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Monday, March 22, 2021

पुलिस को जल्द मिलेंगे 392 वाहन चालक - अमर उजाला

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सीतापुर। उत्तर प्रदेश पुलिस को जल्द ही 392 वाहन चालक मिलने जा रहे हैं। सीतापुर पुलिस मोटर वाहन ट्रेनिंग सेंटर में पुलिस व पीएसी से आए आरक्षियों को वाहन चालक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन जवानों की 45 दिन की ट्रेनिंग 15 फरवरी से शुरू हुई है। ट्रेनिंग में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए पुलिस जवानों को शामिल किया गया है।
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एसपीएमवीओ आलोक श्रीवास्तव ने इन जवानों के लिए रिजर्व ड्राइवर कोर्स के नाम से 45 दिन का विशेष कोर्स डिजाइन किया है। इस कोर्स में विशेष तौर पर जवानों को हाईटेक हो रहे वाहनों के संचालन का भी कोर्स कराया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में हल्के वाहन, मध्यम व हैवी वाहन, जिनमें कार, बोलेरो, जिप्सी, ट्रक व बसें सभी तरह की फ्लीट शामिल हैं।
इनका कोर्स कराया जा रहा है। जवानों के लिए नियमित पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रशिक्षण केंद्र में बिजली से चलने वाले वाहनों के कट मॉडलों के जरिये सभी तरह के वाहनों की कार्यशैली, बारीक तकनीक की जानकारी दी जा रही है। एसपीएमवीओ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस तरह का प्रशिक्षण और कहीं नहीं है। संपूर्ण पाठ्यक्रम के साथ ही जवानों को अच्छा भोजन, मेस सुविधा, खेल व्यवस्था आदि भी दी जा रही है।
जवानों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों व पुलिस की विभिन्न इकाइयों में भेज दिया जाएगा। एसपीएमवी ने बताया कि इस प्रशिक्षण का निरीक्षण करने के लिए एडीजी लॉजिस्टिक बीके मौर्या भी पहुंचे थे। उन्होंने जवानों के प्रशिक्षण व केंद्र का निरीक्षण भी किया।
पहले तीन माह का होता था प्रशिक्षण
पुलिस जवानों को चालक का प्रशिक्षण पहले तीन माह का कराया जाता था, लेकिन चालकों की कमी को देखते हुए यह समय घटना कर अब 45 दिन कर दिया गया है। एसपीएमवीओ आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में पुलिस के पास वाहन चालकों की कमी है। इसी को देखते हुए अब चालक प्रशिक्षण समय घटाकर तीन माह के बजाय 45 दिन कर दिया गया है।
सात हजार जवान ले चुके ट्रेनिंग
यूपी-112 को इसी प्रशिक्षण केंद्र ने चालक दिए हैं। विभागीय जानकार बताते हैं कि यूपी डायल-112 को अब तक करीब सात हजार पुलिस व होमगार्ड जवानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वहां पिछले दिनों ही मुख्य आरक्षी परिवहन के 272 जवान प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं।

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100 करोड़ रुपये से ज्यादा है FASTag से रोजाना का कलेक्शन, 15 फरवरी से हुआ था जरूरी - Zee Business हिंदी

Fastag Collection: फास्टैग से औसत दैनिक टोल संग्रह 100 करोड़ रुपये (Daily Toll Collection) तक पहुंच गया हैं. सरकार ने 15 फरवरी से फास्टैग्स को अनिवार्य कर दिया था. इसके बाद बिना फास्टैग वाले वाहनों से देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा (electronic toll plaza) पर दोगुना टोल वसूलने की व्यवस्था कर दी गई.

सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 16 मार्च 2021 को तीन करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए गए. फास्टैग के माध्यम से दैनिक शुल्क संग्रह एक मार्च 2021 से 16 मार्च 2021 तक 100 करोड़ रुपये से अधिक रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2021 से केंद्रीय मोटर वाहन नियम (Motor Vehicles Rules), 1989 में संशोधन के माध्यम से सभी 'एम' (चार पहिये वाले यात्री वाहन) और 'एन' (चार पहिये वाले माल ढुलाई) श्रेणी के मोटर वाहनों में फास्टैग को फिट करना अनिवार्य कर दिया है.

