
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Wed, 27 Oct 2021 01:43 AM IST
सार
सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य ने सोमवार को परिवहन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन से मुलाकात कर इसकी शिकायत की। साथ ही पूर्व में लिखे पत्र का हवाला दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस पर जल्दी बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। सोई ने रामचंद्रन को बताया कि रोहतक का मॉडल फिटनेस सेंटर पूरे देश में नजीर है। इसकी तर्ज पर सरकार अपने सेंटर खोले व निजी कंपनियों को यह काम न सौंपे। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होंगे, जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ेगी।ख़बर सुनें
विस्तार
उनके खुलासे से परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। शिकायतें मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व प्रधान सचिव परिवहन के पास भी पहुंचीं हैं। परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा का कहना है कि निजी कंपनियों को वाहन फिटनेस जांच के लिए अधिकृत करने के निर्णय की समीक्षा कराई जाएगी।
कमल सोई ने बताया कि वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र बहुत महत्वपूर्ण है। इसे जारी करने का काम निजी कंपनियों को सौंपने से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो सकता है। इससे मोटर वाहन अधिनियम, 1998 की धारा 56 को प्रभावी ढंग से लागू करने में बाधा आ रही है। परिवहन आयुक्त ने 23 जून 2021 को सभी डीटीओ और आरटीए को निर्देश दिए कि वे ओईएम यानी ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर डीलरों को वाहनों की फिटनेस का परीक्षण करने के लिए अधिकृत परीक्षण स्टेशन के रूप में अधिकृत करें।
फिटनेस जांच निजी कंपनियों को सौंपने का विरोध: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद ने कहा- गड़बड़ी की आशंका, भ्रष्टाचार बढ़ेगा - अमर उजाला - Amar Ujala
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