
महाराष्ट्र के सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी की जा रही है. (सांकेतिक फोटो- News18)
महाराष्ट्र में सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी, अगले साल से शुरू होगी प्रोसेस - News18 हिंदी
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महाराष्ट्र के सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तैयारी की जा रही है. (सांकेतिक फोटो- News18)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामले में अहम व्यवस्था दी है। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने कहा कि एक गृहिणी के कार्य को पैसों के साथ नहीं तौला जा सकता है। एक महिला पूरे परिवार की देखभाल करती है और वह निश्चित रूप से ही मुआवजे की हकदार है। अदालत ने मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के फैसले में संशोधन कर मुआवजे की राशि बढ़ाई है।
याचिकाकर्ता दिलबाग सिंह को 3,21,500 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश पारित करते हुए अदलत ने 5,000 रुपये की कॉस्ट भी लगाई है। प्राधिकरण ने याचिकाकर्ता को सिर्फ 15,000 रुपये का मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे। इस फैसले को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। अदालत ने निचली अदालत के फैसले को संशोधित करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि 16 जून 2007 को उसकी पत्नी मां वैष्णो के दर्शन करने के बाद घर आ रही थी। जिस गाड़ी से वह आ रही थी, वह चालक की लापरवाही से दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
याचिकाकर्ता ने मोटर वाहन दुर्घटना प्राधिकरण ऊना के समक्ष मुआवजे के लिए याचिका दायर की। प्राधिकरण ने याचिकाकर्ता की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15,000 रुपये का मुआवजा अदा किया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि याचिकाकर्ता पत्नी की आय को अदालत के समक्ष साबित नहीं कर पाया। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर कहा कि एक महिला के कार्य को पैसों के साथ नहीं तौला जा सकता है। अदालत ने कहा कि यदि गृहिणी को मुआवजा आंकने की बात आती है तो उस स्थिति में महिला की ओर से घर में किए गए कार्यों को देखा जा सकता है।
गाड़ी खरीदने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी होता है उसका रजिस्ट्रेशन कराना। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नंबर प्लेट दी जाती हैं। नंबर प्लेट के बिना गाड़ी चलाने पर आपको जेल भी हो सकती हैं।
Interesting Facts:आपने देखा होगा गाड़ियों के पीछे नंबर प्लेट लगा होता है। गाड़ी के आगे और पीछे दोनो ही साइड नंबर प्लेट लगाना जरूरी होता है। गाड़ी को आप बिना नंबर प्लेट के नहीं चला सकते हैं। इन नंबर प्लेटों में कुछ खास संख्याओं के साथ-साथ आपने देखा होगा कि- DL, UK, BR लिखा होता है। हर राज्य के अनुसार यह संख्या दी जाती हैं। इससे पता चलता है कि कार किस राज्य की हैं।
एक वाहन भले कई लोगों के पास हो लेकिन हर गाड़ी की पहचान नंबर प्लेट से होती हैं। सभी गाड़ी के नंबर प्लेट अलग होते हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक, देश में वाहन को आप तब तक नहीं चला सकते हैं जब तक उसका रजिस्ट्रेशन ना करवाया गया हो। गाड़ी खरीदने के बाद सबसे पहले इसका पंजीकरण प्रक्रिया करना होता है। हर एक नंबर प्लेट यूनिक होती है
कई गाड़ियों में नंबर प्लेट अलग होता है। देश की सड़कों पर सबसे ज्यादा सफेद कलर की नंबर प्लेट वाली गाड़ियां दिखती हैं। इसका मतलब होता है निजी वाहन। पीले नंबर प्लेट वाली नंबर प्लेट को कमर्शियल उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ग्रीन नंबर प्लेट वाले वाहनों का मतलब होता है इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से संचालित हैं।
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VIP नंबर प्लेट सभी के पास नहीं होती है। इसमें कई अंक एक सामान होते है। इसके लिए आपको लाखों रुपये चुकाने होते हैं। इसका इस्तेमाल ज्यादातर अमीर लोग करते हैं। आपको बता दें कि वाहन नंबर प्लेट को लाइसेंस प्लेट भी कहा जाता है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
शामली। पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सहायक संभागीय परिवहन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। लोगों से अपील की है कि हेल्पलाइन पर सूचना दें, तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रोहित राजपूत ने बताया कि निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जाना दंडनीय अपराध है तथा मोटर वाहन अधिनियम एवं कराधान अधिनियम के विरुद्ध है। जिसके दृष्टिगत जनपद के समस्त जन सामान्य एवं वाहन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि किसी वाहन स्वामी, संस्थान, निकाय द्वारा निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनाें को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग न किया जाए और यदि व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जा रहा है तो ऐसे प्रकरण की सूचना परिवहन विभाग की हेल्पलाइन सेवा 1800-1800-151 पर दर्ज कराएं, ताकि ऐसे वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्यवाही कर राजस्व हानि को रोका जा सके।
