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Saturday, September 18, 2021

मोटर वाहन उद्योग एक चैंपियन उद्योग है - Punjab Kesari

वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन और इसका प्रतिकूल प्रभाव तेजी से संकट का रूप लेता जा रहा है। दुनिया भर की सरकारें मोटर वाहन उद्योग को विनियमित कर रही है और इसे स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। मोटर वाहन उद्योग  इन चुनौतियों को तेजी से स्वीकार कर रहा है और बैटरी चालित इलैक्ट्रिक वाहन तथा डिजिटल व चालक रहित वाहनों को अपनाने की ओर बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की एकसाथ यात्रा-एक और बदलाव है जिसे मोटर वाहन उद्योग से जुड़े ओ.ई.एम. अपना रहे हैं। इसके अलावा, वाहन और पैदल यात्री सुरक्षा भी मोटर वाहन उद्योग की मुख्य प्राथमिकताएं हैं। 

भारतीय मोटर वाहन उद्योग वैश्विक मोटर वाहन उद्योग की मूल्य शृंृखला का हिस्सा होने के कारण इन रुझानों से अलग नहीं रह सकता। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण नियंत्रण, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और कुशल परिवहन, भारत सरकार की प्राथमिकताएं हैं। हमें इन परिवर्तनों को स्वीकार करने और भविष्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। भारत सरकार मोटर वाहन उद्योग को एक प्रमुख (चैंपियन) उद्योग के रूप में देखती है। हम मोटर वाहन उद्योग और मोटर वाहन कल-पुर्जा आपूॢत उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इसे पसंद करते हैं या नहीं-यह अलग बात है, लेकिन इलैक्ट्रिक वाहन, डिजिटल रूप से आपस में जुड़े वाहन तथा औसत के आधार पर प्रति वाहन अधिक इलैक्ट्रॉनिक्स कल-पुर्जों का उपयोग अनिवार्य हैं, जिन्हें मोटर वाहन उद्योग को अपनाना होगा। 

हम मानते हैं कि भारतीय बाजार वर्तमान में इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग में थोड़ा पीछे है। इस कारण हमारी लागत ज्यादा है तथा हमारी क्षमता कम है। यदि हम अभी इस अंतर को दूर नहीं करते हैं, तो हमें अगले दशक के मोटर वाहन उद्योग से जुड़ा निवेश प्राप्त नहीं होगा। साथ ही, हमारी उन्नत मोटर वाहन उद्योग प्रौद्योगिकी की मूल्य शृंखला कमजोर बनी रहेगी और हम मोटर वाहन क्षेत्र के अगले बड़े अवसर से चूक जाएंगे। 

उन्नत मोटर वाहन प्रौद्योगिकी (ए.ए.टी.) में प्रतिस्पर्धा का निर्माण एक दीर्घकालिक संरचनात्मक परिवर्तन होगा। लेकिन उस बदलाव की शुरूआत के लिए उत्प्रेरक की जरूरत होगी। हमारा मानना है कि मोटर वाहन उद्योग से जुड़ी पी.एल.आई. योजना,मोटर वाहन ओ.ई.एम. और आपूर्तिकत्र्ता उद्योग में नई क्षमताओं के निर्माण के लिए उत्प्रेरक सिद्ध होगी। मोटर वाहन उद्योग पी.एल.आई. योजना के लिए पात्रता पी.एल.आई. योजना मौजूदा मोटर वाहन कम्पनियों के साथ-साथ गैर- मोटर वाहन निवेशकों के लिए खुली है।

वैश्विक स्तर पर 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व प्राप्ति और 3,000 करोड़ रुपए की सकल संपत्ति के साथ मौजूदा मोटर वाहन ओ.ई.एम. इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। योजना के दो भाग हैं। पहला भाग चैंपियन ओ.ई.एम. प्रोत्साहन योजना है, जिसमें मौजूदा 4-व्हीलर ओ.ई.एम. के लिए 2,000 करोड़ रुपए की न्यूनतम ए.ए.टी. निवेश प्रतिबद्धता को योजना के तहत 5 वर्षों में हासिल करने की आवश्यकता होगी। मौजूदा 2-व्हीलर और 3-व्हीलर ओ.ई.एम. के लिए यह मानदंड 1,000 करोड़ रुपए की निवेश प्रतिबद्धता पर निर्धारित किया गया है। 

वैश्विक स्तर पर राजस्व में 500 करोड़ रुपए से अधिक की प्राप्ति और 150 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति वाले मौजूदा मोटर वाहन कल-पुर्जा आपूॢतकत्र्ता इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। योजना का दूसरा भाग कल-पुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना है, जिसमें मौजूदा कल-पुर्जा आपूर्तिकत्र्ताओं को 5 साल की अवधि में 250 करोड़ रुपए की न्यूनतम निवेश प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा। गैर-मोटर वाहन निवेशकों को इस योजना के तहत पात्र होने के लिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध निवल सम्पत्ति (नैट वर्थ) दिखानी होगी। इसके अलावा, उन्हें चैंपियन ओ.ई.एम. भाग के तहत 2,000 करोड़ रुपए तथा कल-पुर्जा चैंपियन भाग के तहत 500 करोड़ की न्यूनतम ए.ए.टी. निवेश प्रतिबद्धता को योजना के 5 वर्षों में पूरा करने की आवश्यकता होगी। 

योजना कार्य विवरण
पात्र प्रतिभागियों में से प्रत्येक को मोटर वाहन पी.एल.आई. का हिस्सा बनने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी, साथ ही इस बारे में विस्तृत योजना प्रस्तुत करनी होगी कि वे निवेश की शर्तों को और उत्पादन/राजस्व वृद्धि योजनाओं को कैसे प्राप्त करेंगे। सबसे आकर्षक निवेश और विकास प्रतिबद्धता वाली कंपनियों को मूल्यांकन की पारदर्शी प्रक्रिया के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। योग्य प्रतिभागियों को ए.ए.टी. उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होने पर 8-18 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन मिलेगा।
मोटर वाहन पी.एल.आई., देश और मोटर वाहन उद्योग को बहुत लाभ पहुंचाएगा 

हम उम्मीद करते हैं कि मोटर वाहन पी.एल.आई. के परिणामस्वरूप लगभग 42,500 करोड़ रुपए का नया निवेश होगा, जिससे उत्पादन राजस्व में लगभग 2,31,500 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। योजना की 5 वर्षों की अवधि के दौरान 7.5 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। पी.एल.आई. से ऐसी आधारशिला तैयार करने में मदद मिलेगी, जिसके जरिए भारत को मोटर वाहन मूल्य शृंखला के अंतर्गत एक नए और तेजी से उभरते उपक्षेत्र (सैगमैंट)का लाभ मिलेगा।-अरुण गोयल (सचिव,भारी उद्योग मंत्रालय)

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