मोटर वाहन अधिनियम | चश्मदीद के बयान दर्ज करने में देरी उसके बयान पर अविश्वास करने के लिए पर्याप्त नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट - Live Law Hindi
Read More
नई दिल्ली. देश में एयरबैग उद्योग का आकार वित्त वर्ष 2026-27 तक 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरबैग लगाए जाते हैं. अभी इस उद्योग का आकार 2,500 करोड़ रुपये का है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि एयरबैग वाहन उद्योग का सबसे तेजी से बढ़ता सेगमेंट है. इक्रा ने बयान में कहा कि नियामकीय और स्वैच्छिक आधार पर प्रति वाहन एयरबैग की संख्या में वृद्धि से इस उद्योग को रफ्तार मिलेगी.
इक्रा के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख विनुता एस ने कहा, ‘‘अभी प्रत्येक बिकने वाली कार के लिए औसतन तीन एयरबैग की जरूरत होती है. एक अक्टूबर 2023 से छह एयरबैग प्रति कार का नियम लागू होगा. इससे एयरबैग की मांग में इजाफा होगा.’’ इक्रा ने अनुसार, उद्योग सालाना 25-30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2026-27 तक 6,000-7,000 करोड़ रुपये पर पहुंचेगा. अभी उद्योग का आकार 2,400-2,500 करोड़ रुपये का है.
ये भी पढ़ें- Tata Punch EV का दिखेगा जलवा! E-Car लाइनअप में एक और बजट व्हीकल
कारों में करना होगा बदलाव?
रेटिंग एजेंसी ने बताया कि पहले जुलाई 2019 से कार में केवल एक एयरबैग (ड्राइवर एयरबैग) अनिवार्य किया गया था. यह एक जनवरी 2022 से श्रेणी एम1 वाहनों (अधिकतम आठ यात्रियों वाले वाहन) के लिए बढ़कर दो एयरबैग हो गया. विनुता ने कहा कि एयरबैग की अनिवार्यता बढ़ने के साथ मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) की लागत भी बढ़ेगी, क्योंकि इसके लिए उन्हें कारों में बदलाव करने होंगे और अतिरिक्त सेंसर लगाने होंगे.
पहले अक्टूबर से लागू होना था नियम
इससे पहले यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर आठ सीट वाले वाहनों में सरकार ने छह एयरबैग लगाना अनिवार्य किया था. यह आदेश एक अक्टूबर 2022 से प्रभावी होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने छह एयरबैग को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को एक साल के लिए टाल दिया. अब यह एक अक्टूबर 2023 से लागू होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन इस साल की शुरुआत में कहा था कि मोटर वाहन में सवार लोगों की सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से उसने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन के जरिये सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने का फैसला लिया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Auto News, Autofocus, Automobile, Car Bike News, Nitin gadkari
FIRST PUBLISHED : December 27, 2022, 16:49 IST
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
बालोद2 दिन पहले
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने थाना लोहारा क्षेत्र में विशेष मोटर वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। 47 लापरवाह वाहन चालकों पर 21 हजार 100 रुपए का चालान काटा गया।
चेकिंग अभियान के दौरान वाहन चालकों एवं आम नागरिकों को सीट बेल्ट लगाने एवं हेलमेट लगाने की समझाइश दी गई। बालोद पुलिस ने वाहनों में प्रेशर हार्न का प्रयोग नहीं करे, नो एंट्री में वाहन प्रवेश न करने एवं अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने न की अपील की।
देहरादून : सूबे के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर पुलिस विभाग के द्वारा राज्य भर में नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से न केवल स्कूलों और अभिभावकों को मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा रहा है बल्कि एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा रही है.
इसी प्रकार की एक कार्रवाई के दौरान देहरादून पुलिस ने आज एक स्पेशल ड्राइव के तहत टीम बनाकर 2 लाख 50 हजार रुपये जुर्माना वसूला है.
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर के द्वारा स्कूलीं नाबालिक छात्र-छात्राओं द्वारा वाहन चालने पर उनके अभिभावकों के विरुद्ध धारा 199A मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत अभियान चलाकर कार्यवाही करने व छात्र छात्राओं व उनके अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.
