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Monday, August 29, 2022
Saturday, August 27, 2022
परिवहन मंत्री ने राज्य में मोटर वाहन इंस्पेक्टरों के सभी 11 पदों पर नियुक्त किए अधिकारी - JAG MARG
चंडीगढ़:पंजाब में पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफ़िकेट जारी करने और पासिंग के काम के दिनों-दिन बढ़ रहे बोझ को घटाते हुए परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने राज्य के सभी 11 पदों पर मोटर वाहन इंस्पेक्टरों (एम.वी.आई.) की तैनाती कर दी है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य के 23 ज़िलों में 11 आर.टी.एज. के अधीन केवल 4 एम.वी.आई. ही पुराने वाहनों को फिटनेस सर्टीफ़िकेट जारी करने और पासिंग का काम संभाल रहे थे, जिससे आर.टी.ए. दफ्तरों में काम की चाल सुस्त होने के कारण फाइलों के ढेर लगे होने की खबरें मिल रही थीं।
इसलिए काम के बोझ को घटाने और ज़्यादा पारदर्शिता लाने के लिए विभाग में अंदरूनी प्रबंध करते हुए पंजाब रोडवेज़ से सटाफ लेकर एम.वी.आई. के सभी पदों पर अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब 11 आर.टी.एज. कार्यालयों के अधीन 11 एम.वी.आई. काम करेंगे और इन पदों पर विभाग के मेहनती अधिकारियों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि अब लोगों को विभाग की सेवाओं की तुरंत डिलीवरी मिल सकेगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पहले तैनात अधिकारियों के अलावा अब एम.वी.आई. प्रीतइन्दर अरोड़ा ज़िला फ़रीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, मोगा, बठिंडा और मानसा का काम देखेंगे, जबकि एम.वी.आई. सुखविन्दर सिंह ज़िला फ़ाज़िल्का और फ़िरोज़पुर, एम.वी.आई. मैरिक गर्ग ज़िला लुधियाना, एम.वी.आई. गुरिन्दर सिंह ज़िला जालंधर और कपूरथला, एम.वी.आई. लीला सिंह ज़िला गुरदासपुर, एम.वी.आई. मधु पुष्प ज़िला पठानकोट, एम.वी.आई. नवदीप सिंह ज़िला अमृतसर और तरन तारन और एम.वी.आई. जसप्रीत सिंह ज़िला संगरूर, मलेरकोटला और बरनाला का काम देखेंगे।
मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता पर ज़ोर देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बिल्कुल भी बख़्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को पुनः सचेत किया कि वह ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं।
परिवहन मंत्री ने राज्य में मोटर वाहन इंस्पेक्टरों के सभी 11 पदों पर नियुक्त किए अधिकारी - JAG MARG
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Thursday, August 25, 2022
25,000 रूपए के जुर्माने के साथ जेल की हवा भी खिला सकती है यह लापरवाही - ABP न्यूज़

Motor Driving Rules: हमारे देश में किसी भी मोटर वाहन को चलाने के लिए चालक को न्यूनतम 18 वर्ष का होना अनिवार्य है. इससे कम उम्र का व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई वाहन नहीं चला सकता. मोटर वाहन चलाने का यह नियम वैसे तो बहुत पुराना है, लेकिन सरकार के सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मद्देनजर किए जा रहे प्रयासों से अब ट्रेफिक पुलिस इन नियमों के प्रति सख्ती बरत रही है. हालांकि फिर भी इस नियम को तोड़ते हुए तमाम नाबालिक किशोर हर रोज सड़कों पर देखे जा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं मोटर वाहन एक्ट में क्या है इससे जुड़ा नियम और इसके किए क्या सजा का है प्रावधान.
क्या है नियम
मोटर व्हीकल एक्ट में वर्णित नियम के अनुसार अगर कोई 18 वर्ष से कम उम्र का किशोर को बिना किसी लर्निंग लाइसेंस के कोई भी वाहन चलाते हुए ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है तो उसके माता पिता मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के अनुसार 25,000 के जुर्माने सहित 3 साल तक की सजा भी झेलनी पड़ सकती हैं.
कड़े हो रहे हैं नियम
ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने के लिए एनआइसी ने एक आभासी न्यायालय (Virtual Court) बनाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके गठन के बाद वाहनों के चालान कटने से 15 दिनों के अंदर ही वाहन मालिक को चालान की राशि का भुगतान करना पड़ेगा. जिसकी अनदेखी करने पर जिला एवं सत्र न्यायालय कड़ी कार्यवाही करते हुए वसूली की कार्यवाही करेगा.
अभिवावकों को लेनी होगी जिम्मेदारी
सभी ट्रैफिक नियम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही बनाए जाते हैं और कोई भी माता पिता यह नहीं चाहेंगे कि उनका बच्चा किसी दुर्घटना का शिकार हो. इसलिए नियमों में भले ढिलाई हो मगर माता पिता को इस बारे सख्त होकर उनकी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए. क्योंकि ऐसे में यदि कोई बच्चा वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके लिए मिलने वाली सजा को भी अभिभावकों को ही भुगतना पड़ेगा.
