वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन और इसका प्रतिकूल प्रभाव तेजी से संकट का रूप लेता जा रहा है। दुनियाभर की सरकारें मोटर वाहन उद्योग को विनियमित कर रही हैं और इसे स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। मोटर वाहन उद्योग इन चुनौतियों को तेजी से स्वीकार कर रहा है और बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहन तथा डिजिटल व चालक रहित वाहनों को अपनाने की ओर बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की एक साथ यात्रा-एक और बदलाव है जिसे मोटर वाहन उद्योग से जुड़े ओईएम अपना रहे हैं। इसके अलावा,वाहन और पैदल यात्री सुरक्षा भी मोटर वाहन उद्योग की मुख्य प्राथमिकताएं हैं।
भारतीय मोटर वाहन उद्योग वैश्विक मोटर वाहन उद्योग की मूल्य श्रृंखला का हिस्सा होने के कारण इन रुझानों से अलग नहीं रह सकता। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण नियंत्रण, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और कुशल परिवहन, भारत सरकार की प्राथमिकताएं हैं। हमें इन परिवर्तनों को स्वीकार करने और भविष्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। भारत सरकार मोटर वाहन उद्योग को एक प्रमुख (चैंपियन) उद्योग के रूप में देखती है। हम मोटर वाहन उद्योग और मोटर वाहन कल-पुर्जा आपूर्ति उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इसे पसंद करते हैं या नहीं, यह अलग बात है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन, डिजिटल रूप से आपस में जुड़े वाहन तथा औसत के आधार पर प्रति वाहन अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स कल-पुर्जों का उपयोग अनिवार्य हैं, जिन्हें मोटर वाहन उद्योग को अपनाना होगा।
उन्नत मोटर वाहन प्रौद्योगिकी (एएटी) में प्रतिस्पर्धा का निर्माण एक दीर्घकालिक संरचनात्मक परिवर्तन होगा। लेकिन उस बदलाव की शुरुआत के लिए उत्प्रेरक की जरूरत होगी। हमारा मानना है कि मोटर वाहन उद्योग से जुड़ी पीएलआई योजना, मोटर वाहन ओईएम और आपूर्तिकर्ता उद्योग में नई क्षमताओं के निर्माण के लिए उत्प्रेरक सिद्ध होगी।
मोटर वाहन उद्योग से जुड़ी पीएलआई योजना का उद्देश्य एएटी में नए निवेश को आकर्षित करना है। एएटी केवल इलेक्ट्रिक वाहनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मोटर वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, हरित तकनीक, सुरक्षा प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं, जिनका अनुप्रयोग बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ आंतरिक दहन इंजन-आधारित वाहनों में भी हो सकता है। निवेश से भारत में एएटी की बिक्री और उत्पादन में वृद्धि होगी। इन क्षेत्रों में मौजूद लागत अंतर को कवर करने के लिए एएटी बिक्री में वृद्धि को आधार मानते हुए, पीएलआई प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
पीएलआई योजना के लिए पात्रता
पीएलआई योजना मौजूदा मोटर वाहन कंपनियों के साथ-साथ गैर-मोटर वाहन निवेशकों के लिए खुली है। वैश्विक स्तर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्ति और 3,000 करोड़ रुपये की सकल संपत्ति के साथ मौजूदा मोटर वाहन ओईएम इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। योजना के दो भाग हैं। पहला भाग चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना है, जिसमें मौजूदा 4. व्हीलर ओईएम के लिए 2,000 करोड़ रुपये की न्यूनतम एएटी निवेश प्रतिबद्धता को योजना के तहत 5 वर्षों में हासिल करने की आवश्यकता होगी। मौजूदा 2. व्हीलर और 3.व्हीलर ओईएम के लिए यह मानदंड 1,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता पर निर्धारित किया गया है।
वैश्विक स्तर पर राजस्व में 500 करोड़ रुपये से अधिक की प्राप्ति और 150 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति वाले मौजूदा मोटर वाहन कल-पुर्जा आपूर्तिकर्ता इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। योजना का दूसरा भाग कल-पुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना है, जिसमें मौजूदा कल-पुर्जा आपूर्तिकर्ताओं को 5 साल की अवधि में 250 करोड़ रुपये की न्यूनतम निवेश प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा। गैर-मोटर वाहन निवेशकों को इस योजना के तहत पात्र होने के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निवल सम्पत्ति (नेट वर्थ) दिखानी होगी। इसके अलावा उन्हें चैंपियन ओईएम भाग के तहत 2,000 करोड़ रुपये तथा कल-पुर्जा चैंपियन भाग के तहत 500 करोड़ की न्यूनतम एएटी निवेश प्रतिबद्धता को योजना के 5 वर्षों में पूरा करने की आवश्यकता होगी। पात्र प्रतिभागियों में से प्रत्येक को मोटर वाहन पीएलआई का हिस्सा बनने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी, साथ ही इस बारे में विस्तृत योजना प्रस्तुत करनी होगी कि वे निवेश की शर्तों को और उत्पादनध्राजस्व वृद्धि योजनाओं को कैसे प्राप्त करेंगे। मोटर वाहन पीएलआई के परिणामस्वरूप लगभग 42,500 करोड़ रुपये का नया निवेश होगा, जिससे उत्पादन राजस्व में लगभग 2,31,500 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। योजना की 5 वर्षों की अवधि के दौरान 7.5 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
-अरुण गोयल
भारत सरकार के सचिव,भारी उद्योग मंत्रालय
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
विश्लेषण
मोटर वाहन उद्योग से जुड़ी पीएलआई योजना का उद्देश्य एएटी में नए निवेश को आकर्षित करना है। एएटी केवल इलेक्ट्रिक वाहनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मोटर वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, हरित तकनीक, सुरक्षा प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं, जिनका अनुप्रयोग बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ आंतरिक दहन इंजन-आधारित वाहनों में भी हो सकता है।
Dainik Navajyoti - Dainik Navajyoti
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