आज रायपुर के थानाध्यक्ष द्वारा थाना रायपुर क्षेत्र में 04 टीमें गठित कर स्कूलों वाहन लेकर आने वाले नाबालिक वाहन चालकों के अभिभावकों के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199 ए के अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु रवाना की गई.
पुलिस टीम द्वारा विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाकर वाहन चेकिंग की गई, वाहन चेकिंग के दौरान 10 नाबालिक छात्र-छात्राएं वाहन चलाते हुए पाए जाने पर उनके अभिभावकों के विरुद्ध धारा 199A एमवी एक्ट के ढाई लाख जुर्माने के चालान किए गए व 10 वाहन सीज किए गए.
नाबालिग के गाड़ी चलाने पर उसके परिजन या वाहन स्वामी द्वारा 25 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द किया जा सकता है.
इसके अलावा अगर नाबालिग से वाहन चलाने के दौरान कोई दुर्घटना होती है, उस परिस्थिति में वाहन स्वामी पर दोष सिद्ध होने पर 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक का कारावास हो सकता है.
1.उप निरीक्षक राजीव धारीवाल
2.आरक्षी 94 अंकित
3.आरक्षी 451 मनीष
1.उप निरीक्षक राकेश पुंडीर
2.आरक्षी 1461 राजेश रावत
3.आरक्षी 233 किशन पाल
1.उप निरीक्षक सतवीर सिंह
2.उप निरीक्षक मोनिका मनराल
3.आरक्षी 1041 संदीप कंडारी
4.आरक्षी 1012 रोबिन
1.वरिष्ठ उपनिरीक्षक आशीष रावत
2.उप निरीक्षक मालिनी
3.आरक्षी 1745 संतोष कुमार
4.आरक्षी 1199 प्रमोद कुमार
दिल्ली सरकार ने एक नई स्कूल कैब नीति तैयार की है, जो कुछ बदलावों के बाद निजी कारों को व्यावसायिक वाहनों के रूप में पंजीकृत करने और स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की अनुमति देगी. सूत्रों ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.
क्या है नई नीति?
नई नीति के तहत, परिवहन विभाग निजी कारों के मालिकों को अपने वाहनों को वाणिज्यिक के रूप में संचालित करने की अनुमति देने की योजना बना रहा है. इसमें कई चीजें होंगी जैसे स्पीड गवर्नर स्थापित करना और बैग ले जाने के लिए छत वाहक स्थापित करना.
पहले क्या था नियम?
नीति को सभी विभागों द्वारा पुनरीक्षित किए जाने के बाद पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा. अभी तक के नियम के अनुसार यदि कोई स्कूली बच्चों के लिए कैब चलाना चाहता है, तो उसे एक नया वाहन खरीदना होता है और इसे स्कूल कैब श्रेणी के तहत पंजीकृत करना होता है. एक बार नई कैब नीति लागू हो जाने के बाद, एक वैध फिटनेस प्रमाणपत्र के साथ सीएनजी-ईंधन वाले निजी वाहन को कमर्शियली पंजीकृत किया जा सकता है और स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए परमिट प्राप्त किया जा सकता है.
बता दें कि स्कूल कैब नीति 2007 में बनाई गई थी. दस साल बाद, इस श्रेणी में केवल नए वाहनों को पंजीकृत करने की शर्त रखी गई थी.
नए गाड़ी खरीदारों को रोड टैक्स पर भारी छूट
इससे पहले दिल्ली में नई गाड़ी के खरीदारों के लिए भी खुशखबरी आई थी. दिल्ली में अब नए गाड़ी खरीदारों को रोड टैक्स पर भारी छूट मिलेगी. इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अपने पुराने व्हीकल स्क्रैप कराएंगे. इसके के लिए दिल्ली सरकार ने एक पॉलिसी को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. दिल्ली सरकार पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के दौरान 'सर्टिफिकेशन ऑफ़ डिपॉज़िट' जारी करेगी. ग्राहक इस प्रमाणपत्र को दिखाकर नए गैर-परिवहन वाहनों की खरीद पर अधिकतम 25% और परिवहन वाहनों के मामले में 15% तक की छूट प्राप्त कर सकेंगे. पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर 'सर्टिफिकेशन ऑफ़ डिपॉज़िट' सरकार द्वारा रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर जारी करेंगे.
