सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत में ज्यादातर ऑटोमोबाइल निर्माता पहले से ही 6 एयरबैग वाली कारों का निर्यात कर रहे हैं, और देश में कारों के लिए समान सुरक्षा मानदंडों को अपनाने की जरूरत है। गडकरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें छोटे किफायती कारों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सुरक्षा के बारे में भी सोचना चाहिए।
दिल्ली में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं 1.5 लाख लोगों की जान लेती हैं और 3 लाख से ज्यादा घायल हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, "भारत में अधिकांश ऑटोमोबाइल निर्माता 6 एयरबैग वाली कारों का निर्यात कर रहे हैं। लेकिन भारत में, आर्थिक मॉडल और लागत के कारण, वे कतरा रहे हैं।"
गडकरी ने आश्चर्य जताया कि ऑटोमोबाइल निर्माता भारत में इकॉनमी कारों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के जीवन के बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं। ज्यादातर, निम्न मध्यम वर्ग के लोग छोटी इकॉनमी वाली कारें खरीदते हैं।
एयरबैग एक व्हीकल ऑक्यूपेंट-रिस्ट्रेंट सिस्टम (वाहन अधिभोगी-संयम प्रणाली) है जो टक्कर के दौरान चालक और वाहन के डैशबोर्ड के बीच गुब्बारे की तरह फुल जाती है, जिससे गंभीर चोटों को रोका जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि देश में दुर्घटनाओं को कम करना समय की मांग है।
गडकरी ने कहा, "दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हमें ऑटोमोबाइल उद्योग के सहयोग की जरूरत है। सुरक्षित कारों के उत्पादन के लिए निर्माताओं के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।"
सरकार अक्तूबर से कार निर्माताओं के लिए आठ सीटों वाले वाहनों में कम से कम छह एयरबैग उपलब्ध कराने को अनिवार्य बनाने की कोशिश कर रही है।
गडकरी की टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि ऑटोमोबाइल उद्योग यह चिंता जताती रही है कि वाहनों के लिए हाई टैक्स और सख्त सुरक्षा और उत्सर्जन मानदंडों ने उनके उत्पादों को महंगा बना दिया है।
इस साल की शुरुआत में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक बयान में कहा कि साइड से लगने वाले टक्कर से मोटर वाहन में बैठने वालों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर), 1989 में संशोधन करके सुरक्षा फीचर्स को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
बयान में कहा गया था, "14 जनवरी, 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि 1 अक्तूबर, 2022 के बाद निर्मित एम 1 श्रेणी के वाहनों को दो साइड / साइड टोरसो एयर बैग से लैस किया जाएगा, फ्रंट रो आउटबोर्ड में बैठने वाले हर व्यक्तियों के लिए एक-एक एयरबैग होगा। और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयर बैग्स, आउटबोर्ड पर बैठने वाले व्यक्तियों के लिए एक-एक होगा।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई - औसतन हर रोज 426 या हर एक घंटे में 18 - जो किसी भी कैलेंडर वर्ष में अब तक दर्ज की गई सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है।
'भारत में सड़क दुर्घटनाएं - 2020' शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, 11 प्रतिशत से ज्यादा मौतें और चोटें सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करने के कारण हुईं।
गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार का सर्वोच्च एजेंडा है।
Adblock test (Why?)
Car Safety: भारत में कारों के लिए वैश्विक सुरक्षा मानदंडों को अपनाया जाए, गडकरी की वाहन निर्माताओं से अपील - अमर उजाला
Read More
No comments:
Post a Comment