उन्होंने कहा कि डिजिटल मोड (Digital Payment) के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने के लिए फ्री प्लाजा से एक निर्बाध मार्ग प्रदान करने, ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने, प्रतीक्षा का समय घटाने और प्रदूषण कम करने के लिए, सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क वसूली वाले सभी लेनों को 'शुल्क प्लाजा का फास्टैग लेन' घोषित किया है, जो 15 से 16 फरवरी, 2021 से प्रभावी है.

नेशनल हाइवे पर उपयोगकर्ता शुल्क राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार इकट्ठा किया जाता है.

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वाहन में नहीं लगवाएं हैं रियर व्यू मिरर तो हा जाएं सतर्क, इस राज्य में पुलिस काट रही चालान - दैनिक जागरण

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Two wheeler Rear View Mirror Update: भारत में दोपहिया वाहन चलाने वाले लोगों की संख्या अन्य देशो के मुकाबले काफी ज्यादा है। जाहिर है यहां ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन भी सबसे ज्यादा किया जाता है। इससे छूटकारा पाने के लिए सरकार लगाातर प्रयास कर रही है। हाल ही में दिल्ली में रियर-व्यू मिरर के बिना ड्राइविंग करने वाले दोपहिया वाहन सवारों पर जुर्माने का प्रवाधान लागू किया गया था। जिसके बाद इसे अन्य राज्यों में भी लागू कराया जा रहा है।

हैदराबाद में पुलिस काट रही चालान: दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों को रियर व्यू के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया है। जो अब तक सिर्फ दिल्ली में लागू था। जिसे अब हैदराबाद में भी सख्ती से लागू किया जा रहा है। हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार दोपहिया वाहनों में रियर व्यू मिरर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। जिस पर अभी तक ध्यान ​नहीं दिया जा रहा था।

क्यों रियर व्यू के बिना कट रहे चालान: पुलिस के अनुसार मोटर वाहन अधिनियम के नियम मोटर चालकों की सुरक्षा के लिए हैं। ट्रैफिक अनुशासन को सुनिश्चित करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। क्योंकि ज्यादात्तर सवारों को पता नहीं है कि रियर व्यू मिरर के बिना सवारी करना नियमों का उल्लंघन है। रियर व्यू मिरर्स यह पहचानने में मदद करते हैं कि पीछे कौन-सी सवारी आ रही है। इनकी सहायता से लेन बदलने में भी सहायता होती हैं।

यदि आपके पास रियर व्यू मिरर है, तो आप आस पास आने वाले वाहनों के लिए सतर्क हो सकते हैं, और वाहन में टकरा जाने का जोखिम बहुत कम हो जाता है। फिलहाल इस पर फाइन इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि अधिकांश सवार रियर व्यू मिरर को हटा देते हैं क्योंकि मोटरसाइकिल उनके बिना बेहतर दिखती है। 

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Sunday, March 21, 2021

घर से ही कर सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने समेत RTO के ये 18 काम, जानें- क्या हैं नए नियम - TV9 Hindi

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या उसे रिन्यू करवाना हो, इसके लिए आपको आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने होंगे. आप अब ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े कई काम आसानी से घर बैठे ही कर सकेंगे.

घर से ही कर सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने समेत RTO के ये 18 काम, जानें- क्या हैं नए नियम

आरटीओ से जुड़े 18 काम ऑनलाइन माध्यम से ही कर सकते हैं.

बैंक से लेकर सरकारी विभागों के कई काम अब ऑनलाइन तरीके से ही हो रहे हैं. ऐसे में अब ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े काम ऑनलाइन होने वाले है. अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या उसे रिन्यू करवाना हो, इसके लिए आपको आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने होंगे. आप अब ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े कई काम आसानी से घर बैठे ही कर सकेंगे. दरअसल, हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन नियमों में बदलाव किया है और आरटीओ के कई कामों को ऑनलाइन तरीके से करवाने का फैसला किया है.

