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Wednesday, September 1, 2021

गजब हाल : एक लाख वाहनों पर 295 करोड़ टैक्स बकाया - दैनिक जागरण

अंकुर अग्रवाल, देहरादून। आमजन से छोटे-मोटे टैक्स की वसूली के लिए तमाम हथकंडे अपनाने वाला परिवहन विभाग प्रदेश के बड़े ट्रांसपोर्टरों पर मेहरबान बना हुआ है। प्रदेश में तकरीबन एक लाख व्यावसायिक वाहन मालिक पर 295 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है, लेकिन परिवहन विभाग यहां देखने की भी जहमत नहीं उठा पा रहा। प्रवर्तन और वसूली कार्य में विभाग की यह लापरवाही सरकारी खजाने पर भारी पड़ रही। हैरानी की तो यह है कि परिवहन अधिकारियों को बकाया टैक्स की जानकारी ही नहीं थी। शासन को जानकारी दी गई थी कि महज 20-25 करोड़ का टैक्स बकाया है। परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा की ओर से जब मामले में जांच बैठाई गई और टैक्स से जुड़ी फाइलें टटोली गईं तो सच्चाई सामने आई।

परिवहन विभाग के साफ्टवेयर के जरिये सामने आई सच्चाई में बकाया 295 करोड़ रुपये में 250 करोड़ रुपये विभाग के महज सात कार्यालयों के हैं। बाकी 25 करोड़ की राशि शेष 12 कार्यालयों की है। एक अप्रैल से अब तक कार्यालयों पर बकाया राशि व वसूली की पूरी जानकारी सचिव तक पहुंची तो वह भी हैरान रह गए। प्रदेश में परिवहन विभाग के 19 कार्यालयों में अब तक सिर्फ 662277551 रुपये की वसूली हुई है और इसमें भी मैदानी कार्यालयों की कार्रवाई का फीसद बेहद कम रहा। परिवहन सचिव की ओर से सभी आरटीओ-एआरटीओ का इस प्रकरण में स्पष्टीकरण तलब किया गया है। साथ ही बकायेदारों को नोटिस भेजने समेत प्रवर्तन में तेजी लाने के आदेश दिए गए।

25 फीसद जुर्माने संग 370 करोड़

अगर परिवहन विभाग नियमों के साथ 295 करोड़ रुपये बकाये की वसूली करता है तो उसे करीब 370 करोड़ रुपये राजस्व मिलेगा। दरअसल, मोटर वाहन अधिनियम में टैक्स बकाया होने पर मोटर मालिक पर 25 फीसद जुर्माना लगता है।

टैक्स के दस बड़े बकायेदार

  • कार्यालय, बकाया राशि
  • दून आरटीओ, 66.75 करोड़
  • हल्द्वानी आरटीओ, 49.66 करोड़
  • ऊधमसिंहनगर एआरटीओ, 47.07 करोड़
  • हरिद्वार एआरटीओ, 39.57 करोड़
  • काशीपुर एआरटीओ, 22.49 करोड़
  • ऋषिकेश एआरटीओ, 16.10 करोड़
  • रुड़की एआरटीओ, 9.36 करोड़
  • पिथौरागढ़ एआरटीओ, 7.16 करोड़
  • अल्मोड़ा एआरटीओ, 6.39 करोड़
  • टनकपुर एआरटीओ, 5.22 करोड़

किस पर कितना बकाया

  • वाहन, बकाया राशि
  • भार व बड़े वाहन, 160.70 करोड़
  • आटो, टैक्सी व बस, 132.67 करोड़
  • निजी वाहन, 2.51 करोड़

राजस्व घाटे के प्रमुख कारण

  • मैदानी कार्यालयों में राजस्व वसूली का काम पड़ा है ठप। रात्रि व दुर्गम में नहीं हो रही कोई चेकिंग।
  • प्रवर्तन टीमों के पास वसूली व बकाया का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं।
  • ट्रांसफर एक्ट होने के बावजूद सालों से एक ही जगह बैठे हैं अधिकारी।
  • पदोन्नति के बाद भी अधिकारियों का दूसरे दफ्तर में नहीं हो रहा तबादला।
  • प्रदेश में प्रवर्तन के लिए चार आरटीओ बनाने के बावजूद नहीं हो रही बकाये की वसूली।
  • परिवहन मुख्यालय में बैठे अधिकारी नहीं निकल रहे चेकिंग को बाहर।

डा. रणजीत सिन्हा (सचिव परिवहन) का कहना है कि वाहनों के टैक्स बकाये को लेकर बड़ी अनियमितता सामने आई है। बकाया रकम काफी ज्यादा है, जबकि अधिकारी इसे कम बता रहे थे। सभी कार्यालयों से किस वाहन पर कितना टैक्स बकाया है, इसका रिकार्ड मांगा गया है। वसूली के लिए प्रवर्तन टीमों को दिन-रात सड़क पर उतारा जाएगा और वाहन मालिक को नोटिस भेजे जाएंगे।

यह भी पढ़ें:-टैक्स चोरी कर उत्तराखंड में धड़ल्ले से दौड़ी रही दूसरे प्रदेशों की बस, रोडवेज के पास नहीं रिकार्ड

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