Rechercher dans ce blog

Thursday, March 30, 2023

15 साल पुराने सरकारी वाहनों को लगेंगे ब्रेक - Patrika News

locationबीकानेरPublished: Mar 31, 2023 10:08:07 am

- सरकार की पॉलिसी के तहत स्क्रैपिंग में जाएंगे

- देश में 15 साल पुराने सरकारी वाहनों की संख्या नौ लाख, बीकानेर में कोई रिकॉर्ड नहीं

15 साल पुराने सरकारी वाहनों को लगेंगे ब्रेक

15 साल पुराने सरकारी वाहनों को लगेंगे ब्रेक

जयप्रकाश गहलोत/बीकानेर. पुराने वालों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया है। यह आदेश एक अप्रेल, 23 से प्रभावी हो जाएगा। दो दिन बाद 15 साल पुराने सरकारी वाहन सड़क पर नहीं चल पाएंगे। ऐसे सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन स्वत: निरस्त हो जाएगा। इस संबंध में केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करके अधिसूचना सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी की जा चुकी है। इस संशोधित अधिनियम के तहत जिन वाहनों का एक अप्रेल से पूर्व रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवा लिया गया है, उनका भी स्वत: ही रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा।

Adblock test (Why?)


15 साल पुराने सरकारी वाहनों को लगेंगे ब्रेक - Patrika News
Read More

Wednesday, March 29, 2023

अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार, 16 मोटर साइकिलें ... - Hindusthan Samachar

अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार, 16 मोटर साइकिलें बरामद

शाहजहांपुर, 29 मार्च (हि.स.)। थाना रामचन्द्र मिशन पुलिस ने एसओजी के सहयोग से अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने 16 मोटर साइकिलें, चार इंजन और अन्य पार्टस बरामद किए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस आनन्द ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि एसओजी और थाना रामचन्द्र मिशन पुलिस की सयुंक्त टीम ने ग्रीनवैली चौराहा वाले रास्ते में घेराबंदी करके वाहन चोर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए वाहन चोरों में बरेली जिले के थाना फरीदपुर मोहल्ला मिरधान निवासी मोहम्मद रफी और उसका भाई मोहम्मद फैज, थाना बिथरी चैनपुर क्षेत्र के ग्राम सैदुपुर लस्करीगंज निवासी नसीमुद्दीन, जनपद शाहजहांपुर के थाना चौक कोतवाली क्षेत्र स्थित काशीराम कालोनी निवासी मोहम्मद फैज, थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला बारादरी निवासी इकबाल उर्फ बल्लू, थाना तिलहर के ग्राम हबीबपुर निवासी दिनेश यादव है।

पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर मोहल्ला तहवरगंज में बंद पड़े एक ईंट भट्ठे में छिपाकर रखी गई चोरी की 10 अन्य मोटरसाइकिलें और पार्टस बरामद किए।

एसएसपी ने बताया कि मोहम्मद रफी, मोहम्मद फैज और इकबाल गत वर्ष वाहन चोरी के मामले में जेल गये थे। जहां उनकी दोस्ती लूट के मामले पहले से बंद मोहम्मद फैज से हो गई। जमानत पर छूटने के बाद चारों ने दिनेश यादव और नसीमुद्दीन के साथ मिलकर गिरोह बनाया और दिल्ली, बरेली व शाहजहांपुर सहित अन्य जनपदों से मोटरसाइकलें चोरी करने लगे। नसीमुद्दीन एक अच्छा मिस्त्री भी है और उसकी फरीदपुर के पास मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की दुकान है। नसीमुद्दीन और दिनेश चोरी की मोटरसाइकिलों पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर व उनके चेचिस व इंजन नम्बर बदलकर बिक्री करने का काम करते थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अमित

Adblock test (Why?)


