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Friday, June 30, 2023

80...100 य 120 Kmph! जस सडक वस रफतर गड नकलन स पहल जरर पढ ल य खबर - Aaj Tak

Speed Limit On Indian Roads: जब आप अपनी कार या बाइक से घर से निकलते हैं तो उस वक्त आप यही सोच रहे होते हैं कि जितनी जल्दी हो सके मंजिल तक पहुंचा जाए. इस चक्कर में ज्यादातर लोग सेफ्टी को दरकिनार कर वाहन की रफ्तार भी बढ़ा देते हैं. लेकिन इस जल्दबाजी और लापरवाही के चलते लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ जाता है. 
कई बार एक्सीडेंट के रूप में तो कई बार भारी चालान की सूरत में. 

'स्पीड थ्रील्स बट किल्स' आपने एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर यह लाइन लिखी हुई जरूर देखी होगी. ये पक्तियां आपको कार के एक्सलेटर पर दिए जाने वाले दबाव को कम करने की याद दिलाती हैं, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित हो सके. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को लेकर भी कुछ मानक और नियम तय किए गए हैं, जो कि अलग-अलग तरह की सड़कों और वाहनों के अनुसार भिन्न है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर आपको भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है. तो घर से गाड़ी निकालने से पहले इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है- हम यहां पर ग्रॉफिक्स के जरिए अलग-अलग सेग्मेंट के वाहनों के अनुसार विभिन्न तरह के सड़कों पर वाहनों की तय रफ्तार के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और मालवाहक इत्यादि सभी शामिल हैं-  

चालक सहित अधिकतम 9 सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

सड़कों पर वाहन की रफ्तार के लिए नियम: 

सरकार देश में अलग-अलग सड़कों के लिए वाहनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रही है. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "सरकार वाहनों की गति सीमा के लिए नए नियमों को लागू करने तैयारी कर रही है क्योंकि भारत का नया राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेज गति को संभालने में सक्षम है."

हालांकि सरकार ने 6 अप्रैल, 2018 को देश के विभिन्न श्रेणियों की सड़कों पर किलोमीटर प्रति घंटे में मोटर वाहनों की अधिकतम गति तय करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी. उस वक्त सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने के नए नियमों के बारे में बताया था.

चालक सहित 10 या उससे ज्यादा सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

एक्सप्रेसवे: (एक्सेस कंट्रोल के साथ)

देश के एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मोटर वाहन जिनमें ड्राइवर की सीट के अलावा अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. ऐसे वाहनों को M1 श्रेणी में रखा गया है. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

मालवाहक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले N कैटेगरी के वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. इसके अलावा जिन एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल की अनुमति है वहां पर दोपहिया वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. हालांकि दिल्ली-मुंबई जैसे एक्सप्रेसवे पर दोपहिया, क्वाड्रिसाइकिल और तीन पहिया वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है. 

दोपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

4-लेन और उससे ज्यादा वाले हाइवे: (मीडियन स्ट्रिप्स/डिवाइडर वाली सड़कें)

आप अपनी कार (M1 श्रेणी के वाहन) को 4-लेन और उससे अधिक लेन वाले राजमार्गों पर मध्य पट्टियों और डिवाइडर वाले विभाजित कैरिजवे पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से चला सकते हैं. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उन्हें अधिकतम 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलाने का नियम है.

N कैटेगरी यानी कि मालवाहकों के लिए स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है. इसके अलावा दोपहिया के लिए 80Kmph, क्वॉड्रिसाइकिल के लिए 60Kmph और तिपहिया वाहनों के लिए अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है. 

तिपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

नगर निगम सीमा के भीतर की सड़क:

नगर निगम सीमा के भीतर आने वाली सड़कों के लिए अलग नियम तय किए गए हैं. ऐसी सड़कों पर M1 श्रेणी के वाहन यानी जिसमें अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 70 Kmph तय की गई है. वहीं M2 और M3 श्रेणी जिनमें ड्राइवर के अलावा 9 या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है.

क्वाड्रिसाइकिल वाहनों के लिए स्पीड लिमिट

इसके अलावा N कैटेगरी में आने वाले मालवाहक और दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 60 Kmph, वही क्वाड्रिसाइकिल और तिपहिया मोटर वाहन जैसे ऑटो इत्यादि के लिए मैक्सिमम स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसके अलावा अन्य सभी सड़कों पर भी वही स्पीड लिमिट लागू होती है, जो कि नगर निगम वाली सड़कों के लिए तय किए गए हैं. 

