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Sunday, July 10, 2022

दिल्ली में वैध PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर वाहन मालिकों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, परिवहन विभाग उठाने जा रहा है यह कदम - NDTV India

दिल्ली के वाहन मालिक ध्यान दें... वैध PUC सर्टिफिकेट नहीं हुआ तो घर पर आएगा 10,000 रुपये का नोटिस

अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, 13 लाख दोपहिया और तीन लाख कारों सहित 17 लाख से अधिक वाहन बिना वैध पीयूसी के चल रहे हैं

नई दिल्ली:

दिल्ली में बिना वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिकों की मश्किलें बढ़ सकती है. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर सकता है जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं हैं. साथ ही अधिकारियों ने कहा कि अगर माण पत्र प्राप्त नहीं होंगे तो 10,000 रुपये के चालान वाहन मालिकों को देने होंगे. उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान तेज करेगा कि बिना प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहन शहर की सड़कों पर न चलें.ॉ

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अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, 13 लाख दोपहिया और तीन लाख कारों सहित 17 लाख से अधिक वाहन बिना वैध पीयूसी के चल रहे हैं. विभाग की तरफ से कहा गया है कि "विभाग पीयूसी प्रमाण पत्र की समाप्ति के बाद वाहन मालिकों को उनके घरों पर नोटिस भेजने के लिए एक प्रणाली पर काम कर रहा है. यदि वे वैध प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं करते हैं, तो 10,000 रुपये के जुर्माना का चालान भी उनके घर पहुंच जाएगा."  केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, प्रत्येक मोटर वाहन (बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV के साथ-साथ सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित) के लिए एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना आवश्यक है.

हालांकि, चार पहिया BS-IV वाहनों की वैधता एक वर्ष और अन्य वाहनों के लिए तीन महीने है. पीयूसी प्रमाणीकरण को वास्तविक समय बनाया गया है और वाहन पंजीकरण डेटाबेस के साथ एकीकृत किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल सेवा को बढ़ा कर पीयूसी प्रमाणीकरण की विश्वसनीयता में सुधार किया है और आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई के लिए प्रदूषणकारी वाहनों की पहचान करने में मदद की है. मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना पकड़े जाने पर, वाहन मालिकों को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है.अधिकारियों ने कहा पिछले साल परिवहन विभाग द्वारा पीयूसी मानदंड को सख्ती से लागू करने के कारण, 60 लाख से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए थे.

गौरतलब  है कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है.दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत 900 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं. ये पूरे शहर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में स्थापित किए गए हैं ताकि मोटर चालक इसे आसानी से कर सकें.पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है. चार पहिया वाहनों के लिए यह 80 रुपये है. डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपये है.

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वाहन मालिक जान लें ये बड़ी खबर, जल्द ही बदलने वाला है आपकी गाड़ी के टायर का डिजाइन - ABP न्यूज़

Vehicle's tyre design update: यदि आप भी हैं किसी वाहन के मालिक हैं तो यह जानकारी आपके काम की होने वाली है. भारत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट (MVA) में कई नए नियम लागू किए हैं. जिनके अनुसार आगामी 1 अक्टूबर 2022 से आपकी गाड़ी के टायर का डिजाइन बदलने वाला है. इसी नियम के अनुसार 1 अक्टूबर से भारत में गाड़ियों के टायर नए डिजाइन के अनुरूप होंगे. हालांकि लोगों को अपने वाहनों में नए टायर लगवाने के लिए सरकार 31 मार्च तक का समय भी देगी. 1 अप्रैल 2023 से इन नए डिजाइन के टायरों को हर गाड़ी में लगा होना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने की स्थिती में आप पर कार्रवाई की जा सकती है. विस्तार से जानिए क्या है नया नियम.

