![Punjab-Haryana High Court: ट्रिपलिंग मोटर वाहन कानून का उल्लंघन, बाइक लापरवाही से चलाने का प्रमाण नहीं Punjab-Haryana High Court: Tripling is Violation of motor vehicle law, no proof of negligent driving](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2018/08/04/750x506/punjab-haryana-high-court_1533402667.jpeg?w=414&dpr=1.0)
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि मोटरसाइकिल पर तीन लोग सवार थे, केवल इस कारण चालक को दुर्घटना में हुई लापरवाही का हिस्सेदार मान मुआवजे में कटौती नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि यह मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन तो है लेकिन वाहन लापरवाही से चलाया जा रहा था इसे साबित नहीं करता।
पानीपत निवासी नदीम, मारूफ व फातिमा ने याचिका दाखिल करते हुए वाहन हादसे में आई गंभीर चोटों के मुआवजे को नाकाफी बताते हुए इसे बढ़ाने की अपील की थी। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वह मोटरसाइकिल पर अपने गांव से पानीपत की ओर आ रहे थे।
इसी बीच बोलेरो चालक परवनी ने लापरवाही से मार्ग की विपरीत दिशा में वाहन चलाते हुए सड़क उन्हें टक्कर मार दी। इस टक्कर में तीनों याचिकाकर्ताओं को गंभीर चोट लगी और मुआवजे के लिए उन्होंने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में गुहार लगाई। ट्रिब्यूनल ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास दुपहिया वाहन था जो केवल दो सवारियों के लिए वैध है और ऐसे में इस हादसे में वह भी लापरवाह रहे।
ट्रिब्यूनल ने इस दुर्घटना के लिए बोलेरो चालक को 70 प्रतिशत तो वहीं याचिकाकर्ताओं को 30 प्रतिशत जिम्मेदार माना। ऐसे में मुआवजे की तय राशि में से 30 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे याचिकाकर्ताओं को भुगतान करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि बाइक पर तीन लोगों का सवार होना मोटर वाहन एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन है लेकिन यह चालक को लापरवाही से वाहन चलाने का दोषी करार देने के लिए काफी नहीं है। लापरवाही से चालन का दोषी साबित करने के लिए यह साबित करना जरूरी है कि चालक का वाहन पर नियंत्रण नहीं था। ऐसे में हाईकोर्ट ने मुआवजे में की गई 30 प्रतिशत कटौती को रद्द करने का आदेश दिया है।
Punjab-Haryana High Court: ट्रिपलिंग मोटर वाहन कानून का उल्लंघन, बाइक लापरवाही से चलाने का प्रमाण नहीं - अमर उजाला
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