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Sunday, August 6, 2023

हैवी व्हीकल लाइसेंस के लिए बदले नियम: ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में रोजाना लगानी पड़ेगी हाजिरी, बिना प्रशि... - Dainik Bhaskar

किशनगढ़11 घंटे पहले

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किशनगढ़ समेत अन्य परिवहन क्षेत्रों में हैवी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से पहले वाहन चलाने के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के लिए अब आवेदक को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में रोजाना हाजिरी लगानी होगी। परिवहन विभाग एक अगस्त से इन स्कूलों में रजिस्टर में हाजिरी व्यवस्था बंद कर चुका है। नई व्यवस्था के तहत अब प्रशिक्षणार्थी को ऑनलाइन हाजिरी लगानी होगी और 30 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी उसे ऑनलाइन ही जारी किया जाएगा।

30 दिन की ट्रेनिंग के बाद मिलेगा प्रमाण पत्र

अब तक यह प्रमाण पत्र मोटर ड्राइविंग स्कूलों से ऑफलाइन मिलता था। 30 दिन की ट्रेनिंग करने के बाद यह प्रमाण पत्र दिया जाता था। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से अपनाए जा रहे इस फॉर्मूले में चालक लाइसेंस की गुणवत्ता में सुधार व प्रशिक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।

परिवहन विभाग का नियम है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चालक को मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से एक महीने का प्रशिक्षण लेना जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान चालक को सड़क पर वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों सहित विभिन्न जरूरी तकनीकी बारीकियां बताई जाती हैं। ताकि, ड्राइविंग के वक्त चालक कोई लापरवाही नहीं बरते जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। ड्राइविंग स्कूलों द्वारा बिना ट्रेनिंग ही प्रमाण पत्र जारी करने की मुख्यालय को मिल रही शिकायतों को दूर करने के लिए विभाग ने एचएमवी लाइसेंस के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट जारी करने की नई व्यवस्था लागू की है।

किशनगढ़ में करीब एक दर्जन मोटर ड्राइविंग स्कूले हैं। इनमें हर महीने हैवी ड्राइविंग लर्निंग लाइसेंस बनते हैं। लर्निंग लाइसेंस बनवाने के 30 दिन बाद आवेदक स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। मोटर ड्राइविंग स्कूलों को शेष रहे वाटर मार्क स्टेशनरी के प्रपत्र 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से परिवहन कार्यालय में जमा करवाने को कहा गया था। सभी ड्राइविंग स्कूलों की केंद्र सरकार के पोर्टल सारथी पर रजिस्टर कर आईडी-पासवर्ड जारी कर दिए हैं। ड्राइविंग स्कूल संचालक पोर्टल के माध्यम से ही प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे। अधिकारियों को आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि एक अगस्त के बाद ऑनलाइन माध्यम से जारी होने वाले ट्रेनिंग सर्टिफिकेट ही मान्य होंगे।

प्रशिक्षणार्थी को ऑनलाइन लगानी होगी हाजिरी

परिवहन अधिकारियों का कहना है कि ड्राइविंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन के दिन ही सारथी पोर्टल पर आवेदक की एंट्री हो जाएगी। 30 दिन तक उसे भारी मोटर वाहन को चलाना सीखना होगा। 30 दिन का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पोर्टल से ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। सड़क हादसों में कमी हो और प्रशिक्षित व्यक्ति को ही भारी वाहन का लाइसेंस मिले। लाइसेंस में पूरी तरह से पारदर्शिता हो। कोई गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं रहे। इसे देखते ऑफलाइन मोड को खत्म कर ऑनलाइन सर्टिफिकेट की बाध्यता को लागू किया गया है। इस संबंध में सभी परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही, नियमानुसार ट्रेनिंग देने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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How To : अपनी गाड़ी के पेंडिंग ट्रैफिक चालान को कैसे करें चेक? स्टेप बाय स्टेप जानें टिप्स - प्रभात खबर - Prabhat Khabar