दिल्ली सरकार ने तीन वाहन श्रेणियों में नए खरीदारों को ये रियायत देने का फैसला किया है. गैर-परिवहन वाहनों के लिए रियायत ईंधन के प्रकार के आधार पर 8% से 25% तक होगी. 5 लाख रुपये तक के वाहनों की कीमत/लागत स्लैब में-पेट्रोल/सीएनजी गाड़ियों के लिए मोटर वाहन कर में 25% तक की अधिकतम रियायत मिलेगी.जबकि डीज़ल वाली गाड़ियों पर मोटर वाहन कर में 20% तक की अधिकतम छूट मिलेगी.
Driving Without DL (Driving Licence): बिना ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के मोटर वाहन चलाना यातायात नियमों का उल्लंघन होता है क्योंकि मौजूदा यातायात नियमों के अनुसार, सिर्फ उन्हीं को मोटर वाहन चलाने की अनुमति है, जिन्हें संबंधित विभाग (RTO) से उसके लिए लाइसेंस मिला है. अगर कोई बिना ड्राइविंग लाइसेंस के मोटर वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है तो यातायात पुलिस उसका चालान काट देती है. लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस होता तो है लेकिन वह वाहन लेकर घर से निकलते समय उसे साथ लाना भूल जाते हैं. ऐसे में अगर पुलिस रोक ले और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने के लिए कहे तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में पुलिस यह मानकर चलती है कि आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, जिसके लिए 5 हजार रुपये तक का चालान है. लेकिन, आप इस परेशानी से बच सकते हैं.
अगर आपको पता है कि आप बार-बार ड्राइविंग लाइसेंस को अपने साथ रखना भूल जाते हैं तो आप ड्राइविंग लाइसेंस की हार्ड कॉपी को साथ रखने की झंझट से छुटकारा पा सकते हैं. दरअसल, अगर आपका ड्राइविंग लाइसेंस बना हुआ है तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है, जिसमें आपको ड्राइविंग लाइसेंस की हार्ड कॉपी हर समय अपने साथ रखने की जरूरत नहीं है बल्कि उसकी सॉफ्ट कॉपी से ही आपका काम चल जाए. जब भी कभी आपको पुलिस रोके और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने के लिए कहे तो आप उसकी सॉफ्ट कॉपी दिखा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपके ड्राइविंग लाइसेंस की सॉफ्ट कॉपी डिजिलॉकर नाम की मोबाइल ऐप में होनी चाहिए, जो सरकारी ऐप है.
दरअसल, सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया पर फोकस किया जा रहा है, जिसके तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी सरकार ने डिजिलॉकर ऐप लॉन्च की थी. इस ऐप का उद्देश्य यही है कि भारतीय नागरिक पेपरलेस तरीके से अपने जरूरी डॉक्यूमेंट साथ रख सकें. आप इसमें ड्राइविंग लाइसेंस को अपलोड कर सकते हैं, जिससे इसमें आपके डीएल की सॉफ्ट कॉपी सेव हो जाएगी. फिर, जब भी पुलिस आपको रोके और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने के लिए कहे तो आप मोबाइल ऐप में डीएल दिखा सकते हैं.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं
Indian Traffic Rules: सड़क पर यात्रा करते समय, सभी यातायात नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न लगाने व कार में सीट बेल्ट न लगाने जैसे नियमों का पालन नहीं करने पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों द्वारा जुर्माना लगाया जाता है। हालांकि, कभी-कभी पुलिस आपके वाहन से चाबी निकालने की कोशिश करती है। याद रखें, वे ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। लेकिन बहुत से लोगों को इस नियम के बारे में पता नहीं होता है। हालांकि, वहीं इसका मतलब यह नहीं है कि आप ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना शुरू कर दें।
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1932 के अनुसार, केवल एक सहायक उप निरीक्षक के रैंक का यातायात पुलिस कर्मी ही आपको यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए चालान कर सकता है। ASI, उप निरीक्षक और निरीक्षकों के पास आपको मौके पर ही जुर्माना करने का अधिकार है। उनकी सहायता के लिए ही ट्रैफिक कांस्टेबल मौजूद रहते हैं। लेकिन उनके पास आपके वाहन से चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। रिपोर्टों के अनुसार, एक ट्रैफिक पुलिस वाला आपके वाहन के टायरों की हवा नहीं निकाल सकता है।
दिल्ली सरकार ने एक नई स्कूल कैब नीति तैयार की है, जो कुछ बदलावों के बाद निजी कारों को व्यावसायिक वाहनों के रूप में पंजीकृत करने और स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की अनुमति देगी. सूत्रों ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.