क्या होता है क्वाड्रिसाइकिल:
 

छोटे वाहनों की एक नई श्रेणी - क्वाड्रिसाइकिल, को भारत सरकार और विशेष रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2018 में नए व्हीकल कैटेगरी के तौर पर अप्रूव किया था. एक क्वाड्रिसाइकिल 3.6 मीटर से अधिक लंबी नहीं हो सकती, इसका इंजन 800cc से छोटा होना चाहिए और इसका वजन 475 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए. वर्तमान में, भारत में केवल कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां ही क्वाड्रिसाइकिल बनाती हैं. सरकार द्वारा 2018 में वाहन पेश करने की अनुमति देने के बाद, बजाज ऑटो लिमिटेड इस सेगमेंट के तहत 'Bajaj Qute' को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने वाला पहला ब्रांड था.

मालवाहक के लिए तय स्पीड

क्या एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहन चला सकते हैं?  

वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र कोडल प्रावधानों के चलते एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं है. देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) को हाल ही में शुरू किया गया है. यहां पर बाइक और स्कूटर समेत दोपहिया वाहन नहीं चला सकते हैं. वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश निषिद्ध है.

चूकिं एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार ज्यादा रहती है ऐसे में दोपहिया वाहनों को उसी स्पीड में चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. वहीं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. 

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80...100 या 120 Kmph! जैसी सड़क वैसी रफ्तार, गाड़ी निकालने से पहले जरूर पढ़ लें ये ख़बर - Aaj Tak
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Thursday, June 29, 2023

Haryana News एफआईआर दर स दरज हन क आधर बनकर मआवज क दव खरज करन गलत- हई करट.. - दनक जगरण (Dainik Jagran)

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि मोटर वाहन हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति की विधवा का मुआवजे का दावा केवल एफआईआर में देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। मुआवजे के दावे की जांच सिविल कार्यवाही है और संभावनाओं पर आधारित सबूत ही विवादित तथ्यों के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जा सकते हैं।

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Haryana News एफआईआर देरी से दर्ज होने को आधार बनाकर मुआवजे का दावा खारिज करना गलत- हाई कोर्ट.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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Wednesday, June 28, 2023

80...100 य 120 Kmph! जस सडक वस रफतर गड नकलन स पहल जरर पढ ल य खबर - Aaj Tak

Speed Limit On Indian Roads: जब आप अपनी कार या बाइक से घर से निकलते हैं तो उस वक्त आप यही सोच रहे होते हैं कि जितनी जल्दी हो सके मंजिल तक पहुंचा जाए. इस चक्कर में ज्यादातर लोग सेफ्टी को दरकिनार कर वाहन की रफ्तार भी बढ़ा देते हैं. लेकिन इस जल्दबाजी और लापरवाही के चलते लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ जाता है. 
कई बार एक्सीडेंट के रूप में तो कई बार भारी चालान की सूरत में. 

'स्पीड थ्रील्स बट किल्स' आपने एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर यह लाइन लिखी हुई जरूर देखी होगी. ये पक्तियां आपको कार के एक्सलेटर पर दिए जाने वाले दबाव को कम करने की याद दिलाती हैं, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित हो सके. सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को लेकर भी कुछ मानक और नियम तय किए गए हैं, जो कि अलग-अलग तरह की सड़कों और वाहनों के अनुसार भिन्न है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर आपको भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है. तो घर से गाड़ी निकालने से पहले इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है- हम यहां पर ग्रॉफिक्स के जरिए अलग-अलग सेग्मेंट के वाहनों के अनुसार विभिन्न तरह के सड़कों पर वाहनों की तय रफ्तार के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और मालवाहक इत्यादि सभी शामिल हैं-  

चालक सहित अधिकतम 9 सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

सड़कों पर वाहन की रफ्तार के लिए नियम: 

सरकार देश में अलग-अलग सड़कों के लिए वाहनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रही है. इस बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "सरकार वाहनों की गति सीमा के लिए नए नियमों को लागू करने तैयारी कर रही है क्योंकि भारत का नया राजमार्ग और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेज गति को संभालने में सक्षम है."