क्या है मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव

आप भी बाजार से कोई सामान खरीदते या कोई कोई सर्विस लेते समय प्रोवाइडर कंपनी या एजेंट की रेटिंग जरूर देखते होंगे. लेकिन टायरों के मामले में अभी तक ऐसा नहीं होता था. अब सरकार ने टायर्स के स्टार रेटिंग को अनिवार्य करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ बदलाव किया है. इस नई सुविधा के लागू होने के बाद अब टायर खरीदने से पहले ग्राहक उससे जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकेगा.

कितने प्रकार के होते हैं टायर

टायर पर बात करने से पहले ये जान लेना जरूरी हो जाता है कि कितने प्रकार के टायर बाजार में उपलब्ध हैं. विशेषज्ञों की मानें तो टायर 3 प्रकार के होते हैं. पहला होता है C1 जो कि पैसेंजर कार में प्रयोग होता है. दूसरा C2 प्रकार है जिनका इस्तेमाल छोटी कमर्शियल गाड़ियों में किया जाता है. C3 कैटेगरी का टायर का उपयोग कमर्शियल गाड़ियों में होता है.

डिजाइन बदलने का कारण 

नई व्यवस्था लागू होने से अब टायर पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होंगे. सरकार ने टायर के नियमों में जो बदलाव किए हैं उसके बाद अब टायर के लिए तीन स्टैंडर्स तय किए गए हैं. जो रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड एमिशंस के रूप में जानें जाएंगे. अब टायर कंपनियां इन नियमों के आधार पर BIS के मानकों के अनुरूप टायर बनाएंगी. 

इन्हें भी जानें

जैसा कि हमने समझा कि अब कंपनियां टायर को निर्माण करने में  3 नए मानकों का पालन करेंगी. तो आइए इन नए मानकों को भी समझते हैं.

  • रोलिंग रेजिस्टेंस- वह ऊर्जा जो कार को या वाहन को खींचने या पुल करने के लिए लगती है वो रोलिंग रेजिस्टेंस कहलाती है. अगर यह कम है तो टायर को ज्यादा ताकत लगाना पड़ता है.
  • वेट ग्रिप- गीली सड़कों पर टायर टायर फिलने लगते हैं जिससे कई बार हादसा होने का खतरा बन जाता है, ऐसे में अब वेट ग्रिप, टायर और सड़क के बीच फ्रिक्शन का कम नहीं होने देता. नए डिजाइन में इसको और बेहतर बनाया जाएगा.
  • रोलिंग साउंड एमिशंस- टायर जब पुराना होता है तो गाड़ी चलने के दौरान टायर से बहुत आवाज आती है. सरकार ने नए नियम में टायर कंपनियों को इसमें सुधार करने को कहा है.

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Saturday, July 9, 2022

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव - DriveSpark Hindi

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 1 जुलाई 2022 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें हल्के, मध्यम और भारी वाहनों के लिए ईंधन खपत मानकों (Fuel Consumption Standard) के अनुपालन को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (Central Motor Vehicle Rule) 1989 के नियम 115 G में संशोधन किया गया है। ईंधन खपत मानक भारत में बनने वाले वाहनों के साथ बाहर से आयत होने वाले वाहनों पर भी सामान रूप से लागू होंगे।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

इस अधिसूचना में कहा गया है कि वार्षिक ईंधन खपत मानक का अनुपालन एम 1 (M1) श्रेणी के वाहनों (सभी पैसेंजर वाहन जिनकी क्षमता 8 सीट से ज्यादा न हो) को अनिवार्य रूप से करना होगा जिनका कुल वजन 3.5 टन तक है।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

MoRTH ने एक बयान में कहा कि इस अधिसूचना का उद्देश्य FCS के अनुपालन के लिए वाहनों के दायरे का विस्तार करना है, और इसलिए अधिक ईंधन कुशल वाहनों को पेश करना है। बयान में आगे कहा गया है कि इस अधिसूचना के लागू होने की तारीख 1 अप्रैल, 2023 है और अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के भीतर सभी हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