अन्तरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार, 16 मोटर साइकिलें ... - Hindusthan Samachar
Read More

Sunday, March 26, 2023

Mathura News: बाइक को बना दिया रिक्शा, सड़कों पर दौड़ा रहे बेखौफ - अमर उजाला

मथुरा। जिले में कई स्थानों पर बाइक को जोड़कर जुगाड़ से रिक्शा का स्वरूप देकर इनसे सवारियों व सामान की ढुलाई की जा रही है। यह नियम विरुद्ध है। इनका पंजीयन भी नहीं हो सकता है। फिर भी इन्हें बेखौफ सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जब ये वाहन भीड़-भाड़ वाले इलाके क्षेत्रों से गुजरते हैं तो हादसे का खतरा बना रहता है। इस ओर न तो पुलिस का ध्यान है न ही परिवहन विभाग का। शायद दोनों ही विभागों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। जिले में दिनोंदिन बाइक व स्कूटर को पीछे से काटकर इन्हें पीछे से रिक्शे का स्वरूप दे दिया जा रहा है। इनसे सामान व यात्रियों को इधर-उधर ले जाया जा रहा है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिले भर में इन रिक्शों की संख्या 15 हजार से अधिक है। इन्हें चलाने वाले नियमों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इनको चला रहे लोग न तो हेलमेट पहनते हैं न ही लाइसेंस रखते हैं। मंडी, बिल्डिंग मेटेरियल के साथ ही भारी सामान की ढुलाई के कार्य में इनका खूब प्रयोग किया जा रहा है। क्षमता से अधिक सामान भरने के कारण कई बार सड़क पर पलट भी चुके हैं। इससे चालक भी गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं। कई बार तो आगे, पीछे चलने वाले दूसरे वाहन चालक भी इनके कारण घायल हो जाते हैं। गोवर्धन में तो सात कोस की परिक्रमा में ये बाइक रिक्शा धड़ल्ले से सवारी ढोते हुए दिखाई दे जाते हैं।

दो घंटे में तैयार हो जाता बाइक रिक्शा
शहर में मंडी समिति पर, गोवर्धन के डींग रोड पर बाइक के पिछले हिस्से को काटकर उसे रिक्शे के स्वरूप देने का काम होता है। एक बाइक रिक्शा चालक ने बताया कि बाइक के साथ 17 हजार रुपये देने पर दो घंटे के अंदर ही बाइक रिक्शा तैयार हो जाता है। उसके अनुसार, दुकान पर पहले से ही बाइक के पीछे लगने वाला सामान तैयार होता है। बस बाइक को पीछे से काटा जाता और उसमें रिक्शा फिट कर दिया जाता है।

इंसेट बॉक्स
पुरानी बाइकों का हो रहा प्रयोग
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाइक रिक्शा में पुरानी बाइकों का प्रयोग अधिक हो रहा है। कारण कि इनकी चेकिंग नहीं होती। इन्हें चलाने वाले हेलमेट का प्रयोग भी नहीं करते हैं। चोरी के वाहनों के प्रयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम
अधिवक्ता अरुण सिंह के अनुसार, मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी भी वाहन में बदलाव करना गैर कानूनी है। कुछेक वाहनों को संबंधित कार्यालय से अनुमति लेकर उसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है, लेकिन बाइक रिक्शा तो पूरी तरह से अवैध है। इस तरह के अवैध वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सीज की कार्रवाई होती है। इसके बाद कोर्ट के द्वारा इनका निस्तारण किया जाता है।

सिर्फ सड़क सुरक्षा सप्ताह में हुई कार्रवाई
सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जनवरी में 9 बाइक रिक्शा को सीज किया गया था। अभी शहर में बिना रजिस्ट्रेशन वाले ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान की रणनीति बनाई जा रही है। इसके बाद बाइक रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बाइक को काटकर उसमें रिक्शा जोड़ना गैर कानूनी है और इस तरह के वाहनों का एआरटीओ कार्यालय में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है।

समय-समय पर वाहनों की चेकिंग कर बाइक रिक्शा को सीज किया जाता है। अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
- देवेश कुमार शर्मा, एसपी ट्रैफिक

Adblock test (Why?)


Mathura News: बाइक को बना दिया रिक्शा, सड़कों पर दौड़ा रहे बेखौफ - अमर उजाला
Read More