हालांकि सरकार ने 6 अप्रैल, 2018 को देश के विभिन्न श्रेणियों की सड़कों पर किलोमीटर प्रति घंटे में मोटर वाहनों की अधिकतम गति तय करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी. उस वक्त सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने के नए नियमों के बारे में बताया था.

चालक सहित 10 या उससे ज्यादा सीट वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट:

एक्सप्रेसवे: (एक्सेस कंट्रोल के साथ)

देश के एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले मोटर वाहन जिनमें ड्राइवर की सीट के अलावा अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. ऐसे वाहनों को M1 श्रेणी में रखा गया है. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है.

मालवाहक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले N कैटेगरी के वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. इसके अलावा जिन एक्सप्रेस-वे पर मोटरसाइकिल की अनुमति है वहां पर दोपहिया वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तय की गई है. हालांकि दिल्ली-मुंबई जैसे एक्सप्रेसवे पर दोपहिया, क्वाड्रिसाइकिल और तीन पहिया वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है. 

दोपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

4-लेन और उससे ज्यादा वाले हाइवे: (मीडियन स्ट्रिप्स/डिवाइडर वाली सड़कें)

आप अपनी कार (M1 श्रेणी के वाहन) को 4-लेन और उससे अधिक लेन वाले राजमार्गों पर मध्य पट्टियों और डिवाइडर वाले विभाजित कैरिजवे पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से चला सकते हैं. वहीं M2 और M3 श्रेणी के वाहन जिनमें ड्राइवर के अलावा नौ या अधिक सीटें होती हैं उन्हें अधिकतम 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलाने का नियम है.

N कैटेगरी यानी कि मालवाहकों के लिए स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई है. इसके अलावा दोपहिया के लिए 80Kmph, क्वॉड्रिसाइकिल के लिए 60Kmph और तिपहिया वाहनों के लिए अधिकतम 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है. 

तिपहिया वाहनों के लिए तय रफ्तार

नगर निगम सीमा के भीतर की सड़क:

नगर निगम सीमा के भीतर आने वाली सड़कों के लिए अलग नियम तय किए गए हैं. ऐसी सड़कों पर M1 श्रेणी के वाहन यानी जिसमें अधिकतम 8 सीटें होती हैं उनके लिए स्पीड लिमिट 70 Kmph तय की गई है. वहीं M2 और M3 श्रेणी जिनमें ड्राइवर के अलावा 9 या अधिक सीटें होती हैं उनके लिए 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय की गई है.

क्वाड्रिसाइकिल वाहनों के लिए स्पीड लिमिट

इसके अलावा N कैटेगरी में आने वाले मालवाहक और दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड 60 Kmph, वही क्वाड्रिसाइकिल और तिपहिया मोटर वाहन जैसे ऑटो इत्यादि के लिए मैक्सिमम स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसके अलावा अन्य सभी सड़कों पर भी वही स्पीड लिमिट लागू होती है, जो कि नगर निगम वाली सड़कों के लिए तय किए गए हैं. 

क्या होता है क्वाड्रिसाइकिल:
 

छोटे वाहनों की एक नई श्रेणी - क्वाड्रिसाइकिल, को भारत सरकार और विशेष रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2018 में नए व्हीकल कैटेगरी के तौर पर अप्रूव किया था. एक क्वाड्रिसाइकिल 3.6 मीटर से अधिक लंबी नहीं हो सकती, इसका इंजन 800cc से छोटा होना चाहिए और इसका वजन 475 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए. वर्तमान में, भारत में केवल कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां ही क्वाड्रिसाइकिल बनाती हैं. सरकार द्वारा 2018 में वाहन पेश करने की अनुमति देने के बाद, बजाज ऑटो लिमिटेड इस सेगमेंट के तहत 'Bajaj Qute' को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने वाला पहला ब्रांड था.

मालवाहक के लिए तय स्पीड

क्या एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहन चला सकते हैं?  

वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र कोडल प्रावधानों के चलते एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों की अनुमति नहीं है. देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) को हाल ही में शुरू किया गया है. यहां पर बाइक और स्कूटर समेत दोपहिया वाहन नहीं चला सकते हैं. वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश निषिद्ध है.

चूकिं एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार ज्यादा रहती है ऐसे में दोपहिया वाहनों को उसी स्पीड में चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. वहीं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. 