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डंपर चालक ने रोकने पर मोटर वाहन अधिकारी को स्टाफ समेत कुचलने का किया प्रयास.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Author: JagranPublish Date: Thu, 25 Aug 2022 07:53 PM (IST)Updated Date: Thu, 25 Aug 2022 07:53 PM (IST)
डंपर चालक ने रोकने पर मोटर वाहन अधिकारी को स्टाफ समेत कुचलने का किया प्रयास
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम): वाहनों की जांच कर रहे प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) स्टाफ के मोटर वाहन अधिकारी समेत स्टाफ को डंपर चालक ने कुचलने का प्रयास किया। स्टाफ बाल बाल बच गए। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना ट्रक चालक का करीब चार किलोमीटर पीछाकर पकड़ा है। ट्रक चालक ने सरकारी गाड़ी को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। बादशाहपुर पुलिस ने चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
आरटीए कार्यालय में तैनात मोटर वाहन अधिकारी भारत भूषण दिल्ली-जयुपर हाईवे पर सेक्टर-82 वाटिका चौक के आसपास ओवरलोड वाहनों की जांच कर रहे थे। उन्होंने एक डंपर को जांच के लिए रुकने का इशारा किया। चालक ने वाहन नहीं रोका, बल्कि तेज गति करते हुए खेड़की दौला टोल प्लाजा का बूम बैरियर तोड़ते हुए निकल गया। मोटर व्हीकल अधिकारी ने अपने स्टाफ के साथ सरकारी बोलेरो से डंपर का पीछा किया तो डंपर चालक ने लेन बदल उलटी दिशा में वाहन मोड़ दिया और एसपीआर पर वाहन दौड़ाने लगा।
दरबारीपुर रोड पर आने के बाद दरबारीपुर-हसनपुर स्कूल के पास चालक ने डंपर को स्कूल में घुसाने का प्रयास किया। उसमें असफल रहने पर चालक ने डंपर का बैक गियर लगाकर बोलेरो में सवार मोटर व्हीकल अधिकारी और स्टाफ को कुचलने का प्रयास किया। बोलेरो चालक अनूप ने बहादुरी दिखाकर जीप से कूदकर डंपर को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान डंपर चालक के साथ हाथापाई में अनूप के हाथ में चोट भी लग गई। स्टाफ ने चालक को मौके पर ही काबू कर लिया। डायल 112 पर पुलिस को घटना की सूचना दी गई।
बादशाहपुर थाना की एसपीआर चौकी से पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया। डंपर चालक धन सिंह फरीदाबाद के गांव मोहम्मदाबाद का निवासी है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मोटर वाहन अधिकारी भारत भूषण की शिकायत पर बादशाहपुर पुलिस ने धन सिंह के विरुद्ध हत्या के प्रयास, सरकारी काम में बाधा डालने और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। इसी तरह की एक घटना में करीब एक माह पहले तावडू के पचगांव गांव में अवैध खनन रोकने गए डीएसपी सुरेंद्र की डंपर चालक ने वाहन चढ़ा हत्या कर दी थी।
Edited By: Jagran
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बीमाकर्ता को मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपनी देयता से बचने के लिए लापरवाही और उचित देखभाल का अभाव दिखाना... - Live Law Hindi
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Wednesday, August 24, 2022
Arrested for Taking Bribe | मोटर वाहन निरीक्षक, एजेंट रिश्वत लेते... - SACH KAHOON
विजिलेंस ब्यूरो द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान जारी
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान मोटर वाहन निरीक्षक (एमवीआई) जालंधर नरेश कलेर और एक निजी एजेंट रामपाल उर्फ राधे को वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए संदिग्ध दस्तावेजों तथा 12.50 लाख रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया है। राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कुछ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद ब्यूरो ने आज राज्य के सात जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फरीदकोट, मनसा, जालंधर और होशियारपुर में छापेमारी की और एमवीआई कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान विजिलेंस ब्यूरो एमवीआई की टीम ने संबंधित आरटीए कार्यालयों से वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के संदिग्ध रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले विजिलेंस ब्यूरो आरटीए कार्यालय ने संगरुर में वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र घोटाले का भंडाफोड़ किया था, जिसमें दो अधिकारियों और एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो थाना पटियाला में आरटीए, एमवीआई, क्लर्क और निजी एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि एम.वी.आई. जालंधर के कार्यालय में कार्यरत एक एजेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है। विजिलेंस ने पूछताछ में उसके पास से 12.50 लाख रुपए की रिश्वत की राशि बरामद की है। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर थाने में एफआईआर संख्या 14 दिनांक 23-8-2022 आईपीसी, नरेश कलेर, एमवीआई, जालंधर और उनके कार्यालय से काम करने वाले 10 निजी एजेंटों के खिलाफ अधिनियम की धारा 120 बी और 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 7-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इन राज्य स्तरीय निरीक्षणों की आगे की जांच जारी है और यदि कोई दोषी पाया जाता
है तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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Saturday, August 20, 2022
Kaam Ki Baat: डेस्टिनेशन जानने के बाद ट्रिप कैंसिल नहीं कर सकता कैब ड्राइवर, जान लीजिये - ABP न्यूज़

Kaam Ki Baat: ऑटो वाले हों या प्राइवेट कैब वाले, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वालों को अक्सर इनकी मनमानी से जूझना पड़ता है. मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत किसी भी यात्री को ले जाने से मना करना, ट्रिप कैंसल करना न सिर्फ कानूनन जुर्म है बल्कि इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है.
क्या है कानूनी प्रावधान
मोटर वेहिकल एक्ट, 1988 की धारा 178, सब सेक्शन 3 के अनुसार अगर वाहन चलाने का परमिट रखने वाला चालक किसी यात्री को ट्रिप देने से इंकार करे तो उस पर जुर्माना लगेगा. दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए 50 रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है, वहीं चार पहिया वाहन एवं अन्य मामलों में 200 रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है.
हालांकि, ड्राइवर की मनमानी को रोकने के लिए कैब सर्विस कंपनियां लगातार अपने ऐप को अपडेट कर रही हैं ताकि उनके ग्राहकों को बिना परेशानी सुखद यात्रा का अनुभव मिल सके. कई कंपनियों ने ऐप में ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि ट्रिप बुक होते ही कैब ड्राइवर को डेस्टिनेशन की जानकारी होगी. इस तरह ड्राइवर भी अपनी सहूलियत के हिसाब से बुकिंग को एक्सेप्ट या रिजेक्ट करेगा लेकिन अगर ड्राइवर ने बुकिंग एक्सेप्ट कर ली, तो वह अपनी मनमानी नहीं कर सकेगा. बिना किसी ठोस वजह के अगर ड्राइवर के द्वारा ट्रिप कैंसिल की जाती है तो वह निजी कैब कंपनी तो कार्रवाई करेगी ही, उस वाहन चालक पर कानूनी कार्रवाई भी होगी.
