प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया
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प्रदेश में अगले साल एक अक्तूबर से सभी भारी माल वाहनों, यात्री मोटर वाहनों, मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) की फिटनेस जांच अनिवार्य होने जा रही है। इस जांच में अगर वाहन फिटनेस में फेल पाया गया तो उसका मालिक 180 दिन में दोबारा आवेदन कर सकेगा।
परिवहन मंत्रालय केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 में संशोधन करते हुए केंद्रीय मोटरयान संशोधन नियमावली 2023 किया गया है। पूर्व के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। इसके लिए प्रदेश में नए ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) तैयार किए जा रहे हैं। इन सभी में वाहनों की फिटनेस अगले साल एक अक्तूबर से शुरू हो जाएगी।
नियमानुसार हो सेंटर का संचालन पूर्णत:
नए नियमों के तहत फिटनेस स्टेशन में दो पहिया लेन के लिए कम से कम 500 वर्ग मीटर, अन्य के लिए कम से कम 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र होना चाहिए। ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि एटीएस को प्रारंभिक पंजीकरण प्रमाणपत्र परिवहन आयुक्त या उनके समकक्ष अधिकारी के स्तर से जारी होगा। जहां फिटनेस सेंटर होगा, वहां के आरटीओ या एआरटी ये सुनिश्चित करेंगे कि सेंटर का संचालन पूर्णत: नियमानुसार हो।
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नए नियमों के तहत अगर किसी का वाहन फिटनेस में फेल होता है तो वह 180 दिन के भीतर दोबारा फिटनेस करा सकेगा। इसके लिए उसे सभी कमियां दूर करनी होंगी। अगर दोबारा फिटनेस में फेल होता है तो फिर 180 दिन के भीतर मौका दिया जाएगा। अगर इस अवधि में दोबारा फिटनेस जांच का आवेदन न किया तो वाहन को एंड ऑफ लाइफ वाहन (ईएलवी) मान लिया जाएगा। फिर उसकी फिटनेस जांच नहीं हो सकेगी।
Dehradun: ऑटोमैटिक टेस्टिंग में फेल होने पर दोबारा कर सकेंगे वाहन की जांच के लिए आवेदन, पढ़ें पूरी डिटेल - अमर उजाला
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