Mathura News: बाइक को बना दिया रिक्शा, सड़कों पर दौड़ा रहे बेखौफ - अमर उजाला

मथुरा। जिले में कई स्थानों पर बाइक को जोड़कर जुगाड़ से रिक्शा का स्वरूप देकर इनसे सवारियों व सामान की ढुलाई की जा रही है। यह नियम विरुद्ध है। इनका पंजीयन भी नहीं हो सकता है। फिर भी इन्हें बेखौफ सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जब ये वाहन भीड़-भाड़ वाले इलाके क्षेत्रों से गुजरते हैं तो हादसे का खतरा बना रहता है। इस ओर न तो पुलिस का ध्यान है न ही परिवहन विभाग का। शायद दोनों ही विभागों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। जिले में दिनोंदिन बाइक व स्कूटर को पीछे से काटकर इन्हें पीछे से रिक्शे का स्वरूप दे दिया जा रहा है। इनसे सामान व यात्रियों को इधर-उधर ले जाया जा रहा है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिले भर में इन रिक्शों की संख्या 15 हजार से अधिक है। इन्हें चलाने वाले नियमों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इनको चला रहे लोग न तो हेलमेट पहनते हैं न ही लाइसेंस रखते हैं। मंडी, बिल्डिंग मेटेरियल के साथ ही भारी सामान की ढुलाई के कार्य में इनका खूब प्रयोग किया जा रहा है। क्षमता से अधिक सामान भरने के कारण कई बार सड़क पर पलट भी चुके हैं। इससे चालक भी गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं। कई बार तो आगे, पीछे चलने वाले दूसरे वाहन चालक भी इनके कारण घायल हो जाते हैं। गोवर्धन में तो सात कोस की परिक्रमा में ये बाइक रिक्शा धड़ल्ले से सवारी ढोते हुए दिखाई दे जाते हैं।

दो घंटे में तैयार हो जाता बाइक रिक्शा
शहर में मंडी समिति पर, गोवर्धन के डींग रोड पर बाइक के पिछले हिस्से को काटकर उसे रिक्शे के स्वरूप देने का काम होता है। एक बाइक रिक्शा चालक ने बताया कि बाइक के साथ 17 हजार रुपये देने पर दो घंटे के अंदर ही बाइक रिक्शा तैयार हो जाता है। उसके अनुसार, दुकान पर पहले से ही बाइक के पीछे लगने वाला सामान तैयार होता है। बस बाइक को पीछे से काटा जाता और उसमें रिक्शा फिट कर दिया जाता है।

इंसेट बॉक्स
पुरानी बाइकों का हो रहा प्रयोग
परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाइक रिक्शा में पुरानी बाइकों का प्रयोग अधिक हो रहा है। कारण कि इनकी चेकिंग नहीं होती। इन्हें चलाने वाले हेलमेट का प्रयोग भी नहीं करते हैं। चोरी के वाहनों के प्रयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

क्या कहता है मोटर वाहन अधिनियम
अधिवक्ता अरुण सिंह के अनुसार, मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी भी वाहन में बदलाव करना गैर कानूनी है। कुछेक वाहनों को संबंधित कार्यालय से अनुमति लेकर उसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है, लेकिन बाइक रिक्शा तो पूरी तरह से अवैध है। इस तरह के अवैध वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सीज की कार्रवाई होती है। इसके बाद कोर्ट के द्वारा इनका निस्तारण किया जाता है।

सिर्फ सड़क सुरक्षा सप्ताह में हुई कार्रवाई
सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जनवरी में 9 बाइक रिक्शा को सीज किया गया था। अभी शहर में बिना रजिस्ट्रेशन वाले ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान की रणनीति बनाई जा रही है। इसके बाद बाइक रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बाइक को काटकर उसमें रिक्शा जोड़ना गैर कानूनी है और इस तरह के वाहनों का एआरटीओ कार्यालय में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता है।

समय-समय पर वाहनों की चेकिंग कर बाइक रिक्शा को सीज किया जाता है। अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।
- देवेश कुमार शर्मा, एसपी ट्रैफिक

Adblock test (Why?)


Mathura News: बाइक को बना दिया रिक्शा, सड़कों पर दौड़ा रहे बेखौफ - अमर उजाला
Read More

Saturday, March 25, 2023

गिरिडीह : मोटर वाहन क्लेम केस को लेकर कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन - Lagatar Hindi

Giridih : जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने मोटर वाहन क्लेम केस को लेकर व्यवहार न्यायालय में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन 25 मार्च को किया. शिविर का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा व कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद पांडेय समेत अन्य ने संयुक्त रूप से किया. शिविर को संबोधित करते हुए वीणा मिश्रा ने कहा कि जूनियर पुलिस अधिकारियों को सड़क दुर्घटना फॉर्म भरने की जानकारी न होना यह दर्शाता है कि किस प्रकार जिले के वरीय अधिकारी जूनियर अधिकारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. शिविर में शामिल होने के आमंत्रण भेजे जाने के बावजूद जिले के पुलिस अधीक्षक नहीं आए.

उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि सड़क दुर्घटना के दौरान जो मुआवजा दिया गया, उतना ही कानूनी प्रावधान है, लेकिन ऐसा नहीं है. प्रावधान के अनुसार मुआवजा मिलने के बाद सड़क दुर्घटना रिपोर्ट फॉर्म भरने पर मोटर वाहन एक्ट के तहत और भी मुआवजा देने का नियम है. सड़क दुर्घटना के बाद सड़क जाम किया जाना गलत है. सड़क जाम करने से इंसाफ नहीं मिलता. इसके लिए कानून का सहारा लेना पड़ता है. मोटर वाहन एक्ट में इसका प्रावधान है. हादसे के वक्त जो पुलिस अधिकारी पहुंचते हैं, वही सड़क दुर्घटना फॉर्म भर सकते हैं. शिविर को अन्य न्यायिक अधिकारियों ने भी संबोधित किया. शिविर में कई पुलिस अधिकारी व अधिवक्ता शामिल हुए. शिविर के दूसरे चरण में पुलिस अधिकारियों को सड़क दुर्घटना रिपोर्ट फॉर्म भरने की जानकारी दी गई. शिविर में अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव, डीटीओ रोहित सिन्हा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय समेत अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद थे.

यह भी पढ़ें : धनवार : उपेंद्र यादव दोबारा बने राजद के धनवार प्रखंड अध्यक्ष

0 Comments

Inline Feedbacks

View all comments

Adblock test (Why?)


गिरिडीह : मोटर वाहन क्लेम केस को लेकर कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन - Lagatar Hindi
Read More

Friday, March 24, 2023

वाहन के नंबर प्लेट से 'कलाकारी' करने वालों का लो होता है IQ! स्टडी में दावा - Aaj Tak

फनी और फैंसी नंबर प्लेट्स का क्रेज लोगों में खूब देखने को मिल रहा है. आपने भी सड़कों पर ऐसे वाहन देखे होंगे जिन पर लोग व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर्स को इस तरह से डिज़ाइन कराते हैं जो देखने में फनी लगता है. कई बार वाहनों के नंबर प्लेट्स पर जाति, नाम या पद इत्यादि का भी इस्तेमाल देखने को मिलता है. ऐसे लोग अपने वाहन के नंबर प्लेट के माध्यम से अपना रौब या वैभव दिखाने का प्रयास करते हैं. लेकिन हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जिसके अनुसार ऐसे नंबर प्लेट्स वाले वाहन मालिकों का IQ (Intelligence Quotient) या बौद्धिक क्षमता कम होती है. 

सबसे पहले आपको बता दें कि, हम यहां ऐसे फैंसी या पर्सनलाइज्ड लाइसेंस प्लेट वाले वाहन मालिकों के बौद्धिक स्तर पर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं. लोग विभिन्न कारणों के चलते इस तरह के पर्सनलाइज्ड नंबर प्लेटों का इस्तेमाल करते हैं. कुछ लोग इसे अपने व्यवसाय या प्रोफेशन के चलते ऐसा करते हैं तो कुछ केवल ह्यूमर (Humor) क्रिएट करने के लिए ऐसा करते हैं. हालांकि डिज़ाइन और फैंसी दिखने वाले नंबर प्लेट्स को लेकर ट्रैफिक पुलिस भी काफी सख्त नज़र आती है. 

क्या कहता है शोध: 

यूके की स्क्रैप कार कंपेरिजन द्वारा कराए गए अध्ययन में 2,000 चालकों का इंटेलीजेंस कोशेंट (IQ) टेस्ट किया गया. इन सभी चालकों को दो समूहों में विभाजित किया गया था. एक समूह में वो लोग शामिल किए गएं जिनके पास अपनी कारों के लिए ऐसे ही फैंसी लाइसेंस प्लेट थी, जबकि दूसरे समूह में शामिल वाहन मालिकों ने अपनी कारों में साधारण नंबर प्लेट्स का इस्तेमाल किया था. इस शोध में शामिल सभी लोगों का एक IQ टेस्ट किया गया. अध्ययन में पाया गया कि, फैंसी लाइसेंस प्लेट वाले ड्राइवर कम बुद्धि वाले होते हैं, उनका औसत आईक्यू स्कोर 91.95 था. जबकि बिना पर्सनलाइज्ड नंबर प्लेट वाले लोगों का औसत स्कोर 94.15 था. 
 
