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Saturday, February 5, 2022

उत्तराखंड में हादसा: चमोली में शुक्रवार रात मैक्स वाहन हुआ दुर्घटनाग्रस्त, तीन की मौत - अमर उजाला - Amar Ujala

संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Sat, 05 Feb 2022 11:09 AM IST

सार

यह हादसा घाट विकास खंड के घूनी-रामणी मोटर मार्ग पर शुक्रवार रात को हुआ। जिसमें एक मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में तीन की मौत हुई है।

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विस्तार

उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार रात एक मैक्स वाहन खाई में गिर गया। लेकिन मौसम खराब होने के कारण इस दुर्घटना का पता शनिवार की सुबह लग पाया। 
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मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त
जानकारी के मुताबिक यह हादसा घाट विकास खंड के घूनी-रामणी मोटर मार्ग पर शुक्रवार रात को हुआ। जिसमें एक मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वाहन में तीन युवा सवार थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई है। यह वाहन रामणी गांव से घूनी जा रहा था।

वीरान और आबादी क्षेत्र से दूर है घटना स्थल
मौसम खराब होने के कारण शुक्रवार रात को दुर्घटना का किसी को भी पता नहीं चल पाया। जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है, वह वीरान और आबादी क्षेत्र से दूर है।  शनिवार को सुबह जब रामणी गांव से एक अन्य वाहन घूनी गांव की ओर जा रहा था, तो वाहन में सवार लोगों ने खाई में गाड़ी गिरी देखी।

जिसके बाद अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना राजस्व पुलिस को दी गई। दुर्घटना में प्रकाश सिंह (30) पुत्र कुंदन सिंह, देवेंद्र सिंह (33) पुत्र कैलाशी सिंह और तोता राम (40) सभी रामणी गांव निवासी की मृत्यु हो गई है।

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उत्तराखंड में हादसा: चमोली में शुक्रवार रात मैक्स वाहन हुआ दुर्घटनाग्रस्त, तीन की मौत - अमर उजाला - Amar Ujala
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Friday, February 4, 2022

आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से होगी वाहनों की फिटनेस जांच, मोटर वाहन नियमावली-1989 में संशोधन का मसौदा तैयार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

अप्रैल से भारी मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों के फिटनेस की जांच सिर्फ आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से ही होगी। इसके लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली 1989 में संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे जनता के सुझावों के लिए जारी कर दिया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: अगले वर्ष पहली अप्रैल से भारी, मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों के फिटनेस की जांच सिर्फ आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से ही होगी। इसके लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली, 1989 में संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे जनता के सुझावों के लिए जारी कर दिया गया है। इसके लिए आम लोगों को 30 दिनों का समय दिया गया है। आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में स्वचालित मशीनों से वाहन के फिटनेस की सटीक जांच की जाती है।

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी मसौदे के अनुसार भारी वाहनों को अगले वर्ष पहली अप्रैल से आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में ही फिटनेस टेस्ट की जांच कराना अनिवार्य होगा। वहीं मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों (एलसीवी) के लिए यह पहली जून, 2024 से अनिवार्य होगा। हल्के निजी वाहनों को फिलहाल इस बाध्यता से दूर रखा गया है और इनमें केवल 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के फिर से रजिस्ट्रेशन के वक्त फिटनेस की जांच करानी होती है।

ध्यान देने की बात है कि आठ वर्ष तक पुराने भारी, मझौले और हल्के कामर्शियल वाहनों को हर दो वर्ष में फिटनेस टेस्ट अनिवार्य रूप से कराना होता है। वहीं आठ साल से पुराने कामर्शियल वाहनों के लिए हर साल की अनिवार्यता है।

Edited By: Amit Singh

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आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से होगी वाहनों की फिटनेस जांच, मोटर वाहन नियमावली-1989 में संशोधन का मसौदा तैयार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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RSMSSB Motor Vehicle SI Admit Card 2022-candidates मोटर वाहन उपनिरीक्षक के प्रवेश 7 फरवरी से डाउनलोड कर सकेंगे | - Result Uniraj ENN

