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Wednesday, January 10, 2024

Diesel Car: 'कारबंदी घोटाले' के आरोपों के बीच डीजल कार की लाइफ विवाद का खुलासा - अमर उजाला

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डीजल वाहन - फोटो : For Reference Only

विस्तार

भारत में डीजल से चलने वाली कार खरीदना कभी भी आसान फैसला नहीं रहा है। लोग अकसर डीजल इंजन की कार खरीदने से पहले कई सवालों से घिर जाते हैं। क्योंकि यह हमेशा से ही बहस का विषय रहा है। रखरखाव की उच्च लागत और कॉम्प्लेक्स इंजनों जैसे सभी निगेटिव पॉइन्ट्स को अलग रख दें, तो कई खरीदारों के लिए एक डीजल इंजन की कार की 10 साल का लाइफ हमेशा से ही एक विवादास्पद विषय रहा है। जिसका पूरा श्रेय मोटर वाहन अधिनियम को जाता है।

इस नियम को एक वकील ने भी चुनौती दी है। उन्होंने इन नियमों को एक बड़े घोटाले के रूप में दोषी ठहराया और मामले को अदालत में ले गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश कुल्थिया नाम के एक वकील ने भारत में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की लाइफ को लेकर एक मामला दायर किया है।

कारबंदी घोटाला विवाद
उन्होंने हरियाणा के परिवहन सचिव नवदीप सिंह विर्क (आईपीएस) सहित केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अन्य आईएएस अधिकारियों को भी गुड़गांव अदालत में कार बंदी घोटाले में आरोपी बनाया।

मामले को गुड़गांव कोर्ट में लाते समय, कुलथिया ने एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली दोनों कारों की चलने की अवधि 15 साल है। जिसे संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत अतिरिक्त पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।


मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन?
नियम का हवाला देते हुए वकील का कहना है कि वाहनों को जब्त नहीं किया जा सकता है, और न ही गैरकानूनी घोषित किया जा सकता है। क्योंकि सरकार 15 साल के लिए रोड टैक्स वसूलती है। उन्होंने वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम का घोर उल्लंघन बताया।

उनका कहना है कि 10 साल पुरानी डीजल से चलने वाली कारों पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, अधिकारी अभी भी एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का झूठा हवाला देकर इन वाहनों को प्रतिबंधित करते हैं। उन्होंने कहा कि ये अवैध गतिविधियां भारत में इलेक्ट्रिक कारों और उनकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए की जा रही हैं।

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डीजल इंजन पर ज्यादा टैक्स
इस बीच, जिन ग्राहकों के पास डीजल से चलने वाली कारें हैं, वे हमेशा बहुत असमंजस की स्थिति में रहते हैं। क्योंकि सरकार द्वारा डीजल इंजनों को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी देकर आग में घी डालने का काम किया है कि सरकार जल्द ही डीजल इंजनों पर ज्यादा टैक्स लगाएगी।

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Monday, January 8, 2024

Gwalior Police checking News: 166 वाहनों की चैकिंग में बिना हेलमेट 88 और बिना सीटबेल्ट 72 चालकों के चालान - Nai Dunia

Gwalior Police checking News :यातायात पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही कर रही है। इस क्रम में सोमवार को पुलिस ने शहर के विभिन्न चौराहों पर सवारी बसों स्कूली बस , आटो,स्कूली वेन को चैक किया।

Publish Date: Tue, 09 Jan 2024 08:44 AM (IST)

Updated Date: Tue, 09 Jan 2024 08:44 AM (IST)

Gwalior Police checking News: 166 वाहनों की चैकिंग में बिना हेलमेट 88 और बिना सीटबेल्ट 72 चालकों के चालान