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Thursday, August 18, 2022
Kaam Ki Baat: क्या होता है Third Party Car Insurance, इसे कैसे क्लेम करते हैं? - ABP न्यूज़

What Is Third Party Car Insurance: कार दुर्घटना के दौरान तीसरे पक्ष को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए कराये गए इंश्योरेंस को थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस कहते हैं. मोटर वाहन एक्ट के तहत हर कार मालिक को यह इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है ताकि भविष्य में अगर उनकी कार से किसी अन्य व्यक्ति, वाहन या सामान को नुकसान पहुंचता है तो वह कार मालिक बीमा की राशि से नुकसान की भरपाई कर सके.
थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस कब क्लेम कर सकते हैं?
अगर कार की वजह से किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, कोई अन्य वाहन क्षतिग्रस्त होता है, किसी व्यक्ति या जीव को चोट लगती है, कोई विकलांग हो जाता है या किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उन सबको थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत कवर किया जाता है और इन सभी की भरपाई के लिए इस बीमित रकम को क्लेम कर सकते हैं.
अगर दो बीमित कार आपस में दुर्घटनाग्रस्त हो तो कैसे क्लेम करेंगे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?
अगर दो बीमित कार आपस में दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं तो उस परिस्थिति में दोनों कार मालिक अपने-अपने कार इंश्योरेंस की राशि से नुकसान की भरपाई करेंगे या जिस कार से उनकी कार टकराई है उसकी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की रकम की मांग करेंगे, इसका निर्णय कोर्ट द्वारा लिया जाएगा. कोर्ट के मूल्यांकन के आधार पर ही यह तय होगा कि गलती किसकी है. जिस कार की गलती होगी उसके मालिक के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की रकम को पीड़ित पक्ष क्लेम कर सकता है.
क्या एक वक्त में दो-दो कार इंश्योरेंस का लाभ ले सकते हैं?
अगर आपकी कार किसी अन्य कार की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो कोर्ट के निर्देश पर आपकी कार को हुए नुकसान की भरपाई दूसरे पक्ष द्वारा की जाएगी. लेकिन अगर वह रकम कार रिपेयरिंग के लिए कम पड़ जाए तो वैसी परिस्थिति में आप अपने कार के इंश्योरेंस को क्लेम नहीं कर सकते. एक घटना के लिए आप एक ही कार इंश्योरेस यानी या तो आपकी कार को नुकसान पहुंचाने वाले से मिली थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि या फिर खुद अपनी कार के इंश्योरेंस की राशि क्लेम कर सकते हैं.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत कितनी राशि क्लेम कर सकते हैं?
IRDAI की गाइडलाइन के मुताबिक आपकी कार से किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत आप अधिकतम 7.5 लाख रुपये क्लेम कर सकते हैं. वहीं, मृत्यु के मामले में कोई सीमा तय नहीं की गई है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कैसे क्लेम करें?
- स्टेप-1: अगर किसी कार की वजह से आपको या आपके किसी सगे-संबंधी के जान-माल को नुकसान पहुंचा है तो सबसे पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएं.
- स्टेप-2: मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में केस रजिस्टर कराएं.
- स्टेप-3: ट्रिब्यूनल में दोनों पक्षों के समक्ष सुनवाई के बाद कोर्ट नुकसान की राशि तय करता है जिसे एक्सिडेंट करने वाले को पीड़ित को देना होगा. हालांकि, IRDAI की गाइडलाइन के अंतर्गत इंश्योरेंस के लिए अधिकतनम 5 लाख रुपये ही क्लेम किये जा सकते हैं. इसलिए अगर कोर्ट की ओर से तय राशि साढ़े सात लाख रुपये से ज्यादा है तो शेष राशि का वहन कौन सा पक्ष अपनी जेब से करेगा, यह भी कोर्ट ही तय करेगा.
वैसे तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपकी कार से हुई दुर्घटना के नुकसान की भरपाई के लिए काफी है. लेकिन उस दुर्घटना में आपके कार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी है कि आप एक कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें जिसमें थर्ड पार्टी के साथ-साथ आपकी कार के नुकसान की भी भरपाई हो जाए.
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हाफ पैंट में ड्राइविंग करने वालों की खैर नहीं, ऐसा करने पर इतने रुपए का जुर्माना लगना तय - TV9 Bharatvarsh
हिंदुस्तान में बड़े-बड़े ट्रैफिक कानूनों का उल्लंघन करने पर चालान के बारे में अमूमन सभी को पता है. चप्पल और हाफ-पैंट पहनकर दुपिहया वाहन की ड्राइविंग करना भी जुर्म है. इसकी जानकार कम लोगों को होती है.

Image Credit source: फाइल फोटो
वाहन चलाते समय आप किन ट्रैफिक कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं? कुछ बड़ी लापरवाहियों के मामलों में तो इसकी जानकारी अमूमन सभी को होती है. वाहन चलाने के दौरान जो छोटी-छोटी लापरवाहियां आपके लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती हैं. इसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती है. खासतौर पर दुपहिया वाहन चालकों को. परिवहन कानूनों की बात करें तो उसके मुताबिक तो भारत में कोई भी दुपहिया चालक अगर, हाफ पैंट पहनकर भी मोटर साइकिल या स्कूटी चलाता पकड़ा जाए तो, उसके खिलाफ भी कानूनी कदम उठाने का नियम है. ऐसे मोटर साइकिल-स्कूटी चलाने वाले के ऊपर अर्थदंड लगाने तक का नियम है.
इसी से मिलता जुलता कानून तो यह भी है कि दुपहिया वाहन चलाते समय आपके पांवों में क्या पहना होना चाहिए? अगर आपने स्लीपर (चप्पल) पहनकर दुपहिया वाहन चलाने की हिमाकत की. ऐसे में अगर आप ट्रैफिक पुलिस द्वारा रंगे हाथ ऐसा करते हुए पकड़े गए तो समझिए कि आपकी आफत आना तय है. ट्रैफिक पुलिस को यह अधिकार है कि वो चप्पल पहनकर दुपहिया वाहन चलाने के आरोप में आपका चालान काट दे. अक्सर तमाम ऐसे लापरवाह लोगों को सड़क चलते देखा जा सकता है जिनक, पांवों में जूते की बजाए स्लीपर दिखाई पड़ता है. चप्पल पहनकर दुपहिया वाहन चलाना गैर-कानूनी है. स्लीपर पहन कर दुपहिया वाहन चलाने से सड़क हादसों की आशंका बनती है.
