नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है, जहां यातायात के लिए तमाम बड़े कानून बनाए गए हैं। लोग बड़ी संख्या में वाहन चलाने के लिए लाइसेंस बनवाते हैं जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिए बड़ा निर्देश जारी कर दिया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को ड्राइविंग लाइसेंस की कानूनी प्रक्रिया को लेकर एख बड़ा आदेश जारी कर दिया है, जिसमें जल्द ही परामर्श देने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने एक कानूनी सवाली की 17 जनवरी तक समीभआ करने का बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश जारी कर दिया है।
इतना ही ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति खास वजन का परिवहन वाहन चलाने का कानूनी रूप से हकदार है। यह फैसला कोर्ट की खंडपीठ ने एक मामले में दिया है। इसका अलगी सुनवाई अगले साल होगी।
जानिए कब होगी आगामी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ड के मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ह्रषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि संशोधन की कवायद के लिए सरकार के साथ परामर्श की जरूरत होगी, जिसमें कुछ समय लगेगा।
इसके साथ ही पीछ ने कहा कि केंद्र को निद्रेश देते हैं कि वह इस प्रक्रिया को पूरी तेजी के साथ आगे बढ़ाए। चूंकि राज्य सरकार के साथ परामर्श की परिकल्पना की गई है। हम सभी राज्य सरकारों को सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा समय-सीमा का पालन करने की बात कही है।
पीठ के मुताबिक, अब अगली कार्यवाही अब 17 जनवरी 2024 को सूचीबद्ध की जाएगी। इस तारीख तक हम उम्मीद करते हैं कि परामर्श पूरा हो जाएगा। शुरुआत में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की तरफ से एक नोट प्रस्तुत किया।
LMV लाइसेंस वाले चला सकते हैं भारी वाहन
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, कार्यवाही स्थगित करने से इनकार कर दिया और मामले को 17 जनवरी को सुनवाई के लिए तय कर दी है। यह भी स्पष्ट किया गया कि मामले के लंबित रहने के दौरान मुकुंद देवांगन मामले में फैसला प्रभावी रहेगा।
इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने पहले केंद्र सरकार से पूछा था कि इस कानूनी सवाल पर कानून में बदलाव की जरूरत है। इसके अलावा हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति एक विशेष वजन के परिवहन वाहन को चलाने का कानूनी रूप से मान्य है या नहीं।
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