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बच्चों के साथ दुपहिया की स्पीड 40 से भी हो कम
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मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम में जोड़े जाने वाले प्रस्ताव के लागू होने के बाद बच्चों के साथ होने वाले हादसों में निश्चित ही कमी आएगी। प्रस्तावित नियमों का समर्थन करते हुए लोगों ने बच्चों के साथ दुपहिया वाहनों की स्पीड 40 से भी कम किए जाने की मांग की है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम में नए नियम जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत दुपहिया वाहनों पर यदि बच्चे भी मौजूद हैं तो संबंधित वाहन की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा ही रखनी होगी। इसके साथ ही वाहन पर हार्नेस भी अनिवार्य किया गया है। जनपद के लोगों ने केंद्र सरकार के इस नियम का समर्थन करते हुए कहा कि इस नियम से निश्चित ही बच्चों के साथ होने वाले हादसों में कमी आएगी। हालांकि लोगों ने ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम रखने की मांग की।
व्यापारी नेता राहुल गोयल का कहना है कि दंपती व बच्चे की मौजूदगी वाले दुपहिया वाहन दुघर्टना ग्रस्त होने की स्थिति में सबसे गंभीर खतरा बच्चे को ही होता है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह नियम बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के अध्यक्ष संजय अरोरा का कहना है कि सफर करते समय बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिस प्रकार केंद्र सरकार सक्रिय हुई है, वह सराहनीय कदम है। हालांकि ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम किए जाने की जरूरत है, क्योंकि आकस्मिक स्थिति में इस स्पीड पर भी दुपहिया रोकना काफी मुश्किल होता है।
टीएसआई वीर अभिमन्यु सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव बेहद सराहनीय है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले हादसे थमेंगे। उनके पास जैसे ही इस संबंध में गाइड लाइन आती है, तत्काल इस संबंध में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम में जोड़े जाने वाले प्रस्ताव के लागू होने के बाद बच्चों के साथ होने वाले हादसों में निश्चित ही कमी आएगी। प्रस्तावित नियमों का समर्थन करते हुए लोगों ने बच्चों के साथ दुपहिया वाहनों की स्पीड 40 से भी कम किए जाने की मांग की है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम में नए नियम जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत दुपहिया वाहनों पर यदि बच्चे भी मौजूद हैं तो संबंधित वाहन की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा ही रखनी होगी। इसके साथ ही वाहन पर हार्नेस भी अनिवार्य किया गया है। जनपद के लोगों ने केंद्र सरकार के इस नियम का समर्थन करते हुए कहा कि इस नियम से निश्चित ही बच्चों के साथ होने वाले हादसों में कमी आएगी। हालांकि लोगों ने ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम रखने की मांग की।
व्यापारी नेता राहुल गोयल का कहना है कि दंपती व बच्चे की मौजूदगी वाले दुपहिया वाहन दुघर्टना ग्रस्त होने की स्थिति में सबसे गंभीर खतरा बच्चे को ही होता है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह नियम बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के अध्यक्ष संजय अरोरा का कहना है कि सफर करते समय बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिस प्रकार केंद्र सरकार सक्रिय हुई है, वह सराहनीय कदम है। हालांकि ऐसे वाहनों की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से भी कम किए जाने की जरूरत है, क्योंकि आकस्मिक स्थिति में इस स्पीड पर भी दुपहिया रोकना काफी मुश्किल होता है।
टीएसआई वीर अभिमन्यु सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार का प्रस्ताव बेहद सराहनीय है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले हादसे थमेंगे। उनके पास जैसे ही इस संबंध में गाइड लाइन आती है, तत्काल इस संबंध में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
बच्चों के साथ दुपहिया की स्पीड 40 से भी हो कम - अमर उजाला
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