हाफ पैंट में ड्राइविंग पर जुर्माना
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, जो भी शख्स सड़क पर दुपहिया वाहन चप्पल पहन कर चलाता हुआ पकड़ा जाए, उसके खिलाफ कानूनन कार्यवाही की जाए. इस अधिनियम के तहत लापरवाह वाहन चालक/स्वामी का एक हजार रुपए का चालान काट कर आरोपी/दोषी के ऊपर जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर मोटर वाहन अधिनियम की बात करें तो उसके मुताबिक तो, दुपहिया वाहन चालक को ड्राइविंग के वक्त फुल पैंट के साथ टी-शर्ट या फिर शर्ट भी पहनना अनिवार्य है. इसका उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर 2000 रुपए के जुर्माने का नियम मोटर वाहन अधिनियम के तहत किया गया है.
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चप्पल पहनकर दुपहिया वाहन चलाना नियमों का उल्लंघन
दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी ट्रैफिक हनुमान सिंह के मुताबिक, दरअसल दुपहिया वाहन कभी भी चप्पल पहन कर नहीं चलाना चाहिए. यह वाहन चालक और राहगीर दोनो के लिए ही घातक है. जब आप इमरजेंसी में ब्रेक लेते हैं. तब स्लीपर पहनकर वाहन चलाने वाले के साथ अक्सर ऐसा देखा जाता है कि उसका पांव ‘ब्रेक’ से स्लिप कर जाता है. जिसके चलते बिना किसी भीड़ भाड़ वाली जगह पर भी सड़क हादसे पेश आते देखे गए हैं. इसीलिए जब भी सड़क पर कोई दुपहिया वाहन चालक स्लीपर में मोटर साइकिल, स्कूटी चलाता पकड़ा जाता है, उसका एक हजार रुपए तक का चालान करने का नियम है. चप्पल पहनकर दुपहिया वाहन चलाना सीधे सीधे भारत सरकार के ट्रैफिक रुल और सेफ्टी नियमों का उल्लंघन है.
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Wednesday, August 17, 2022
Mira-Bhayandar: यात्रियों को मना करने पर ऑटो चालकों पर 500 का जुर्माना, 8 महीनों में 4 लाख की वसूली - Patrika News

Maharashra News: ‘वंदे मातरम्’ पर AIMIM विधायक का बड़ा बयान, कहा- हम भारत की नहीं, सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं
बता दें कि इस मामले पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक (यातायात) रमेश भामे ने कहा कि जागरूकता पैदा करने के बाद भी इनकार करने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है, जिसके चलते हमने एक स्पेशल अभियान शुरू किया है। इस अभियान को शुरू करने के लिए डमी यात्रियों को शामिल करने के लिए तैयार किया गया है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें अपने गंतव्य तक ले जाने के लिए ऑटो-रिक्शा पर निर्भर हैं लेकिन चालकों द्वारा जाने से इनकार करने पर दिक्कत होती है।मोटर वाहन नियमों के मुताबिक, एक ऑटो चालक अगर एक यात्री को यात्रा करने से मना कर रहा है तो उसप पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर वो ऑटो चालक दोबारा पकड़ा गया तो उसे दोहरा जुर्माना भरना पड़ सकता है। मोटर वाहन नियमों के मुताबिक, एक ऑटो चालक अगर एक यात्री को यात्रा करने से मना कर रहा है तो उसप पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर वो ऑटो चालक दोबारा पकड़ा गया तो उसे दोहरा जुर्माना भरना पड़ सकता है। रमेश भामे ने आगे कहा कि यात्रियों को मना करने पर यात्री पास में उपलब्ध ट्रैफिक पुलिस से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा राज्य वेब पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है या हमारे हेल्पलाइन नंबर 7710012897 पर कॉल किया जा सकता है। जो ऑटो चालक अगर मना कर रहा है तो उसके ऑटो की तस्वीर लेकर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
बता दें कि दोनों शहर में 10,000 से अधिक ऑटो-रिक्शा हैं, हालांकि, इसमें से सैकड़ों वैध परमिट, वैध सीएनजी सिलेंडर और यहां तक कि फिटनेस प्रमाण पत्र को इंगित करने के लिए अनुपालन प्लेट्स चला रहे हैं। कई लोगों ने अपने अधिकृत जीवन काल 16 वर्ष को पार कर लिया है, लेकिन वे अभी भी काम कर रहे हैं।
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Tuesday, August 16, 2022
Challan: ऐसे नंबर वाली कार, बाइक और स्कूटर के कट रहे चालान, बचना है तो आज ही करें ये काम - Zee News Hindi

Fancy Number Plate Challan: सरकार ने यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए तमाम मोटर वाहन नियम बनाए हैं लेकिन बहुत से लोग इनका उल्लंघन करते हैं, जिसके लिए उनका चालान भी काटा जाता है. कुछ लोग तो अपने मोटर वाहन- कार, बाइक या स्कूटर आदि की नंबर प्लेट ही बदलवा लेते हैं या फिर उसपर स्टाइलिश तरीके से नंबर लिखवा लेते हैं लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करना भारी पड़ सकता है क्योंकि अगर यातायात पुलिस की आपकी फैंसी नंबर प्लेट पर नजर पड़ जाए तो वह आपका चालान काट सकती है.
फैंसी नंबर प्लेट इस्तेमाल करने से क्या होगा?
अगर आप फैंसी नंबर प्लेट वाली कार चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपका चालान किया जा सकता है. केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 51 और 177 के अनुसार, अगर आप फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको जुर्माना देना होगा. फिलहाल, जुर्माने की राशि एक हजार रुपये है. हालांकि, अलग-अलग जगहों पर जुर्माना की राशि भी अलग-अलग हो सकती है. कुछ राज्यों में बार-बार चेतावनियों के बावजूद भी अगर कोई अपनी कार पर फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसका लाइसेंस भी सस्पेंड किया जा सकता है.