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Tuesday, June 27, 2023

Challan: कई पलस वल कर बइक सकटर क चब छन त ऐस द जवब! जन ल अपन अधकर - Zee News Hindi

Traffic Rules: यातायात पुलिस के ऊपर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है. यातायात पुलिस सुनिश्चित करती है कि सड़क पर सभी यातायात नियमों का पालन हो. हालांकि, कई बार पुलिसकर्मी और सड़क पर मोटर वाहन लेकर चल रहे यात्रियों के बीच गलतफहमी हो जाती है, जिसके कारण तनाव जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में कई बार पुलिसकर्मी मोटर वाहन की चाबी छीन लेते हैं. लेकिन, क्या यह सही है और वह ऐसा कर सकते हैं. चलिए, इसस जुड़े नियम के बारे में आपको बताते हैं.


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Challan: कोई पुलिस वाला कार, बाइक, स्कूटर की चाबी छीने तो ऐसे दें जवाब! जान लें अपने अधिकार - Zee News Hindi
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Friday, June 23, 2023

Himachal: हईकरट न मटर वहन दरघटन क ममल क नपटन क लए जर कए जरर दश-नरदश यह पढ - अमर उजल

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सार्वजनिक स्थान पर सड़क दुर्घटना के संबंध में सूचना प्राप्त करने पर संबंधित एसएचओ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 159 के अनुसार कदम उठाएं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच अधिकारी दावा अधिकरण को 48 घंटे के भीतर प्राथमिकी जमा करवाए। पंजीकरण अधिकारी पंजीकरण को सत्यापित करने के लिए बाध्य है। उसे वाहन का, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की फिटनेस, परमिट और अन्य सहायक मुद्दे और समन्वय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को जिम्मेवार ठहराया गया है।

सभी दस्तावेज स्थानीय भाषा में या अंग्रेजी में दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी को पीड़ित, ड्राइवर, मालिक, बीमा कंपनियों और अन्य हितधारकों को दुर्घटना के बारे में जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम और नियम में जांच अधिकारी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उसकी समय सीमा के भीतर नियमों के तहत कार्य करने की जिम्मेवारी है। पुलिस की ओर से दावा प्राधिकरण के समक्ष प्राथमिकी जमा करवाने पर प्राधिकरण को नियमों के तहत मामला निपटाने के आदेश दिए गए हैं। दावा न्यायाधिकरणों को आदेश दिए गए हैं कि सबसे पहले बीमा कंपनी के नामित अधिकारी और आश्रितों के बीच उचित मुआवजा देने के इरादे से समझौता दर्ज किया जाए। यदि दावेदार इस समझौते से सहमत नहीं है तो उस स्थिति में नियमाें में मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए।

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Himachal: हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना के मामलों को निपटाने के लिए जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश, यहां पढ़ें - अमर उजाला
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दवदर क 163A मटर वहन अधनयम क तहत दरघटन करन वल वहन क लपरवह सथपत करन क आवशयकत... - Live Law Hindi

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य परिवहन निगम (WBSTC) को 2007 में WBSTC बस से सड़क दुर्घटना में मारी गई एक नाबालिग लड़की के परिवार को 2 लाख का मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया।

पीड़ितों के माता-पिता ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के एक आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें केवल 15,000 रुपये का मुआवजा दिया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि धारा 163ए की एक सख्त व्याख्या की आवश्यकता थी और ऐसे मामलों में आपत्तिजनक वाहन की लापरवाही महत्वहीन होगी, हालांकि, ट्रिब्यूनल ने लापरवाही के पहलू पर फैसला किया।

यह भी तर्क दिया गया था कि 20 के गुणक के साथ नाबालिग-पीड़ित के मामले में प्रति वर्ष 30,000/- रुपये की अनुमानित आय को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, मृतक के व्यक्तिगत और रहने वाले खर्चों के लिए कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।

ट्रिब्यूनल के आदेश को दरकिनार करते हुए, और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163ए के तहत मुआवजे की राशि की पुनर्गणना करते हुए, जो मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में मुआवजे के निर्धारण से संबंधित है, ज‌स्टिस बिवास पटनायक की खंडपीठ ने कहा,