संवाद न्यूज एजेंसी
शामली। पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सहायक संभागीय परिवहन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। लोगों से अपील की है कि हेल्पलाइन पर सूचना दें, तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रोहित राजपूत ने बताया कि निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जाना दंडनीय अपराध है तथा मोटर वाहन अधिनियम एवं कराधान अधिनियम के विरुद्ध है। जिसके दृष्टिगत जनपद के समस्त जन सामान्य एवं वाहन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि किसी वाहन स्वामी, संस्थान, निकाय द्वारा निजी वाहन के रूप में पंजीकृत वाहनाें को व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग न किया जाए और यदि व्यवसायिक वाहनों की तरह उपयोग किया जा रहा है तो ऐसे प्रकरण की सूचना परिवहन विभाग की हेल्पलाइन सेवा 1800-1800-151 पर दर्ज कराएं, ताकि ऐसे वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्यवाही कर राजस्व हानि को रोका जा सके।
आरटीए कार्यालय के रिश्वत प्रकरण की गहराई से जांच कर रहे हैं। दूसरे आरोपी को अभी काबू नहीं किया जा सका है। दोनों आरोपियों से आमने-सामने पूछताछ होगी। केस में किसी अन्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
विवेक कुंडू, डीएसपी और जांच अधिकारी
मुख्यमंत्री बिना सीट बेल्ट लगाये घूम रहे हैं पटना की सडकों पर - फोटो : सोशल मीडिया
मुख्यमत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह बिना सीट बेल्ट लगाए ही गाड़ी में ड्राइविंग सीट के बगल में बैठे नजर आ रहे हैं। सोमवार दोपहर यह वीडियो वायरल हुआ तो विपक्ष में बैठी भाजपा समेत आम लोग भी बिहार सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री ही ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं, वही दूसरी ओर पटना पुलिस अब कैमरे से जरिए निगरानी रखकर आम लोगों से चालान वसूल रही है। मेन रोड तो छोड़िए गली-मोहल्ले में भी ट्रैफिक नियमों में थोड़ी चूक होने वाले से फाइन वसूल लिया जाता है।
भाजपा ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फाइन भरना चाहिए
बिहार भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी आप पुल-पुलिया का निरीक्षण कीजिए, आप बिहार का दौरा कीजिए। लेकिन, सीट बेल्ट जरूर लगाइए। ट्रैफिक के नियमों का पालन जरूर कीजिए। बाबा बागेश्वर जब आए थे और बिना सीट बेल्ट लगाए दिखे थे तो आपने उनका फाइन कटवा दिया था। आप कैसे कैमरा लगाए है कि यह मुख्यमंत्री का फाइन नहीं काटता है और आम आदमी का फाइन काटते रहता है। ट्रैफिक नियम सबसे लिए बराबर होता है, चाहे वह आम जनता हो या मुख्यमंत्री। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि आप सीट बेल्ट लगाकर जरूर चलें। क्योंकि आपको लेकर जनता में एक संदेश जाता है। आप जब ट्रैफिक नियमों को तोड़ेंगे तो जनता भी इसे तोड़ सकती है। इसलिए मुख्यमंत्री जी आपको फाइन जरूर भरना चाहिए।
बाबा बागेश्वर पटना में बिना सीट के दिखे तो गाड़ी पर लगा था जुर्माना
बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिस गाड़ी से पटना एयरपोर्ट से होटल तक आए थे, उसपर पटना पुलिस ने 19 मई को जुर्माना लगाया था। बाबा के साथ भाजपा सांसद गिरिराज सिंह और मनोज तिवारी भी थी। मनोज तिवारी बाबा की गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पीछे वाली सीट पर बैठे थे। ट्रैफिक पुलिस को शिकायत मिली थी कि पटना एयरपोर्ट से होटल जाने के दौरान तीनों में से किसी ने भी सीट बेल्ट नहीं लगाया था। शिकायत के बाद पटना ट्रैफिक पुलिस ने मामले की जांच की। जांच में शिकायत की पुष्टि हुई। इसके बाद जुर्माना लगाया। नए नियमों के तहत गाड़ी में आगे के साथ ही पीछे की सीट पर भी बेल्ट लगाना भी अनिवार्य है, लेकिन मध्य प्रदेश नंबर की बाबा की कार में किसी ने बेल्ट नहीं लगाई थी। ट्रैफिक एसपी पूरण झा ने फाइन की पुष्टि करते हुए बताया कि हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
सीट बेल्ट लगाना इसलिए है जरूरी
एक्सपर्ट बताते हैं कि कार में आपने सीट बेल्ट नहीं लगायी, तो हादसा होने के बाद आपको गंभीर चोटें आ सकती हैं। सीट बेल्ट आपको आपकी सीट से बांधे रखता है, ऐसे में हादसे के बाद चोट कम लगती है। इतना ही नहीं कभी-कभी कार में उलट-पुलट होकर आप कार से बाहर भी गिर सकते हैं। इससे सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आते हैं। इसके अलावा सीट बेल्ट नहीं होने पर कई बार एयरबैग भी नहीं खुलता है।
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...