्लैंजा) और Maruti Vitara Brezza (मारुति विटारा ब्रेजा) पर आधारित Urban Cruiser (अर्बन क्रूजर) शामिल हैं। 


जल्द आएगी बेल्टा
इसके अलावा, टोयोटा जल्द ही Belta (बेल्टा) को भी लॉन्च करने की तैयारी में है, जो देश में Maruti Ciaz (मारुति सियाज) का एक री-बैज वर्जन होगा। टोयोटा इस कार को अपनी बंद हो चुकी टोयोटा यारिस सेडान के रिप्लेसमेंट के तौर पर ला रही है। 

Adblock test (Why?)


Toyota: अफ्रीका के बाद टोयोटा भारत में लॉन्च करेगी Rumion, देश में कराया ट्रेडमार्क, मारुति की इस कार पर है आधारित - अमर उजाला - Amar Ujala
Read More

Toyota Motor रेस कारों में कर रही है हाइड्रोजन इंजन की टेस्टिंग, कंपनी की ये है योजना - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन ने सोमवार को घोषणा की कि वह रेस कारों में हाइड्रोजन फ्यूल इंजन की टेस्टिंग कर रही है क्योंकि कंपनी भविष्य में कामर्शियल प्रोडक्शन में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहती है। पहले मोटरस्पोर्ट्स पर अपनी तकनीक की टेस्टिंग करके, कंपनी डेटा एकत्र करने में सक्षम होगी और साइट पर खोजे गए मुद्दों को ठीक करने का प्रयास करेगी।

आपको बता दें एक हाइड्रोजन दहन इंजन उन वाहनों से अलग होता है, जो हाइड्रोजन ईंधन-सेल द्वारा संचालित होते हैं। जबकि ईंधन सेल वाहन बिजली बनाने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं, और इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों से, हाइड्रोजन दहन इंजन गैसोलीन के बजाय हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में जलाते हैं।

टोयोटा ने पहले घोषणा की थी कि वह एक हाइड्रोजन दहन इंजन विकसित करना चाह रही है, जैसे फोर्ड मोटर और अन्य वाहन निर्माता भी विकसित हुए हैं। हाइड्रोजन-संचालित इंजन कोरोला मॉडल के मुख्य इंजीनिय नाओयुकी सकामोटो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा "हम क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई विकल्पों का प्रस्ताव करना चाहते हैं।"

हाइड्रोजन दहन इंजन परियोजना पर विस्तार से बताते हुए, सकामोटो ने कहा कि अभी भी और विकास हैं जिन्हें प्रौद्योगिकी पर करने की आवश्यकता है और इसकी अब तक सीमित ड्राइविंग रेंज को भी संबोधित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, ऐसे वाहनों में ईंधन भरने के लिए बुनियादी ढांचा एक और बाधा है जिसे दूर करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसी व्यावसायिक उत्पाद पर प्रौद्योगिकी कब लागू की जाएगी।

एक नियमित दहन इंजन की तुलना में, ईंधन पाइपिंग और इंजेक्शन सिस्टम को छोड़कर, हाइड्रोजन इंजन को न्यूनतम समायोजन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, हाइड्रोजन आज सड़कों पर किसी भी अन्य ईंधन की तरह सुरक्षित है और हाइड्रोजन टैंक कार्बन फाइबर से बने होते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों पर हाइड्रोजन के भी फायदे हैं क्योंकि ईवी बैटरी को विभिन्न खनिजों की आवश्यकता होती है जबकि हाइड्रोजन पर्यावरण में अपेक्षाकृत आसानी से उपलब्ध होती है और इसे आसानी से संग्रहीत और परिवहन किया जा सकता है। इसे इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा पानी से भी बनाया जा सकता है और स्टोरेज के लिए सौर ऊर्जा से भी परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अलावा, इस तरह का ईंधन कितना व्यापक हो सकता है, इस पर निर्भर करते हुए, गैसोलीन की तुलना में हाइड्रोजन से कार को भरना बहुत सस्ता हो सकता है। 

Edited By: Rishabh Parmar

Adblock test (Why?)


