विवेक मिश्र, कानपुर : शहर की सड़कों पर 11 हजार व्यावसायिक वाहन मोटर वाहन टैक्स भरे बिना ही फर्राटा भर रहे हैं। इन वाहनों पर पांच करोड़ रुपये टैक्स बाकी है। अधिकांश वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि भी खत्म हो चुकी है। आरटीओ प्रशासन की सख्ती न होने से वाहन मालिक सरकारी राजस्व को चपत लगा रहे हैं। आरटीओ अधिकारियों ने पांच साल के बकायेदार वाहनों की लिस्ट तैयार कर ली है। अब इन वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी कर टैक्स जमा कराने की चेतावनी दी जा रही है। 24 नवंबर के बाद से परिवहन अधिकारियों ने बकायेदार वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
आरटीओ में पंजीकृत हैं 13 लाख 80 हजार वाहन
संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि 15 नवंबर तक 13 लाख 80 हजार 501 छोटे-बड़े वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से 10 लाख 50 हजार बाइक व स्कूटर, 35 हजार मोपेड, दो लाख 55 हजार कार, 58,577 माल वाहक वाहन, 8200 तीन पहियों वाले वाहन, 5400 माल वाहक तिपहिया वाहन, 2900 मोटर कैब हैं। एआरटीओ प्रशासन सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि बकायेदार वाहनों के मालिक को नोटिस भेजकर टैक्स जमा करने की चेतावनी दे रहे हैं। 24 नवंबर के बाद सख्ती की जाएगी।
कोरोना अवधि में सर्वाधिक बकायेदार बढ़े
कोरोना काल में व्यावसायिक गतिविधियां ठप रहने से भारी वाहन मालिकों को अपेक्षानुरूप आय नहीं हो सकी। लिहाजा अधिकांश वाहन मालिकों ने मोटर वाहन टैक्स जमा नहीं कराया। इससे सरकारी टैक्स की राशि बढ़कर पांच करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अब ये बड़ी बकाया राशि वसूलने के लिए अधिकारी जुट गए हैं।
Edited By: Jagran
11 हजार व्यावसायिक वाहनों पर बकाया पांच करोड़ टैक्स - दैनिक जागरण
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