भारत में नंबर प्लेट को लेकर क्या है नियम: 

वाहन लाइसेंस प्लेट को 'नंबर प्लेट' भी कहा जाता है. नंबर प्लेट एक धातु की प्लेट होती है जो मोटर वाहन से जुड़ी होती है और उस पर वाहन पंजीकरण संख्या अंकित होती है. आधिकारिक लाइसेंस प्लेट नंबर के 4 अलग-अलग हिस्से होते हैं. प्रत्येक भाग का एक निश्चित उद्देश्य होता है. नंबर प्लेट मोटर वाहन के आगे और पीछे दोनों तरफ लगाई जाती है, ये नंबर प्लेट वाहन की पहचान करने में मदद करती है.

मोटर व्हीकल अधिनियम (नियम 50 और 51) के अनुसार, दोपहिया वाहनों और कार जैसे हल्के मोटर वाहनों के लिए पंजीकरण वर्णमाला और संख्या सफेद पृष्ठभूमि (White Background) पर काले रंग में होनी चाहिए. वहीं वाणिज्यिक वाहनों के लिए, पीले रंग की पृष्ठभूमि पर काला अक्षर होना चाहिए. रजिस्ट्रेशन प्लेट पर फैंसी अक्षरों, चित्रों, कलाओं और नामों को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है. 

नंबर प्लेट को सभी मोटर वाहनों के आगे और पीछे की तरफ प्रदर्शित किया जाना चाहिए. मोटरबाइक के मामले में, सामने पंजीकरण संख्या को मडगार्ड या प्लेट जैसे वाहन के किसी भी हिस्से पर हैंडलबार के समानांतर प्रदर्शित किया जाना चाहिए. यहां तक की वाहन पर लगाए जाने वाले रजिस्ट्रेशन प्लेट की साइज को लेकर भी नियम बनाए गए हैं. 

इतनी होगी चाहिए नंबर प्लेट की साइज़: 

दोपहिया और तिपहिया वाहन- 200 x 100 मिमी
हल्के मोटर वाहन / यात्री कार के लिए- 340x 200 मिमी या 500 x 120 मिमी
मध्यम/भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए- 340 x 200 मिमी

Adblock test (Why?)


वाहन के नंबर प्लेट से 'कलाकारी' करने वालों का लो होता है IQ! स्टडी में दावा - Aaj Tak
Read More

सांसद गीता कोड़ा ने कोल्हान में हेवी व्हीकल ड्राईवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की ... - Lagatar Hindi

Jamshedpur (Sunil Pandey) : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने गुरूवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंच साझा किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कोल्हान क्षेत्र में सड़क एवं ओवरब्रिज निर्माण की मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया. साथ ही मंच से कई मांगे भी रखी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कोल्हान प्रमंडल में भारी मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने के अलावे जामदा एवं मनोहरपुर ओवरब्रिज निर्माण की मांग की.

इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर विकास समिति ने की जेपी उद्यान मुख्य सड़क निर्माण की मांग, डीसी को सौंपा मांगपत्र

संतुलित भाषण की हुई सराहना

मंच से सांसद गीता कोड़ा ने संक्षिप्त एवं संतुलित भाषण दिया. जिसका दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने सराहना की. ज्ञात हो कि झारखंड के धनबाद में भारी वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र होने के कारण लोगों को वहां ट्रेनिंग लेने जाना पड़ता है. साथ ही लाइसेंस के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. दूसरी ओर झारखंड इंटक के प्रदेश सचिव व सांसद प्रतिनिधि जगदीश नारायण चौबे ने भारी मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र का मामला केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाने पर आभार व्यक्त किया.

इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : नेशनल परमिट पर चल रही कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन हर राज्य में हो मान्य- एसोसिएशन

0 Comments

Inline Feedbacks

View all comments

Adblock test (Why?)


सांसद गीता कोड़ा ने कोल्हान में हेवी व्हीकल ड्राईवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की ... - Lagatar Hindi
Read More

Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...