Toyota Motor रेस कारों में कर रही है हाइड्रोजन इंजन की टेस्टिंग, कंपनी की ये है योजना - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

Sunday, October 24, 2021

सेकेंड हैंड व्हीकल खरीद रहे हैं तो नहीं होगी परेशानी, गांव में ही पता चलेगा कि गाड़ी चोरी की तो नहीं - Navbharat Times

पुरानी वस्तुओं को इकट्ठा कर संरक्षित कर रहा पुडुचेरी का यह व्यक्ति, कलेक्शन में 50 साल से भी ज्यादा... - TV9 Bharatvarsh

पुरानी वस्तुओं को इकट्ठा कर संरक्षित कर रहा पुडुचेरी का यह व्यक्ति, कलेक्शन में 50 साल से भी ज्यादा पुराने बर्तन शामिल

बचपन से सामानों को इकट्ठा कर रहे अयन्नार (फोटो- ANI)

केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में एक व्यक्ति अयन्नार पुराने जमाने की वस्तुओं (एंटीक) को इकट्ठा कर उसे संरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इनमें पिछले 50 सालों में तमिल पूर्वजों द्वारा इस्तेमाल में लाईं गई तांबे और पीतल के बर्तन भी शामिल हैं. उनके संग्रह में कई घरेलू सामान शामिल हैं. अयन्नार बताते हैं कि वे इन सामानों को बचपन से इकट्ठा कर रहे हैं. ये सामान कई जगहों से लाए गए हैं.

अयन्नार ने जिन पुराने सामानों को इकट्ठा किया है, उनमें चाय की केतली, पुराने गिलास, प्लेट, बड़े-छोटे बर्तन, बाल्टी और घरेलू उपयोग में आने वाले अन्य सामान भी शामिल हैं. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं इन पुराने समय की वस्तुओं को बर्बाद होने से बचाना चाहता हूं और उसे संरक्षित करना चाहता हूं. मैं साल में एक बार इन्हें छात्रों के लिए डिस्प्ले के तौर पर लगाता हूं.”

इसी महीने दुर्लभ और ऐतिहासिक प्राचीन वस्तुएं रखने का दावा करने वाले केरल में चेरथला के मूल निवासी मावुंकल को केरल पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था. अपराध शाखा व्यापारी के खिलाफ कई लोगों से 10 करोड़ रुपए ठगने की शिकायतों की जांच कर रही है. इसके बाद केरल राज्य पुरातत्व विभाग और मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) ने व्यापारी मोनसन मावुंकल के घर से मिली वस्तुओं और महंगी कारों का निरीक्षण किया था.

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, पुरातत्व विभाग और मोटर वाहन विभाग ने मावुंकल के घर पर अपना निरीक्षण पूरा कर लिया है और वे जांच एजेंसी को रिपोर्ट सौंपेंगे. अपराध शाखा की जांच से पता चला कि मावुंकल द्वारा दावा की गई अधिकांश ‘प्राचीन’ वस्तुएं स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई गई थी और कलाकृतियों की जांच के लिए पुरातत्व विभाग को लगाया गया था.

मोटर वाहन विभाग ने प्राचीन वस्तु फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी के आवास पर मिले करीब 12 विदेशी वाहनों के दस्तावेजों का निरीक्षण किया था. केरल की विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को काफी घेरने की कोशिश की और आरोप लगाया था कि मावुंकल के कथित तौर पर आईपीएस अधिकारियों, शीर्ष नौकरशाहों और नेताओं से करीबी संबंध हैं.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में अमित शाह का ऐलान, 2 साल में मेट्रो, जम्मू एयरपोर्ट का विस्तार, जानें और क्या-क्या किया वादा

ये भी पढ़ें- भारतीय नागरिक अफगानिस्तान से लौटने का कर रहे इंतजार, पत्र लिखकर केंद्र से लगाई गुहार, मदद करो सरकार

Adblock test (Why?)


पुरानी वस्तुओं को इकट्ठा कर संरक्षित कर रहा पुडुचेरी का यह व्यक्ति, कलेक्शन में 50 साल से भी ज्यादा... - TV9 Bharatvarsh
Read More

पुलिस ने सात वाहनों का चालान काटा - Hindustan हिंदी

हिंदुस्तान पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।

ऐड ब्लॉकर को ऐसे बंद करेंअगर आपका ऐड ब्लॉकर बंद है, तो

पेज रिफ्रेश करें

Adblock test (Why?)