उदाहरण के तौर पर बताएं तो 2019 में मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने बार-बार फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने वालों का लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए आरटीओ को प्रस्ताव दिया था. अगर चालान और लिखित चेतावनी के बावजूद भी कार की नंबर प्लेट निर्धारित प्रारूप में नहीं बदली जाती है, तो ट्रैफिक पुलिस आरटीओ से लाइसेंस सस्पेंड करने का अनुरोध कर सकती है.
ऐसे में अगर आपका लाइसेंस सस्पेंड हो जाता है तो आप कार बीमा क्लेम भी नहीं कर पाएंगे. जब तक आपका लाइसेंस सस्पेंड रहेगा, तब तक आप क्लेम नहीं कर पाएंगे. इसीलिए, अगर आप अभी किसी फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो तुरंत इसे बदलवा लें और स्टैंडर्ड नंबर प्लेट लगवा लें वरना आपको चालान तो कटेगा ही, इसके अलावा भी आप परेशानी में पड़ सकते हैं.
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Challan: ऐसे नंबर वाली कार, बाइक और स्कूटर के कट रहे चालान, बचना है तो आज ही करें ये काम - Zee News Hindi
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Sunday, August 14, 2022
अब घर बैठे अपनी गाड़ी कर सकते हैं ट्रांसफर, ये 14 सेवाएं भी होंगी ऑनलाइन - Patrika News

लर्निंग लाइसेंस, लाइसेंस रिन्यूअल, डुप्लीकेट, संशोधन और वाहन रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने के बाद अब परिवहन विभाग 14 ऐसी सेवाएं ऑनलाइन करने जा रहा है, जिसके लिए आवेदकों को नायता मुंडला आरटीओ आना पड़ता है। केंद्र सरकार द्वारा वाहन और सारथी पोर्टल के माध्यम से देशभर के वाहनों की जानकारी और आवेदन की प्रक्रिया एकीकृत करने की शुरुआत कर दी गई है। इसका उद्देश्य आरटीओ में दलालों-एवजी के माध्यम से होने वाला भ्रष्टाचार रोकने के साथ जनता की घर बैठे सुविधा देना है।
ये सेवाएं होंगी ऑनलाइन
-पंजीकरण का डुप्लीकेट प्रमाण-पत्र
-पंजीकरण प्रमाण-पत्र के लिए एनओसी
-मोटर वाहन के स्वामित्व हस्तांतरण की सूचना
-मोटर वाहन के स्वामित्व हस्तांतरण का आवेदन
-इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट
-लाइसेंस से वाहन की श्रेणी को छोड़ना
-मोटर वाहन के अस्थायी पंजीकरण का आवेदन
-पूरी तरह से निर्मित बॉडी के साथ मोटर वाहन के पंजीकरण का आवेदन
-पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता परिवर्तन
मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र से पंजीकरण हेतु आवेदन
-राजनयिक अधिकारी के मोटर वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन
-राजनयिक अधिकारी के मोटर वाहन को नया पंजीकरण चिन्ह सौंपने के लिए आवेदन
-किराया खरीद करार अनुशंसा
-किराया खरीद करार की समाप्ति
लोगों को मिलेगा लाभ
फेसलेस लर्निंग लाइसेंस के साथ ही लाइसेंस से जुड़ी अन्य सेवाएं पहले ही ऑनलाइन कर दी गई हैं। वाहन पोर्टल शुरू होने के बाद रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन हो रहे हैं। 14 सेवाओं को ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। सेवा शुरू होने के बाद 18 सुविधाओं का लाभ लोग घर बैठे लेना शुरू कर देंगे। - सपना जैन, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
आवेदन से लेकर सभी प्रक्रिया घर बैठे होगी
सारथी पोर्टल लाइसेंस और वाहन पोर्टल वाहनों से संबंधित है। दोनों पोर्टल पर एक-एक कर सुविधाएं शुरू होंगी। इसमें सबसे खास वाहन ट्रांसफर है। वर्तमान में इसके लिए क्रेता-विक्रेता दोनों को कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है। इसका ऑनलाइन विकल्प तलाशा जा रहा है। बैंक की तर्ज पर पुरानी फाइल से हस्ताक्षर का मिलान और बायोमैट्रिक के जरिए घर बैठे प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
अब घर बैठे अपनी गाड़ी कर सकते हैं ट्रांसफर, ये 14 सेवाएं भी होंगी ऑनलाइन - Patrika News
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Tuesday, August 9, 2022
असम : सरकार ने विभिन्न मोटर वाहन अपराधों के तहत जब्त - Janta Se Rishta

असम सरकार ने विभिन्न मोटर वाहन अपराधों के तहत जब्त, जब्त और हिरासत में लिए गए वाहनों की नीलामी के लिए नामित अधिकारियों को सशक्त बनाने के लिए 'असम मोटर वाहन नियम 2003 में संशोधन' को मंजूरी दे दी है।
यह निर्णय सोमवार को असम के मुख्यमंत्री – हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया है।
बैठक के अनुसार पदोन्नति मानदंड को भी सुगम बनाया जाएगा। "सहायक बीडीओ (पंचायत) और सहायक बीडीओ (महिला और बच्चे) के फीडर संवर्ग से प्रखंड विकास अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए अर्हक सेवा अवधि में 15 से 13 वर्ष की एकमुश्त छूट। इससे बीडीओ के 34 रिक्त पदों को प्रमोशनल कोटे से भरना सुनिश्चित होगा।
