अप्रैल से भारी मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों के फिटनेस की जांच सिर्फ आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से ही होगी। इसके लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली 1989 में संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे जनता के सुझावों के लिए जारी कर दिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: अगले वर्ष पहली अप्रैल से भारी, मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों के फिटनेस की जांच सिर्फ आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से ही होगी। इसके लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमावली, 1989 में संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे जनता के सुझावों के लिए जारी कर दिया गया है। इसके लिए आम लोगों को 30 दिनों का समय दिया गया है। आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में स्वचालित मशीनों से वाहन के फिटनेस की सटीक जांच की जाती है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी मसौदे के अनुसार भारी वाहनों को अगले वर्ष पहली अप्रैल से आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में ही फिटनेस टेस्ट की जांच कराना अनिवार्य होगा। वहीं मझोले और हल्के कामर्शियल वाहनों (एलसीवी) के लिए यह पहली जून, 2024 से अनिवार्य होगा। हल्के निजी वाहनों को फिलहाल इस बाध्यता से दूर रखा गया है और इनमें केवल 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के फिर से रजिस्ट्रेशन के वक्त फिटनेस की जांच करानी होती है।
ध्यान देने की बात है कि आठ वर्ष तक पुराने भारी, मझौले और हल्के कामर्शियल वाहनों को हर दो वर्ष में फिटनेस टेस्ट अनिवार्य रूप से कराना होता है। वहीं आठ साल से पुराने कामर्शियल वाहनों के लिए हर साल की अनिवार्यता है।
Edited By: Amit Singh
आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन से होगी वाहनों की फिटनेस जांच, मोटर वाहन नियमावली-1989 में संशोधन का मसौदा तैयार - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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