मंत्रालय ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें जानकारी दी गई है कि आरटीओ से जुड़े 18 काम ऑनलाइन माध्यम से ही कर सकते हैं. इन कामों के लिए आपको आरटीओ के दफ्तर में जाने की आवश्यकता नहीं है. दरअसल, मंत्रालय ने आधार-प्रमाणीकरण आधारित संपर्क रहित सर्विस की शुरुआत की है, जिसके तहत आप घर बैठे ऑनलाइन ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि सरकार की ये नई सर्विस क्या है और किन-किन सर्विस में इसका फायदा उठाया जा सकता है…

क्या है ये सर्विस?

आधार-प्रमाणीकरण के आधार पर आप वाहन रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी 18 तरह की सर्विस का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आपके लाइसेंस को आधार कार्ड से रजिस्टर करना होगा, इसके बाद आप कई तरह से सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से ही ले सकते हैं. इन सर्विस में लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल, ड्राइविंग लाइसेंस में पता बदलना आदि शामिल है.

क्या करना होता है?

आपको ड्राइविंग लाइंसेस को आधार कार्ड से लिंक करना होगा. इसके लिए आप सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट Parivahan.Gov.In पर जाएं, यहां अपने राज्य और शहर का चुनाव करना होगा. इसके बाद आपको लर्निंग लाइसेंस के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसमें एक एप्लीकेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, एड्रेस प्रूफ आदि की जानकारी देनी होगी. साथ ही इसे आधार कार्ड से लिंक करना होगा.

फिर ये काम कर सकेंगे ऑनलाइन

– लर्नर्स लाइसेंस
– ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू, जिसमें ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती हो.
– डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस.
– ड्राइविंग लाइसेंस में एड्रेस चेंज करवाना.
– अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जारी करना.
– लाइसेंस से वाहन की श्रेणी को छोड़ना.
– मोटर वाहन के अस्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन.
– पूरी तरह से निर्मित बॉडी के साथ मोटर वाहन के लिए पंजीकरण के लिए आवेदन.
– पंजीकरण का डुप्लीकेट प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन.
– पंजीकरण प्रमाणपत्र के लिए एनओसी प्रदान करने के लिए आवेदन.
– मोटर वाहन के लिए स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन.
– पंजीकरण प्रमाणपत्र में पते के परिवर्तन की सूचना.
– मान्यताप्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र से चालक प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण हेतु आवेदन.
– राजनयिक अधिकारी के मोटर वाहन के पंजीकरण के लिए आवेदन.
– राजनयिक अधिकारी के मोटर वाहन को नया पंजीकरण चिह्न सौंपने के लिए आवेदन.
– राजनयिक अधिकारी के मोटर वाहन को नया पंजीकरण चिह्न सौंपने के लिए आवेदन.
– किराया खरीद करार की अनुशंसा.

ये भी पढ़ें- बदलने जा रहा आपके ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा यह नियम, पूरी करनी होगी ये शर्त नहीं तो…

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Scrappage Policy 2021: नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान, जानें क्या होगा इससे फायदा - Zee Business हिंदी

New vehicle scrappage policy: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister) ने नई वाहन कबाड़ नीति का ऐलान कर दिया है. लोकसभा में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (vehicle scrappage policy) को ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण सुधार करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और पेट्रोल-डीजल की खपत कम होगी. साथ ही तेल आयात में भी कमी आएगी.

नितिन गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर (Indian auto industry) 4.50 लाख करोड़ रुपये का है और अगले 5 सालों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है. उन्होंने दावा किया कि पांच साल में हिन्दुस्तान का ऑटोमोबाइल सेक्टर दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच जाएगा.

दुनिया की टॉप पॉलिसी (vehicle scrappage policy)
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्क्रैप पॉलिसी को जर्मनी, ब्रिटेन, जापान जैसे देशों के विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है. इसे आम लोगों के सुझावों के लिए 30 दिनों तक सार्वजनिक रखा जाएगा.