क्या है नई नीति?
नई नीति के तहत, परिवहन विभाग निजी कारों के मालिकों को अपने वाहनों को वाणिज्यिक के रूप में संचालित करने की अनुमति देने की योजना बना रहा है. इसमें कई चीजें होंगी जैसे स्पीड गवर्नर स्थापित करना और बैग ले जाने के लिए छत वाहक स्थापित करना.
पहले क्या था नियम?
नीति को सभी विभागों द्वारा पुनरीक्षित किए जाने के बाद पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा. अभी तक के नियम के अनुसार यदि कोई स्कूली बच्चों के लिए कैब चलाना चाहता है, तो उसे एक नया वाहन खरीदना होता है और इसे स्कूल कैब श्रेणी के तहत पंजीकृत करना होता है. एक बार नई कैब नीति लागू हो जाने के बाद, एक वैध फिटनेस प्रमाणपत्र के साथ सीएनजी-ईंधन वाले निजी वाहन को कमर्शियली पंजीकृत किया जा सकता है और स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए परमिट प्राप्त किया जा सकता है.
बता दें कि स्कूल कैब नीति 2007 में बनाई गई थी. दस साल बाद, इस श्रेणी में केवल नए वाहनों को पंजीकृत करने की शर्त रखी गई थी.
नए गाड़ी खरीदारों को रोड टैक्स पर भारी छूट
इससे पहले दिल्ली में नई गाड़ी के खरीदारों के लिए भी खुशखबरी आई थी. दिल्ली में अब नए गाड़ी खरीदारों को रोड टैक्स पर भारी छूट मिलेगी. इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अपने पुराने व्हीकल स्क्रैप कराएंगे. इसके के लिए दिल्ली सरकार ने एक पॉलिसी को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. दिल्ली सरकार पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के दौरान 'सर्टिफिकेशन ऑफ़ डिपॉज़िट' जारी करेगी. ग्राहक इस प्रमाणपत्र को दिखाकर नए गैर-परिवहन वाहनों की खरीद पर अधिकतम 25% और परिवहन वाहनों के मामले में 15% तक की छूट प्राप्त कर सकेंगे. पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर 'सर्टिफिकेशन ऑफ़ डिपॉज़िट' सरकार द्वारा रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर जारी करेंगे.
दिल्ली सरकार ने तीन वाहन श्रेणियों में नए खरीदारों को ये रियायत देने का फैसला किया है. गैर-परिवहन वाहनों के लिए रियायत ईंधन के प्रकार के आधार पर 8% से 25% तक होगी. 5 लाख रुपये तक के वाहनों की कीमत/लागत स्लैब में-पेट्रोल/सीएनजी गाड़ियों के लिए मोटर वाहन कर में 25% तक की अधिकतम रियायत मिलेगी.जबकि डीज़ल वाली गाड़ियों पर मोटर वाहन कर में 20% तक की अधिकतम छूट मिलेगी.