पुलिस ने सात वाहनों का चालान काटा - Hindustan हिंदी
Read More

Indore News: वाहन चोरी के मामले इंदौर पुलिस की कार्रवाई, 2 मोटर साईकिल समेत चोर को किया गिरफ्तार - Ghamasan - Ghamasan News

इंदौर: जिले में चोरी/ नकबजनी, वाहन चोरी आदि संपत्ति संबधी अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु इन अपराधों में संलिप्त आरोपीयो की पतारसी कर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस उपमहानिरीक्षक महोदय शहर इन्दौर मनीष कपूरिया द्वारा दिये गए है । उक्त निर्देशो के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक महोदय इंदौर पश्चिम महेशचंद जैन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-01 पश्चिम राजेश व्यास एवं नगर पुलिस अधीक्षक जूनी इन्दौर दीशेष अग्रवाल द्वारा दिए गए दिशा निर्देश अनुसार कार्यवाही करते हुए पुलिस थाना रावजी बाजार द्वारा वाहन चोर को चोरी की मोटरसाइकिल सहित पकड़ा गया है ।

पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ईएफआईआर के माध्यम से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जिसके अनुपालन में थाना प्रभारी रावजी बाजार प्रीतम सिंह ठाकुर द्वारा ईएफआईआर के द्वारा वाहन चोरी की 02 रिपोर्ट प्राप्त होने पर टीम गठित कर पतारसी मे लगाया था । आज दिनांक 23.10.2021 को मुखबीर सूचना पर पुलिस द्वारा भाट मोहल्ले के पास से एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत मॆं लेकर सघन पूछताछ करने पर आरोपी सोनू उर्फ रंगा पिता मुन्ना दुबे उम्र 33 साल नि.भाट मोहल्ला जूनी इंदौर शहर मे अलग अलग स्थानो से कुल 02 दो पहिया वाहन चोरी करना बताया ।

बाद चोरी की मोटर सायकिल हीरो होण्डा स्पेलेण्डर प्रो MP09NK9507 जप्त कि गयी कर आरोपी से अन्य अपराध मे पुछताछ करते अपराध क्रमाकं 318/2021 धारा 379 भादवि मे चोरी गयी मोटर सायकिल हीरो होण्डा स्पेलेण्डर प्रो MP09NK9507 व अपराध क्रमाकं 341/2021 धारा 379 भादवि मे चोरी गयी मोटर साईकिल पल्सर क्र.MP09MN6788 अलग-अलग स्थानो से चोरी करना स्वीकार कर वाहन को रखे गये स्थानो से जप्त कराये जाकर कुल मश्रुका 55000/- रुपये जप्त किया गया।

उक्त कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी रावजी बाजार निरीक्षक प्रीतम सिंह ठाकुर,का.प्रआर.1609 मुकेश गायकवाड़, आर.676 धर्मेन्द्र पाठक, आर.770 तरसेम सिंह सेंगर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

Adblock test (Why?)


Indore News: वाहन चोरी के मामले इंदौर पुलिस की कार्रवाई, 2 मोटर साईकिल समेत चोर को किया गिरफ्तार - Ghamasan - Ghamasan News
Read More

Saturday, October 23, 2021

टिहरी: चंबा-धरासू मोटर मार्ग पर खाई में गिरा सेब से लदा वाहन, चालक की मौके पर ही मौत - दैनिक जागरण

कमांद के पास कुनेर में एक पिकअप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में व्यापारी की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पिकअप में सेब लदे थे और वाहन उत्तरकाशी से चंबा की ओर जा रहा था।

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कमांद के पास कुनेर में पिकअप खाई में जा गिरी। हादसे में व्यापारी की मौके पर ही मौत हो गई। सेब से लदा वाहन उत्तरकाशी से चंबा की ओर आ रहा था। राजस्व पुलिस क्षेत्र भल्डियाना के अंतर्गत कुनेर तोक में शनिवार सुबह करीब पांच बजे पिकअप करीब सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इसमें व्यापारी रमेश बडोनी निवासी ग्राम भेटुड़ी तहसील टिहरी की मौके पर ही मौत हो गई।

घटना का पता तब लगा जब राहगीरों ने घटनास्थल पर बड़ी मात्रा में सेब बिखरे देखे। सड़क से वाहन नहीं दिखाई दे रहा था। उन्होंने इसकी सूचना राजस्व चौकी को दी। सूचना पर तहसीलदार किशन सिंह महंत, राजस्व निरीक्षक विजेंद्र रमोला, उप निरीक्षक जेपी जोशी होमगार्ड के साथ मौके पहुंचे। तहसीलदार ने बताया कि शव को खाई से बाहर निकाला गया और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। वाहन में अन्य कोई सवार नहीं था। सूचना पर मृतक के स्वजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

