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Wednesday, December 8, 2021

Hyundai Motor का बड़ा प्लान, जल्द लॉन्च होंगी फास्ट चार्जिंग वाली 6 इलेक्ट्रिक कार - News18 हिंदी

Hyundai Motor News: दक्षिण कोरियाई की प्रमुख ऑटो कंपनी हुंडई (Hyundai) ने 2028 तक भारत में लगभग छह इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. हुंडई मोटर्स कंपनी अगले कुछ वर्षों में अपने मौजूदा रेंज के साथ-साथ अपने वैश्विक प्लेटफॉर्म ‘ई-जीएमपी’ (E-GMP) पर आधारित पूरी तरह से नए वाहनों के मॉडलों के मिश्रण को रोल आउट करने की योजना बना रही है.

हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ एसएस किम (SS Kim) ने कहा कि कंपनी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए कमर कस रही है और छह नए उत्पादों में से पहला उत्पाद अगले साल शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हुंडई मोटर इंडिया वर्ष 2028 तक छह नए मॉडल लाने के लिए रिसर्च और विकास पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

किम ने कहा, “हम 2028 तक भारतीय बाजार के लिए अपने बीईवी लाइन-अप (Battery Electric Vehicle) को छह नए वाहनों तक विस्तारित करने की घोषणा कर रहे हैं.”

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन
हुंडई मोटर ग्रुप के प्रमुख ने कहा कि वे भारत में अपने बीईवी (BEV line-up) प्लेटफॉर्म ई-जीएमपी (Electric Global Modular Platform) के साथ-साथ बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नया प्लेटफॉर्म पेश करेंगे. किम ने कहा कि ऑटोमेकर 2028 तक एसयूवी बॉडी शेप सहित विभिन्न बॉडी स्टाइल में बीईवी पेश करेगा, जिससे ग्राहकों को चुनने के लिए मॉडल की एक बड़ी रेंज पेश की जाएगी.

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हुंडई के ई-जीएमपी प्लेटफॉर्म (Electric Global Modular Platform) में 77.4 kWh तक की बड़ी बैटरी क्षमता की सुविधा है. यह 2WD और 4WD क्षमताग, बेहतर हैंडलिंग और 260 किलोमीटर प्रति घंटा की टॉप स्पीड भी प्रदान करता है.

ई-जीएमपी प्लेटफॉर्म
आपको बता दें कि हुंडई मोटर ग्रुप (Hyundai Motor Group) ने इलेक्ट्रिक सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन प्लेटफॉर्म (EV Platform) लॉन्च किया है. ई-जीएमपी नामक (E-GMP EV Platform) एक इलेक्ट्रिक वाहन प्लेटफॉर्म आपकी गाड़ी को महज 18 मिनट में फुल चार्ज कर देगा. ई-जीएमपी प्लेटफॉर्म को हुंडई और किया मोटर्स (KIA motors) ने मिलकर तैयार किया है.

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इसे इलेक्ट्रिक-ग्लोबल मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म कहते हैं. यह बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (battery electric vehicle) प्लेटफॉर्म है. ई-जीएमपी प्लेटफॉर्म असल में कार का नीचला फ्रेम होता है. इसमें आगे और पीछे के पहिए लगे होते हैं. इसमें ऑल व्हील ड्राइव का ऑप्शन होता है. ई-जीएमपी प्लेटफॉर्म पर तैयार इलेक्ट्रिक कार 350 किलोवॉट तक की चार्जिंग कैपेसिटी सपोर्ट करती है. यह प्लेटफॉर्म 500 किलोमीटर से अधिक की कैपेसिटी वाले हाईस्पीड चार्जर से गाड़ी को महज 18 मिनट के भीतर 80 प्रतिशत तक चार्ज कर सकता है.

Tags: Auto News, Electric Car, Electric vehicle, Hyundai

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Tuesday, December 7, 2021

MOTOR INSURANCE: गाड़ी नई हो या पुरानी, मोटर व्हीकल इंश्योरेंस कराने से पहले इन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी - Zee Business हिंदी

कोरोना के दौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से वायरस फैलने के डर के कारण पिछले दो साल में पर्सनल व्हीकल की बिक्री ने रफ्तार पकड़ी है. वो चाहे टू-व्हीलर हो या फिर फोर-व्हीलर, ज्यादातर लोग कोरोना काल में अब खुद का व्हीकल लेना बेहतर समझ रहे हैं. इसलिए बेहद जरूरी है कि मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के बारे में आपको सही जानकारी हो.

