कम प्रीमियम के चलते वाहन मालिक कम इंश्योरेंस डिक्लेरेशन वैल्यू पर ही इंश्योरेंस करा लेते हैं। जिसका पता आपको जरूरत के समय होता है।
मोटर वाहन का इंश्योरेंस रिन्यू कराते समय अक्सर लोग काफी गलती करते हैं। जबकि इस दौरान मोटर वाहन मालिक के पास अपनी पॉलिसी अपग्रेड करने का काफी बेहतरीन मौका होता है। जिसमें अपनी सुरक्षा और वाहन की सुरक्षा होती है। लेकिन फिर भी कम प्रीमियम और कागजी कार्रवाई से बचने के चलते वाहन मालिक बेहतर विकल्प चुनने से चूक जाते हैं। ऐसी ही कई वजह है जिनको हम आपको बताने जा रहे है। जिन पर इंश्योरेंस रिन्यू कराते समय ध्यान रखना चाहिए। जिससे इंश्योरेंस लेते समय आपको नुकसान होने की संभावना कम हो।
इंश्योरेंस डिक्लेरेशन वैल्यू का रखें ख्याल – मोटर वाहन की पॉलिसी रिन्यू कराते समय अपने वाहन की इंश्योरेंस डिक्लेरेशन वैल्यू अलग-अलग कंपनियों से कम्पेयर जरूर करें। आपको बता दें इंश्योरेंस डिक्लेरेशन वैल्यू वाहन के मॉडल और उसकी कंडीशन को देख कर किया जाता है। लेकिन कई बार कम प्रीमियम के चलते वाहन मालिक कम इंश्योरेंस डिक्लेरेशन वैल्यू पर ही इंश्योरेंस करा लेते हैं। जिसका पता आपको जरूरत के समय चलता हैं।
नो क्लेम बोनस का लें फायदा – अगर आपने पिछली पॉलिसी में कोई क्लेम नहीं लिया है। तो आप नो क्लेम बोनस के हकदार हो जाते हैं। ऐसे ही अगर आप 5 साल तक क्लेम दायर नहीं करते हैं तो आपको प्रीमियम (ओडी) में 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी। उदाहरण के लिए समझे अगर आपके वाहन का प्रीमियम 1000 रुपये है। तो इसमें 20 फीसदी टीपी प्रीमियम होगा जो कि, 200 रुपये होता है। जिसका सीधा मतलब है कि, आपका ओडी प्रीमियम 800 रुपये है। जिसमें आपको केवल 400 रुपये का भुगतान करना होगा। लेकिन कई बार जानकारी के आभाव में लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते।
ऐड-ऑन फीचर – मोटर वाहन का इंश्योरेंस लेते समय आप थोड़ी ज्यादा रकम खर्च करके अपने वाहन को पूरी तरह से सुरक्षित कर सकते हैं। जिसमें आपको वाहन के लिए व्यापक कवरेज मिलता है। ऐड-ऑन फीचर में आप इंजन प्रोटेक्शन कवर , जीरो डेप्रिसिएशन कवर, नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन कवर, रिटर्न टू इनवॉइस कवर वैल्यू एड कर सकते हैं और आपके मोटर इंश्योरेंस को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
वॉलियंटरी कटौती – वाहन का इंश्योरेंस रिन्यू कराते समय आप वॉलियंटरी कटौती का भी फायदा उठा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपका वाहन कम से कम 5 साल पुराना होना चाहिए। इस कटौती से आपके वाहन की डिक्लेरेशन वैल्यू के साथ प्रीमियम की राशि भी कम हो जाती है।
इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी – इस सुविधा में आप अपने मोटर वाहन के इंश्योरेंस को किसी दूसरी बीमा कंपनी में स्विच करा सकते हैं। अक्सर इस सुविधा का लाभ तभी लिया जाता है जब कोई दूसरी बीमा कंपनी बेहतर सेवा, बेहतर क्लेम, कम प्रीमियम और बेहतर कवरेज की सुविधा देती है।
वाहन का इंश्योरेंस रिन्यू कराने से पहले जान लें ये 5 पॉइट, नहीं तो बाद में होगा तगड़ा नुकसान - Jansatta
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