
मोटर व्हीकल इंश्योरेंस की सभी तरह की जानकारी लोगों को नहीं होती है। अक्सर वो अपनी गाड़ियों को मोडिफाई कराते हैं और इसकी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को नहीं देते हैं और एक्सीडेंट के बाद उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।
कई लोगों की जुबान से सुनने को मिलता है कि उनका मोटर इंश्यारेंस क्लेम रिजेक्ट हो गया है। जिसके पीछे कई कारणों को बताया जाता है। जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस ना होना। नशे में ड्राइविंग के दौरान एक्सीडेंट होगा। यहां तक कि अगर आप गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस अपने नाम नहीं कराते हैं तो भी आपका क्लेम रिजेक्ट नहीं हो सकता है। आज हम आपको ऐसे और भी कइ कारण बताने जा रहे हैं कि आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
पॉलिसी और ऐड-ऑन कवर के बारे में जानकारी ना होना
क्लेम रिजेक्शन और लोगों की शिकायत का एक सामान्य कारण यह है कि कुछ विशिष्ट नुकसान पॉलिसी के तहत कवर नहीं होते हैं और इनके लिए अलग से ऐड-ऑन कवर खरीदने की जरुरत होती है। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीबीओ तरुण माथुर कहते हैं, ‘उदाहरण के लिए, इंजन खराब होने या डेप्रिसिएशन लॉस को बेसिक पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है और इसके लिए आपको अलग इंजन प्रोटेक्टर और जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर खरीदना होता है।
मरम्मत के लिए भेजी गई कार
एक सामान्य गलती यह है कि वाहन की मरम्मत खुद करवाई जाती है और फिर बीमाकर्ता को सूचित किया जाता है। रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ पंकज अरोड़ा कहते हैं कि यह एक गलती है क्योंकि कंपनी के लिए दुर्घटना को ट्रैक करना और मरम्मत करना मुश्किल है, जिससे नुकसान का आकलन करना और दावे को मंजूरी देना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि आपको बीमाकर्ता से संपर्क करना चाहिए, ताकि वह न केवल नुकसान का आकलन करे बल्कि सड़क के किनारे सहायता भी प्रदान करे और उसकी जानकारी लेकर कार को गैरेज तक ले जाता है।
व्हीकल का कमर्शियल यूज
यदि आपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए कार खरीदी है, लेकिन कमर्शियल उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है, तो दुर्घटना की स्थिति में क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
जानकारी को छिपाना या गलत जानकारी देना
यदि पॉलिसी खरीदने के समय गलत खुलासे या भौतिक तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया है, जैसे कि नो-क्लेम बोनस या पहले से मौजूद हर्जाना का मिथ्याकरण, तो दावा खारिज होने के लिए बाध्य है। इसी तरह, यदि कोई दावा दाखिल करते समय हुई दुर्घटना या क्षति के बारे में गलत जानकारी देता है, तो क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है।
बीमा योग्य ब्याज की कमी
इसका मतलब है कि मालिक अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस करने में विफल रहा है। ऐसे मामले में बीमाकर्ता द्वारा दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।
व्हीकल को मोडिफाइ कराने पर
व्हीकल को मोडिफाई कराना यदि आप अपनी कार में सीएनजी किट लगाते हैं, एक्सेसरीज़ जोड़ते हैं या व्हीकल बॉडी को मोडिफाई कराते हैं तो आपको तुरंत बीमाकर्ता को सूचित करना होगा। वर्ना एक्सीडेंट होने की स्थिति आपका क्लेम रिजक्ट हो सकता है।
पॉलिसी गाइडलाइन
यदि आप अपनी पॉलिसी में यूज क्लॉज की सीमाओं का पालन नहीं करते हैं, तो क्लेम रिजेक्ट का दिया जाता है। इसलिए, यदि आप निर्दिष्ट भौगोलिक सीमाओं के भीतर गाड़ी नहीं चला रहे हैं या यदि वाहन में पॉलिसी में सूचीबद्ध विनिर्देश नहीं हैं, जैसे कि एक विशेष इंजन क्षमता, तो दावे से इनकार किए जाने की संभावना है।
ड्राइविंग लाइसेंस नहीं
यदि वाहन चलाने वाले व्यक्ति के पास दुर्घटना के समय अपना लाइसेंस नहीं है, तो क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, उसके पास एक वैध लाइसेंस होना चाहिए जो समाप्त नहीं हुआ है और जिस प्रकार के वाहन के लिए निर्दिष्ट किया गया है उसके लिए है। उदाहरण के लिए, यदि उसके पास केवल दोपहिया वाहन चलाने का लाइसेंस है, लेकिन कार चलाते समय दुर्घटना हो जाती है, तो दावा रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
नशे में गाड़ी चलाना
जब भी कोई नशे में गाड़ी चलाता है और एक्सीडेंट हो जाता है तो उसका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। चूंकि भारत में शराब के नशे में गाड़ी चलाना गैरकानूनी है, इसलिए शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटना से होने वाले किसी भी दावे को खारिज कर दिया जाएगा।
देरी से सूचना देना
यदि आप दुर्घटना के बारे में बीमाकर्ता को समय पर सूचना नहीं देते हैं तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। इसकी समय सीमा आमतौर पर 24-48 घंटे होती है। ऐसे में आपको इस अवधि के भीतर इंयोरेंस कंपनी को सूचित करना होगा।
पॉलिसी को रिन्युअल कराने में देरी करना
पॉलिसी को रिन्युअल कराने में देरी भी आपके क्लेम को रिजेक्ट कराने में देरी कर सकता है। अगर आपकी गाड़ी का इस दौरान एक्सीडेंट हो जाता है तो आपके क्लेम को कंसीडर नहीं किया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस ना होने और गाड़ी में मोडिफिकेशन कराने से पहले जानिए वाहन बीमा के यह नियम, वर्ना क्लेम हो सकता है रिजेक्ट - Jansatta
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