ईनोबा कार खाई में गिरी, पांच लोग घायल

गोपेश्वर में घाट-सितेल मोटर मार्ग पर शुक्रवार देर रात एक ईनोबा कार खाई में जा गिरी। कार में पांच लोग सवार थे, सभी घायलों को सीएससी घाट में भर्ती कराया गया। इनमें से दो को गंभीर चोट आने पर उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर भेजा गया है। सितेल गांव से घाट बाजार की ओर आ रही ईनोबा सितेल व गुलाड़ी गांव के बीच 130 मीटर नीचे खाई में जा गिरी। जिसमें सवार पांच लोग घायल हो गए। पुलिस और राजस्व टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार को गंभीर घायल हरीश और धीरेंद्र सिंह को श्रीनगर से एयर लिफ्ट कर देहरादून भेज दिया गया है।

यह भी पढ़ें- टिहरी: चंबा-धरासू मोटर मार्ग पर खाई में गिरा सेब से लदा वाहन, चालक की मौके पर ही मौत

Adblock test (Why?)


टिहरी: चंबा-धरासू मोटर मार्ग पर खाई में गिरा सेब से लदा वाहन, चालक की मौके पर ही मौत - दैनिक जागरण
Read More

ई-ऑटो रिक्शा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन 1 नवंबर तक - Navbharat Times

Friday, October 22, 2021

वाहन चोरी कर पीएलएफआइ को पहुंचाने वाला गिरोह का सदस्य गिरफ्तार - दैनिक जागरण

संवाद सूत्र, तोरपा : वाहन चोरी कर पीएलएफआइ को पहुंचाने वाला शातिर वाहन चोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तोरपा में संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी देते अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार वाहन चोर चोरी किए गए वाहनों को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ दस्ता को पहुंचाता था। एसडीपीओ ने बताया कि जिला के पुलिस अधीक्षक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व तोरपा अंचल के पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा जरियागढ़ थाना क्षेत्र में चेकिग के दौरान शातिर वाहन चोर जितेंद्र सिंह को चोरी के पल्सर बाइक के साथ पकड़ा गया। गिरफ्तार वाहन चोर महादेव टोली खूंटी का रहने वाला है जो वर्तमान में रांची जिला के नगड़ी थाना क्षेत्र के बगिचा टोली, कटहल मोड़ में रहता है। पूछताछ के क्रम में जितेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि उक्त मोटर साइकिल इसी माह कामडारा थाना क्षेत्र के अरहरा के रहने वाले फणीश्वर गोप के साथ मिलकर डाइटोली तोरपा से चोरी किए थे, जिसे गरई में पहुंचाने जा रहे थे, जहां से उक्त मोटर साइकिल को पीएलएफआइ के पास भेजा जाना था। जितेंद्र सिंह के बताए अनुसार अपराध में संलिप्त रनिया थाना क्षेत्र के गरई के रहने वाले एक नाबालिग व दीपक तोपनो निरूद्ध व गिरफ्तार किया गया। दोनों के निशानदेही पर गरई तालाब के पीछे जंगल से दो मोटर साइकिल और डिग्री पेराय टोली जंगल से एक मोटर साईकिल व पीएलएफआइ का पर्चा, चंदा रसीद बरामद किया गया। एसडीपीओ ने बताया कि इसके अलावे और भी काफी संख्या में मोटर साईकिल चोरी कर पीएलएफआइ को दिया गया था, जिसे कई बार पुलिस द्वारा जप्त किया गया है।

गिरफ्तारी के बाद जब्त किए गए सामान

दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक काला रंग का पल्सर, एक होंडा हॉरनेट, एक यामहा एसजेड, एक ब्लू रंग का आपाची, पीएलएफआइ का पर्चा व चंदा रसीद और एक मोबाईल फोन जब्त किया है। छापामारी टीम में एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी, पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह, जरियागढ़ थाना प्रभारी मनीष कुमार, रनिया थाना प्रभारी रोशन कुमार सिंह, जरियागढ़ थाना के पुअनि उत्तम कुमार, रनिया थाना के पुअनि पंकज कुमार, जरियागढ़ थाना के सअनि दिनेश कुमार, क्यूएटी आदि शामिल थे।

Edited By: Jagran

Adblock test (Why?)