चालान कटने के बाद एसएमएस से भेजी जाती है जानकारी

आपको यह भी बता दें कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को फिर ई-चालान जारी किया जाता है. इसके बारे में जानकारी उन्हें एसएमएस के माध्यम से भेजी जाती है. हालांकि, कई बार जानकारी यूजर्स तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए, यह चेक करना बेहद जरूरी है कि क्या आपके वाहन के खिलाफ कोई चालान लंबित तो नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रैफिक चालान का भुगतान करने में किसी भी देरी से जेल और यहां तक ​​कि अदालत के हस्तक्षेप जैसी गंभीर सजा हो सकती है. इसलिए, आसान तरीकों का इस्तेमाल करके लंबित ई-चालान की जांच करना हमेशा सर्वोत्तम माना जाता है.

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How To : अपनी गाड़ी के पेंडिंग ट्रैफिक चालान को कैसे करें चेक? स्टेप बाय स्टेप जानें टिप्स - प्रभात खबर - Prabhat Khabar
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Saturday, August 5, 2023

मोटर दुर्घटना दावा उस क्षेत्र के एमएसीटी के समक्ष दायर करने की आवश्यकता नहीं, जहां दुर्घटना हुई: सुप्रीम... - Live Law Hindi

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दावेदारों के लिए मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) की धारा 166 के तहत मुआवजे के लिए उस क्षेत्र पर एमएसीटी के समक्ष आवेदन दायर करना अनिवार्य नहीं, जहां दुर्घटना हुई।

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने ट्रांसफर याचिका पर फैसला करते हुए कहा कि दावेदार उस स्थानीय सीमा के भीतर एमएसीटी से संपर्क कर सकते हैं, जिसके अधिकार क्षेत्र में वे रहते हैं या व्यवसाय करते हैं या प्रतिवादी रहते हैं।

दुर्घटनाग्रस्त वाहन के मालिक द्वारा दायर इस ट्रांसफर याचिका में यह आधार उठाया गया कि दुर्घटना पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में हुई। इस प्रकार, दार्जिलिंग में एमएसीटी के लिए दावा याचिका पर निर्णय लेना समीचीन होगा।

कोर्ट ने कहा,

"दावेदारों ने फतेहगढ़, यूपी में एमएसीटी, फर्रुखाबाद से संपर्क करने का विकल्प चुना है, ऐसा प्लेटफॉर्म जिसे कानून उन्हें चुनने की अनुमति देता है। याचिकाकर्ता द्वारा कोई शिकायत नहीं उठाई जा सकती है। विवाद गलत है, इसलिए इसे खारिज कर दिया जाता है।"

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि चूंकि उसके सभी गवाह सिलीगुड़ी से हैं, इसलिए भाषा बाधा बन सकती है।

इस तर्क को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा,

"भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इसमें कोई संदेह नहीं है कि लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं। यहां कम से कम 22 (बाइस) आधिकारिक भाषाएं हैं। हालांकि, हिंदी राज भाषा है, यह उन गवाहों से अपेक्षित है जो याचिकाकर्ता द्वारा एमएसीटी, फतेहगढ़, यूपी के समक्ष हिंदी में अपना पक्ष रखने और संप्रेषित करने के लिए प्रस्तुत किया गया। यदि याचिकाकर्ता के तर्क को स्वीकार किया जाता है तो दावेदार गंभीर रूप से पूर्वाग्रहग्रस्त होंगे, क्योंकि वे संप्रेषित करने और बांग्ला भाषा में अपनी बात बताने में सक्षम नहीं होंगे।"

केस विवरण- प्रमोद सिन्हा बनाम सुरेश सिंह चौहान | 2023 लाइवलॉ (एससी) 596 | टीआरपी (सी) 1792/2023

हेडनोट्स

मोटर वाहन अधिनियम, 1988; धारा 166 - दावेदारों के लिए अधिनियम की धारा 166 के तहत मुआवजे के लिए उस क्षेत्र पर एमएसीटी के समक्ष आवेदन दायर करना अनिवार्य नहीं है, जहां दुर्घटना हुई है - दावेदार एमएसीटी से संपर्क कर सकते हैं, जिसके अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमा के भीतर वे रहते हैं या व्यवसाय करते हैं।