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RSMSSB Motor Vehicle SI Admit Card 2022-candidates मोटर वाहन उपनिरीक्षक के प्रवेश 7 फरवरी से डाउनलोड कर सकेंगे |  Result Uniraj ENN
RSMSSB Motor Vehicle SI Admit Card 2022-candidates मोटर वाहन उपनिरीक्षक के प्रवेश 7 फरवरी से डाउनलोड कर सकेंगे | - Result Uniraj ENN
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Thursday, February 3, 2022

Motor Insurance: नो क्लेम बोनस तीन साल तक लैप्स नहीं होता, जानिए किस परिस्थिति में - Navbharat Times

मुसीबत में Tesla! वाहनों का रिकॉल लगातार जारी अब सीट बैल्ट रिमाइंडर ने किया काम करना बंद - Patrika News

टेस्ला ने बताया कि 31 जनवरी तक वह इस मुद्दे से संबंधित किसी भी दुर्घटना या चोट से अनजान थी। यानी 31 जनवरी तक टेस्ला के इस फीचर के चलते कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है।

नई दिल्ली

Updated: February 03, 2022 06:57:01 pm


भारत में हम लंबे समय से टेस्ला के आगमन का इंतजार कर रहे हैं, और ये क्या टेस्ला के वाहनों को लगातार रिकॉल किया जा रहा है। दरअसल, अमेरिकी ऑटो सुरक्षा नियामक ने कहा कि टेस्ला इंक संयुक्त राज्य में 817,000 से अधिक वाहनों को वापस बुला रहा है। क्योंकि इन वाहनों में शुरू होने पर Audible alert फीचर सक्रिय नहीं हो रहा है, इसके चलते ड्राइवर सीट बेल्ट का प्रयोग करने में संकोच कर सकते हैं।

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Tesla recall

बता दें, राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) ने कहा कि 2021-2022 (Model S) और (Model X) 2017-2022 (Model 3) और 2020-2022 (Model Y) एक संघीय मोटर वाहन सुरक्षा मानक फीचर Occupant Crash Protection का पालन करने में विफल होते हैं, जिसे चलते रिकॉल जारी किया गया है। टेस्ला इस समस्या के समाधान के लिए ओवर-द-एयर (OTA) सॉफ्टवेयर अपडेट करेगी।

इसके साथ ही टेस्ला इंक कंपनी के फुल सेल्फ-ड्राइविंग (बीटा) सॉफ्टवेयर के साथ 53,822 अमेरिकी वाहनों को रिकॉल किया गया है। इन वाहनों को सेल्फ-ड्राइविंग (बीटा) सॉफ्टवेयर की कमी के कारण "रोलिंग स्टॉप" का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जाती है, और सुरक्षा जोखिम पैदा करने वाले कुछ चौराहों पर ये पूरी तरह से बंद नहीं होते हैं। एनएचटीएसए ने कहा कि एफएसडी बीटा के रूप में भी जाना जाने वाला फीचर वाहनों को पहले स्टॉप पर आए बिना सभी तरह के स्टॉप चौराहे से यात्रा करने की अनुमति दे सकता है।

ये भी पढ़ें : महज 5,555 रुपये EMI देकर घर लाएं ये किफायती SUV, केवल 1,200 रुपये में पूरी फैमिली करेगी दिल्ली-जयपुर का सफर

वहीं टेस्ला ने एनएचटीएसए को बताया कि 31 जनवरी तक वह इस मुद्दे से संबंधित किसी भी दुर्घटना या चोट से अनजान थी। यानी 31 जनवरी तक टेस्ला के इस फीचर के चलते कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। रिकॉल किए गए वाहनों पर एक सॉफ्टवेयर एरर के चलते कुछ परिस्थितियों में वाहन के शुरू होने पर audible alert सक्रिय नहीं हो पा रहा है। ऑटोमेकर ने कहा कि यह मुद्दा उन परिस्थितियों तक सीमित था। लेकिन जब audible alert ना आने पर जब डाइवर ने सीट बेल्ट नहीं लगाया तो यह इसे अब बड़े तौर पर देखा जा रहा है।

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Wednesday, February 2, 2022

कोर्ट के निर्देश पर सख्त हुई दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, सामान ढोने वाले मोडिफाई किए गए वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान - दैनिक जागरण

अब दिल्ली के हर जिले व रेंज में यातायात पुलिस करेगी गंभीरतापूर्वक कार्रवाई यातायात नियमों का उल्लंघन करने में सबसे आगे

