
नागपुर: आरटीओ मोटर वाहन निरीक्षक संकेत गायकवाड़ की हत्या करने का प्रयास किया गया था. हालांकि गायकवाड़ ने सच्चाई छूपाने के लिए रिवाल्वर गिरने से फायर होने की झुठी जानकारी दी थी. पुलिस की जांच में अब सच्चाई सामने आई है.
सेंट्रल बाजार निवासी आरटीओ निरीक्षक संकेत गायकवाड़ (32) की 7 मई 2023 की सुबह कार्यालय जाने की तैयारी में थे. अचानक पैर से चूहा आ जाने से हड़बड़ी में रिवाल्वर बाई ओर गिर गई. रिवाल्वर लोडेडे होने से फायर हुआ और गोली बाए पैर की पिंडली से आर पार होकर दाए पैर की पिंडली में फंस गई. सहयोगी अधिकारी गीता सेजवल को बुलाया गया. शेजवल और उसके साथी विरसेन ढवले ने गायकवाड़ को अस्पताल पहुंचाया.
इस तरह की सारी कहानी आरटीओ निरीक्षक संकेत गायकवाड़ ने पुलिस को बताई थी। बजाज नगर पुलिस ने सच्चाई को नजरंदाज किया. पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने क्राइम ब्रांच की यूनीट एक के पीआई सुहास चौधरी को इसकी जांच सौंपी. पुलिस ने प्वाइंट 32 बोर रिवाल्वर विशेषज्ञ से रिपोर्ट हासिल की. उसने रिवाल्वर जमीन पर गिरने से फायर होने की बात को खारिज किया. उसने गोली बाई पिंडली से आर-पार होकर दाई पिंडली में फंसने की संभावना से इनकार किया. करीब से गोली चलने पर जख्मी के शरीर से गन पाउडर लगा होता है. गायकवाड़ के पैरों पर गन पाउडर नहीं मिला था.
उपचार के दस्तावेज से गोली दूर से चलाने जाने का पता चला. गायकवाड़ ने गोली लगने के बाद गीता शेजवल को फोन करके बुलाने का बताया था. शेजवल ने उसकी बात को सही बताया था. तकनिकी सबूत दोनों के बयान को झुठा बता रहे थे. दरअसल शेजवल को गायकवाड़ ने सुबह फोन करके बुलाया ही नहीं था. वह पहले से वहाँ मौजूद थी. शेजवल के बुलावे पर वीरसेन ढवले गायकवाड़ के फ्लैट पर पहुंचा था.
पुलिस की जांच में गायकवाड़ और शेजवल द्वारा सच्चाई छूपाने के लिए झुठे बयान देकर गुमराह किए जाने का पता चला. ढवले और गायकवाड़ की पत्नी के बयान भी विरोाधाभासी थे. पुलिस की जांच में हत्या के इरादे से सर्विस रिवाल्वर से अज्ञात आरोपी द्वारा गोली चलाए जाने की बात सामने आई है.
आरोपी को बचाने के लिए गायकवाड़ ने झुठा बयान दिया था. इसके आधार पर हत्या के प्रयास तथा आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है.
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