जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनपद में बड़ी संख्या में निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए छोटे वाहनों का उपयोग किया जाता है, जबकि यह वाहन मानक में नहीं हैं। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ने सभी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर वाहनों की फिटनेस कराने के निर्देश दिए हैं।
निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को लाने व ले जाने के लिए चलने वाले वैन, टेंपो व अन्य छोटे वाहनों को मोटर वाहन की 26वीं संशोधित नियमावली के अनुसार वाहन का रंग पीला होना चाहिए। उसके चारों ओर 18 इंच लंबा व आठ इंच चौड़ा बोर्ड लगा हो, जिस पर विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए। वाहन के चारों ओर विद्यालय ड्यूटी के लिए प्रयुक्त लिखा हो, उसकी बाडी बंद होनी चाहिए। फर्स्टएड बाक्स होना अति आवश्यक है। पांच किलो का अग्निशमन यंत्र, सभी सीटों पर सीट बेल्ट लगी हो। प्रेशर हार्न की जगह मल्टी टोन हार्न लगाया जाना चाहिए। वाहन में अलार्म घंटी व सायरन लगा होना आवश्यक है। वाहन के चलने का क्षेत्र 40 किलोमीटर से अधिक न हो। उसमें स्पीड कंट्रोलर, जीपीएस डिवाइस व सीसी कैमरे लगे हों। इसके विपरीत जिले के स्कूलों में चलने वाले अधिकांश वाहनों में इनमें से कोई मानक पूरे नहीं हैं। यह वाहन प्रशासन की नजरों के सामने धड़ल्ले से फर्राटा भरते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। हादसा होने पर पुलिस प्रशासन कुछ चालान काटकर खानापूरी कर लेते हैं। एआरटीओ बृजेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सभी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर वाहन की फिटनेस कराने को कहा गया है।
Edited By: Jagran
मानकों को धता बताकर दौड़ रहे स्कूली वाहन - दैनिक जागरण
Read More
No comments:
Post a Comment