करीब 1 करोड़ वाहन दायरे में (old vehicles)
नितिन गडकरी ने कहा कि इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे.

vehicle scrappage policy

उन्होंने कहा कि इसके तहत 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और वर्तमान में इनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है.

नीति एक फायदे अनेक (Indian auto industry)
वाहन स्क्रैपिंग नीति के फायदों का उल्लेख करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इससे कबाड़ धातु का रिसाइक्लिंग हो सकेगा, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी, मौजूदा वाहनों की बेहतर दक्षता के कारण ईंधन की खपत कम होगी जिससे तेल आयात में कमी आएगी और निवेश को गति मिलेगी.

उन्होंने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. इसके अलावा, प्लास्टिक, स्टील और तांबे जैसी रिसाइक्लिंग सामग्री का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और इस प्रकार वाहनों की लागत कम हो सकती है.

कम होगा प्रदूषण (Reduce pollution)
गडकरी ने कहा कि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण करते हैं. ये फिट वाहनों की तुलना में 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं. इसलिए स्क्रैप ऐसी विन-विन पॉलिसी (Win Win Policy) होगी जिससे आम आदमी को ज्यादा फायदा होगा. प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च में कमी आएगी. 

डी-रजिस्टर होंगे पुराने वाहन (old vehicles be de-registered)
नितिन गडकरी ने कहा कि नई नीति के तहत 15 साल बाद कमर्शियल वाहन (Commercial vehicles) और 20 साल बाद प्राइवेट वाहन खुद ही डी-रजिस्टर कर दिए जाएंगे. केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका या सार्वजनिक संस्थानों के वाहन 15 साल बाद डी-रजिस्टर हो जाएंगे. डी-रजिस्टर (de-registered) होने के साथ ही वाहनों को स्क्रैप (scrapped) भी कर दिया जाएगा. 

बढ़ेगी वाहनों की बिक्री
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से देश में वाहन बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वाहन उद्योग को बढ़ाएगा.

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जेकेआरटीसी के बेड़े से बाहर होंगे 15 वर्ष पुराने वाहन - अमर उजाला

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेआरटीसी) के बेड़े से 15 वर्ष पुराने वाहन बाहर होंगे। वर्तमान में कारपोरेशन के पास ऐसे 84 वाहन हैं, जिनमें से 80 को कंडम घोषित कर दिया गया है। सिर्फ चार वाहन परिचालन में शामिल हैं। इन्हें भी कंडम करने की तैयारी चल रही है। वहीं स्टेट मोटर गैरेज के पास 100 ऐसे वाहन हैं, जिन्हें कंडम घोषित कर दिया गया है। अब इनकी निलामी की तैयारी चल रही है।
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सरकारी विभागों में एक अप्रैल 2022 से 15 वर्ष पुराने वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसे लेकर प्रस्ताव पास किया है। इसकी मंजूरी मिलने के बाद यह नई व्यवस्था लागू होगी। जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के बेड़े में 15 वर्ष से ऊपर 84 वाहन हैं। हालांकि कारपोरेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद डाटा बताता है कि कारपोरेशन के पास 847 वाहन हैं, जिसमें 485 वाहन 10 से 25 वर्ष पुराने हैं। 2022 तक वाहनों की संख्या और बढ़ जाएगी। कारपोरेशन पुराने वाहनों के स्थान पर नए वाहनों की भी खरीद कर रहा है। वर्तमान में 500 के करीब नए वाहनों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
हमारे पास 100 के करीब 15 वर्ष से पुराने वाहन हैं, जिन्हें हमने कंडम घोषित कर दिया है। अब जल्द ही इन वाहनों की नीलामी होगी। कंडम हुए वाहनों की जगह पर नए वाहन खरीदने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी। 2022 तक सरकारी विभागों में 15 साल से पुराने वाहनों को हटाने की योजना चल रही है।
जाकिर हुसैन चौधरी, डायरेक्टर स्टेट मोटर गैरेज

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...