Gwalior Police checking News ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। यातायात पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही कर रही है। इस क्रम में सोमवार को पुलिस ने शहर के विभिन्न चौराहों पर सवारी बसों स्कूली बस , आटो,स्कूली वेन को चैक किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश मीणा ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर लगभग 166 वाहनों को चैक किया। ऐसे स्कूल वाहन जिनमें कमी मिली उनकाे समझाइश देकर छोड दिया साथ ही उक्त कमी को सुधरवाने की हिदायत भी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश मीणा का कहना है कि जिन स्कूल वाहनों में कमी मिली है उनके संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा। चैकिंग के दौरान स्कूल वाहनों में कमी मिलने पर चालकों को समझाया गया कि वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे न बिठायें साथ ही वाहन चालक वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करें।

पुलिस ने विवेकानंद चौराहा, आकाशवाणी तिराहा, राजमाता तिराहा, गोला का मंदिर चौराहे, डी.डी. नगर चौराहा, बारादरी चौराहा, शिन्दे की छावनी, पदमा तिराहा एवं गुडा-गुडी का नाका पर चैकिंग की। कार्यवाही के दौरान बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाने वाले के 88 चालान तथा चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग न करने वाले के 72 चालान बनाये गये।

विस चुनाव: उत्कृष्ट योगदान देने वालों का सम्मान

जिले में विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले 78 अधिकारी-कर्मचारियों को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सोमवार को प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट करके सम्मानित किया। अपर कलेक्टर अंजू अरूण कुमार व टीएन सिंह सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी व सहयोगी स्टाफ, मास्टर ट्रेनर्स, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, पटवारी व राजस्व निरीक्षक, जनसंपर्क विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया।

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बीमा एजेंसी मोटर वाहन दुर्घटना दावे के लिए किराए के चालक की मृत्यु की स्थिति में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी है, भले ही दुर्घटना ... - Law Trend

रांची में झारखंड हाईकोर्ट के हालिया फैसले में, माननीय श्री न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले से संबंधित एक नागरिक विविध अपील में फैसला सुनाया।

इस मामले में बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक की एक अपील शामिल थी, जिसमें मोटर दुर्घटना दावा मामले में जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी। 25 दिसंबर 2011 को एक बोलेरो वाहन से दुर्घटना हुई और इसके परिणामस्वरूप दावेदार के परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य प्रकाश टोपनो की मृत्यु हो गई।

प्रकाश टोपनो की पत्नी और बच्चों सहित दावेदारों ने वाहन के मालिक, पुष्पा तिर्की और बीमा कंपनी, बजाज आलियांज दोनों से मुआवजे की मांग की। बीमा कंपनी ने दावे का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मृतक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों का उल्लंघन हुआ था।

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अपने फैसले में, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने विवाद के मुख्य बिंदु को संबोधित किया – क्या बीमा कंपनी को उस मामले में मुआवजे के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है जहां ड्राइवर की लापरवाही एक कारक थी। उन्होंने कहा, “मेरी निश्चित राय है कि बीमा कंपनी किराए के ड्राइवर की मृत्यु की स्थिति में मोटर वाहन दुर्घटना दावे के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, भले ही दुर्घटना ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुई हो। “

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न्यायाधीश ने बीमा कंपनी की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए जोर दिया, “यह दायित्व तब उत्पन्न होता है जब बीमाकर्ता भुगतान किए गए कर्मचारी की देनदारी को कवर करने और वाहन के मालिक को क्षतिपूर्ति करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम स्वीकार कर लेता है।” न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि मृतक, मालिक का कर्मचारी होने के नाते, तीसरे पक्ष के रूप में नहीं माना जा सकता है।

इस निर्णय तक पहुँचने में, न्यायाधीश ने कई कानूनी उदाहरणों का उल्लेख किया, जिनमें मोहम्मद के मामले भी शामिल थे। हनीफ और अन्य. बनाम एच.पी. सड़क परिवहन निगम एवं अन्य। (2005) 13 एससीसी 694 और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम श्रीमती। ब्राह्मी एवं अन्य. 2016(0) सुप्रीम (एचपी) 2071।

फैसले का समापन करते हुए, न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी के दायित्व की पुष्टि करते हुए अपील खारिज कर दी। 21 दिसंबर 2023 को फैसला सुनाया गया और अपीलकर्ता-बीमा कंपनी द्वारा जमा की गई वैधानिक राशि वापस करने का निर्देश दिया गया।