'असम (सेवा) पेंशन नियम 1969' में संशोधन किया जाएगा ताकि पेंशनभोगी की अविवाहित आश्रित बेटी को पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सके और अविवाहित बेटी द्वारा अन्य सभी पात्र भाई-बहनों जैसे नाबालिग बेटे, विकलांग बच्चे, अन्य अविवाहितों के लिए विभाजन सुनिश्चित किया जा सके। आश्रित बच्चा।
पेंशन के आवेदन के लिए एक विस्तृत चेकलिस्ट को भी मंजूरी दी गई है। अविवाहित पुत्री द्वारा सभी पात्र लाभार्थियों को पेंशन नहीं बांटने की शिकायतों के मामले में एक प्रावधान भी जोड़ा गया है, और सरकार इसे पात्र व्यक्तियों के बीच समान रूप से विभाजित कर सकती है।
कैबिनेट ने पूर्वोत्तर राज्य को लॉजिस्टिक्स हब में बदलने के लिए 'असम लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022' को भी मंजूरी दी है। डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स डिवीजन की अध्यक्षता सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) पोर्टल के माध्यम से मूल्यांकन और प्रोत्साहन वितरण का प्रस्ताव दिया जाएगा।
इस बीच, एआईआईडीसी और एआईडीसी द्वारा विकसित औद्योगिक पार्क लॉजिस्टिक्स पार्क, ट्रक टर्मिनल, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र आदि सहित लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए अपनी 15% भूमि निर्धारित करेगा। राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन जहां कहीं भी भूमि के रूपांतरण को प्राथमिकता देगा। रसद सुविधा की स्थापना के लिए आवश्यक है।
सीएमओ में ई-फाइलों के निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी), क्योंकि जनता भवन 2 अक्टूबर, 2022 से कागज रहित प्रशासन को स्थानांतरित कर रहा है।
असम : सरकार ने विभिन्न मोटर वाहन अपराधों के तहत जब्त - Janta Se Rishta
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मोटर दुर्घटना के दावेदार को वाहन चालक के स्वामित्व को साबित करने की आवश्यकता नहीं: पंजाब एंड हरियाणा... - Live Law Hindi
मोटर दुर्घटना के दावेदार को वाहन चालक के स्वामित्व को साबित करने की आवश्यकता नहीं: पंजाब एंड हरियाणा... - Live Law Hindi
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कार-बाइक चालक हो जाएं सावधान! ड्राइविंग के समय साथ रखें ये डॉक्युमेंट नहीं तो कटेगा भारी चालान - Patrika Hindi News

दरअसल, PUC एक तरह का सर्टिफिकेट होता है जो वाहन से होने वाले प्रदूषण के स्तर की जांच के बाद वाहन मालिक को सौंपा जाता है। ये सर्टिफिकेट एक वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए मान्य है। किसी भी नए वाहन को महज एक साल तक के लिए प्रदूषण जांच से छूट दी गई है।
यदि कोई वाहन चालक एक साल से पुराने वाहन को ड्राइव करते हुए पकड़ा जाता है और उसके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो इस दशा में 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है। इस दस्तावेज़ के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हम बताते हैं कि पीयूसी प्रमाणपत्र को आप कैसे प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले आप ये जान लिजिए कि आखिर ये सर्टिफिकेट क्या होता है और ये इतना जरूरी क्यों है-
क्या होता है PUC सर्टिफिकेट:
पेट्रोल या डीजल से चलने वाला वाहन जली हुई गैसों के रूप में धुंआ उत्सर्जित करते हैं, जिसमें CO2, NOx का मिश्रण होता है। ये पर्यावरण को प्रदूषित कर सकते हैं, और ये काफी हानिकारक भी होते हैं। सरकार लगातार इस दिशा में प्रयासरत है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण के स्तर को कम किया जाए, इसके लिए एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के साथ ही सड़कों पर ज्यादा फिट वाहनों के चलाने की कवायद हो रही है।
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ये सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होता है कि इसे जिस वाहन के लिए जारी किया जा रहा है उससे उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है। इसें अधिकृत प्रदूषण परीक्षण केंद्रों द्वारा जारी किया जाता है, जो वाहन से उत्सर्जन के स्तर को दर्शाता है। ये केंद्र वाहन के उत्सर्जन का परीक्षण करने के बाद यह प्रमाण पत्र जारी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि ये उत्सर्जन सरकार द्वारा निर्दिष्ट स्वीकार्य मानदंडों के भीतर हैं। इस सर्टिफिकेट को आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों दशा में प्राप्त कर सकते हैं, तो आइये जानते हैं पूरी प्रक्रिया-
PUC प्रमाणपत्र ऑफलाइन कैसे प्राप्त करें?
1. अपने वाहन को ऐसे उत्सर्जन परीक्षण केंद्र पर ले जाएं जहां पर कंप्यूटर की सुविधा भी हो।
2. इस परीक्षण सेंटर पर टेल पाइप में प्रोब लगाकर वाहन की जांच की जाएगी और उत्सर्जन स्तर की जांच करेगा।
3. शुल्क का भुगतान करें और पीयूसी प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) प्राप्त करें
PUC प्रमाणपत्र ऑनलाइन कैसे प्राप्त करें?