भारत के कई शहरों में वायु प्रदूषण का प्रकोप बढ़ रहा है। दिल्ली की बात करें तो, हर साल शहर सर्दियों के समय गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझता है। इस समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सर्दियों के पहले ही प्रदूषण से निपटने की तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार ने अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली सरकार ने सर्दियों के महीनों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इस साल अक्टूबर से फरवरी 2023 के बीच ट्रकों और अन्य भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 70,000-80,000 ट्रक हर दिन प्रवेश करते हैं। जिन वाहनों को शहर में अनुमति दी जाएगी उनमें सीएनजी और बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। इसके अलावा सब्जियां, फल, अनाज, अंडे, बर्फ, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक सामान ले जाने वाले सभी ट्रकों को प्रतिबंध से छूट दी गई है। पेट्रोलियम उत्पादों को ले जाने वाले टैंकर भी प्रतिबंध से बाहर हैं।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

आपको बता दें कि हर साल सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच जाती है। दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के कारण पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) सबसे खतरनाक स्तर को भी पार कर जाता है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के सांस लेने में दिक्कत और फेंफड़े से जुड़ी कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।

अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में आज सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 131 दर्ज किया गया जो मध्यम श्रेणी का था। हवा की गुणवत्ता के लिए सीपीसीबी वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी करती है जो कि हवा में पार्टिकुलेट मैटर और कई अन्य तरह की गैसों और प्रदूषण के स्तर को माप कर तैयार किया जाता है।

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ये कबाड़खाना नहीं, मालखाना है जनाब: 28 सितंबर को होगी मोटर व्हीकल एक्ट में जब्त वाहनों की नीलामी - Dainik Bhaskar

अम्बाला7 घंटे पहले

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सिटी के मालखाने में पड़े पुराने वाहन, जिनकी 28 सितंबर को नीलामी होनी है। - Dainik Bhaskar

सिटी के मालखाने में पड़े पुराने वाहन, जिनकी 28 सितंबर को नीलामी होनी है।

  • पुलिस द्वारा जब्त वाहनों की 6 साल बाद नीलामी, 9500 में वरना कार 17500 में कंटासा और 22500 रुपए में स्कॉर्पियो कार ले सकते हैं

पुलिस द्वारा जेर धारा 102 द.प.स. व 47 पुलिस अधिनियम के तहत मोटर व्हील एक्ट व फैसलाशुदा मुकदमात के तहत पुलिस द्वारा जब्त किए वाहनों की नीलामी की 28 सितंबर को जाएगी। जिला नाजिर विजय ने बताया कि इससे पहले 22 अगस्त 2016 में 333 वाहनों की नीलामी की गई थी। अब 6 साल बाद पुलिस फिर मालखाने में खड़े वाहनों की नीलामी करेगी।

पुलिस स्टेशन मोहड़ा में 18 वाहन, पड़ाव स्टेशन में 40 वाहन, महेश नगर थाना में 11 वाहन, अम्बाला सिटी थाना में 51 वाहन, पंजोखरा थाने में 44, बलदेव नगर थाने में 48, सिटी के सदर थाने में 1, नग्गल थाने में 20, मुलाना थाने में 43 वाहन, साहा में 30 वाहन, अम्बाला कैंट में 16 वाहन, शहजादपुर में 19 व बराड़ा थाने में 34 वाहन हैं जिनकी नीलामी की जानी है।

दो व चौपहिया वाहनों की ये बोली निर्धारित
एक्टिवा - 600 रुपए
करिजमा बाइक - 600 रुपए
पैशन बाइक - 900 रुपए
चेतक स्कूटर - 850 रुपए
बजाज स्कूटर - 750 रुपए
बुलेट बाइक - 4000 रुपए
थ्री व्हीलर - 4200 रुपए
मारुति कार - 5000 रुपए
जेन कार - 7000 रुपए
वरना - 9500 रुपए
इंडिगो कार - 16500 रुपए
कंटासा कार - 17500 रुपए
फोर्ड कार - 19500 रुपए
टाटा सूमो - 21000 रुपए
स्कॉर्पियो कार - 22500 रुपए
नोट: वाहन कमेटी द्वारा 27 जनवरी 2022 से लेकर 10 फरवरी 2022 तक की कीमत निर्धारित की गई है।