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908; धारा 24 - स्थानांतरण याचिका - याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया गया कि चूंकि उसके सभी गवाह सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से हैं, इसलिए भाषा बाधा हो सकती है - भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में ऐसा होने में कोई संदेह नहीं है कि लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं। कम से कम 22 (बाईस) आधिकारिक भाषाएं हैं। हालांकि, हिंदी राज भाषा है, यह उन गवाहों से अपेक्षित है, जिन्हें याचिकाकर्ता द्वारा संवाद करने और अपना पक्ष हिंदी में व्यक्त करने के लिए एमएसीटी, फतेहगढ़, यूपी के समक्ष पेश किया जाएगा। यदि याचिकाकर्ता के तर्क को स्वीकार किया जाता है तो यह दावेदार हैं, जो बंगाली में संवाद करने और अपना पक्ष बताने की स्थिति में नहीं होने के कारण गंभीर रूप से पूर्वाग्रहग्रस्त होंगे।

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Thursday, August 3, 2023

Barabanki News: जिले में खुलेंगे तीन ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग सेंटर - अमर उजाला

बाराबंकी। वाहनों की फिटनेस जांच अब अत्याधुनिक मशीनों से होगी। इसके लिए जिले में तीन स्थानों पर ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग सेंटर खोलने की योजना है। अभी तक वाहनों की फिटनेस विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से मैनुअली होती है, जिससे वाहन मालिकों को न सिर्फ तमाम परेशानियां उठानी पड़ती हैं, बल्कि जांच में तमाम खामियां रह जाती हैं।

वाहनों की फिटनेस की जांच अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ऑटोमेटेड टेस्टिंग मशीन से कराने के लिए जिले में तीन स्थानों पर एटीएस (ऑटोमेटिक टेस्टिंग सिस्टम) सेंटर खोले जाएंगे। इसमें वाहनों के आंतरिक व वाह्य जांच अत्याधुनिक मशीनों से होगी। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों में तीन एटीएस खोलने की घोषणा की है। माल वाहनों, यात्री मोटर वाहनों, मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहन और हल्के मोटर वाहन की फिटनेस जांच एटीएस से कराई जा सकेगी।

इसकी जिम्मेदारी नियमानुसार किसी कंपनी को दी जाएगी। यहां पर आरआई समेत अधिकारियों द्वारा सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। पारदर्शिता लाने के लिए शासन की ओर से फिटनेस केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे ऑॅटोमेटिक मशीनों से जांच करके ही वाहनों को प्रमाणपत्र जारी किया जा सके। एआरटीओ अंकिता शुक्ला ने बताया कि अभी कोई ऐसा आदेश नहीं आया है। आदेश मिलने पर उसका पालन कराते हुए सेंटर खोलने दिशा में कार्य शुरू कराया जाएगा।

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Dehradun News दून में वाहनों की अधिकतम गति-सीमा निर्धारित एसएलवीडी कैमरे लगाए जाने की तैयारी जारी.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ने पूरे जिले में वाहनों की गति-सीमा निर्धारित कर दी है। शहरी क्षेत्र में तिपाहिया दुपहिया चौपहिया मध्यम व भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति-सीमा 30 किमी प्रति घंटा शहर के बाहरी क्षेत्रों के लिए अधिकतम गति-सीमा 30 से 40 किमी प्रति घंटा जबकि राजमार्गों के लिए 60 से 80 किमी प्रति घंटा गति-सीमा निर्धारित की गई है।

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Wednesday, August 2, 2023

Balrampur News: अंतर जनपदीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश, सात गिरफ्तार - अमर उजाला