1. आधिकारिक वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर विजिट करें।
2. अब ट्रांसपोर्ट सेक्शन में जाएं और 5 अंकों का वाहन चेसिस नंबर और वाहन पंजीकरण संख्या दर्ज करें।
3. 'पीयूसी विवरण' चुनें।
4. इसका प्रिंट आउट ले लें।
इस तरह से आप आसानी से अपने वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के साथ वाहन दस्तावेज जैसे पंजीकरण प्रमाण पत्र, वाहन बीमा पॉलिसी, पीयूसी प्रमाण पत्र साथ रखना अनिवार्य है। यदि वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस द्वारा पीयूसी प्रमाणपत्र मांगे जाने पर प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो इस दशा में पहली बार अपराध के लिए 1,000 रुपये और बाद के अपराधों के लिए 2,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 190 (2) के तहत पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाता है।
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केंद्र सरकार ने परिवहन से संबंधित कई सेवाओं के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म परिवहन लॉन्च किया है। वेबसाइट के माध्यम से आप पीयूसी प्रमाणपत्र की स्थिति की जांच कर सकते हैं। अधिकृत पीयूसी केंद्रों द्वारा जारी किया गया पीयूसीसी पूरे भारत में मान्य है। शुल्क वाहन के प्रकार के साथ-साथ ईंधन के प्रकार पर निर्भर करता है, जो कि 60 रुपये से लेकर 100 रुपये तक हो सकता है। वाहन के 1 साल के पुराने होने के बाद, हर 6 महीने में वाहन का परीक्षण करना होता है।
अपने साथ रखें ये डॉक्युमेंट्स:
सरकार की परिवहन वेबसाइट और एमपरिवहन मोबाइल ऐप के साथ, आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस के साथ पंजीकरण प्रमाण पत्र, बीमा पॉलिसी जैसे वाहन दस्तावेज अपलोड और सहेज सकते हैं। इसलिए, इन्हें आईटी अधिनियम 2000 के अनुसार वैध माना जाता है। हालांकि, पीयूसी प्रमाणपत्र को संग्रहीत करने का कोई विकल्प नहीं है, जो कि एकमात्र दस्तावेज है जिसे आपको ले जाने की आवश्यकता है। आप परिवहन वेबसाइट से पीयूसीसी की सॉफ्ट कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं और उसे दस्तावेज़ के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
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Saturday, August 6, 2022
2 things you should NOT do after an accident - Retd. Motor Vehicle Inspector explains 2 चीजें जो आपको दुर्घटना के बाद नहीं करनी चाहिए - सेवानिवृत्त। Motor Vehicles Inspector बताते हैं - Hindi.CarToq.com
हमारी सड़कों पर वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इससे दुर्घटना की संभावना भी बढ़ गई है। दुर्घटना किसी के साथ भी हो सकती है। कभी-कभी यह आपकी गलती होती है कभी-कभी यह नहीं होती है। जब आप या आपका वाहन किसी दुर्घटना में शामिल होता है, तो स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिस तरह आपको जो काम करने चाहिए, ठीक उसी तरह कुछ चीजें हैं जो आपको दुर्घटना के बाद नहीं करनी चाहिए। यहां हमारे पास एक वीडियो है जहां केरल के एक सेवानिवृत्त मोटर वाहन निरीक्षक ऐसी दो चीजों के बारे में बात कर रहे हैं जो किसी दुर्घटना के बाद नहीं करनी चाहिए।
वीडियो को TJ’s Vehicle Point ने अपने YouTube चैनल पर अपलोड किया है। इस वीडियो में, Thankachan John, जो एक सेवानिवृत्त मोटर वाहन निरीक्षक हैं, उन चीजों के बारे में बात करते हैं जिन्हें दुर्घटना की स्थिति में करने से बचना चाहिए। उन्हें हाल ही में अपने एक ग्राहक से एक प्रश्न प्राप्त हुआ जिसने उन्हें हाल ही में अनुभव की गई एक घटना के बारे में बताया। वह आदमी एक दुर्घटना के साथ मिला। उन्होंने घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाकर इलाज कराया। दुर्घटना में दूसरे व्यक्ति का पैर टूट गया और वाहन मालिक ने अस्पताल का खर्च भी वहन किया। इसके अलावा, मालिक ने पीड़ित को 6,000 रुपये भी दिए क्योंकि वह अपने टूटे पैर के साथ काम पर नहीं जा सकता।
कुछ दिनों बाद एक वकील ने दुर्घटना के लिए वाहन मालिक के खिलाफ याचिका दायर की है। MVI का उल्लेख है कि दुर्घटना के मामले में, वाहन मालिक की पहली प्राथमिकता घायल या पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाना और यह सुनिश्चित करना है कि उसे बुनियादी इलाज मिले। एक बार जब रोगी को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो यह आवश्यक नहीं है कि चालक घायलों का सारा खर्च वहन करे। अगर वह मानवीय आधार पर पीड़ित को पैसे की पेशकश करता है, तो उसे वापस नहीं मिलेगा। चालक पीड़ित का संपर्क विवरण ले सकता है और अपने रिश्तेदारों को घटना के बारे में सूचित कर सकता है। इसके अलावा, वह भविष्य के संपर्कों के लिए पीड़ित के पास अपना विवरण छोड़ सकता है।
एक और बात जो वह वीडियो में दुर्घटनाओं के बारे में बोलते हैं वह है मामला। कार दुर्घटना में केस दर्ज करने से पहले आपको कई बार सोचना चाहिए। कार दुर्घटना के मामले में मामला दर्ज करने का निर्णय लेने से पहले कई बातों पर विचार करना चाहिए। अगर यह एक छोटा सा हादसा है और इसमें रहने वाले सभी सुरक्षित हैं। फिर जाकर केस दर्ज करना गलत है। दुर्घटना में शामिल दूसरे पक्ष से बात करनी चाहिए और फिर चीजों से समझौता करना चाहिए। एक बार जब पुलिस शामिल हो जाती है, तो प्रक्रिया लंबी होती है और इसके लिए दोनों पक्षों को स्टेशन पर वाहन पेश करने की आवश्यकता होती है। दुर्घटना से संबंधित एक जांच की जाएगी और इसमें सप्ताह लगेंगे। यही कारण है कि सेवानिवृत्त MVI लोगों से कहते हैं कि इस तरह की छोटी दुर्घटनाओं में इस मुद्दे को स्वयं या मध्यस्थ का उपयोग करके हल करें। दुर्घटनाओं के मामले में, जहां लोग घायल होते हैं और वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाता है, उन्हें संबंधित अधिकारियों को शामिल करना चाहिए।
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Traffic Rules: चप्पल पहनकर वाहन चलाया तो हो जाएगा भारी नुकसान, नियमों में हुए ये अहम बदलाव - News Nation
Traffic Rules in India: अगर हमारे देश में ठीक से नियमों को फॅालो कराना शुरू किया जाए तो 80 फीसदी व्यक्ति आपको नियमों का उलंघन करते मिल जाएंगे.