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Friday, July 8, 2022

Challan: पुलिस आपको रोक तो सकती है लेकिन कभी नहीं काट पाएगी चालान! बस करें ये दो काम - Zee News Hindi

Traffic Challan: अगर आप अपने मोटर वाहन से सफर करते हैं तो कभी ना कभी आपका चालान जरूर कटा होगा और अगर नहीं कटा है तो यह बहुत अच्छी बात है. लेकिन, अगर आपका पहले चालान कट चुका है और आप चाहते हैं कि आगे से आपका कोई चालान ना कटे तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. मोटे तौर पर देखा जाए तो सिर्फ दो बातें हैं, जिनका आपको ध्यान रखना है, पहली- अपने मोटर वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज अपने साथ रखें और दूसरी- यातायात के नियमों का अच्छे तरीके से पालन करें. अगर आप इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए मोटर वाहन से सफर करते हैं तो आपका कभी चालान नहीं कटेगा. अगर यातायात पुलिस कहीं चेकिंग कर रही होगी तो वह आपको रोकेगी तो सही लेकिन उनके पास आपका चालान काटने का कोई कारण नहीं होगा. हालांकि, अगर आप यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको चालान कटेगा और यह आपकी जेब पर भारी असर भी डाल सकता है.

किस नियम को तेड़ने पर कटता है कितने रुपयों का चालान?

-बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चलाने पर 1000 रुपये का जुर्माना
-बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना
-ओवरस्पीडिंग पर 2000 रुपये तक का जुर्माना
-नशे में गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना और 6 महीने जेल
-दूसरी बार नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना और दो साल की जेल
- बिना इंश्योरेंस गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने की जेल 
-जुवेनाइल के गाड़ी चलाते पड़ने जाने पर अभिभावकों पर 25000 रुपये का जुर्माना
-बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 1000 रुपये रुपये का जुर्माना
-बिना आरसी के गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना

यातायात के सभी नियमों का पालन करें

हर व्यक्ति को हमेशा यातायात से जुड़े सभी नियमों का पालन करना चाहिए. इसके दो बड़े कारण हैं. पहला कारण है कि आपका चालान नहीं कटेगा और आपको जुर्माना भरना नहीं पड़ेगा. इसका दूसरा कारण है कि यातायात नियमों को सड़क पर चलने वाले लोगों के लिए सुरक्षित यातायात का माहौल बनाने के लिए तैयार किया गया है. अगर आप यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आप अपने साथ-साथ सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों की जान भी खतरे में डालते हैं, जो सही नहीं है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

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Thursday, July 7, 2022

New Motor Insurance Rules: IRDAI के नए मोटर बीमा नियम, आप गाड़ी कैसे चलाते हैं इससे तय होगी प्रीमियम की राशि - अमर उजाला