Inter-district vehicle thief gang busted, seven arrested

वाहन चोरों के साथ पुलिस की टीम। 

बलरामपुर। नगर कोतवाली की पुलिस व स्वाट टीम ने अंतरजनपदीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पांच मोटर साइकिल बरामद करते हुए पुलिस ने गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने धरपकड़ की कार्रवाई मंगलवार की देर शाम कोतवाली नगर क्षेत्र के नहरबालागंज-मेवालाल तालाब मार्ग पर मुरलीपुर गांव के निकट की है। गिरफ्तार किए गए तीन अभियुक्तों के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, गिरोह का सरगना श्रावस्ती जेल में बंद है। जबकि एक अन्य सदस्य फरार चल रहा है।
क्षेत्राधिकारी नगर बृजनंदन राय ने बुधवार को नगर कोतवाली में वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बताया कि मंगलवार की देर शाम प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली विमलेश कुमार सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बाइक चोरी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य नहरबालागंज से होकर बौद्ध परिपथ तुलसीपुर की तरफ जा रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक ने स्वाट टीम के प्रभारी श्यामलाल यादव, उप निरीक्षक सैय्यद खादिम सज्जाद, कोतवाली नगर के उप निरीक्षक श्रवण चंद्र सिंह, उप निरीक्षक अनिल कुमार व अन्य कई पुलिसकर्मियों के साथ मुरलीपुर गांव के पास पांच मोटर साइकिल से आ रहे सात लोगों को पकड़ लिया।
जांच के दौरान बाइक सवारों के पास कोई कागजात नहीं मिला। मोटर साइकिल के पिछले हिस्से को पेंट से गाढ़ा किया गया था। मोबाइल एप से जांच की गई तो बाइक पर कार का नंबर मिला। इसी तरह चार अन्य मोटर साइकिलों के नंबर भी फर्जी पाए गए। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोहित ग्राम ठाकुरगंज, आशीष सोनी निवासी हरोहनपुरवा, आकाश मोहल्ला रस्तोगीपुरवा, शनि गुप्ता निवासी कतारिया खरगूपुर मार्केट, आजाद निवासी लोनावा दरगाह, कैलाश निवासी नरायनपुर चौकी थाना खरगूपुर जनपद गोंडा और शिवम जायसवाल निवासी महराजगंज तराई के रूप में हुई।
प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर ने बताया कि इस गिरोह में दो अन्य लोग भी शामिल हैं। गिरोह का सरगना धर्मेंद्र दूबे श्रावस्ती थाने में बंद है। जबकि एक अन्य सदस्य फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। पकड़े गए अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।

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Tuesday, August 1, 2023

बिहार सरकार ने वाहन मालिकों के लिए माफी योजना की घोषणा की - ThePrint Hindi

पटना, एक अगस्त (भाषा) बिहार सरकार ने वाहन मालिकों के लिए सीमित जुर्माने के साथ लंबित मोटर वाहन कर का भुगतान करने के लिए मंगलवार को एक माफी योजना की घोषणा की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का एक प्रस्ताव परिवहन विभाग द्वारा रखा गया था।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट ने परिवहन/गैर-परिवहन, ट्रैक्टर-ट्रेलर और बैटरी चालित वाहनों के मालिकों के लिए लंबे समय से लंबित मोटर वाहन कर को 30 प्रतिशत जुर्माने के साथ भुगतान करने के लिए एक माफी योजना को मंजूरी दी है।

उनके मुताबिक, ट्रैक्टर और ट्रेलरों के मालिकों के लिए सरकार ने कहा कि उन्हें परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए 30000 रुपये का भुगतान करना होगा।

सिद्धार्थ ने कहा कि यह योजना छह महीने के लिए मान्य है और बिहार में पंजीकृत वाहनों पर लागू होगी।

कैबिनेट ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत नवादा जिले के घरों में गंगा के बाढ़ के शोधित पानी की आपूर्ति से संबंधित परियोजना के विस्तार और उसे शीघ्र पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट को भी मंजूरी दे दी।

सिद्धार्थ ने कहा कि कैबिनेट ने इसके लिए 340.89 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

मुख्यमंत्री कुमार ने पिछले साल नवंबर में गया और राजगीर में सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण किया था।

भाषा अनवर

नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...