मोटर व्हीकल इंश्योरेंस क्या है


जैसे हम खुद का इंश्योरेंस कराते हैं, जो हमें बीमारी के दौरान सुरक्षा का कवर देता है. उसी तरह गाड़ियों का भी इंश्योरेंस होता है. इन इंश्योरेंस के अंदर आपकी गाड़ी में होने वाला किसी भी तरह का डैमेज कवर होता है. मोटर व्हीकल इंश्योरेंस गाड़ी के डैमेज और वाहन मालिक की एक्सीडेंटल डेथ कवर करता है. साथ ही वाहन मालिक से थर्ड पार्टी को हुए नुकसान जैसे कि वाहन डैमेज, चोट या फिर मृत्यु को भी कवर करता है. 

motor insurance


मोटर व्हीकल इंश्योरेन्स के स्पेशल फीचर्स

कोई भी इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि, पॉलिसी प्रोवाइडर आपको उस पॉलिसी के तहत कौन–कौन से फीचर्स दे रहा है. ज्यादातर मोटर व्हीकल इंश्योरेंस में कुछ विशेष फीचर्स होते हैं जैसे कि,


1‌.आप मोटर व्हीकल इंश्योरेन्स को ऑनलाइन  खरीद सकते हैं. जिससे समय के साथ इंश्योरेंस ऑफिस के चक्कर लगाने से भी बचते हैं.

‌2. इसी तरह आप अपने प्लान को ऑनलाइन घर बैठे रिन्यू  भी करा सकते हैं. साथ ही अपने प्लान में आप अपनी जरूरत के हिसाब से पॉलिसी को खरीदते या रिन्यू करते समय कुछ फीचर्स घटा या बढ़ा सकते हैं.

‌3. मोटर व्हीकल इंश्योरेन्स आपको सिर्फ एक्सीडेंट ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की तोड़फोड़ से होने वाले वाहन को नुकसान और वाहन चोरी को भी कवर करता है. आप वाहन चोरी या गाड़ी के साथ हुई तोड़फोड़ का प्रूफ दिखाकर कैशलैस क्लेम भी हासिल कर सकते हैं.

4‌. अगर आप पॉलिसी के पीरियड के अंदर किसी तरह का क्लेम नहीं करते तब अलग-अलग बीमा कंपनियां अपने प्लांस के अनुसार आपको प्रीमियम देने पर या फिर Feature Add On पर विशेष डिस्काउंट देती हैं. 

मोटर व्हीकल इंश्योरेंस आपको मुसीबत के समय साथ देता है, लेकिन ऐसी कई चीजें हैं जो इसमें कवर नहीं होती.

इन बातों का पता होना है जरूरी

1. अगर आपके पास एक लीगल ड्राइविंग लाइसेंस न हो तो मोटर व्हीकल इंश्योरेंस काम नहीं आएगा. 

2. इसके अलावा अगर ड्राइवर हादसे के समय किसी भी प्रकार के ड्रग्स या नशे में पाया जाता है, तो ये इंश्योरेंस कवर नहीं देगा. 

3. वाहन किसी गैरकानूनी काम में यूज हो तो भी मोटर व्हीकल इंश्योरेंस काम नहीं आता.

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सड़क हादसे में युवक की मौत: गांव लौट रहे युवक की मोटर साइकिल को टक्कर मार वाहन भगा ले गया ड्राइवर - दैनिक भास्कर

जोधपुरएक घंटा पहले

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प्रतीकात्मक फोटो। - Dainik Bhaskar

प्रतीकात्मक फोटो।

जोधपुर जिले के दयाकोर गांव में एक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। अपने गांव लौट रहे युवक की मोटर साइकिल को अज्ञात वाहन का ड्राइवर टक्कर मार भाग निकला। टक्कर लगने से सड़क पर उछल कर गिरे युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार दयाकोर गांव के हिम्मतनगर निवासी गंवरलाल सुथार ने मामला दर्ज कर बताया कि उसका भाई मांगीलाल अपनी मोटर साइकिल पर गांव की तरफ लौट रहा था। दयाकोर गांव के निकट चटानगर की सरहद पर सड़क किनारे उसका शव पड़ा मिला। पास ही उसकी मोटर साइकिल क्षतिग्रस्त मिली। माना जा रहा है कि गांव की तरफ लौटते समय अज्ञात वाहन ने सामने से मांगीलाल की मोटर साइकिल को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद मोटर साइकिल काफी दूर उछल कर गिरी। अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से मांगीलाल घायल होतकर नीचे गिर पड़ा। टक्कर लगते ही ड्राइवर अपना वाहन लेकर मौके से भाग निकला। गंभीर रूप से घायल मांगीलाल सड़क पर तड़पता रहा। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी वहीं पर मौत हो गई।

