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Wednesday, September 1, 2021

झारखंड: मोटर फिटनेस सर्टिफिकेट लेना हुआ जटिल, फिटनेस टेस्ट के बाद mvi का सिग्नेचर अनिवार्य - newswing

Nikhil Kumar

Ranchi: राज्य सरकार ने मोटर वाहन के फिटनेस टेस्ट के नियमों में फिर बदलाव किया है ओर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की शक्ति फिर बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश एवं महाधिवक्ता के परामर्श के बाद राज्य के ऑथोराइज टेस्टिंग स्टेशन पर प्रभावकारी नियंत्रण एवं वाहनों की गुणवत्तापूर्ण फिटनेस जांच के लिए यह फैसला लिया है. अब राज्य में वाहनों, बसों इत्यादि की फिटनेस जांच दो स्तरों पर होगी.

वाहन स्वामी व बस मालिकों के लिये वाहन की जांच ऑथोराइज टेस्टिंग स्टेशन से कराने के बाद वहां से जारी होने वाला सर्टिफिकेट (दुरूस्ती प्रमाण पत्र) को संबंधित जिले के मोटरयान निरीक्षक से कांउटर साइन कराना आवश्यक होगा. मोटरयान निरीक्षक के प्रतिहस्ताक्षर के बिना दुरूस्ती प्रमाण पत्र अब वैध नहीं माना जायेगा. इस संबंध में परिवहन मंत्री चंपई सोरेन के अनुमोदन पर संयुक्त परिवहन आयुक्त,परिवहन विभाग झारखंड ने आदेश जारी कर दिया है.

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वर्तमान में सिर्फ फिटनेस सेंटर के जरिये ही जांच के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिए जाने के बाद वाहनों के परिचालन की अनुमति मिल जाती थी. अब नयी व्यवस्था में वाहन स्वामियों को दो जगहों का चक्कर लगाना होगा. इसमें विलंब की भी आशंका है. सभी जिलों में समान रूप से नियम लागू

परिवहन यानों के फिटनेस जांच एवं दुरूस्ती प्रमाण पत्र निर्गमण के संबंध में प्राप्त परामर्श के आलोक में झारखंड के सभी जिलों में समान रूप से एक प्रावधान लागू करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि वाहन स्वामी अपनी सुविधानुसार परिवहन यानों के फिटनेस जांच एवं दुरूस्ती प्रमाण के लिए अपने जिले के मोटरयान निरीक्षक अथवा ऑथोराइज टेस्टिंग स्टेशन के पास आवेदन दे सकते हैं तथा उनके द्वारा इस संबंध में स्थापित नियमों के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.

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रांची व जमशेदपुर में हैं सेटर

झारखंड में फिलहाल रांची व जमशेदपुर में फिटनेस सेंटर स्थापित हैं. निजी संस्थानों द्वारा ये सेंटर संचालित हैं,जिसे भारत सरकार ने मान्यता दी है. रांची के नामकुम में एक सेंटर हाल में खुला है. इसके अलावा जमशेदपुर में वाहन फिटनेस सेंटर स्थापित हैं. इनमें ही वाहन संचालक अपने परिवहन वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराते हैं. अब इन सेटरों से जांच के बाद वाहन संचालकों को एमवीआई की भी सहमति लेनी होगी. फिटनेस सेटर से जांच कराने के लिए 1300 रुपये का शुल्क देना होता है. वहीं,एमवीआई के काउंटर साइन के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लगेगा.

प्रक्रिया होगी जटिल: अरूण कुमार साबू

रांची चेंबर ऑफ कामर्स परिवहन उप समिति के चेयरमैन अरूण कुमार साबू ने कहा कि झारखंड मे दों जगह वाहनों के फिटनेस जांच की व्यवस्था कराना सही नहीं है. अगर एक मान्यता प्राप्त संस्थान से फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाता है तो फिर दोबारा वाहनों की जांच के लिए एमवीआई से काउंटर साइन कराना उचित नहीं हैं. इससे प्रक्रिया जटिल ही होगी जबकि इन सेँटरों में जांच के लिए बेहतर टेक्नोलॉजी उपलब्ध हैं.

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