ख़बर सुनें
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बहुत बार ऐसा देखा गया है कि वाहन चेकिंग के दौरान या ट्रैफिक नियमों को तोड़ने से ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों को रोक देते हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटते हैं। यातायात के नियमों को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है, लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि इस दौरान कुछ ट्रैफिक पुलिस का व्यवहार सही नहीं रहता और बहुत बार वें आपकी गाड़ी की चाबी निकाल कर गाड़ी को किनारे लगाने के लिए बोलते हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऐसा करना सही है और इसके लिए मोटर व्हीकल ऐक्ट में कौन-से नियम दिए गए हैं।
चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस अगर गाड़ी से चाबी निकलता है तो यह गलत है और यह अधिकार उसे नहीं दिया गया है। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1932 के अनुसार, केवल एक सहायक उप निरीक्षक के रैंक का यातायात पुलिस कर्मी ही आपको यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए चालान जारी कर सकता है।
इसके अलावा, एएसआई, उप निरीक्षक और निरीक्षकों के पास आपको मौके पर ही जुर्माना करने का अधिकार है और ट्रैफिक कांस्टेबल सिर्फ उनकी सहायता के लिए वहां पर मौजूद रहते हैं। इस कारण किसी भी ट्रैफिक कांस्टेबल को आपकी गाड़ी से चाबी निकालने का अधिकार नहीं है।
अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं तो भले ही आपकी गाड़ी की चाबी ट्रैफिक पुलिस नहीं निकाल सकता, पर इन चीजों के नहीं रहने पर जुर्माना लगना तय है। अगर आप बिना ड्राइविंग लाइसेंस, PUC और इंश्योरेंस पेपर नहीं है तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि ड्राइविंग करते समय हेलमेट पहनना चाहिए और यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
ये भी पढ़ें-
Engine Oil Myths: आंख बंद कर न करें भरोसा, इंजन ऑयल से जुड़े वो मिथ जिन्हें अब तक सच मानते आए हैं आप
Car Care Tips: क्या आपकी कार के एग्जॉस्ट पाइप से निकलता है पानी? इंजन की सेहत के लिए अच्छा या बुरा
Edited By: Sonali Singh
आइआइटी, पटना ने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को रफ्तार देने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर कंट्रोलर बनाया है। यह स्वदेशी कंट्रोलर वाहन में पावर लास कम करता है और उसको लंबी दूरी की यात्रा क्षमता प्रदान करता है। यह चीन से आयात होने वाले कंट्रोलर की तुलना में लगभग आधी कीमत में उपलब्ध होगा। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी आरएसबी ग्लोबल ने दिलचस्पी दिखाई है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रो. रंजन कुमार बेहरा के निर्देशन में इसे तैयार किया गया है। प्रो. बेहरा बताते हैं कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों में जो कंट्रोलर लगे हैं, उनसे अधिक पावर लास होता है। उपयोगिता भी 70 प्रतिशत तक होती है, जबकि आइआइटी में बने मोटर कंट्रोलर की उपयोगिता 90 प्रतिशत तक है। यह वाहन की बाड़ी में कंपन को भी कम करता है। इससे ज्यादा दूरी तय की जा सकती है।
इस कंट्रोलर में विज्ञानियों ने सुरक्षा फीचर भी दिया है, जिससे अचानक लोड बढ़ने पर मोटर बंद हो जाती है। इससे आग लगने की आशंका नहीं रहती। प्रो. बेहरा के अनुसार, उनकी टीम ने लंबे समय तक चलने वाले कंट्रोलर को बनाया है। वर्तमान में पांच एचपी व 50 एचपी क्षमता के कंट्रोलर बनाए गए हैं।
इसके लिए आइटी मंत्रालय के सी-डैक तिरुअनंतपुरम की ओर से 50 लाख रुपये दिए गए थे। यह राशि पांच एचपी वाहन के प्रोटोटाइप तथा 50 एचपी की डिजाइन बनाने के लिए दी गई थी। इसका प्रदर्शन आइटी मंत्रालय की ओर से दिल्ली में 14 से 16 अक्टूबर तक आयोजित प्रदर्शनी में भी किया गया।
