यात्री और माल ढुलान वाहनों को राहत देने के लिए राज्य सरकार एक बार फिर से मोटर व्हीकल टैक्स में रियायत देने की तैयारी कर रही है। कोरोना की पहली लहर की तर्ज पर पहले चरण में तीन माह का टैक्स माफ किया जा सकता है। इस बारे में परिवहन आयुक्त मुख्यालय ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग की राय ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि इस महीने में निर्णय हो जाएगा।
वर्ष 2020 में छह महीने का माफ हुआ था टैक्स: कोरोना की पहली लहर के दौरान सरकार ने छह महीने का मोटर व्हीकल टैक्स माफ कर दिया था। पहले चरण में अप्रैल से जून तक और दूसरे चरण में जुलाई से सितंबर माह तक की अवधि के लिए। छोटे-बड़े कॉमर्शियल यात्री वाहनों को सालाना 48 हजार रुपये तक मोटर व्हीकल टैक्स चुकाना पड़ता है। दून रीजन में जरूर स्टेज कैरिज की बसों का टैक्स कुछ कम है। मालूम हो कि राज्य में 1.20 लाख से ज्यादा छोटे, बड़े यात्री और माल वाहक वाहन हैं।
राय बोले-आने वाले दो साल का टैक्स माफ हो तो मिले राहत: उत्तराखंड परिवहन महासंघ का कहना है कि, दो साल में परिवहन सेक्टर पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। इसे पुनर्जीवन देने के लिए राज्य सरकार को भविष्य की रणनीति बनानी होगी। प्रदेश अध्यक्ष सुधीर राय कहते हैं कि चारधाम यात्रा और पर्यटन ही राज्य के पर्यटन और परिवहन सेक्टर के लिए कमाई का सीजन होता है। यदि सरकार परिवहन सेक्टर को राहत देना चाहती है तो आने वाले दो साल का पूरा टैक्स माफ करना होगा।
परिवहन और पर्यटन सेक्टर की समस्याओं पर सरकार गंभीर है। कोरोना काल की वजह से उत्पन्न हालात में उन्हें राहत देने के लिए रास्ते तलाशे जा रहे हैं। जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा।
सुबोध उनियाल, सरकारी प्रवक्ता
ट्रांसपोर्टर्स को मिल सकती है राहत, मोटर व्हीकल टैक्स में छूट की तैयारी - Hindustan
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