वाहन चोरी कर पीएलएफआइ को पहुंचाने वाला गिरोह का सदस्य गिरफ्तार - दैनिक जागरण
Read More

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार करेगी एक अलग ब्रांड, जानें क्यों - ऑटो न्यूज - DriveSpark

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में टीवीएस इस सेगमेंट में अपनी पकड़ बनाना चाहैत है जिस वजह से एक अलग ब्रांड के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करना चाहती है। कंपनी के बोर्ड ने इसके लिए इजाजत दे दी है, हाल ही में टीवीएस ने इस बात की जानकारी दी है। वर्तमान में कंपनी सिर्फ एक इलेक्ट्रिक स्कूटर आईक्यूब की बिक्री करती है जिसे जनवरी 2020 में लाया गया था।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

वर्तमान में इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री देश के 33 शहरों में की जाती है। आईसी इंजन वाले वाहन की उपलब्धता के मुकाबले यह बेहद कम है और ऐसे में कंपनी इसमें विस्तार करने की योजना लेकर आई है। टीवीएस के अधिकारियों ने बताया कि निकट भविष्य में कंपनी द्वारा कई नए उत्पाद लाये जायेंगे, यह सब्सिडरी इस बिजनेस को आसान व विस्तार करने की छूट प्रदान करेगा।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

हाल ही में कंपनी ने टाटा पॉवर से भी हाथ मिलाया है। टीवीएस मोटर भी अब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन तैयार करने में जुट गई है। टाटा पॉवर से समझौता के तहत, दोनों कंपनियां देश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करेंगी। वहीं टीवीएस मोटर के चुनिंदा जगहों पर सोलर पॉवर तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

टीवीएस का लक्ष्य देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने में तेजी लाने के लिए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तृत नेटवर्क तैयार करना है। दोनों कंपनियां इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए रेगुलर एसी चार्जिंग और डीसी फास्ट-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क स्थापित करेंगी। इसके साथ ही नए इलेक्ट्रिक वाहन लाने पर भी जोर दिया जाएगा ताकि कंपनी अपनी पकड़ भी बना सके।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

वहीं TVS iQube इलेक्ट्रिक स्कूटर के सभी ग्राहकों को टाटा पॉवर द्वारा टीवीएस मोटर ग्राहक कनेक्ट ऐप और टाटा पॉवर ईजेड चार्ज ऐप के माध्यम से चार्जिंग नेटवर्क तक पहुंच प्रदान की जाएगी। यह चार्जिंग स्टेशन उन 25 इलाकों में भी लगाए जाएंगे जहां टीवीएस ने आने वाले समय में इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने वाली है। वर्तमान में, टीवीएस ई-स्कूटर दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, पुणे, कोच्चि, कोयंबटूर, हैदराबाद, सूरत, विजाग, जयपुर और अहमदाबाद में उपलब्ध हैं।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

टीवीएस मोटर ने घोषणा की थी कि कंपनी अगले दो-तीन साल में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों की एक नई रेंज पेश करेगी। कंपनी इन वाहनों को 5kW से 25kW क्षमता की रेंज में उतारेगी। कंपनी ने दावा किया है कि वह अगले दो साल में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। पिछले कुछ सालों में इस सेगमेंट कई नई कंपनियों ने प्रवेश किया है।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

इसके साथ ही पहले से स्थापित कंपनियां जैसे हीरो मोटोकॉर्प जल्द ही इस क्षेत्र में कदम रखने जा रही है। वहीं कैब सर्वस प्रदान करने वाली ओला भी इलेक्ट्रिक स्कूटर के क्षेत्र में उतर चुकी है और जल्द ही इलेक्ट्रिक कार भी लाने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया निर्माता कंपनी में से एक टीवीएस अपने आप को पीछे नहीं रखना चाहती है।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

बात करें कंपनी के एकमात्र स्कूटर टीवीएस आईक्यूब की तो इसकी बिक्री अच्छी चल रही है और अपने सेगमेंट की बजाज चेतक को पीछे छोड़ दिया था। ऐसे में कंपनी आक्रामक रूप से इसका प्रचार प्रसार करेगी तो बिक्री में और भी उछाल आ सकता है, कंपनी ने अगले कुछ महीनों में टीवीएस आई क्यूब का अपग्रेड भी लाने वाली है।

TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खोलेगी तैयार करेगी एक अलग ब्रांड

ड्राइवस्पार्क के विचार

टीवीएस मोटर सहित पूरे इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट को ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, साथ है अब तक कई राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति ला चुके हैं और कई राज्य जल्द ही लाने वाले हैं। ऐसे में टीवीएस को इलेक्ट्रिक वाहनों को एक नई पहचान देकर इस मौके को जरुर भुनाना चाहिए।

Adblock test (Why?)


TVS Motor इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयार करेगी एक अलग ब्रांड, जानें क्यों - ऑटो न्यूज - DriveSpark
Read More

Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...