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Monday, December 6, 2021

झारखंड: गाड़ियों में नेम प्लेट के जरिये रुतबा दिखाना पड़ा महंगा, भरना पड़ा जुर्माना - Zee News Hindi

Ranchi: हाईकोर्ट (High Court) की सख्ती के बाद परिवहन विभाग (Transport Department) एक्टिव मोड में दिखने लगा है. इसी क्रम में  जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची प्रवीण कुमार प्रकाश, पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), रांची जितवाहन उरांव और सर्जेंट मेजर रमेश मंडल के द्वारा कचहरी चौक में संयुक्त जांच अभियान (Checking Campaign) चलाया गया. जिसमें परिवहन विभाग के अधिसूचना संख्या 285 दिनांक 10.03.2021 के आलोक में अनाधिकृत रूप से  सूचक बोर्ड/पट्ट (Name Plate) का उपयोग कर रहे वाहनों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की गई.

तकरीबन 15 गाड़ियों से वसूला गया 35000 का जुर्माना
जांच अभियान में दर्जनों वाहनों को अनाधिकृत रूप से सूचक बोर्ड (Name Plate) का उपयोग करते पकड़ा गया और जांच स्थल पर ही नेम प्लेट उतरवाया गया. वहीं, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 179 के तहत दंड शुल्क (Fine) वसूल किया गया. जिसमें 15 वाहनों से 35500 रुपये दंड शुल्क वसूल किया गया. साथ ही 100 वाहनों की संबंधित अन्य कागजातों जैसे- पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, लाइसेंस आदि की जांच की गई और जुर्माना वसूला गया. 

ये भी पढ़ें- झारखंड सरकार को DVC के बाद NTPC ने जारी किया नोटिस, अगर नहीं किया अमल तो गहराएगा बिजली संकट

झारखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन में परिवहन विभाग
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि जनप्रतिनिधियों (Public Representatives) के वाहन (Vehicle) में नेम प्लेट और बोर्ड लगाने का नियम नहीं है. लेकिन सरकार के उच्च अधिकारियों की सहमति के बाद झारखंड में यह छूट प्रदान की गई थी. जिसे अब वापस ले लिया गया है. सरकार ने इस मामले में दायर अपना शपथ पत्र भी वापस ले लिया है, जिसके बाद कार्रवाई की गई.

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Sunday, December 5, 2021

कार इंश्योरेंस: पॉलिसी खरीदते समय पूछे जाने वाले सवाल, जिसे जानना आपके लिए भी है जरूरी - अमर उजाला

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रशांत कुमार झा Updated Sun, 05 Dec 2021 12:16 PM IST

सार

अगर आपने कोई कार या गाड़ी खरीदी है तो उसकी इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहद जरूरी होता है। बगैर इंश्योरेंस गाड़ी को सड़क पर निकालना खुद को और कानून के लिए भी खतरा है। लोग पॉलिसी लेने से पहले कई तरह के रिसर्च करते हैं। इस दौरान कई सवाल भी पूछे जाते हैं। 

ख़बर सुनें

विस्तार

कार या वाहन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले ग्राहकों के मन में कई सवाल होते हैं, जिसको लेकर वह ऊहापोह की स्थिति में रहते हैं कि गाड़ी के लिए कौन सा बीमा लिया जाए या कौन सा नहीं। वाहन का उद्देश्य क्या है, इसकी मार्केट वैल्यू कितनी है, कार की कितनी लाइफ है समेत कई सारे सवाल हैं जो ग्राहकों के मन में चलता रहता है। तो आइए हम आपको बताते हैं गाड़ी की पॉलिसी लेने से पहले पूछे जाने वाले कुछ सवालों के बारे में
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आपको किस बीमा पॉलिसी की जरूरत है?- कार की उम्र और उपयोग के आधार पर, किसी को यह तय करना चाहिए कि वे कार के लिए किस प्रकार का बीमा कवरेज चाहते हैं।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस - मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, इस प्रकार का बीमा अनिवार्य है। यदि कोई पुरानी कार का मालिक है तो यह पर्याप्त पॉलिसी है।

ओन डैमेज कार इंश्योरेंस - यह बीमा है जो पॉलिसीधारक को किसी के वाहन को होने वाले नुकसान और क्षति से बचाता है।

व्यापक कार बीमा - यह किसी के वाहन और थर्ड पार्टी के वाहन के नुकसान और क्षति के खिलाफ प्रोटेक्ट करता है।

कमर्शियल कार इंश्योरेंस - अगर कोई किराए पर अपनी गाड़ी को चलाना चाहता है तो उसके लिए उन्हें कमर्शियल इंश्योरेंस खरीदना जरूरी है। किराए पर चलने वाले वाहनों के लिए यह इंश्योरेंस जरूरी होता है। 