केस का नाम: शाखा प्रबंधक, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम बिनीता टोपनो
केस नंबर: 2018 का एम.ए. नंबर 218
बेंच: जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव
आदेश दिनांक: 21.12.2023

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Sunday, January 7, 2024

नए मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ उतरे मोटर चालक: संघ की चेतावनी- 1 जनवरी से बसों पर नहीं जाएंगे, हड़ताल का संकेत - Dainik Bhaskar

बड़वानी8 दिन पहले

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बड़वानी-शनिवार शाम 7 बजे जिला मुख्यालय के बस स्टैंड पर चालक परिचालक संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार की ओर से बनाएं गए। गाड़ी ड्राइविंग को लेकर नए कानून बदलाव के खिलाफ वाहन चालक बगावत पर उतर आए।

बस चालक परिचालक समिति जिला अध्यक्ष जाहिद पठान ने बताया कि

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Saturday, January 6, 2024

Agra News: मोटर वाहन अधिनियम संशोधन से ट्रक चालकों में आक्रोश - अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा Updated Mon, 01 Jan 2024 12:37 AM IST

कासगंज। मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधन से ट्रांसपोर्ट कारोबारी भड़केे हुए है। ट्रक चालकों ने संशोधन के विरोध में मामों पर कुछ ट्रक चालकों ने प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समझाकर चालकों को शांत कराया।
केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है। संशोधन के बाद वाहनों के चालक को 12 साल की सजा और उस पर दस लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इस संशोधन के विरोध में ट्रक चालकों ने मामों बाईपास रोड किनारे अपनी गाडियां खड़ी कर प्रदर्शन किया ओर जाम लगाने का प्रयास किया। जब इसकी सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस हरकत में आ गई। क्षेत्राधिकारी यातायात अजीत चौहान , प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार व प्रभारी यातायात लक्ष्मण सिंह मौके पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियों ने समझा-बुझाकर शांत कराया। एसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के संशोधन के विरोध में ट्रक चालकों ने प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने की कोशिश की थी। पुलिस ने तत्काल सक्रियता दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को समझाया और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित किया।

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Thursday, January 4, 2024

कानून: 7 लाख रुपए जुर्माना और 10 साल की सजा, कितना सच, जानें सही कानून - अमर उजाला

dhara 106 New motor vehicle act law drivers strike petrol pump issue

पेट्रोल पंप पर वाहनों की कतार। - फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार

ड्राइवर्स की हड़ताल Drivers Strike ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। हड़ताल क्यों हुई और ड्राइवर्स से जुड़े कानूनों में क्या बदलाव हुआ इसे लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की अफवाहें चल रही हैं। इन अफवाहों से जनता भी बेहद परेशान है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने इस कानून से जुड़ी पूरी जानकारी जनता के लिए जारी की है। यह नियम न सिर्फ ट्रक या बस ड्राइवर्स के लिए है। बल्कि यह नियम हर उस नागरिक पर लागू होगा जो वाहन चलाता है। मतलब यह नियम जानना भारत के हर नागरिक के लिए जरूरी है। अब हड़ताल समाप्त हो गई है पेट्रोल पंप Petrol Pump खुल चुके हैं। ट्रक और बसें चलना भी शुरू हो चुकी हैं लेकिन इस कानून की जानकारी से सभी को जागरूक किया जा रहा है। 

परिवहन विभाग द्वारा बुधवार को जनता के लिए जारी की गई जानकारी

1. 
हिट एवं रन -
 हिट एवं रन के संबंध में नवीन कानूनी प्रावधान के विरोध में की जा रही हड़ताल के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के दिनांक 02.01.2024 को प्रदत्त आदेश के अनुकम में, अपर मुख्य सचिव गृह, सचिव परिवहन, अपर परिवहन आयुक्त के साथ विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन आदि की हड़ताल समाप्त किए जाने हेतु बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में प्रस्तावित नवीन कानून के संबंध में संबंधित यूनियनों को आवश्यक जानकारी दी गई।