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली में जाम लगने का एक बड़ा कारण यहां की सड़कों पर चलने वाले जुगाड़ वाहन भी हैं। जुगाड़ वाहनों के खिलाफ यातायात पुलिस अब तक गंभीरतापूर्वक कार्रवाई नहीं कर रही थी। कोर्ट के निर्देश पर अब जाकर यातायात पुलिस ने उक्त वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी शुरू की है। यातायात पुलिस मुख्यालय ने गत दिनों आदेश जारी कर यातायात पुलिस के सभी अधिकारियों से कहा है कि वे अपने अपने जिले व रेंज में जुगाड़ वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर निरंतर कार्रवाई कराएं।

एक फरवरी से दिल्ली की सड़कों पर कहीं भी जुगाड़ वाहन दिखने पर वे संबंधित सर्किल के यातायात इंस्पेक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करें। यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में बड़ी संख्या में सामान ढोने के लिए लोग ठेलियों व आटो में स्कूटर व अन्य तरह के इंजन लगा लेते हैं। उक्त वाहनों पर कोई नंबर नहीं होता है। यातायातकर्मियों द्वारा ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर जुगाड़ वाहनों के चालक धड़ल्ले से यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इससे जाम की समस्या उत्पन्न होती थी। जुगाड़ वाहन सबसे ज्यादा यमुनापार के जिले, बाहरी व पश्चिमी दिल्ली व दक्षिणी रेंज में मंडी वाले इलाके व दिल्ली की सीमाओं से सटे इलाके में देखने को मिलते हैं। इससे सीमाओं पर हमेशा भीषण जाम की स्थिति रहती है।

यातायात पुलिस ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी। वर्षों से लोग जुगाड़ वाहनों से दिक्कत महसूस कर रहे थे। ऐसे में करीब दस साल पहले इस विकट समस्या पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यक्ति ने कड़कड़डूमा स्थित चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। 10 साल बाद अब जाकर गत 27 जनवरी को सीएमएम अरुण कुमार गर्ग ने जुगाड़ वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए यातायात पुलिस को आदेश जारी किया। इसके बाद यातायात पुलिस मुख्यालय से सभी छह रेंज के एडिशनल पुलिस कमिश्नर व 12 जिलों के डीसीपी को आदेश जारी कर जुगाड़ वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देश जारी किया गया। निर्देश में कहा गया है कि एक फरवरी से दिल्ली की सड़कों पर जुगाड़ वाहन नहीं दिखने चाहिए।

डीसीपी का कहना है कि जनवरी से ही जुगाड़ वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। नया आदेश जारी होने के बाद कार्रवाई तेज कर दी गई है। मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जुगाड़ वाहनों के खिलाफ न्यूनतम 5000 और अधिकतम 10 हजार रुपये चालान करने का प्रविधान है। साथ ही जुगाड़ वाहन जब्त करने का भी प्रविधान है। कोर्ट के निर्देश पर वाहन छोड़े जाते हैं। यातायात पुलिस दोनों तरह की कार्रवाई कर रही है। जुगाड वाहनों की संख्या में काफी बढोत्तरी हुई है। मंडियों के आसपास वाले इलाकों में जुगाड़ वाहनों के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहली बार जुगाड़ वाहनों के खिलाफ यातायात पुलिस कार्रवाई करनी शुरू की है।

Edited By: Vinay Kumar Tiwari

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कोर्ट के निर्देश पर सख्त हुई दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, सामान ढोने वाले मोडिफाई किए गए वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान - दैनिक जागरण
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Tuesday, February 1, 2022

जब वाहन चालक के पास वैध लाइसेंस नहीं तो बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं: गुजरात हाईकोर्ट - Live Law Hindi

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जब वाहन चालक के पास वैध लाइसेंस नहीं तो बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं: गुजरात हाईकोर्ट - Live Law Hindi
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Kurukshetra News: वाहन व सारथी पोर्टल से उठाया जा सकता है 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ - अमर उजाला

कुरुक्षेत्र। उपायुक्त शांतनु शर्मा। कुरुक्षेत्र। वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से आधार आधारित 22 फेसलेस सेवाओं का लाभ आमजन को दिया जा ...