अब आप वाहन बीमा दरों की उच्च दरों को भूल जाइए। बीमा नियामक IRDAI ने बुधवार को नए नियमों की घोषणा के साथ यह सुनिश्चित कर दिया है कि वाहन मालिक अब यह तय कर सकते हैं कि वाहन बीमा के लिए कितना भुगतान करना है। नए नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। बीमा नियामक ने अब सामान्य बीमाकर्ताओं को ऐड-ऑन जारी करने की अनुमति दी है, जिससे व्यक्ति को ड्राइविंग की आदतों का फायदा मिल सकेगा। इसमें पे ऐज यू ड्राइव और पे हाउ यू ड्राइव जैसी फीचर्स शामिल हैं। टेलीमैटिक्स-आधारित मोटर बीमा योजना वाहन के इस्तेमाल या ड्राइविंग की आदत के आधार पर प्रीमियम राशि में बदलाव करेगी। 
IRDAI ने यह बड़ी घोषणा भी की है कि यदि किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा वाहन हैं, तो वह टेलीमैटिक्स-आधारित मोटर बीमा योजनाओं का इस्तेमाल करके नए नियमों के जरिए सिर्फएक बीमा प्रीमियम के साथ कवरेज हासिल कर सकता है। बीमा की राशि इस बात पर भी निर्भर करेगी कि कोई कितने वाहन चलाता है। 
IRDAI ने एक बयान में कहा, "मोटर बीमा की अवधारणा लगातार विकसित हो रही है। टेक्नोलॉजी के आने से बीमा बिरादरी के लिए दिलचस्प लेकिन चुनौतीपूर्ण मांगों को पूरा करने के लिए एक निरंतर गति पैदा की है। सामान्य बीमा क्षेत्र को पॉलिसीधारकों की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है। 
IRDAI ने सामान्य बीमा कंपनियों को नए बीमा उत्पादों को मंजूरी दी है। नए मोटर बीमा नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से चलने वाले वाहन की दूरी के आधार पर बीमा पर प्रीमियम राशि तय कर सकता है। यदि वाहन का इस्तेमाल कम होता है तो कोई उपयोग-आधारित कवर को चुन सकता है और इसके बेनिफिट्स हासिल कर सकता है। प्रीमियम दर तय करने के लिए एक महीने में वाहन द्वारा चलाई जाने वाली अधिकतम दूरी भी तय की जा सकती है। 
बीमा नियामक IRDAI के अनुसार, खराब या जल्दबाजी में ड्राइविंग करने पर ज्यादा प्रीमियम लगेगा। इसमें कहा गया है कि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम या जीपीएस के जरिए किसी वाहन के ड्राइविंग पैटर्न की निगरानी की जाएगी। मोबाइल एप या वाहन में एक छोटा सा उपकरण लगाया जाएगा, जो इस जानकारी को साझा करेगा। इसके अलावा जीपीएस की मदद से बीमा कंपनी किसी खास वाहन के ड्राइविंग पैटर्न को भी जान सकेगी। टेक्नोलॉजी की मदद से हर वाहन को एक ड्राइविंग स्कोर मिलेगा, जिसके आधार पर यह तय होगा कि वाहन मालिक कितने प्रीमियम का भुगतान करेगा।

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Wednesday, July 6, 2022

मोटर वाहन ईंधन खपत मानक को लेकर अधिसूचना - Univarta

नयी दिल्ली, 06 जुलाई (वार्ता) सरकार ने वाहनों के ईंधन खपत मानकों के अनुपालन के लिए केन्द्रीय मोटर वाहन नियम में संशोधन करने संबंधी अधिसूचना जारी कर सभी हितधारकों से 30 दिनों के भीतर अपनी राय देने को कहा गया है। यह नियम अगले साल एक अप्रैल से लागू होंगे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गत एक जुलाई को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि देश में निर्मित या आयातित हल्के, मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन खपत मानकों के पालन के नियमों को शामिल करने के लिए केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 115 जी में संशोधन किया गया है।
अधिसूचना से पहले वार्षिक ईंधन खपत मानक का अनुपालन 3.5 टन तक सकल वाहन भार के साथ एम-एक श्रेणी के यात्री मोटर वाहनों को रखा गया है, लेकिन यात्री वाहन में चालक की सीट के अलावा आठ से अधिक सीटें इसमें शामिल नहीं हैं। इस अधिसूचना का उद्देश्य वाहनों के दायरे का विस्तार करना है और वाहनों को अधिक ईंधन कुशल बनाना है।
अभिनव, उप्रेती
वार्ता

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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...