2. 
बिना सूचना भागने पर लगेगी धारा -
प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के भाग 2 में केवल उसी स्थिति में 10 वर्ष की अधिकतम सजा के प्रावधान का वर्णन है तथा कोई न्यूनतम सजा परिभाषित नहीं की गई है। जबकि कोई मोटरयान चालक किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु कारित हो जाने के बाद बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए मौके से भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस संबंध में पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दे देता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते। यह भी स्पष्ट किया गया कि कानून में उल्लेखित दण्ड माननीय न्यायालय द्वारा पूरी विधिक प्रकिया के पालन के पश्चात निर्धारित किया जाता है।

3. 
10 लाख जुर्माने की बात गलत -
धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ट रूप से वर्णित नहीं किया गया है। 7 लाख या 10 लाख संबंधी जुर्माने की राशि के प्रावधान का प्रचार भ्रामक होकर असत्य है।


4. 
जमानत भी मिलेगी -
यदि वाहन चालक एक्सीडेंट में हुई मृत्यु के विषय में समय पर पुलिस को सूचना दे देता है तो उस स्थिति में नए कानून में भी जमानती धारा का प्रावधान है।

5. 
हड़ताल समाप्त करें -
विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधिगणों को उक्त स्थितियां स्पष्ट करते हुए सेवाएं यथावत जारी रखने हेतु सहयोग करने तथा हड़ताल समाप्त करने का आव्हान किया गया।

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UP में नाबालिग लड़के-लड़कियों को चलाने को दिया वाहन तो खैर नहीं, होगी सीधे 3 साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माना - Zee Business हिंदी

UP Traffic Rules: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. अगर राज्य में 18 साल से कम किशोर/किशोरी मोटरसाइकिल, स्कूटी या कार चलाते हुए पाए जाते हैं, तो वाहन मालिक या बच्चों के सरंक्षक को तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. 

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि 18 साल के कम आयु के बच्चों द्वारा वाहन चलाने के कारण सड़कों पर कई सारी दुर्घटनाएं हो रही हैं. KGMU और लोहिया संस्थान द्वारा दिए गए आंकड़ों से भी पता चलता है कि सड़क हादसों में जान गंवाने वाले 40 फीसदी नाबालिग बच्चे होते हैं, जिनकी आयु 12 से 18 साल के बीच होती है. इसलिए राज्य में 18 साल से कम आयु के बच्चों को वाहन चलाने से कड़ाई से रोकने के लिए कानून का पालन कराया जाएगा.

Traffic rules

क्या कहता है कानून?

TRENDING NOW

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 4 में ये प्रावधान है कि 18 साल से कम आयु के किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी पब्लिक प्लेस पर मोटर वाहन नहीं चलाया जा सकता है. लेकिन कोई किशोर/किशोरी 16 साल की आयु प्राप्त कर लेने के पश्चात किसी सार्वजनिक स्थान में 50 CC से कम इंजन क्षमता की मोटरसाइकिल को चला सकता है. इसी के साथ ही धारा 5 में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी मोटर वाहन का स्वामी किसी ऐसे व्यक्ति से न तो वाहन चलवा सकता है और न ही चलाने की अनुमति देगा, जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न हो. 

हो जाएगी 3 साल की जेल

इसके अलावा मोटरवाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के माध्यम से किशोरों द्वारा किये जाने वाले मोटर वाहन अपराधों के संबध में एक नयी धारा 199क जोड़ी गयी है, जिसके अन्तर्गत प्राविधान किया गया है कि किसी किशोर द्वारा मोटरवाहन अपराध में किशोर के संरक्षक/मोटरवाहन के स्वामी को ही दोषी मानते हुए दण्डित किया जायेगा.

इसमें किशोर/किशोरी के संरक्षक/मोटरवाहन स्वामी को 03 साल तक जेल और ₹25 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है तथा अपराध में प्रयुक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन 1 साल की अवधि के लिये निरस्त कर दिया जाएगा तथा ऐसे किशोर का ड्राइविंग लाइसेंस 25 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त ही बन सकेगा.

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...