पांच एचपी में 45 हजार तक खर्च इस मोटर कंट्रोलर को विशेष रूप से बनाया गया है, जिससे कम ऊर्जा उपयोग में बेहतर बैकअप देता है। इसकी जांच शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के साथ हाईवे पर भी की गई है। प्रो. बेहरा के अनुसार, एक इलेक्ट्रिक वाहन में पांच एचपी का मोटर व कंट्रोलर लगाने में 45 से 50 हजार रुपये का खर्च आएगा।
अभी उपलब्ध मोटर कंट्रोलर लगाने में एक लाख रुपये से अधिक का खर्च आता है। इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियां चीन व दूसरे देशों पर आश्रित हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चार पहिया वाहन में 10 से 20 एचपी तक का मोटर कंट्रोलर लगा होता है। इसमें लगभग छह लाख रुपये खर्च होते हैं, जबकि आइआइटी की विशेष तकनीक वाले कंट्रोलर में लगभग तीन लाख रुपये का खर्च आएगा।
आइआइटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने बताया कि इस कंट्रोलर का पेटेंट मिल चुका है। अब इसके उपयोग के लिए कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। प्रोटोटाइप को एक कंपनी ने 17 लाख रुपये में खरीदा है।
इंडियन ऑयल के पास हाईवे के सर्विस रोड पर खड़े वाहन। संवाद - फोटो : AURAIYA
ख़बर सुनें
चालान करने के लिए ऑटो को रोकने के लिए दौड़ते पुलिसकर्मी। संवाद - फोटो : Kurukshetra
ख़बर सुनें
New Traffic Rule: कार में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को कल यानी 1 नवंबर 2022 से सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। 14 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि 1 नवंबर 2022 से ड्राइवर और सह-यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा।
अपनी अधिसूचना में, मुंबई पुलिस ने कहा कि जो कोई भी बिना सुरक्षा बेल्ट पहने मोटर वाहन चलाता है या सीट बेल्ट नहीं पहने यात्रियों को ले जाता है, तो वह दंडनीय होगा।
मुंबई पुलिस ने यह भी कहा था कि जिस मोटर वाहन में सीट बेल्ट की सुविधा नहीं है, उसमें भी सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना होगा। इसके लिए नियत तारीख भी 1 नवंबर, 2022 निर्धारित की गई थी।
अधिसूचना में कहा गया, ‘सभी मोटर वाहन चालकों और वाहनों में सभी यात्रियों, जो भी मुंबई शहर की सड़क पर यात्रा करते हैं, को सूचित किया जाता है कि, ड्राइवरों और सभी यात्रियों के लिए 01/11/2022 से यात्रा करते समय सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा। अन्यथा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 194(बी)(1) के तहत कार्रवाई की जाएगी।’
बता दें कि सितंबर में, सड़क सुरक्षा नियमों को मजबूत करने के लिए, दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को पीछे की सीट बेल्ट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था। बेल्ट न लगाने पर उनसे 1,000 रुपये का जुर्माना लिया गया।
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मसौदा नियम जारी कर कार निर्माताओं के लिए कारों की सभी सीटों पर सीट बेल्ट अलार्म लगाना अनिवार्य कर दिया था। इससे पहले सितंबर में, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि अब से कार में सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा, जिसमें पीछे की सीटों पर भी शामिल हैं, और नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
ख़बर सुनें
[unable to retrieve full-text content]
दिल्ली में ये वाहन हो गए हैं बैन, अगर आप भी चला रहे हैं तो जुर्माना भरने के लिए रहें तैयार DriveSpark Hindiबालोद। शुक्रवार को जिले में विशेष मोटर वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस मोटर वाहन चेकिंग का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना एवं लापरवाह वाहन चालकों पर सख्ती से कार्यवाही करना है।
