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Friday, January 12, 2024

Diesel Car: 'कारबंदी घोटाले' के आरोपों के बीच डीजल कार की लाइफ विवाद का खुलासा - अमर उजाला

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डीजल वाहन - फोटो : For Reference Only

विस्तार

भारत में डीजल से चलने वाली कार खरीदना कभी भी आसान फैसला नहीं रहा है। लोग अकसर डीजल इंजन की कार खरीदने से पहले कई सवालों से घिर जाते हैं। क्योंकि यह हमेशा से ही बहस का विषय रहा है। रखरखाव की उच्च लागत और कॉम्प्लेक्स इंजनों जैसे सभी निगेटिव पॉइन्ट्स को अलग रख दें, तो कई खरीदारों के लिए एक डीजल इंजन की कार की 10 साल का लाइफ हमेशा से ही एक विवादास्पद विषय रहा है। जिसका पूरा श्रेय मोटर वाहन अधिनियम को जाता है।

इस नियम को एक वकील ने भी चुनौती दी है। उन्होंने इन नियमों को एक बड़े घोटाले के रूप में दोषी ठहराया और मामले को अदालत में ले गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश कुल्थिया नाम के एक वकील ने भारत में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की लाइफ को लेकर एक मामला दायर किया है।

कारबंदी घोटाला विवाद
उन्होंने हरियाणा के परिवहन सचिव नवदीप सिंह विर्क (आईपीएस) सहित केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अन्य आईएएस अधिकारियों को भी गुड़गांव अदालत में कार बंदी घोटाले में आरोपी बनाया।

मामले को गुड़गांव कोर्ट में लाते समय, कुलथिया ने एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली दोनों कारों की चलने की अवधि 15 साल है। जिसे संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत अतिरिक्त पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।


मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन?
नियम का हवाला देते हुए वकील का कहना है कि वाहनों को जब्त नहीं किया जा सकता है, और न ही गैरकानूनी घोषित किया जा सकता है। क्योंकि सरकार 15 साल के लिए रोड टैक्स वसूलती है। उन्होंने वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम का घोर उल्लंघन बताया।

उनका कहना है कि 10 साल पुरानी डीजल से चलने वाली कारों पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, अधिकारी अभी भी एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का झूठा हवाला देकर इन वाहनों को प्रतिबंधित करते हैं। उन्होंने कहा कि ये अवैध गतिविधियां भारत में इलेक्ट्रिक कारों और उनकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए की जा रही हैं।

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डीजल इंजन पर ज्यादा टैक्स
इस बीच, जिन ग्राहकों के पास डीजल से चलने वाली कारें हैं, वे हमेशा बहुत असमंजस की स्थिति में रहते हैं। क्योंकि सरकार द्वारा डीजल इंजनों को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी देकर आग में घी डालने का काम किया है कि सरकार जल्द ही डीजल इंजनों पर ज्यादा टैक्स लगाएगी।

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