सांकेतिक तस्वीर (Photo Credit: News Nation)
highlights
- वाहन को पकड़कर साइकिल चलाने पर भी लगेगा जुर्माना
- फुटओवर ब्रिज पर पैदल चलने पर भी जुर्माने का प्रावधान
नई दिल्ली :
Traffic Rules in India: अगर हमारे देश में ठीक से नियमों को फॅालो कराना शुरू किया जाए तो 80 फीसदी व्यक्ति आपको नियमों का उलंघन करते मिल जाएंगे. जी हां आज हम आपका कुछ ऐसे नियमों से परिचय कराते हैं जिन्हें आप भी रोज तोड़ते हैं. लेकिन यदि ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी (traffic police)से काम करे तो आपको इन नियमों के तोड़ने की भारी रकम तक चुकानी पड़ सकती है. आपको शायद नहीं पता होगा कि अगर चप्पल पहनकर कोई भी वाहन चलाया तो मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में इसके लिए जुर्माने का प्रावधान है. यही नहीं आप अग सड़क के बीचो-बीच बने डिवाइडर पर पैदल चल रहे हैं तो भी आप पर जुर्माना लग सकता है. इसके अलावा कई बार बाइक का पेट्रोल खत्म होने पर दूसरे वाहन को पकड़क कुछ युवा सड़क पर फर्राटा भरते हैं ये सभी कारण जुर्माने की श्रेणी में आते हैं. आइये जानते हैं कि नियम को तोड़ने पर कितनी करनी होगी जेब ढीली.
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मोटर वाहन अधिनियम के नियम के मुताबिक टू व्हीलर अथवा चार पहिया वाहन को आप जूते पहनकर ही चलाएं. क्योंकि नियमों को बनाते वक्त सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है. यदि आप चप्पल पहनकर वाहन चलाते पाए गए तो आपका 1000 रुपए का चालान कट सकता है. यही नहीं यदि आप दूसरी बार उसी नियम का उलंघन करते हुए पकड़े गए तो जुर्माना बढ़कर दोगुना यानि 2000 हो जाएगा. यही नहीं सड़क किनारे बनी रेलिंग पकड़कर चलने पर भी मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने का प्रावधा है. इसमें पहली बार 100 रुपए व दूसरी बार पकड़े जाने पर 500 रुपए आपको चुकाने होगे. यही नहीं यदि कोई वाहन चालक दूसरे वाहन को पकड़कर टू व्हीलर चलाता पकड़ा गया तो उस पर भी 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
इसके अलावा दो पहिया वाहन चलाते समय आपको ड्रेस कोड का भी खास ध्यान रखना है. यदि आप लोवर या पेंट के ऊपर शर्ट या टीशर्ट नहीं पहनते हैं. अथवा सेंडो बनियान में टू व्हीलर ड्राइव करते हैं तो भी आप पर 1000 रुपए का जुर्माना लग सकता है. यदि यही जुर्म आप दूसरी बार करते हुए पकड़े जाते हैं तो जुर्माना दोगुना चुकाना होगा. बढती दुर्घटनाओं को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस सख्त हो गई है. दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी नियमों की अनदेखी करने पर संबंधित ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की बात आलाधिकारी कर रहे हैं. हालाकि टैफिक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा जैसे शहरों में भी चप्पल पहनने पर आज तक एक भी चालान नहीं हुआ है. पुलिस अब नियमों को लेकर सख्ती की बात जरूर कर रही है.
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First Published : 06 Aug 2022, 10:43:41 AM
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Friday, August 5, 2022
TSPSC ने सहायक मोटर वाहन निरीक्षकों के पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की - JK24x7News
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Monday, August 1, 2022
वाहन की जान कितनी और सामान कितना - NavaBharat

भंडारा. पुराने मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना राशि कम होने के कारण कई वाहन चालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. हालांकि सरकार वाहन चालकों को अनुशासित करने के लिए एक संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लाई है. मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 का कार्यान्वयन 1 दिसंबर 2021 से शुरू हो गया है. अपराध करनेवालों को फिर से अपराध करने से रोकने के लिए नए कानून में भारी जुर्माना लगाया गया है.
नए कानून में दिए वजन से अधिक वजन ले जाते हुए पाए जाने पर सीधे 40,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. प्रत्येक वाहन की वजन सीमा निर्धारित होने के बाद भी ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. कई वाहन मालिक जुर्माना भरने के बावजूद बार-बार ओवरलोड का अपराध करते हुए नजर आ रहे है. हालांकि इस प्रकार की प्रथा को रोकने के लिए एक नया कानून लागू किया गया है. इतना ही नहीं पुलिस विभाग भी एक्शन मोड में है.
अधिक वजन के लिए प्रति टन 4,000 जुर्माना
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 94ए के तहत निर्धारित वजन से अधिक किसी भी टन माल पर 4 हजार रुपये प्रति टन का जुर्माना लगाया जाएगा. चालक और मालिक को दो-दो हजार का जुर्माना भरना होगा.
मालिक पर भी जुर्माना
नए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया गया है. जुर्माना बढाकर 40,000 रुपये कर दिया गया है. मालिक और चालक पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके लिए ओवरलोड परिवहन करने से बचना चाहिए.
किस वाहन में कितना लोड करने की अनुमति
वाहन अधिनियम के अनुसार ट्रक, टिप्पर, चारपहिया, तीनपहिया और दोपहिया वाहनों को वजन के अनुसार ही परिवहन करना चाहिए. लेकिन ट्रक, टिपर, कार्गो ऑटो और ट्रैवल सहित कई निजी वाहन उस नियम की धज्जियां उडा रहे है.
6 महीने में 81 कार्रवाई
जिला परिवहन शाखा ने असुरक्षित, खतरनाक और लोडेड परिवहन के मामले में 6 महीने में कुल 81 कार्रवाई की है. इसमें रेत का एक ओवरलोड ट्रक एवं टिपर को जब्त कर लिया गया है.
पुलिस निरिक्षक शिवाजी कदम ने बताया कि क्षमता से अधिक वाहन चलाते समय दुर्घटना की संभावना बढ जाती है. शहर की यातायात पुलिस द्वारा ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. ओवरलोडिंग के खिलाफ जिला परिवहन शाखा और अन्य थानों के तहत भी कार्रवाई की जाती है.
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