आपका जोखिम मूल्यांकन क्या है?- बीमा कंपनियां किसी व्यक्ति की बीमा प्रीमियम दर तय करने के लिए वाहन की उम्र, वाहन का मॉडल, वाहन किस जगह चल रही है जैसी सूचनाएं हासिल करती हैं। इसमें जितना अधिक खतरा होगा, प्रीमियम दर उतनी ही ज्यादा होगी।

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Friday, December 3, 2021

Delhi ने मोटर वाहन अधिनियम से संबंधित दस्तावेजों की वैधता 31 दिसंबर तक बढ़ाई - Samachar Nama

Delhi ने मोटर वाहन अधिनियम से संबंधित दस्तावेजों की वैधता 31 दिसंबर तक बढ़ाई
दिल्ली न्यूज डेस्क !!!  दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम से संबंधित सभी दस्तावेजों की वैधता को फरवरी 2020 से नवंबर 2021 के बीच 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है। नोटिस में कहा गया, कोविड महामारी जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए जाने की आवश्यकता है और इस कारण से, परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए सभी दस्तावेजों की वैधता, जो 1 फरवरी, 2020 से 30 नवंबर, 2021 के बीच समाप्त होनी थी, उसे आगे 31 दिसंबर, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि, यह विस्तार डीटीसी और क्लस्टर की बसों पर लागू नहीं होगा।

यह निर्णय भीड़ से बचने के लिए किया गया है जो कोविड-19 मामलों में योगदान दे सकता है और महामारी की पहली और दूसरी लहर से प्रभावित परिवहन विभाग को थोड़ा कम कर सकता है। दिल्ली सरकार के नोटिस के अनुसार, फिटनेस यूनिट वीआईयू बुरारी और झुलिझुली सहित विभिन्न फील्ड कार्यालयों से सूचना प्राप्त होने के कारण यह कदम उठाया गया है कि बड़ी संख्या में आवेदक विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन कर रहे हैं क्योंकि विभिन्न दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो रही है। इसमें कहा गया है, विभिन्न ड्राइविंग लाइसेंस केंद्रों और फिटनेस सेंटर पर भारी भीड़ के मामले सामने आए हैं, जो आवेदकों के साथ-साथ सार्वजनिक सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

नोटिस में आगे उल्लेख किया गया है कि पिछले डेढ़ साल की अवधि के दौरान लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण, आवश्यक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिससे परिवहन विभाग की सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में भीड़भाड़ और देरी हो रही है।  इसके अतिरिक्त, सड़क पर चलने वाले वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए पीयूसीसी का वैध प्रमाण पत्र होना चाहिए।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस

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मानकों को धता बताकर दौड़ रहे स्कूली वाहन - दैनिक जागरण

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनपद में बड़ी संख्या में निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए छोटे वाहनों का उपयोग किया जाता है, जबकि यह वाहन मानक में नहीं हैं। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ने सभी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर वाहनों की फिटनेस कराने के निर्देश दिए हैं।

निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को लाने व ले जाने के लिए चलने वाले वैन, टेंपो व अन्य छोटे वाहनों को मोटर वाहन की 26वीं संशोधित नियमावली के अनुसार वाहन का रंग पीला होना चाहिए। उसके चारों ओर 18 इंच लंबा व आठ इंच चौड़ा बोर्ड लगा हो, जिस पर विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए। वाहन के चारों ओर विद्यालय ड्यूटी के लिए प्रयुक्त लिखा हो, उसकी बाडी बंद होनी चाहिए। फ‌र्स्टएड बाक्स होना अति आवश्यक है। पांच किलो का अग्निशमन यंत्र, सभी सीटों पर सीट बेल्ट लगी हो। प्रेशर हार्न की जगह मल्टी टोन हार्न लगाया जाना चाहिए। वाहन में अलार्म घंटी व सायरन लगा होना आवश्यक है। वाहन के चलने का क्षेत्र 40 किलोमीटर से अधिक न हो। उसमें स्पीड कंट्रोलर, जीपीएस डिवाइस व सीसी कैमरे लगे हों। इसके विपरीत जिले के स्कूलों में चलने वाले अधिकांश वाहनों में इनमें से कोई मानक पूरे नहीं हैं। यह वाहन प्रशासन की नजरों के सामने धड़ल्ले से फर्राटा भरते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। हादसा होने पर पुलिस प्रशासन कुछ चालान काटकर खानापूरी कर लेते हैं। एआरटीओ बृजेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सभी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर वाहन की फिटनेस कराने को कहा गया है।

Edited By: Jagran

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...