"पूर्वोक्त प्रावधानों को केवल पढ़ने पर, यह प्रकट होता है कि, अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक कार्यवाही में, दावेदार को यह दलील देने या स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि मृत्यु या स्थायी विकलांगता जिसके संबंध में दावा किया गया है, वाहन के मालिक या संबंधित वाहन या किसी अन्य व्यक्ति के किसी गलत कार्य या उपेक्षा या चूक के कारण था। हालांकि, आक्षेपित निर्णय से यह पाया गया कि विद्वान ट्रिब्यूनल ने इस मुद्दे को तैयार किया है कि क्या पीड़ित की मृत्यु मोटर दुर्घटना में दुर्घटना करने वाले वाहन के चालक के उतावलेपन और लापरवाही के कारण हुई थी और चालक की लापरवाही को लेकर इस तरह के मुद्दे को तय करने के लिए आगे बढ़ा है। चालक की लापरवाही के पहलू के संबंध में विद्वान न्यायाधिकरण का निष्कर्ष अधिनियम की धारा 163ए के तहत परिकल्पित प्रावधानों के अनुरूप नहीं है और इसलिए, दुर्घटना में चालक की लापरवाही के संबंध में विद्वान न्यायाधिकरण का ऐसा निष्कर्ष अधिनियम की धारा 163ए के तहत कार्यवाही रद्द करने के लिए उत्तरदायी है।"

नाबालिग पीड़िता की आय के निर्धारण के संबंध में, खंडपीठ ने कहा कि अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक आवेदन में मुआवजे का निर्धारण मोटर वाहन अधिनियम की दूसरी अनुसूची के संरचित सूत्र के आधार पर किया जाना चाहिए। अधिनियम की दूसरी अनुसूची गैर-कमाऊ व्यक्तियों के मामले में प्रति वर्ष 15,000/- रुपये की अनुमानित आय प्रदान करती है। कोर्ट ने कहा कि 15 साल से कम उम्र के सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए गुणक 20 होगा।

कटौती के पहलू पर, बेंच ने दीपल गिरीशभाई सोनी बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया कि अधिनियम की धारा 163ए के तहत एक आवेदन में मुआवजे का निर्धारण अधिनियम की दूसरी अनुसूची के संरचित सूत्र के आधार पर किया जाना चाहिए। दूसरी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए व्यक्तिगत और रहने वाले खर्चों के लिए अनुमानित आय के 1/3 की कटौती को ध्यान में रखा जाना है।

न्यायालय ने तदनुसार मुआवजा अवॉर्ड में संशोधन किया।

केस टाइटल: श्री संतोष साहा और अन्य बनाम प्रबंध निदेशक, कलकत्ता राज्य परिवहन निगम FMA 3357 Of 2015

साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (Cal) 158

जजमेंट पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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दावेदार को 163A मोटर वाहन अधिनियम के तहत दुर्घटना करने वाले वाहन की लापरवाही स्थापित करने की आवश्यकता... - Live Law Hindi
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Jhajjar-Bahadurgarh News: जच अभयन म 161 वहन क चलन - अमर उजल

संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़ Updated Sat, 24 Jun 2023 12:58 AM IST

झज्जर। सड़क दुर्घटनाओ में होने वाली जान व माल की हानि को रोकने के उद्देश्य से लेन ड्राइविंग तथा ओवरस्पीड ड्राइविंग बारे वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए जिला पुलिस द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया है। अभियान के तहत झज्जर पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा ओवरस्पीड ड्राइविंग व लेन ड्राइविंग के नियमों का उल्लंघन करने पर जिला भर में मुख्य मार्गो पर निर्धारित किए गए अलग-अलग स्थानों पर चैकिंग के दौरान भारी वाहनों पर विशेष निगाह रखते हुए लेन के नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर 161 वाहनों के चालान किए गए।मोटर वाहन अधिनियम के तहत 11 वाहनों के चालान किए गए। इसी प्रकार से लेन ड्राइविंग से संबंधित 150 वाहन चालकों के चालान मोटर वाहन अधिनियम के तहत किए गए। सड़क सुरक्षा व सुरक्षित सफर के लिए झज्जर पुलिस द्वारा चलाया जा रहा जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा।
यातायात समन्वय झज्जर सत्य प्रकाश ने बताया कि झज्जर पुलिस द्वारा भारी वाहनों के संबंध में लेन ड्राइविंग तथा ओवरस्पीड ड्राइविंग बारे विशेष चैकिंग अभियान चलाया गया। संवाद

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Jhajjar-Bahadurgarh News: जांच अभियान में 161 वाहनों के चालान - अमर उजाला
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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...