अदालत ने कहा कि वाहन पर जीवन भर का रोड-टैक्स यदि खरीद के समय चुकाया जा चुका है तो उसे दोबार नहीं लगाया जा सकता।
न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल और न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मागरी ने 28 पृष्ठ के निर्णय में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के परिवहन विभाग इस संघ शासित क्षेत्र के अधिकार क्षेत्र में 12 महीने से अधिक समय से चल रहे वाहनों के पुन: पंजीकरण की व्यवस्था बनाएं।
विभाग ने विवादास्पद सर्कुलर इस महीने के पहले सप्ताह में जारी किया था।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी वाहन के कागजात की वैधता की जांच परख करने संबंधी केंद्र या जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकार को नहीं छीन रही है।
अदालत ने कहा कि यह विवादास्पत परिपत्र अनावश्यक और अधिकार से बाहर जा कर जारी किया गया है। यह केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के विरुद्ध है। इसमें प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि जम्मू-कश्मीर के बाहर पंजीकृत वाहनों का वैध स्वामित्व रखने वालों को इस केंद्र शासित क्षेत्र में काम के लिए आने पर अपने वाहन का नया पंजीकरण कराना होगा।
जहूर अहमद भट और इर्शाद हुसैन मुंशी ने अपने वकील के माध्यम से इस परिपत्र को अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने परिपत्र निरस्त कर दिया।
बाहर से खरीदे गए वाहन को दोबारा पंजीकृत कराने के आदेश को निरस्त किया जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने - नवभारत टाइम्स
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