बता दे कि 2 दिसम्बर को जिले के समस्त थाना, चौकी प्रभारीयों द्वारा मोटरयान चेकिंग अभियान चलाकर कुल 21 लापरवाह वाहन चालकों के विरूद्व मोटरयान अधिनियम् के तहत् कार्यवाही कर 7400 रू. समन शुल्क वसूल किया गया। ब्लैक फिल्म लगाकार वाहन चालन करने वाले चालकों पर त्वरित कार्यवाही कर मौके पर ब्लैक फिल्म हटाकार नियमानुसर फाईन किया गया साथ ही हिदायत दिया की ब्लैक फिल्म लगाकर वाहल न चलाए।
इस चेकिंग अभियान के दौरान वाहन चालको एवं आम नागरिकों को सीट बेल्ट लगाने एवं हेलमेट लगाने की समझाईश देकर यातायात संकेतो के बारे में बताया गया साथ ही ब्लैक फिल्म लगाकर वाहन नहीं चलाने की समझाईष दिया गया। समझाईश के साथ-साथ लापरवाह वाहन चालको जैसे तेज गति से वाहन चलाने, शराब सेवन कर वाहन चलाना, ओव्हरलोड़ माल/यात्री परिवहन, दोपहिया वाहन में तीन सवारी बैठाना, नम्बर प्लेट का स्पष्ट न लिखा होना, एवं मौके पर वाहन के दस्तावेज पेष नहीं करने, वाहन चलाते हुए मोबाईल से बात करना बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के वाहन चलाते पाये जाने वालों पर सख्ती से कार्यवाही किया गया है।
चेकिंग अभियान बालोद पुलिस द्वारा लगातार जारी रहेगा। बालोद पुलिस आम नागरिकों से अपील करता है कि अपने नाबालिक बच्चों को वाहन चलाने न देवे वाहन चलाते समय सीट बेल्ट एवं हेलमेट अवश्य लगावे व वाहन चलाते समय वाहन के दस्तावेज हमेशा अपने साथ रखे अथवा मोबाईल में सॉफट कॉपी में अपने दस्तावेज सुरक्षित रख सकते है। यातायात पुलिस आपकी सहायता के लिए है उन्हे वाहन चेकिंग के दौरान सहयोग प्रदान करें।
हमीरपुर5 घंटे पहले
नाका लगाकर वाहनों की चैकिंग करते पुलिस कर्मी।
शरारती वाहन चालकों की ओर से नियमों की अवहेलना की जाती है। इसके बाद पुलिस पकड़ में न आने के लिए वे क्या-क्या तरीके अपनाते हैं, इसका खुलासा आज ट्रैफिक पुलिस अभियान में हुआ। हमीरपुर शहर में आज चैकिंग अभियान चलाया गया और कई युवाओं को जुर्माना लगाया गया।
इस दौरान बेहद चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि शरारती तत्व पहले नियम तोड़ते हैं और फिर दोपहिया वाहन बाइक चालक की नंबर प्लेट के ऊपर टेप लगाकर या नंबर प्लेट को फोल्ड कर रहे हैं। यही नहीं बिना नंबर प्लेट के या अन्य किसी भी तरीके से नंबर प्लेट को अदृश्य बना रहे हैं।
वे ऐसा इसलिए कर रहे, ताकि उनके वाहन की नंबर प्लेट नहीं पढ़ी जा सके। यह जानकारी पुलिस के पास पहुंची तो ऐसे लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। पुलिस की ओर से ऐसे वाहनों को नाका लगाकर रोका जा रहा है, ताकि उनके वाहनों की पूरी तरह जांच की जा सके।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई
जिला पुलिस हमीरपुर के द्वारा 9 वाहनों के 22 हजार रुपए के जुर्माने के कागज मोटर वाहन अधिनियम के अधीन चालान करके कोर्ट को भेजे गए। इस अभियान के तहत शुक्रवार को 2 बाइक चालक नम्बर प्लेट को फोल्ड करके ड्राइव करते हुए मिले। बाइक का नम्बर केवल HP84 ही दिखाई दे रहा था।
दोनों बाइक के मालिकों को थाना सुजानपुर में लाकर पूछताछ की गई व उनके नंबर सत्यापित किए गया। बाइक के पूरे नंबर HP84-4060 व HP84-1685 पाए गए, हालांकि पुलिस ने इन दोनों बाइकों के मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान करने के बाद उन्हें छोड़ दिया, लेकिन हिदायत भी दी गई।
SP डॉ आकृति शर्मा ने बताया कि शरारती दोपहिया वाहन चालकों के विरूद्ध विशेष निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। वाहनों की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करने वालों को नाका लगाकर पकड़ा जा रहा है। उनके चालान भी काटे जा रहे हैं।
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...